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सम्यग्ज्ञानद्रिका भाषाका 1
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प्रच्छेद राशि हो है । बहुरि या तिगुणी कोए घनांगुल का अर्थच्छेद राशि हो है। मायावच्छेद राशि का प्रसंख्यातवां भाग को गुरौं जगत् श्रेणी का श्रच्छेद राशि हो है । यामैं तीन घंटाए एक राजू के अर्धच्छेदनि के प्रमाण हो है । इहां एक अर्थच्छेद तो बीचि मेरु के मस्तक विषै प्राप्त भया । तीहि सहित लाख योजननि के संख्यात अर्धच्छेद भये एक योजन रहे । श्रर एक योजन के सात लाख usefठ हजार अंगुल होइ, सो इनके संख्याते अर्धच्छेद भये एक अंगुल होय, सो ये सर्व मिलि संख्या अर्धच्छेद भए, तिनिकरि अधिक एक सुच्यंगुल रही थी, ताके अर्धच्छेदनि का जो प्रमाण होइ, सो घटाइए, तब समस्त द्वीप - समुद्रनि की संख्या हो है । सो घटना कैसे होइ ? इहां तिगुणा सूच्यंगुल का अर्धच्छेद प्रमाण गुणकार है, सो इतने घटावने होइ, तहां श्रद्धापल्य के अर्धच्छेदनि का असंख्यातवां भाग प्रमाण में सौं एक घटाइए तो इहां संख्यात अधिक सूच्यंगुल का श्रच्छेद घटावना होइ, तो कितना verse ? से भैराशिक करि किछू अधिक विभाग घटाइए, से साधिक एक का तीसरा भाग कर हीन पल्य के अर्थच्छेद का असंख्यातवां भाग कों पत्य के छेद के वर्ग तिगुणा प्रमाणकरि गुणें समस्त द्वीप- समुद्रनि की संख्या हो है । सो इतने ए द्वीप समुद्र अढाई उद्धार सामर प्रमारण हैं, तिनके पचीस कोडाकोडि पल्य भए, सो इतने पल्य को पूर्वोक्त संख्या होइ, तो एक उद्धार पत्य की केती होइ ? जैसे त्रैराशिक की पूर्वोक्त द्वीप समुद्रनि की संख्या को पचीस कोडाकोडि का भाग दीजिए, तहां जो प्रमाण श्रावै तिनी उद्धार पल्य के रोम खंडनि की संख्या जानना | बहुरि इनि एक-एक रोम खंडन के असंख्यात वर्ष के जेते समय होंहि, तितने खंड कीए जेते होंइ, तिने श्रद्धापल्य के रोम खंड हैं, ताके समय भी इतने ही हैं । जातें एक-एक समय विषे एक-एक रोम खंड का सर्व जेते कालकरि पूर्ण होंइ, सो अद्धा पल्य का काल है।
ते असंख्यात वर्ष के समय कितने हैं ?
सो कहिए है - उद्धार पल्य के सर्व रोम खंडनि का प्रत्येक असंख्यात वर्ष समय प्रमाण खंड कीए एक अद्धा पल्य प्रमारण होइ, तो एक रोम खंडनि के खंडन का केता प्रमाण होइ ? जैसे वैराशिक करि जितना संध राशि का प्रमाण होइ, तितने एक उद्धार पत्य का रोम खंड के खंडति का प्रमाण जानना । बहुरि अद्धा पल्य है, सो द्विरूप वर्गवारा में अपने श्रर्थच्छेद राशि तें ऊपरि श्रसंख्यात वर्गस्थान जाइ उपज है । याकों तिगुणा पल्य का अर्थच्छेद राशि का वर्ग को किंचिदून पत्य का अर्धच्छेदनिका असंख्यातवां भाग करि गुरौं जो प्रमाण भावें, ताक पचीस कोड़ाकोडि