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[ गोमटसार भोकाड गाथा ५६. स्निग्ध, रूक्ष, वर्ण, गंधादि भाव कौं लीए ग्रहण कीए थे: तेई पुद्गल तिस ही स्निग्ध, रूक्ष, वर्ण गंधादि भाव कौं लीए शुद्ध गृहीतरूप ग्रहण कीजिए है ; सो यह सब मिल्या हुवा संपूर्ण नोकर्म द्रव्य परिवर्तन जानना ।
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आगे कर्म पुद्गल परिवर्तन कहिए हैं-किसी जीवने एक समय विर्षे आठ प्रकार कर्मरूप जे पुद्गल ग्रहे, ते एक समय अधिक आवली प्रमाण आबापा काल कों गए पीछे द्वितीयादि समयनि विर्षे निर्जरारूप कीए, पीछे जैसा अनुक्रम आदि तें लगाइ, अंत पर्यंत नोकर्म द्रव्य परिवर्तन विर्षे कहाः तैसा ही अनुक्रम सर्व चारयो परिवर्तन संबंधी इस कर्म द्रव्य परिवर्तन विर्षे जाननाः। ... .
. .. विशेष. इतना तहां नोकर्म संबंधी पुद्गल थे,इहां कर्म संबंधी पुद्गल जानने । अनुक्रम विर्षे किछू विशेष नाहीं । पीछे पहिले समय जैसे पुद्गल ग्रहे थे, तेई पुद्गल तिस ही भाव कौं लीए, चतुर्थ परिवर्तन के अनंतर समय विर्षे ग्रहण होइ; सो यहु सर्व मिल्या हुवा संपूर्ण कर्म परिवर्तन जानना । इस द्रव्य परिवर्तन कौं पुद्गल परिवर्तन भी कहिए है । सो नोकर्म पुद्गल परिवर्तन का अर कर्मपुद्गल परिवर्तन का काल समान है । बहुरि इहां इतनां जानना - पूर्वं जो क्रम कह्या, तहां जैसे पहिले अनंत बार अगृहीत. का ग्रहण कार, तहां वीचि वीचि में गृहीत ग्रहण का मिश्र ग्रहण भी होइ, सो अनुक्रम वि तो पहिली बार पर दूसरी बार आदि जो अगहीत ग्रहण होइ; सोई गिणने में आये है । अर काल परिमाण विर्षे गृहीत, मिश्र ग्रहण का समय सहित सर्व काल गिणने में प्राव है । जिनि समयनि विर्षे गृहीत का ग्रहण है, ते समय गृहीत ग्रहण के काल विषं गिणने में आवे हैं । जिनि समयनि विर्षे मिश्र का ग्रहण हो है, ते समय मिश्र ग्रहण के काल विर्षे गिणने में प्राव है। जिन समयनि विर्षे अगृहीत ग्रहण हो है, ते समय अगृहीत ग्रहण काल विर्षे गिरणने में प्रार्दै हैं; सो यह उदाहरण कया है। अस ही सर्वत्र जानना । क्रम विर्षे तो जैसा अनुक्रम कह्मा होइ, तेसै होइ, तब ही गिणने में प्रावै । अर तिस अनुक्रम के बीच कोई अत्य. रूप प्रवत, सो अनुकम विषं गिणने में नाहीं । पर जिनि समयनि विर्षे अन्यरूप भी प्रवर्ते है, तिनि समयनिरूप जो काल, सो परिवर्तन का काल विर्षे गिणने में पावै ही है । जैसे ही क्षेत्रादि परिवर्तन विर्ष भी जानना ।
जैसे क्षेत्र परिवर्तन विर्षे किसी जीवने जघन्य अवगाहना पाई, परिवर्तन प्रारंभ कोया, पीछे केते एक काल अनुक्रम रहित अवमाहना पाई, पीछे अनुक्रमरूप अवगा
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