Book Title: Samyaggyanchandrika
Author(s): Yashpal Jain
Publisher: Kundkund Kahan Digambar Jain Trust

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Page 849
________________ घिदकसम्या PUCCC निधि संपत १ ६म अपयाप्त रचना REACHING ३।४ia देशसयक्ष रचना ६६ २०७४ | सम्यादृष्टि प्रमत्तरचना १३ ३. ५४३ | ४ मति साक्ष सम्याए प्ररत शुभम बदका. ४ परिहा ३६ उपशम सम्यगद्रा बचमा आदि.शष्य आधि भा६ विना CHAKKAKKल रिडा उपशाम सम्यग्दृष्टि फ्यान रखना कवकसक अरदिशादाबाद विना ३ . म करपुर मति सशक्षा उपनाम सभ्य दृष्टि अपर्याप्त रचना भादि यम आदिम शुभ 846

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