Book Title: Samyaggyanchandrika
Author(s): Yashpal Jain
Publisher: Kundkund Kahan Digambar Jain Trust

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Page 867
________________ गाया गाथा सं० पृष्ठ सं. पाया गाथा सं० पृष्ठ सं० २७५ ६५४ ७२. वित्यी श्रेष खोइंदियावरण खोइंदिवत्ति सोदियेसु वि सो कम्मुराजसं ૩૨૪ ५६३ ६०७ ५०० २६८ ३७७ ५२६ ७१६ ४०० ४५६ ७५२ ५६७ २५२ २२६ १६२ ३९७ ५३२ Mum0 २५५ ३८६ ३१६ ४५३ ५५६ ७१३ ५५० १६४ M १७४ ४६६ ६७३ ६७६ २१५ २८८ SHARE गम फरिणमदि ण म मित्त ए पसख्यमोस रितिरिया गारतिरिय परमति जदो परलद्धिधपज्जेते परलोएत्तिय एवमी प्रणक्खर सब य पदस्था एकरि य दुस पवार विसर्स सवार समुग्धा रावरित रावि इंदिय एहरणं पंचविह पाणुवजोगदाएं पारयतिरिक्त रिपक्खिसु विदिय शिबखेदे एयत्ये गिनिदरधादु गिदापयले बिहार्वरण णि सवभपरि शिवत्तं लुक्खतं सिरिसडाए गिद्धस्स गिदेण सिद्धिदरोली सिद्धिवखरगुणा धू शिविबरगुरणा गिद्धिदरे सम जिम्मूलवंध गियसेसे केवलि गिरमा किरहा मिस्सखीण परया सलु 0. ४५४ ७३३ 4 PM १५१ ७५७ तज्जोमो सामनाएं तत्तो उदार ततो एगार तत्तोकामय तेलो लागुत्ताणं तत्तो लांतव तत्तो संखेज्ज नदेशागुलस्स सविषक्खो अंत तदियकसायु उललीनमथुग तव्यहीए परिमो तदिदियं कप्पा तराजुगारा तसजीवाएं तसरासिपूर्वनि तस्सममबद्ध तस्सरि इगि ससहीणो संसारी ताहि सव्वे सुस तहि सेसदेय लं सुद्धसलाया ताएं समयपबखा तारिसपरिणाम सिगुणा उत्तमुखा तिणकारिभिट्ठ तिमिासपोय तिप्खिसया छत्तीसा तिम्सियसछि तियहं दोण्हं दोण्हं सिक्षिपष पुष्ण ३४३ २४८ ३७४ ५११ ४६१ १५८ ५६५ ५८६ १७६ ३१६ २६७ ६१२ ६६७ ६६८ ४०३ ४०४ ४०४ ३७२ ६१८ २४६ १५७ ༈ བ བ ४०६ ६१६ ५०८ ५६४ २३६ 1000 HEAG २७१ ३१५ م ५८७ له في १६७ ३२१

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