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सम्यग्ज्ञानचन्द्रिका भाषाका ]
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तरेसठ लाख तरेसठ हजार छ से छतीस सरसों अर च्यारि सरसों का ग्यारहवां भाग (१६१७, ११२६३८४, ५१३१६३६, ३६३६३६३, ६३६३६३६, ३६ ३६ ३६३ ६३ ६३ ६३६ । ) इतनी सरसों करि अनवस्था कुंड सिघाऊ भरया ।
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सो भरि करि अन्य एक सरसों को शलाका कुंड में नाखि, तिस अनवस्था कुंड की सर्व सरसोंति को मनुष्य है, सो बुद्धि करि अथवा देव है, सो हस्तादि करि ग्रहण करि जबूद्वीपादिक द्वीप समुद्रनि विषै अनुक्रम तें एक द्वीप विषै एक समुद्र विषे गेरता क्या में परियों जहां द्वीप व या समुद्र विषे पूर्ण होइ, तहां तिस द्वीप वा समुद्र की सूची प्रमाण चौडा और प्रौंडा पूर्वोक्त हजार ही योजन असा दूसरा अनवस्था कुंड तहां ही करना ।
सूची कहा कहिए ?
विवक्षित के सन्मुख अंत के दोऊ तटनि के बीचि जेता चौंडाई का परिणाम होइ, सोई सूची जाननी जैसे लवण समुद्र की सूची पांच लाख जोजन है । जिस द्वीप की वा समुद्र की सूची कहिए, तिस ते पहिले द्वीप वा समुद्र ते वाकी सूची के मध्य माथ गये । सा वहां कीया हुवा अनवस्था कुंड कौं सरसोंनि करि सिघाऊ भरना । भरि करि अन्य एक सरसों उस ही शलाका कुंड विषै गेरणी । पर इस दूसरे अवस्था कुड की सरिसोनि की लेइ, तहां से आगे एक द्वीप विषे, एक समुद्र विषे गेरते जाइए, तेऊ जहां द्वीप वा समुद्र विषे पूर्ण होइ तिस सहित पूर्व के द्वीप समुद्र तिनि का व्यासरूप जो सूची, तींहि प्रमाण चौडा और भौंडा पूर्वोक्त हजार जोजन अँसा तीसरा अनवस्था कुड सिवाऊ सरिसोनि करि भरना । भरि करि श्रन्य एक सरसों उस ही शलाका कुंड में गेरि, इस तीसरे अनवस्था कुंड की सरिसों लेइ, तहां तैं आगे एक द्वीप विषै एक समुद्र विषै गेरणी । वह जहां पूर्ण होइ, तहां तिस को सूची प्रमाण चौथा ग्रनवस्था कुंड करना, ताक सरिसों करि सिघाऊ भरना । भरि करि अन्य एक सरसों शलाका कुंड विषै गेरिए, इनि सरसों को तहां तें भागे एक द्वीप विषै एक समुद्र विषे गेरणी, असे ही व्यास करि बघता-बघता अनवस्था कुंड कर एक-एक सरसों शलाका कुंड विधै गेरते जहां शलाका कुंड भरि जाइ, तब एक सरस प्रतिशलाका कुंड विषे गेरिए । से एक नवे आदि अंक प्रमारा जितनी सरि पहिला अनवस्था कुंड विषै माई थी, तितने प्रमाण अनवस्था कुंड भए शलाका कुंड एक बार सिघाऊ भरचा गया । बहुरि इस शलाका कुंड को रीता