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16/पाण्डुलिपि - विज्ञान
1
4. ई. पू. 600
56
5.
6.
?
?
7.
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8. ?
9. ई. पू. 500
10.
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11. ई. पू. 237
14. 600 ईसवी
2
नन्हेवेह (असीरिया)
15. 800 €.
12. ई. पू. 411 से पर्गेमम पूर्व । (दूसरी शती ई. पू. के आरम्भिक चरण के लगभग)
13. 500 ईसवी
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उर
निप्पर ( Nippur)
किसी
तेल्लो
एथेन्स (यूनान) अलेक्जेण्ड्रया
3
4
5
10,000 ईंटें असुरबेनी पाल इंट (clay
tablets)
इदफिर (प्राचीन इदफुल ( Idful) होरेस के मंदिर में
सेंट कैथराइन की मोनस्ट्री सिनाई पर्वत पर
सैंट गेले (स्विटजर
लैंड में)
(?)
एथोस पर्वत पर ( यूनान में )
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ईंट
पेपीरस
पिजिस्ट्रेटस 500,000 (1) अलेक्जेंडर पेपीरस खरीते (2) टालमी प्रथम (Scrolls)
पेपीरस
200,000 सिंकदर के बाद के पेपीरस एवं खरीतों से भी उत्तराधिकारी कहीं अधिक
पार्चमेन्ट
(चर्मपत्र )
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कोडेक्स पार्चमेन्ट
1.
मार्क एण्टनी ने 41 ई० पू० में पर्गेमम पुस्तकालय के 200,000 खरीते (Scrolls) ग्रंथ 'किलोपेट्रा' को दे दिये थे कि उन्हें अलेक्जेंड्रियन पुस्तकालय में रखवा दिया जाय ।
2. पर्गे मम के पुस्तकालय का बहुत संवर्द्धन हुआ । इससे सिकंदरिया के लोगों को यह आशंका हो गयी कि कहीं सिरिया के पुस्तकालय का महत्व कम न हो जाय । अतः उन्होंने पर्गेमम को पेपीरस देना बंद कर दिया। तब पर्गेमम में चमड़े के चर्म-पत्र का आविष्कार किया गया, जिसे 'पर्गेमेण्टम' कहा गया,
ही पार्श्वमेण्ट हो गया । पार्श्वमेण्ट के खरीते नहीं बन सकते थे, अत: उनके पृष्ठ बने या पन्ने बने । इन पन्नों की सिलाई की गयी। यह सिले हुए पन्नों का रूप कोडेक्स ( Codex) कहलाया । यही आधुनिक जिल्दबंद पुस्तक का जनक है।