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जीवाभिगमन पुष्करद्वीपं प्रत्यायान्ति ? गौतम ! एवंविधाः सन्त्येकके प्रत्यायान्ति, एके पुनः नो प्रत्यायान्ति स्वकर्म वैचित्र्यात् । एवं पुष्करद्वीपे उद्राय-२ केचन कालोदन्नायान्ति आयान्त्यपि । सम्प्रति-नामावर्थतां प्रस्तौति-'से केणटेणं भंते । एवं वुच्चइ कालोए समुद्दे-२, गोयमा ! कालोयस्स णं समुदस्स उदगे-आसलेमासले-पेसले कालए भासरासि वण्णाभे पगइए उदगरसेणं पन्नत्ते' तत्तथा केन कितनेक जीवात्मा कालोद समुद्र में भी उत्पन्न हो जाते हैं और कितनेक वहां से अन्यत्र भी उत्पन्न हो जाते हैं ऐसा यहाँ तक का कथन यहां पर कर लेन चाहिये। तात्पर्य इसका यही है कि जव गौतम ने प्रभु से ऐसा पूछा कि हे 'भदन्त ! कालोदसमुद्र में से मरा हुआ जीव क्या पुष्करदीप में उत्पन्न हो जाता है ? या उसमें उत्पन्न नहीं होता है ? तो इसके उत्तर में प्रभु ने ऐसा कहा है कि हे गौतम ! ऐसे कितनेक जीव वहाँ पर हैं जो अपने कर्म की विचित्रता को लेकर वहीं पर भी उत्पन्न हो जाते हैं और कितनेक अन्यत्र भी उत्पन्न हो जाते हैं इसी तरह का कथन पुष्करदीप के जीवों के सम्बन्ध में कर लेना चाहिये 'से केणढे णं भंते ! एवं वुच्चइ कालोए समुद्दे २' हे भदन्त ! कालोदसमुद्र का ऐसा यह नाम किस कारण से हुआ है ? इसके उत्तर में प्रभु कहते हैं-'गोयमा ! कालोयस्सणं समुदस्स उदके आसले मासले पेसले कालए भासरासि वण्णाभे पगईए उद्गरसे णं पण्णत्ते' हे गौतम ! कालोद समुद्र का जल अस्वादनीय है गुरु होने से पुष्टिकर है आस्वाद में मनोज्ञ होने से पेशल है कृष्ण है और છે પુષ્કરવર દ્વીપમા મરીને કેટલાક કાલેદ સમુદ્રમાં પણ ઉત્પન્ન થઈ જાય છે. અને કેટલાક ત્યાં ઉત્પન્ન ન થતાં કેઈ બીજે ઉત્પન્ન થઈ જાય છે. એ પ્રમાણેનું આ કથન પર્યન્તનું કથન અહીયાં કરી લેવું જોઈએ. આ કથનનું તાત્પર્ય એ છે કે કાલેદ સમુદ્રમાં મરેલા આ છે શું પુષ્કરવર દ્વીપમાં ઉત્પન્ન થાય છે? અથવા તેમાં ઉત્પન્ન થતા નથી ? તે આ પ્રશ્નના ઉત્તરમાં પ્રભુશ્રીએ એવું કહ્યું કે હે ગૌતમ! ત્યાં એવા કેટલાક જ છે, જેઓ પિતાના કર્મોની વિચિત્રતાના કારણે ત્યાં પણ ઉત્પન્ન થઈ જાય છે. અને કેટલાક જ બીજે જ ઉત્પન્ન થઈ જાય છે. આજ પ્રમાણેનું કથન પુષ્કર દ્વીપના
मधमा ५ ४श से. 'से केणठेणं भंते । एवं बुच्चइ कालोए समुद्दे कालोए समुद्दे है भगवन् सो समुद्र नाम ale समुद्र से प्रभानु श रथी येत छ ? २. प्रश्न उत्तरमा प्रभुश्री ४ छ ?-गोयमा! कालोयस्स णं समुदस्स उदके आसले मासले पेसले कालए भासरासि घण्णाभे पगईए उद्गरसेण पुण्णत्ते' 3 गौतम सा समुद्र से स्वाहा छ. शु३ वाथी पुष्टि४२