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प्रमेयद्यातिका टीका प्र.५ सू.१३३ वादरादीनामल्पवहुत्वनिरूपणम् १२४३ धिकाः । 'एवं अपज्जत्तगा वि-पज्जत्तगा वि एवं पूर्वोक्त प्रकारेण पर्याप्तकाsपर्याप्तकानामुभयेपामपि अल्प वहुत्वं ज्ञातव्यम्, 'नवरं सव्वत्थोवा वायरनेउकाइया पज्जत्ता' वैलक्षण्यश्च पर्याप्तवादर तेजस्कायिकाः सर्वस्तोकाः 'वायरतसकाइया पज्जलगा असंखेज्जगुणा' पर्याप्त बादरतेजस्कायिकेभ्यः पर्याप्तवादर
सकायिका असंख्येयगुणाः पत्तेय सरीर वायर वन' तेभ्यः प्रत्येकशरीरवादरवनस्पतिकायिका असंख्येयगुणाः 'सेसं तहेव जाव सुहुम पज्जत्ता विसेसाहिया' शेष तयैव यावत्सूक्ष्मपर्याप्ता विशेषाऽधिका इति । वनस्पतिकातिक जीवों की अपेक्षा सामान्य सूक्ष्म जीव विशेषाधिक हैं। 'एवं अपज्जत्तगाण वि पज्जत्तगाण वि' इसी तरह से पर्याप्त और अपर्याप्त इन दोनों प्रकार के सूक्ष्म वादर जीवों का अल्पवहुत्व आदि जानना चाहिये 'नवरं सव्वत्थोवा बायर तेउकाइया पजत्ता' परन्तु यहां अन्तर इतना ही है कि बादर तेजस्कायिक पर्याप्त जीव सबसे कम है। 'बायर तसकाइया पज्जत्तगा असंखेजगुणा' पर्याप्त चादर तेजस्कायिकों की अपेक्षा पर्याप्त वादर सकायिक असंख्यातगुणें अधिक हैं । 'पत्तेयसरीरवायर बन०' पर्याप्त वाद त्रसकायिकों की अपेक्षा पर्याप्त बादर प्रत्येक शरीर वनस्पतिकायिक जीव असंख्यातगुणें अधिक हैं । 'सेसं तहेव जाच सुहुम पज्जत्ता विसेसाहिया' वाकी का कथन पूर्वोक्त जैसा ही है यावत् सूक्ष्म पर्याप्त विशेषाधिक हैं। अर्थात् पर्याप्त बादर प्रत्येक शरीर वनस्पतिकायिक जीवों की अपेक्षा बादर निमोद पर्याप्तक, इनकी अपेक्षा बादर पर्याप्तक पृथिवीकायिक, विसेसरिया' सूक्ष्म वनस्पति यिवाना ४२di सामान्य सूक्ष्म विशेषा. घि छ. 'एवं अपज्जत्तगाण वि पज्जत्तगाण वि' मेरी प्रमाणे पर्याप्त मन અપર્યાપ્ત આ બન્ને પ્રકારના સૂમ બાદર જીવેનું અલ્પ બહત્વ વિગેરે समझ ले 'नवर सव्वत्थोवा वायर तेउकाइया पज्जत्ता' ५२ गडी यां અંતર એટલું જ છે કે–બાદર તેજસ્કાયિક પર્યાપ્ત જીવ સૌથી ઓછા છે. 'घायर तसकाइया पज्जत्तगा असंखेन्जगुणो' पर्याप्त माह ते४ायिौन ४२ता पर्याप्त १२ समयि असण्यातमा धारे छ. 'पत्तेयसरीरबायरवणस्सइ. फाइया असंखेजगुणा' पात मा६२ यिन। ४२di पर्याप्त प्रत्ये शरीर मारवन:पतिशय ७१ मया थारे छे. 'सेस तहेव जाच सहमपज्जत्ता लिसेसाहिचा' मानु न पडतां ॥ प्रभारी छे. यावत् સૂમ પર્યાપ્તક વિશેષાધિક છે. અર્થાત્ પર્યાપ્ત બાદર પ્રત્યેક શરીર વનસ્પતિ કાયિક જેના કરતાં બાર નિગેટ પણ, તેના કરતાં બાદર પર્યાપક પ્રવી