Book Title: Jivajivabhigamsutra Part 03
Author(s): Ghasilal Maharaj
Publisher: A B Shwetambar Sthanakwasi Jain Shastroddhar Samiti

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Page 1575
________________ प्रमेयधोतिका टीकाप्र.१० सू.६५५ जीवानां दशविधत्वनिरूपणम् १५५१ समयोनानि-उत्कर्षेण त्रयस्त्रिंशत्सागरोपमाणि समयोनानि । 'पढमसमयतिरिक्खजोणिए णं भंते !०' प्रथमसमयतिर्यग्योनिकः खलु भदन्त !० भगवानाह'गोयमा!' गौतम ! 'एक्कं समयं' एकं समय-समयमात्रमेव स्थितिः 'अपढमसमयतिरिक्ख०?' अप्रथमसमयतिर्यग्योनिकः खलु भदन्त ! ? भगवानाहगौतम ! 'जहन्नेणं खुड्डागं भवग्गहणं समऊणं-उक्कोसेणं वणस्सइकालो' जघन्येन क्षुल्लकं भवग्रहणं समयोनम्-उत्कर्षेण वनस्पतिकालः । 'पढमसमयमणसेणं भंते ! प्रथमसमयमनुष्यः खलु भदन्त !० भगवानाह-गौतम ! 'एक समयं' एक समयम् ! और उत्कृष्ट से एक समय कम ३३ सागरोपम का है 'पढमसमय तिरिक्ख जोणियाणं भंते ! २० जो प्रथम समयवर्ती तिर्यग्योनिक जीव हैं उनकी कायस्थिति का काल कितना है ? इसके उत्तर में प्रभु कहते हैं 'गोयमा ! एक्कं समयं' हे गौतम ! इनकी कायस्थिति का का काल एक समय का है 'अपढमसमय तिरिक्खजोणिया णं भते!' हे भदन्त ! जो तिर्यग्योनिक जीव अप्रथम समयवता हैं उनकी कायस्थिति का काल कितना है ? उत्तर में प्रश्न कहते हैं-'जहण्णेणं खुड्डागं भवग्गहण समऊण उक्कोसेणं वणस्लइकालो' हे गौतम ! इनकी कायस्थिति का काल जघन्य से एक समय कम क्षुल्लक भवग्रहण रूप है और उत्कृष्ट से वह वनस्पति काल प्रमाण अनन्तकाल रूप है । 'पढम समय मणूसेणं भंते !' हे भदन्त ! प्रथम समयवर्ती मनुष्य की काय स्थिति का काल कितना है ? उत्तर में प्रभु कहते हैं-हे गौतम ! इनकी सागरोवमाई, समऊणाई 'धन्यथा मे समय ४भ इस 31२ पाना छ. अने. Seeी से सभयभ 33 तीस सासरीपभ न छे. 'पढमसमयतिरिक्ख. जोणियाण भते !' प्रथभसमयपति रतिययानि , तभनी स्थिति टस उस छ ? या प्रश्नना उत्तरमा अनुश्री ४९ छ -'गोयमा ! एक्कं समय गौतम ! तेभनी यस्थिति मे समय न छे. 'अपढमसमयतिरिक्खूजोणियाणं' है भगवन् २ तिय योनि मप्रथमसभयती छ, તેઓની કાયસ્થિતિને કાળ કેટલે કહેલ છે ? આ પ્રશ્નના ઉત્તરમાં પ્રભુશ્રી ४ छ -'जहण्णेणं खुड्डागं भवग्गहणं समऊणं उकोसेणं वणस्सइकालो' हे ગૌતમ ! તેમની કાયસ્થિતિનકાળ જઘન્યથી એકસમય કમ ફુલક ભવગ્રહણ ३५ छ, भने टथी ते वनस्पतिः प्रभाएर मनत३५ छे. 'पढमसम. यमसेणं भंते !' समवन् ! प्रथम समययती मनुष्यनी स्थितिमा કેટલે કહેલ છે? આ પ્રશ્નના ઉત્તરમાં પ્રભુછી કહે છે કે-હે ગૌતમ! તેમની

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