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प्रमेयोतिका टीका प्र.३ उ. ३. सू. ११४ चन्द्रविमानवाहकदेव संख्यादिनि० ९
अथतृतीयवाहमाह- 'चंद विमाणस्स णं पञ्चस्थिमेणं-सेवा-सुभगाणं सुप्प भाणं चंकमियललियपुलियचलचवलककुद सालीणं - सण्णयपासाणं - संगयपासाणंसुजायपासाणं नियमाइयपीणरइयपासाणं - झसविहगसुजात कुच्छीणं-पसत्यणिद्धमधुगुलितभिसंत पिंगलक्खाणं-विसालपीवरोरुप डिपुण्ण विउलखंधाणं वट्टप डिपुण्णविपुलकवोलकलियाणं घणणिचिययुबद्धलक्खणुण्णयईसि आणयवसभोद्वाणं' चन्द्र विमानस्य खल पश्चिमेन श्वेतानां सुभगानां सुप्रभाणां चङ्क्रमितं- कुटिलं- ललितं विलासवत् पुलितं- परिपुष्ट चलनपलं दोलायमानं ककुद् तेन शालते - शोभते यस्तथाविधानाम् चक्रमितललितपुलित बलचपलककुत् शालिनाम् सन्नतपार्श्वानाम्-संगतपार्श्वानाम् सुजातापार्श्वानाम् मितया मात्रया संयुक्तपीनर चितपार्श्वानाम् झप - विहगवत् सुजातकुक्षीणाम् प्रशस्त स्निग्धमधुगुलितभासमान पिंगलाक्षा करते हुए ये गजरूपधारी चार हजार देव दक्षिणदिशा की चन्द्र की सवारी को चन्द्र के विमान को उठाते हैं 'चंदविमाणस्स णं पच्चत्थिमेणं सेयाणं सुभगाणं सुप्पभाणं चंकमियललियपुलितचलचवलककुदसालीणं सण्णयपासाणं संगयपासाणं, सुजायपासाणं, मित्रमाइयपीणरइतपा साणं झसविहगसुजात कुच्छीणं' चन्द्र के विमान को जो पश्चिमदिशा में देव उठाते हैं वे उसे बैल के रूप में बनकर उठाते हैं इनका वर्णन इस प्रकार से है वे वैलरूपधारी देव श्वेत होते हैं सुभग होते हैं इनकी अच्छी प्रभा होती है इनकी जो ककुद है वह कुछ कुछ कुटिल है ' ललित विलास युक्त है पुलित परिपुष्ट है एवं चल चपल - इधर उधर झूलती सी है उससे ये बडे ही सुहावने प्रतीत होते हैं इनके जो दोनों पार्श्व भाग हैं वे सन्नत हैं अच्छी तरह से प्रमाण में नीचे की ओर झुके हुए हैं सुजात हैं श्रेष्ठ हैं जितना शरीर के रूप में उनका રૂપને ધારણુ કરવાવળા ચાર હજાર દેવા દક્ષિણ દિશાની ચંદ્રની 'સ્વારીને यद्रना विभानने उठावे छे. 'चंदविमाणरस णं पच्चत्थिमेणं सेयाणं सुभगाणं सुप्पभाणं चकमियललियपुलितचलचवलककुदसालीणं सण्णयपासाणं संगयपासाणं सुजायपासा मियमाइयपीणरइथपासाणं इस विहगसुजात कुच्छीण' चंद्रना વિમાનને જે પશ્ચિમ દિશામાં દેવ ઉઠાવે છે, તેઓ ખળદના રૂપ ધારણ કરીને તેને ઉઠાવે છે. એનું વર્ણન આ પ્રમાણે છે. એ બળદના રૂપ ધારણ કરવાવાળા દેવા સકૃત હેાય છે. સુલગ હૈાય છે. તેની પ્રભા ઘણી જ સુંદર ડાય છે. તેની જે ખાંધા છે તે કઇક નમેલી છે. લલિત વિલાસવાળી छे. युक्षित याने परिपुष्ट छे. तथा यस व्यपस - आमतेभ जुलती है. नाथ मेधा
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