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भीवामिगमसूत्र णाम् विशालैः पीवरैरूरूभिः जङ्घाभिः परिपूर्णानां विपुलस्कन्धानाम् वृत्त-वर्तुल परिपूर्णविपुल (आयत) कपोलैः कलितानाम् घनवत् (घनो नाम लौहकुट्टने-आधारभूतः सर्व स लोहः) निचितसुवद्धलक्षणोन्नतत्वेन ईपदानत वृपभौष्टानाम् 'चंकप्रमाण होना चाहिये उतने प्रमाण वाले हैं मित मात्रा में ही ये पीवर पुष्ट हैं अतएव ऐसा ज्ञात होता है कि ये बडे ही सुन्दर ढंग से बने हुए हैं पक्षी एवं मछली की कुक्षि जैसी पतली होती है ऐसी ही पतली इनकी सुन्दर कुक्षि है 'पसत्थणिद्धमधुगुलितमिसंतपिंगलक्खाण' इन की आंखे प्रशस्त हैं स्निग्ध हैं और मधु की गोली के समान चमकती हुई पीली हैं 'विसालपीवरोरुपडिपुण्णविपुलखंधाणं' इवकी जो जांघ है वे विशाल एवं पीवर हैं-पुष्ट मांसल है और इनके जो स्कन्ध है वे भी वृत्तता-वर्तुलता से परिपूर्ण है और विपुल विस्तृत है 'वपडिपुण्णविपुलकवोलकलितोणं' इनका जो कपोल मंडल है वह भी गोल है विपुल है 'धणणिचितसुबद्धलक्खणुण्णतईसिआणयवसभोहाणं' इन के जो ओष्ठ हैं वे घन के समान है लोह के कूटने में जो आधारभूत एक और लोहे की निहारनी होती है कि जिस पर लोहा कूटा पीटा जाता है-उनका नाम घन है यह बहुत ही मजबूत इनके दोनों ओष्ठ हैं निचित हैं मांस से भरे हुए हैं सुबद्ध हैं जडवों से अच्छी तरह से संवद्धित हैं और लक्षणोपेत एवं प्रमाण में उन्नत है और साथ में છે. શ્રેષ્ઠ છે, જેટલું શરીર રૂપે તેનું પ્રમાણ હોવું જોઈએ એટલા પ્રમાણ વાળા છે. થેડી માત્રામાંજ એ જાડા અને પુષ્ટ છે. તેથી તે એવા જણાય છે કે–એ ઘણુજ સુંદર ઢંગથી બનેલ છે. પક્ષી અને માછલીની કૃક્ષિ–પેટ २वी पातणी डाय छ मेवी पातजी तमानी मुक्षि छे. 'पसत्य णिद्धमधुगुलितमिसंतपिंगलक्खाणं तमनी मांगो प्रशस्त छ.निय छे. अने मधनी गाणीवी यमीत पीजी छे. 'विसालपीवरोरुपडिपुण्णविपुलखंधाणं' तमानी २ जाय। છે તે વિશાલ અને પીવર છે. પુષ્ટ છે. માંસલ છે. અને તેમની જે ખાંધે છે, તે पण गाRथी परिपूछे तभ०४ विधुत मन विस्तृत छ. 'वद्धपडिपुण्णविपुलकवोलकलिताणं तमानुपा म छे ते ५ गोल भने वियुट छ. 'धणणिचितसुवद्धलक्खणुण्णतईसिआणयवसभोवाणं' माना छ. ते परेका छ લખંડને કૂટવામાં જે આધારભૂત એક બીજી જે લોખંડની એરણ હોય છે કે જેના પર લેહુ ટીપવામાં આવે છે. તેનું નામ એરણ છે. તે ઘણી જ મજબૂત
હોય છે. એવા જ મજબૂત તેમના બને એઠ હોય છે. નિશ્ચિત છે. માંસથી ભરેલા -- છે. સુબદ્ધ છે. જડબાએથી સારી રીતે સંબંધિત છે. તથા લક્ષણોપેત અને