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fter भगसूत्रे तान्येव यावदावलिकाप्रविष्टानाम् आवलिकावाह्यानां च भावात्, परत आवलिकाप्रविष्टान्येन, तथाचाह - 'अणुत्तरोववाइय विमाणा दुविहा पन्नत्ता' अनुचरोपपातिक देवानामावलिकाप्रविष्टविमानानि - एवमेव, बाह्यानि च द्विप्रकारकाणि'तं जहा - वट्टे य - तंसा य' तद्यथा - वृत्तं च त्र्यस्राणि च ( न तु चतुरस्राणि ) सौधर्मत आरभ्य ग्रैवेयकं यावत् आवलिकाप्रविष्टानि आवलिकावाद्यानि च (एतेष्वेवोभयोः सद्भावात्) ततः परमावलिकाप्रविष्टान्येव भवन्ति । अनुत्तरविमानानि किं संस्थितानि प्रज्ञप्तानि ? गौतम ! वृतं च व्यस्राणि च द्विविधानि, तत्र मध्यमवर्तिसर्वार्थसिद्धं वृत्तम् शेपाणि विजयादीनि चत्वार्यपि व्यस्राणि । उक्तं च- 'गं वह तंसा चउरो य अणुत्तरविमाणा' एकं सर्वार्थसिद्धं ब्रह्मलोक, लान्तक, आनत, प्राणत, आरणअच्युत, इन सब कल्पों में भी विमान दो दो प्रकार के हैं और इन सब के सम्बन्ध का वर्णन जैसा यह पूर्वोक्त रूप से इनके सम्बन्ध में किया गया है वैसा ही है परन्तु 'अणुत्तरोववाइया विमाणा दुबिहा पण्णत्सा' अनुत्तरोपपातिक देवों के जो विमान है वे दो प्रकार के कहे गये हैं 'तंजहा' वे इस प्रकार है- 'अंगप्पा य आवलिया पविट्ठा य' एक जंग प्रविष्ट और दूसरा आवलिका प्रविष्ट इसमें सौधर्म से लेकर ग्रैवेयक पर्यन्तक में आवलिका प्रविष्ट एवं आव लिका बाह्य विमान है उनके पीछे आवलिका प्रविष्ट विमान होते हैं 'तत्थणं जे ते आवलिया पविट्ठा तं दुविहा १०' आवलिका प्रविष्ट विमान होते है ये विमान दो प्रकार के हैं 'हे यतं सा य' एक वृत्त और दूसरे यस इनमें जो सर्वार्थ विमान है वह तो वृत्त है और वाकी के चार यत्र हैं । उक्तंच'एगं वह तंसा चउरो य अणुत्तरविमाणा ।'
પ્રાણત. આરણુ, અચ્યુત, આ બધા પેામાં પણુ વિમાન અબ્બે પ્રકારના હાય છે, અને આ ખધાનુ વર્ણન જેમ પહેલા તેના સંધમાં કરવામાં આવેલ છે, मेन असा छे. परंतु 'अणुत्तरोववाइयविमाणा दुविहा पण्णत्ता' अनुत्तरीयभांति देवाना मे विभाने छे ते मे प्रारना वामां आवे छे. 'तं जहा ' तेथे प्रमाणे छे. 'अंगप्पविद्वाय आवलियापविद्वाय' मग प्रविष्ट भने भावसिड प्रविष्ट 'तत्थ णं जे से आवलिया पविट्ठा ते दुबिहा पण्णत्ता' तेमां ? व्यावसिा अविष्ट विभान छे. ते विभान में अहारता छे, 'वट्टेय तंसाय' વૃત્ત અને બીજા ત્ર્યસ્ર તેમાં જે સર્વો સિદ્ધ વિમાન છે તેતા વૃત્ત-ગાળ છે. थाने माहीना थार त्र्यख छेउ विमाणा' हवे आयाम विष्ठले भने
छे
- ' एगं वट्टे तंसा चउरोय अणुत्तर परिभानु स्थन ४२वामां आवे छे.