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प्रमेयद्योतिका टीका प्र.५ स. १३३ वादरादीना
विरूपणम् १२३५ प्रश्नः ? भगवानाह - गौतम ! 'सव्वत्थोवा वायरा पज्जत्ता' सर्वस्तोका वादराः पर्याप्ताः । ' वायरा अपज्जत्तगा असंखेज्जगुणा' अपर्याप्तवादरा असंख्येयगुणाः इह वादक पर्याप्तनिश्रया असंख्येयाऽपर्याप्तवादरा उत्पद्यन्ते । 'पज्जत्तगनिस्साए अपज्जत्तगा वकमंति जत्थ एगो तत्थ नियमा असंखेज्जा' इति वचनात् पर्याप्तकनिःश्रया अपर्याप्ता उत्पद्यन्ते व्युत्क्रामन्ति । यत्रैकस्तत्र नियमादसंख्येयाः ततः सर्वत्र पर्याप्तेभ्योऽपर्याप्ता असंख्येयगुणाः वक्तव्याः,
अपेक्षा बराबर हैं ? और कौन किनकी अपेक्षा विशेषाधिक हैं ? इस प्रश्न के उत्तर में प्रभु कहते हैं-, सव्वत्थोवा बायरा पत्ता ' हे गौतम सब से कम बादर पर्यातक हैं क्योंकि ये परिमित क्षेत्रवर्ती होते हैं इनकी अपेक्षा - 'बायरा अपज्जन्त्तगा असंखेज्जगुणा' बादर अपर्याप्तक असंख्यातगुणें अधिक हैं। क्योंकि एक एक बादर पर्याप्त की निश्रा से असंख्यात बादर अपर्याप्तकों का उत्पाद होता है ' एवं सव्वे जहा वायरतसकाइया ४' इनकी अपेक्षा सूक्ष्म अपर्याप्त असंख्यातगुणें अधिक हैं क्योंकि समस्त लोक में व्याप्त रहते हैं - इसलिये इनका क्षेत्र असंख्यातगुणा अधिक होने के कारण इन्हें पूर्व जीवों की अपेक्षा असंख्यातगुणा अधिक कहा गया है 'पज्जन्तनिस्साए अपज्जन्तगा ahir जत्थ एगो तत्थ णियमा असंखेज्जा' ऐसा आगम का कथन है । इनकी अपेक्षा सूक्ष्म पर्याप्तक संख्यातगुणें अधिक हैं क्योंकि ये चिरकालावस्थायी होने के कारण संख्यातगुणी अवस्था में ही ये सदा मौजूद रहते हैं । यहां सर्व संख्या से सात सूत्र है - जो इस प्रकार
४- 'सव्वत्थोवा बायरा पज्जत्ता' हे गौतम! सौथी गोछा माहर पर्यास। छे. भते। परिमित क्षेत्रमां रहेवावाणा होय छे. तेना उरतां 'बायरा अप जत्तगा असंखेज्जगुणा' गाहर अपर्यास असण्यातला वधारे छे, भडेએક એક ખાદર પર્યાપ્તની નિશ્રોથી અસ`ખ્યાત આદર थाय छे. 'एवं सव्वे जहा बायर तसकाइया' तेना અસ ખ્યાતગણા વધારે છે. કેમકે એ સઘળા લેાકમાં ક્ષેત્ર અસંખ્યાત ગણુ વધારે હાવાના કારણે એને પહેલાના જીવાના કરતાં असण्यातगया पधारे हेवामां आवे छे. 'पज्जत्तनिस्साए अपनत्तगा
વ્યાપ્ત રહે છે. તેથી તેમનુ'
मति जत्थ एगो तत्थ नियमा असंखेज्जा' मा प्रमाणे भागभनु स्थन छे. તેના કરતાં સૂક્ષ્મ પર્યાપ્તક સંખ્યાતગણા વધારે છે. કેમકે તેએ ચિરકાળ રહેનારા હેાવાના કારણે સખ્યાતગણી અવસ્થામાંજ તેએ સદા મેાજૂદ રહે છે,
અપર્યાપ્તકાના ઉત્પાદ रतां सूक्ष्म अर्या