Book Title: Nayadhammakahao
Author(s): Jinshasan Aradhana Trust
Publisher: Jinshasan Aradhana Trust
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Page #1 -------------------------------------------------------------------------- ________________ नायाधम्मकट्टाओ (छट्टो अंगो) • प्रकाशक •० श्री जिनशासन आराधना ट्रस्ट Page #2 -------------------------------------------------------------------------- ________________ नमो नमः श्रीगुरुप्रेमसूरये । पञ्चमगणधर श्री सुधर्मास्वामी विनिर्मित नायाधम्मकहाओ (छट्टो अंगो प्रकाशक श्री जिनशासन आराधना ट्रस्ट दुकान नं. ५, बद्रिकेश्वर सोसायटी, ८१, नेताजीसुभाष रोड, मरीन ड्राइव 'इ' रोड, मुंबई- ४०० ००२. विक्रम सं. २०५८ ६ ब, अशोका कोम्पलेक्ष, रेल्वे गरनाला पासे, पाटण पीन-३८४ २६५. मूल्य रु.६०/ "नायाधम्मकहाओ" नामना आ छठ्ठा मूळ अंगना प्रकाशननो संपूर्ण लाभ गिरिशभाइ पेथाणीए स्वहस्तक थयेल ज्ञाननिधीनी उपजमांथी लीधेल छे. तेओनो अंतःकरण पूर्वक आभार मानीए छीए. लि. श्री जिनशासन आराधना ट्रस्ट Page #3 -------------------------------------------------------------------------- ________________ प्रकाशकीय जयवंता जिनशासनमा श्वेतांबर संप्रदाय श्री सुधर्मास्वामीनी श्रुतपरंपरा ४५ आगमोने माने छे. एमां ११ अंग पैकी छट्ठ अंग छे 'नाया धम्मकहाओ' (ज्ञाताधर्मकथा) जेनुं आ अवसरे पुनः मुद्रण थइ रह्यु छे । परमवीर प्रभु महावीरना श्रीमुखेथी त्रिपदी ग्रहण करी मात्र अंतर्मूहूर्तमां ज १४ पूर्वनी रचना करनार परमपवित्र श्री सुधर्मास्वामीजीनी शब्दना माध्यमे आपणने अहीं प्रतिति थाय छे. आ परमागम ग्रंथमां बे श्रुतस्कंध छे. प्रथम श्रुतस्कंधमां १९. अध्ययनोमां धर्मकथाना माध्यमे उपदेशनी सरवाणी वहे छे. बीजा श्रुतस्कंधमां पण धर्मकथाओ छे. अहीं आखो ग्रंथ मूळ छे. इ.स. १९४० मां पूनानी फर्ग्युसन कोलेजना अध्यापक श्री एन.वी. वैद्य द्वारा तेनुं संपादन 'थयुं छे. आ पुनः प्रकाशन संमये पूर्व संपादकने कृतज्ञताभावे याद करीए छीए । श्री जिनशासन श्रुतधारक एवा गीतार्थ आचार्य भगवंतो द्वारा ज वहन कराय छे... "अन्नाणसंमोहतमोहरस्स, नमो नमो नाणदिवायरस्स" आदि पदो द्वारा ज्ञाननो अपूर्व महिमा गवायो छे. आ श्रुतपरंपराने अविच्छिन्न रीते आगळ वधारवी ए आपणा सौर्नु कर्तव्य छे. श्री जिनशासन आराधना ट्रस्ट द्वारा छेल्ला २४ वर्षथी श्रुतसेवा द्वारा जिनशासननी अपूर्व भक्ति थइ रही छे. आज सुधीमा २५० जेटला प्राचीन श्रुतग्रंथोना पुनःमुद्रणादि कार्यो थया छे. हजी पण आ श्रुतसेवा अपूर्ववेगे चाली रही छे. श्रुताधिष्ठायिका श्री सरस्वती देवी अमने आ कार्यमां पूर्णकृपा वरसावे एज अभ्यर्थना सह लि..... श्री जिनशासन आराधना ट्रस्ट वती श्री चंद्रकुमार बाबुभाई जरीवाला ललितकुमार रतनचंद कोठारी श्री पुंडरिकभाई अंबालाल शाह Page #4 -------------------------------------------------------------------------- ________________ श्रुतसमुद्धारक १. भाणबाइ नानजी गडा, मुंबइ. (प.पू. गच्छाधिपति आचार्यदेव श्रीमद् विजय भुवनभानुसूरीश्वरजी म.सा. ना उपदेशथी) २. शेठ आणंदजी कल्याणजी, अमदावाद. ३. श्री शांतिनगर श्वेतांबर मूर्तिपूजक जैन संघ, अमदावाद. (प.पू. तपसम्राट आचार्यदेव श्रीमदविजय हिमांशुसूरि म.सा.नी प्रेरणाथी) ४. श्री श्रीपाळनगर जैन उपाश्रय ट्रस्ट, वालकेश्वर, मुंबइ, (प.पू. गच्छाधि पति आचार्यदेव श्रीमद् विजय रामचंद्रसूरि म.सा. नी दिव्यकृपा तथा पू. आचार्यदेव श्रीमद्विजय मित्रानंद सू. म.सा. नी प्रेरणाथी) श्री लावण्य सोसायटी श्वेतांबर मूर्तिपूजक जैन संघ, अमदावाद. (प.पू. पंन्यासजी श्री कुलचंद्रविजयजी गणिवर्यनी प्रेरणाथी) ६. नयनबाळा बाबुभाइ सी.जरीवाळा हा.चंद्रकुमार, मनीष, कल्पनेश (प.पू. मुनिराज श्री कल्याणबोधि विजयजी म.सा. नी प्रेरणाथी) ७. केशरबेन रतनचंद कोठारी हा. ललितभाइ (प.पू. गच्छाधिपति आचार्य देव श्रीमद् विजय जयघोषसूरीश्वरजी महाराजनी प्रेरणाथी) ८. श्री श्वेतांबर मूर्तिपूजक तपगच्छीय जैन पौषधशाळा ट्रस्ट, दादर, मुंबइ. ९. श्री मुलुंड श्वेतांबर मूर्तिपूजक जैन संघ, मुलुंड, मुंबइ. (आचार्यदेव श्री हेमचंद्रसूरि म.सा. नी प्रेरणाथी) १०. श्री शांताक्रुझ श्वे. मूर्ति. तपागच्छ संघ, शांताक्रुझ, मुंबइ. (आचार्य देव श्री हेमचंद्रसूरि म.सा. नी प्रेरणाथी) ११. श्री देवकरण मूळजीभाइ जैन देरासर पेढी, मलाड (वेस्ट), मुंबइ. (प.पू. ___मुनिराज श्री संयमबोधि वि. म.सा. नी प्रेरणाथी). १२. संघवी अंबालाल रतनचंद जैन धार्मिक ट्रस्ट, खंभात. (पू.सा. श्री वसं तप्रभाश्रीजी म. तथा पू.सा. श्री स्वयंप्रभाश्रीजी म. तथा पू.सा.श्री दिव्ययशाश्रीजी म. नी प्रेरणाथी मूळीबेननी आराधनानी अनुमोदनाथै) Page #5 -------------------------------------------------------------------------- ________________ १३. बाबु अमीचंद पनालाल आदीश्वर जैन टेम्पल चेरीटेबल ट्रस्ट, वालकेश्वर, ___ मुंबई-४०० ००६. (पू. मुनिराज श्री अक्षयबोधि विजयजी म.सा. तथा पू. मुनिराज श्री महाबोधिविजयजी म.सा. तथा पू. मुनिराजश्री हिरण्य बोधिविजयजी म.सा.नी प्रेरणाथी) १४. श्री श्रेयस्कर अंधेरी गुजराती जैन संघ, मुंबइ. (पू. मुनि श्री हेमदर्शन वि. म. तथा पू. मुनिश्री रम्यघोष वि. म. नी प्रेरणाथी) १५. श्री जैन श्वेतांबर मूर्तिपूजक संघ, मंगळपारेखनो खांचो, शाहपुर, अमदा वाद. (प.पू. आचार्यदेव श्री रुचकचंद्रसूरि म. नी प्रेरणाथी) १६. श्री पार्श्वनाथ श्वेतांबर मूर्तिपूजक जैन संघ, संघाणी स्टेट, घाटकोपर (वेस्ट), मुंबइ. (पू. कल्याणबोधिवि म. नी प्रेरणाथी) १७. श्री नवजीवन सोसायटी जैन संघ, बोम्बे सेन्ट्रल, मुंबइ. (पू. मुनिराज श्री अक्षयबोधि वि. म. नी प्रेरणाथी) १८. श्री घाटकोपर जैन श्वेतांबर मूर्तिपूजक संघ, घाटकोपर (वेस्ट), मुंबई (वैराग्यदेशनादक्ष पू.आ. श्री हेमचंद्रसूरि म.सा. नी प्रेरणाथी) १९. श्री कल्याणजी सोभागचंद जैन पेढी पिंडवाडा (राज.) (सिद्धांतमहोदधि स्व. आचार्य श्री विजय प्रेमसूरीश्वरजी म. ना संयमजीवननी अनुमोद नार्थे.) २०. श्री आंबावाडी श्वेताम्बर मूर्तिपूजक जैन संघ, अमदावाद (पू. मुनि श्री कल्याणबोधि वि. म. नी प्रेरणाथी) २१. श्री जैन श्वेताम्बर मूर्तिपूजक संघ, वासणा, अमदावाद. (पू. आचार्य श्री नररत्नसूरि म. ना संयमजीवननी अनुमोदनार्थे पूज्य तपस्वी रत्न आचार्य श्री हिमांशुसूरीश्वरजी म.सा.नी प्रेरणाथी) २२. श्री प्रेमवर्धक आराधक समिति, धरणिधर, देरासर, पालडी, अमदावाद. (पू. गणिवर्य श्री अक्षयबोधिविजयजी म. नी प्रेरणाथी) २३. श्री महावीर जैन श्वे. मूर्तिपूजक संघ, पालडी, अमदावाद, शेठ केशव लाल मूळचंद जैन उपाश्रय. (प.पू. आचार्य श्री राजेन्द्रसूरि महाराजनी प्रेरणाथी) 88888888885338888888888 Page #6 -------------------------------------------------------------------------- ________________ २४. श्री माटुंगा जैन श्वेता. मूर्तिपूजक तपगच्छ संघ एन्ड चेरिटीझ, माटुंगा, मुंबइ. २५. श्री जीवीत महावीरस्वामी जैन संघ, नांदिया. (राजस्थान) (पू. गणिवर्य श्री अक्षयबोधिविजयजी म.सा. तथा मुनिश्री महाबोधिविजयजी म.सा. नी प्ररणाथी) २६. श्री विशा ओशवाळ तपगच्छ जैन संघ, खंभात. (वैराग्यदशनादक्ष प.पू. आचार्य देव श्री हेमचंद्रसूरि म.सा. नी प्रेरणाथी) २७. श्री विमल नाथ जैन देरासर आराधक संघ, बाणगंगा, वालकेश्वर, मुंबइ ४०० ००६. २८. श्री पालिताणा चातुर्मास आराधना समिति. (परम पूज्य वैराग्य देशनादक्ष आचार्य देव श्रीमद् विजय हेमचंद्रसूरीश्वरजी महाराज साहेबना संवत २०५३ना पालिताणा मध्ये चातुर्मास प्रसंगे थयेल ज्ञानद्रव्यनी ऊपजमांथी) २९. श्री सीमंधर जिन आराधक ट्रस्ट, एमरल्ड एपार्टमेन्ट, अंधेरी (इ.). ___ मुंबइ. (प्रेरक मुनिश्री नेत्रानंदविजयजी) ३०. श्री धर्मनाथ पोपटलाल हेमचंद जैन श्वेतांबर मूर्तिपूजक संघ, जैन नगर, अमदावाद. ३१. श्री कृष्णनगर जैन श्वेताम्बर मूर्तिपूजक संघ, सैजपुर, अमदावाद. (प.पू. आचार्य विजय हेमचंद्रसूरीश्वरजी म.सा. ना कृष्णनगर मध्ये संवत २०५२ना चातुर्मास निमित्ते प.पू. मुनिराज श्री कल्याणबोधिविजय म.सा. नी प्रेर णाथी) ३२. श्री बाबुभाइ सी. जरीवाळा ट्रस्ट, निझामपुरा, वडोदरा-३९० ००२. (प्रेरक - मुनि श्री कल्याणबोधि विजयजी म.) ३३. श्री गोडी पार्श्वनाथजी टेम्पल ट्रस्ट, पुना. (पू. गच्छाधिपति आचार्यदेव श्रीमद् विजय जयघोषसूरीश्वरजी म.सा. तथा पू. मुनिराज श्री महाबोधिविजयजी म.सा. नी प्रेरणाथी) 883888333838 Page #7 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ३४. श्री शंखेश्वर पार्श्वनाथ जैन श्वेताम्बर मंदिर ट्रस्ट, भवानी पेठ, मुनिराज श्री अनंतबोधि विजयजी म. सा. नी प्रेरणाथी) ३५. श्री रांदेर रोड जैन संघ, सुरत. पुना. (पू. ( पू.पं. श्री अक्षयबोधि विजयजी म. सा. नी प्रेरणाथी) ३६. श्री श्वेताम्बर मूर्तिपूजक तपागच्छ दादर जैन पौषधशाळा ट्रस्ट, आराधना भुवन, दादर, मुंबइ. (मुनि श्री अपराजित वि. म. नी प्रेरणाथी) ३७. श्री जवाहर नगर जैन श्वे, मूर्ति. संघ, गोरेगाम, मुंबई. ( पू. आ. श्री राजेन्द्रसूरि म.सा. नी प्रेरणाथी) ३८. श्री कन्याशाळा जैन उपाश्रय, खंभात. (पू. प्रवर्तिनी. श्री रंजन श्रीजी म.सा., पू. प्रवर्तिनी श्री इंद्रश्रीजी म.सा. ना संयमजीवननी अनुमोदनार्थे प.पू. सा. श्री विनयप्रभाश्रीजी म. सा. तथा प. पू. सा. श्री वसंतप्रभाश्रीजी म. सा. तथा प. पू. साध्वीजी श्री स्वयंप्रभाश्रीजी म. सा. नी प्रेरणाथी) ३९. श्री माटुंगा जैन श्वेतांबर मूर्तिपूजक तपागच्छ संघ एन्ड चेरीटीझ, माटुंगा, मुंबई. (पंन्यास प्रवर श्री जयसुंदरविजयजी गणिवर्यनी प्रेरणाथी) ४०. श्री शंखेश्वर पार्श्वनाथ श्वेतांबर मूर्तिपूजक जैन संघ, ६० फुट रोड, घाटकोपर (इ.) (पू.पं. श्री वरबोधिविजयजी गणिवर्यनी प्रेरणाथी) ४१. श्री आदिनाथ श्वेताम्बर मूर्तिपूजक जैन संघ, नवसारी. ( प.पू. आ. श्री गुणरत्नसूरि म.ना शिष्य पू. पंन्यासजी श्री पुण्यरत्नविजयजी गणिवर्यनी तथा पू. पं. यशोरत्नविजयजी गणिवर्यनी . ४२. श्री कोइम्बतुर जैन श्वेतांबर मूर्तिपूजक संघ, कोइम्बतुर. ४३. श्री पंकज सोसायटी जैन संघ ट्रस्ट, पालडी, अमदावाद. (प. पू. आ. श्री भुवनभानुसूरि म.सा. नी गुरुमूर्ति प्रतिष्ठा प्रसंगे थयेल आचार्य-पंन्यासगणि पदारोहण दिक्षा वगेरे निमित्ते थयेल ज्ञाननिधिमांथी) ४४. श्री महावीरस्वामी जैन श्वेतांबर मूर्तिपूजक देरासर, पावापुरी, खेतवाडी, मुंबई. (प्रेरक मुनिश्री राजपालविजयजी तथा पं. श्री अक्षयबोधि वि. म.) Page #8 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ४५. श्री हीरसूरीश्वरजी जगदगुरु श्वेतांबर मूर्तिपूजक जैन संघ ट्रस्ट, मलाड (पूर्व), मुंबइ. ४६. श्री पार्श्वनाथ श्वे. मूर्ति पूर्ण जैन संघ, संघाणी एस्टेट, घाटकोपर (वेस्ट), ___मुंबइ. (प्रेरक गणि श्री कल्याणबोधिविजयजी म.) ४७. श्री मरीन ड्राइव जैन आराधक ट्रस्ट (मुंबई). ४८. श्री सहस्रफणा पार्श्वनाथ जैन देरासर उपाश्रय ट्रस्ट, बाबुलनाथ मुंबइ. (गणिवर्य अपराजित विजयजीना शिष्य मुनि श्री सत्त्वभूषण विजयजीनी प्रेरणाथी) ४९. श्री गोवलिया टंक जैन संघ मुंबइ (पू. आचार्यदेवथी हेमचंद्रसूरि म.ना शिष्य गणिवर्य श्री कल्याणबोधि विजयजी म. नी प्रेरणाथी) ५०. श्री धर्मनाथ पोपटलाल हेमचंद जैन श्वे. मू. पू. संघ जैन नगर अमदावाद (पू. मुनि श्री सत्यसुंदर वि. नी प्रेरणाथी) ५१. रतनबेन वेलजी गाला परिवार, मुलुंड मुंबइ (मुनि श्री रत्नबोधि वि. नी प्रेरणाथी) ५२. श्री विमल नाथ जैन देरासर आराधक संघ बाणगंगा, वालकेश्वर, मुंबइ ६. (प्रेरक - पू.आ. हेमचंद्रसूरि म.) ५३. श्री वाडीलाल साराभाइ देरासर ट्रस्ट, प्रार्थना समाज, मुंबई (मुनि श्री राजपालविजयजी तथा पंन्यासजी श्री अक्षयबोधिविजयजी गणि) ५४. श्री प्रीन्सेस स्ट्रीट, लुहार चाल जैन संघ (प्रेरक-गणिवर कल्याणबोधि वि. म.) HEARTHRILLER Page #9 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ONE-5010.8 श्रुताद्धारक। १. श्री लक्ष्मीवर्धक जैन संघ, पालडी, अमदावाद. (प.पू. मुनिराज निपुण चंद्रविजय म.सा. नी प्रेरणाथी) श्री नडीयाद श्वेतांबर मूर्तिपूजक जैन संघ, नडीयाद (प.पू. मुनि श्री वरबोधि विजयजी म.सा. नी प्रेरणाथी) ३. श्री सायन श्वेतांबर मूर्तिपूजक जैन संघ, सायन, मुंबइ. ४. श्री पार्श्वनाथ श्वेतांबर मूर्तिपूजक जैन संघ, संघाणी, एस्टेट, घाटकोपर (वेस्ट), मुंबइ. anKNOON.TVairg-10088 BAAR | श्रुतभक्त १. श्री बाबुभाइ सी. जरीवाला ट्रस्ट, निझामपुरा, वडोदरा. २. श्री बापुनगर श्वेतांबर मूर्तिपूजक जैन संघ, अमदावाद. (पू. गणिवर्य श्री अक्षयबोधिविजयजी म.सा. तथा मुनिराज श्री महाबोधि विजयजी म.सा. नी प्रेरणाथी) ३. श्री सुमतिनाथ श्वेतांबर मूर्तिपूजक जैन संघ, मेमनगर, अमदावाद (पू. मुनिराज श्री धर्मरक्षित वि. म. तथा पू. मुनिराज श्री हेमदर्शन वि. म. नी प्रेरणाथी) ४. स्व. श्री सुंदरलाल दलपतभाइ झवेरी. हा. जासुदबेन, पुनमचंदभाइ, जसवंतभाइ वगेरे.. ५. श्री मुनिसुव्रत स्वामि जैन श्वेतांबर मूर्तिपूजक मंदिर ट्रस्ट, कोल्हापुर. ६. श्री अरविंदकुमार केशवलाल झवेरी जैन रिलिजीयस ट्रस्ट, खंभात. 33 Page #10 -------------------------------------------------------------------------- ________________ श्री जिनशासन आराधना ट्रस्ट-मुंबई द्वारा प्रकाशित थयेला ग्रंथोनी सूचि १. जीवविचार प्रकरण सटीक दंडक प्रकरण ३१. व्यवहार शुद्धि प्रकाश २. न्यायसंग्रह सटीक ३२. अनेकान्त व्यवस्था प्रकरण ३. धर्मसंग्रह सटीक भीग-१ ३३. प्रकरण संदोह ४. धर्मसंग्रह सटीक भाग-२ '३४. उत्पादादिसिद्धि प्रकरण स्टीक ५. धर्मसंग्रह सटीक भाग-३ ३५. अभिधान व्युत्पत्ति प्रक्रिया कोश भाग-१ ६. जीवसमास टीकानुवाद. ३६: अभिधान व्युत्पत्ति प्रक्रिया कोश भाग-२ ७. जंबुद्वीप संग्रहणी सटीक ३७. प्रश्नोत्तर रत्नाकर (सेनप्रश्न) ८. स्याद्वादमंजरी सानुवाद ३८. संबोधसप्तति सटीक ९. संक्षेप समारादित्य केवळी चरित्र ३९. पंचवस्तु सटीक १०. बृहत्क्षेत्रसमास सटीक ४०. श्री जंबुस्वामी चरित्र ११. बृहत् संग्रहणी सटीक ४१. श्री सम्यकत्व सप्तति सटीक १२. बृहत् संग्रहणी सटीक ४२. गुरु गुण षटत्रिंशत्षटत्रिंशिका सटीक १३. चेइयवंदण महाभास ४३. स्तोत्र रत्नाकर १४. नयोपदेश सटीक ४४. उपदेश रत्नाकर १५. पुष्पमाळा (मूळ अने अनुवाद) ४५. उपदेश रत्नाकर १६. महावीर चरियं ४६. श्री विमलनाथ चरित्र १७. मल्लिनाथ चरित्र ४७. सुबोधा सामाचारि १८. वासुपूज्य चरित्र ४८. शांतिनाथ चरित्र ग्रंथ १९. शांतसुधारस सटीक ४९. नवपद प्रकरण सटीक भाग-१ २०. श्राद्धगुण विवरण ५०. नवपद प्करण सटीक भाग-२ २१. तत्वज्ञान तरंगिणी ५२. श्राद्ध प्रकरण वृत्ति २२. त्रिषष्टिशलाकापुरुष चरित्र पर्व ३/४ ५४. विजयप्रशस्ति भाष्य (विजयसेनसूरि २३. त्रिषष्टिशलाकापुरुष चरित्र पर्व ५/६ २४. अष्टसहस्री तात्पर्य विवरण ५५. कुमारपाळ महाकाव्य सटीक (प्राकृतद्व२५. युक्तिप्रबोध याश्रय) २६. विशेषणवतीवंदनप्रतिक्रमण अवचूरी ५६. धर्मरत्न प्रकरण सटीक भाग-१ २७. प्रव्रज्या विधान कुलक सटीक ५७. धर्मरत्न प्रकरण सटीक भाग-२ २८. चैत्यवंदन भाष्य (संघाचार भाष्य सटीक) ५८. उपदेश पद भाग-१ २९. वर्धमानदेशना पद्य (भाग-१ छाया साथे) ५९. उपदेश पद भाग-२ ३०. वर्धमानदेशना पद्य (भाग-२ छाया साथे) ६०. श्राद्धदिनकृत्य भाग-१ चरित्र) Page #11 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ६१. श्राद्धदिनकृत्य भाग-२ ६२. पार्श्वनाथ चरित्र ६३. विचार रत्नाकर ६४. उपदेश सप्ततिका ६५. देवेन्द्र नरकेन्द्र प्रकरण ६६. पुष्प प्रकरण माळा ६७. गुर्वावली ६८. पुष्प प्रकरण माला ६९. नेमिनाथ महाकाव्य ७०. पांडव चरित्र भाग-१ ७१. पांडव चरित्र भाग-२ ७२. पार्श्वनाथ चरित्र गद्य ७३. हीर प्रश्नोत्तराणि ७४. धर्मविधि प्रकरण ७५. सुपार्श्वनाथ चरित्र भाग-१ ७६. देवधर्म परीक्षादि ग्रंथो ७७. सुपार्श्वनाथ चरित्र भाग २-३ ७८. प्रकरणत्रयी ७९. समताशतक (सानुवाद) ८०. उपदेशमाळा-पुष्पमाळा ८१. पृथ्वीचंद्र चरित्र ८२. उपदेशमाळा ८३. पाइयलच्छी नाममाला ८४. दोढसो सावसो गाथाना स्तवनो ८५. द्विवर्ण रत्नमाला ८६. शालिभद्र चरित्र ८७. अनंतनाथ चरित्र पूजाष्टक ८८. कर्मग्रंथ अवचूरी ८९. उपमिति भव प्रपंच कथा भाग-१ ९०. धर्मबिन्दु सटीक ९१. प्रशमरति सटीक ९२. मार्गणाद्वार विवरण ९३. कर्मसिद्धि ९४. जंबुस्वामी चरित्र अनुवाद ९५. चैत्यवंदन भाष्य सानुवाद ९६. गुणवर्मा चरित्र सानुवाद ९७. सवासो दोढसो गाथा स्तवनो ९८. द्वात्रिंशद्धात्रिंशिका ९९. कथाकोष १००. जैन तीर्थ दर्शन १०१. जैन कथा संग्रह भाग-१ १०२. जैन कथा संग्रह भाग-२ १०३. जैन कथा संग्रह भाग-३ १०४. रयणसेहर निवकहा सटीक १०५. आरंभसिद्धि १०६. नेमिनाथ चरित्र गद्य १०७. मोहोन्मुलनम् (वादस्थानम्). १०८. श्री भुवनभानु केवली चरित्र (अनुवाद) १०९. श्री चंद्रप्रभस्वामी चरित्र (अनुवाद) ११०. आपणा ज्ञानमंदिरो १११. प्रमालक्षण ११२. आचार प्रदीप ११३. विविध प्रश्नोत्तर ११४. आचारोपदेश अनुवाद ११५. पट्टावली समुच्चय भाग-१ ११६. पट्टावली समुच्चय भाग-२ ११७. रत्नाकरावतारिका अनुवाद भाग-१ ११८. रत्नाकरावतारिका अनुवाद भाग-२ ११९. चैत्यवंदन चोवीसी तथा प्रश्नोत्तर चिंता मणी १२०. निस्यावलि सूत्र १२१. कल्याणमंदिर लघुशांति सटीक १२२. उपदेश सप्ततिका (टीकानुवाद) पुस्तक १२३. प्रतिक्रमण हेतु (पुस्तक) १२४. जैन कुमारसंभव महाकाव्य १२५. देवचंद्र स्तवनावलि 8888888888888 Page #12 -------------------------------------------------------------------------- ________________ १२६. आनंदकाव्य महोदधि भाग - १ १२७. श्री पर्यंत आराधना सूत्र ( अवचूरी अनुवाद साथे ) १२८. जिनवाणी (तुलनात्मकदर्शन विचार) १२९. प्रश्नोत्तर प्रदीप ग्रंथ १३०. प्राचीन कोण श्वेताम्बर के दिगम्बर ? (गुजराती) १३१. जंबूद्वीप समास (अनुवाद) १३२. सुमति चरित्र (अनुवाद) १३३. तत्त्वामृत (अनुवाद) १३४. त्रिषष्टिशलाकापुरुष चरित्र पर्व-२ १३५. त्रिषष्टिशलाकापुरुष चरित्र पर्व-१ १३६. जैन कथा संग्रह भाग - ४ ( प्रताकार संस्कृत) १३७. जैन कथा संग्रह भाग-५ १३८. जैन कथा संग्रह भाग-६ १३९. जैन धर्म भक्ति कंचनमाळा (सानुवाद) १४०. जैन धर्म भक्ति कंचनमाळा (सानुवाद) भाग-२ १४१. श्रीमोक्षपद सोपान (चौद गुणस्थानकनुं स्वरुप) १४२. रत्नशेखर रत्नवती कथा (पर्वतिथि माहात्म्य पर) १४३. षष्टिशतकम् (सानुवाद) १४४. नमस्कार महामंत्र (निबंध) १४५. जैन गोत्र संग्रह (प्राचीन जैन इतिहास सहित) १४६. नयमार्गदर्शन याने सातनयनुं स्वरुप १४७. महोपाध्याय श्री वीरविजयजी महाराजनुं चरित्र १४८. मुक्ति मार्गदर्शन याने धर्मप्रान्तिना हेतुओ १४९. चेतोदूतम् १५०. मूर्तिमंडन प्रश्नोत्तर १५१. पिंडविशुद्धि अनुवाद १५२. नंदिसूत्र (मूळ) १५३. नंदिसूत्र सटीक (बीजी आवृत्ति) १५४. नंदिसूत्र चूर्णि सटीक १५५. अनुयोग द्वार सटीक १५६. दशवैकालिक सटीक १५७. दशवैकालिक सटीक १५८. ओघनिर्युक्ति सटीक १५९. पिंडनिर्युक्ति १६०. आवश्यक सूत्रनी टीका भाग-१ १६१. आवश्यक सूत्रनी टीका भाग-२ १६२. आवश्यक सूत्रनी टीका भाग-३ १६३. आवश्यक सूत्रनी टीका भाग-४ १६४. आवश्यक सूत्रनी टीका भाग-१ १६५. आवश्यक सूत्रनी टीका भाग-२ १६६. आवश्यक सूत्रनी टीका भाग-३ १६७. आवश्यक सूत्रनी दीपिका भाग-१ १६८. आवश्यक सूत्रनी दीपिका भाग-२ १६९. आवश्यक सूत्रनी दीपिका भाग-३ १७०. उत्तराध्ययन सटीक भाग - १ १७१. उत्तराध्ययन सटीक भाग-२ १७२. उत्तराध्ययन सटीक भाग-३ १७३. जंबुद्वीप प्रज्ञप्ति भाग-१ १७४. जंबुद्वीप प्रज्ञप्ति भाग-२ १७५. जीवाजीवाभिगम सूत्र भाग - १ १७६. जीवाजीवाभिगम सूत्र भाग - २ १७७. राजप्रश्रीय १७८. आचारांग दीपिका १७९. भगवती सूत्र भाग-१ १८०. भगवती सूत्र भाग-२ १८१. भगवती सूत्र भाग-३ Page #13 -------------------------------------------------------------------------- ________________ १८२. पन्नवणा सूत्र सटीक भाग-१ १८३ . पन्नवणा सूत्र सटीक भाग-२ १८४. ऋषिभाषितसूत्र १८५. हारिभद्रीय आवश्यक टीप्पणक १८६. सूर्यप्रज्ञप्ति सटीक १८७. आचारांग दीपिका भाग-१ १८८. सूत्रकृतांग दीपिका १८९. ठाणांग सटीक भाग - १ १९०. ठाणांग सटीक भाग-२ १९१. अनुयोगद्वार मूळ १९२. समवायांग सटीक १९३. आचारांग दीपिका भाग-२ १९४. सूत्रकृतांग सटीक भाग-१ १९५. सूत्रकृतांग सटीक भाग-२ १९६. भगवती सूत्र १९७. कल्पसूत्र प्रदीपिका १९८. कल्पसूत्र कौमुदि १९९. आनंद काव्य महोदधि भाग-३ २००. श्री श्रुतज्ञान अमीधारा २०१. उत्तराध्ययन सूत्र - मूळ २०२. उपधान विधि २०३. हीरस्वाध्याय भाग - १ २०४. हीरस्वाध्याय भाग-२ २०५. चैत्यवंदनादि भाष्यत्रयी (विवेचन ) २०६. भोजप्रबंध २०७. श्री वस्तुपाल चरित्र (भाषान्तर ) २०८. श्री योगबिंदु सटीक २०९. गुरु गुण रत्नाकर काव्यम् २१०. जगदगुरु काव्यम् २११. योगद्रष्टिसमुच्चय (अनुवाद) २१२. जैन ज्योतिर्ग्रथ संग्रह २१३. प्रमाण परिभाषा २१४. प्रमेय रत्नकोष २१५. जैन स्तोत्र संग्रह भाग - २ २१६. श्री योग द्रष्टिसमुच्चय (भावानुवाद) २१७. नवस्मरण (इंग्लीश सार्थ सानुवाद) २१८. आठ द्रष्टिनी सज्झाय २१९. आगमसार (देवचंद्रजी) २२०. नयचक्रसार (देवचंद्रजी) २२१. गुरुगुणषटत्रिशिंका (देवचंद्रजी ) २२२. पंचकर्मग्रंथ (देवचंद्रजी) २२३. विचारसार (देवचंद्रजी) २२४. श्री पर्युषण पर्वादिक पर्वोनी कथाओ २२५. विमळ मंत्रीनो रास २२६. बृहत् संग्रहणी अंतर्गत यंत्रोनो संग्रह २२७. दमयंती चरित्र २२८. बृहत्संग्रहणी यंत्र २२९. जैन स्तोत्र संग्रह २३०. श्रीयशोधर चरित्र २३१. श्रीचंद्रवीरशुभादि कथा चतुष्टयम् २३२. सिरिपासनाहचरियं २३३. श्री सम्यकत्व कौमुदी (अनुवाद) २३४. श्री विमलनाथ चरित्र (अनुवाद) २३५. श्री जैन कथा रत्न कोष भाग-१ (अनुवाद) २३६. प्रमाणनयतत्वावलोकालंकार २३७. श्री हैमधातुपाठ २३८. श्री सिद्धचक्रादि आराधनविधि वगेरे संग्रह २३९. श्री सीमंधर जिन विनति ( स्तवन) २४०. नाया धम्मकहाओ २४१. जैन कथारत्नकोश भाग-२ २४२. जैन कथारत्नकोश भाग-३ २४३. श्री शत्रुंजय तीर्थोद्धार (अनुवाद) Page #14 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ॥नायाधम्मकहाओ॥ ॐ नमः सर्वज्ञाय । (1) तेणं कालेणं तेणं समएणं चंपा नाम नयरी होत्था । वण्णओ । (8) तीसे णं चंपाए नयरीए बहिया उत्तरपुरथिमे दिसीभाए पुण्णभद्दे नामं चेइए होत्था । षण्णओ । (3) तत्थ णं चंपाए नयरीए कोणिए नामं राया होत्था । वण्णओ। - (4) तेणं कालेणं तेणं समएणं समणस्स भगवओ महावीरस्स अंतेवासी अजमुहम्मे नाम थेरे जाइसंपन्ने कुलसंपन्ने बलरूवाविणयनाणदसणचरित्तलाघवसंपन्ने ओयंसी तेयंसी वच्चंसी जसंसी जियकोहे जियमाणे जियमाए जियलोहें जिइंदिए जियनिदे जियपरीसहे जीवियासामरणभयावप्पमुक्के तवप्पहाणे गुणप्पहाणे एवं चरणकरणनिग्गहनिच्छयअन्जवमहवलाघवखंतिगुत्तिमुत्तिविज्जामंतबंभवयनयनियमसञ्चसोयनाणदसणचारित्तप्पहाणे उराले घोरे घोरव्वए घोरतवस्सी घोरबंभचेरवासी उच्छूढसरीरे संखित्तविउलतेउल्लेसे चोदसपुव्वी चउनाणोवगए पंचहिं अणगारसएहिं सद्धिं संपरिखुडे पुव्वाणुपुर्दिव चरः माणे गामाणुगाम दुइज्जमाणे सुहंसुहेणं विहरमाणे जेणेव चंपा नयरी जेणेव पुण्णभद्दे चेहएं तेणामेव उवागच्छइ २ त्ता अहापडिरूवं उग्गहं ओगिण्हित्ता संजमणं तवसा अप्पाणं भावमाणे विहरइ। (5) तए णं चंपाए नयरीए परिसा निग्गया। कोणिओ निग्गयो। धम्मो कहियो । परिसा जामेव दिसि पाउन्भूया वामेव दिसि पडिगया। वेणं कालेणं तेणं समएणं अजसुहम्मस्स अणगारस्स जेट्टे अंतेवासी अज्जजंबू नाम अणगारे कासवगोत्तेणं सत्तुस्सेहे जाव अज्जसुहम्मस्स थेरस्स अदूरसामंते उड्डेजाणू अहोसिरे झाणकोट्ठोवगए संजमेणं तवसा अप्पाणं भावेमाणे विहरइ । वए णं से अज्जजंबूनामे जायसढे जाय Page #15 -------------------------------------------------------------------------- ________________ [1.5 नायाधम्मकहाओ संसए जायकोउहल्ले संजायसड्डे संजायसंसए संजायकोहल्ले उत्पन्नसड्ढे उप्पन्नसंसए उप्पन्नकोउहल्ले समुप्पन्नसड्डे समुप्पन्नसंसए समुप्पन्नकोउहल्ले उट्ठाए उढेइ २ जेणामेव अज्जसुहम्मे थेरे तेणामेव उवागच्छइ २ अज्जसुहम्मे थेरे विक्खुत्तो आयाहिणं पयाहिणं करेइ वंदइ नमसइ २ अज्जसुहम्मस्स थेरस्स नच्चासन्ने नाइदूरे सुस्सूसमाणे नमसमाणे अभिमुहे पंजलिउडे विणएणं पज्जुवासमाणे एवं वयासी-जइ णं भंते ! समणेणं भगवया महावीरेणं आईगरेणं तित्थगरेणं सयंसंबुद्धणं पुरिसुत्तमेणं पुरिससहिणं पुरिसवग्घेणं पुरिसवरगंधहत्थिणा लागुत्तमणं लोगनाहेणं लोगहिएणं लोगपईवेणं लोगपज्जोयगरेणं अभयदएणं सरणदएणं चक्खुदएणं मग्गदएणं बोहिदएणं धम्मदएणं धम्मदेसगेणं धम्मनायगेणं धम्मसारहिणा धम्मवरचाउरंतचक्कवट्टिणा अप्पडिहयवरनाणदसणधरेणं वियदृछउमेणं जिणेणं जाणएणं तिण्णेणं तारएणं बुद्धणं बोहएणं मुत्तेणं मोयगेणं सव्वण्णेणं सव्वदरसिणा सिवमयलमरुयमणतमक्खयमव्वाबाहमपुणरावत्तियं सासयं ठाणमुवगएणं पंचमस्स अंगस्स अयमढे पन्नत्ते, छट्ठस्स णं भंते ! नायाधम्मकहाणं के अढे पन्नत्ते ? जंबू ति अज्जसुहम्मे थेरे अज्जजंबूनामं अणगारं एवं वयासी-एवं खलु जंबू समणेणं भगवया महावीरेणं जाव संपत्तेणं छठुस्स अंगस्स दो सुयक्खंधा पन्नचा, तंजहा-नायाणि य धम्मकहाओ य। जइ णं भंते । समणेणं भगवया महावीरेणं जाव संपत्तेणं छट्ठस्स अंगस्स दो सुयक्खंधा पन्नत्ता तंजहा- नायाणि य धम्मकहाओ य, पढमस्सणं भंते ! सुर्यखंधस्स समणेणं जाव संपत्तेणं नायाणं कइ अझयणा पन्नत्ता ? एवं खलु जंबू ! समणेणं जाव संपत्तेणं नायाणं एगूणवीसं अज्झयणा पन्नत्ता, तंजहा- उक्खित्तणाए संघाडे अंडे कुम्मे ये सेलगे। तुंबे यं रोहिणी मल्ली मायंदी चंदिमा इ य ॥१॥ दावहवे उदगणाए मंढुक्के तेयली वि य । नंदीफले अवरकका आइन्ने सुसुमा इ य ॥२॥ अवरे य. पुंडरीए नायए एगूणवीसइमे। (6) ज णं भंते ! समणेणं जाव संपत्तेणं नायाणं एगूणवसिं Page #16 -------------------------------------------------------------------------- ________________ -1.9] नायाधम्मकहाओ अज्झयणा पन्नत्ता,तंजहा-उक्खित्तणाए जाव पुंडरीए चिय, पढमस्स णं भंते ! अज्झयणस्स के अहे पन्नत्ते ? एवं खलु जंबू! तेणं कालेणं २ इहेव जंबुद्दीवे दीवे भारहे वासे दाहिणद्धभरहे रायगिहें नाम नयरे होत्था । वण्णओ । गुणसिलए चेइए। वण्णओ । तत्थ णं रायगिहे नयरे सेणिए नाम राया होत्था । वण्णओ। तस्स णं सेणियस्स रनो नंदा नाम देवी होत्था सुकुमालपाणिपाया । वण्णओ। . . (7) तस्स णं सेणियस्स पुत्ते नंदाए देवीए अत्तए अभए नाम कुमारे होत्था अहीण जाव सुरूवे सामदंडभेयउवप्पयाणनीइसुप्पउत्तनयविहिन्नू ईहापोहमग्गणगवेसणअत्थसत्थमइविसारए उप्पत्तियाए वेणइयाए. कम्मियाए पारिणामियाए चंउव्विहाए बुद्धीए उववेए सेणियस्स रनो बहुसु कजेसु य कुडुंबेसु य मंतेसु य गुज्झेसु य रहस्सेसु य निच्छएसु य आपुच्छणिज्जे पडिपुच्छणिज्जे मेढी पमाणं आहारे आलंबणं चक्खू मेढीभूए पमाणभूए आहारभूए आलंबणभूए चक्खभूए सव्वकज्जेसु सव्वभूमियासु लद्धपञ्चए विइण्णवियारे रज्जधुरचिंतए यावि होत्था । सेणियस्स रन्नो रजं च रटुं च कोसं च कोट्ठागारं च बलं च वाहणं च पुरं च अंतेउरं च सयमेव समुपेक्खमाणे २ विहरइ । (8) तस्स णं सेणियस्स रन्नो धारिणी नामं देवी होत्था जाव सोणयस्स रन्नो इट्ठा जाव विहरइ । (9) तए णं सा धारिणी देवी अन्नया कयाइ तंसि तारिसगंसि छक्कट्ठगलट्ठमट्ठसंठियखंभुग्गयपवरवरसालभंजियउज्जलमाणकणगरयणथूभियविडंकजालद्धचंदनिज्जूहकंतरकणयालिचंदसालियाविभत्तिकलिए सरसच्छधाऊवलवण्णरइए बाहिरओ दूमियघट्टमहे अभितरओ पसत्तसुविलिहियचित्तकम्मे नाणाविहपंचवण्णमणिरयणकोट्टिमतले पउमलयाफुल्लवल्लिवरपुप्फजाइउल्लोयचित्तियतले चंदैणवरकणगकलससुणिम्मियपडिपुजियसरसपउमसोहंतदारभाए पयरगलंबंतमणिमुत्तदामसुविरइयदारसोहे सुगंधवरकुसुममउयपम्हलसयणोवयारमणहिययनिव्वुइयरे कप्पूरलवंगमलयचंदणकालागरुपवरकुंदुरुक्कतुरुक्कधूवडझंत Page #17 -------------------------------------------------------------------------- ________________ नायाधम्मक हाओ [ 1.9 सुरभिमघमघंतगंधुद्ध्याभिरामे सुगंधवरगंधिए गंधवट्टिभूए मणिकिरणपणासियंधयारे । किंबहुणा ? जुइगुणेहिं सुरवरविमाणवेलंबवर घर तंसि वारिसगंसि सयणिज्जांस सालिंगणवट्टिएं उभओ बिब्बोयणे दुइओ उन्नए मज्झे णयगंभीरे गंगापुलिणवालुयाउद्दालसालिसए tयचियखोमबुगुल्लपट्टपडिच्छायणे अत्थरयमलयनवतयकुसत्तलिंबसहकेसरपच्चुत्थए सुविरइयरयत्ताणे रत्तंसुयसंवुए सुरम्मे आइणगरूयबूरनवणीयतुल्लफासे पुव्वरत्तावरत्तकालसमयंसि सुत्तजागरा ओहीरमाणी २ एगं महं सत्तुस्सेहं रययकूडसंन्निह नहयलंसि सोमं सोमागारं लीलायंतं जंभायमाणं मुहमइगयं गयं पासित्ता णं पडिबुद्धा । तए णं सा धारिणी देवी अयमेयारूवं उरालं कल्लाणं सिवं धन्नं मंगलं सस्सिरीयं महासुमिणं पासित्ता णं पडिबुद्धा समाणी हट्टतुट्ठा चित्तमाणंदिया पीइमणा परमसोमणस्सिया हरिसवसविसप्पमाणहियया धाराहयकलंबपुष्फगं पिव सम्ससियरोमकूवा तं सुमिणं ओगिण्हइ २ सयणिज्जाओ उट्ठेइ २ पायपीढाओ पच्चोरुहइ २ त्ता अतुरियमचवलमसंभंताए अविलंबियाए रायहंससरिसीए गईए जेणामेव से सेणिए राया तेणामेव उवागच्छइ २ चा सेणियं रायं ताहिं इट्ठाहिं कंताहिं पियाहिं मणुन्नाहिं मणामाहिं उरालाहिं कल्लाणाहिं सिवाहि धन्नाहिं मंगल्लाहिं सस्सिरीयाहिं हिययगमणिज्जाहिं हिययपल्हायणिज्जाहिं मियमहुररिभियगंभीरंसस्सिरीयाहिं गिराहिं संलवमाणी २ पडिबोहेइ २ त्ता सेणिएणं रन्ना अब्भणुन्नाया समाणी नाणामणिकणगरयणभत्तिचित्तांस भद्दा सणांस निसीयइ २ त्ता आसत्था वीसत्था सुहासणवरगया करयलपरिग्गहियं सिरसावत्तं मत्थए अंजलिं कट्टु सेणियं रायं एवं वयासी - एवं खलु अहं देवाणुप्पिया ! अज्ज तांस तारिसगंसि सयणिज्जंसि सालिंगणवट्टिए जाब नियगवयणमइवयंतं गयं सुमिणे पासित्ता णं पडिबुद्धा । तं एयस्स णं देवाणुप्पिया ! उरालस्स सुमिणस्स के मन्ने कल्लाणे फलवित्तिविससे भविस्सइ । (10) तए णं से सेणिए राया धारिणीए देवीए अंतिए एयमट्ठे सोच्चा Page #18 -------------------------------------------------------------------------- ________________ -I.11] नायाधम्मकहाओ निसम्म हट्ट जाव हियए धाराहयनीवसुरभिकुसुमचंचुमालइयतणुऊसवियरोमकूवे तं सुमिणं उग्गिण्हइ २ चा ईहं पविसैइ २ अप्पणो साभाविएणं मइपुव्वएणं बुद्धिविन्नाणेणं तस्स सुमिणस्स अत्थोग्गहं करेइ २ त्ता धारिणं दो ताहि जाव हिययपल्हायणिज्जाहिं मियमहुररिमियगंभीरसस्सिरीयाहिं वग्गृहि अणुवूहेमाणे २ एवं वयासी-उराले णं तुमे देवाणुप्पिए ! सुमिणे दिहे । कल्लाणे णं तुमे देवाणुप्पिए सुमिणे दिढे । सिवे धन्ने मंगल्ले सस्सिरीए णं तुमे देवाणुप्पिएं सुमिणे दिहे। आरोग्गतुट्टिदीहाउयकल्लाणमंगल्लकारएं गं तुमे देवी सुमिणे दिढे । अत्यलाभो देवाणुप्पिए! पुत्चलाभो देवाणुप्पिए । रजलामो भोगसोक्खलामो ते देवाणुप्पिए ! एवं खलु तुमं देवाणुप्पिए नवण्डं मासाणं बहुपडिपुण्णाणं अट्ठमाण य रौइंदियाणं वीइक्वाणं अम्हं कुलके कुलदीवं कुलपव्वयं कुलवासयं कुलतिलकं कुलकित्तिकरं कुलविचिकरं कुलनंदिकरं कुलजसकरं कुलाधारं कुलपायवं कुलविवद्धणकरं सुकुमालपाणिपायं जाव दारयं पयाहिसि । से वि य णं दारए उम्मुक्कबालभावे विनायपरिणयमेचे जोव्वणगमणुप्पत्ते सूरे वीरे विकंते वित्थिण्णविपुलबलवाहणे रज्जवई राया भविस्सइ । तं उराले गं तुमे देवी सुमिणे दिढे जाव आरोग्गतुढिदीहाउकल्लाणकारए णं तुमे देवी! सुमिणे दिढे त्ति कटु भुज्जो २ अणुव्हेइ। ___ (11) तए णं सा धारिणी देवी सेणिएणं रना एवं वुत्ता समाणी हट्टतुट्ठा जाव हियया करयलपरिग्गहियं जाव अंजलिं कटु एवं वयासीएवमेयं देवाणुप्पिया ! हमेयं अविहमेयं असंदिईमेयं इच्छियमेयं परिच्छियमेयं इच्छियपडिच्छियमेयं सच्चे णं एसमढे जं तुम्मे वयाँ चि कट्ठ तं सुमिणं सम्म पडिच्छइ २ चा सेणिएणं रना अब्मणुन्नाया समाणी नाणामणिकणगरयणभत्तिचिचाओ भदासणाओ अब्भुढेइ २ चा जेणेव सए सयणिज्जे तेणेव उवागच्छइ २ चा सयंसि सयणिज्जास निसीयइ २ चा एवं वयासी-मा मे से उत्तमे पहाणे मंगल्ले सुमिणे अन्नेहिं पावसुमिणेहिं पडिहम्मिहित्ति कट्ठ देवयगुरुजण Page #19 -------------------------------------------------------------------------- ________________ नायाधम्मकहाओ [I.11संबद्धाहिं पसत्थाहिं धम्मियाहिं कहाहिं सुमिणजागरियं पडिजागरमाणी.विहरह। ... (12) तए णं से सेणिए राया पच्चूसकालसमयांस कोढुंबियपुरिसे सद्दावेइ २ चा एवं वयासी-खिप्पामेव भो देवाणुप्पिया ! बाहिरियं उवट्ठाणसालं अज्ज सविसेसं परमरम्मं गंधोदगसित्तसुइयसंमज्जिओवलिन्तं पंचवण्णसरससुरभिमुक्कपुप्फपुंजोवयारकालयं कालागरुपवरकुंदुरुक्कतुरुक्कंधूवडझंतमघमतगंधु याभिरामं सुगंधवरगंधियं गंधवट्टिभूयं करेह कारवेह य २ एयमाणत्तियं पच्चप्पिणह । तए णं ते कोडंबियपुरिसा सेणिएणं रन्ना एवं वुत्ता समाणा हट्ठतुट्ठा जाव पच्चप्पिणंति । वए णं से सेणिए राया कल्लं पाउप्पभायाए रयणीए फुल्लुप्पलकमलकोमलुम्मिलियंमि अहापंडुरे पभाए रत्तासोगप्पगासकिंसुयसुयमुहगुंजद्धबंधुजीवगपारावयचलणनयणपरहुयसुरत्तलोयणासुमणकुसुमजलियजलणववणिज्जकलसहिंगुलयनिगररूवाइरेगरेहन्तसस्सिरीए दिवायरे अहकमेण उदिए तस्स दिणकरकरपरंपरावयारपारद्धंमि अंधयारे बालायवकुंकुमेण खईयव्व जीवलोए लोयणविसयाणुयासविगसंतविसददसियंमि लोए कमलांगैरसंडबोहए उट्ठियंमि सूरे सहस्सरसिमि दिणयरे तेयसा जलंते सयणिज्जाओ उठेइ २ त्ता जेणेव अट्टणसाला तेणेव उवागच्छइ अट्टणसालं अणुपविसइ अणेगवायामजोगवग्गणवामद्दणमल्लजुट्टैकरणेहिं संते परिस्संते सयपागसहस्सपागेहिं सुगंधवरतेल्लमाईएहिं पीणणिज्जेहिं दीवणिज्जेहिं दुप्पणिज्जेहिं भैयणिज्जेहिं विणिज्जेहिं सविदियगायपल्हायणिज्जेहिं अब्भंगैएहिं अन्भंगिएं समाणे तेल्लचम्मसि पडिपुण्णपाणिपायसुकुमालकोमलतलहिं पुरिसेहिं छेएहिं दक्खेहिं पैंटेहिं कुसलेहिं मेहावीहिं निउणोहिं निउणसिप्पोवगएहिं जियपरिस्समेहिं अभंगणपरिमद्दणुव्वलणकरणगुणनिम्माएहि अहिसुहाए मंससुहाए तयासुहाए रोमसुहाए चउव्विहाए संवाहणाए संवाहिए समाणे अवगयपरिस्समे नरिंदे अट्टणसालाओ पडिनिक्खमइ २ जेणेव मज्जणघरे तेणेव उवागच्छइ २ ता मज्जणघरं अणुपविसइ Page #20 -------------------------------------------------------------------------- ________________ -1.12] नायाधम्मकहाओ २ ता समत्तजालाभिरामे विचित्तमणिरयणकोट्टिमतले रमणिज्जे व्हाणमंडवंसि नाणामणिरयणभत्तिचित्तंसि पहाणपीढंसि सुहनिसण्णे सुहोदगेहिं पुप्फोदएहिं गंधोदएदि सुद्धोदएहिं य पुणो पुणो कल्लाणगपवरमज्जणविहीए मज्जिए तत्थ कोउयसएहिं बहुविहेहिं कल्लाणगपवरमज्जणावसाणे पम्हलसुकुमालगंधकासायलहियंगे अहयसुमहग्घदूसरयणसुसंवुए सरससुरभिगोसीसचंदणाणुलित्तगत्ते सुइमालावण्णगविलेवणे आविद्धमणिसुवण्णे कप्पियहारद्धहारतिसरयपालंबपलंबमाणकडिसुत्तसुकयसोहे पिणिर्द्धगेविज्जे अंगुलेज्जगललियंगयललियकयाभरणे नानामणिकडगतुडियर्थभियभुए अहियरूवसस्सिरीए कुंडलुज्जोइयाणणे मउर्डदित्तसिरए हारोत्थयसुकयरइयवच्छे पालंबपलंबमाणसुकयपडउत्तरिज्जे मुहियापिंगलंगुलीए नाणामणिकणगरयणविमलमहरिहनिउणोवियमिसिमिसंतविरइयसुसिलिट्ठविसिट्ठलट्ठसंठियपसत्थआविद्धवीरवलए, किं बहुणा ? कप्परुक्खए चेव सुअलंकियविभूसिए नरिंदे सकोरंटमल्लदामेणं छत्तेणं धरिज्जमाणेणं चउचामरवालवीइयंगे मंगलजयसहकयालोए अणेगगणनायगदंडनायगराईसरतलवरमाडंबियकोडुंबियमंतिमहामंतिगणगदोवारियअमच्चचेडपीढमदनगरनिगमसेडिसेणावइसत्यवाहदयसंधिवालसद्धिं संपरिबुडे धवलमहामेहनिग्गए विवे गहगणदिप्पंतरिक्खतारागणाण मज्झे ससि व्व पियदसणे नरवैई मज्जणघराओ पडिनिक्खमइ २ त्ता जेणेव बाहिरिया उवट्ठाणसाला तेणेव उवागच्छइ २ चा सीहासणवरगए पुरत्थाभिमुहे सन्निसणे । तए णं से सेणिए राया अप्पणो अदूरसामंते उत्तरपुरस्थिमे दिसीमाएँ अट्ठ महासणाई सेयवत्थपच्चत्थुयाई सिद्धत्थमंगलोवयारकयसंतिकमाई रयावेइ २ चा नाणामणिरयणमडियं अहियपेच्छणिज्जरूवं महग्यवरपट्टणुग्गयं सहबहुभत्तिसयचित्तठाणं ईहामियउसभतुरयनरमगरविहगवालगर्किनररुरुसरभचमरकुंजरवणलयपउमलयभत्तिचिचं सुखचियवरकणगपवरपरंतदेसभाग. अभितरियं जवणियं अंछावेइ २ 'शा अत्थरगमउअमसूरगउच्छइयं धवलवस्थपच्चत्युयं विसिटुं अंगसुह Page #21 -------------------------------------------------------------------------- ________________ नायाधम्मकाओ [ 1.12 फासयं सुमउयं धारिणीए देवीए भद्दासणं रयावेइ २ ता कोडुंबिय - पुरिसे सहावेइ २ चा एवं वयासी - खिप्पामेव भो देवाणुप्पिया ! अहंगमहानिमित्तसुचत्थैपाढए विविहसत्थकुसले सुर्मिणपाढए सद्दावेह २ त्ता एयमाणत्तियं खिप्पामेव पच्चप्पिणह । तए णं ते कोडुंबियपुरिसा सेणिएणं रन्ना एवं वृत्ता समाणा हट्ठ जाव हियया करयलपरिग्गहियं दुसनहं सिरसावत्तं मत्थए अंजलिं कट्टु एवं देवो तह त्ति आणाए विणणं वयणं पडसुर्णेति सेणियस्स रन्नो अंतियाओ पडिनिक्खमंति २ ता रायगिहस्स नगरस्स मज्झंमज्झेणं जेणेव सुमिणपाढगगिद्दाणि तेणेव उवागच्छंति २ त्ता सुमिणपाढए सहावेंति । तए णं ते सुमि - पाढगा सेणियस्स रन्नो कोडुंबिय पुरिसेहिं सद्दाविया समाणा हट्ठ जाव हियया व्हाया कयबलिकम्मा जाव पायच्छित्ता अप्पमहग्घाभरणालंकियसरीरा हरियालियसिद्धत्थय कयमुद्धाणा सएहिं संप६ि गिहिंतो पडिनिक्खमंति रायगिहस्स नगरस्स मज्झमज्झेणं जेणेव सेणियस्स भवणवडेंसगदुवारे तेणेव उवागच्छंति २ एगयओ मिलायंति २ सेणियस्स रन्नो भवणवडेंसगदुवारेणं अणुप्पविसंति २ ना जेणेव बाहिरिया उवट्ठाणसाला जेणेव सेणिए राया तेणेव उवागच्छंति २त्ता सेणियं रायं जपणं विजएणं बद्धावेंति, सेणिएणं रत्न्ना अच्चियवंदियपूइयमाणियसक्कारियसम्माणिया समाणा पत्तेयं २ पुव्वन्नत्थेसु भासणेसु निसीयंति । तए णं सेणिए राया जवणियंतरियं धारिणि देविं ठवेइ २ ता पुप्फफलपडिपुण्णहत्थे परेणं विणएणं ते सुमिर्णपाढए एवं वयासी - एवं खलु देवाणुप्पिया ! धारिणी देवी अज्ज तंसि वारिसगंसि सयणिज्जंसि जाव महासुमिणं पासित्ता णं पडिबुद्धा । तं एयसणं देवाणुप्पिया ! उरालस्स जाव सस्सिरीयस्स महासुमिणस्स के मन्ने कल्लाणे फलवित्तिविसेसे भविस्सइ । तए णं ते सुमिणपाढगा सेणियस्स नो अंतिए एयम सोच्चा निसम्म हट्ठ जाव हियया तं सुमिणं सम्मं ओगिण्हंति २ ईहं अणुप्पविसंति २ अन्नमन्त्रेण सद्धिं संचार्लेति २ ता सुमिणस्स लद्धट्ठा गहिया पुच्छियट्ठा विणिच्छियट्ठा तरस Page #22 -------------------------------------------------------------------------- ________________ -1.12] नायाधम्मकहाओ अभिगयट्ठा सेणियस्स रन्नो पुरओ सुमिणसत्थाई उच्चारेमाणा एवं पयासी-एवं खलु अम्हं सामी ! सुमिणसत्थंसि बायालीसं सुमिणा वीसं महासुमिणा बावत्तरिं सव्वसुमिणा दिहा। तत्थ णं सौमी ! अरहंतमायरो वा चकवट्टिमायरो वा अरहंतसि वा चकवटुिंसि वा गन्भं वकममाणसि एएसिं तीसाए महासुमिणाणं इमे चोद्दस महासुमिणे पासित्ता णं पडिबुझंति तं जहा-गयवसहसीहअभिसेयदामससिदिणयरं झयं कुंभं । पउमसरसागरविमाणभवणरयणुच्चय सिहिं च ॥१॥ वासुदेवमायरोवा वासुदेवंसि गम्भं वक्कममाणंसि एएसिं चोहसण्हं महासुमिणाणं अन्नयरे सर्त महासुमिणे पासित्ता णं पडिबुझंति । बलदेवमायरो वा बलदेवंसि गम्भं वक्कममाणंसि एएसिं चोइसण्हं महासुमिणाणं अन्नयरे चत्तारि महासुविणे पासित्ता णं पडिबुझंति। मंडलियमायरो वा मंडलियसि गम्भं वकममाणंसि एएसिं चोइसण्हं महासुमिणाणं अन्नयरं महासुमिणं पासित्ता णं पडिबुज्झति । इमे य सामी धारिणीए देवीए एंगे महासुमिणे दिखे। तं उराले णं सामी ! धरिणीए देवीए सुमिणे दिखे नाव आरोग्गतुहिदीहाउकल्ाणमंगल्लकारए णं सामी ! धारिणीए देवीए सुमिणे दिहे। अत्थलाभो सामी ! सोक्खलामो सामी ! भोगलाभो सामी ! पुत्तलाभो' रजलाभो । एवं खलु सामी ! धारिणीदेवी नवण्हं मासाणं बहुपडिपुण्णाणं जाव दारगं पंयाहिई। से वि य णं दारए उम्मुक्कबालभावे विनायपरिणयमित्ते जोव्वणगमणुप्पत्ते सूरे वीरे विकत वित्थिण्णविउलबलवाहणे रज्जवई राया भविस्सइ अणगारे वा भावियप्पा । तं उराले णं सामी ! धारिणीए देवीए सुमिणे दिढे जाव आरोग्गतुहि नाव दिखे त्तिक? भुज्जो २ अणुव्हेंति । तए णं सेणिए राया तसिं सुमिणपाढगाणं अंतिए एयमटं सोचा निसम्म हट्ट जाव हियए करयल जाव एवं वयासी-एवमेयं देवाणुप्पिया ! जाव ज णं तुम्भे वयह त्तिकटु तं सुमिणं सम्मं संपंडिच्छइ २ ते सुमिणपाढए विपुलेणं असणपाणखाइमसाइमेणं वत्थगंधमल्लालंकारेण य सक्कारेइ सम्माणेइ विपुलं जीवियारिहं पाइदाणं दलयइ पडिविसज्जेइ । तए णं से सेणिए राया सीहासणाओ Page #23 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 10 नायाधम्मकहाओ [1.13अब्भुढेइ २ ता जेणेव धारिणी देवी तेणेव उवागच्छइ २ त्ता धारिणं देवि एवं वयासी-एवं खलु देवाणुप्पिए सुमिणसत्थंसि बायालीसं सुमिणा जाव एग महासुमिणं जाव भुज्जो २ अणुवृहेइ । तए णं सा धारिणीदेवी सोणियस्स रन्नो अंतिए एयमहूँ सोच्चा निसम्म हट्ठ जाव हियया तं सुमिणं सम्म पडिच्छइ २ जेणेव सए वासघरे तेणेव उवागच्छइ २ व्हाया कयबलिकम्मा जाव विपुलाई जाव विहरइ । __(13) तए णं तीसे धारिणीए देवीए दोसु मासेसु वीईक्तसे तेइए मासे वट्टमाणे तस्स गब्भस्स दोहलकालसमयसि अयमेयारूवे अकालमेहेसु दोहले पाउब्भवित्था- धन्नाओ णं ताओ अम्मयाओ सपुण्णाओ ताओ अम्मयाओ कयत्थाओ कयपुण्णाओ कयलक्खणाओ कयविहवाओ सुलद्धे णं तासिं माणुस्सए जम्मजीवियफले जाओ णं मेहेसु अन्झुग्गएसु अब्भुज्जएसु अब्भुन्नएसु अब्भुट्ठिएसु सगज्जिएसु सविज्जुएसु सफुसिएसु सथाणिएसु धंतधोयरुप्पपट्टअंकसंखचंदकुंदसालिपिट्ठरासिसमप्पभेसु चिकुरहरियालभेयचंपगसणकोरंटसरिसवपउँमरय. समप्पभेसु लक्खारससरसरत्तकिंसुयजासुमणरत्तबंधुजीवगजाइहिंगुलयसरसकुंकुमउरब्भससरुहिरइंदगोवगसमप्पभसु बरहिणनीलगुलियासँगचासपिच्छभिंगपत्तसासँगनीलुप्पलनियरनवसिरीसकुसुमनवसहलसमप्पभेसु जच्चजणभिंगभेयरिट्ठगभमरावलिगवलगुलियकज्जलसमप्पभेसु फुरंतविज्जुयसगज्जिएसु वायवसविपुलगंगणचवलपरिसकिरेसु निम्मलवरवारिधारापयलियपयंडमारुयसमाहयसमोत्थरंतउँवरिउवरितुरियवासं पवासिएसु धारापहकरनिवायनिव्वावियं मेइणितले हरियगगणकंचुए पल्लविय पायवगणेसु बैंल्लिवियाणेसु पसरिएसु उन्नएसु सोहग्गमुवागएसु वेभारगिरिप्पवायतडकडंगविमुक्केसु उज्झरेसु तुरियपहावियपल्लोट्टफेणाउलं सकलुसं जलं वहंतीसु गिरिनईसु सज्जज्जुणनीवकुडयकंदलसिलिंधकलिएसु उववणेसु मेहरसियट्टतुट्ठचिट्ठियहरिसवसपमुक्तकंठकेकारवं मुयंतेसु बरहिणेसु उउवसमयजणियतरुणसहयरिपणच्चिएसु नवसुराभिसिलिंधकुडर्यकंदलकलंबगंधद्धणिं मुयंतेसु उववणेसु परहुयरुयरिभिय Page #24 -------------------------------------------------------------------------- ________________ -1.14] नायाधम्मकहाओ 11 संकुलेसु उद्दाइंतरत्तइंदगोवयथोवयकारुण्णविलविएसु उन्नयतणमंडिएसु दहुरपयंपिएसु संपिंडियदरियभमरमहुयरिपहकरपरिलिंतमत्तछप्पयकुसुमासवलोलमहुरगुंजंतदेसभाएसु उववणेसु परिसामियचंदसूरगहगणपणट्ठनक्खत्ततारगपहे इंदाउहबंद्धचिंधपट्टमि अंबरतले उड्डीणबलागपंतिसोहंतमेहवन्दे कारंडगचक्कवायकलहंसउस्सुयकरे संपत्ते पाउसंमि काले व्हायाओ कयबलिकम्माओ कयकोउयमंगलपायच्छित्ताओ किं' ते वरपायपत्तने र.. मणिमेहलहारैरइयउवचियकडगखुडुयविचित्तवरवलयभियभुयाओ कुंडलउज्जोवियाणणाओ रयणभूसियंगीओ नासानीसासवायवोझं चक्खुहरं वण्णफरिससंजुत्तं हयलालापेलवाइरेयं धवलकणयखचियंतकम्म आगासफलिहसरिसप्पमं अंसुयं पवरपरिहियाओदुगुल्लसुकुमालउत्तरिज्जाओ सव्वोउयसुरभिकुसुमपवरमल्लसोहियसिराओ कालागरुपवरधूवधूवियाओ सिरीसमाणवेसाओ सेयणयगंधहत्थिरयणं दुरूढाओ समाणीओ सकोरंटमल्लदामेणं छत्तेणं धरिज्जमाणेणं चंदप्पवयरवेरुलियविमलदंडसंखबुददगरयअमयमहियफेणपुंजसन्निगासचउचामरवालवीजियंगीओ सेणिएणं रना सद्धिं हत्थिखंधवरगएणं पिट्ठओ २ समणुगच्छमाणीओ चाउरंगिणीए सेणाएँ महया हयाणीएणं गयाणिएणं रहाणिएणं पायत्ताणीएणं सव्विड्डीए सव्वज्जुईए जाव निग्घोसनाइयरवेणं रायगिहं नयरं सिंघाडगतिगचउक्कचच्चरचउँम्मुहमहापहपहेसु आसित्तैसित्तसुइयसंमज्जिओवलित्तं जाव सुगंधवरगंधियं गंधवट्टिभूयं अवलोएमाणीओ नागरजणेणं अभिनंदिज्जमाणीओ गुच्छलयारुक्खगुम्मवल्लिगुच्छोच्छाइयं सुरम्मं वेभारगिरिकडगपायमूलं सव्वओ समंता आहिँडेमाणीओ २ डोहलं विणयंति । तं जइ णं अहमवि मेहेसु अब्भुग्गएसु जाव दोहलं विणिज्जामि । ___(14) तए णं सा धारिणी देवी तंसि डोहलंसि अविणिज्जमाणांस असंपत्तदोहला असंपुण्णदोहला असंमाणियदोहला सुक्का भुक्खा निम्मंसा ओलुग्गा ओलुग्गसरीरा पमइलदुब्बला किलंता ओमंथियवयणनयणकमला पंडुइयमुही करयलमलियव्व चंपगमाला नित्तेया दीणविवण्णवयणा जहोचियपुप्फगंधमल्लालंकारहारं अणभिलसमाणी कीडारमणकिरियं परिहावे Page #25 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 12 नायाधम्मकाओ [ I. 14 माणी दीणा दुम्मणा निराणंदा भूमिगयदिट्ठीया ओहयमणसंकप्पा जाव झियाइ । तए णं तीसे धारिणीए देवीए अंगपडियारियाओ अग्भितरियाओ दासचेडियाओ धारिणीं देवीं ओलुग्गं जाव झियायमाणिं पासंति २ एवं वयासी - किन्नं तुमे देवाणुप्पिए । ओलुग्गा ओलुग्गसरीरा नाव झियायसि ? तए णं सा धारिणी देवी ताहिं अंगपडियारियाहिं अग्भितरियाहिं दासबोडियाहिं य एवं वृत्ता समाणी ताओ चेडियाओ नो आढाइ नो परियाणाइ अणाढायमाणी अपरियाणमाणी तुसिणीया चिट्ठइ । तए णं ताओ अंगपडियारियाओ अभितरियाओ दासचेडीओ धारिणि देविं दोच्चं पि तच्चं पि एवं वयासी - किन्नं तुमे देवाणुप्पिए ! ओलुग्गा ओलुग्गसरीरा जाव झियायसि ? तए णं सा धारिणी देवी ताहिं अंगपडियारियाहिं अब्भितरियाहिं य दासचडीहिं दोच्चं पि तच्चं पि एवं वृत्ता समाणी नो आढाइ नो परियाणाइ अणाढायमाणी अपरियाणमाणी तुसिणीया संचिट्ठइ । तए णं ताओ अंगपडियारियाओ दासचेडियाओ य धारिणीए देवीए अणाढाइज्जमाणीओ अपरिजाणिज्जमाणीओ तहेव संभंताओं समाणीओ धारिणीए देवीए अंतियाओ पडिनिक्खमंति २ जेणेव सेणिए राया तेणेव उवागच्छंति २ करयलपरिग्गहियं जाव कट्टु जएणं विजएणं वद्धावेंति २ एवं वयासी - एवं खलु सामी ! किंपि अज्ज धारिणी देवी ओलुग्गा ओलुग्गसरीरा जाव अट्टज्झाणोवगया झियाय । तए णं से सोणए राया तासिं अंगपडियारियाणं अंतिए एयमहं सोच्चा निसम्म तहेव संभंते समाणे सिग्धं तुरियं' चवलं वेइयं जेणेव धारिणी देवी तेणेव उवागच्छइ २ धारिणं देविं ओलुग्गं ओलुग्गसरीरं जाव अट्टज्झाणोवगयं झियायमाणिं पासइ २ एवं वयासीकिन्नं तुमं देवाणुप्पिए । ओलुग्गा ओलुग्गसरीरा जाव अट्टज्झाणोवगया झियायसि ? तए णं सा धारिणी देवी सोणिएणं रन्ना एवं वुत्ता समाणी नो आढाइ जाव तुसिणीया संचिट्ठइ । तए णं सेणिए राया धारिणि देविं दोच्चं पि तच्चं पि एवं वयासी - किन्नं तुमं देवाणुप्पिए! ओलुग्गा जाव झियायसि ? तणं सा धारिणी देवी सेणिएणं रन्ना दोच्चं पि तच्चं पि एवं बुत्ता समाणी नो आढाइ नो परियाणाइ तुसिणीया संचिट्ठइ । तए Page #26 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 13 -I.15] नायाधम्मकहाओ णं से सेणिए राया धारिणिं देवि सवहसावियं करेइ २ एवं वयासीकिं णं तुम देवाणुप्पिए ! अहमेयस्स अट्ठस्स अणरिहे सवणयाए तो णं तुमं ममं अयमेयारूवं मणोमाणसियं दुक्खं रहस्सीकरेसि । तए णं सा धारिणी देवी सेणिएणं रन्ना सवहसाविया समाणी सेणियं रायं एवं वयासी-एवं खलु सामी! मम तस्स उरालस्स जाव महासुमिणस्स तिण्हं मासाणं बहुपडिपुण्णाणं अयमेयारूवे अकालमेहेसु डोहले पाउब्भूए - धन्नाओ णं ताओ अम्मयाओ कयत्थाओ णं ताओ अम्मयाओ जाव वेभारगिरिपायमूलं आहिंडमाणीओ दोहलं विणेति । तं जइ णं अहमवि जाव दोहलं विणेज्जामि । तए णं हं सामी ! अयमेयास्वसि अकालदोहलंसि अविणिज्जमाणसि ओलुग्गा जाव अट्टल्झाणोवगया झियायामि । तए णं हं कारणेणं सामी ! ओलुग्गा जाव झियायामि । तए णं से सेणिए राया धारिणीए देवीए अंतिए एयमढ़ सोच्चा निसम्म धारिणी देवी एवं वयासी-मा णं तुमं देवाणुप्पिए ! ओलुग्गा जाव झियाहि । अहंणं वहा करिस्सामि जहा णं तुम्भं अयमेयारूवस्स अकालदोहलस्स मणोरहसंपत्ती भविस्सइ तिकटु धारिणी देवी इट्ठाहिं कंताहिं पियाहिं मणुनाहिं मणामाहिं वग्गूहि समासासेइ २ जेणेव बाहिरिया उवट्ठाणसाला तेणेव उवागच्छइ २ सीहासणवरगए पुरस्थाभिमुहे सन्निसण्णे धारिणीए देवीए एयं अकालडोहलं बहुहिं आएहि य उवाएहि य उप्पत्तियाहि य वेणइयाहि य कम्मियाहि य पारिणामियाहि य चउविहाहिं बुद्धीहिं' अणुचिंतेमाणे २ तस्स दोहलस्स आयं वा उवायं वा ठिइं वा उप्पत्तिं वा अविंदमाणे ओहयमणसंकप्पे जाव झियायइ । (15) तयाणंतरं च णं अभए कुमारे पहाए कयबलिकम्मे जाव सव्वालंकारविभूसिए पायवंदए पहारेत्थ गमणाए । तए णं से अभयकुमारे जेणेव सेणिए राया तेणेव उवागच्छइ सेणियं रायं ओहयमणसंकप्पं जाव झियायमाणं पासइ अयमेयारूवे अज्झथिए चिंतिए पथिए मणोगए संकप्पे समुप्पजित्था – अन्नया ममं सेणिए राया एज्जमाणं पासित्ता आढाइ परियाणाइ सक्कारेइ सम्माणेइ आलवइ संलवइ Page #27 -------------------------------------------------------------------------- ________________ नायाधम्मकहाओ [I.15अद्धासणेणं उवनिमंतेइ मत्थयंसि अग्याइ । इयाणिं ममं सेणिए राया नो आढाइ नो परियाणइ नो सक्कारेइ नो सम्माणेइ नो इट्ठाहिं कताहिं पियाहिं मणुन्नाहिं ओरालाहिं वग्गूर्हि आलवइ संलवइ नो अद्धासणेणं उवनिमंतेइ नो मत्ययंसि अग्घायइ कि पि ओहयमणसंकप्पे झियायइ। तं भवियव्वं णं एत्य कारणेणं । तं सेयं खलु ममं सेणियं रायं एयमट्ठ पुच्छित्तए । एवं संपेहेइ २ जेणामेव सेणिए राया तेणामेव उवागच्छइ २ करयलपरिग्गहियं सिरसावत्तं मत्थए अंजलिं कट्ट जएणं विजएणं वद्धावेइ २ एवं वयासी - तुब्भे गं ताओ! अन्नया ममं एज्जमाणं पासित्ता आढाह परियाणह जाव मत्थयंसि अग्घायह आसणेणं उवनिमंतेह । इयाण ताओ ! तुब्भे ममं नो आढाह नाव नो आसणेणं उवनिमतेह किं पि ओहयमणसंकप्पा जाव झियायह । तं भवियव्वं ताओ एत्य कारणेणं । तओ तुम्मे ममं ताओ एयं कारणं अगूहेमाणा असंकमाणा अनिण्हवेमाणा अपच्छाएमाणा जहाभूयमवितहमसंदिद्धं एयमहं आइक्खह । वए णं अहं तस्स कारणस्स अंतगमणं गमिस्सामि । तए णं से सेणिए राया अभएणं कुमारेणं एवं वुने समाणे अभयं कुमार एवं क्यासी-एवं खलु पुत्ता! तव चुल्लमाउयाए धारिणीदेवीए तस्स गब्भस्स दोसु मासेसु अइकंतेसु तइयमासे वट्टमाणे दोहलकालसमयसि अयमेयारूवे दोहले पाउन्भवित्था - धन्ना ओ णं ताओ अम्मयाओ तहेव निरवसेसं भाणियध्वं जाव विणेति । तए णं अहं पुत्ता धारिणीए देवीए तस्स अकालदोहलस्स बहूहिं आएहि य उवाएहिं जाव उप्पत्तिं अविंदमाणे ओहयमणसंकप्पे जाव झियामि तुमं आगयं पि न याणामि । तं एएणं कारणेणं अहं पुत्ता! ओहय जाव झियामि । तए णं से अभए कुमारे सेणियस्स रण्णो अंतिए एयमढे सोच्चा निसम्म हट्ट जाव हियए सेणियं रायं एवं वयासी- मा णं तुम्भे ताओ ओह्य जाव झियायह । अहं णं तहा करिस्सामि जहा णं मम चुल्लमाउयाए धारिणीए देवीए अयमेयारूवस्स अकालडोहलस्स मणोरहसंपत्ती भविस्सइ त्तिक? सोणयं रायं ताहिं Page #28 -------------------------------------------------------------------------- ________________ -1.16] नायाधम्मकहाओ इट्ठाहिं कंताहिं जाव समासासेइ । तए णं सेणिए राया अभएणं कुमारेणं एवं वुत्ते समाणे हद्वतुढे जाव अभयं कुमारं सक्कारेइ संमाणेइ २ पडिविसज्जेइ। (16) तए णं से अभए कुमारे सक्कारिए सम्माणिए पडिविसज्जिए सामाणे सेणियस्स रण्णो अंतियाओ पडिनिक्खमइ २ जेणामेव सए भवणे तेणामेव उवागच्छइ २ सीहासणे निसण्णे । तए णं तस्स अभयकुमारस्स अयमेयारूवे अज्झथिए जाव समुप्पन्जित्था- नो खलु सक्का माणुस्सएणं उवाएणं मम चुलमाउयाए धारिणीए देवीए अकालडोहलमणोरहसंपत्तिं करित्तए नन्नत्थ दिव्वेणं उवाएणं । अत्थि णं मज्झ सोहम्मकप्पवासी पुव्वसंगइए देवे महिड्डीए जाव महासोक्खे । तं सेयं खलु मम पोसहसालाए पोसहियस्स बंभयारिस्स उम्मकमणिसुवण्णस्स ववगयमालावण्णगविलेवणस्स निक्खित्तसत्थमुसलस्स एगस्स अबीयस्स दब्मसंथारोवगयस्स अट्ठमभत्तं पगिण्हित्ता पुव्वसंगइयं देवं मणसीकरेमाणस्स विहरित्तए। तए णं पुत्वसंगइए देवे मम चुल्लमाउयाए धारिणीए देवीए अयमेयारूवं अकालमेहेसु डोहलं विहिइ। एवं संपेहेइ २ जेणेव पोसहसाला तेणामेव उवागच्छइ २ पोसहसालं पमज्जइ उच्चारपासवणभूमि पडिलेहेइ २ दब्भसंथारगं दुरूहइ २ अट्ठमभत्तं पगिण्हइ २ पोसहसालाए पोसहिए बंभयारी जाव पुव्वसंगइयं देवं मणसीकरमाणे २ चिट्ठइ।तएणं तस्स अभयकुमारस्स अट्ठमभत्ते परिणममाणे पुत्वसंगइयस्स देवस्स आसणं चलइ । तए णं पुव्वसंगइए सोहम्मकप्पवासी देवे आसणं चलियं पासइ २ ओहिं पउंजइ । तए णं तस्स पुव्वसंगइयस्स देवस्स अयमेयारूवे अज्झथिए जाव समुप्पज्जित्था- एवं खलु मम पुव्वसंगइए जंबुद्दीवे २ भारहे वासे दाहिणड्डभरहे रायगिहे नयरे पोसहसालाए पोसहिए अभए नाम कुमारे अट्ठमभत्तं पगिण्हित्ता णं मम मणसीकरेमाणे २ चिट्ठइ । तं सेयं खलु मम अभयस्स कुमारस्स अंतिए पाउ भवित्तए । एवं संपेहेइ २ उत्तरपुरथिमं दिसीभागं अवकमइ २ वेउव्वियसमुग्घाएणं समोहणइ २ संखेज्जाइं जोयणाई दंडं निसिरइ । Page #29 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 16 नायाधम्मकहाओ [1.11तंजहा-रयणाणं चयराणं वेरुलियाणं लोहियक्खाणं मसारगल्लाणं हंसगम्भाणं पुलगाणं सोगंधियाणं जोईरसाणं अंकाणं अंजणाणं रयणाणं जायरूवाणं अंजणपुलगाणं फलिहाणं रिहाणं अहाबायरे पोग्गले परिसाडेइ अहासुहुमे पोग्गले परिगिण्हइ २ अभयकुमारमणुकंपमाणे देवे पुत्वभवजणियनेहपीइबहुमाणजायसोगे तओ विमाणवरपुंडरीयाओ रयणुत्तमाओ धरणियलगमणतुरियसंजणियगमणपयारे वाघुण्णियविमलकणगपयरगवडिंसगमउडउक्कडाडोवदंसणिज्जे अणेगमणिकणगरयणपहकरपरिमंडियभत्तिचित्तविणिउत्तगर्मणगजणियहरिसें खोलमाणवरललियकुंडलुज्जलियवयणगुणजणियसोमरूवे उदिओ विव कोमुदीनिसाए सणिच्छरंगारकुजलियमझमागत्ये नयणाणंदे सरयचंदे दिव्वोसहिपज्जलुज्जलियदसणाभिरामे उउलच्छिसमजायसोहे पइट्टगंधुद्धयाभिरामे मेरुविव नगवरे वेठब्वियविचित्तवेसे दीवसमुदाणं असंखपरिमाणनामधेज्जाणं मज्झयारेणं वीइवयमाणे उज्जोयंतो पभाए विमलाए जीवलोयं" रायगिहं पुरैवरं च अभयस्स पासं ओवयइ २ दिव्वरूवधारी । __(17) तए णं से देवे अंतलिक्खपडिवन्ने दसवण्णाई सखिखिणियाइं पवरवत्थाई परिहिए । एक्को ताव एसो गमो । अन्नो वि गमोवाए उक्किट्ठाए तुरियाए चवलाए चंडाए सीहाए उद्धयाए जयणाए छेयाए दिव्वाए देवगईए जेणामेव जंबुद्दीवे २ भारहे वासे जेणामेव दाहिणद्धभरहे रायगिहे नयरे पोसहसाला अभए कुमारे वेणामेव उवागच्छइ २ अंतलिक्खपडिक्ने दसद्धवण्णाई सखिखिणीयाई पवरत्थाई परिहिए अभयं कुमारं एवं वयासी - अहं णं देवाणुप्पिया ! पुव्वसंगइए सोहम्मकप्पवासी देवे महड्डीए जं गं तुमं पोसहसालाए अट्ठमभत्तं पगिण्हित्ता णं मम मणसीकरमाणे चिट्ठसि । एस णं देवाणुप्पिया ! अहं इहं हव्वमागए । संदिसाहि णं देवाणुप्पिया! किं करेमि किं दलामि किं पयच्छामि किं वा ते हियेइच्छियं । तए णं से अभए कुमारे तं पुव्वसंगइयं देवं अंतलिक्खपडिव पासइ २ हद्वतुढे पोसह पारेइ २ करयल जाव अंजलिं कट्ट एवं यासी- एवं खलु देवाणुप्पिया ! मम Page #30 -------------------------------------------------------------------------- ________________ -I.17] नायाधम्मकहाओ 11 चुल्लमाउयाए धारिणीए देवीए. अयमेयारूवे अकालडोहेले पाउन्भूए - धन्नाओ णं ताओ अम्मयाओ तहेव पुठ्वगमेणं जाव विणेज्जामि । तं गं तुमं देवाणुप्पिया मम चुल्लमाउयाए धारिणीए देवीए अयमेयारूवं अकालडोहलं विणेहि । तए णं से देवे अभएणं कुमारेणं एवं वुत्ते समाणे हट्टतुढे अभयं कुमारं एवं वयासी- तुमं णं देवाणुप्पिया ! सुनिव्वुयीसत्थे अच्छाहि । अहं णं तव चुलमाउयाए धारिणीए देवीए अयमेयारूवं डोहलं विणेमि तिकट्ट अभयस्स कुमारस्स अंतियाओ पडिनिक्खमइ उत्तरपुरस्थिमे णं वेभारपव्वए वेउब्वियसमुग्घाएणं समोहण्णइ संखेज्जाइं जोयणाई दंडं निस्संरइ जाव दोचंपि वेउव्वियसमुग्घाएणं समोहणइ खिप्पामेव सगजइयं सविज्जुयं सफुसियं पंचवण्णमेहनिणाओवसोहियं दिव्वं पाउंससिरिं विउन्वइ २ जेणेव अभए कुमारे तेणेव उवागच्छइ २ अभयं कुमारं एवं क्यासीएवं खलु देवाणुप्पिया ! मए तव पियट्ठयाए सगज्जिया सफुसिया सविज्जुया दिव्वा पाउससिरी विउव्विया । तं विणेऊ णं देवाणुप्पिया तव चुल्लाउया धारिणीदेवी अयमेयारूवं अकालमेहडोहलं । तए णं से अभए कुमारे तस्स पुष्वसंगइयस्स सोहम्मकप्पवासिस्स देवस्स अंतिए एयमहं सोच्चा निसम्म हट्टतुढे सयाओ भवणाओ पडिनिक्खमइ २ जेणामेव सेणिए राया तेणामेव उवागच्छइ करयल जाव अंजलिं कटु एवं वयासी- एवं खलु ताओ ! मम पुत्वसंगइएण सोहम्मकप्पवासिणा देवणं खिप्पामेव सगज्जियसविज्जुयपंचवण्णमेहनिणाओवसोभिया दिवा पाउससिरी विउव्विया । तं विणेउ णं मम चुल्लमाउया धारिणी देवी अकालदोहलं । तए णं से सेणिए राया अभयस्स कुमारस्स अंतिए एयमहँ सोच्चा निसम्म हट्टतुट्ट कोडुंबियपुरिसे सहावेइ २ एवं वयासी - खिप्पामेव भो देवाणुप्पिया ! रायगिहं नगरं सिंघाडगतिगचउक्कचच्चर आसित्तसित्त जाव सुगंधवरगंधियं गंधवट्टिभूयं करेह य कारवेह य एयमाणत्तियं पच्चप्पिणह । तए णं ते कोडुंबियपुरिसा जाव पच्चप्पिणंति । तए णं से सेणिए राया Page #31 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 18 नायाधम्मकहाओ (1.17दोच्चंपि कोडुंबियपुरिसे सहावेइ २ एवं वयासी - खिप्पामेव भो , देवाणुप्पिया ! हयगयरहजोहपवर कलियं चाउरंगिणिं सेणं सन्नाहेह सेयणयं च गंधहत्यिं परिकप्पेह । तेवि तहेव जाव पच्चप्पिणति । तए णं से सेणिए राया जेणेव धारिणी देवी तेणेव उवागच्छइ २ धारिणं देवि एवं वयासी -एवं खलु देवाणुप्पिए ! सगज्जिया जाव पाउससिरी पाउन्भूया । तं गं तुमं देवाणुप्पिए ! एयं अकालदोहलं विणेहि । तए णं सा धारिणी देवी सणिएणं रन्ना एवं वुत्ता समाणी हट्टतुट्ठा जेणामेव मज्जणघरे तेणेव उवागच्छइ २ मज्जणघरं अणुप्पविसइ २ अंतो अंतेउरंसि व्हाया कयबलिकम्मा कयकोउयमंगलपायच्छित्ता किं ते वरपायपत्तनेउर जाव आगासफालियसमप्पभं अंसुयं नियत्या सेयणयं गंधहत्यि दुरूढा समाणी अमयमहियफेणपुंजसन्निगासाहिं सेयचामरवालवीयणीहिं वीइज्जमाणी २ संपत्थिया । तए णं से सेणिए राया पहाए कयबलिकम्मे जाव सस्सिरीए हत्थिखंधवरगए सकोरेंटमल्लदामेणं छत्तेणं धरिज्जमाणेणं चउचामराहिं वीइज्जमाणे धारिणीदेवीं पिट्ठओ अणुगच्छइ । तए णं सा धारिणीदेवी सेणिएणं रन्ना हत्थिखंघवरगएणं पिट्ठओ २ समणुगम्ममाणमग्गा हयगयरहजोहकलियाए चाउरंगिणीए सेणाए सद्धिं संपरिवुडा महया भडचडगरवंदपरिक्खित्ता सव्विड्डीए सव्वज्जुईए जाव दुंदुभिनिग्घोसनाइयरवेणं रायगिहे नयरे सिंघाडगतिगचउक्कचच्चर जाव महापहेसु नांगरजणेणं अभिनंदिज्जमाणी २ जेणामेव वेभारगिरिपव्वए तेणामेव उवागच्छइ वेभारगिरिकडगतडपायमूले आरामेसु य उज्जाणेसु य काणणेसु य वणेसु य वणसंडेसु य रुक्खसु य गुच्छेसु य गुम्मेसु य लयासु य वल्लीसु य कंदरासु य दरीसु य चुढीसु य दहेसु य कच्छेसु य नदीसु य संगमेसु य विवरएसु य अच्छमाणी य पेच्छमाणी य मज्जमाणी य पत्चाणि य पुप्फाणि य फलाणि य पल्लव्वाणि य गिण्हमाणी य माणेमाणी य अग्यायमाणी य परिभुंजमाणी य परिभाएमाणी य वेभारगिरिपायमूले दोहलं विणेमाणी सव्वओ समंता आहिंडइ । तए णं सा धारिणीदेवी तंसि अकाल Page #32 -------------------------------------------------------------------------- ________________ -1.20] नायाधम्मकहाणो . 19 दोहलंसि विणीयंसि संमाणियदोहला विणीयदोहला संपुण्णदोहला संपन्न. डोहला जाया यावि होत्था । तए णं सा धारिणीदेवी सेयणयगंधहत्यि दूरूढा समाणी सेणिएणं हत्यिखंधवरगएणं पिट्ठओ २ समणुगम्ममाणमग्गा हयगय जाव रवेणं जेणेव रायगिहे नयरे तेणेव उवागच्छइ रायगिह नयरं मझमझेणं जेणामेव सए भवणे तेणामेव उवागच्छइ २ विउलाई माणुस्सगाई भोगभोगाइं जाव विहरइ। (18) वए णं से अभए कुमारे जेणामेव पोसहसाला तेणामेव उवागच्छह २ पुव्वसंगइयं देवं सकारेइ सम्माणेइ २ पडिविसज्जेइ । तए णं से देवे सगज्जियं पंचवण्णमेहोवसोहियं दिव्वं पाउससिरिं पडिसाहरइ २ जामेव दिसि पाउन्भूए तामेव दिसिं पडिगए। (19) तए णं सा धारिणी देवी तंसि अकालदोहलंसि विणीयंसि सम्माणियडोहला तस्स गब्भस्स अणुकंपणहाए जयं चिट्ठइ जयं आसइ जयं सुवइ आहारं पि य णं आहारेमाणी नाइतित्तं नाइकडुयं नाइ. कसायं नाइअंबिलं नाइमहुरं जं तस्स गन्भस्स हियं मियं पत्थयं देसे य काले य आहारं आहारेमाणी नाइचिंतं नाइसोयं नाइमोहं नाइभयं नाइपरिचासं ववगयचिंतासोयमोहभयपरिचासा · उउभयमाणसुहेहिं भोयणच्छायणगंधमल्लालंकारेहिं तं गम्भं सुहंसुहेणं परिवहइ । (20) तए गं सा धारिणी देवी नवण्हं मासाणं बहुपडिपुण्णाणं अद्भुट्ठमाण य राइंदियाणं वीइकताणं अद्धरत्तकालसमयंसि सुकुमालपाणिपायं नाव सव्वंगसुंदरं दारगं पयाया । तए णं ताओ अंगपडियारियाओ धारिणं देविं नवण्हं मासाणं जाव दारगं पयायं पासंति २ सिग्धं तुरियं चवलं वेइयं जेणेव सेणिए राया तेणेव उवागच्छंति सणियं रायं जएणं विजएणं वद्धावेंति करयलपरिग्गहियं सिरसावत्तं मत्थए अंजालं कट्ट एवं वयासी-एवं खलु देवाणुप्पिया ! धारिणीदेवी नवण्हं मासाणं जाव दारगं पयाया ! तंणं अम्हे देवाणुप्पियाणं पियं निवेएमो पियं भे भवउ । तए णं से सेणिए राया तासिं अंगपडियारियाणं अंतिए एयम, सोच्चा निसम्म हट्टतुट्टे ताओ अंगपडियारियाओ महुरोहिं वयणेहिं विउलेण Page #33 -------------------------------------------------------------------------- ________________ नायाधम्मक हाओ [ 1.20 य पुप्फगंधमलालंकारेणं सक्कारेइ सम्माणेइ २ मत्थयधोयाओ करेइ पुत्ताणुपुत्तियं वित्तिं कप्पेइ २ पडिविसज्जेइ । तए णं से सेणिए राया पच्चूसकालसमयंसि कोडुंबिय पुरिसे सहावेइ २ एवं बयासी - खिप्पामेव भो देवाप्पिया ! रायगिहं नगरं आसिय जाव परिगीयं करेह २ चारगपरिसोहणं करेह २ माणुम्माणवद्धणं करेह २ एयमाणत्तियं पच्चप्पिणह जाव पच्चप्पिणंति । तए पं से सेपिए राया अट्ठारससेणिप्प सेणीओ सहावेइ २ एवं वयासी - गच्छह णं तुब्भे देवाणुप्पिया ! रायगिद्दे नगरे अभितर बाहिरिए उस्सुकं उकरं अभडप्पवेसं अदंडिमकुदंडिमं अधरिमं अधारणिज्जं अणुद्धुयमुइंगं अमिलायमल्लदामं गणियावरनाडइज्ज कलियं अणेगतालायराणुचरियं पमुइयपक्कीलियाभिरामं जहारिहं ठिइवडियं दसदिवसियं करेह २ एयमाणत्तियं पच्चपिणह तेवि करेंति तद्देव पच्चपिणंति । तए णं से सेणिए राया बाहिरियाए उवट्ठाणसालाए सीहा सणवरगए पुरस्थाभिमुद्दे सन्निसणे सयएहि य साहस्सिएहि य सय साहस्सिएहि य जाएहि य दाएहिं य भाएहि य दलयमाणे २ पडिच्छेमाणे २ एवं च णं विहरइ । तए णं तस्स अम्मापियरो पढमे दिवसे जायकम्मं कर्रेति २ बिइयदिवसे जागरियं करेंति तइए दिवसे चंदसूरदंसणियं कर्रेति २ एवामेव निव्वत्ते असुंइजायकम्मकरणे संपत्ते बारसाहदिवसे विपुलं असणपाणखाइमसाइमं उवक्खडावेंति २ मित्तनाइनियगसयण संबंधिपरियणं बलं च बहवे गणनायग जाव आमंतेंति तओ व्हाया कयबलिकम्मा कयकोउय जाव सव्वालंकारविभूसिया महइमहालयंसि भोयणमंडवंसि तं विपुलं असणं पाणं खाइमं साइमं मित्तनाइगणनायग जाव सार्द्धं आसाएमाण/ विसाएमाणा परिभाएमाणा परिभुंजेमाणा एवं चणं विहरंति जिमियभुत्तत्तरागयावि य णं समाणा आयंता चोक्खा परमसुइभूया तं मित्तनाइनियगसयणसंबंधिपरियणं बलं च बहवे गणनायग जाव विपुलेणं पुप्फवत्थगंध मल्लालंकारणं सकारैति सम्मार्णेति २ एवं वयासी - जम्हा पं अम्हं इमस्स दारगस्स गब्र्भस्थस्स चेव समाणस्स अकाल डोहले पाउन्भू तं होऊ णं अम्हं दारए मेहे नाणं मेहे । । 20 Page #34 -------------------------------------------------------------------------- ________________ -1.20] नायाधम्मकाओ तस्स दारगस्स अम्मापियरो अयमेयारूवं गोण्णं गुणनिष्फण्णं नामधेज्जं करेंति मेहे इ । तए णं से मेहे कुमारे पंचधाईपरिग्गहिए तंजहा - खीरधाई मज्जणधाईए कीलावणधाईए मंडणधाईए अंकधाईए अन्नाहि य बहूहिं खुज्जाहिं चिलाइयाहिं वामणिवडभिबच्चरिबउसिजोणिय पल्हविइसिणिधोरुणिगिणिलासिय लडसियदमिलिसिंह लिआरबिपुलिंदिपर्वणिबहटिमुरंडिसबरिपारसीहिं नानादेसीहिं विदेसपरिमंडियाहिं इंगियचिंतियपत्थियवियाणियाहिं सदेसनेवत्थगहियवेसाहिं निउणकुसलाहिं विणीयाहिं चेडियाचक्कवाल वरिसधरकंचुइज्जमहयरगवंदपरिक्खित्ते इत्थाओ इत्थं सार्हरिज्जमाणे अंकाओ अंकं परिभुज्जमाणे परिगिज्जमाणे उवलालिज्जमाणे रम्मंसि मणिकोट्टिमतलांस परिमिर्जंमाणे २ निव्वायानिव्वाघायंसि गिरिकंदरमल्लीणेव चंपगपायवे सुहंसुहेणं वइ । तए णं तस्स मेहस्स कुमारस्स अम्मापियरो अणुपुव्वेणं नामकरणं च पजेमणगं च एवं चंकमणगं च चोलोवणयं च महया २ इड्डीसक्कारसमुदएणं करेंसु । तए णं तं मेहं कुमारं अम्मापियरो साइरेगट्ठवासजायगं चेव गन्भट्टमे वासे सोहसि तिहिकरणमुहुत्तंसि कलायरियस्स उवर्णेति । तए ण से कलायरिए मेहं कुमारं लेहाइयाओ गणियप्पहाणाओ सउणरुयपज्जवसाणाओ बावतरिकलाओ सुत्तओ य अत्थओ य करणओ य सेहावेइ सिक्खावेइ तंजहा - लेहं गणियं रूवं नट्टं गीयं वाइयं सरगयं पोक्खरगयं समतालं जूयं जणवायं पासयं अट्ठावयं पोरेकच्चं दगमट्टियं अन्नविहिं पाणविहिं वत्थविहिं विलेवणविहिं सयणविहिं अज्जं पहेलियं मागहियं गाहं गीइयं सिलोगं हिरण्णजुत्तिं सुवण्णजुत्तिं चुण्णजुत्तिं आभरणविहिं तरुणीपडिकम्मं इत्थिलक्खणं पुरिसलक्खणं हयलक्खणं गयलक्खणं गोणलक्खणं कुक्कुडलक्खणं छत्तलक्खणं दंडलक्खणं असिलक्खणं मणिलक्खणं कागिणिलक्खणं वत्थुविज्जं खंधारमाणं नमरमाणं वूहं पडिवूहं चारं पडिचारं चक्कवूहं गरुलवूहं सगडवूहं जुद्धं निजुद्धं जुद्धाइजुद्धं अट्ठिजुद्धं मुट्ठिजुद्धं बाहुजुद्धं लयाजुद्धं ईसत्थं छरुप्पवायं धणुव्वेयं हिरण्णपागं सुवण्णपागं सुत्तखेडं वट्टेखेडं नालियाखेडं पत्तच्छेज्जं कडेच्छेज्जं सज्जीवं निज्जीवं 21 Page #35 -------------------------------------------------------------------------- ________________ नायाधम्मकहाओ [I.24सउणरुयं ति। (21) तए णं से कलायरिए मेहं कुमारं लेहाइयाओ गणियप्पहाणाओ सउणरुयंपज्जवसाणाओ बावत्तरिं कलाओ सुत्तओ य अत्यओ य करणओ य सेहावेइ २ अम्मापिऊणं उवणेइ । वए णं मेहस्स कुमारस्स अम्मापियरोतं कलायरियं महुरोहिं वयणेहिं विउलेणं वत्थगंधमलालंकारेणं सक्कारेंति सम्माणेति विउलं जीवियारिहं पीइदाणं दलयंति २ पडिविसज्जेंति । ___ (22) तए णं से मेहे कुमारे बावचरिकलापंडिए नवंगसुत्तपडिबोहिए अट्ठारसविहिपगारदेसीभासाविसारए गीयरइयगंधवनट्टकुसले हयजोही गयजोही रहजोही बाहुजोही बाहुप्पमही अलंभोगसमत्थे साहसिए वियालचारी जाए यावि होत्था। (23) तए णं तस्स मेहकुमारस्स अम्मापियरो मेहं कुमारं बावत्तरिकलापंडियं जाव वियालचारी जायं पासंति २ अट्ठ पासायवडिंसए कारेंति अब्मुग्गयमूसियपहसिए विव मणिकणगरयणभत्तिचित्ते वाउध्दुयविजयवेजयंतीपडागाछत्ताइच्छत्तकलिए तुंगेगगणतलमभिलंघमाणसिहरे जालंतररयणपंजरुम्मिलिएश्व मणिकणगथूभियाए वियसियसयवत्तपुंडरीए तिलयरयणद्धचंदच्चिए नानामणिमयदामालंकिए अंतो बहिं च सण्हे तवणिज्जरुइलवालुयापत्थरे सुहफासे सस्सिरीयरूवे पासाईए जाव पडिरूवे । एगं च णं महं भवणं कारेंति अणेगखंभसयसन्निविट्ठ लीलट्ठियसालभंजियागं अब्भुग्गयसुकयवइरवेइयातोरणवररइयसालभंजियासुसिलिट्ठविसिट्ठलट्ठसंठियपसत्यवेरुलियखंभनाणामणिकणगरयणखचियउज्जलं बहुसमसुविभत्तनिचियरमणिज्जभूमिभागं ईहामिय जाव भत्तिचित्तं खंभुग्गयवयरवेइयापरिगयाभिरामं विज्जाहरजमलजुयलजंतजुत्तंपिव अच्चीसहस्समालणीयं रूवगसहस्सकलियं भिसमाणं भिब्भिसमाणं चक्खुल्लोयणलेसं सुहफासं सस्सिरीयरूवं कंचणमणिरयणथूभियागं नाणाविहपंचवण्णघंटापडागपरिमंडियग्गसिहरं धवलमिरीचिकवयं विणिम्मुयंतं लाउल्लोइयमहियं जाव गंधवट्टिभूयं पासाईयं दरिसणिज्जं अभिरूवं पडिरूवं । (24) तए णं तस्स मेहस्स कुमारस्स अम्मापियरो मेहं कुमारं सोह Page #36 -------------------------------------------------------------------------- ________________ -1.25] नायाधम्मकहाओ 23 पंसि तिहिकरणनक्खत्तमुहुत्तसि सरिसियाणं सरिव्वयाणं सरित्तयाणं सरिसलावण्णरूवजोव्वणगुणोववेयाणं सरिसएहितो रायकुलेहितो आणिल्लियाणं पसाहणटुंगअविहववहूओवयणमंगलसुजंपिएहिं अट्ठहिं रायवरकन्नाहिं सद्धिं एगदिवसेणं पाणिं गिहाविंसु । तए णं तस्स मेहस्स अम्मापियरो इमं एयारूवं पीइदाणं दलयंति - अट्ठ हिरण्णकोडीओ अट्ठ सुवण्णकोडीओ गाहाणुसारेण माणियध्वं जाव पेसणकारियाओ अन्नं च विपुलं धणकणगरयणमणिमोत्तियसंखसिलप्पवालरत्तरयणसंतसारसावएजं अलाहि जाव आसत्तमाओ कुलवंसाओ पकामं दाउं पकामं भोत्तुं पकामं परिभाएउं । तए णं से मेहे कुमारे एगमेगाए भारियाए एगमेगं हिरण्णकोडिं दलयइ एगमेगं सुवण्णकोडिं दलयइ जाव एगमेगं पेसणकारिं दलयइ अन्नं च विउलं घणकणग जाव परिभाएउं दलयइ । तए णं से मेहे कुमारे उप्पि पासायवरगए फुट्टमाणेहिं मुइंगमत्थएहिं वरतरुणिसंपउत्तेहिं बत्तीसइबद्धएहिं नाडएहिं विहरइ । ___(25) तेणं कालेणं २ समणे भगवं महावीरे पुव्वाणुपुट्विं चरमाणे गामाणुगामं दूइज्जमाणे सुहंसुहेणं विहरमाणे जेणामेव रायगिहे नयरे गुणसिलए चेइए जाव विहरइ । तए णं रायगिहे नयरे सिंघाडगतिगचउक्कचच्चरे महया बहुजणसहे इ वा जाव बहवे उग्गा भोगा जाव राय. गिहस्स नगरस्स मज्झमझेणं एगदिसि एगाभिमुहा निग्गच्छंति । इमं च णं मेहे कुमारे उप्पिं पासायवरगए फुट्टमाणेहिं मुयंगमत्थएहिं जाव माणुस्सए कामभोगे भुंजमाणे रायमग्गं च आलोएमाणे २ एवं च णं विहरइ । तए णं मेहे कुमारे ते बहवे उग्गा भोगा नाव एगदिसाभिमुहे निग्गच्छमाणे पासइ २ कंचुइज्जपुरिसं सद्दावेइ २ एवं वयासीकिन्नं भो देवाणुप्पिया! अज्ज रायगिहे नगरे इंदमहे इ वा खंदमहे इ वा एवं.. रुहसिववेसमणनागजक्खभूयनंईतलायरुक्खचेइयपव्वयउज्जाणगिरिजत्ताइ वा जओ णं बहवे उग्गा भोगा जाव एगदिसिं एगाभिमुहा निग्गच्छंति । तए णं से कंचुइज्जपुरिसे समणस्स भगवओ महावीरस्स गहियागमणपवित्चीए मेहं कुमारं एवं वयासी - नो खलु देवाणुप्पिया ! Page #37 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 24 नायाधम्मकहाओ [1.27अज रायगिहे नयरे इंदमहे इ वा जाव गिरिजत्ता इ वा जणं एए उग्गा जाव एगदिसिं एगाभिमुहा निग्गच्छंति । एवं खलु देवाणुप्पिया ! समणे भगवं महावीरे आइगरे तित्थगरे इहमागए इह संपत्ते इह समोसढे' इह चेव रायगिहे नगरे गुणसिलए चेइए अहापडिरूवं जाव विहरइ । ___ (26) तए णं से मेहे कुमारे कंचुइज्जपुरिसस्स अंतिए एयमढं सोचा निसम्म हहतुढे कोडुबियपुरिसे सहावेइ २ एवं वयासी - खिप्पामेव भो देवाणुप्पिया ! चाउग्घंटं आसरहं जुन्नामेव उवट्ठवेह जाव उवणेति। तए णं से मेहे पहाए जाव सव्वालंकारविभूसिए चाउग्घंटे आसरहं दुरूढे समाणे सकोरंटमल्लदामेणं छत्चेणं धरिज्जमाणेणं महया भवचडगरवंदपारियालसंपरिखुडे रायगिहस्स नयरस्स मज्झमझेणं निगच्छइ २ जेणामेव गुणसिलए चेइए तेणामेव उवागच्छइ २ समणस्स भगवओ महावीरस्स छत्ताइच्छत्तं पडागाइपडागं विज्जाहरचारणे जभए य देवे ओवयमाणे पासइ २ चाउग्घंटाओ आसरहाओ पच्चोरुहइ २ समणं भगवं महावीरं पंचविहेणं अभिगमेणं अभिगच्छइ तंजहा - सचित्ताणं व्वाणं विउसरणयाए, अचित्ताणं व्वाणं अविउसरणयाए, एगसाडियं उत्तरासंगकरणेणं, चक्खुफासे अंजलिपग्गहेणं, मणसो एगत्तीकरणेणं । जेणामेव समणे भगवं महावीरे वेणामेव उवागच्छइ २ समणं भगवं तिक्खुत्तो आयाहिणपयाहिणं करेइ वंदइ नमंसइ २ समणस्स भगवओ नच्चासन्ने नाइदूरे सुस्सूसमाणे नमसमाणे पंजलिउडे अभिमुहे विणएणं पज्जुवासइ। तए णं समणे भगवं महावीरे मेहस्स कुमारस्स तीसे य महइमहालियाए महच्चपरिसाए मझगए विचित्तं धम्ममाइक्खइ, जहा - जीवा बझंति मुच्चंति जहा य संकिलिस्सति । धम्मकहा भाणियध्वा जाव परिसा पडिगया । (27) तए णं से मेहे कुमारे समणस्स भगवओ महावीरस्स अंतिए धम्म सोच्चा निसम्म हट्ठतुढे समणं भगवं महावीरं तिक्खुत्तो आयाहिणपयाहिणं करेइ २ वंदइ नमसइ २ एवं वयासी- सद्दहामि णं भंते ! निग्गथं पावयणं एवं पत्तियामि गं रोएमि णं अब्भुट्ठमि णं भंते ! Page #38 -------------------------------------------------------------------------- ________________ -1.20] नायाघम्मकहाओ निग्गथं पावयणं । एवमेयं भंते ! तहमेयं अवितहमेयं इच्छियमेयं पडिच्छियमेयं भंते ! इच्छियपडिच्छियमेयं भंते ! से जहेव तं तुब्भे वयह जं नवरं देवाणुप्पिया ! अम्मापियरो आपुच्छामि तओ पच्छा मुंडे भवित्ताण पव्वइस्सामि । अहासुहं देवाणुप्पिया मा पडिबंधं । तए णं से मेहे कुमारे समणं भगवं वंदइ नमसइ २ जेणामेव चाउग्घंटे आसरहे तेणामेव उवागच्छइ २ चाउग्घंटं आसरहं दुरूहइ महया भडचडगरपहकरेणं रायगिहस्स नगरस्स मझमझेणं जेणामेव सए भवणे तेणामेव उवागच्छइ २ चाउग्घंटाओ पचोरुहइ २ जेणामेव अम्मापियरो तेणामेव उवागच्छइ २ अम्मापिऊणं पायवडणं करेइ २ एवं वयासी- एवं खलु अम्मयाओ! मए समणस्स भगवओ महावीरस्स अंतिए धम्मे निसंते से वि य मे धम्मे इच्छिए पडिच्छिए अभिरुइए । तए णं तस्स मेहस्स अम्मापियरो एवं वयासी - धन्नेसि तुमं जाया ! संपुण्णे कयत्थे कयलक्खणे सि तुमं जाया! जन्नं तुमे समणस्स ३ अंतिए धम्मे निसंते। सेवि य ते धम्मे इच्छिए पडिच्छिए अभिरुइए। तए णं से मेहे कुमारे अम्मापियरो दोचपि तञ्चपि एवं वयासी-एवं खलु अम्मयाओ! मए समणस्स ३ अंतिए धम्मे निसंते । से वि य मे धम्मे इच्छिए पडिच्छिए अभिरुइए । तं इच्छामि णं अम्मयाओ! तुमहिं अन्भणुनाए समाणे समणस्स ३ अंतिए मुंडे भवित्ताणं अगाराओ अणगारियं पव्वइत्तए । तए णं सा धारिणी देवी तं. अणिटुं अकंतं अप्पियं अमणुन्नं अमणामं असुयपुव्वं फरुसगिरं सोच्चा निसम्म इमेणं एयारूवेणं मणोमाणसिएणं महया पुत्तदुक्खणं अभिभूया समाणी सेयागयरोमकूवपगलंतविलीणगाया सोयभरपवेवियंगी नित्तेया दीणविमणवयणा कर. यलमलियव्य कमलमाला तक्खणओलुग्गदुब्बलसरीरा. लावण्णसुन्ननिच्छायगयसिरीया पसिढिलभूसणपडतखुम्मियसंचुण्णियधवलवलयपब्भट्ठउत्तरिज्जा सूमालविकिण्णकेसहत्था मुच्छावसनट्ठचेयगरुई पैरसुनियत्तव्व चंपगलया निव्वचमहे व इंदलट्ठी विमुक्कसंधिबंधणा कोट्टिमतलंसि सव्वंगेहिं धसति पडिया । तए णं सा धारिणी देवी ससंभमोवत्तियाए Page #39 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 26 नायाधम्मकहाओ [128तुरियं कंचणभिंगारमुहविणिग्गयसीयलजलविमलधाराए परिसिंचमाणा निव्वावियगायलट्ठी उक्खेवणतालविंटवीयणगजणियवाएणं सफुसिएणं अंतेउरपरियणेणं आसासिया समाणी मुत्तावलीसन्निगासपवडतअंसुधाराहिं सिंचमाणी पओहरे कलुणविमणदीणा रोयमाणी कंदमाणी तिप्पमाणी सोयमाणी विलवमाणी मेहं कुमारं एवं वयासी।___ (28) तुमं सि णं जाया ! अम्हं एगे पुत्ते इढे कंते पिए मणुन्ने मणामे थेज्जे वेसासिए सम्मए बहुमए अणुमए भंडकरंडगसमाणे रयणे रयणभूए जीवियउस्सासए हिययाणंदजणणे उंबरपुष्पं पिव दुल्लहे सवणयाए किमंग पुण पासणयाए । नो खलु जाया ! अम्हे इच्छामो खणमवि विप्पओगं सहित्तए । तं भुंजाहि ताव जाया ! विपुले माणुस्सए कामभोगे जाव ताव वयं जीवामो। तओ पच्छा अम्हेहिं कालगएहिं परिणयवए वड्डियकुलवंसतंतुकज्जमि निरवएक्खे समणस्स ३ अंतिए मुंडे भवित्ता अगाराओ अणगारियं पव्वइस्ससि । तए णं से मेहे कुमारे अम्मापिऊहिं एवं वुत्ते समाणे अम्मापियरो एवं वयासी- तहेव णं तं अम्मो ! जहेव णं तुम्भे ममं एवं वयह-तुमं सि णं जाया ! अम्हं एगे पुत्ते तं चेव जाव निरवएक्खे समणस्स जाव पव्वइस्ससि । एवं खलु अम्मयाओ! माणुस्सए भवे अधुवे अणियए असासए वसणसउवद्दवाभिभूए विज्जुलयाचंचले अणिच्चे जलबुब्बुयसमाणे कुसग्गजलबिंदुसन्निभे संझब्भरागसरिसे सुविणदसणोवमे सडणपडणविद्धंसणधम्मे पच्छा पुरं च णं अवस्सविप्पजहाणज्जे । से केणं जाणइ अम्मयाओ ! के पुटिव गमणाए के पच्छा गमणाए ? तं इच्छामि णं अम्मयाओ ! तुब्गेहिं अब्भणुन्नाए समाणे समणस्स ३ बाव पव्वइत्तए । तए णं तं मेहं कुमारं अम्मापियरो एवं वयासी-इमाओ ते जाया । सरिसियाओ सरित्तयाओ सरिठ्वयाओ सरिसलावण्णरूवजोव्वणगुणोववेयाओ सरिसेहितो रायकुलेहितो आणियल्लियाको भारियाओ । तं भुंजाहि णं जाया ! एयाहिं सद्धिं विउले माणुस्सए कामभोगे । पच्छा भुत्तभोगे समणस्स ज़ाव पव्वइस्ससि । तए ण से मेहे Page #40 -------------------------------------------------------------------------- ________________ -1.28] नायाघम्मकाओ कुमारे अम्मापियरं एवं वयासी - तद्देव णं अम्मयाओ ! जं णं तुन्भे ममं एवं वयह - इमाओ ते जाया ! सरिसियाओ नाव पव्वइस्ससि । एवं खलु अम्मयाओ माणुसगा कामभोगा असई असासया वंतासवाः पित्तास्रवा खेळासवा सुक्कासवा सोणिया सवा दुरुस्सासनीसासा दुरूवमुत्तपुरीसपूयबहुपडिपुण्णा उच्चारपासवणखेलसिंघाणगवंतपित्तसुक्कसोणियसंभवा अधुवा आणियत्ता असासया सडणपडणार्वद्धंसणधम्मा पच्छा पुरं च णं अवस्सविप्पजहणिज्जा | से' के णं अम्मयाओ ! जाव पव्वइत्तए । तए णं तं मेहं कुमारं अम्मापियरो एवं वयासी - इमे य ते जाया ! अज्जयपज्जयपिउपज्जयागए सुबहु हिरण्णे य सुवण्णे य कंसे य दूसे य मणिमोत्तिय संखसिलप्पवालरत्तरयणसंतसा रसावएज्जे य अलाहि जाव आसतमाओ कुलवंसाओ पगामं दाडं पगामं भोतुं पकामं परिभाएंउ । तं अणुहोहि तावं जाया ! विपुलं माणुस्सगं इड्डिसकारसमुदयं । तओ पच्छा अणुभूयकलाणे समणस्स ३ जाव पव्वइस्ससि । तए णं से मेहे कुमारे अम्मापियरं एवं वयासी - तद्देव णं अम्मयाओ ! जं णं तं वयह - इमे ते जाया ! अज्जगपज्जग जाव तओ पच्छा अणुभूयकल्लाणे पव्वइस्ससि । एवं खलु अम्मयाओ ! हिरण्णे य जाव सावएज्जे अग्गिसाहिए चोर साहिए राय साहिए दाइयसाहिए मच्चुसाहिए अग्गिसामने जाव मचुसामन्ने सढणपडणविद्धंसणधम्मे पच्छा पुरं च णं अवस्सविप्पजइणिज्जे । से 1 केणं जाणइ अम्मयाओ ! के पुवि जाव गमणाए । तं इच्छामि जाव पव्वइत्तए । तए णं तस्स मेहस्स कुमारस्स अम्मापियरो जाहे नो संचाइंति मेहं कुमारं बहूहिं विसयाणुलोमाहिं आघवणाहि य पन्नवणाहि य सन्नवणाहि य विन्नवणाहि य आघवित्तए वा पन्नवित्तए वा सन्नवितर वा विन्नवित्तए वा ताहे विसयपडिकूलाहिं संजमभउब्वेयकारियाहि पनवणाहिं पनवेमाणा एवं वयासी • एस णं जाया ! निग्गंथे पावयणे सच्चे अणुत्तरे केवलिए पडिपुण्णे नेयाउए संसुद्धे सलगत्तणे सिद्धिमग्गे मुत्तिमग्गे निज्जाणमग्गे निव्वाणमगे सब्वदुक्खप्पहीणमो - 27 Page #41 -------------------------------------------------------------------------- ________________ मायाधम्मकहाओ [129बहीव एगंतदिट्ठीए खुरो इव एगंतधाराए लोहमया ईव जवा चावेयव्वा वालुयाकवले इव निरस्साए गंगा इव महानई पडिसोयगमणाए महासमुद्दो इव भुयाहिं दुत्तरे तिक्खं चंकमियव्वं गरु लंबेयव्वं असिधारव्वयं चरियव्वं । नो खलु कप्पइ जाया ! समणाणं निग्गंथाणं आहाकम्मिए वा उद्देसिए वा कीयगडे वा ठवियए वा रइयए वा दुभिक्खभत्ते वा कंतारभत्ते वा वदलियाभत्ते वा गिलाणभत्ते वा मूलभोयणे वा कंदभोयणे वा फलभोयणे वा बीयभोयणे वा हरियभोयणे वा भोत्तए वा पायए वा । तुमं च णं जाया! सुहसमुचिए नो चेव णं दुहसमुचिए नालं सीयं नालं उण्हं नालं खुहं नालं पिवासं नालं वाइयपित्तियसिंमियसनिवाइयविविहे रोगायंके उच्चावए गामकंटए बावीसं परीसहोवसग्गे उदिण्णे सम्मं अहियासित्तए । भुंजाहि ताव जाया ! माणुस्सए कामभोगे । तओ पच्छा भुत्तभोगी समणस्स बाव पव्वइस्ससि । तए णं से मेहे. कुमारे अम्मापिऊहिं एवं वुचे समाणे अम्मापियरं एवं वयासी-तहेव णं अम्मयाओ ! जं णं तुम्भे ममं एवं वयह – एस णं जाया! निग्गंथे पावयणे सच्चे अणुत्तरे पुणरवि. चेव जाव तओ पच्छा भुत्तभोगी समणस्स जाव पव्वइस्ससि । एवं खलु अम्मयाओ! निग्गथे पावयणे कीबाणं कायराणं कापुरिसाणं इहलोगपडिबद्धाणं परलोगनिप्पिवासाणं दुरणुचरे पाययजणस्स नो चेवणं धीररस निच्छियस्स ववसियस्स । एत्थ किं दुकरं करणयाए ? तं इच्छामि णं अम्मयाओ ! तुब्भहिं अब्भणुनाए समाणे समणस्स जाव पव्वइत्तए । (29) तए णं तं मेहं कुमारं अम्मापियरो जाहे नो संचाइंति बहुहिं विसयाणुलोमाहि य विसयपडिकूलाहि य आघवणाहि य पनवणाहि य सन्नवणाहि य विनवणाहि य आघवेत्तए वा पनवेत्तए वा सन्नवित्तए वा विनवित्तए वा ताहे अकामाई चेव मेहं कुमारं एवं वयासी- इच्छामो ताव जाया! एगदिवसमवि ते रायसिरिं पासित्तए । तए णं से मेहे कुमारे अम्मापियरमणुवत्तमाणे तुसिणीए संचिट्ठइ । तए णं से सेणिए राया कोडुबियपुरिसे सहावेइ २ एवं वयासी-खिप्पामेव भो देवा Page #42 -------------------------------------------------------------------------- ________________ -1.29] नायाधम्मकाओ पिया ! मेहस्स कुमारस्स महत्थं महग्घं महंरिहं विउलं रायाभिसेयं उवट्ठवेह । तए णं ते कोडुंबियपुरिसा जाव ते वि तहेव उवट्ठवेंति । तए से सेणि राया बहूहिं गणनायगदंडनायगेहिं य जाब सपरिवुडे मेहं कुमारं अट्ठसएणं सोवणियाणं कलसाणं एवं रुप्पमयाणं कलसाणं सुवण्णरुप्पमयाणं कलसाणं मणिमयाणं कलसाणं सुवण्णमणिमयाणं रुष्पमणिमयाणं सुवण्णरुप्पमणिमयाणं भोमेज्जाणं सव्वोदएहिं सव्वमट्टियाहिं सव्वपुप्फेहिं सव्वगंधेहिं सव्वमोहिं सव्वोसहीहिं य सिद्धत्थएहिं य सब्बिडीए सब्वज्जुईए सव्वबलेणं जाव दुंदुभिनिग्घोसणाइयरवेणं महया २ रायाभिसे एणं अभिसिंचइ २ करयल जाव कट्टु एवं क्यासीजय २ नंदा ! जय २ भद्दा ! जय नंदा ० ! भद्दं ते अजियं जिणाहि ! जियं पालयाहि जियमज्झे बसाहि अजियं जिणेहि सत्तुपक्खं जियं च पालेहि मित्तपक्खं जाव भरहो इव मणुयाणं रायगिहस्स नगरस्स अन्नेसिं च बहूणं गामागरनगर जाव सन्निवेसाणं आहेवश्चं जाव विहराहि तिकट्टु जय २ सद्दं पउंजंति । तए णं से हे राया जाए महया जाव विहरइ । एणणं तस्स मेहस्स रनो अम्मापियरो एवं वयासी -भण जाया ! किं दलयामो किं पयच्छामो किंवा ते हिय इच्छिए सामत्थे ? तए णं से मेहे राया अम्मापियरे । एवं वयासी - इच्छामि णं अम्मयाओ ! कुत्तियावणाओ रयहरणं पडिग्गहं च आणियं कासवयं च सद्दावेह । तए णं से सेणिए राया कोडुंबियपुरिसे सहावेइ २ एवं वयासी - गच्छह णं तुब्भे देवाणुप्पिया ! सिरिघराओ तिन्नि सयसहस्साइं गहाय दोहिं सयसहरसेहिं कुत्तियावणाओ रयहरणं पडिग्गहं च उवणेह सहसहस्सेणं कासवयं सहावेह | तए णं ते कोडुंबिय पुरिसा सेणिएगं रन्ना एवं बुत्ता समाणा हट्ठट्ठा सिरिघराओ तिन्नि:सयसहस्साइं गहाय कुत्तियावणाओ दोहिं सयस हस्सेहिं रयहरणं पडिम्गहं च. उवर्णेति सयसहस्सेणं कासवयं सद्दावेंति । तए णं से कासव तेहिं कोडुंबियपुरिसेहिं सहाविए समाणे हट्ठ जाव हियए हाए कयबलिकम्मे कयकोउय मंगलपायच्छित्ते सुद्धप्पावेसाई वत्थाई पवरपरिहिए अप्पमहग्घा भरणालंकियसरीरे जेणेव सेणिए राया तेणेव 29 - Page #43 -------------------------------------------------------------------------- ________________ [I.29 नायाधम्मकहाओ उवागच्छइ २ सेणियं रायं करयलमंजलिं कटु एवं वयासी-संदिसह गं देवाणुप्पिया! जं मए कराणिज्जं । तए णं से सेणिए राया कासवयं एवं वयासी - गच्छाहिणं तुम देवाणुप्पिया ! सुरभिणा गंधोदएणं निक्के हत्थपाए पक्खालेहि सेयाए चउप्फोलाए पोत्तीए मुहं बंधित्ता मेहस्स कुमारस्स चउरंगुलवज्जे निक्खमणपाउग्गे अग्गकेसे कप्पेहि । तए णं से कासवए सेणिएणं रन्ना एवं वुत्ते समाणे हट्ट जाव हियए जाव पडिसुणेइ सुरभिणा गंधोदएणं हत्थपाए पक्खालेइ २ सुद्धवत्थेणं मुहं बंधइ २ परेणं जत्तेणं मेहस्स कुमारस्स चउरंगुलवज्जे निक्खमणपाउग्गे अग्गकेसे कप्पइ । तए णं तस्स मेहस्स कुमारस्स माया महरिहणं हंसलक्खणेणं पडसाडएणं अग्गकेसे पडिच्छइ २ सुरभिणा गंधोदएणं पक्खालेइ २ सरसेणं गोसीसचंदणेणं चच्चाओ दलयइ २ सेयाए पोत्तीए बंधइ २ रयणसमुग्गयसि पक्खिवइ २ मंजूसाए पक्खिवइ २ हारवारिधारसिंदुवारछिन्नमुत्तावलिप्पगासाई अंसूई विणिम्मुयमाणी २ रोयमाणी २ कंदमाणी २ विलवमाणी २ एवं वयासी-एस णं अम्हं मेहस्स कुमारस्स अब्भुदएसु य उस्सवेसु य पसवेसु य तिहीसु य छणेसु य जन्नेसु य पव्वणीसु य अपच्छिमे दरिसणे भविस्सइ चिकटु उस्सीसामूले ठावेइ । तए णं तस्स मेहस्स कुमारस्स अम्मापियरो उत्तरावक्कमणं सीहासणं रयाति मेहं कुमारं दोच्चं पि तञ्चं पि सेयापीएहिं कलसेहिं व्हावेंति २ पम्हलसूमालाए गंधकासाइयाए गायाइं लूहेंति २ सरसेणं गोसीसचंदणेणं गायाइं अणुलिंपंति २ नासानीसासवायवोझं जाव हंसलक्खणं पडुसाडगं नियंसेंति २ हारं पिणखेंति २ अद्धहारं पिणद्धति २ एवं एगावलिं मत्तावालि कणगावलिं २ रयणावलिं २ पालंब २ पायपलंब कडगाई २ तुडिगाइं २ केऊराई २ अंगयाइं २ दसमुद्दियार्णतयं कडिसुत्तयं २ कुंडलाई चूडामणि रयणुकंडं मंउडं पिणद्धेति २ दिव्वं सुमणदामं पिणद्धति २ दईरमलयसुगंधिए गंधे पिणद्धेति । तए णं तं मेहं कुमारं गंठिमवेढिमपूरिमसंघाइमेण चउठिवहेणं मल्लेणं कप्परुक्खगं पिव अलंकियविभूसियं करेंति । तए णं से सेणिए राया कोडुंबियपुरिसे Page #44 -------------------------------------------------------------------------- ________________ -1.29] नायाधम्मकहाओ 31 सहावेइ २ एवं वयासी - खिप्पामेव भो देवाणुप्पिया! अणेगखंभसयसन्निविटं लीलट्ठियसालभंजियागं ईहामियउसमतुरयनरमगरविहगवालगकिन्नररुरुसरभचमरकुंजरवणलयपउमलयभत्तिचित्तं घंटावलिमहुरमणहरसरं सुभकंतदरिसणिज्जं निउणोवियमिसिमिसेंतमाणिरयणघंटियाजालपरिक्खित्तं अब्भुग्गयवइरवेइयापरिगयाभिरामं विज्जाहरजमलजंतजुत्तं पिव अच्चीसहस्समालणीयं रूवगसहस्सकलियं भिसमाणं भिब्भिसमाणं चक्खुल्लोयणलेस्सं सुहफासं सस्सिरीयरूवं सिग्धं तुरियं चवलं वेइयं पुरिससहस्सवाहिणीयं सीयं उवट्ठवेह । तए णं ते कोडुंबियपुरिसा हट्टतुट्ठ जाव उवट्ठति । तए णं से मेहे कुमारे सीयं दुरुहइ २ सीहासणवरगए पुरत्याभिमुहे सन्निसणे । तए णं तस्स मेहस्स कुमारस्स माया ण्हाया कयबलिकम्मा जाव अप्पमहग्याभरणालंकियसरीरा सीयं दुरुहइ २ मेहस्स कुमारस्स दाहिणपासे भहासणंसि निसीयइ । तए णं तस्स मेहस्स कुमारस्स अंबधाई रयहरणं च पडिग्गहगं च गहाय सीय दुरुहइ २ मेहस्स कुमारस्स वामपासे भासणंसि निसीयइ । तए णं तस्स मेहस्स कुमारस्स पिट्ठओ एगा वरतरुणी सिंगारागारचारवेसा संगयगयहसियभणियचेट्ठियविलाससंलावुल्लावनिउणजुत्तोवयारकुसला आमेलगजमलजुयलवट्टियअब्भुन्नयपीणरइयसंठियपओहरा हिमरययकुदेदुपगासं सकोरेंटमल्लदामधवलं आयवत्तं गहाय सलीलं ओहोरेमाणी २ चिट्ठइ । तएणं तस्स मेहस्स कुमारस्स दुवे वरतरुणीओ सिंगारागारचारवेसाओ जाव कुसलाओ सीयं दुरुहंति २ मेहस्स कुमारस्स उभओ पसं नानामणिकणगरयणमहरिहतवणिजउज्जलविचित्तदंडाओ चिल्लियाओ सुहुमवरदीहवालाओ संखकुंददगरयअमयमहियफेणपुंजसनिगासाओ चामराओ गहाय सलीलं ओहोरेमाणीओ २ चिट्ठति । तएणं तस्स मेहकुमारस्स एगा वरतरुणी सिंगारा जाव कुसला सीयं जाव दुरुहइ २ मेहस्स कुमारस्स पुरओ पुरथिमेणं चंदप्पभवयरवेरुलियविमलदंडं वालियंट गहाय चिट्ठइ । तए णं. तस्स मेहस्स कुमारस्स एगा वरतरुणी जाव. सुरूवा सीयं दुरुहइ २ मेहस्स कुमारस्स पुव्वदक्खिणेणं सेयं Page #45 -------------------------------------------------------------------------- ________________ नायाधम्मकहाओ 11.30रययामयं विमलसलिलपुण्णं मत्तगयमहामुहाकइसेमाणं भिंगारं गहाय चिट्ठइ । तए णं तस्स मेहस्स कुमारस्स पिया कोदुंबियपुरिसे सहावेइ २ एवं वयासी-खिप्पामेव भो देवाणुपिया ! सरिसयाणं सरित्तयाणं सरिवयाणं एगाभरणगहियनिज्जोयाणं कोडुंबियवरतरुणाणं सहस्सं सदावेह जाव सहावेति । तए णं ते कोडंबियवरतरुणपुरिसा सेणियस्स रन्नो कोडुबियपुरिसेहिं सहाविया समाणा हट्ठा व्हाया जाव एगाभरणगहियणिज्जोया जेणामेव सेणिए राया तेणामेव उवागच्छंति २ सोणयं रायं एवं वयासी-संदिसह णं देवाणुप्पिया । ज णं अम्हहिं करणिज्जं । तए णं से सेणिए राया तं कोडुबियवरतरुणसहस्सं एवं वयासी - गच्छह णं तुब्भे देवाणुप्पिया ! मेहस्स कुमारस्स पुरिससहस्साहिणी सीयं परिवहह । तए णं तं कोडुबियवरतरुणसहस्सं सोणएण रन्ना एवं वुत्तं संतं हर्ट मेहस्स कुमारस्स पुरिससहस्सवाहिणीं सीयं परिवहइ । तए णं तस्स मेहस्स कुमारस्स पुरिससहस्सवाहिणिं सीयं दुरूढस्स समाणस्स इमे अट्ठमंगलया तप्पढमयाए पुरओ अहाणुपुव्वीए संपट्ठिया, तंजहा-सोत्थिय सिरिवच्छ नंदियावत्त वद्धमाणग भद्दासण कलस मच्छ दप्पण जावं बहवे अत्थत्थिया जाव ताहिं इटाहिं जाव अणवरयं अभिनंदंता य अभिथुणंता य एवं वयासी- जय २ नंदा ! जय २ भद्दा ! जय २ नंदा! भई ते अजियं जिणाहि इंदियाई जियं च पालेहि समणधम्मं जियविग्यो वि य वसाहि तं देव ! सिद्धिमज्झे निहणाहि रागदोसमल्ले तवेणं धिइधाणयबद्धकच्छे महाहि य अट्ठकम्मसत्तू झाणेणं उत्तमेणं सुक्केणं अप्पमत्तो पावय वितिमिरमणुत्तरं केवलं नाणं गच्छ य मोक्खं परमं पयं सासयं च अयलं हंता परीसहचमूणं अभीओ परीसहोवसग्गाणं धम्मे ते अविग्धं भवउ तिकट्टु पुणो २ मंगलजयसहं पउंजंति । तए णं से मेहे कुमारे रायगिहस्स नगरस्स मझमझेणं निग्गच्छइ २ जेणेव गुणसिलए चेइए तेणेव उवागच्छइ २ पुरिससहस्सवाहिणीओ सीयाओ पच्चोरुहइ । (30) तए णं तस्स मेहस्स कुमारस्स अम्मापियरो मेहं कुमारं पुरओ Page #46 -------------------------------------------------------------------------- ________________ -THY कटु जेणामेवा समणे ३ तेपणामेवः उकालच्छति र समणे ३ तिलो आयाहिपफ्याहिणं करेंति २ वदति नमसंलि २ एवं वयासी- हसणं देवाणुप्लिक! मेहे कुमारे अम्हें एगे पुत्ते हे कंते जाव जीवियउसाम्सए हिययनंदिजणए उंबरपुष्फ पिचा दुल्लहे सक्णयाए विमंग पुण दर्भिसण्याएकी से जहासमए उष्पाले इ वा पउमे इवा कुमुदे इ वापके जाए जले संकडिए नोवलिप्पड पंकस्एण नोवलिप्पड़ जलरएणं एवामेवा मेहे कुमारे कामेसु जाए भोगेसु संवुड्डे चोपलिष्पइ कामरएणं नोवलिष्पइ भोगरएणं । एस गं देवाणुप्पिया! संसारभउक्ग्गेि भीए जम्मणेमारणाणं इच्छइ देवाणुपियाणं अंतिए मुंडे भविता अगाराओ अणगारियं पव्वइत्तए । अम्हे णं देवाणुपियाणं सिस्सभिक्खं दलयामो । पडिच्छंतु णं देवाणुष्षिया ! सिस्समिक्खं । तए णं से समणे ३ मेहस्स कुमारस्त अम्मापिऊहिं एवं कुत्ते समाणे एयमहूँ सम्म पडिसुणेइ । तए पं से मेहे कुमारे समणस्स ३ अंतियाओ उत्तरपुरस्थिम दिसीमार्ग अवकमइ सस्यमेव आभरणमल्लालंकारं ओमुवइ । तए. णं तस्सा मेहकुमारस्स माया हंसलरखणं पडगसमडएणं आमरणमल्लालंकारं पडिच्छइ २ हारवारिधारसिंदुकारछिन्नमुत्लापलिप्पासाई अंसूणि विणिम्मुयमाणी. रोयमाणी कंदमाणी पिलषमाणी २ एवं क्यासी- जइयव्वं जाया घडियवं जाया परकर्मियवं जाया ! अस्ति च णं अढे नो पमाण्यव्वं । अम्हेपि में एसे मपणे मवर त्तिकद्र मेंहस्थ कुमारस्सा अम्मापियरो' समणं ३ वंदति नभंसति र जामोव दिसा पाउछभूया लामेष दिस पडिक्या । (JH) तर णं से मेहे कुमारे सम्यक पंचमुट्टियं लोयं करेंइ २ जेणामेक समणे ३ तेणामेव उवागच्छइ २ सम्मणं ३ तिक्खुत्तों आवाहिणफ्याहिण करेइ २ बंदइ नमसह २ एवं वयासी- आलित्ते णं भंतें ! लोए। पलिते भत्ते ! लोए । आलित्तपलिते 4 मते ! लए जराए मरणेण या से जहानमए केइ गाहावई अगारसि झियायमाणसि जे तत्व मे. भषा अप्पमारे मोल्लगरुए तं गहाय' आयाए एगत अक्कमइ - एस में नित्यारिए समाणे पच्छा पुरा लोए हियाए सुहाए खेमाए निस्सेसाए Page #47 -------------------------------------------------------------------------- ________________ B4 नायाधम्मकहाणो [1.32आणुगामियत्ताए भविस्सइ - एवामेव ममवि एगे आयाभडे इढे कंते पिए मणुने मणामे । एस मे नित्यारिए समाणे संसारवोच्छेयकरे भविस्सइ । वं इच्छामि णं देवाणुप्पिएहि सयमेव पव्वावियं सयमेव मुंडावियं सेहावियं सिक्खावियं सयमेवं आयारगोयरविणयवेणइयचरणकरणजायामायावत्तियं धम्ममाइक्खियं । तए णं समणे ३ मेहं कुमारं सयमेव पवावेइ सयमेव आयार जाव धम्ममाइक्खइ - एवं देवाणुप्पिया! गंतव्वं चिट्ठियव्वं निसीयव्वं तुयट्टियव्वं भुंजियव्वं भासियव्वं एवं उठाए उट्ठाय पाणेहिं भूएहिं जीवहिं सत्तेहिं संजमेणं संजमियव्वं अस्सि च णं अढे नो पमाएयव्वं । तए णं से मेहे कुमारे समणस्स ३ अंतिए इमं एयारूवं धम्मियं उवएसं सम्म पडिवजह तमाणाए तह गच्छइ तह चिट्ठइ जाव उट्ठाए उट्ठाय पाणेहिं भूएहिं जीवहिं सत्तेहिं संजमइ । (32) जं दिवसं च णं मेहे कुमारे मुंडे भवित्ता अगाराओ अणगारियं पव्वइए तस्स णं दिवसस्स पच्चावरण्हकालसमयंसि समणाणं निग्गंथाणं अहाराइणियाए सेज्जासंथारएसु विभजमाणेसु मेहकुमारस्स दारमूले सेज्जासंथारए जाए यावि होत्था । तए णं समणा निग्गंथा पुव्वरत्तावरत्तकालसमयसि वायणाए पुच्छणाए परियट्टणाए धम्माणुजोगचिंताए य उच्चाररस य पासवणस्स य अइगच्छमाणा य निग्गच्छमाणा य अप्पेगइया मेहं कुमारं हत्थेहिं संघटृति एवं पाएहिं सीसे पोट्टे कायंसि अप्पेगइया ओलंडेंति अप्पेगइया पोलंडेंति अप्पेगइया पायरयरेणुगुंडियं करेंति। एवं महालियं च रयणी मेहे कुमारे नो संचाएइ खणमवि अच्छी निमीलित्तए । वए णं तस्स मेहस्स कुमारस्स अयमेयारूवे अज्झथिए ४ जाव समुप्पज्जित्था - एवं खलु अहं सेणियस्स रन्नो पुत्ते धारिणीए देवीए अत्तए मेहे जाव समणयार । तं जया णं अहं अगारमझे वसामि तया णं मम समणा निग्गंथा आढायंति परियाणंति सकारेंति सम्माणेति अट्ठाई हेऊइं पसिणाइं कारणाई वागरणाई आइक्खंति इट्टाहिं कंताहिं वग्गूहिं आलवेंति संलवेंति । जप्पभिई च णं अहं मुंडे भवित्ता अगाराओ अणगारियं पव्वइए तप्पभिई च णं ममं समणा नो आढायंति Page #48 -------------------------------------------------------------------------- ________________ -I:331 नायाधम्मकहायो जाव नो संलति । अदुत्तरं च णं ममं समणा निगयो राओ पुन्वरत्तावरत्तकालसमयंसि वायणाए पुच्छणाए जाव महालियं च णं रत्तिं नों संचाएमि अच्छि निमिल्लावेत्तए । तं सेयं खलु मा कल्लं भाव जलंते समणं ३ आपुच्छित्ता पुणरवि अगारमझे वसित्तार तिकटु एवं संपेहेइ २ अट्टदुहट्टवसट्टमाणसगए निरयपडिरूवियं च णं रैयाणि खवेइ २ कलं पाउप्पभायाए सुविमलाए रयणीए जाव जलंते जेणामेव समणे ३ तेणामेव उवागच्छइ २ तिक्खुत्तो आयाहिणपयाहिणं करेइ २ वंदइ नमसइ जाव पज्जुवासइ। (33) तएं मेहा इ समणे भगवं महावीरे मेहं कुमारं एवं वयासी - से नूणं तुम मेहा ! राओ पुष्वरचावरत्तकालसमयसि समणेहिं निग्गंथेहि वायणाए पुच्छणाए जाव महालियं च णं राई नो संचाएसि मुहुत्तमवि अच्छि निमिल्लावेत्तए । तए णं तुब्भे मेहा ! इमेयारूवे अज्झथिए जाव समुप्पजित्था - जया णं अहं अगारमझे वसामि तया णं मम समणा निग्गंथा आढायति । जप्पभिहं च णं मुंडे भविता अगाराओ अणगारियं पव्वयामि तप्पमिइं च णं मम समणा नो आढायंति जाव नो परियाणंति अदुत्तरं च णं मम समणा निग्गंथा राओ अप्पेगइया वायणाए जाव पायरयरेणुगुंडियं करेंति । ६ सेयं खलु मम कल्लं पाउप्पभायाए समणं ३ आपुच्छित्वा पुणरवि अगारमझे भावसित्तए चिकटु एवं संपेहेसि २ अट्टदुहट्टक्सट्टमाणसे जाव रयणी खवेसि २ जेणामेव अहं वेणामेव हव्वमागए । से नणं मेहा ! एस अडे समढे १ हता अढे समहे । एवं खलु मेहा ! तुम इओ तचे अईए भवग्गहणे वेयगिरिपायमूळे षणयरोहिं निव्वत्तियनामधेज्जे सेए संखउजलविमलनिम्मलदहियणगोखीरफेणरयणियरप्पयासे सत्तुस्सेहे नवायए दसपरिणाहे सत्तंगपइटिए सोमे समिएं सुरुवे पुरषो उदग्गे समूसियसिरे सुहासणे पिट्ठओ वराहे अइयाकुच्छी अच्छिकुच्छी अलंबकुच्छी पलंबलंबोदराहरकरे धणुपट्टागइविसिट्ठपुढे अल्लीणपमाणजुत्तवट्टियपीवरगतीवरे अल्लीणपमाणजुत्तपुच्छे पडिपुण्णसुचारुकुम्मचलणे पंडुरसुविसुद्धनिद्ध Page #49 -------------------------------------------------------------------------- ________________ [13निरुवामविस्यतिनहे छईने मुरुप्पो नम्मं हत्किराया होत्या त्या दुर्ग रहा यहूहि हल्थीहि य इथिणियादि व कोट्टएहि यलोहियाहि व कलमवह य कलबिमाहि म सद्धिं संपरिबुडे इल्यिसहस्समायए देझर नाही पट्टाए मूहबाई बंदपस्किट्टर अनसिं च बहूगं एकालापं इत्यिकलापं बाहेवचं जाब विहासि । तए णं जुमं मेहा ! निचयले सई चलिए कंदपर बोयसीले अविकण्हवाममोगचिसिए बहि इत्यादि म जान संपरिबुडे केयङगिरियमूळे मिरीसु य दरीसु व कुहरेसु बहराम य उज्झरेसु य निझरेसु य वियरेसु य गहासु य पल्ललेशु व चिल्लोसु पकडनेसु य कडयालसु य बडी€ य विभडीसु य टके व डेसु म सिहरेसु व पसारेसु व मंचेसु य मालेसु य कापसु य वणेनु ग बणसंडेसु य चपराईसु न नदीषु च नदीकच्छेनु य हसु च संमसु म बाबीय पोसारिणी बहीहियासु च गुंजालियासु व खरेसुस घरपंतिमा व खरमरपंतिमासु य कणयरोहिं विनावियारे पडूईि हत्याहि व अच सद्धिं संपरिबुडे बहुविहतरुपल्लवपउरपाणिवणे निब्मए निरुबिम्ने सुइंसुहेपं विहरसि । बए यं तुम मेहा! अन्नपा कमाइ पाउसबरिसास्वसरमध्यंतवसंतेसु कसम पंचसु उऊसु समकतेसु गिम्हमलसमसि जेहामूलपासे पाववर्षसम्समुट्ठिएणं सुक्कलणपत्तकयवरमाश्यसंजोगद्दीविएवं महाभयंकरेणं हुभचाहेणं वणवजालासंपलित्तेसु वर्णतेसु धूखलासु दिसामु महायवेडेपं संघष्ट्रिएसु छिन्मजालेसु ावयमाग्नु पोलरक्खेसु अंतो २ झियायमासु मयंकुहियविणहकिमिमकहमनईविपरमम्झीणप्रियंबेसु वर्णतेसु भिंगारकदीणकंदियरवेसु खरफरुसअणि?रिवाहिचविहुमग्मेसु दुमेसु तण्हावसमुक्कपरखपैयडियजिब्मतालुवअसंपुडियालुंडमक्खिसंघेसु ससंतेसु चिम्हउण्डकायखरफरुसचंडमारुयसुक्कमणपशावर माउलिसांतादिनसंभंतसावयाउलमियतण्हाबद्धचिंधपट्टेसु गिरिवरेसु संबहस्सु कल्य त्रियकसयसरीसिवेसु अवदालियबसाविक्रनिहालिममाज माईलतुंबइबपुष्पकण्णे संकुचियोरपीवरकरे असिमचंबले पाश्यविनासरविमसदेपं फोडयंवेववंधरवळ पायदइरएवं कंपयंवे Page #50 -------------------------------------------------------------------------- ________________ -L88 बोपितलं लिविन्मुक्याचे र समिकरं सब्वने मरता कलिविणाई किंदमाये साखसाहसलाई तत्व सुबहधि बोलपसे विणहरद्धेच्वं सरिदे नासाहेब कोई संकळवाव्य परिन्भमते अभिक्खणं २ लिंडनियरं प{चमायो २ महिं हत्थीहि य जाब सद्धिं दिसोदिसि बिप्पलाइत्था । तत्व एवं लुमं मेहा नुण्णे जरानजरियदेहे आमे झंझिएं भिवासिए दुबळे किलते वसुदई मूढदिखाए स्यायो हाओ विष्पहूणे बणदुखजालाभारद्धे उण्हेण य तम्हाए थ छुहाए म परमाहए समाणे मीए सत्ये मसिए अधिग्गे संनायभए सम्बो समंता आधाबमाणे परिथावसणे एवं गं महं खरं अम्पाययं पंकबहुलं अतिथिर्ण पाणियाए ओइणे । तत्व मं तुम मेहा ! सीरमणए पापियं असंपत्ते अंबरा चेव सेसि विसणे । तत्य णं कुमं मेहा! पाणियंपाइस्वामित्तिकटु इत्थं क्सासि । से वि य हत्थे उदगं न पावई । तए पं तुम मेहा ! पुणरवि कार्य पच्चुरिस्माभि तिकटु बलियतरार्थ संकसि सुते । बएणं तुमं मेहा ! अन्ना कयाइ एो चिरनिजूलए गयवरजुकाणए सगाओ जूहाको करचण्पदंवमुसलप्पहारेहि विपरद्धे समाणे ते वेव महहहं पाणीवपाए समोयरइ । बए पं से कलए तुमं पासइ २ नं पुन्ववेरं समरइर बासुन्ते रुठे कुविए चंद्धिकिए मिसिमिसेमाणे जेणेव सुमं तेणेव उवागच्छइ २ तुमं सिक्खेहि दंनभुसोहि तिम्खुचो पिट्ठओ उच्छुभइ २ पुबवेरं विनाएइ २ हट्ठतुढे पाणीयं पियइ २ जामेव दिसं पाउन्भूए तामेव दिसं अडिगए । तए णं सव मेहा ! सरीरगंसि वेयणा पानविल्या उज्जल विडला कक्खाया दुहियासा पित्तज्जरपरिणयसयरे दाहलकंतीय बावि विहरियों । तए णं तुम मेहा! तं उज्जलं नाव दुरहियासं सत्चराइदिवं वेवणं वेदेसि संबीसे वाससय भरणा पालक्ष्चा बट्टक्सट्टदुहट्टे कालमासे कालं किया इहेव जंबुद्दीवे २ मारहे पासे दाहिपड्डेमरहे गंजए महाबईए चाहिणे कूले विधगिरिपायमुले एगेणं मचक्रगंधहरियणा गाए थैयवस्करेणूए कुच्छिसि मवकलमए अणिए तरसा मयकलमिया चहं मासानं बसंतमाससि तुम Page #51 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 38 नायाधम्मकाओ [1.33 पयाया । तए णं तुमं मेहा ! गन्भवासाओ विप्पमुळे समाणे गयकलभए यावि होत्था सुप्पलरत्तसूमालए जासुमैणारत्तपारिज तैयलक्खारससरसकुंकुमसंझन्भरागवणे इट्ठे नियगस्स जूहवइणो गणियारकणेरुकोत्थइत्थी अणेगइत्थिसयसंपरिवुढे रम्मेसु गिरिकाणणेसु सुहंसुहणं विहरसि । तए णं तुमं मेहा उम्मुकबालभावे जोव्वणगमणुप्पत्ते नूहवइणा कालधम्मुणा संजुत्तेणं तं जूहं सयमेव पडिवब्जसि । तए णं तुमं मेहा ! वणयरेहिं निव्वत्तियनामधेज्जे जाव चउदंते मेरुप्पभे हत्थिरयणे होत्था । तत्थ णं तुमं मेहा ! सत्तंगपइट्ठिए तहेव जाव पडिरूवे । तत्थ णं तुमं मेहा ! सत्तसइयस्स जूहस्स आहेवश्च जाव अभिरमेत्था । तए णं तुमं अन्नया कयाइ गिम्हकालसमयंसि जेट्ठामूळे वणदवजालापलित्तेसु वर्णतेसु धूमाउलासु दिसासु जाव मंडलवाएव्व परिब्भमंते भीए तत्थे जाव संजाय भए बहूहिं इत्थीहि य जाव कलाभियादि य सार्द्धं संपरिवुडे सव्वओ समंता दिसोदिसि विप्पलाइत्था । तए णं तव मेहा ! तं वणदवं पासित्ता अयमेयारूवे अज्झत्थिए जाव समुप्पज्जित्था – कहिं णं मन्ने मए अयमेयारूवे अग्गिसंभवे अणुभूयपुव्वे ? ar णं तव मेहा ! लेस्साहिं विसुज्झमाणीहिं अज्झवसाणेणं सोहणेणं सुभेणं परिणामेणं तयावरणिज्जाणं कम्माणं खओवसमेणं ईहापोहमग्गणगवेसणं करेमाणस्स सन्निपुव्वे जाईसरणे समुप्पज्जित्था । तए णं तुमं मेहा ! एयमट्टं सम्मं अभिसमेसि - एवं खलु मया अईए दोचे भवग्गहणे इव जंबुद्दीवे २ भारहे वासे वेयड्डगिरिपायमूले नाव तत्थ णं महया अयमेयारूवे अग्गिसंभवे समणुभूए । तए णं तुमं मेहा ! तस्सेव दिवसस्स पञ्चावरण्इकालसमयंसि नियएणं जूहेणं सद्धिं समन्नागए यानि होत्था । तए णं तुमं मेहा ! सचुस्सेहे जाव सन्निजाईसरणे चउदंते मेरुप्प नामं इत्थी होत्था । तए णं तुज्झं मेहा अयमेयारूवे अज्झत्थिएं जाव समुपज्जित्था - सेयं खलु मम इयाणि गंगाए महानईए दाहिणिल्लांसि कूलंसि विंझगिरिपायमूले दव्वग्गिसंजायकारणट्ठा सएणं जूहेणं महइमहालयं मंडलं घाइत्तए तिकट्टु एवं संपेहेसि २ सुहंसुहेणं विहरासे । तए णं तुमं मेहा ! अन्नया कयाइ पढमपाउसंसि महावुट्टिकायंसि सन्निवइयांस गंगाए महा Page #52 -------------------------------------------------------------------------- ________________ -L33] नायाधम्मकहाओ नईए अदूरसामंते बहूहिं हत्थीहिं जाव कलभियाहि य सत्तहि य हत्यि. सएहिं संपरितुडे एगं महं जोयणपरिमंडलं महइमंडलं: घाएसि जं तत्य तणं वा पत्वं वा कटुं वा कंटए वा लया वा वल्ली वा खाणुं वा रुक्खे वा खुवं वा तं सव्वं तिक्खुत्तो आहुणिय २ पाएणं उद्धरोसे हत्येणं गेण्हसि एगते एडेसि। तए णं तुम मेहा ! तस्सेव मंडलस्स अदूरसामंते गंगाए गहानईए दाहिणिल्ले कूले विंझगिरिपायमूले गिरीसु य जाव विहरसि।तएणं तुम मेहा! अन्नया कयाइ मज्झिमए वरिसारत्तंसि महावुट्टिकायंसि सन्निवइयंसि जेणेव से मंडले तेणेव उवागच्छसि २ दोचंपि मंडलं घाएसि २ एवं चरिमवासारत्वंसि महावुट्टिकायांस सन्निवयमाणंसि जेणेव से मंडले तेणेव उवागच्छसि २ तच्चपि मंडलघायं करेसि जं तत्थ तणं वा जाव सुहंसुहेणं विहरसि । अह मेहा ! तुमं गइंदभावम्मि वट्टमाणे कमेणं नलिणिवणविहवणगरे हेमंते कुंदोद्धउद्धृयतुसारपउरम्मि अइकते अहिणवगिम्हसमयंसि पचे वियट्टमाणे वणेसु वणकरेणुविविहदिन्नकयपसर्वधाओ तुमं उठयकुसुमंचामरकण्णपूरपरिमंडियाभिरामो मयवसविगसंतकडतडकिलिन्नगंधमदवारिणा सुरभिजाणयगंधो करेणुपरिवारिओ उउसमंतजणियसोहो काले दिणयरकरपयंडे परिसोसियतरुवरसिरिहरभीमतरदंसणिज्जे भिंगाररवंतभेरवरवे नाणाविहपत्तकट्ठतणकयवरुद्धयपइमारुयाइद्धनहयलदुमगणे वाउलिदारुणतरे तण्हावसदोसदूसियममंतविविहसावयसमाउले भीमदरिसणिज्जे वट्टते दारुणमि गिम्हे मारुयवसपसरपसरियवियंमिएणं अमहियभीमभेरवरवप्पगारेणं महुधारापडियसित्तउद्धायमाणधगधगेंतसदुद्धएणं दित्तवरसफुलिंगेणं धूममालाउलेणं सावयसयंतकरणेणं वणदवेणं जालालोवियनिरुद्धधूमंधकारभीओ आयालोयमहंततुंबइयपुण्णकण्णो आकुंचियथोरपीवरकरो भयवसभयंतदित्तनयणो वेगेणं महामेहोव्य वायणोलियमहल्लरूवो जेण को तेण पुरा दवग्गिभयभीयहियएणं अवगयतणप्पएसरुक्खो रुक्खोदेसो दवग्गिसंताणकारणट्ठा जेणेव मंडले तेणेव पहारेत्थ गमणाए। एको वाव एस गमो। तए णं तुमं मेहा ! अन्नया कयाइ कमेण पंचसु उऊसु समइवचेसु गिम्हकालसम Page #53 -------------------------------------------------------------------------- ________________ यति जेवामूले मासे पायकवाससमुडिएणं जन संवाहिएम मियापक सरीसिवेसु दिसोदिसि विष्फलायमणेसा तेहिं बलूहि हत्थीहि व साई जागेव से मंडले तोषवा पहारेत्य ममगाए । तत्था णं. को यह सीहा य वग्या व विमाः य दीक्यिा अच्छया तस्च्छा पारासरा सियालय विराला सुणहा कोला ससा कोतिया चित्त चिल्लला पुव्वपविता अग्मिभयमिढुंया एगयओं बिलधम्मेणं चिट्ठति । तए णं तुम मेहा जेणेक से मंडले तेणेक उवागच्छामि २ तेहिं बद्दहिं सीहेहि जाफ चिल्ललेहि य एगयो बिलधाम्मेणं विद्यसि । तए णं तुम मेहा ! पाएणं मक्तं कंडुझस्सामीकिकटु पाए उक्खित्ते। तसि च णं, अंतरंसि अन्नेहि बालावतेहिं सत्तेहिं पायोलिनमाणे २ ससाए अणुष्पविद्वे । तए णं. तुम मेहा! ग्मयं कंडुइता पुणरवि पायं पडिनिक्खेविस्सामिः तिकटु तं सासयं अणुपविट्ठ पासालि २ पापाणुकंपयाए भूषाणुकंपगाए जीवाणुकंपन्याए सत्ताणुकंफयाए से पार. अंतण चेक संकारिए: नो चेक णां निखिले । तए णं तुम मेहा ! तमगा पाप्पाणुकंपयार जाक सत्ताणुकंफ्याया संसारे पस्चिीकए माणुस्साउप निबद्धे । तर णं से कणाहवा अड्डाइज्जाई राइंदिपाई ती वणं झामेइ र निहिए उपरए उवसले विज्झाए याकि होत्या । लए ण ते बहके सीमा य जाव चिल्लला कलं कमदवं विष्टियं जावा विज्झायं पासंति २ आम्गिमयविष्पमुक्का हाए य छुहाए.य परमाया समाप्पा मंडलाओ पछिनिक्सति र सव्वओ समंता विष्फ्सरित्याः । तए पं ते बहके हत्थी जाक छुहाए या परकमाहया समाणा तओ मंडलाओ पडिनिकसमंतिा २ दिसोदिसि विष्णसरित्थाः। तय गं तुम मेहा ! जुण्पो जराजज्जरियदेहे सिढिलवलित्यापिणिद्धमत्ते दुब्बले किलंते जुजिएँ पिचासिए अत्थामे आबले अपरकम्में ठाणुकडे वेगेण विपसरिस्सममि तिकटटु पाए पसारेमापे विज्जुहए विच रेवैयगिरिपब्मारे धगितलंसिा सवंगेह. सत्रिवइए। लए पं तब मेहा सरीरमसि वेयणा पाउन्भूया उजला जाक दाहक्कतिए याकि विहरति । तए पं तुम मेहा! तो उजलं. नाक दुरहियासं तिन्नि राइंदियाइं क्यणं वेएमाणे विहरित्तार एग वास सयं परमाऊं पालइत्ता इहेक जंबुद्दीके २ भारहे मासे सत्यगिहे Page #54 -------------------------------------------------------------------------- ________________ -1.34] नायाधम्मकहानो 41 नयरे सोणयस्स रन्नो धारिणीए देवीए कुच्छिसि कुमारचाए पच्चायाए । ___ (34) तए णं तुम मेहा ! आणुपुव्वेणं गम्भवासाओ निक्खते समाणे उम्मुक्बालभावे जोव्वणगमणुप्पत्ते मम अंतिए मुंडे भवित्ता अगाराओ अणगारियं पव्वइए । तं जइ ताव तुमे मेहा ! तिरिक्खजोणियभावमुवगएणं अपडिलद्धसंमत्तरयणलंभेणं से पाए पाणाणुकंपयाए जाव अंतरा चेव संधारिए नो चेव णं निक्खित्ते किमंग पुण तुम मेहा ! इयाणि विपुलकुलसमुन्भवणं निरुवहयसरीरपत्तलद्धपंचिंदिएणं एवं उठाणबलवीरियपुरिसगारपरकमसंजुत्तेणं ममं अंतिए मुंडे भवित्ता अगाराओ अणगारियं पव्वइए समाणे समणाणं निग्गंथाणं राओ पुव्वरत्तावरत्तकालसमयसि वायणाए जाव धम्माणुओगचिंताए य उच्चारस्स वा पासवणस्स वा अइगच्छमाणाण य निग्गच्छमाणाण य हत्थसंघट्टणाणि य जाव रयरेणुगुंडणाणि य नो सम्मं सहसि खमसि तितिक्खसि अहियासेसि ? तए णं तस्स मेहस्स अणगारस्स समणस्स ३ अंतिए एयमहं सोच्चा निसम्म सुभेहिं परिणामेहिं पसत्यहिं अन्झवसाणेहिं लेसाहिं विसुज्झमाणीहिं तयावरणिज्जाणं कम्माणं खओवसमेणं ईहापोहमग्गणगेबसणं करेमाणस्स सन्निपुग्वे जाईसरणे समुप्पन्ने एयमढे सम्मं अभिसमेइ । तए णं से मेहे कुमारे समणेणं ३ संभारियपुव्वाईसरणे दुगुणाणीयसंवेगे आणंदयंसुपुण्णमुहे हरिसवसधाराहयकयंबकं पिव समूसंसियरोमकूवे समणं ३ वंदइ नमसइ २ एवं वयासी- अजप्पभिई गं भंते ! मम दो अच्छीणि मोत्तूणं अवसेसे काए समणाणं निग्गंथाणं निसट्टे तिकडु पुणरवि समणं ३ बंदइ नमसइ २ एवं वयासी- इच्छामि गं भंते ! झ्याणि दोच्चंपि सयमेव पवावियं सयमेव मुंडावियं जाव सयमेव आयारगोयरं जायामायावत्तियं धम्ममाईक्खंतु । तए णं समणे ३ मेहं कुमार सयमेव पब्बावेइ नाव जायामायावत्तियं धम्ममाइक्खइ- एवं देवाणुप्पिया। गंतव्वं एवं चिट्ठियव्वं एवं भुंजियव्वं एवं भासियन्वं उठाय २ पाणाणं भूयाणं जीवाणं सत्ताणं संजमेणं संजमियव्वं । तए णं से मेहे समणस ३ अयमेयारूवं धम्मियं उवएसं सम्मं परिवनइ २ तह Page #55 -------------------------------------------------------------------------- ________________ नायाधम्मकहाओ [1.35गच्छइ जाव संजमइ । तए णं से मेहे अणगारे जाए इरियासमिए अणगारवण्णओ भाणियव्यो । तए णं से मेहे अणगारे समणस्स ३ अंतिए तहारूवाणं थेराणं सामाइयमाइयाणि एक्कोरस अंगाई अहिज्जइ २ बहूहिं छट्ठहमदसमदुवालसेहिं मासद्धमासखमणेहिं अप्पाणं भावेमाणे विहरइ । तए णं समणे ३ रायगिहाओ नयराओ गुणसिलयाओ चेइयाओ पडिनिक्खमइ २ बहिया जणवयविहारं विहरइ। . (35) तए णं से मेहे अणगारे अन्नया कयाइ समणं ३ वंदइ नमसइ २ एवं वयासी- इच्छामि णं भंते ! तुब्भेहिं अब्भणुनाए समाणे मासियं भिक्खुपडिमं उवसंपन्नित्ताणं विहरित्तए । अहासुहं देवाणुप्पिया ! मा पडिबंध । तए णं से मेहे अणगारे समणेणं ३ अब्भणुनाए समाणे मासियं भिक्खुपडिमं उवसंपज्जित्ताणं विहरइ। मासियं भिक्खु. पडिमं अहासुत्तं अहाकप्पं अहामग्गं सम्मं कारणं फासेइ पालेइ सोभेई तीरेइ किट्टेइ सम्मं कारणं फासेत्ता पालित्ता सोभित्ता तीरेत्ता किदृत्ता पुणरवि समणं ३ वंदइ नमसइ २ एवं वयासी - इच्छामि णं भंते ! तुन्भेहिं अब्भणुनाए समाणे दोमासियं भिक्खुपडिमं उवसंपज्जिचाणं विहरित्तए । अहासुहं देवाणुप्पिया ! मा पडिबंधं । जहा पढमाए अभिलावो तहा दोच्चाए तचाए चउत्थाए पंचमाए छम्मासियाए सत्तमासियाए पढमसत्तरायंदियाए दोच्च सत्तरायंदियाए तइयं सत्तरायंदियाए अहोरायंदियाए वि एगराइंदियाए वि । तए णं से मेहे अणगारे बारस भिक्खुपडिमाओ सम्मं कारणं फासेत्ता पालेत्ता सोभत्ता तीरेत्ता किट्टित्ता पुणावि वंदइ नमसइ २ एवं वयासी - इच्छामि णं भंते ! तुन्भेहिं अब्भणुनाए समाणे गुणरयणसंवच्छरं तवोकम्मं उव. संपज्जित्ताणं विहरित्तए । अहासुहं देवाणुप्पिया! मा पडिबंधं । तए णं से मेहे अणगारे पढम मासं चउत्थंचउत्थेणं अणिक्खित्तेणं तवोकम्मेणं दिया ठाणुक्कुंडुए सूराभिमुहे आयावणभूमीए आयावेमाणे रत्तिं वीरासणेणं अवाउडेणं । दोच्चं मासं छटुंछटेणं अणिक्खित्तेणं तवोकम्मेणं दिया ठाणुकुडुए. सूराभिमुहे आयावणभूमीए आयावेमाणे रत्तिं वीरासणेणं Page #56 -------------------------------------------------------------------------- ________________ -1.36] नायाधम्मकहाओ. अवाउडेणं । तचं मासं अट्ठमंअट्टमेणं अणिक्खित्तेणं तवोकम्मेणं दिया ठाणुक्कुडुए सूराभिमुहे आयावणभूमीए आयावेमाणे रत्तिं वीरासणेणं अवाउडेणं । चउत्थं मासं दसमंदसमेणं अणिक्खित्तेणं तवोकम्मेणं दिया ठाणुक्कुडुए सूराभिमुहे आयावणभूमीए आयावेमाणे रत्तिं वीरासणेणं अवाउडेणं । पंचमं मासं दुवालसमंदुवालसमेगं अणिक्खित्तेणं तवोकम्मेणं दिया ठाणुक्कुडुए सूराभिमुहे आयावणभूमीए आयावेमाणे रति वीरासणेणं अवाउडेणं । एवं खलु एएणं अभिलावणं छढे चोदसम २ सत्तमे सोलसमं २ अट्ठमे अट्ठारसमं २ नवमे वीसइमं २ दसमे बावीसइमं २ एक्कारसमे चउव्वीसइमं २ बारसमे छव्वीसइमं २ तेरसमे अट्ठावीसइमं २ चोहसमे तीसइमं २ पन्नरसमे बत्तीसइमं २ सोलसमे चउत्तीसइमं २ अणिक्खित्तेणं तवोकम्मेणं दिया ठाणुक्कुडुए सूराभिमुहे आयावणभूमीए आयावेमाणे रतिं वीरासणेण य अवाउडएण य । तए णं से मेहे अणगारे गुणरयणसंवच्छरं तवोकम्मं अहासुत्तं जाव सम्मं कारणं फासेइ पालेइ साभेडे तीरेइ किट्टेइ अहासुत्तं अहाकप्प जाव किट्टेत्ता समणं ३ वंदइ नमसइ २ बहूहिं छट्ठट्ठमदसमदुवालसेहि मासद्धमासखमणेहिं विचित्तेहिं तवोकम्मेहिं अप्पाणं भावेमाणे विहरइ। ___(36) तए णं से मेहे अणगारे तेणं उरालेणं विपुलेणं सस्सिरीएणं पयत्तेणं पग्गहिएणं कल्लाणेणं सिवेणं धन्नेणं मंगल्लेणं उद्गेणं उदारएणं उत्तमेणं महाणुभावेणं तवोकम्मेणं सुक्के लुक्खे निम्मंसे किडिकिडियाभूए अहिचम्मावणद्धे किसे धमाणसंतए जाए यावि होत्था जीवंजीवेणं गच्छइ जीवंजीवेणं चिट्ठइ भासं भासित्ता गिलाइ भासं भासमाणे गिलाइ भासं भासिस्सामि त्ति गिलाइ । से जहानामए इंगालसगडिया इ वा कट्ठसगडियाइ वा पत्तसगडिया इषा तिलंसगडिया इ वा एरंडकट्ठसगडिया इ वा उण्हे दिन्ना सुक्का समाणी ससई गच्छइ ससई चिट्ठइ एवामेव मेहे अणगारे ससई गच्छइ ससई चिट्ठइ उवचिए तवेणं अवचिए मंससोणिएणं हुयासणे इव भासरसिपरिच्छन्ने तवेणं तेएणं तवतेयसिरीए अईव २ उवसोभेमाणे २ चिट्ठइ । तेणं कालेणं २ समणे ३ महावीरे Page #57 -------------------------------------------------------------------------- ________________ नायाधम्मकहाओ [I.36-- आइगरे तित्थगरे जाव पुव्वाणुपुब्धि परमाणे गामाणुगामं दूइज्जमाणे सुहंसुहेणं विहरमाणे जेणामेव रायगिहे नयरे जेणामेव गुणसिलए चेइए तेणामेव उवागच्छइ २ अहापडिरूवं उग्गहं ओगिाण्हत्ता संजमेणं तवसा अप्पाणं भावेमाणे विहरइ । तए णं तस्स मेहस्स अणगारस्स राओ पुठवरत्तावरत्तकालसमयंसि धम्मजागरियं जागरमाणस्स अयमेयारूवे अज्झस्थिए जाव समुप्पजित्था- एवं खलु अहं इमेणं उरालेणं तहेव जाव भासं भासिस्सामि त्ति गिलामि । तं अस्थि ता मे उट्ठाणे कम्मे बले वीरिए पुरिसकारपरक्कमे सद्धा धिइ संवेगे तं जाव ता मे अस्थि उहाणे कम्मे बले वीरिए पुरिसक्कारपरकमे सद्धा धिइ संवेगे जाव य मे धम्मायरिए धम्मोवएसए समणे ३ जिणे सुहत्थी विहरइ ताव मे सेयं कल्लं पाउप्पभायाए रयणीए जाव जलंते समणं ३ वंदित्ता नमंसित्ता समणेणं ३ अब्भणुनायस्स समाणस्स सयमेव पंच महव्वयाइं आरोहित्ता गोयमाइए समणे निग्गंथे निग्गंथीओ य खामेत्ता तहारूवेहिं कडाईहिं थेरेहिं सद्धिं विउलं पव्वयं सणियं २ दुरूहित्ता सयमेव मेहघणसन्निगासं पुढविसिलापट्टयं पडिलेहित्ता संलेहणाझूसणाझूसियस्स भत्तपाणपडियाइक्खियस्स पाओवगयस्स कालं अणवकंख्माणस्स विहरित्तए । एवं संपेहेइ २ कल्लं जाव जलंते जेणेव समणे ३ तेणेव उवागच्छइ २ समणं ३ तिक्खुत्तो आयाहिणपयाहिणं करेइ वंदइ नमसइ २ नच्चासन्ने नाइदूरे सुस्सूसमाणे नमंसमाणे अभिमुहे विणएणं पंजलिउडे पज्जुवासइ । मेहा इसमणे ३ मेहं अणगारं एवं वयासी-से नूणं तव मेहा ! राओ पुव्वरत्तावरत्तकालसमयांस धम्मजागरियं जागरमाणस्स अयमेयारूवे अज्झथिए जाव समुप्पज्जित्था - एवं खलु अहं इमेणं उरोलेणं जाव जेणेव ईंहं तेणेव हव्वमागए । से नूणं मेहा ! अढे समढे १ हंता अस्थि । अहासुहं देवाणुप्पिया! मा पडिबंध । तए णं से मेहे अणगारे समणेणं ३ अब्भणुनाए समाणे हट्ट जाव हियए उठाए उठेइ २ समणं ३ तिक्खुत्तो आयाहिणपयाहिणं करेइ वंदइ नमसइ २ सयमेव पंच महन्वयाइं आरोहेइ २ गोयमाइ समणे निग्गंथे निग्गंधीओ य खामेइ २ तहारूकेहिं कडाईहिं Page #58 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 43 -1.36] नायाधम्मकहाओ थेरेहिं सद्धिं विपुलं पव्वयं साणयं २ दुरूहइ सयमेव मेहघणसन्निगासं पुढविसिलापट्टयं पडिलेहेइ २ उच्चारपासवणभूमि पडिलेहेइ २ दब्भसंथारगं संथरइ २ दब्भसथारगं दुरूहइ २ पुरत्थाभिमुहे संपलियंकनिसण्णे करयलपरिग्गहियं सिरसावत्तं मत्थए अंजलिं कटु एवं वयासी- नमोत्थु ण अरहंताणं जाव संपत्ताणं । नमोत्थु णं समणस्स जाव संपाविउकामस्स मम धम्मायरियस्स । वंदामि णं भगवंतं तत्थगयं इहगए पासउ मे भगवं वत्थगए इहगयं तिकटु वंदइ नमसइ २ एवं वयासी - पुटिव पि णं मए समणस्स ३ अंतिए सव्वे पाणाइवाए पञ्चक्खाए मुसावाए अदिन्नादाणे मेहुणे परिग्गहे कोहे माणे माया लोहे पेज्जे दोसे कलहे अब्भक्खाणे पेसुन्ने परपरिवाए अरइरइ मायामोसे मिच्छादसणसल्ले पच्चक्खाए। इयाणि पिणं अहं तस्सेव अंतिए सव्वं पाणाइवायं पञ्चक्खामि सत्वं असणपाणखाइमसाइमं चउव्विहंपि आहारं पञ्चक्खामि जावज्जीवाए। जंपि य इमं सरीरं इ8 कंतं पियं जाव विविहा रोगायंका परीसहोवसग्गा फुसंतीतिकट्टु एयं पि यणं चरमेहिं ऊसासनीसासेहिं वोसिरामित्तिकटु संलेहणाझूसणाझूसिए भत्तपाणपडियाइक्खिए पाओवगएं कालं अणवकंखमाणे विहरइ । तएणं थेरा भगवंतो मेहस्सअणगारस्स अगिलाए वेयावडियं करेंति । तए णं से मेहे अणगारे समणस्स ३ तहारूवाणं थेराणं अंतिए सामाइयमाझ्याई एक्कारस अंगाई अहिज्जित्ता बहुपडिपुण्णाई दुवालसवरिसाइं सामण्णपरियागं पाउणित्ता मासियाए संलेहणाए अप्पाणं झोसेत्ता साहि भत्ताई अणसणाए छेएत्ता आलोइयपइडिकते उद्धियसल्ले समाहिपत्ते आणुपुव्वेणं कालगए । तए णं थेरा भगवंतो मेहं अणगारं आणुपुत्वेणं कालगयं पासंति २ परिनिव्वाणवत्तियं काउस्सग्गं करेंति २ मेहस्स आयारभंडगं गेहति विउलाओ पव्वयाओ सणियं २ पच्चोरहंति २ जेणामेव गुणसिलए चेइए जेणामेव समणे ३ तेणामेव उवागच्छंति २ समणं ३ वदंति नमसंति २ एवं वयासी-एवं खलु देवाणुप्पियाणं अंतेवासी मेहे नामं अणगारे पगइभदए जाव विणीए । से णं देवाणुप्पिएहिं अब्मणुनाए समाणे गोयमाइए समणे निग्गंथे २ खामेत्ता Page #59 -------------------------------------------------------------------------- ________________ [1.37 नायाधम्मकहाओ अम्हेहिं सद्धिं विपुलं पव्वयं सणियं २ दुरूहइ २ सयमेव मेघघणसन्निगासं पुढविसिलं पडिलेहेइ २ भत्तपाणपडियाइक्खिए अणुपुषेणं कालगए। ऐस गंदेवाणुप्पिया ! मेहस्स अणगारस्स आयारभंडए । (37) भंते ! त्ति भगवं गोयमे समणं ३ वंदई नमसइ २ एवं वयासी- एवं खलु देवाणुप्पियाणं अंतेवासी मेहे नामं अणगारे । से गं भंते ! मेहे अणगारे कालमासे कालं किच्चा कहिं गए कहिं उववन्ने ? गोयमा इसमणे ३ भगवं गोयम एवं वयासी- एवं खलु गोयमा ! मम अंतेवासी मेहे नामं अणगारे पगइभदए जाव विणीए । से णं तहारूवाणं थेराणं अंतिए सामाइयमाइयाई एक्कारस अंगाई अहिज्जइ बारस भिक्खुपडिमाओ गुणरयणसंवच्छरं तवोकम्मं कारणं फासेत्ता जाव किट्टेत्ता मए अब्भणुनाए समाणे गोयमाइ थेरे खामेइ तहारूवेंहिं जाव विपुलं पव्वयं दुरूहइ दब्भसंथारंग संथरइ २ दब्भसंथारोवगए सयमेव पंचमहव्वएं उच्चारेइ बारस वासाइं सामण्णपरियागं पाउणित्ता मासियाए संलेहणाए अप्पाणं झूसित्ता सढि भत्ताइं अणसणाए छेदेत्ता आलोइयपडिकते उद्धियसल्ले समाहिपत्ते कालमासे कालं किच्चा उद्धं चांदमसूरगहगणनक्खत्ततारारूवाणं बहूई जोयणाई बहूई जोयणसयाई बहूई जोयणसहस्साई बहूई जोयणसयसहस्साई बहूइ जोयणकोडीओ बहूइ जोयणकोडाकोडीओ उड़े दूरं उप्पहत्ता सोहम्मीसाणसणंकुमारमाहिंदबंभलंतगमहासुक्कसहस्साराणयपाणयारणच्चुए तिण्णि य अट्ठारसुत्तरे गेवेज्जविमाणवाससए वीइवइत्ता विजए महाविमाणे देवत्ताए उववन्ने । तत्थ णं अत्थेगइयाणं देवाणं तेत्तीसं सागरोवमाई ठिई पन्नत्ता । तत्थ णं मेहस्स वि देवस्स तेत्तीसं सागरोवमाइं ठिई पन्नत्ता । एस ण भंते ! मेहे देवे ताओ देवलोयाओ आउक्खएणं ठिइक्खएणं भवक्खएणं अणंतरं चयं चइत्ता कहिं गच्छिहिइ कहिं उववज्जिहिइ ? गोयमा ! महाविदेहे वासे सिज्झिहिइ बुज्झिहिइ मुच्चिहिइ परिनिव्वाहिइ सव्वदुक्खाणमंतं काहिइ । __एवं खलु जंबू ! समणेणं जाव संपत्तेणं अप्पोपालंभनिमित्तं पढमस्स नायज्झयणस्स अयमढे पन्नत्ते त्तिबेमि । .॥ पढमं अज्झयणं समत्तं ॥ Page #60 -------------------------------------------------------------------------- ________________ -IL.38] याधम्मकाओ ॥ बीयं अज्झयणं ॥ (38) जइणं भंते! समणेणं जाव संपत्तेणं पढमस्स नायज्झयणस्स अयमट्ठे पन्नत्ते बिईयस्स णं भंते ! नायज्झयणस्स के अट्ठे पन्नत्ते ? एवं खलु जंबू ! तेणं कालेणं २ रायगिहे नामं नयरे होत्था वण्णओ । तत्थं णं रायगिहस्स नयरस्स बहिया उत्तरपुरत्थिमे दिसीभाए गुणसिलए नाम चेइए होत्था वष्णओ । तस्स णं गुणसिलयस्स चेइयस्स अदूरसामंते एत्थ महं एवं जिज्जा यावि होत्था विणट्ठदेव उले पैरिसडिय तोरणघरे नाणाविहगुच्छगुम्मलयावल्लिवच्छच्छाइए अणेगवालसयसंकणिज्जे यावि होत्था । तस्स णं जिष्णुज्जाणस्स बहुमज्झदेसभाए एत्थ णं महं एगे भग्गकूवए यावि होत्था । तस्स णं भग्गकूवस्स अदूरसामंते एत्थ णं महंगे मालुयाकच्छए यावि होत्था किन्हे किण्होभासे जाव रम्मे महामेहनिउरंबभूए बहूहिं रुक्खेहि य गुच्छेहि य गुम्मेहि य लयाहि य वल्लीहि य कुसेहि य खाणुए ह य संच्छन्ने पलिच्छन्ने अंतो सिरे बाहिं गंभीरे अगवालसय संकणिज्जे यावि होत्था । (39) तत्थ णं रायगिहे नयरे र्धणे नामं सत्थवाहे अड्डे दित्ते जाव विउलभत्तपाणे । वस्स णं धणस्स सत्थवाहस्स भद्दा नाम भरिया होत्था सुकुमालपाणिपाया अहीणपडिपुण्णपंचिंदियसरीरा लक्खणवंजणगुणोववेया माणुम्माणप्पमाणपडिपुण्णसुजाय सव्वंगसुंदरंगी ससिसोमागारा कंता पियदंसणा सुरूवा करयलपरिमियतिवलियमज्झा कुंडलुल्लिहियगंडलेहा कोमुइयरयणियरपडिपुण्णसोमवयणा सिंगारागारचा रुबेसा जाब पढिरूवा वंझा अवियाउरी जाणुकोप्परमाया यानि होत्था । A (40) तस्स णं धणस्स सत्थवाहस्स पंथए नामं दासचेडे होत्था सब्वंगसुंदरंगे मंसोवचिए बालकीलावणकुसले यावि होत्था । तए णं से धणे सत्थवाहे रायगिहे नयरे बहूणं नगरनिगमसेट्ठिसत्थ वाहाणं अट्ठारससेणपणी बहू कज्जेय कुटुंबे य जाव चक्खुभूए यावि होत्था नियगस्स वि य णं कुटुंबस्स बहूसु कज्जेसु जाव चक्खुभूए यावि होत्था । ( 41 ) तत्थ णं रायगिहे नयरे विजए नामं तकरे होत्या पावे Page #61 -------------------------------------------------------------------------- ________________ नायाधम्मकहाओ [11.40चंडालरूवे भीमतररुहकम्मे आरुसियादत्तरत्तनयणे खरफरुसमहल्लविगयबीभच्छदाढिए असंपुडियउढे उद्घयपईण्णलंबंतमुद्धए भमरराहुवण्णे निरणुक्कोसे निरणुतावे दारुणे पईभए निसंसइए निरणुकंपे अहीव एगंतदिट्ठीए खुरेव एगंतधाराए गिद्धव आमिसतल्लिच्छे अनिमिव सव्वभक्खी जलमिव सवंग्गाही उकंचणवंचणमायानियडिकूडकवडसाइसंपओगबहुले चिरनगरविणट्ठदुट्ठसीलायारचरित्ते जूयप्पसंगी मज्जप्पसंगी भोज्जप्पसंगी मंसप्पसंगी दारुणे हिययदारए साहसिए संधिच्छेयए उवहिए विस्संभघाई आलीयगतित्थभेयलहुहत्थसंपउत्ते परस्स व्वहरणंमि निचं अणुबद्धे तिव्ववेरे रायगिहस्स नगरस्स बहूणि अईंगमणाणि य निग्गमणाणि य बाराणि य अवबाराणि य छिंडीओ य खंडीओ य नगरनिद्धमणाणि य संवट्टणाणि य निव्वट्टणाणि य जयंखलयाणि य पाणागाराणि य वेसागाराणि य तक्करट्ठाणाणि य तकरघराणि य सिंघाडगाणि य तिगाणि य चउक्काणि य चच्चराणि य नागघराणि य भूयघराणि य जक्खदेउलाणि य सभाणि य पवाणि य पणियसालाणि य सुन्नघराणिय आभोएमाणे मग्गमाणे गवेसमाणे बहुजणस्स छिद्देसु य विसमेसु य विरेसु य वसणेसु य अब्भुदएसु य उस्सवेसु य पसवेसु य तिहीसु य छणेसु य जन्नेसु य पव्वणीसु य मत्तपमत्तस्स य वक्खित्तस्स य वाउलस्स य सुहियस्स य दुहियस्स य विदेसत्थस्स य विप्पवसियस्स य भग्गं च छिदं च विरहं च अंतरं च मग्गमाणे गवेसमाणे एवं च गं विहरइ बहिया वि य णं रायगिहस्स नगरस्स आरामेसु य उज्जाणेसु य वाविपोक्खरणीदीहियागुंजालियांसरपंतियसरसरपंतियासु य जिष्णुज्जाणेसु य भग्गकूवएसु य मालुयाकच्छएसु य सुसाणेसु य गिरिकंदरलेणउवट्ठाणेसु य बहुजणस्स छिद्देसु य जाव एवं च णं विहरइ । ___(42) तए णं तीसे भहाए भारियाए अन्नया कयाइ पुव्वरत्तावरत्तकालसमयंसि कुटुंषजागरियं जागरमाणीए अयमेयारूवे अन्झथिए जाव समुप्पज्जित्था - अहं धणेणं सत्थवाहेणं सद्धिं बहूणि घासाणि सहफरिसरसरुवाणि माणुस्सगाई कामभोगाई पच्चणुब्भवमाणी विहरामि नो चेव Page #62 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 49 -II.401 नायाधम्मकहाओ णं अहं दारगं वा . दारियं वा पयामि । तं धन्नाओ णं ताओ अम्मयाओ जाव सुलद्धे णं माणुस्सए जम्मजीवियफले तासिं अम्मयाणं जासिं मन्ने नियगकुच्छिसंभूयाई थणदुद्धलुद्धयाई महुरसमुल्लावगाई मम्मणपयंपियाइं थणमूला कक्खदेसभागं अभिसरमाणाई मुद्धयाइं थणयं पियंति तओ य कोमलकमलोवमेहिं हत्थेहिं गिहिऊणं उच्छंगे निवेसियाई देंति समुल्लावए पिए सुमहुरे पुणो २ मंजुलप्पभणिए । अहं णं अधन्ना अपुण्णा अकयलक्खणा एत्तो एगमवि न पत्ता । तं सेयं मम कल्लं जाव जलंते धणं सत्थवाहं आपुच्छित्ता धणेणं सत्थवाहेणं अब्भणुनाया समाणी सुबहुं विपुलं असणं ४ उवक्खडावेत्ता सुबहुं पुप्फगंधमल्लालंकार गहाय बहूहिं मित्तनाइनियगसयणसंबंधिपरियणमहिलाहिं सद्धिं संपरिवुडा जाई इमाइं रायगिहस्सं नयरस्स बहिया नागाणि य भूयाणि य जक्खाणि य इंदाणि य खंदाणि य रुहाणि य सिवाणि य वेसमणाणि य तत्थ णं बहूणं नागपडिमाण य जाव वेसमणपडिमाण य महरिहं पुष्फवाणियं करेत्ता जनुपायपडियाए. एवं वइत्तए.- जइ णं अहं देवाणुप्पिया ! दारगं वा दारिगं वा पैयायामि तोणं अहं तुम्भं जायं च दायं च भायं च अक्खयणिहिं च अणुवड्डेमि त्तिक? उँवाइयं उवाइत्तए। एवं संपेहेइ २ कल्लं जाव जलंते जेणामेव धणे सत्थवाहे तेणामेव उवागच्छइ २ एवं वयासी-एवं खलु अहं देवाणुप्पिया! तुब्भेहिं सद्धिं बहूई वासाइं जाव देति समुल्लावए सुमहुरे पुणो २.मंजुलप्पभणिए ! तं णं अहं अहन्ना अपुण्णा अकयलक्खणा एत्तो एगमवि. न पत्ता । तं इच्छामि णं देवाणुप्पिया ! तुब्भेहिं अब्भणुन्नाया समाणी विपुलं असणं ४ जाव अणुवड्डेमि उँवाइयं करित्तए । तए णं धणे सत्थवाहे भई भारियं एवं वयासी - ममं पि य गं देवाणुप्पिए ! एस चेव मणोरहे – कहं णं तुमं दारगं वा दारियं वा पयाएज्जासि भहाए सत्थवाहीए एयमढे अणुजाणइ । तए णं सा भद्दा सत्थवाही धणेणं सत्थवाहेणं अब्भणुन्नाया समाणी हट्ठ जाव हियया विपुलं असणं ४ उवक्खडावेइ २ सुबहुं पुष्फगंधमल्लालंकारं गेण्हइ २ समाओ गिहाओ निग्गच्छइ २ रायगिहं नयरं मझमझेणं निग्गच्छह २ Page #63 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 50 नायाधम्मकहाओ [11.41.जेणेव पोक्खरिणी तेणेव उवागच्छइ २ पुक्खरिणीए तीरे सुबहुं पुप्फ जाव मल्लालंकारं ठवेइ २ पुक्खरिणिं ओगाहेइ २ जलमज्जणं करेइ जलकिई करेइ २ ण्हाया कयबलिकम्मा उल्लपडसाडिगा जाई तत्थ उप्पलाई जाव सहसंपत्ताई गिण्हइ २ पुक्खरिणीओ पच्चोरुहइ २ तं पुप्फैवत्थ. गंधमल्लं गेण्हइ २ जेणामेव नागघरए जाव वेसमणघरए य तेणामेव उवागच्छइ २ तत्थ णं नागपडिमाण य जाव वेसमणपडिमाण य आलोए पणामं करेइ ईर्सि पच्चुन्नमइ २ लोमहत्थगं परामुसइ २ नागपडिमाओ य जाव वेसमणपडिमाओ य लोमहत्थेणं पमज्जइ उदगधाराए अब्भुक्खेइ २ पम्हलसूमालाए गंधकासाइए गायाइं लहेइ २ महरिहं वत्थारुहणं च मल्लारुहणं च गंधारुहणं च चुण्णारुहणं च वण्णारुहणं च करेइ २ धूवं डहइ २ जन्नुपायपडिया पंजलिउडा एवं वयासीजइणं अहं दारगं वा दारियं वा पयामि तो णं अहं जायं च जाव अणुवड्डेमि त्तिकटु उवाइयं करेइ २ जेणेव पोक्खरिणी तेणेव उवागच्छइ २ विपुलं असणं ४ आसाएमाणी जाव विहरइ जिमिय जाव सुइभूया जेणेव सए गिहे तेणेव उवांगया। अदुत्तरं च णं भद्दा सत्यवाही चाउद्दसट्टमुद्दिट्ठपुण्णमासिणीसु विपुलं असणं ४ उवक्खडेइ २ बहवे नागा य जाव वेसमणा य उवायमाणी नमंसमाणी जाव एवं च णं विहरइ । (41) तए णं सा भद्दा सत्थवाही अन्नया कयाइ केणइ कालंतरेणं आवन्नसत्ता जाया यावि होत्था । तए णं तीसे भदाए सत्थवाहीए दोसु मासेसु वीइक्कतेसु तईए मासे वट्टमाणे इमेयारूवे दोहले पाउन्भूएधन्नाओ णं ताओ अम्मयाओ जाव कयलक्खणाओ ताओ अम्मयाओ जाओ णं विउलं असणं ४ सुबहुयं पुप्फगंधमल्लालंकारं गहाय मित्तनाइ. नियगसयणसंबंधिपरियणमहिलियाहि य सद्धिं संपरिवुडाओरायगिहं नयरं मझमझेणं निग्गच्छंति २ जेणेव पुक्खरिणी तेणेव उवागच्छंति २.पोक्खरिपी ओगाहेंति २ हायाओ कयबलिकम्माओ सव्वालंकारविभूसियाओ विपुलं असणं ४ आसाएमाणीओ जाव पैडिभुजेमाणीओ दोहलं विणेति । एवं संपेहेइ.२ कल्लं जाव जलते जेणेव धणे सत्यवाहे तेणेव स्वागच्छइ २ घणं Page #64 -------------------------------------------------------------------------- ________________ -IL42] नायाधम्मकहाओ ' 51 सत्यवाहं एवं वयासी- एवं खलु देवाणुप्पिया ! भम तस्स गन्भस्स जाव विणेति' । तं इच्छामि णं देवाणुप्पिया ! तुन्भेहिं अब्भणुन्नाया समाणी जाव विहरित्तए । अहासुहं देवाणुप्पिया ! मा पडिबंधं । तए णं सा भद्दा धणेणं सत्थवाहेणं अब्भणुन्नाया समाणी हट्ठा जाव विपुलं असणं १ भाव उल्लपडसाडगा जेणेव नागघरए जाव धूवं डहइ २ पणामं करेइ २ जेणेव पोक्खरिणी तेणेव उवागच्छइ । तए णं ताओ मित्तनाइ जाव नगरमहिलाओ भई सत्थवाहिं सव्वालंकारविभूसियं करेंति । तए णं सा भद्दा सत्थवाही ताहि मित्तनाइनियगसयणसंबंधिपरियणनगरमहिलियाहिं साद्धं तं विपुलं असणं ४ जाव परिभुजेमाणी दोहलं विणेइ २ जामेव दिसं पाउन्भूया तामेव दिसं पडिगया । तए णं सा भद्दा सत्थपाही संपुण्णदोहला जाव तं गब्भं सुहंसुहेणं परिवहइ । तए णं सा भद्दा सत्यवाही नवण्हं मासाणं बहुपडिपुण्णाणं अट्ठमाण य राइंदियाणं सुकुमालपाणिपायं जाव दारगं पयाया। तए णं तस्स दारगस्स अम्मापियरो पढमे दिवसे जायकम्मं करेंति २ तहेव जाव विपुलं असणं ४ उवक्खडाति २ तहेव मित्तनाइनियगं भोयावेत्ता अयमेयारूवं गोणं गुणनिप्फन्नं नामधेनं करेंति - जम्हा णं अम्हं इमे दारए बहूणं नागपडिमाण य जाव वेसमणपडिमाण य उवाईयलद्धे तं होउँ णं अम्हं इमे दारए देवदिन्ने नामेणं । तए णं तस्स दारगस्स अम्मापियरो नामधेनं करेंति देवदिन्ने त्ति । तए णं तस्स दारगस्स अम्मापियरो जायं च दायं च भायं च अक्खयनिहिं च अणुवड्डेति । (42) तए णं से पंथए दासचेडए देवदिन्नस्स दारगस्स बालग्गाही जाए । देवदिन्नं दारगं कडीए गेण्हइ २ बहूहिं डिंभएहि य डिभियाहि य दारएहि य दारियाहि य कुमारएहि य कुमारियाहि य सद्धिं संपरिखुडे अभिरमइ । तए णं सा भद्दा सत्थवाही अन्नया कयाइं देवदिन्नं दारयं व्हायं कयबलिकम्मं कयकोउयमंगलपायच्छित्तं सवालंकारविभूसियं करेइ २ पंथयस्स दासचेडगस्स हत्थगसि दलयइ । तए णं से पंथए दासचेडए भहाए सत्थवाहीए हत्थाओ देवदिन्नं दारगं कडीए गेण्हइ २ Page #65 -------------------------------------------------------------------------- ________________ नायाधम्मकहाओ [II.43सयाओ गिहाओ पडिनिक्खमइ बहूहिं डिंभएहि य जाव कुमारियाहि य सद्धिं संपरिबुडे जेणेव रायमग्गे तेणेव उवागच्छइ २ देवदिन्नं दारगं एगंते ठावेइ २ बहूहिं डिंभएहि य जाव कुमारियाहि य सद्धिं संपरिबुडे पमत्ते यावि. विहरइ । इमं च णं विजए तक्करे रायगिहस्स नगरस्स बहूणि बाराणि य अवबाराणि य तहेव जाव आभोएमाणे मग्गेमाणे गवेसमाणे जेणेव देवदिन्ने दारए तेणेव उवागच्छइ २ देवदिन्नं दारगं सव्वालंकारविभूसियं पासइ २ देवदिन्नस्स दारगस्स आभरणालंकारेसु मुच्छिए गढिए गिद्धे अज्झोववन्ने पंथगं दासचेडं पमत्तं पासइ २ दिसालोयं करेइ २ देवदिन्नं दारगं गेण्हइ २ कक्खंसि अल्लियावेइ २ उत्तरिजेणं पिहेइ २ सिग्धं तुरियं चवलं वेइयं रायगिहस्स नगरस्स अवदारेणं निग्गच्छइ २ जेणेव जिण्णुज्जाणे जेणेव भग्गकूवए तेणेव उवागच्छइ २ देवदिन्नं दारयं जीवियाओ ववरोवेइ २ आभरणालंकारं गेण्हइ २ देवादिन्नस्स दारगस्स सरीरं निप्पाणं निच्चेटुं जीवविप्पजढं भग्गकवए पक्खिवइ २ जेणेव मालुयाकच्छए तेणेव उवागच्छइ २ मालगाकच्छयं अणुप्पविसइ २ निच्चले निप्पंदे तुसिणीए दिवसं खवेमाणे चिट्ठइ। (43) तए णं से पंथए दासचेडे तओ मुहुत्तंतरस्स जेणेव देवदिन्ने दारए ठविए तेणेव उवागच्छइ २ देवदिन्नं दारगं तंसि ठाणंसि अपासमाणे रोयमाणे कंदमाणे देवदिन्नस्स दारगस्स सव्वओ समंता मग्गणगवसणं करेइ २ देवदिन्नस्स दारगस्स कत्थइ सुई वा खुई वा पंउत्ति वा अलभमाणे जेणेव सए गिहे जेणेव धणे सत्थवाहे तेणेव उवागच्छइ २ धणं सत्थवाहं एवं वयासी- एवं खलु सामी ! भद्दा सत्थवाही देवदिन्नं दारयं पहायं जाव मम हत्थे दलयइ । तए णं अहं देवदिन्नं दारयं कडीए गिण्हामि जाव मग्गणगवेसणं करोमि । तं न नज्जइ णं सामी ! देवदिन्ने दारए केणइ नीए वा अवहिए वा अक्खित्ते वा पायवडिए धणस्स सत्थवाहस्स एयमटुं निवेदेइ । तए णं से धणे सत्थवाहे पंथयस्स दासचेडगस्स एयमढे सोचा निसम्म तेण य महया पुत्तसोएणाभिभूए समाणे Page #66 -------------------------------------------------------------------------- ________________ -II.44] याधम्मकाओ फरसुणियत्ते व चंपगपायवे धसत्ति धरणीयलंसि सव्वंगेहिं सन्निवइए । तए णं से धणे सत्थवाहे तओ मुहुत्तंतरस्स आसत्थे पञ्चागयपाणे देवदिन्नस्स दारगस्स सव्वओ समंता मग्गणगवेसणं करेइ देवदिन्नस्स दारगस्स कत्थइ सुइं वा खुई वा पवत्तिं वा अलभमाणे जेणेव सए गिहे तेणेव उवागच्छइ २ महत्थं पाहुडं गेण्हइ २ जेणेव नगरगुत्तिया तेणेव उवागच्छइ २ तं महत्थं पाहुडं उबणेइ २ एवं वयासी - एवं खलु देवाणुपिया ! मम पुत्ते भद्दा भारियाए अत्तए देवदिने नामं दारए इट्ठे जाव उंबर पुष्पं पिव दुल्लहे सवणयाए किमंग पुण पासणयाए । तए णं सा भद्दा भारिया देवादन्नं दारगं पहायं सव्वालंकारविभूसियं पंथगस्स हत्ये दलाइ जाव पायवडिए तं मम निवेदेइ । तं इच्छामि णं देवाणुप्पिया ! देवदिन्नस्स दारगस्स सव्वओ समंता मग्गणगवेसणं कयं । तए णं ते नगरगोत्तिया धणं सत्थवाहेणं एवं वृत्ता समाणा सन्नद्धबद्धकवया उप्पीलियस सणपट्टिया जाव गहियाउहपहरणा धणेणं सत्थवाहेणं सद्धिं रायगिहस्स नगरस्स बहूणि अइगमणाणि य जाव पवासु य मग्गणगवेसणं करेमाणा रायगिहाओ नगराओ पडिनिक्खमति २ जेणेव जिष्णुज्जाणे जेणेव भग्गकूबए तेणेव उवागच्छंति २ देवदिन्नस्स दारगस्स सरीरगं निप्पाण निश्चेष्टुं जीवविप्पजढं पासंति २ हा हा अहो अकज्जमित्तिकट्टु देवदिन्नं दारगं भग्गकूवाओ उत्तारेंति २ घणस्स सत्थवाहस्स हत्थे दलयंति । ( 44 ) तए णं ते नगर गुत्तिया विजयस्स तक्करस्स पयमंग्गमणुगच्छमाणा २ जेणेव मालुयाकच्छए तेणेव उवागच्छति २ मालुयाकच्छगं अणुप्पविसंति २ विजयं तकरं ससक्खं सहोढं सगेवेज्जं जीवग्गाहं गेति २ अद्विमुट्ठिजाणु कोप्परपहारसंभग्गमद्दियगत्तं करेंति २ अवओडगबंधणं करेंति २ देवदिन्नस्स दारगस्स सव्वं आभरणं गेण्हंति २ विजयस्स तक्करस्स गीवाए बंधंति २ मालुयाकच्छगाओ पंडिनिक्खमंति] २ जेणेव रायगिहे नयरे तेणेव उवागच्छंति २ रायगिहं नयरं अणुप्पविसंति - २ रायगिहे नयरे सिंघाडगतिगचउक्कचच्चरमहा पह पहेसु कसप्पहारे य लयापहारे य छिवापहारे य निर्वायमाणा २ छारं च 53 Page #67 -------------------------------------------------------------------------- ________________ नायाधम्मकहाओ [II.45धूलिं च कयवरं च उवरिं पकिरमाणा २ महया २ सद्देणं उग्घोसेमाणा एवं वयंति - एस णं देवाणुप्पिया ! विजए नामं तकरे जाव गिद्धे विव आमिसभक्खी बालघायए बालमारए । तं नो खलु देवाणुप्पिया ! एयस्स केइ राया वा रायमचे वा अवरज्झइ नंनत्थ अप्पणो सयाई कम्माई अवरझंति त्तिकटु जेणामेव चारगसाला शेणामेव उवागच्छंति २ हडिबंधणं करेंति २ भत्तपाणनिरोहं करेंति २ तिसंझं कसप्पहारे य जाव निवाएमाणा र विहरति । तए णं से धणे सत्थवाहे मित्तनाइनिर्यगसंबंधिपरियणेणं साद्धिं रोयमाणे जाव विलवमाणे देवदिन्नस्स दारगस्स सरीरस्स महया इड्डीसकारसमुदएणं नीहरणं करेंति बहूई लोइयाई मयकिच्चाई करेंति २ केणइ कालंतरेणं अवगयसोए जाए यावि होत्या । __(45) तए णं से धणे सत्थवाहे अन्नया कयाई लहुसयसि रायावराहसि संपलत्ते जाए यावि होत्था । तए णं ते नगरगुत्तिया धणं सत्थवाहं गेहंति २ जेणेव चारएं तेणेव उवागच्छंति २ चौरगं अणुपवेसंति २ विजएणं तकरेणं साद्धं एगयओ हडिबंधणं करेंति । तए णं सा भद्दा भारिया कल्लं जाव जलंते विपुलं असणं ४ उवखेडेइ २ भोयणपिंडए करेइ २ भोयेणाई पक्खिवइ लंछियमुद्दियं करेइ २ एगं च सुरभिवारिपडिपुण्णं दगवारयं करेइ २ पंथयं दासचेडं सदावेइ २ एवं वयासी - गच्छहँ णं तुमं देवाणुप्पिया ! इमं विपुलं असणं ४ गहाय चारगसालाए धणस्स सत्थवाहस्स उवणेहि । तए णं से पंथए भदाए सत्थवाहीए एवं वुत्ते समाणे हट्ठतुढे तं भोयणपिंडगं तं च सुरभिवरवारिपडिपुण्णं वारयं गेहइ २ सयाओ गिहाओ पडिनिक्खमइ २ रायगिह नगरं मझमझेणं जेणेव चारगसाला जेणेव धणे सत्थवाहे तेणेव उवागच्छइ २ भोयणपिडियं ठावेइ २ उँलंछेइ २ भोयेणं गेहइ २ भायणाई धोवेइ २ हत्थसोयं दलयइ २ धणं सत्थवाहं तेणं विपुलेणं असणेणं ४ परिवेसेइ । तए णं से विजए तकरे धणं सत्थवाह एवं वयासीतुम्भे णं देवाणुप्पिया ! ममं एयाओ विपुलाओ असणाओ ४ संविभागं करेहि । तए णं से धणे सत्थवाहे विजयं तकरं एवं वयासी- अवियाई Page #68 -------------------------------------------------------------------------- ________________ -II.45] नायाधम्मकहाओ अहं विजया ! एवं विपुलं असणं ४ कागाणं वा सुणगाणं वा दलएज्जा उकुरुडियाए वा णं छड्डेज्जा नो चेव णं तव पुत्तघायगस्स पुत्तमारगस्स अरिस्स वेरियस्स पडिणीयस्ल पञ्चामित्तस्स एत्तो विपुलाओ असणाओ ४ संविभागं करेज्जामि । तए णं से धणे सत्यवाहे तं विपुलं असणं ४ आहा. रेइ २ तं पंथगं पडिविसज्जेइ। तए णं से पंथए दासचेडे तं भोयणपिडगं गिण्हइ २ जामेव दिसि पाउब्भूए तामेव दिसि पडिगए । तए णं तस्स धणस्स सत्यवाहस्स तं विपुलं असणं ४ आहारियस्स समाणस्स उच्चारपासवणे णं उव्वाहित्था । तए णं से धणे सत्थवाहे विजयं तकरं एवं वयासी-एहि ताव विजया ! एगंतमवक्कमामो जेणं अहं उच्चारपासवणं परिहवेमि । तए णं से विजए तकरे धणं सत्थवाहं एवं वयासी- तुम्भं देवाणुप्पिया ! विपुलं असणं ४ आहारियस्स अस्थि उच्चारे वा पासवणे वा । ममं णं देवाणुप्पिया ! इमेहिं बहूहिं कसप्पहारेहि य जाव लयापहारेहि य तण्हाए य छुहाए य परब्भवमाणस्स नत्थि केइ उच्चारे वा पासवणे वा । तं छंदेणं तुमं देवाणुप्पिया ! एगते अवक्कमित्ता उच्चारपासवणं परिहवेहि । तए णं से धणे सत्थवाहे विजएणं तक्करेणं एवं वुत्ते समाणे तुसिणीए संचिट्ठइ । तए णं से धणे सत्थवाहे मुहुनंतरस्स बलियतरागं उच्चारपासवणेणं उव्वाहिज्जमाणे विजयं तकरं एवं वयासीएहि ताव विजया ! जाव अवकमामो । तए णं से विजए धणं सत्थवाह एवं वयासी - जइ णं तुमं देवाणुप्पिया! ताओ विपुलाओ असणाओ४ संविभागं करेहि तओ हं तुब्भेहिं साद्धिं एगंतं अवकमामि । तए णं से धणे सत्यवाहे विजयं एवं वयासी - अहं णं तुम्भं ताओ विपुलाओ असणाओ ४ संविभागं करिस्सामि । तए णं से विजए धणस्स सत्थवाहस्स एयमझु पडिसुणेई । तए णं से विजए धणेणं सद्धिं एगते अवकमइ उच्चारपासवणं परिहवेइ आयंते चोक्खे परमसुइभूए तमेव ठाणं उवसंकमित्ताणं विहरह । तए णं सा भहा कल्लं जाव जलते विपुलं असणं जाव परिवेसेई । तए णं से धणे सत्थवाहे विजयस्स तकरस्स ताओ विपुलाओ आपणाओ४ सक्भिावां करेइ । तए णं से. धणे सत्थयाहे पंथगं दासचे Page #69 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 56 नायाधम्मकहाओ [11.46विसज्जेइ । तए णं से पंथए भोयणपिडेयं गहाय चारगसालाओ पडिनिक्खमइ २ रायगिहं नयरं मझमझणं जेणेव सए गिहे जेणेव भड़ा सत्थवाही तेणेव उवागच्छइ २ भई सत्थवाहिणिं एवं वयासी-एवं खलु देवाणुप्पिए! धणे सत्थवाहे तव पुत्तघायगस्स जाव पञ्चामित्तस्स ताओ विपुलाओ असणाओ ४ संविभागं करेइ।। (46) तए णं सा भद्दा सत्थवाही पंथगस्स दासचेडगस्स अंतिए एयमढे सोच्चा आसुरुत्ता रुट्ठा जाव मिसिमिसेमाणी धणस्स सत्थवाहस्स पओसमावजइ । तए णं से धणे सत्थवाहे अन्नया कयाइं मित्तनाइ. नियगसयणसंबंधिपरियणेणं सएण य अत्थसारेणं रायकज्जाओ अप्पाणं मोयावेइ २ चारगसालाओ पडिनिक्खमइ २ जेणेव अलंकारियसभा तेणेव उवागच्छइ २ अलंकारियकम्मं करावेइ २ जेणेव पोक्खरिणी तेणेव उवागच्छइ २ अंह धोयमैट्टियं गेण्हइ पोक्परिणी ओगाहइ २ जलमजणं करेइ २ ण्हाए कयबलिकम्मे जाव रायगिहं नगरं अणुप्पविसइ २ रायगिहस्स नगरस्स मज्झमझेणं जेणेव सए गिहे तेणेव पहारेत्थ गमणाए । तए णं धणं सत्थवाहं एज्जमाणं पासित्ता रायगिहे नयरे बहवे नियगसेट्ठिसत्थवाहपभिइओ आढ़ति परियाणंति सकारेंति सम्मा0ति अमुटुंति सरीरकुसलोदंतं संपुच्छंति । तए णं से धणे सत्यवाहे जणेवे सए गिहे तेणेव उवागच्छइ । जाविय से तत्थ बाहिरिया परिसा भवइ तंजहादासा इ वा पेस्सा इ वा भियगा इ वा भाइलंगा इ वा सा वि य णं धणं सत्यवाहं एज्जमाणं पासह २ पायवडिया खेमकुसलं पुच्छइ । जावि य से तत्थ अभितरिया परिसा भवइ तंजहा -माया इ वा पिया इ वा भाया इ वा भइणी इ वा सावि य णं धणं सत्थवाहं एज्जमाणं पासइ २ आसणाओ अब्भुढेइ २ कंठाकंठियं अवयासिय बाहप्पमोक्खणं करेइ । तए णं से धणे सत्थवाहे जेणेव भद्दा भारिया तेणेव उवागच्छइ । तए णं सा भद्दा धणं सत्थवाहं एज्जमाणं पासइ २ नो आढाइ नो परियाणाइ अणाढायमाणी अपरियाणमाणी तुसिणीया परम्मुही संचिट्ठइ । तए णं से धणे सत्थवाहे भई भारियं एवं बयासी- किं णं तुम्भं देवाणुप्पिए ! Page #70 -------------------------------------------------------------------------- ________________ -11.1] नायाधम्मकाओ न तुट्ठी वा न हरिसे वा नाणंदे वा जं' मए. सएणं अत्थसारेणं रायकजाओ अप्पाणं विमोईए। तए णं सा भद्दा धणं सत्यवाहं एवं वयासीकहं णं देवाणुप्पिया! मम तुट्ठी वा जाव आणंदे वा भविस्सइ जेणं तुम मम पुत्तघायगस्स नाव पञ्चामित्तस्स वाओ विपुलाओ असणाओ ४ संविभागं करोसि । तए णं से धणे भदं भारियं एवं वयासी-नो खलु देवाणुप्पिए! धम्मो त्ति वा तवो त्ति वा कयपडिकइया इ वा लोगजत्ता इ वा नायए इवा संघाडिए इ वा सहाए इ वा सुहि त्ति वा ताओ विपुलाओ असणाओ४ संविभागे कए नन्नत्थ सरीरचिंताए । तए णं सा भदा धणेणं सत्थवाहेणं एवं वुत्ता समाणी हट्ठा जाव आसणाओ अब्भुटेइ २ कंठाकंठिं अवयासेइ खेमकुसलं पुच्छइ २ ण्हाया जाव पायच्छित्ता विपुलाई भोगभोगाई भुंजमाणी विहरइ । तए णं से विजए तकरे चारगसालाए तेहिं बंधेहि वहहिं कसप्पहारेहि य जाव तण्हाए य छुहाए य परब्भवमाणे कालमासे कालं किचा नरएसु नेरइयत्ताए उववन्ने । से णं तत्य नेरइए जाए काले कालोभासे जाव वेयणं पच्चणुब्भवमाणे विहरइ । से णं तओ उठवट्टित्ता अणादीयं अणवंदग्गं चाउरंतसंसारकंतारं अणुपरियट्टिस्सइ । एवामेव जंबू ! जे णं अम्हं निग्गंथो वा २ आयरियउवज्झायाणं अंतिए मुंडे भवित्ता अगाराओ अणगारियं पव्वइए समाणे विपुलमणिमोत्तियधणकणगरयणसारेणं लुभइ से वि एवं चेव । (47) तेणं कालेणं २ थेरां भगवंतो जाइसंपन्ना नाव पुन्वाणुपुन्वि घरमाणा जाव जेणेव रायगिहे नयरे जेणेव गुणसिलए चेइए जाव अहापडिरूवं उग्गहं उग्गिण्हित्ता संजमेणं तवसा अप्पाणं भावमाणा विहरति । परिसा निग्गया धम्मो कहिओ । तए णं तस्स धणस्स सत्यवाहस्स बहुजणस्स अंतिए एयमढे सोचा निसम्म इमेयारुवे अज्झथिए जाव समुप्पज्जित्था - एवं खलु थेरा भगवंतो जाइसंपन्ना इहमागया इहसंपत्ता। तं इच्छामि णं थेरे भगवंते वंदामि नमसामि हाए जाव सुद्धप्पावेसाई मङ्गलाई वत्थाई पवरपरिहिए पायविहारचारेणं जेणेव गुणसिलए चेइए जेणेव थेरा भगवंतो तेणेव उवागच्छइ २ वंदइ नमसइ । सए णं थेरा Page #71 -------------------------------------------------------------------------- ________________ नायाधम्मक हाओ [ 11,48 धणस्स विचित्तं धम्ममाइक्वंति । तए णं से धणे सत्थवाहे धम्मं सोचा एवं वयासी - सद्दहामि णं भंते ! निग्गंथे पावयणे जाव पव्वइए जाव बहूणि वासाणि सामण्णपरियागं पाउणित्ता भत्तं पञ्चक्खाइत्ता मासियाए संलेहणाए सट्ठि भत्ताइं अणसणाए छेदित्ता कालमासे कालं कि चा सोहम्मे कप्पे देवत्ता उबवने । तत्थ णं अत्थेगइयाणं देवाणं चत्तारि पलिओवमाइं ठिई पन्नत्ता । तत्थ णं धणस्स वि देवस्स चत्तारि पलिओवमाई ठिई पन्नत्ता | सेणं धणे देवे ताओ देवलोगाओ आउक्खएणं ठिइक्खणं भवक्खएणं अनंतरं चयं चइत्ता महाविदेहे वासे सिज्झिहिइ जाव सव्वदुक्खाणमंतं करेहिइ । (48) जहा णं जंबू ! धणेणं सत्थवाहेणं नो धम्मो त्ति वा जाव विजयस्स तकरस्स ताओ विपुलाओ असणाओ ४ संविभागे कए नन्नत्थ सरीरसारखणट्ठाए एवामेव जंबू ! जे णं अम्हं निग्गंथे वा जाव पव्वइए ससाणे ववगयण्हाणमद्दणपुष्पगंधमलालंकारविभूसे इमस्स ओरालियसरीरस्स नो वण्णहेडं वा रूवहेउं वा बैलविसयहेडं वा तं विपुलं असणं ४ आहारमाहारेइ नन्नत्थ नाणदंसणचरित्ताणं वहणट्टयाए से णं इहलोए चेव बहूणं समणाणं बहूणं समणीणं बहूणं सावगाण य सावियाण य अचणिजे आव पज्जुवासणिज्जे भवइ । परलोए वि य णं नो आगच्छइ बहूणि हत्थ - च्छेयणाणि य कण्णच्छेयणाणि य नासाछेयणाणि य एवं हियउप्पायणाणि य वसणुष्पायणाणि य उल्लंबणाणि य पाविहिइ अणाईयं च णं अणवदग्गं दीहमद्धं जाव वीईवइस्सइ जहा व से धणे सत्थवाहे । 58 एवं खलु जंबू ! समणेणं जाव संपेत्तण दोषस्स नायज्झयणस्स अयम पत्ते तिबेमि ॥ ॥ बीर्य अझयणं समत्तं ॥ Page #72 -------------------------------------------------------------------------- ________________ नायाधम्मक हाओ ॥ तथं अज्झयणं ॥ (49) जइ णं भंते ! समणेणं जाव संपन्तेणं दोचस्स अज्झयणस्स नायाधम्मकहाणं अयमट्ठे पन्नत्ते तइअस्स अज्झयणस्स के अट्ठे पद्मते ? एवं खलु जंबू ! तेणं कालेणं २ चंपा नामं नयरी होत्था वण्णओ । वीसे णं चंपाए नयरीए बहिया उत्तरपुरत्थिमे दिसीभार सुभूमिभागे नामं उज्जाणे सेव्बउयपुप्फफलसमिद्धे सुरम्मे नंदणवणे इव सुहसुरभिसीयलच्छायाए समणुबद्धे । तस्स णं सुभूमिभागस्स उज्जाणस्स उत्तरपुररात्थिमे एगदेसंमि मालुयाकच्छए होत्था वष्णओ । तत्थ णं एगा वर्णमयूरी दो पुट्ठे परियोगए पिटुंडीपंडुरे निव्वणे निरुवहए भिन्नमुट्ठिप्पमाणे मयूरी अंडए पसवइ २ सएणं पक्खवाएणं सारक्खमाणी संगोवेमाणी संचिट्ठेमाणी विहरइ । तत्थ णं चंपाए नयरीए दुवे सत्थवाहदारगा परिवसंति तंजा - जिणदत्तपुत्ते य सागरदत्तपुत्ते य सहजायया सहवड्डियया सहपंसुकीलियया सहदारदरिसी अन्नमन्नमणुरत्ता अन्नमन्नमणुव्वया अन्नमन्नच्छंदाणुवत्तया अन्नमन्नहियइच्छियकारया अन्नमन्नेसु गिहेसु कम्माई करणिज्जाई पच्चणुब्भवमाणा विहरंति । (50) तए णं तेसिं सत्थवाहदारगाणं अन्नया कयाई एगयओ सहियाणं समुवागयाणं सन्निसण्णाणं सन्निविद्वाणं इमेयारूवे मिहोकहासमुल्लावे समुप्पज्जित्था - जनं देवाणुप्पिया ! अम्हं सुहं वा दुहं वा पव्वज्ज वा विदेसगमणं वा समुप्पज्जइ तं णं अम्हेहिं एगयओ समेचा नित्थरियब्वं विकट्टु अन्नमन्नमेयारूवं संगारं पडिसुर्णेति सकम्मसंपउत्ता जाया यावि होत्था । ( 51 ) तत्थ णं चंपाए नयरीए देवदत्ता नामं गणिया परिवसइ अड्डा अड़ा जाय भत्तपाणा चैउसट्ठिकलापंडिया च सद्विगणियागुणोववेया अडणत्तीसविसेसे रममाणी एकवीसरइगुणप्पहाणा बत्तीसपुरिसोवयारकुसला नवंगसुत्तपढिबोहिया अट्ठारसदेसी भासाविसारया सिंगारागार चारुबेसा संगयगयहसिय जाव ऊसियज्झया सहस्सलभा विदिन्नछत्तचामरबालवीयणिया कण्णीरहप्पयाया विहोत्था बहूणं गणियासहस्साणं आहेबच्चं आव -III.51] 59 Page #73 -------------------------------------------------------------------------- ________________ नायाधम्मकहाओ [III.51विद्दरइ । तए णं तेसिं सत्थवाहदारगाणं अन्नया कयाई पुव्वर त्ताव रत्तकालसमयंसि जिमियभुत्तत्तरागयाणं समाणाणं आयन्ताणं चोक्खाणं परमसुइभूयाणं सुहासणवरगयाणं इमेयारूवे मिहोक हासमुल्लावे समुपज्जित्था - सेयं खलु अम्हं देवाणुपिया ! कल्लं जाव जलंते विपुलं असणं ४ उवक्खडावेत्ता तं विपुलं असणं : धूवपुष्पगंधवत्थं गहाय देवदत्ताय गणियाए सार्द्धं सुभूमिभागस्स उज्जाणसिरिं पच्चणुब्भवमाणाणं विहरितर तिकट्टु अन्नमन्नस्स एयमहं पडिसुर्णेति २ कल्लं पोउप्पभायाए कोडुंबियपुरिसे सद्दावेंति २ एवं वयासी - गच्छह णं देवाणुप्पिया ! विपुलं असणं ४ उवक्खंडावेह २ तं विपुलं असणं ४ धूवपुष्पं गहाय जेणेव सुभूमिभागे उज्जाणे जेणेव नंदापुक्खरिणी तेणामेव उवागच्छह २ नंदाए पोक्खरिणीए अदूरसामंते थूणामंडवं आहणह २ आसियसम्मब्जिओवलित्तं सुगंध जाव कलियं करेह २ अम्हं पडिवालेमाणा २ चिट्ठह जाव चिट्ठेति । तए णं ते सत्थवाहदारगा दोच्चपि कोडुंबियपुरिसे सहार्वेति २ एवं वयासी - खिप्पामेव लहुकरणजुत्तजोइयं समखुरवालिहाणं समलिहियतिक्खग्गसिंगएहिं रययामयघंटसुत्त रज्जुपवरकं चणखचियनत्थपग्गहोवग्गहिएहिं नीलुप्पलकयामेलएहिं पवरगोणजुवाणएहिं नानामणिरयणकंचणघंटियाजालपरिक्खित्तं पवरलक्खणा ववेयं जुत्तामेव पवहणं उवणेह । ते वि तहेव उवर्णेति । तए णं ते सत्थवाहदारगा व्हाया जाव सरीरा पवहणं दुरूहंति २ जेणेव देवदत्ताए गणियाए गिहे तेणेव उवागच्छंति २ पवहणाओ पच्चोरुहंति २ देवदत्ताय गणियाए गिहं अणुप्पविसंति । तए णं सा देवदत्ता गणिया ते सत्थवाहदारए एज्जमाणे पासइ २ हट्ठट्ठा आसणाओ अब्भुट्ठेइ २ सत्तट्ठ पयाई अणुगच्छइ २ सत्थवाहदारए एवं वयासी - संदिसंतु णं देवाणुप्पिया ! किमिहागमणप्पओयणं । तए णं ते सत्थवाहदारगा देवदत्तं गणियं एवं वयासी - इच्छामो जं देवापिए ! तुभेहिं सार्द्धं सुभूमिभागस्स उज्जाणसिरिं पच्चणुब्भवमाणा विहरित्तए । तए णं सा देवदत्ता तेसिं सत्थवाहदारगाणं एयम पडिसुणेइ २ व्हाया कयबलिकम्मा किं ते पवर जाव सिरिसमाणवेसा 60 Page #74 -------------------------------------------------------------------------- ________________ -III.53] नायाधम्मकहाओ जेणेव सत्यवाहदारगा तेणेव उवागया । तए णं ते सत्यवाहदारगा देवदत्ताए गणियाए सद्धिं जाणं दुरूहंति २ चंपाए नयरीए मझमज्झेणं जेणेव सुभूमिभागे उज्जाणे जेणेव नंदापोक्खरिणी तेणेव उवागच्छंति २ पवहणाओ पच्चोरुहंति २ नंदापोक्खरिणी ओगाहेंति २ जलमज्जणं करेंति जलकिई करेंति व्हाया देवदत्ताए सद्धिं पच्चुत्तरंति जेणेव थूणामंडवे तेणेव उवांगच्छंति २ अणुप्पविसंति २ सव्वालंकारभूसिया आसत्था वीसत्था सुहासणवरगया देवदत्ताए सद्धिं तं विपुलं असणं धूवपुप्फगंधवत्थं आसाएमाणा विसाएमाणा परिभाएमाणा परिभुजंति एवं च णं विहरति जिमियभुत्तुत्तरागया वि य णं समाणा आयंता देवदत्ताए सद्धिं विपुलाई कामभोगाई भुंजमाणा विहरति । ___(52) तए णं ते सत्थवाहदारगा पुव्वावरण्हकालसमयंस देवदत्ताए गणियाए सद्धिं थूणामंडवाओ पडिनिक्खमंति २ हत्थसंगेल्लीए सुभूमिभागे बहसु आलिघरएसु जाव कुसुमघरएसु य उजाणसिरिं पच्चगुब्भवमाणा विहरंति । __(53) तए णं ते सत्थवाहदारगा जेणेव से मालुयाकच्छए तेणेव पहारेत्थ गमणाए । तए णं सा वणमयूरी ते सत्थवाहदारए एजमाणे पासइ २ भीया तत्था महया २ सद्देणं केकारवं विणिमुयमाणी २ मालयाकच्छाओ पडिनिक्खमइ २ एगंसि रुक्खडालयंसि ठिच्चा ते सत्थवाहदारए मालुयाकच्छं च अणिमिसाए दिट्ठीए पेईमाणी २ चिट्ठइ। तएणं ते सत्यवाहदारगा अन्नमन्नं सदाति २ एवं वयासी- जहा णं देवाणुप्पिया ! एसा वणमयूरी अम्हे एज्जमाणे पासित्ता भीया तत्था तसिया उन्विग्गा पलाया महया २ सद्देणं जाव अम्हं मालुयाकच्छयं च पेच्छमाणी २ चिट्ठइ तं भवियव्वमेत्य कारणेणं तिकटु मालुयाकच्छयं अंतो अणुप्पविसंति । तत्थ णं दो पुढे परियागए जाव पासित्ता अन्नमन्नं सद्दावेति २ एवं वयासी- सेयं खलु देवाणुप्पिया ! अम्हं इमे वणमयूरीअंडए साणं जाइमताणं कुक्कुडियाणं अंडएसु पक्खिवावित्तए । तए णं ताओ जाइमंताओ कुक्कुडियाओ एए अंडए सए य अंडए सणं पंखवाएणं Page #75 -------------------------------------------------------------------------- ________________ नायाधम्मकहाणो [III.54सारक्खमाणीओ संगोवेमाणीओ विहरिस्संति । तए अम्हं एत्य दो कीलावणगा मयूरपोयगा भविस्संति तिकटु अनमन्नस एयमé परिसुणेवि २ सए सए दासचेडए सहावेंति २ एवं बयासी- गच्छहे गं तुम्भे देवाणुप्पिया ! इमे अंडए गहाय सगाणं कुक्कुडीणं अंडएसु पक्खिवह जाव ते पक्खिवेति । तए णं ते सत्थवाहदारगा देवदत्ताए गणियाए साद्धं सुभूमिभागस्स उजाणसिरिं पच्चणुब्भवमाणा विहरिता तमेव जाणं दुरूढा समाणा जेणेव चंपा नयरी जेणेव देवदत्ताए गणियाए गिहे तेणेव उवागच्छंति २ देवदत्ताए गिहं अणुप्पषिसंति २ देवदचाए गणियाए विउलं जीवियारिहं पीइदाणं दलयंति २ सकारेंति सम्मा0ति २ देवदत्ताए गिहाओ पडिनिक्खमंति २ जेणेव सयाई २ गिहाई तेणेव उवागच्छंति २ सकम्मसंपउत्ता जाया यावि होत्था । ___ (54) तत्थ णं जे से सागरदत्तपुत्ते सत्यवाहदारए से णं कलं जाव जलंते जेणेव से वणमयूरीअंडए तेणेव उवागच्छइ २ वसि मयूरीअंडयांस संकिए कंखिए विइगिच्छसमावन्ने भेयसमावन्ने कलुससमावळे किंमं मम एत्य कीलावणए मयूरपोयए भविस्सइ उदाहु नो भविस्सइ त्तिकटु तं मयूरीअंडयं अभिक्खणं २ उव्वत्तेइ परियत्तेह आसारेइ संसारेइ चालेइ फंदेइ घट्टेइ खोभेइ अभिक्खणं २ कण्णमूलंसि टिट्टियावेइ । तए णं से वणमयूरीअंडए अभिक्खणं २ उव्वचिजमाणे जाय टिट्टियावेज्जमाणे पोच्चडे जाए यावि होत्या । वए णं से सागरदत्तपुत्ते सत्यवाहदारए अन्नया कयाई जेणेव से वणमयूरीअंडए वेणेव उवागच्छइ २ तं मयूरीअंडयं पोच्चडमेव पासइ २ अहो णं ममं एत्य कीलावणए मयूरपोयए न जाए तिकटु ओहयमण जाव झियायइ । एवामेव समणाउसो ! जो अम्हं निग्गंयो वा २ आयरियउवज्झायाणं अंतिए पव्वइए समाणे. पंचमहव्वएसु जाव छज्जीवनिकाएसु निग्गंथे पावयणे संकिए जाव कलुससमावने से णं इहमवे चेव बहूणं समणाणं २ बहणं सावगाणं सावियाणं हीलणिज्जे निंदणिज्जे खिसणिज्जे गरहणिज्जे परिभवणिज्जे परलोए विय णं आगच्छइ बहूणि दंडणाणि य जाव ससारं अणुपरियट्टइ । Page #76 -------------------------------------------------------------------------- ________________ -111.55] नायाधम्मकहाओ (55) तए णं से जिणदत्तपुत्ते जेणेव से मयूरीअंडए तेणेव उवागच्छइ २ तंसि मयूरीअंडयंसि निस्संकिए सुव्वत्तए णं मम एत्थ कीलावणए मयूरपोयए भविस्सइ तिकट्टु तं मयूरीअंडयं अभिक्खणं २ नो उव्वत्तेइ जाव नो टिट्टियावेइ । तए णं से मयूरीअंडए अणुव्वत्तिज्जमाणे जाव अटिट्टियाविज्जमाणे कालेणं समएणं उभिन्नमयरपोयए एत्थ जाए । तए णं से जिणदत्तपुत्ते मयूरपोययं पासइ २ हद्वतुढे मयूरपोसए सहावेइ २ एवं वयासी-तुन्भे णं देवाणुप्पिया ! इमं मयूरपोयगं बहूहिं मयूरपोसणपाओग्गेहिं दव्वेहिं अणुपुव्वेणं सारक्खमाणा संगोवेमाणा संवड्डेह नटुल्लगं च सिक्खावेह । तए णं ते मयूरपोसगा जिणदत्तस्स पुत्तस्स एयमह पडिसुणेति २ तं मयूरपोयगं गेण्हंति जेणेव सए गिहे तेणेव उवागच्छंति २ तं मयूरपोयगं जाव नटुलगं सिक्खावेति । तए णं से वणमयूरपोयए उम्मुक्कबालभावे विन्नाय जाव लक्खणवंजणगुणोवए माणुम्माणप्पमाणपडिपुण्णपक्खपेहुणकलावे विचित्तपिच्छसत्तचंदए नीलकंठए नच्चणसीलए एगाए चप्पुडियाए कयाए समाणीए अणेगाई नटुल्लगसयाई केकारवसयाणि य करेमाणे विहरइ । तए णं ते मयूरपोसगातं मयूरपोयगं उम्मुक जाव करेमाणं पासित्ताणं तं मयूरपोयगं गेण्हंति २ जिणदत्तपुत्तस्स उवणेति। तए णं से जिणदत्तपुत्ते सत्थवाहदारए मयूरपोयगं उम्मुक्त जाव करेमाणं पासित्ता हट्टतुट्टे तेसिं विपुलं जीवियारिहं पीइदाणं दलयइ २ पडिविसज्जेइ । तए णं से मयूरपोयगे जिणदत्तपुत्तेणं एगाए चप्पुडियाए कयाए समाणीए नंगोलाभंगसिरोधरे सेयावंगे ओलियपइण्णपक्खे उक्खित्तचंदकाइयकलावे केक्काइयसयाणि विमुंचमाणे नच्चइ । तए णं से जिणदत्तपुत्ते तेणं मयूरपोयएणं चंपाए नयरीए सिंघाडग बाव पहेसु एहि य साहस्सिएहि य सयसाहस्सिएहि रा पणिएहि य जयं करेमाणे विहरह। एवामेव सभणाउसो ! जो अम्हं निग्गयो वा २ पव्वइए समाणे पंचमहम्बएसु छज्जीवनिकाएसु निग्गंथे पावयणे निस्संकिए निखिए निम्विइगिच्छे से गं इहभवे चेव बहूर्ण समणाणं Page #77 -------------------------------------------------------------------------- ________________ नावांधम्मकहाओ tIit55 जाव वीइवइस्सइ। - एवं खलु जंबू ! समणेणं नाव संपत्तेणं नायाणं तच्चस्स अन्नयणस्स अयमढे पमति बेमि ॥ ॥ तच अज्झायणं समत्तं ॥३॥ Page #78 -------------------------------------------------------------------------- ________________ -IV.56) नायाधम्मकहामो ॥ चउत्थं अज्झयणं ॥ (56) जइ णं भंते ! समणेणं ३ नायाणं तच्चस्स नायज्झयणस्स अयमढे पन्नत्ते चउत्थस्स णं नायाणं के अढे पनत्ते ? एवं खलु जंबू ! तेणं कालेणं २ वाणारसी नाम नयरी होत्था वण्णओ। तीसे णं वाणारसीए नयरीए उत्तरपुरस्थिमे दिसीभाए गंगाए महानईए मयंगतीररहे नामं दहे होत्था आणुपुव्वसुजायवप्पगंभीरसीयलजले अच्छविमलसलिलपलिच्छन्ने संछनपत्तपुप्फपलासे बहुउप्पलपउमकुमुयनालणसुभगसोगंधियपुंडरीयमहापुंडरीयसयपत्तसहस्सपत्तकेसरपुप्फोवचिए पासाईए ४। तत्य गं बहणं मच्छाण य कच्छभाण य गाहाण य मगराण य सुंसुमाराण व सयाणि य सहस्साणि य सयसहस्साणि य जूहाई निब्भयाई निरुव्विग्गाइं सुहंसुहेणं अभिरममाणाई २ विहरंति । तस्स णं मयंगतीरइहस्स अदूरसामंते एत्थ णं महं मालुयाकच्छए होत्था वण्णओ । तत्थ णं दुवे पावसियालगा परिवसंति पावा चंडा रुदाँ तल्लिच्छा साहसिया लोहियपाणी आमिसत्थी आमिसाहारा आमिसप्पिया आमिसलोला आमिसं गवेसमाणा रत्तिं वियालचारिणो दिया पच्छन्नं वि चिट्ठति । तए गं ताओ मयंगतीरईहाओ अन्नया कयाइं सूरियसि चिरत्थमियंसि लुलियाए संझाए पविरलमाणुसंसि निसंतपडिनिसंतंसि समाणसि दुवे कुम्मगा आहारत्थी आहारं गवेसमाणा सणियं २ उत्तरंति तस्सेव मयंगतीरदहस्स परिपेरंतेणं सव्वओ समंता परिघोलेमाणा २ वित्तिं कप्पेमाणा विहरंति । तयाणंतरं च णं ते पावसियालगा आहारत्थी जाव आहारं गबेसमाणा मालुयाकच्छगाओ पडिनिक्खमंति २ जेणेव मयंगतीररहे तेणेव उवागच्छंति २ तस्सेव मयंगतीरदहस्स परिपेरतेणं परिघोलेमाणा २ वित्ति कप्पेमाणा विहरति । तए णं ते पावसियाला ते कुम्मए पासंति २ जेणेव ते कुम्मए तेणेव पहारेत्थ गमणाए । तए णं ते कुम्मगा पावसियालए एज्जमाणे पासंति २ भीया तत्था तसिया उश्विग्गा संजायभया हत्थे य पाए य गीवाए य सएहिं २ काएहिं साहरंति २ निच्चला निष्फंदा तुसिणीया संचिट्ठति । तए णं ते पावसियालगा जेणेव ते कुम्मगा Page #79 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 66 नायाधम्मकहाओ [IV.56तेणेव उवागच्छंति २ ते कुम्मगा सव्वओ समंता उठवत्तेंति परियत्तेति आसारेंति संसारेंति चालेंति घटेति फंदेंति खोभेति नहेहिं आलुपंति' दंतेहि य अक्खोडेंति नो चेव णं संचाएंति तेसिं कुम्मगाणं सरीरस्स आबाहं वा पबाहं वा वाबाहं वा उप्पाइत्तए छविच्छेयं वा करित्तए । तए णं ते पावसियालगा ते कुम्मए दोच्चंपि तच्चंपि सव्वओ समंता उव्वतेंति जाव नो चेव णं संचाएंति करित्तए ताहे संता तंता परिवंता निविण्णा समाणा सणियं २ पच्चोसकंति एगंतमवक्कमति २ निच्चला निप्फंदा तुसिणीया संचिट्ठति । तत्थ णं एगे कुम्मए ते पावसियालए चिरगए दूरंगए जाणित्ता सणियं २ एंगं पायं निच्छुभइ । तए णं ते पावसियालगा तेणं कुम्मएणं सणियं २ एगं पायं नीणियं पासंति २ सिग्धं तुरियं चवलं चंडं जैइणं वेगियं जेणेव से कुम्मए तेणेव उवागच्छंति २ तस्स णं कुम्मगस्स तं पायं नहिं आलुपंति दंतेहिं अक्खोडेंति तओ पच्छा मंसं च सोणियं च आहारेंति २ तं कुम्मगं सव्वओ समंता उव्वत्तेति जाव नो चेव णं संचाएंति करेत्तए ताहे दोच्चंपि अवकमंति एवं चत्तारि वि पाया जाव साणेयं २ गीवं नीणेइ । तए णं ते पावसियालगा तेणं कुम्मएणं गीवं नीणियं पासंति २ सिग्धं चवलं ४ नहेहिं दंतेहिं य कवालं विहाडेंति २ तं कुम्मगं जीवियाओ ववरोवेंति २ मंसं च सोणियं च आहारेंति । एवामेव समणाउसो ! जो अम्हं निग्गंथो वा २ आयरियउवज्झायाणं अंतिए पव्वइए समाणे पंच य से इंदिया अगुत्ता भवंति से णं इहभवे चेव बहूणं समणाणं ४ हीलणिज्जे परलोए वि य णं आगच्छइ बहूणं दंडणाणं जाव ससारं अणुपरियट्टइ जहा व से कुम्मए अगुत्तिदिए । तए णं ते पावसियालगा जेणेव से दोच्चे कुम्मए तेणेव उवागच्छंति २ तं कुम्मगं सव्वओ समंता उव्वत्तेंति आव दंतेहिं अक्खुडेंति जाव करित्तए । तए णं ते पावसियालगा दोच्चंपि तच्चपि जाव नो संचायति तस्स कुम्मगस्स किंचि आबाहं वा विवाह वा जाव छविच्छेयं वा करेत्तए ताहे संता तंता परितंता निविण्णा समाणा जामेव दिसं पाउन्भूया. तामेव दिसं पडिगया । तए णं से कुम्मए ते Page #80 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 62 -IV.56] .. नायाधम्मकहासो पावसियालए चिरगए दूरगए जाणित्ता सणियं २ गीवं नेणेइ २ दिसावलोयं करेइ २ जमगसमगं चचारि वि पाए. नीणेइ २ ताए उकिटाए कुम्मगईए वीईवयमाणे २ जेणेव मयंगतीरहहे तेणेव उवागच्छइ २ मित्तनाईनियगसयणसंबंधिपरियणेणं सद्धिं अभिसमन्नागए यावि होत्था। एवामेव समणाउसो ! जो अम्हं समणो वा समणी वा पंच महव्वयाई इंदियाइं गुत्ताइ भवंति से णं इहभवे चेव बहूणं समणाणं ४ नो हीलणिज्जे नो निंदणिज्जे परलोए वि य णं सुग्गइं गच्छइ बहूणं नो दंडणाणं नो मुंडणाणं नाव संसारं नो अणुपरियट्टई जहा व से कुम्मए गुत्तिदिए । ___ एवं खलु जंबू ! समणेणं भगवया महावीरेणं चउत्थस्स नायज्झयणस्स अयमढे पन्नत्तत्ति बेमि ॥ ॥ चउत्थं नायज्झयणं समत्तं ॥४॥ Page #81 -------------------------------------------------------------------------- ________________ नायाधम्मकहाओ [V.57॥ पंचमं अज्झयणं ।। (57) जइ णं भंते ! समणेणं ३ चउत्थस्स नायज्झयणस्स अयमहे पनत्ते पंचमस्स नायज्झयणस्स के अटे पन्नत्ते ? एवं खलु जंबू ! तेणं कालेणं २ बारवई नाम नयरी होत्था पाईणपडीणायया उदीणदाहिणवित्थिण्णा नवजोयणवित्थिण्णा दुवालसजोयणायामा धणवइमइनिम्माया चामीयरपवरपागारा नाणामणिपंचवण्णकविसीसगसोहिया अलयापुरिसंकासा पमुइयपक्कीलिया पञ्चक्खं देवलोगभूया। तीसे गं बारवईए नयरीए बहिया उत्तरपुरथिमे दिसीभाए रेवयगे नाम पन्वए होत्या तुंगे गगणतलमणुलिहंतसिहरे नाणाविहगुच्छगुम्मलयावल्लिपरिगए हंसमियमयूरकोंचसारसचक्कवायमयणसालकोइलकुलोववेए अंगतडकडगवियरउज्झरपवायपन्भारसिहरपंउरे अच्छरगणदेवसंघचारणविज्जाहरमिहुणसंविचिण्णे निच्चच्छणए दसारवरवीरपुरिसतेलोकबलवगाणं सोमे सुभगे पियदसणे सुरूवे पासाईए ४ । तस्स णं रेवयगस्स अदूरसामंते एत्थ णं नंदणवणे नामं उज्जाणे होत्था सव्वउयपुप्फफलसमिद्धे रम्मे नंदणवणप्पगासे पासाईए ४ । तस्स णं उज्जाणस्स बहुमज्झदेसभाए सुरप्पिए नामं जक्खाययणे होत्था वण्णओ । तत्थ णं बारवईए नयरीए कण्हे नामं वासुदेवे राया परिवसइ । से णं तत्थ समुहविजयपामोक्खाणं दसण्हं दसाराणं बलदेवपामोक्खाणं पंचण्हं महावीराणं उग्गसेणपामोक्खाणं सोलसण्हं राईसहस्साणं पज्जुन्नपामोक्खाणं अछुट्टाणं कुमारकोडीणं संबपामोक्खाणं सट्ठीए दुइंतसाहस्सीणं वीरसेणपामोक्खाणं एकवीसाए वीरसाहस्सीणं महासेणपामोक्खाणं छप्पन्नाए बलवगसाहस्सीणं रुप्पिणिप्पामोक्खणं बत्तीसाए महिलासाहस्सीणं अणंगसेणापामोक्खाणं अणेगाणं गणियासाहस्सीणं अन्नेसि च बहूणं राईसरतलवर जाव सत्थवाहपभिईणं वेयड्डगिरिसागैरपेरंतस्स य दाहिणड्डभरहस्स य बारवईए नयरीए आहेवच्चं जाव पालेमाणे विहरइ । ___(58) तत्थ णं बारवईए थावच्चा नामं गाहावइणी परिवसइ अड्रा जाव अपरिभूया । तीसे णं थावच्चाए गाहावइणीए पुत्ते थावच्चापुत्ते Page #82 -------------------------------------------------------------------------- ________________ V.58] नायाधम्मक हाओ 69 नामं सत्थवाहदारए होत्था सुकुमालपाणिपाए जाव सुरूवे । तए णं सा थावच्चा गाहावइणी तं दारगं साइरेगअट्ठवासजायं जाणित्ता सोहसि तिहिकरणनक्स्खत्तमुडुत्तांसि कलायरियस्स उबणेइ जाव भोगसमत्थं जाणित्ता बत्तीसाए इन्भकुलबालियाणं एगदिवसेणं पाणिं गेण्हावेइ बत्तीसओ दाओ जाव बत्तीसाए इन्भकुलबालियाहिं सद्धिं विपुले सहफरिसरसरूववण्णगंधे जाव भुंजमाणे विहरइ । तेणं कालेणं २ अरहा अरिट्ठनेमी सो चैव वण्णओ दसघणुस्सेहे नीलुप्पलगव लगुलियअयसिकुसुमप्पगासे अट्ठारसहिं समणसाहस्सीहिं चत्तालीसाए अज्जियासाहस्वीहिं सद्धिं संपरिवुडे पुव्वाणुपुवि चरमाणे जाव जेणेव बारबई नगरी जेणेव रेवयगपव्वए जेणेव नंदणवणे उज्जाणे जेणेव सुरप्पियस्स जक्खस्स जक्खाययणे जेणेव असोगवरपायवे तेणेव उवागच्छइ २ अहापडिरूवं उग्गहं ओगिन्हित्ता संजमेणं तवसा अप्पाणं भावेमाणे बिहरइ । परिसा निग्गया धम्मो कहिओ । तए णं से कहे वासुदेवे इमीसे कहाए लद्धट्ठे समाणे कोडुंबिय पुरिसे सहावेइ २ एवं वयासी विप्पामेव भो देवाणुपिया ! सभाए सुहम्माए मेघोघरसियं गंभीरमहुरस कोमुइयं भेरिं तालेह । तए णं ते कोडुंबियपुरिसा कण्हेणं बासुदेवेणं एवं वृत्ता समाणा हट्ठ जाव मत्थए अंजलिं कट्टु एवं सामी ! तह त्ति जाव पडिसुर्णेति २ कण्हस्स वासुदेवस्स अंतियाओ परिनिक्वमंति२ जेणेव सभा सुहम्मा जेणेव कोमुइया भेरी तेणेव उवागच्छंति २ तं मेघोघरसियगंभीर महुरसहं कोमुइयं भेरिं तार्लेति । तो निद्धमहुरगंभीरप डिसुएणं पिव सारइएणं बलाहएणं अणुरसियं भेरीप । तप णं तीसे कोमुइयाए भेरीए तालियाए समाणीए बारवईए नयरीए नवजोयणवित्थिण्णाए दुवालसजोयणायामाए सिंघाडगतियचटकाचच्चरकंदर वरीविवरकुहरगिरिसिहरनगरगोपुरपासायदुवीरभवणदेउउपढित्सुयासयसहस्ससंकुलं करेमाणे बारवईए नयरीए सभितरबाहि रियं सव्वओ समंता स विप्पसरित्था । तए णं वारवईए नयरीए नवजोयणवित्यिण्णाए बारसजोयणायामाए समुहविजयपामोक्खा दस ' Page #83 -------------------------------------------------------------------------- ________________ नायाधम्मक हाओ [V.59 दुसारा जाव गणियासहस्साइं कोमुईयाए भेरीए सह सोच्चा निसम्म हट्ठट्ठा जाव ण्हाया आविद्धवग्घारियमल्लदामकलावा अहयवत्थचंदणोक्विन्नगायसरीरा अप्पेगइया हयगया एवं गयगया रहसीयासंदभाणीगया अप्पेगइया पायविहारचारेणं पुरिसवग्गुरापरिक्खित्ता कण्हस्स वासुदेवस्स अंतिए पाउन्भवित्था । तए णं से कण्हे वासुदेवे समुहविजयपामोक्खे दस दसारे जाव अंतियं पाउन्भवमाणे पासित्ता हट्ठतुट्ठे जाव कोडुंबिय - पुरिसे सहावेइ २ एवं वयासी - खिप्पामेव भो देवाणुप्पिया ! चाउरंगिणिं सेणं सज्जेह विजयं च गंधहत्थि उवट्ठवेह । तेवि तहेव उवट्ठवेंति जाव पज्जुवासंति । (59) थावच्चापुत्ते वि निग्गए जहा मेहे तहेव धम्मं सोच्चा निसम्म जेणेव थावच्चा गाहावइणी तेणेव उवागच्छइ २ पायग्गहणं करेइ जहा मेहस्स तहा चैव निवेयणा जाहे नो संचाएर विसयाणुलोमाहि य विसयप डिकूलाहि य बहूहिं आघवणाहि य पन्नवणाहि य सन्नवणाहि य विन्नवणाहि य आघवित्तए वा ४ ताहे अकामिया चैव थावच्चापुत्तस्स निक्खमणमणुमन्नित्थां । तए णं सा थावच्चा आसणाओ अब्भुट्ठेइ २ महत्थं महग्धं महरिहं रायारिहं पाहुडं गेण्हइ २ मित्त जाव संपरिवुडा जेणेव कण्हस्स वासुदेवस्स भवणवरपडिदुवारदेसभाए तेणेव उवागच्छइ २ पडिहारदेसिएणं मग्गेणं जेणेव कण्हे वासुदेवे तेणेव उवागच्छइ २ करयल जाब वद्धावेइ २ तं महत्थं ३ पाहुडं उवणेइ २ एवं वयासी - एवं खलु देबाणुप्पिया । मम एगे पुत्ते थावच्चापुत्ते नामं दारए इट्ठे जाव संसारभव्विग्गे भीए इच्छइ अरहओ अरिट्ठनेमिस्स जाब पव्वइत्तए । अहं णं निक्खमण सकारं करेमि । इच्छामि णं देवाणुपिया ! थावच्चापुत्तस्स निक्वममाणस्स छत्तमउडचामराओ य विदिन्नाओ । तए णं कण्हे वासुदेवे थावश्चागाहावार्ण एवं वयासी - अच्छाहि णं तुमं देवाणुप्पिए ! सुनिव्वुयवीसत्था । अहं णं सयमेव थावच्चापुत्तस्स दारगस्स निक्खमणसक्कारं करिस्सामि । तए णं से कण्हे वासुदेवे चाउरंगिणीए सेणाए विजयं हैत्थिरयणं दुरूढे समाणे जेणेव 70 Page #84 -------------------------------------------------------------------------- ________________ -V.59 नायाधम्मकहाओ थावच्चाए गाहावइणीए भवणे तेणेव उवागच्छइ २ थावच्चापुत्तं एवं वयासी - मा णं तुम देवाणुप्पिया ! मुंडे भवित्ता पव्वयाहि । भुंजाहि गं देवाणुप्पिया ! विपुले माणुस्सए कामभोगे मम बाहुच्छायाँपरिग्गहिए । केवलं देवाणुप्पियस्स नो संचाएमि वाउकायं उवरिमेणं गच्छमाणं निवारित्तए । अन्ने णं देवाणुप्पियस्स जं किंचि आबाहं वा विवाह वा उप्पाएइ तं सव्वं निवारेमि । तए णं से थावच्चापुत्ते कण्हेणं वासुदेवेणं एवं वुत्ते समाणे कण्हं वासुदेवं एवं वयासी-जइ णं देवाणु - प्पिया ! मम जीवियंतकरणिज्जं मच्चु एज्जमाणं निवारेसि जरं वा सरीररूवविणासाणं सरीरं अइवयमाणि निवारेसि तए णं अहं तव बाहुच्छायापरिग्गहिए विउले माणुस्सए कामभोगे भुंजमाणे विहरामि । तए णं से कण्हे वासुदेवे थावच्चापुत्तेणं एवं वुत्ते समाणे थावच्चापुत्वं एवं वयासी - एए णं देवाणुप्पिया दुरइक्कमणिज्जा । नो खलु सक्का सुबलिएणावि देवेण वा दाणवेण वा निवारित्तए नभत्थ अप्पणो कम्मक्खएणं । तए णं से थावच्चापुत्ते कण्हं वासुदेवं एवं वयासी- जइ णं एए दुरइक्कमणिज्जा नो खलु सक्का सुबलिएणावि देवेण वा दाणवेण वा निवारित्तए नन्नत्थ अप्पणो कम्मक्खएणं तं इच्छामि ण देवाणुप्पिया ! अन्नाणमिच्छत्तअविरइकसायसंचियस्स अत्तणो कम्मक्खयं करित्तए। तए णं से कण्हे वासुदेवे थावच्चापुत्तेणं एवं वुत्ते समाणे कोडुबियपुरिसे सहावेइ २ एवं वयासी- गच्छह णं देवाणुप्पिया! बारवईए नयरीए सिंघाडगतिग जाव पहेसु य हत्थिखंधवरगया महया २ सद्देणं उग्घोसेमाणा २ उग्घोसणं करेह - एवं खलु देवाणुप्पिया ! थावच्चापुत्ते संसारभउठिवग्गे भीए जम्मणमरणाणं इच्छइ अरहओ अरिहनेमिस्स अंतिए मुंडे भवित्ता पव्वइत्तए । तं जो खलु देवाणुप्पिया ! राया वा जुवराया वा देवी वा कुमारे वा ईसरे वा तलवरे वा कोडुं. बियमाडंबियइब्भसेठिसेणावइसत्थवाहे वा थावच्चापुत्तं पव्वयंतमणुपव्वयइ तस्स. णं कण्हे वासुदेवे अणुजाणइ पच्छाउरस्स वि य से मित्तनाइनियगसंबंधिपरिजणस्स जोगक्खेमं वट्टमाणं पडिबहइत्तिकटु घोसणं Page #85 -------------------------------------------------------------------------- ________________ नायाधम्मकहाओ [V.60 घोसेह जाव घोसंति । तए णं थावच्चापुत्तस्स अणुराएणं पुरिससहस्सं निक्खमणाभिमुहं हायं जाव सव्वालंकारविभूसियं पत्तेयं २ पुरिससहस्सवाहिणीसु सिवियासु दुरुढं समाणं मित्तनाइपरिवुडं थावच्चापुत्तस्स अंतियं पाउन्भूयं । तए णं से कण्हे वासुदेवे पुरिससहस्सं अंतियं पाउब्भवमाणं पासइ २ कोडुंबियपुरिसे सहावेइ २ एवं वयासी- जहा मेहस्स निक्खमणाभिसेओ तहेव सेयापीएहिं कलसेहिं व्हावेइ जाव अरहओ अरिटनेमिस्स छत्ताइच्छत्तं पडागाइपडागं पासइ २ विज्जाहरचारणे जाव पासित्ता सीयाओ पच्चोरुहइ । तए णं से कण्हे वासुदेवे थावच्चापुत्तं पुरओ काउं जेणेव अरहा अरिहनेमी सव्वं तं चेव जाव आभरणं ओमुयइ । तए णं सा थावच्चा गाहावंइणी हंसलक्खणेणं पडगसाडएणं आभरणमल्लालंकारं पडिच्छइ हारवारिधाराछिन्नमुत्तावलिप्पगासाई अंसूणि विणिमुंच. माणी २ एवं वयासी-जइयव्वं जाया ! घडियव्वं जाया ! परकमियव्वं जाया! आस्सिं च णं अढे नो पमाएयव्वं । जामेव दिसि पाउन्भूया तामेव दिसिं पडिगया । तए णं से थावश्चापुत्ते. पुरिससहस्सेणं सद्धिं सयमेव पंचमुट्ठियं लोयं करेइ जाव पव्वइए । तए णं से यावचा. पुत्ते अणगारे जाए इरियासमिए भासासमिए जाव विहरइ । तए णं से थावच्चापुत्ते अरहओ अरिहनोमिस्स तहारूवाणं थेराणं अंतिए सामाइयमाझ्याइं इकारस अंगाई चोहसपुव्वाइं अहिज्जइ २ बहूहिं जाव चउत्येणं विहरइ । तए णं अरहा अरिट्ठनेमी थावतचापुत्तस्स अणगारस्स तं इन्भाइयं अणगारसहस्सं सीसत्ताए दलयइ । तए णं से थावच्चापुत्ते अनया कयाई अरहं अरिहनेमि वंदइ नमसइ २ एवं पयासी - इच्छामि. गं भंते ! तुब्भेहिं अब्भणुनाए समाणे अणगारसहस्सेणं सद्धिं बहिया जणवयविहारं विहरित्तए। अहासुहं देवाणुप्पिया । तए णं से थावच्चापुत्ते अणगारसहस्सेणं सद्धिं तेणं उरालेणं उग्गेणं पयत्तेणं पग्गहिएणं बहिया जणवयविहारं विहरइ। (60) तेणं कालेणं २ सेलगपुरे नाम नगरे होत्था। सुभूमिभागे उजाणे । सेलए राया पउमावई देवी मंडुए कुमारे जुवराया। Page #86 -------------------------------------------------------------------------- ________________ -V.60] नायाधम्मकहाओ तस्स णं सेलगस्स पंथगपामोक्खा णं पंच मंतिसया होत्था उप्पत्तियाए ४ उववेया रज्जधुरं चिंतयंति । थावच्चापुत्ते सेलगपुरे समोसढे । राया निग्गए धम्मकहा। धम्म सोच्चा जहा णं देवाणुप्पियाणं अंविए बहवे उग्गा भोगा जाव चइत्ता हिरणं जाव पव्वइया तहा णं अहं नो संचाएमि पव्वइत्तए । अहं णं देवाणुप्पियाणं अंतिए पंचाणुव्वइयं नाव समणोवासए जाए अहिगयजीवाजीवे जाव अप्पाणं भावेमाणे विहरइ । पंथगपामोक्खा पंच मंतिसया य समणोवासया जाया । थावच्चापुत्ते बहिया जणवयविहारं विहरइ । तेणं कालेणं २ सोगंधियो नाम नयरी होत्था वण्णओ। नीलासोए उज्जाणे वण्णओ । तत्थ णं सोगंधियाए नयरीए सुदंसणे नामं नयरसेट्ठी परिवसइ अड्ढे जाव अपरिभूए । तेणं कालेणं २ सुए नाम परिव्वायए होत्था रिउव्वेयजउव्वेयसामवेयअथव्वणवेयसद्वितंतकुसले संखसमए लद्धढे पंचामपंचनियमजुत्तं सोयमूलं दसप्पयारं परिव्वायगधम्म दाणधम्मं च सोयधम्मं च तित्थाभिसेयं च आघवेमाणे पनवेमाणे परवेमाणे धाउरत्तपवरवत्थपरिहिए तिदंडकुंडियछत्तछन्नालयअंकुसपवित्तयकेसरिहत्थगए परिम्बायगसहस्सेणं साद्धं संपरिखुडे जेणेव सोगंधिया नयरी जेणेव परिध्वायगावसहे तेणेव उवागच्छइ २ परिवायगावसहंसि भंडगनिक्खेवं फरेइ २ संखसमएणं अप्पाणं भावेमाणे विहरइ । तए णं सोगंधियाए नगरीए सिंघाडग जाव बहुजणो अन्नमन्नस्स एवमाइक्खइ - एवं खलु सुए परिव्वायए इहमागए जाव विहरइ । परिसा निग्गया । सुदंसणो वि निग्गए । तए णं से सुए परिव्वायए तीसे परिसाए सुदंसणस्स अमसि पबहूणं संखाणं धम्म परिकहेइ - एवं खलु सुंदसणा! अम्हं सोय. मूलए धम्मे पन्नत्ते । से वि य सोए धम्मे दुविहे पन्नत्ते तंजहा - दव्यसोए य भावसोए य । दव्वसोए य उदएणं मट्टियाए य। भावसोए दम्भेहि य मंतेहि' य । जंणं अम्हं देवाणुप्पिया ! किंचि असुई भवडू तं. सव्वं सज्जपुढवीए आलिंपइ तओ पच्छा सुद्धेण वारिणा पक्खालिबह तो सं असुई सुई भवइ । एवं खलु श्रीवा जलाभिसेव Page #87 -------------------------------------------------------------------------- ________________ नायाधम्मकहाओ [V.60पूयप्पाणो अविग्घेणं सग्गं गच्छंति । तए णं से सुदंसणे सुयस्स आंतए धम्म सोच्चा हटे सुयस्स अंतियं सोयमूलयं धम्मं गेण्हइ २ परिव्वायए विउलेणं असणेणं ४ पडिलाभेमाणे जाव विहरइ । तए णं से सुए परिव्वायर्गवसहाओ सोगंधियाओ नयरीओ निग्गच्छइ २ बहिया जणवयविहारं विहरइ । तेणं कालेणं २ थावच्चापुत्तस समोसरणं । परिसा निग्गया । सुदंसणो वि निग्गओ थावच्चापुत्तं वंदई नमंसइ २ एवं वयासी - तुम्हाणं किंमूलए धम्मे पन्नत्ते ? तए णं से थावच्चापुत्ते सुदंसणेणं एवं वुत्ते समाणे सुदंसणं एवं वयासी - सुदंसणा ! विणयमूले धम्मे पन्नत्ते । से विय विणए दुविहे पन्नत्ते तंजहाअगारविणए अणगारविणए य । तत्थ णं जे से अगारविणए से णं पंच अणुव्वयाइं सत्त सिक्खावयाई एक्कारस उवासगपडिमाओ। तत्थ णं जे से अणगारविणए से णं पंच महव्वयाइं तंजहा - सव्वाओ पाणाइवायाओ वेरमणं सव्वाओ मुसावायाओ वेरमणं सव्वाओ अदिन्नादाणाओ वेरमणं सव्वाओ मेहुणाओ वेरमणं सव्वाओ परिग्गहाओ वेरमणं सव्वाओ राइभायणाओ वेरमणं जाव मिच्छादसणसल्लाओ दसविहे पच्चक्खाणे बारस भिक्खुपडिमाओ इच्चेएणं दुविहेणं विणयमूलएणं धम्मेणं आणुपुव्वेणं अट्ठकम्मपंगडीओ खवेत्ता लोयग्गपईट्ठाणा भवति । तए णं थावच्चापुत्ते सुदंसणं एवं वयासी- तुम्भं णं सुदंसणा! किंमूलए धम्मे पन्नत्ते ? अम्हाणं देवाणुप्पिया! सोयमूलए धम्मे पन्नत्ते जाव सग्गं गच्छति । तए ण थावच्चापुत्ते सुदंसणं एवं वयासी - सुदंसणा ! से जहानामए केइ पुरिसे एगं महं रुहिरकयं वत्थं रुहिरेण चेव धोवेज्जा तए णं सुदंसणा ! तस्स रुहिरकयस्स वत्थस्स रुहिरेण पक्खालिज्जमाणस्स. अत्यि काइ सोही ? नो इणढे समढे । एवामेव सुदंसणा! तुम्भंपि पाणाइवाएणं जाव मिच्छादसणसल्लेणं नत्थि सोही जहा तस्स रुहिरकयस्स वत्थस्स रुहिरेणं चेव पक्खालिज्जमाणस्स नत्थि सोही । सुदंसणा ! से जहानामए केइ पुरिसे एगं महं रुहिरकयं वत्थं सज्जियांखारेणं अणुलिंपई २ पर्यणं आरोहेइ २ उण्हं गहेइ तो पच्छा सुद्धेण वारिमा Page #88 -------------------------------------------------------------------------- ________________ - V. 601. नायाधम्मक हाओ 1 धोवेज्जा से नूणं सुदंसणा ! तस्स रुहिरकयस्स पत्थस्स सज्जियाखारेणं अतिस्स पण आरोहियस्स उन्हं गाहियस्स सुद्धेणं वारिणा पक्खाबिज्जमाणस्स सोही' भवइ ? हंता भवइ । एवामेव सुदंसणा ! अम्हं पिपाणाइवायवेरमणेणं जाव मिच्छादंसणसल्लवेरमणेणं अत्थि सोही जहा बाँ तस्स रुहिरकयस्स वत्थस्स जाव सुद्धेण वारिणा पक्खालिन्जमाणस्स अत्थि सोही । तत्थ णं सुदंसणे संबुद्धे थावश्चापुत्तं वंदइ नमस २ एवं वयासी - इच्छामि णं भंते ! धम्मं सोच्चा जाणित्तए जाव समणोवासंए जाए अभिगयजीवाजीवे जाव पडिला भेमाणे विहरइ । तए णं तस्स सुयस्स परिव्वायगस्स इमीसे कहाए लद्धट्ठस्स समाणस्स अयमेयारूवे जाव समुप्पज्जित्था - एवं खलु सुदंसणेणं सोयधम्मं विप्पज - हाय विणयमूले धम्मे पडिवन्ने । तं सेयं खलु मम सुदंसणस्स दिहिं वामेत्तए पुणरवि सोयमूलए धम्मे आघवित्तए तिकट्टु एवं संपेहेइ २ परिव्वायगसहस्सेणं सद्धिं जेणेव सोगंधिया नयरी जेणेव परिव्वायगावसहे तेणेव उवागच्छइ २ परिव्वायगावसहांस भंडनिक्खेवं करेइ २ धावरतवत्थपवरपरिहिए पविरलपरिव्वायगेणं सद्धिं संपरिवुडे परिव्वायगावसहाओ पडिनिक्खमइ २ सोगंधियाएं नयरीए मज्झमज्झेणं जेणेव सुदंसणस्स गिहे जेणेव सुदंसणे तेणेव उवागच्छइ । तए णं से सुदंसणे तं सुयं एज्जमाणं पासइ २ नो अब्भुट्ठेइ नो पच्चुर्गच्छइ नो आढाइ नो वंदइ तुसणीए संचिट्ठइ । तए णं से सुए परिव्वायए सुदंसणं अणुब्भुट्ठियं पासित्ता एवं वयासी - तुब्भे णं सुदंसणा ! अन्नया ममं एज्जमाणं पासित्ता अब्भुट्ठेसि जाव वंदसि । इयाणिं सुदंसणा ! तुमं ममं एज्जमाणं पासित्ता जाव नो वंदसि । तं कस्स णं तुमे सुदंसणा ! इमेयारूवे विणमूले धम्मे पडिवन्ने ? तए णं से सुदंसणे सुएणं परिव्यायगेणं एवं वृत्ते समाणे आसणाओ अब्भुट्ठेइ २ करयल जाव सुयं परिव्वायगं एवं वयासी – एवं खलु देवाणुप्पिया ! अरहओ अरिट्ठनेमिस्स अंतेवासी थावच्चापुत्ते नामं अणगारे जाव इहमागए इह चेव नीलासोए उज्जाणे विहरइ । तस्स णं अंतिए विणयमूले धम्मे पडिवने । 75 Page #89 -------------------------------------------------------------------------- ________________ नायाधम्मक हाओ [V. 60 तणं से सुए सुदंसणं एवं वयासी- तं गच्छामो णं सुदंसणा । तब धम्मायरियस्स थावच्चापुत्तस्स अंतियं पाउन्भवामो इमाइं च णं एयारुवाईं अट्ठाई देऊई पसिणाई कारणाई वागरणाई पुच्छामो । तं जइ मे से इमाई अट्ठाई जाव वागरइ तओ णं वंदामि नम॑सामि । अह मे से इमाई अट्ठाई जाव नो से बागरेइ तओ णं अहं एएहिं चेव अहिं ऊहिं निप्पटुपसिणवागरणं करिस्सामि । तए णं से सुए परिव्वायगसहस्सेणं सुदंसणेण य सेट्ठिणा सार्द्धं जेणेव नीलासोए उज्जाणे जेणेव थावच्चापुत्ते अणगारे तेणेव उवागच्छइ २ थावच्चापुत्तं एवं वयासी जत्ता से भंते ! जवणिज्जं ते अव्वाबाहं फासूयविहारं ? तर णं से थावचा पुत्ते सुरणं एवं वुत्ते समाणे सुयं परिव्वायगं एवं वयासी - सुया ! जन्त्तावि मे जवणिज्जं पि मे अव्वाबाहं पि मे फासु विहारंपि मे । तए णं सुए थावचापुत्तं एवं वयासी - किं भंते ! जत्ता ? सुया ! जं णं मम नाणदंसणचरित्ततवसंजममाइएहिं जोएहिं जोयणा से तं जत्ता । से किं तं भंते ! जवणिज्जं ? सुया ! जवणिज्जे दुविहे पनते तंजहा - इंदियजवणिज्जे य नोइंदियजवणिज्जे य । से किं तं इंदियजवणिज्जं ? सुया ! जं णं ममं सोयंदियचाक्ख दियघानिंदियजिभि फासिंदियाइं निरुवहयाई वसे वट्टंति से तं इंदियजवणिज्जे । से किं तं नोइंदियजवणिजे १ सुया ! जं णं कोइमाणमायालोमा खीणा उवसंता नो उदयंति से तं नोइंदियजवणिज्जे । से किं तं भंते | अव्वाबाई ? सुया ! जं णं मम वाइयपित्तियसिंभियस भिवाइय विविहरोगायंका नो उदीति से तं अव्वाबाहं । से किं तं भंते ! फासुविहारं ? सुया ! जं णं आरामेसु उज्जाणेसु देउलेसु सभासु पवासु इत्थीपसुपंडगविवज्जिया सु बसही पाडिहारियं पीढफलगसेज्जा संथारयं ओगिव्हित्ताणं विहरामि सेतं फासु विहारं । सरिसवैया भंते ! किं भक्खेया अभक्खेया ? सुया ! सरिसवया भक्खेया वि अभक्खेया वि । से केणट्ठेणं भंते ! एवं बुच्चइ सरिसवया भक्खेया वि अभक्खेया वि ? सुया ! सरिसवया दुविहा पन्नता तंजहा - मित्तसरिसवया य धन्नसरिसवया य । तत्थ णं जे ते 76 Page #90 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 71 -V.60] नायाधम्मकहाओ मित्तसरिसवया ते तिविहा पन्नत्ता तंजहा - सहजायया सहवष्ट्रियया सहपंसुकीलिया य । ते णं समणाणं निग्गथाणं अभक्खेया । तत्थ णं जे ते धनसरिसवया ते दुविहा पन्नत्ता तंजहा - सत्थपरिणया य असत्थपरिणया य । तत्थ णं जे ते असत्यपरिणया ते समणाणं निगंथाणं अभक्खेया । तत्थ णं जे ते सत्थपरिणया ते दुविहा पन्नत्ता जहा - फासुया य अफासुया य । अफासुया णं सुया ! नो भक्खेया । वत्थ णं जे ते फासुया ते दुविहा पन्नत्ता तंजहा - जाइया य अजाइया य । वत्थ णं जे ते अजाइया ते अभक्खेया। तत्थ णं जे ते जाइया ते दुविहा पन्नता जहा - एसणिज्जा य अणेसणिज्जा य । तत्थ णं जे ते अणेसणिज्जा ते अभक्खेया। तत्थ णं जे ते एसणिज्जा ते दुविहा पमचा तंजहा - लद्धा य अलद्धा य । तत्थ णं जे ते अलद्धा ते अमक्खेया। तत्य णं जे ते लद्धा ते निग्गंथाणं भक्खेया। एएणं अटेणं सुया ! एवं वुच्चइ सरिसवया भक्खेया वि अभक्खेया वि । एवं कुलत्था वि भाणियव्वा नवरं इमं नाणत्तं - इत्थिकुलत्था य धनकुलत्था य । इथिकुलत्था तिविहा पन्नत्ता तंजहा - कुलवहया य कुलमाउया इ य कुलधूया इ य । धनकुलत्था तहेव । एवं मासा वि नवरं इमं नाणत्तं - मासा तिविहा पन्नत्ता तंजहा- कालमासा य अत्थमासा य धन्नमासा य । तत्थ णं जे ते कालमासा ते णं दुवालसविहा पन्नत्ता तंजहा-सावणे जाव आसाढे । ते णं सममाणं २ अभक्खेया । अत्थमासा दुविहा- रुपमासा य सुवण्णमासा य । ते णं अभक्खेया। धन्नमासा तहेव । एगे भवं दुवे भवं अणेगे भवं अक्खए भवं अन्वए भवं अवट्ठिए भवं अणेगभूयभावभविए वि भवं ? सुया ! एगे वि अहं जाव अणेगभूयभावभविए वि अहं । से केपट्टेणं भंते ! एगेवि अहं बाव सुया! व्वट्ठयाए एगे वि अहं नाणदंसट्ठयाए दुवे वि अहं पएस. ट्ठयाए अक्खए वि अहं अव्वए वि अहं अवढिए वि अहं उवओगद्वयाए अणेगभूयभावभविए वि अहं । एत्थ णं से सुए संबुद्धे थावच्चा. पुत्त्रं वंदइ नमसइ २ एवं बयासी - इच्छामि गं. भंते ! तुम्भं अंतिए Page #91 -------------------------------------------------------------------------- ________________ नायाधम्मकहाओ [V.61केवलिपन्नत्तं धम्म निसामित्तए । धम्मकहा भाणियव्वा । तए णं से सुए परिव्वायए थावच्चापुत्तस्स अंतिए धम्म सोच्चा निसम्म एवं क्यासीइच्छामि णं भंते ! परिव्वायगसहस्सेणं सद्धिं संपरिखुडे देवाणुप्पियाणं अंतिए मुंडे भवित्ता पव्वइत्तए । अहासुहं देवाणुप्पिया नाव उत्तरपुरस्थिमे दिसीभाए तिदंडयं जाव धाउरत्ताओ य एगंते एडेइ २ सयमेव सिहं उप्पाडेइ २ जेणेव थावच्चापुत्ते २ तेणेव उवागच्छइ जाव मुंडे भवित्ता जाव पव्वइए सामाइयमाइयाई इक्कारस अंगाई चोइसपुव्वाइं अहिज्जइ । तए णं थावच्चापुत्ते सुयस्स अणगारस्स सहस्सं सीसत्ताए वियरइ । तएणं थावच्चापुत्ते सोगंधियाओ नीलासोयाओ पडिनिक्खमइ २ बहिया जणवयविहारं विहरइ । तए णं से थावच्चापुत्ते अणगारसहस्सेणं सद्धिं संपरिवुडे जेणेव पुंडरीयपव्वए वेणेव उवागच्छइ २ पुंडरीयं पव्वयं सणियं २. दुरूहइ २ मेघघणसन्निगासं देवसन्निवायं पुढविसिलापट्टयं जाव पाओवगमणं कए । तए णं से थावच्चापुत्ते बहूणि वासाणि सामण्णपरियाग पाउणित्ता मासियाए संलेहणाए सहि भत्ताइं अणसणाए छेएइ. बाव केवलवरनाणदसणं समुप्पाडेता तओ पच्छा सिद्धे जाव प्पहीणे । ... (61) तए णं से सुए अन्नया कयाइ जेणेव सेलगपुरे नगरे जेणेव सुभूमिभागे उज्जाणे समोसरणं परिसा निग्गया सेलओ निग्गच्छइ धम्म सोच्चा जनवरं देवाणुप्पिया! पंथगपामोक्खाई पंच मंतिसयाइं आपुच्छामि मंडुयं च कुमारं रज्जे ठावेमि तओ पच्छा देवाणुप्पियाणं अन्तिए मुंडे भविचा अगाराओ अणगारियं पव्वयामि । अहासुहं । तए णं से सेलए राया सेलगपुरं नगरं अणुप्पविसइ २ जेणेव सए गिहे जेणेव बाहिरिया उवट्ठाणसाला तेणेव उवागच्छइ २ सीहासणे निसणे । तए णं से सेलए राया पंथगपामोक्खा पंच मंतिसया सद्दावेइ २ एवं वयासीएवं खलु देवाणुप्पिया ! मए सुयस्स अंतिए धम्मे निसंते । से वि य मे धम्मे इच्छिए पडिच्छिए अभिरुइए । अहं पं. देवाणुप्पिया ! संसारभउव्विग्गे जाव पव्वयामि । तुब्भे णं देवाणुप्पिया किं करेह किं ववसह किं वा भे हियइच्छिए समत्ये ति ? तए णं ते पंथगपामोक्खा सेलगं Page #92 -------------------------------------------------------------------------- ________________ -V.62] नायाधम्मकहाओ राय एवं वयासी-जइ णं तुब्भे देवाणुप्पिया ! संसार जाव पव्वयह अम्हाणं देवाणुप्पिया ! को अन्ने आधारे वा आलंबे वा ? अम्हे वि यणं देवाणुप्पिया ! संसारभउव्विग्गा जाव पव्वयामो । जहा णं देवाणुप्पिया ! अम्हं बहुसु कज्जेसु य जाव तहा णं पव्वइयाण वि समाणाणं बहूसु जाव चक्खुभूए । तए णं से सेलगे पंथगपामोक्खे पंच मंतिसए एवं वयासीजइ णं तुम्भे देवाणुप्पिया! संसार जाव पन्वयह तं गच्छह णं देवाणुप्पिया! सएसु २ कुटुंबेसु जेट्टपुत्ते कुडुंबमझे ठावेत्ता पुरिससहस्सवाहिणीयाओं सीयाओ दुरूढा समाणा मम अंतियं पाउब्भवह । तेवि तहेव पाउन्भवंति ।. तए णं से सेलए राया पंच मंतिसयाई पाउन्भवमाणाई पासइ हतुढे कोदुंबियपुरिसे सहावेइ २ एवं वयासी - खिप्पामेव भो देवाणुप्पिया ! मंडुयस्स कुमारस्स महत्थं जाव रायाभिसेयं उवट्ठवेह जाव अभिसिंचइ जाव राया जाए विहरइ । तए णं से सेलए मंडुयं रायं आपुच्छइ। तए णं मंडुए राया कोडुंबियपुरिसे सहावेइ २ एवं वयासी - खिप्पामेव सेलगपुरं नयरं आसिय जाव गंधवट्टिभूयं करेह कारवेह य २ एवमाणत्तिय पच्चप्पिणह । तए णं से मंडुए दोच्चंपि कोडुंबियपुरिसे सरावेइ २ एवं वयासी - खिप्पामेव सेलगस्स रन्नो महत्थं जाव निक्खमणाभिसेयं जहेव मेहस्स तहेव नवरं पउमावईदेवी अग्गकेसे पडिच्छइ सव्वेवि पडिग्गहं गहाय सीयं दुरुहंति अवसेसं तहेव जाव समाइयमाइयाइं एकारस अंगाई अहिज्जइ २ बहूहिं चउत्थ जाव विहरइ । तए णं से सुए सेलगस्स अणगारस्स ताई पंथगपामोक्खाइं पंच अणगारसयाई सीसताए वियरइ । तए णं से सुए अन्नया कयाइ सेलगपुराओ सुभूमिभागाओ उज्जाणाओ पडिनिक्खमइ २ बहिया जणवयविहारं विहरइ । तए णं से सुए अणगारे अन्नया कयाइ तेणं अणगारसहस्सेणं सद्धिं संपरि. बुडे पुव्वाणुपुत्विं चरमाणे गामाणुगामं विहरमाणे जेणेव पुंडरायपव्वए तेणेव उवागच्छइ जाव सिद्धे । ___(62) तए णं तस्स सेलगस्स रायरिसिस्स तेहिं अंतेहि य पंतेहि य सुच्छेहि य लहेहि य अरसेहि व विरसेहि य सीएहि ये उण्हेहि य Page #93 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 80 नायाधम्मकहाओ [V.6:कालाइकतेहि य पमाणाइक्कतेहि य निच्चं पाणभोयणेहि य पयइसुकुमालस्स य सुहोचियस्स सरीरगंसि वेयणा पाउन्भूया उज्जला जाव दुरहियासा कंडुदाहपित्तज्जरपरिगयसरीरे यावि विहरइ । तए णं से सेलए तेणं रोयायंकेणं सुक्खे जाए यावि होत्था । तए णं से सेलए अन्नया कयाई पुव्वाणुपुर्दिवं चरमाणे जाव जेणेव सुभूमिभागे जाव विहरइ । परिसा निग्गया मंडुओ वि निग्गओ सेलगं अणगारं वंदद जाव पज्जुवासइ । तए णं से मंडुए राया सेलगस्स अणगारस्स सरीरगं सुकं जाव सव्वाबाहं सरोगं पासइ २ एवं वयासी- अहं णं भंते ! तुम्भं अहापवत्तेहिं तिगिच्छिएहिं अहापवत्तेणं ओसहभेसज्जभत्तपाणेणं तिगिच्छं आउंटावेमि । तुब्भे णं भंते ! मम जाणसालासु समोसरह फासुएसणिज्जं पीढफलगसेज्जासंथारगं ओगिण्हित्ताणं विहरह । तए णं से सेलए अणगारे मंडुयस्स रन्नो एयमढे तहत्ति पडिसुणेइ । तए णं से मंडुए सेलगं वंदइ नमसइ २ जामेव दिसिं पाउन्भूए तामेव दिसिं पडिगए । तए णं से सेलए कल्लं जाव जलंते सभंडमत्तोवगरणमायाए पंथगपामोक्खेहिं पंचहिं अणगारसएहिं सद्धिं सेलगपुरमणुप्पविसइ जेणेव मंडुयस्स जाणसाला तेणेव उवागच्छइ २ फासुयं पीढ जाव विहरइ । तए णं से मंडुए तिगिच्छिए सद्दावेइ २ एवं वयासीतुब्भे गं देवाणुप्पिया ! सेलगस्स फांसुएसणिज्जेणं जाव विगिच्छं आउटेह । तए णं तिगिच्छया मंडुएणं रन्ना एवं वुत्ता हट्टतुट्ठा सेलगस्स अहापवत्तेहिं ओसहभेसज्जभत्तपाणेहिं तिगिच्छं आउटुंति मज्जपाणगं प से उवदिसंति । तए णं तस्स सेलगस्स अहापवत्तेहिं जाव मज्जपाणएणं से रोगायके उवसंते जाए यावि होत्था हटे बलियसरीरे जाए ववगयरोगायके । तए णं से सेलए तंसि रोयातंकसि उवसंतसि समाणंसि तसि विपुलंसि असणांस ४ मज्जपाणए य मुच्छिए यढिए गिद्धे अज्झोववने ओसन्ने ओसन्नविहारी एवं पासत्थे २ कुसीले २ पमत्ते २ संसत्ते २ उबद्धपीढफलगसेज्जासंथारए पमत्ते यावि विहरइ नो संचाएइ फासुएसणिज्ज पीढं पञ्चप्पिणित्ता मंडुयं च रायं आपुच्छित्ता पहिया जाव विहरित्तए । Page #94 -------------------------------------------------------------------------- ________________ -V.63] नायाधम्मकहाओ __(63) तए णं तेसिं पंथगवज्जाणं पंचण्डं अणगारसयाणं अनया कयाइ एगयओ सहियाणं जाव पुव्वरत्तावरत्तकालसमयंसि धम्मजागरियं जागरमाणाणं अयमेयारूवे अज्झथिए जाव समुप्पज्जित्था - एवं खलु सेलए रायारसी चइत्ता रज्जं च ४ जाव पव्वइए विउले असणे ४ मज्जपाणए मुच्छिए ४ नो संचाएइ चइउं जाव विहरित्तए । नो खलु कप्पइ देवाणुप्पिया ! समणाणं जाव पमत्ताणं विहरित्तए । तं सेयं खलु देवाणुप्पिया अम्हं कल्लं सेलगं रायरािसं आपुच्छित्ता पाडिहारियं पीढफलगसेनासंथारयं पच्चप्पिणित्ता सेलगस्स अणगारस्स पंथयं अणगारं वेयावच्चकरं ठावेत्ता बहिया अब्भुज्जएणं जाव विहरित्तए । एवं संपेहेंति २ कल्लं जेणेव सेलगरायरिसी आपुच्छित्ता पाडिहारियं पीढफलग जाव पच्चप्पिगंति २ पंथयं अणगारं वेयावच्चकरं ठावेंति २ बहिया जाव विहरति । ___(64) तए णं से पंथए सेलगस्स सेज्जासंथारउच्चारपासवणखेल्लंसिंघाणमलाओ ओसहभेसज्जभत्तपाणएणं अगिलाए विणएणं वेयावडियं करेइ । तए णं से सेलए अन्नया कयाइ कत्तियचाउम्मासियंसि विउलं असणं ४ आहारमाहारिएं सुबहुं च मजपाणयं पीएं पुवावरण्हकालसमयंसि सुहप्पसुत्ते। तए णं से पंथए कत्तियचाउम्मासयंसि कयकाउस्सग्गे देवसियं पडिक्कमणं पडिकते चाउम्मासियं पडिक्कमिउकामे सेलग रायरिसिं खामणट्ठयाए सीसेणं पाएमु संघट्टेइ । तए णं से सेलए पंथएणं सीसेणं पाएसु संघट्टिए समाणे आसुरुत्ते जाव मिसिमिसेमाणे उठेइ २ एवं वयासी-से केस णं भो एस अपत्थियपत्थिए जाव वज्जिए जे णं ममं सुहपसुत्तं पाएसु संघट्टेइ ? तए णं से पंथए सेलएणं एवं वुत्ते समाणे भीए तत्थे तसिए करयल जाव कटु एवं वयासी - अहं णं भंते ! पंथए कयकाउस्सग्गे देवसियं पडिक्कमणं पडिकते चाउम्मासियं खामेमाणे देवाणुप्पियं वंदमाणे सीसेणं पाएसु संघट्टेमि । तं खामेमि णं तुम्भे देवाणुप्पिया ! खमन्तु मे अवराहं तुमं णं देवाणुप्पिया! नाइभुज्जो एवं करणयाए त्तिकटु सेलयं अणगारं एयमढे सम्मं विणएणं भुज्जो २ खामेइ । तए णं तस्स सेलगस्स रायरिसिस्स पंथएणं एवं वुत्तस्स अयमे ११ Page #95 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 82 नायाधम्मकहाओ [V.65यारूवे जाव समुप्पज्जित्था-एवं खलु अहं रज्जं च जाव ओसनो जाव उउबद्धपीढ० विहरामि । तं नो खलु कप्पइ समणाणं २ पासत्थाणं नाव विहरित्तए । तं सेयं खलु मे कल्लं मंडुयं रायं आपुच्छित्ता पाडिहारियं पीढफलगसेज्जासंथारगं पञ्चप्पिणित्ता पंथएणं अणगारेणं सद्धिं बहिया अब्भुज्जएणं जाव जणवयविहारेणं विहरित्तए । एवं संपेहेइ २ कल्लं जाव विहरइ.। . (65) एवामेव समणाउसो ! जाव निग्गंथो वा २ ओसन्ने जाव संथारए पमत्ते विहरइ से णं इहलोए चेव बहूणं समणाणं. ४ हीलणिज्जे संसारो भाणियध्वो । तए णं ते पंथगवज्जा पंच अणगारसया इमीसे कहाए लट्ठा समाणा अन्नमन्नं सहावेति २ एवं वयासी – एवं खलु सेलए रायरिसी पंथएणं बहिया जाव विहरइ । तं सेयं खलु देवाणुप्पिया! अम्हं सेलगं रायरिसिं उवसंपज्जित्ताणं विहरित्तए । एवं संपेहेति २ सेलग रायरिसिं उवसंपज्जित्ताणं विहरति । (66) तए णं से सेलए रायरिसी पंथगपाभोक्खा पंच अणगारसया बहूणि वासाणि सामण्णपरियागं पाउणित्ता जेणेव पुंडरीयपव्वए तेणेव उवागच्छंति २ जहेव थावच्चापुत्ते तहेव सिद्धा ४ । एवामेव समणाउसो! जो निग्गंथो वा २ जाव विहरिस्सइ । एवं खलु जंबू । समणेणं भगवया महावीरेणं जाव संपत्तेणं पंचमस्स नायज्झयणस्स अयमढे पन्नत्ते तिबेमि ॥ ॥ पंचमं नायज्झयणं समत्तं ॥ ॥ छटुं अज्झयणं ॥ (67) जइ णं भंते ! समणेणं जाव संपत्तणं पंचमस्स नायज्झयणस्स अयमढे पन्नत्ते छट्ठस्स णं भंते ! नायज्झयणस्स समणेणं जाव संपत्तेणं के अढे पन्नते ? एवं खलु जंबू ! तेणं कालेणं २ रायगिहे समोसरणं परिसा निग्गया। तेणं कालेणं २ समणस्स जेहें Page #96 -------------------------------------------------------------------------- ________________ -VI.67]. नायाधम्मकहाओ इंदभूई नामं अणगारे अदूरसामंते जाव सुकमाणोवगए विहरइ । तए णं से इंदभुई जायसढे जाव एवं वयासी - कहं णं भंते ! जीवा गैरुयचं वा लहुयत्तं वा हव्वमागच्छंति ? गोयमा ! से जहानामए केइ पुरिसे एगं महं सुक्कतुंब निच्छिदं निरुवयं दब्भेहि य कुसेहि य वेढेई २ मट्टियालेवेणं लिंपइ २ उण्हे दलयइ २ सुक्कं समाणं दोच्चंपि दब्भेहि य कुसेहि य वेढेइ २ मट्टियालेवेणं लिंपइ २ उण्हे दलयइ २ सुक्के समाणे तचंपि दब्भेहि य कुसेहि य वेढेइ मट्टियालेवेणं लिंपइ। एवं खलु एएणं उवाएणं सत्तरत्तं वेढमाणे अंतरा लिप्पमाणे अंतरा सुक्कावेमाणे जाव अहिं मट्टियालेवेहिं आलिंपइ २ अत्थाहमतारमपोरािसयसि उदगंसि पक्खिवेज्जा । से नूणं गोयमा ! से तुंबे वेसिं अट्ठण्हं मट्टियालेवेणं गुरुययाए भारियाएं उप्पिं सलिलमइवइत्ता अहे धरणियलपइट्ठाणे भवइ। एवामेव गोयमा! जीवावि पाणाइवाएणं जाव मिच्छादसणसल्लेणं अणुपुत्वेणं अट्ठकम्मपगडीओ समज्जिणित्ता तासिं गरुययाए भारिययाए एवामेवं कालमासे कालं किच्चा धरणियलमइवइत्ता अहे नरगतलपइट्ठाणा भवंति ! एवं खलु गोयमा ! जीवा गरुयत्तं हव्वमागच्छंति । अहे णं गोयमा ! से तुंबे तंर्सि पढमिल्लुगांस माट्टयालेवंसि तिन्नसि कुहियंसि परिसडियंसि ईसिं धरणियलाओ उप्पइत्ताणं चिट्ठइ । तयाणंतरं दोच्चंपि मट्टियालेवे जाव उप्पइत्ताणं चिट्ठइ। एवं खलु एएणं उवाएणं तेसु अट्ठसु मट्टियालेवेसु तिनेसु जाव विमुक्कबंधणे अहेधरणियलमइवइत्ता उप्पि सलिलतलपइट्ठाणे भवइ । एवामेव गोयमा ! जीवा पाणाइवायवेरमणेणं बाव मिच्छादसणसल्लवेरमणेणं अणुपुव्वेणं अट्ठकम्मपगडीओ खवेत्ता गगणतलमुप्पइत्ता उप्पि लोयग्गपइट्ठाणा भवंति । एवं खलु गोयमा ! जीवा लहुयत्तं हव्वमागच्छंति।। . एवं खलु जंबू ! समणेणं जाव संपत्तेणं छट्ठस्स नायज्झयणस्स अयमढे पन्नत्ते तिबेमि ॥ ॥ छटुं नायज्झयणं समत्तं ।। Page #97 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 84 नायाधम्मकहाओ [VII,68 ॥ सत्तमं अज्झयणं । (68) जइ णं भंते ! समणेणं जाव संपत्तेणं छट्ठस्स नायज्झयणस्स अयमढे पन्नत्ते सत्तमस्स णं भंते ! नायज्झयणस्स के अढे पन्नत्ते ? एवं खलु जंबू ! तेणं कालेणं २ रायगिहे नामं नयरे होत्था । सुभूमिभागे उज्जाणे । तत्थ णं रायगिहे नयरे धणे नामं सत्थवाहे परिषसइ अड्डे जाव अपरिभूए । भद्दा भारिया अहीणपांचंदियसरीरा जाव सुरूवा । तस्स णं धणस सत्यवाहस्स पुत्ता भहाए भारियाए अत्तया चत्तारि सत्थवाहदारगा होत्था तंजहा - धणपाले धणदेवे धणगोवे धणरक्खिए । तस्स णं धणस्स सत्थवाहस्स चउण्हं पुत्ताणं भारियाओ चत्तारि सुण्हाओ होत्था तंजहा- उज्झिया भोगवइया रक्खइया रोहिणिया। तए णं तस्स धणस्स सत्यवाहस्स अन्नया कयाइं पुव्वरत्तावरत्तकालसमयंसि इमेयारूवे अज्झत्थिए ४ जाव समुप्पज्जित्था एवं खलु अहं रायगिहे नयरे बहूणं राईसरतलवर जाव पभिईणं सयस्स य कुडुंबस्स बहूसु कज्जेसु य कारणेसु य कोडुबेसु य मंतणेसु य गुज्झेसु रहस्सेसु निच्छएसु ववहारेसु य आपुच्छणिजे पडिपुच्छणिज्जे मेढी पमाणं आहारे आलंबणे चक्खू मेढी पमाणभूए सव्वकजवड्ढावए । तं न नजइ णं मए गयंसि वा चु यंसि वा मयांस वा भग्गंसि वा लुग्गंसि वा सडियंसि वा पडियंसि वा विदेसगयंसि वा विप्पवसियंसि वा इमस्स कुटुंबस्स के मन्ने आहारे वा आलंबे वा पडिबंधे वा भविस्सइ । तं सेयं खलु मम कल्लं जाव जलंते विपुलं असणं ४ उवक्खडावेत्ता मित्तनाइ० चउण्हं य सुण्हाणं कुलघरवग्गं आमंतेत्ता तं मित्तनाइनियगसयण० चउण्ह य सुण्हाणं कुलघरवग्गं विपुलेणं असणेणं ४ धूवपुप्फवत्थगंध जाव सकारेत्ता संमाणेत्ता तस्सेव मित्तनाइ जाव चउण्हं सुण्हाणं कुलघरवग्गस्स य पुरओ चउण्हं सुण्हाणं परिक्खणट्ठयाए पंच:२ सालिअक्खए दलइत्ता जाणामि ताव का किह वा सारक्खेइ वा संगोवेइ वा संवड्डेइ वा । एवं संपेहेइ २ कल्लं जाव मित्तनाइ० चउण्डं सुण्हाणं कुलघरं आमंतेइ २ विपुलं असणं ४ उवक्खडावेइ तओ पच्छा व्हाए भोयणमंडवंसि Page #98 -------------------------------------------------------------------------- ________________ VII.68] नायाधम्मकहाओ 85 सुहासणवरगए तं मित्तनाइ० चउण्हं सुण्हाणं कुलघरवग्गेणं सद्धिं तं विपुलं असणं ४ जाव सक्कारेइ २ तस्सेव मित्तनाइ० चउण्ह य सुण्हाणं कुलघरवग्गस्स य पुरओ पंच सालिअक्खए गेण्हइ २ जेठं सुण्हं उज्झिइयं सहावेइ २ एवं वयासी- तुमं णं पुत्ता ! मम हत्थाओ इमे पंच सालिअक्खए गेण्हाहि २ अणुपुत्वेणं सारक्खमाणी संगोवेमाणी विहराहि । जयाणं अहं पुत्ता ! तुम इमे पंच सालिअक्खए जाएज्जा तया णं तुम मम इमे पंच सालिअक्खए पडिनिज्जाएज्जासि त्तिकटु सुहाए हत्थे दलयइ २ पडिविसज्जेइ । तए णं सा उझिया धणस्स तह त्ति एयमढे पडिसुणेइ २ धणस्स सत्थवाहस्स हत्थाओ ते पंच सालिअक्खए गेण्हइ २ एगंतमवक्कमइ एगंतमवक्कामियाएं इमेयारूवे अज्झथिए ४ जाव समुप्पज्जित्था – एवं खलु तायाणं कोट्ठागारंसि बहवे पल्ला सालीणं पडिपुण्णा चिट्ठति । तं जया णं मम ताओ इमे पंच सालिअक्खए जाएसइ तया णं अहं पलंतराओ अन्ने पंच सालिअक्खए गहाय दाहामि त्तिकटु एवं संपेहेइ २ ते पंच सालिअक्खए एगंते एडेइ सकम्मसंजुत्ता जाया यावि होत्था । एवं भोगवइयाए वि नवरं सा छोल्लइ २ अणुगिलइ २ सकम्मसंजुत्ता जाया यावि होत्था । एवं रक्खिया वि नवरं गेण्हइ २ इमेयारूवे अज्झथिए ४ – एवं खलु ममं ताओ इमस्स मित्तनाइ० चउण्हं य सुण्हाणं कुलघरवग्गस्स य पुरओ सदावेत्ता एवं वयासी - तुम णं पुत्ता ! मम हत्थाओ जाव पडिनिज्जाएज्जासि त्तिकटु मम हत्थंसि पंच सालिअक्खए दलयइ । तं भवियव्वं एत्थ कारणेणं तिकटु एवं संपेहेइ २ ते पंच सालिअक्खए सुद्धे वत्थे बंधइ २ रयणकरंडियाए पक्खिवइ २ उसीसामूले ठावेइ २ तिसंझं पडिजागरमाणी २ विहरइ । तए णं से धणे सत्यवाहे तहेव मित्त जाव चउत्यिं रोहिणीयं सुहं सहावेइ २ जाव तं भवियव्वं एत्थ कारणेणं तिकटु सेयं खलु मम एए पंच सालिअक्खए सारक्खमाणीए संगोवेमाणीए संवड्डेमाणीए त्तिकटु एवं संपेहेइ २ कुलघरपुरिसे सहावेइ २ एवं वयासी-तुब्भे णं देवाणुप्पिया! एए पंच सालिअक्खए गेण्हह २ पढम Page #99 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 86 नायाधम्मकहाओ [VII,68पाउसंसि महाडिकायंसि निवइयंसि समाणंसि खुडागं केयारं सुपरिकम्मियं करेह २ इमे पंच सालिअक्खए वावेह २ दोच्चंपि तच्चंपि उक्खयनिहए करेह २ वाडिपक्खेवं करेह २ सारक्खमाणा संगोवेमाणा आणुपुत्वेणं संवड्वेह । तए णं ते कोडुंबिया रोहिणीए एयमढे पडिसुणेति ते पंच सालिअक्खए गेहति २ अणुपुत्वेणं सारक्खंति संगोविीत । तए णं ते कोडुंबिया पढमपाउससि महावुट्टिकायंसि निवइयसि समाणंसि खुडागं केयारं सुपरिकम्मियं करेंति २ ते पंच सालिअक्खए ववंति दोच्चपि तच्चपि उक्खयनिहए करेंति २ वाडिपरिक्खेवं करेंति अणुपुव्वेणं सारक्खेमाणा संगोवेमाणा संवढेमाणा विहरति । तए णं ते साली अणुपुवेणं सारक्खिज्जमाणा संगोविज्जमाणा संवड्डिजमाणा साली जाया किण्हा किण्होभासा जाव निउरंबभूया पासाईया ४ । तए णं ते साली पत्तिया वत्तिया गब्भिया पसूइया आगयगंधा खीराइया बद्धफला पक्का परियागया सल्लईया पत्तईया हरियपव्वैकंडा जाया यावि होत्था । तए णं ते कोडुंबिया ते साली पत्तिए जाव सल्लइयपत्तइए जाणित्ता तिक्खेहिं नवपज्जणएहिं असिएहिं लुणंति २ करयलमलिए करेंति २ पुणंति । तत्थ णं चोक्खाणं सूईयाणं अखंडाणं अफुडियाणं छडछडापूर्याणं सालीणं मागहए पत्थए जाए। तए णं ते कोडुंबिया ते साली नवएसु घडएसु पक्खिवंति उल्लिंपंति २ लंछियमुदिए करेंति २ कोट्ठागारस्स एगदेससि ठाति २ सारक्खमाणा संगोमाणा विहरति । तए णं ते कोढुंबिया दोच्चंसि वासारत्तंसि पढमपाउसंसि महावुट्टिकायंसि निवइयंसि खुड्डागं केयारं सुपरिकम्मियं करेंति ते साली ववंति दोच्चंपि उक्खायणिहए जाव लुणंति जाव चलणतलमलिए करेंति २ पुगंति । तत्थ णं सालीणं बहवे कुंडवा जाव एगदेससि ठावेंति २ सारक्खेमाणा संगोवेमाणा विहरति । तए णं ते कोडुंबिया तच्चसि वासारत्तंसि महावुद्धिकायंसि निवइयंसि बहवे केयारे सुपरिकम्मिए जाव लुणंति २ संवहंति २ खलयं करेंति २ मलेंति जाव बहवे कुंभा जाया । तए णं ते कोढुंबिया साली कोट्ठागारंसि पल्लेवंति जाव विहरति । चउत्थे वासारत्ते बहवे Page #100 -------------------------------------------------------------------------- ________________ -VII.68] नायाघम्मकहाओ कुंभसया जाया। तए णं तस्स धणस्स पंचमयंसि संवच्छरसि परिणममणंसि पुव्वरत्तावरत्तकालसमयंसि इमेयारूवे अज्झत्थिए ४ जाव समुप्पज्जित्था - एवं खलु मए इओ अईए पंचमे संवच्छरे चडण्हं सुण्हाणं परिक्खणट्ठयाए ते पंच २ सालिअक्खया हत्थे दिन्ना । तं सेयं खलु मम कल्लं जाव जलंते पंच सालिअक्खए परिंजाइत्तए जाव जाणामि काए किह सारक्खिया वा संगोविया वा संवड़िया वा । एवं संपेहेइ २ कल्लं जाव जलंते विपुलं असणं ४ मित्तनाइनियग० चउण्ह य सुण्हाणं कुलघरवग्गं जाव सम्माणित्ता तस्सेव मित्त जाव चउण्ह य सुण्हाणं कुलघरवग्गस्स पुरओ जेहें उल्झिययं सहावेइ २ एवं वयासी - एवं खलु अहं पुत्ता ! इओ अईए पंचमंसि संवच्छरंसि इमस्स मित्त जाव चउम्ह य सुण्हाणं कुलघरस्स य पुरओ तव हत्थंसि पंच सालिअक्खए दलयामि जया णं अहं पुत्ता! एए पंच सालिअक्खए जाएज्जा तया णं तुम मम इमे पंच सालिअक्खए पडिनिज्जाएसि त्तिकैटु । से नृणं पुत्चा! अढे समढे ? हंता अस्थि । तं णं तुम पुत्ता ! मम ते सालिअक्खए पडिनिज्जाएसि । तए णं सा उज्झिया एयमह धणस्स पडिसुणेइ जेणेव कोहागारं तेणेव उवागच्छइ २ पल्लाओ पंच सालिअक्खए गेण्हइ २ जेणेव धणे सत्यवाहे तेणेव उवागच्छइ २ एवं वयासी - एए णं ते पंच सालिअक्खए तिकटु धणस्स हत्थंसि ते पंच सालिअक्खए दलयइ । तए णं धणे उज्झियं सवहसावियं करेइ २ एवं वयासी-किं णं पुत्ता ! ते चेव पंच सालिअक्खए उदाहु अन्ने ? तएणं उज्झिया धणं सत्यवाहं एवं वयासी- एवं खलु तुब्भे ताओ ! इमो अईए पंचमे संवच्छरे इमस्स मित्तनाइ० चउण्ह य जाव विहराहि । तए णं अहं तुन्भं एयमढे पडिसुणेमि ते पंच सालिअक्खए गेण्हामि एगंतमवकमामि । वए णं मम इमेयारूवे अज्झथिए ४ जाव समुप्पज्जित्था- एवं खलु तायाणं कोट्ठागारंसि जाव सकम्मसंजुत्ता । तं नो खलु ताया! ते चेव पंच सालिअक्खए एए णं अन्ने। तए णं से धणे उज्झिइयाए अंतिए एयमढे सोच्चा निसम्म आसुरुचे जाव मिसिमिसेमाणे उझिइयं तस्स मित्तनाइ० चउण्हं Page #101 -------------------------------------------------------------------------- ________________ नायकओ [VII.68 सुण्हाणं कुलघरवग्गस्स य पुरओ तस्स कुलघरस्स छारुन्झियं च छाणुज्झियं च कयवरुज्झियं च संपुंच्छियं च सम्मज्जिथं च पाउवदाइयं च व्हाणोवदाइयं च बाहिर पेसणकारियं च ठावेइ । एवामेव समणाउसो ! जो अहं निग्गंथो वा २ जाव पव्वइए पंच य से महव्वयाइं उज्झियाइं भंवति से णं इहभवे चेव बहूणं समणाणं ४ होलणिज्जे जाव अणुपरि - इस्सइ जहा सा उज्झिया । एवं भोगवइया वि नवरं तस्स कुलघरस्स कंडिंतियं च कोट्टांतियं च पीसंतियं च एवं रुच्चंतियं रंधंतियं परिवेसंतियं च परिभायंतियं च अभितरियं च पेसणकारेिं महाणसिणिं ठावेइ । एवामेव समणाउसो ! जो अम्हं समणो वा पंच य से महव्वयाई फोडियाइं भवंति से णं इहभवे चैव बहूणं समणाणं ४ नाव हीलणिज्जे ४ जहाव सा भोगवइया । एवं क्खिइयावि नवरं जेणेव वासघरे तेणेव उवागच्छइ २ मंजूस विहाडेइ २ रयणकरंडगाओ ते पंच सालिअक्खए गेहइ २ जेणेव धणे सत्थवाहे तेणेव उवागच्छइ २ पंच सालिअक्खए धणस्स हत्थे दलयइ । तए णं से धणे रक्खिइयं एवं वयासी - किं णं पुत्ता ! ते चैव एए पंच सालिअक्खए उदाहु अन्ने ? ar णं रक्खिइया धणं एवं वयासी ते चेव ताया ! एए पंच सालिअक्खया नो अन्ने । कहं णं पुत्ता ? एवं खलु ताओ ! तुन्भे इओ पंचमंमि जाव भवियव्वं एत्थ कारणेणं तिकट्टु ते पंच सालिअक्खए सुद्धे वत्थे जाव तिसंझं पडिजागरमाणी यावि विहरामि । तओ एएणं कारणं ताओ ! ते चैव पंच सालिअक्खए नो अग्ने । तए णं से धणे रक्खइयाए अंतियं एयमट्ठे सोच्चा हट्टतुट्ठे तस्स कुलघरस्स हिरण्णस्स य कंसदूसविपुलघण जाव सावएजस्स य भंडागारिणं ठवेइ । एवामेव समणाउसो ! जाव पंच य से महत्वयाई रक्स्वियाइं भवंति से णं इहभवे चेव बहूणं समणाणं ४ अचणिज्जे जाव जहा सा क्खिइया । रोहिणीया वि एवं चेव नवरं तुब्भे ताओ मम सुबहुयं सगडीसागडं दुलाह जाणं अहं तुब्भे ते पंच सालिअक्खए पडिनिज्जामि । तए णं से धणे रोहिणिं एवं वयासी कहं णं तुम 88 Page #102 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 86 -VII.68] नायाधम्मकहाओ मम पुत्ता ! ते पंच सालिअक्खए सगडसागडेणं निन्जाएस्ससि ? तए ण सा रोहिणी धणं एवं वयासी -- एवं खलु ताओ ! इओ तुम्भे पंचमे संवच्छरे इमस्स मित्त जाव बहवे कुंभसया जाया तेणेव कमेण । एवं खलु ताओ ! तुब्भे ते पंच सालिअक्खए सगडीसागडेणं निज्जाएमि। तए णं से धणे सत्थवाहे रोहिणीयाए सुबहुयं सगडीसागडं दलयइ । वए णं रोहिणी सुबहुं सगडीसागडं गहाय जेणेव सए कुलघरे तेणेव उवागच्छइ कोट्ठागारं विहाडेइ २ पल्ले उभिदइ २ सगडीसागडं भरेइ २ रायगिहं नगरं मझमज्झेणं जेणेव सए गिहे जेणेव धणे सत्थवाहे तेणेव उवागच्छइ । तए णं रायगिहे नयरे सिंघाडग जाव बहुजणो अन्नमन्नं एवमाइक्खइ ४ - धन्ने णं देवाणुप्पिया ! धणे सत्थवाहे जस्स णं रोहिणीया सुण्हा पंच सालिअक्खए सगडसागडिएणं निज्जाएइ । तए णं से धणे सत्थवाहे ते पंच सालिअक्खए सगडसागडेणं निज्जाइए पासइ २ हट्ट जाव पडिच्छइ २ तस्सेव मित्तनाइ० चउण्ह य सुण्हाणं कुलघरपुरओ रोहिणीयं सुण्डं तस्स कुलघरस्स बहूसु कब्जेसु य जाव रहस्सेसु य आपुच्छणिज जाव वट्टावियं पमाणभूयं ठावेइ । एवामेव समणाउसो ! जाव पंच से महत्वयाइं संवड्डियाई भवंति से णं इहभवे चेव बहूणं समणाणं जाव वीईवइस्सइ जहा व सा रोहिणीया। एवं खलु जंबू | समणेणं भगवया महावीरेणं जाव संपत्तेणं सत्तमस्स नायज्झयणस्स अयमढे पन्नत्ते तिबेमि ॥ ॥ सत्तमं अज्झयणं समत्तं ॥७॥ Page #103 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 90 नायाधम्मकहाओ [VIII.69॥ अट्ठमं अज्झयणं ॥ (69) जइ णं भंते ! समणेणं जाव संपत्तेणं सत्तमस्स नायज्झयणस्स अयमढे पन्नत्ते अट्ठमस्स णं भत्ते ! के अहे पन्नत्ते ? एवं खलु जंबू ! तेणं कालेणं २ इहेव जंबूहीवे २ महाविदेहे वासे मंदरस्स पव्वयस्स पच्चत्थिमेणं निसढस्स वासहरपव्वयस्स उत्तरेणं सीओयाए महानदीए दाहिणेणं सुहावहस्स वक्खारपव्वयस्स पच्चत्थिमेणं पच्चत्थिमलवणसमुहस्स पुरथिमेणं एत्थ णं सलिलावई नामं विजए पन्नत्ते । तत्थ णं सलिलावईविजए वीयसोगा नाम रायहाणी पन्नत्ता नवजोयणवित्थिण्णा जाव पच्चक्खं देवलोगभूया। तीसे णं वीयसोगाए रायहाणीए उत्तरपुरथिमे दिसीभाए इंदकुंभे नाम उज्जाणे । तत्थ णं वीयसोगाए रायहाणीए बले नामं राया । तस्स धारिणीपामोक्खं देवीसहस्सं ओरोहे होत्था । तए णं सा धारिणी देवी अन्नया कयाइ सीहं सुमिणे पासित्ताणं पडिबुद्धा जाव महब्बले दारए जाए उम्मुक्त जाव भोगसमत्थे। तए णं तं महब्बलं अम्मापियरो सरिसियाणं कमलसिरिपामोक्खाणं पंचण्हं रायवरकन्नासयाणं एगदिवसेणं पाणिं गेण्हावेति । पंच पासायसया पंचसओ दाओ जाव विहरइ। थेरागमणं इंदकुंभे उज्जाणे समोसढे परिसा निग्गया बलो वि निग्गओ धम्मं सोच्चा निसम्म जं नवरं महब्बलं कुमारं रज्जे ठावेई जाव एकारसंगवी बहूणि वासाणि सामण्णपरियामं पाउणित्ता जेणेव चारुपव्वए मासिएणं भत्तेणं सिद्धे । तए णं सा कमलसिरी अन्नया कयाइ सीहं सुमिणे जाव बलभहो कुमारो जाओ जुवराया यावि होत्था । तस्स णं महब्बलस्स रन्नो इमे छप्पियबालवयंसगा रायाणो होत्था तंजहा-अयले धरणे पूरणे वसू वेसमणे अभिचंदे सहजायया जाव संहिच्चाए नित्थरियव्वे तिकटु अन्नमन्नस्स एयमढे पडिसुणेति । तेणं कोलणं २ इंदकुंभे उज्जाणे थेरा समोसढा । परिसी निग्गया । महब्बले णं धम्म सोच्चा जं नवरं छप्पियबालवयंसए आपु. च्छामि बलभदं च कुमारं रज्जे ठावमि जाव छप्पियबालवयंसए आपु. च्छइ । तए णं ते छप्पिय० महब्बलं रायं एवं वयासी- जइ णं देवाणु Page #104 -------------------------------------------------------------------------- ________________ -VIII,69J नायाधम्मकहाओ प्पिया ! तुब्भे पव्वयह अम्हं के अन्ने आहारे जाव पव्वयामो । तए पं से महब्बले राया ते छप्पिय० एवं वयासी - जइ णं तुब्भे मए सद्धिं बाव पव्वयह तो णं गच्छह जेढे पुत्ते सएहिं २ रज्जेहिं ठावेह पुरिससहस्सवाहिणीओ सीयाओ दुरूढा जाव पाउन्भवंति । तए णं से महब्बले राया छप्पियबालवयंसए पाउन्भूए पासइ २ हट्ट जाव कोडुंबियपुरिसे सहावेइ २ बलभद्दस्स रायाभिसेओ जाव आपुच्छइ। तए णं से महब्बले जाव महया इड्डीए पैव्वइए एक्कारसअंगवी बहूहिं चउत्थ जाव भावेमाणे विहरइ । तए णं तेसिं महब्बलपामोक्खाणं सत्तण्हं अणगाराणं अन्नया कयाइ एगयओ सहियाणं इमेयारुवे मिहोकहासमुल्लावे समुप्पज्जित्थाजंणं अम्हं देवाणुप्पिया एगे तवोकम्म उवसंपज्जित्ताणं विहरइ तं गं अम्हेहिं सव्वेहिं तवोकम्मं उवसंपज्जित्ताणं विहरित्तए तिकटु अन्नमन्नस्स एयमढे पडिसुणेति २ बहूहिं चउत्थ जाव विहरंति । तए णं से महब्बले अणगारे इमेणं कारणेणं इत्थिनामगोयं कम्मं निव्वत्तिंसु - जइ णं ते महब्बलवज्जा छ अणगारा चउत्थं उवसंपज्जित्ताणं विहरंति तओ से महब्बले अणगारे छठे उपसंपज्जित्ताणं विहरइ । जइ णं ते महब्बलवज्जा छ अणगारा छठें उवसंपज्जित्ताणं विहरति तओ से महब्बले अणगारे अट्ठमं उवसंपज्जित्ताणं विहरइ । एवं अह अट्ठमं तो दसमं अह दसमं तो दुवालसमं । इमेहि य णं वीसाएहि य कारणेहिं आसेवियबहुलीकएहिं तित्थयरनामगोयं कम्मं निव्वत्तेसु तंजहा - अरहंतसिद्धपवयणगुरुथेरबहुस्सुए तवस्सीसुं । वच्छल्लया य तेसिं अभिक्ख नाणोवओगा य ॥१॥ दंसणविणए आवस्सए य सीलव्वए निरइयारो। खणलवतवर्चियाए वेयावच्चे समाही य ॥२॥ अपुव्वनाणगहणे सुयभत्ती पवयणे पहावणया । एएहिं कारणेहिं तित्थयरत्तं उहइ सो उ ॥३॥ तए णं ते महब्बलपामोक्खा सत्त अणगारा मासियं भिक्खुपडिमं उवसंपज्जित्ताणं विहरंति जाव एगराईयं । तए णं ते महजलपामोक्खा सत्त अणगारा खुडागं सीहनिक्कीलियं तवोकम्मं उवसंपज्जित्ताणं विहरंति तंजहा- चउत्थं करेंति २ सव्वकामगुणियं पारेंति २ Page #105 -------------------------------------------------------------------------- ________________ नायाधम्मकहाओ VIII.69छठें करेंति २ चउत्थं करेंति २ अट्ठमं करेंति २ छटुं करेंति २ दसमं करेंति २ अट्ठमं करेंति २ दुवालसमं करेंति २ दसमं करेंति २ चोद. समं करेंति २ दुवालसमं करेंति २ सोलसमं करेंति २ चोहसमं करेंति २ अट्ठारसमं करेंति २ सोलसमं करेंति २ वीसइमं करेंति २ अट्ठारसमं करेंति २ वीसइमं करेंति २ सोलसमं करेंति २ अट्ठारसमं करेंति २ चोहसमं करेंति २ सोलसमं करेंति २ दुवालसमं करेंति २ चोदसमं करेंति २ दसमं करेंति २ दुवालसमं करेंति २ अट्ठमं करेंति २ दसमं करेंति २ छठें करेंति २ अट्ठमं करेंति २ चउत्थं करेंति २ छटुं करेंति २ चउत्थं करेंति सव्वत्थ सव्वकामगुणिएणं पारेति । एवं खलु एसा खुड्डागसीहनिक्कीलियस्स तवोकम्मस्स पढमा परिवाडी छहिं मासेहिं सत्तहि य अहोरत्तेहि य अहासुत्तं जाव आराहिया भवइ । तयाणंतरं दोच्चाए परिवाडीए चउत्थं करेंति नवरं विगर्यवज्ज पारेति । एवं तच्चाएवि परिवाडीए नवरं पारणए अलेवाडं पारेति । एवं चउत्थावि परिवाडी नवरं पारणए आयंबिलेण पारेति । तए णं ते महब्बलपामोक्खा सत्त अणगारा खुड्डागं सीहनिक्कीलियं तवोकम्मं दोहिं संवच्छरोहिं अट्ठावीसाए अहोरत्तेहिं अहासुत्तं जाव आणाए आराहेत्ता जेणेव थेरे भगवंते तेणेव उवागच्छंति २ थेरे भगवते वंदति नमसंति २ एवं वयासी-इच्छामो णं भंते ! महालयं सीहनिक्कीलियं तहेव जहा खुड्डागं नवरं चोत्तीसइमाओ नियत्तइ एगाए परिवाडीए कालो एगेणं संवच्छरेणं छहिं मासेहिं अट्ठारसहि य अहोरत्तेहिं समप्पेइ । सव्वंपि सीहनिक्कीलियं छहिं वासेहिं दोहिं मासेहिं बारसहि य अहोरत्तेहिं समप्पेइ । तए णं ते महब्बलपामोक्खा सत्त अणगारा महालयं सीहनिक्कीलियं अहासुत्तं जाव आराहित्ता जेणेव थेरे भगवंते तेणेव उवागच्छंति २ थेरे भगवंते वंदति नमसंति २ बहूणि चउत्थं जाव विहरति । तए णं ते महब्बलपामोक्खा सत्त अणगारा तेष उरालेणं सुक्का मुक्खा जहा खंदओ नवरं थेरे आपुच्छित्ता चारुपव्वयं साणव दुरुहंति जाव दोमासियाए सलेहणाए सवीसं भत्तसयं चतुरासीई वाससयसहस्साई सामण्णपरियागं पाउणंति २ चुलसीइं पुव्वसयसहस्साई Page #106 -------------------------------------------------------------------------- ________________ -VIII.70] नायाधम्मकहाओ 93 सव्वाउयं पालइत्ता जयंते विमाणे देवत्ताए उववन्ना । (70) तत्थ णं अत्यंगइयाणं देवाणं बत्तीसं सागरोवमाई ठिई पन्नत्ता। तत्थ णं महब्बलवज्जाणं छण्हं देवाणं देसूणाई बत्तीसं सागरोवमाई ठिई। महब्बलस्स देवस्स पडिपुण्णाई बत्तीसं सागरोवमाई ठिई । तए णं ते महब्बलवज्जा छप्पि देवा ताओ देवलोगाओ आउक्खएणं जाव अणंतरं चयं चइत्ता इहेव जर्बुद्दीवे २ भारहे वासे विसुद्धपिइमाइवंसेसु रायकुलेसु पत्तेयं २ कुमारत्ताए पच्चायाया तंजहा - पडिबुद्धी इक्खागराया, चंदच्छाए अंगराया, संखे कासिराया, रुप्पी कुणालाहिवई, अदीणसत्तू कुरुराया, जियसत्तू पंचालाहिवई। तए णं से महब्बले देवे तिहिं नाणेहिं समग्गे उच्चट्ठाणगएंसु गहेसु सोमासु दिसासु वितिमिरासु विसुद्धासु जइएसु संउणेसु पयाहिणाणुकूलांस भूमिसपिसि मारुयंसि पवायंसि निप्फन्नसस्समेइणीयांसि कोलंसि पमुइयपकीलिएसु जणवएसु अद्धरत्तकालसमयांस आस्सिणीनक्खत्तेणं जोगमुवागएणं जे से गिम्हणिं पढमे मासे दोच्चे पक्खे चेत्तसुद्धे तस्स णं चेत्तसुद्धस्स चाथिपक्खणं जयंताओ विमाणाओ बत्तीसं सागरोवमद्विइयाओ अणंतरं चयं चइत्ता इहेव जंबुद्दीवे २ भारहे वासे मिहिलाए रायहाणीए कुंभगस्स रन्नो पभावईए देवीए कुच्छिसि आहारवकतीए भववकवीए सरीरवकंतीए गम्भत्ताए वकंते । तं रयणि च णं चोइस महासुमिणा वण्णओ । भत्तारकहणं सुमिणपाढगपुच्छा जाव विहरइ । तए णं तीसे पभावईए देवीए तिण्डं मासाणं बहुपडिपुण्णाणं इमेयारूवे डोहले पाउन्भूए - धन्नाओ णं ताओ अम्मयाओ जाओ गं जलथलयभासुरप्पभूएणं दसद्धवण्णेणं मल्लेणं अत्थुयपञ्चत्थुयसि सयणिज्जंसि सन्निसण्णाओ संनिवन्नाओ य विहरंति एगं च महं सिरिदामगंडं पाडलमल्लियचंपगअसोगपुन्नागनागमरुयगदमणगअणोज्जकोज्जयपउरपरमसुहदरिसणिज्जं महया गंधद्धणि मुयंत अग्घायमाणीओ डोहलं विणेति । तए णं तीए पभावईए इमं एयारूवं डोहलं पाउन्भूयं पासित्ता अहासन्निहिया वाणमंतरा देवा खिप्पामेव जलथलय जाव दसवण्ण Page #107 -------------------------------------------------------------------------- ________________ नायाचम्मकहाओ [VIII.71 मल्लं कुंभग्गसो य भारग्गसो य कुंभगस्स रन्नो भवणंसि साहरंति एगं च णं महं सिरिदामगंडं जाव मुयंतं उवर्णेति । तए णं सा पभावई देवी जलथलय जान मल्लेणं दोहलं विणेइ । तए णं सा पभावई देवी पसत्थदोहला जाव विहरइ । तए णं सा पभावई देवी नवं मासाणं अद्धट्टमाण य रायंदियाणं जे से हेमंताणं पढमे मासे दोच्चे पक्खे मग्गसिरसुद्धे तस्स णं एक्कारसीए पुव्वरत्तावरत्तकाल - समयंसि अरिसणीनक्खत्तेणं उच्चट्ठाण जाव पमुइयपक्कीलिएसु जणवएस आरोगारोगं एगूणवीसइमं तित्थयरं पयाया । (71) तेण कोलणं २ अहेलोगवत्थव्वाओ अट्ठ दिसाकुमारीमयहरियाओ जहा जंबुद्दीवपन्नत्तीए जम्मणं सव्वं नवरं मिहिलाए कुंभगस्स पभावईए अभिलावो संजोएयव्वो जाव नंदीसरवरदीवे महिमा । तया णं कुंभए राया बहूहिं भवणवईहिं ४ तित्थयरजायकम्मं जाव नामकरणं - जम्हा णं अम्हं इमीए दारियाए माऊए मल्लसयणीयंांस डोहले विणीए तं होउ णं नामेणं मल्ली जहा महम्बले जाव परिवड्डिया – सा वड्ढई भगवई दियलोयचुया अणोवमासेरीया । दासीदासपरिवुडा परिकिण्णा पीढमद्देहि ॥१॥ असियसिरया सुनयणा बिंबोट्ठी धवलदंतपंतीया । वरकमलकोमलंगी फुलुप्पलगंधनीसासा ॥२॥ - (72) तए णं सा मल्ली विदेहरायवरकन्ना उम्मुक्कबालभावा जाव रुवेण य जोन्वणेण य लावणेण य अईव २ उक्किट्ठा उक्किट्ठसरीरा जायावि होत्था । तए णं सा मल्ली देसूणवाससयजाया ते छप्पि रायाणो विउलेणं ओहिणा आभोमाणी २ विहरइ तंजहा – पडिबुद्धिं जाव जियसत्तुं पंचालाहि - वइं । तए णं सा मल्ली कोटुंबियपुरिसे सहावेइ २ एवं वयासी - गच्छह तुभेदेवाणुपिया ! असोगवणियाए एगं महं मोहणघरं करह अणेगखंभसयसन्निविद्धं । तस्स णं मोहणघरस्स बहुमज्झदे सभाए छ गन्भघर करेह । तेसि णं गन्भघरगाणं बहुमज्झदेसभाए जालघरयं करेह । तस्स णं जालघरयस्स बहुमज्झदेसभाए मणिपेढियं करेह जाव पञ्चपिणंति । तए णं सा मल्ली मणिपेढियाए उवरिं अप्पणो सरिसियं 94 Page #108 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 95 -VIII.73] नायाधम्मकहाओ सरित्तयं सरिज्वयं सरिसलावण्णजोव्वणगुणोववेयं कणगमयं मत्थयच्छिई पउमप्पलपिहाणं पडिमं करेइ २ जं विउलं असणं ४ आहारेइ तओ मणुनाओ असणाओ ४ कल्लाकलिं एगमेगं पिंडं गहाय तसे कणगामईए मत्थयछिड्डाए जाव पडिमाए मत्थयंसि पक्खिवमाणी २ विहरइ । तए णं तीसे कणगामईए जाव मत्थयछिड्डाए पडिमाए एगमेगांस पिंडे पक्खिप्पमाणे २ तओ गंधे पाउन्भवइ से जहानामए अहिमडे इ वा जाव एत्तो अणि?तराए अमणामतराए चेव । __(73) तेणं कालेणं २ कोसला नाम जणवए । तत्थ णं सागेए नाम नयरे । तस्स णं उत्तरपुरस्थिमे दिसीभाए एत्थ णं महेगे नागघरए होत्था दिव्वे सच्चे सच्चोवाए संनिहियपाडिहेरे । तत्थ णं सागेए नयरे पडिबुद्धी नाम इक्खागराया परिवसइ पउमावई देवी सुबुद्धी अमच्चे सौमदंड० । तए णं पउमावईए देवीए अन्नया कयाइ नागजन्नए यावि होत्या । तए णं सा पउमावई नागजन्नमुवट्ठियं जाणित्ता जेणेव पडिबुद्धी करयल जाव एवं वयासी – एवं खलु सामी ! मम कल्लं नागजन्नए भविस्सइ । तं इच्छामि णं सामी ! तुब्भहिं अब्भणुनाया समाणी नागजन्नयं गमित्तए । तुम्भेवि णं सामी ! मम नागजन्नयंसि समोसरह । तए णं पडिबुद्धी पउमावईए एयमहँ पडिसुणेइ । तए णं पउमावई पडिबुद्धिणा रन्ना अब्भणुनाया समाणी हट्ठा जाव कोडुबियपुरिसे सहावेइ २ एवं वयासी-एवं खलु देवाणुप्पिया ! मम कल्लं नागजन्नं भविस्सइ । तं तुन्भे मालागारे सहावेह २ एवं वयाह – एवं खलु पउमावईए देवीए कल्लं नागजन्नए भविस्सइ । तं तुन्भे गं देवाणुप्पिया ! जलथलयदसद्धवणं मलं नागघरयसि साहरह एगं च णं महं सिरिदामगंडं उवणेह । तए णं जलथलयदसद्धवण्णेणं मल्लेणं नाणाविहभत्तिसुविरइयं हंसमियमयूरकोंचसारसचक्कवायमयणसालकोइलकुलोववेयं ईहामिय जाव भत्तिचित्तं महग्धं महरिहं विउलं पुप्फ मंडवं विरएह । तस्स णं बहुमज्झदेसभाए एगं महं सिरिदामगंडं जाक गंधद्धणि मुयंत उल्लोयंसि आलंबेह २ पउमावई देविं पडिवालेमाणा २ Page #109 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 96 नायाधम्मकहाओ (VIII.73चिट्ठह । तए णं ते कोडुंबिया जाव चिट्ठति । तए णं सा पउमावई देवी कल्लं कोडुबिए एवं वयासी - खिप्पामेव भो देवाणुप्पिया ! सागेयं नयरं सभितरबाहिरियं आसियसम्मज्जिओवलित्तं जाव पच्चप्पिणंति । तए णं सा पउमावई दोच्चंपि कोडुंबिय जाव खिप्पामेव लहुकरणजुत्तं जाव जुत्तामेव उवट्ठति । तए णं सा पउमावई अंतो अंतेउरांस व्हाया जाव धम्मियं जाणं दुरूढा । तए णं सा पउमावई नियगपरियालसंपरिवुडा सागेयं नयरं मज्झमज्झेणं निजोइ २ जेणेव पुक्खरणी तेणेव उवागच्छइ २ पोक्खराणं ओगाहेइ २ जलमज्जणं जाव परमसुइभूया उल्लपडसाडया जाई तत्थ उप्पलाइं जाव गेण्हइ २ जेणेव नागघरए तेणेव पहारेत्थ गमपाए । तए णं पउमावईए दासचेडीओ बहूओ पुप्फपंडलगहत्थगयाओ धूवकडेंच्छयहत्थगयाओ पिट्ठओ समणुगच्छंति। तए णं पउमावई सव्विड्डीए जेणेव नागघरए तेणेव उवागच्छइ २ नागघरं अणुप्पविसइ २ लोमहत्थगं जाव धूवं डहइ २ पडिबुद्धिं पडिवालेमाणी २ चिट्ठइ । तए णं पडिबुद्धी व्हाए हत्थिखंधवरगए सकोरंट जाव सेयवरचामराहि य हयगयरहमयाभडचडगरपहकरहिं सागेयं नगरं मझमझेणं निग्गच्छह २ जेणेव नागघरए तणेव उवागच्छइ २ हत्थिखंधाओ पच्चोरुहइ २ आलोए पणामं करेइ २ पुप्फमंडवं अणुपविसइ २ पासइ तं एगं महं सिरिदामगंडं । तए णं पडिबुद्धी तं सिरिदामगंडं सुचिरं कालं निरिक्खइ २ तंसि सिरिदामगंडंसि जायविम्हए सुबुाद्धं अमच्चं एवं वयासी - तुमं देवाणुप्पिया! मम दोच्चेणं बहूणि गामागर जाव सन्निवेसाई आहिंडसि बहूण य राईसर जाव गिहाई अणुपविससि । तं अस्थि णं तुमे काहिचि एरिसए सिरिदामगंडे दिट्ठपुव्वे जारिसए णं इमे पउमावईदेवीए सिरिदामगंडे ? तए णं सुबुद्धी पीडबुद्धिं रायं एवं वयासी- एवं खलु सामी। अहं अन्नया कयाई तुम्भं दोच्चेणं मिहिलं रायहाणं गए। तत्थ णं मए कुंभगस्स रनो धूयाए पभावईए देवीए अत्तयाए मल्लीए संवच्छरपडिलेहणगंसि दिव्वे सिरिदामगंडे दिट्ठपुव्वे । तस्स णं सिरिदामगंडस्स इमे Page #110 -------------------------------------------------------------------------- ________________ -VIII.74] नयाधम्मकाओ 97 पउमाई देवीए सिरिदामगंडे सयसहस्सइमंपि कलं न अग्घइ । तए णं परिबुद्धी सुबुद्धिं अमचं एवं वयासी - केरिसिया णं देवाणुप्पिया ! मल्ली २ जस्स णं संवच्छर पडिलेहणयंसि सिरिदामगंडस्स पउमावईए देवीए सिरिदामगंडे सयसहस्सइमपि कलं न अग्घइ ? तए णं सुबुद्धी पडिबुद्धिं इक्खागरायं एवं वयासी - मल्ली विदेहरायवरकन्नगा सुपइट्ठियकुम्मुन्नयचारुचरणा वण्णओ । तए णं पडिबुद्धी सुबुद्धिस्स अमच्चस्स अंतिऐ 1 एयमहं सोचा निसम्म सिरिदामगंडजणियहासे दूयं सहावेइ २ एवं वयासी - गच्छाहि णं तुमं देवाणुप्पिया ! मिहिलं राहाणं । तत्थ कुंभगस्स रन्नो धूयं पभबईए अत्तियं मल्लि २ मम भारियत्ताए वरे हि जइ वि य णं सा सयं रज्जका । तए णं से दू पडिबुद्धिणारन्ना एवं वुत्ते समाणे हट्ठ जाव पडिसुणेइ २ जेणेव सए गिहे जेणेव चाउघंटे आसरहे तेणेव उवागच्छइ २ चा उग्घटं आसरहं पडिकप्पावेइ २ दुरूढे नाव हयगयमहयाभडचडगरेणं साएयाओ निग्गच्छइ २ जेणेव विदेह - जणवए जेणेव मिहिला रायहाणी तेणेव पहारेत्थ गमणाए (१) । (74) तेणं कालेणं २ अंगा नाम जणवए होत्था । तत्थ णं चंपा नामं नयरी होत्था । तत्थ णं चंपाए नयरीए चंदच्छाए अंगराया होत्था । तत्थ णं चंपाए नयरीए अरहन्नगपामोक्खा बहवे संत्तानावाचाणियगा परिवसंति अड्ढा जाव अपरिभूया । तर्ए णं से अरहन्नगे समणोवासए या होत्था अहिगयजीवाजीवे वण्णओ । तए णं तेसिं अरहन्नगपामोक्खाणं संजत्तानावावाणियगाणं अन्नया कयाइ एगयओ सहियाणं इमेयारूवे मिहोक समुल्लावे समुप्पज्जित्था - सेयं खलु अम्हं गणिमं धरिमं च मेज्जं च परिच्छेज्जं च भंडगं गहाय लवणसमुहं पोयवहणेणं ओगाहित्तए चिकट्टु अन्नमन्नस्स एयमट्ठे पडिसुर्णेति २ गणिमं च ४ गेव्हंति २ सगडीसागडयं सर्जेति २ गणिमस्स ४ भंडगस्स सगडसागडियं भरेंति २ सोहसि तिहिकरणनक्खत्तमुहुत्तंसि विउलं असणं ४ उवक्खडार्वेति मित्तनाइ भोयणवेलाए भुंजावेंति जाव आपुच्छंति २ सगडी सागाडियं जोति २ चंपाए नयtए मज्झमज्झेणं निग्गच्छंति २ जेणेव गंभीरए १३ Page #111 -------------------------------------------------------------------------- ________________ नायाधम्मक हाओ [ VIII.74 पोयपट्टणे तेणेव उवागच्छति २ सगडीसागडियं मोयंति २ पोयवहणं सज्जेंति २ गणिमस्स जाव चउविहेभंडगस्स भरेंति तंदुलाण य समियरस य तेल्लस्स य घयस्स ये गुलस्स य गोरसस्स य उद्गस्स य उदयभायणाण य ओसहाण य भेसन्जाण य तणस्स य कट्ठस्स य आवरणाण य पहणाण य अन्नेसिं च बहूणं पोयवहण पाउग्गाणं दव्वाणं पोयवहणं भरेंति सोहणंसि तिहिकरणनक्खत्तमुहुत्तंसि विडलं असणं ४ उवक्खडावेंति २ मित्तनाइ० आपुच्छंति २ जेणेव पोयट्ठाणे तेणेव उवागच्छंति । तए णं तो अरहन्नग जाव वाणियगाणं परियणो जाव तौहिं इट्ठीहिं जीव वग्गूहिं अभिनंदता य अभिसंथुणमाणा य एवं वयासी - अज्ज! ताय! भाय! माउल! भाइणेज्ज ! भगवया समुद्देणं अभिरक्खिज्जमाणा २ चिरं जीवह भहं च भे पुणरवि लद्धट्ठे कयकज्जे अणहसमग्गे नियगं घरं हव्वमा गए पासामो त्तिकट्टु ताहिं सोमाहिं निद्धाहिं दीहाहिं सप्पिवासाहिं पप्पुंयाहिं दिट्ठीहिं निरिक्खमाणा मुहुत्तमेत्तं संचिट्ठति । तओ समा॑णिएसु पुप्फबलिकम्मे सु दिन्नेसु सरसरत्तचंदणदद्दरपंचंगुलितलेसु अणुक्खित्तंसि धूवंसि पूइएस समुद्दवाएसु संसारियासु वलयबाहासु ऊसिएस सिएस झयग्गेस पडुप्पवाइस तूरेसु जईएसु सव्वसउणेसु गहिएस रायवरसासणेसु महया उक्कट्ठसीहनाय जाव रवेणं पक्खुभियमहासमुद्दरवभूयंपिव मेइणिं करे माणा एगदिसिं जाव वाणियगा नावाए दुरूढा । तओ पुस्समाणवो वक्कमुदहु - हं भो ! सव्वेसिमैवि अत्थसिद्धी उवट्टियाई कल्लाणाई पडिहयाई सव्वपावाई जुत्तो पूसो विजओ मुहुत्तो अयं देसकालो । तओ पुस्समाणएणं वक्कमुदाहरिए हतुट्ठे कुच्छिधारकण्णधारगन्भिज्जसंजत्तानोव । वाणियगा वावारिंसुं तं नावं पुण्णुंच्छंगं पुण्णमुहिं बंधणेहिंतो मुंचति । तए णं सा नावा विर्मुकबंधणा पवणबलसमाहया ऊसियसिया विततपंखा इव गरुल जुवई गंगासलिलति क्खसोयवेगेहिं संखुभमाणी २ उम्मीत रंगमालासहस्साई समइच्छमाणी २ कइवएहिं अहोरतेहिं लवणसमुहं अणेगा जोयण साई ओगाढा । तए णं तेसिं अरहन्नगपामोक्खाणं संजतानावा बाणियगाणं लवणसमुहं अणेगाई जोयणसयाइं ओगाढाणं समणा 98 Page #112 -------------------------------------------------------------------------- ________________ -VIII.74] नायाधम्मकहाओ बहूई उप्पाइयसयाई पाउन्भूयाइं तंजहा - अकाले गज्जिए अकाले विज्जुए अकाले थणियसहे अभिक्खणं २ आगासे देवयाओ नच्चंति एगं च णं महं पिसायरूवं पासंति तालजंघं दिवंगयाहिं बाहाहिं मसिमूसगमहिसकालेगं भरियमेहवण्णं लंबोढें निग्गयग्गदंतं निल्लालियजमलजुयलजीहं आऊसियवयणगंडदेसं चीणचिमिढनासियं विगयभुग्गभग्ग मयं खज्जोयगदित्तचक्खुरागं उत्तासणगं विसालवच्छं विसालकुच्छि पलंबकुच्छि पहसियपयलियपयडियगत्तं पणश्चमाणं अप्फोडतं अभियंतं अभिगज्जतं बहुसो २ अट्टहासे विणिम्मुयंतं नीलुप्पलगवलगुलियअयसिकुसुमप्पगासं खुरधारं असिं गहाय अभिमुहावयमाणं पासंति। तए णं ते अरहन्नगवज्जा संजत्तानावावाणियगा एगं च ण महं तालपिसायं पासिचा तालजंघं दिवंगयाहिं बाहाहिं फुट्टसिरं भमरनिगरवरमासरासिमाहिसकालगं भारयमेहवण्णं सुप्पणहं फालसरिसजीहं लंबोढें धवलबट्टसिलिट्ठतिक्खथिरपीणकुडिलदाढोवगूढवयणं विकोसियधारासिजुयलसमसरिसतणुयचंचलगलंतरसलोलचवलफुरुफुरतनिल्लालियग्गजीहं अवयच्छियमहल्लविगयबीभच्छलीलपगलंतरत्ततालुयं हिंगुलयसगब्भकंदरबिलं व अंजणगिरिस्स अग्गिजालुग्गिलंतवयणं आसियअक्खचम्मैउइट्ठगंडदेसं चीणचिमिढेवंकभग्गनासं रोसागयधमधमेतमारुयनिठुरखरफरुसझुसिरं ओभुग्गनासियपुडं घडेउब्भडरइयभीसणमुहं उद्धमुहकण्णसक्कुलियमहतविगयलोमसंखालगलंबंतचलियकणं पिंगलदिप्पंतलोयणं भिउडितडिनिडीलं नरसिरमालपरिणचिंधं विचित्तगोणससुबद्धपरिकरं अवहोलंतपुप्फयायंतसप्पविच्छुयगोधुंदरनउलसरडविरइयविचित्तवेयच्छमालियागं भोगतरकण्हसप्पधमधमेतलंबतकण्णपूर मजारसियाललइयखधं दित्त धूयंतघूयकयकुंतलसिरं घंटारवेण भीमं भयंकर कायरजणहिययफोडणं दित्तमट्टहासं विणिम्मुयंतं वसारुहिरपूयमंसमलमलिणपोच्चडतणुं उत्तासणयं विसालवच्छं पेच्छंताभिन्ननहमुहनयणकण्णवरवग्यचित्तकत्तीणियसैणं सरसरुहिरगयचम्मवियर्थ ऊसवियबाहुजुयलं ताहि य खरफरुसअसिणिद्वैअणिढदित्तअसुभअप्पिय Page #113 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 100 नायाधम्मकहाओ [VIII.74अकंतवग्गूहि य तज्जयंतं पासंति तं तालपिसायरूवं एज्जमाणं पासंति २ भीया संजायभया अन्नमन्नस्स कायं समतुरंगेमाणा २ बहूणं इंदाण य खंदाण य रुइसिववेसमणनागाणं भूयाण य जक्खाण य अज्जकोट्टकिरियाणं य बहूणि उवाइयसयाणि ओवाईयमाणा २ चिट्ठति । तए णं से अरहन्नए समणोवासए तं दिव्वं पिसायरूवं एजमाणं पासइ २ अभीए अतत्थे अचलिए असंभंते अणाउले अणुव्विग्गे अमिन्नमुहरागनयणवण्णे अदीणविमणमाणसे पोयवहणस्स एगदेसंसि वत्थंतेणं भूमि पमज्जइ २ ठाणं ठाइ २ करयल जाव एवं वयासी - नमोत्थु णं अरहताणं जाव संपत्ताणं । जइ णं अहं एत्तो उवसग्गाओ मुंचामि तो मे कप्पइ पारित्तए । अह णं एत्तो उवसग्गाओ न मुंचामि तो मे तहा पच्चक्खाएयव्वे तिकटु सागारं भत्तं पच्चक्खाइ । तए णं से पिसायरूवे जेणेव अरहन्नगे समणोवासए तेणेव उवागच्छइ २ अरहन्नगं एवं वयासी - हं भो ! अरहन्नगा अपत्थियपत्थिया जाव परिवज्जिया ! नो खलु कप्पइ तव सीलव्वयगुणवेरमणपच्चक्खाणपोसहोववासाई चालित्तए वा एवं खोभित्तए वा खंडित्तए वा भंजित्तए वा उज्झित्तए वा परिच्चइत्तए वा । तं जइ णं तुमं सीलव्वयं जाव न परिचयसि तो ते अहं एवं पोयवहणं दोहिं अंगुलियाहिं गेण्हामि २ सत्तट्ठतलंप्पमाणमेत्ताई उड्ढे वेहासं उविहामि अंतोजलंसि निच्छोलेमि जाणं तुमं अट्टदुहट्टवसट्टे असमाहिपत्ते अकाले चेव जीवियाओ ववविज्जसि । तए णं से अरहन्नगे समणोवासए तं देवं मणसा चेव एवं वयासी - अहं णं देवाणुप्पिया ! अरहन्नए नाम समणोवासए अहिगयजीवाजीवे । नो खलु अहं सक्का केणइ देवेण वा जाव निग्गंथाओ पावयणाओ चालित्तए वा खोभित्तए वा विपरिणामित्तए वा । तुम णं जा सद्धा तं करेहि त्तिकटु अभीए जाव अभिन्नमुहरागनयणवण्णे अदीणविमणमाणसे निच्चले निष्फंदे तुसिणीए धम्मज्झाणोवगए विहरइ । तए णं से दिव्वे •पिसायरूवे अरहन्नगं समणोवासगं दोच्चंपि तच्चंपि एवं वयासी – है भो अरहन्नगा ! जाव- धम्मज्झाणोवगए विहरइ । तए णं से दिव्वे Page #114 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 101 VIII.74] नायाधम्मकहाओ पिसायरूवे अरहन्नगं धम्मज्झाणोवगयं पासइ २ बलियतरागं आसुरुत्ते तं पोयवहणं दोहिं अंगुलियाहिं गिण्हइ २ सत्तट्टतेलाई जाव अरहन्नगं एवं वयासी - हं भो अरहन्नगा ! अपत्थियपत्थिया ! नो खलु कप्पइ तव सीलव्वय तहेव जाव धम्मज्झाणोवगए विहरइ । तए णं से पिसायरूवे अरहन्नगं जाहे नो संचाएइ निग्गंथाओ चालित्तए वा तहेवं संते जाव निविण्णे तं पोयवहणं सणियं २ उवरिं जलस्स ठवेइ २ तं दिव्वं पिसायरूवं पडिसाहरेइ २ दिव्वं देवरूवं विउठवइ २ अंतलिक्खपडिवन्ने सखिखिणीयाइं जाव परिहिए अरहन्नगं समणोवासगं एवं वयासी - हं भो अरहन्नगा ! धन्नोसि णं तुमं देवाणुप्पिया ! जाव जीवियफले जस्स णं तव निग्गंथे पावयणे इमेयारूवा पडिवत्ती लद्धा पत्ता अभिसमन्नागया । एवं खलु देवाणुप्पिया ! सक्के देविंदे देवराया सोहम्मे कप्पे सोहम्मवडिंसए विमाणे सभाए सुहम्माए बहूणं देवाणं मझगएँ महया २ सद्देणं एवं आइक्खइ ४- एवं खलु जंबुद्दीवे २ भारहे वासे चंपाए नयरीए अरहन्नए समणोवासए अभिगयजीवाजीवे नो खलु सक्का केणइ देवेण वा ६ निग्गंथाओ पावयणाओ चालित्तए जाव विपरिणामित्तए वा । तए णं अहं देवाणुप्पिया ! सक्कस्स नो एयमह सहहामि । तए णं मम इमेयारूवे अज्झथिए - गच्छामि णं अहं अरहन्नगस्स अंतियं पाउन्भवामि जाणामि ताव अहं अरहन्नगं किं पियधम्मे नो पियधम्मे, दढधम्मे नो दढधम्मे, सीलव्वयगुणे किं चालेइ जाव परिच्चयइ नो परिच्चयइ तिकटु एवं संपेहेमि २ ओहिं पउंजामि २ देवाणुप्पियं ओहिणा आभोएमि २ उत्तरपुरथिमं २ उत्तरवेउब्वियं० ताए उक्किट्ठाए जेणेव लवणसमुहे जेणेव देवाणुप्पिया तेणेव उवागच्छामि २ देवाणुप्पिय उवसग्गं करेमि नो चेव णं देवाणुप्पिया भीया वा। तं जंणं सके ३ एवं वयइ सच्चे णं एसमटे । तं दिट्टेणं देवाणुप्पिपाणं इड्डी जाव परक्कमे लद्धे पत्ते अभिसमन्नागए । तं खामेमि णं देवाणुप्पिया ! खमंतु महंतु णं देवाणुप्पिया! नाइभुजो एवंकरणयाए तिकटु पंजलिउडे पायवडिए एयमह विणएणं भुज्जो २ खामेइ अरहन्नगस्स य Page #115 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 102 नायाधम्मकहाओ [VIII.75दुवे कुंडलजुयले दलयइ २ जामेव दिसि पाउन्भूए तामेव पडिगए। (75) तए णं से अरहन्नए निरुवसग्गमितिकटु पडिम पारेइ । तए णं वे अरहन्नगपामोक्खा जाव वाणियगा दक्खिणाणुकूलेणं वागणं जेणेव गंभीरए पोयट्ठाणे तेणेव उवागच्छंति २ पोयं लंबेंति २ सगडिसागडं सज्जेंति तं गणिमं च ४ सगडिं० संकामेति २ सगडी० जोविंति २ जेणेव मिहिला तेणेव उवागच्छंति २ मिहिलाए रायहाणीए बहिया अग्गुज्जाणंसि सगडीसागडं मोएंति २ महत्थं विलउं रायारिहं पाहुडं कुंडलजुयलं च गेण्हंति २ अणुप्पविसंति २ जेणेव कुंभए तेणेव उवागच्छंति २ करयल जाव महत्थं दिव्वं कुंडलजुयलं उवणेति। तए णं कुंभए तेसिं संजत्तगाणं जाव पडिच्छइ २ मल्लिं २ सहावेइ २ तं दिव्वं कुंडलजुयलं मल्लीए २ पिणद्धेइ २ पडिविसज्जेइ । तए णं से कुंभए राया ते अरहन्नगपामोक्खे जाव वाणियगे विपुलेणं वत्थगंधमलालंकारेणं जाव उस्सुकं वियरइ २ रायमग्गमोगाढे य आवासे वियरइ २ पडिविसज्जेइ । तए णं अरहन्नगसंजत्तगा जेणेव रायमग्गमोगाढे आवासे तेणेव उवागच्छंति २ भंडववहरणं करेंति पडिभंडे गेण्हंति २ सगडी० भरेंति जेणेव गंभीरए पोयपट्टणे तेणेव उवागच्छंति २ पोयवहणं सज्जेंति २ भंडं संकामेंति दक्खिणाणुकूले जेणेव चंपा पोयट्ठाणे तेणेव पोयं लंबेति २ सगडी० सज्जेंति २ तं गाणमं ४ सगडी० संकामेंति जाव महत्थं महग्धं पाहुडं दिव्वं च कुंडलजुयलं गेण्हंति २ जेणेव चंदच्छाए अंगराया तेणेव उवागच्छंति २ तं महत्थं जाव उवणेति । तए णं चंदच्छाए अंगराया तं दिव्वं महत्थं कुंडलजुयलं पडिच्छइ २ ते अरहन्नगपामोक्खे एवं वयासी-तुब्भे णं देवाणुप्पिया! बहूणि गामागर जाव आहिंडह लवणसमुहं च अभिक्खणं २ पोयवहणेहिं ओगाहेह । तं अत्थियाई भे केइ कहिंचि अच्छेरए दिट्ठपुवे ? तए णं ते अरहन्नगपामोक्खा चंदच्छायं अंगरायं एवं वयासीएवं खलु सामी ! अम्हे इहेव चंपाए नयरीए अरहन्नगपामोक्खा बहवे संजत्तगानावावाणियगा परिवसामो । तए णं अम्हे अन्नया कयाइ गणिमं च ४ तहेव अहीणअइरित्तं जाव कुंभगस्स रन्नो उवणेमो । तए णं से Page #116 -------------------------------------------------------------------------- ________________ -VIII.76] नायाधम्मकहाओ 103 कुंभए मल्लीए २ तं दिव्वं कुंडलजुयलं पिणद्धेइ २ पडिविसज्जेइ । तं एस णं सामी ! अम्हेहिं कुंभगरायभवणसि मल्ली २ अच्छेरए दिढे । तं नो खलु अन्ना कावि तारिसिया देवकन्ना वा जाव जारिसिया णं मल्ली २। तए णं चंदच्छाए अरहन्नगपामोक्खे सकारेइ सम्माणेइ २ उस्सुकं वियरइ पडिविसज्जेइ । तए णं चंदच्छाए वाणियगजणियहासे दूयं सहावेइ जाव जइ वि य णं सा सयं रज्जसुक्का । तए णं से दूए हट्ट जाव पहारेत्थ गमणाए (२)। ___(76) तेणं कालेणं २ कुणाला नाम जणवए होत्था । तत्थ णं सावत्थी नाम नयरी होत्था । तत्थ णं रुप्पी कुणालाहिवई नामं राया होत्या । तस्स णं रुप्पिस्स धूया धारिणीए देवीए अत्तया सुबाहू नाम दारिया होत्था सुकुमाल जाव रूवेण य जोव्वणेण य लावण्णेण य उक्किट्ठा उक्किट्ठसरीरा जाया यावि होत्था । तीसे णं सुबाहूए दारियाए अन्नया चाउम्मासियमज्जणए जाए यावि होत्था। तए णं से रुप्पी कुणालाहिवई सुबाहुए दारियाए चाउम्मासियमज्जणयं उवाट्ठियं जाणइ २ कोडुंबियपुरिसे सहावेइ २ एवं वयासी- एवं खलु देवाणुप्पिया! सुबाहुदारियाए कल्लं चाउम्मासियमज्जणए भविस्सइ । तं तुब्भे णं रायमग्गमोगाढंसि मंडवंसि जलथलयदसद्धवण्णमल्लं साहरह जाव सिरिदामगंडं ओलंइंति । तए णं से रुप्पी कुणालाहिवई सुवण्णगारसाणं सदावेइ २ एवं वयासीखिप्पामेव भो देवाणुप्पिया ! रायमग्गमोगाढंसि पुष्फमंडवंसि नाणाविहपंचवण्णेहिं तंदुलेहिं नयरं आलिहह तस्स बहुमज्झदेसभाए पट्टयं रएह नाव पच्चप्पिणंति । तए णं से रुप्पी कुणालाहिवई हत्थिखर्धवरगए चाउरंगिणीए सेणाए महया भडचडगर जाव अंतेउरपरियालसंपरिखुडे सुबाहुं दारियं पुरओ कटु जेणेव रायमग्गे जेणेव पुप्फमंडवे तेणेव उवागच्छइ २ हत्थिखंधाओ पञ्चोरुहइ २ पुप्फमंडवे अणुप्पविसइ २ सीहासणवरगए पुरत्थाभिमुद्दे सन्निसण्णे । तए णं ताओ अंतेउरियाओ सुबाहुं दारियं पट्टयंसि दुरूहंति २ सेयापीयएहिं कलसहिं ण्हाणेति २ सव्वालंकारविभूसियं करेंति २ पिउणो पार्यवंदियं उवणेति । तए णं सुबाहू Page #117 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 104 नायाधम्मकहाओ [VIII.17दारिया जेणेव रुप्पी राया तेणेव उवागच्छइ २ पायग्गहणं करेइ । तए णं से रुप्पी राया सुबाहुं दारियं अंके निवेसेइ २ सुबाहुदारियाए रूवेण य जोव्वणेण य लावण्णेणे य जायविम्हए वरिसधरं सहावेइ २ एवं वयासी-तुमं णं देवाणुप्पिया! मम दोच्चेणं बहूणि गामागरनगरगिहाणि अणुप्पविससि । तं अत्थियाई ते कस्सइ रनो वा ईसरस्स वा कहिंचि एयारिसए मज्जणए दिट्ठपुव्वे जारिसए णं इमीसे सुबाहुदारियाए मज्जणए ? तएणं से वरिसधरे रुप्पि करयल जाव वद्धावेत्ता एवं वयासीएवं खलु सामी ! अहं अन्नया तुभं दोश्चणं मिहिलं गए । तत्थ णं मए कुंभगस्स रन्नो धूयाए पभावईए देवीए अत्तयाए मल्लीए २ मज्जणए दिहे । तस्स णं मज्जणगस्स इमीएं सुबाहुदारियाए मज्जणए सयसहस्सइमंपि कलं न अग्घइ । तए णं से रुप्पी राया वरिसधरस्स अंतियं एयमढे सोचा निसम्म मज्जणगजणियहासे दूयं सहावेइ जाव जेणेव मिहिला नयरी तेणेव पहारेल्थ गमणाए (३)। ___(77) तेणं कालेणं २ कासी नाम जणवए होत्था। तत्थ णं वाणारसी नामं नयरी होत्था । तत्थ णं संखे नामं कासीराया होत्था। तए णं तीसे मल्लीए २ अन्नया कयाइ तस्स दिव्वस्स कुंडलजुयलस्स संधी विसंघडिए यावि होत्था । तए णं से कुंभए राया सुवण्णगारसेणिं सहावेइ २ एवं वयासी - तुब्भे गं देवाणुप्पिया ! इमस्स दिव्वस्स कुंडलजुयलस्स सांधं संघाडेइ । तए णं सां सुवण्णगारसेणी एयमढे तहचि पडिसुणेइ २ तं दिव्वं कुंडलजुयलं गेण्हइ २ जेणेव सुवण्णगारभिसियाओ तेणेव उवागच्छइ २ सुवण्णगारभिसि. यासु निवेसेइ २ बहूहिं आएहि य जाव परिणामेमाणा इच्छंति तस्स दिव्वस्स कुंडलजुयलस्स संधिं घडित्तए नो चेव णं संचाएइ घडित्तए । तए णं सां सुवण्णगारसेणी जेणेव कुंभए तेणेव उवागच्छइ २ करयल जाव वद्धावेत्ता एवं वयासी – एवं खलु सामी ! अज्ज तुम्हे अम्हे सदावेह जावः संधि संघाडेत्ता एवमाणत्तियं पञ्चप्पिणह । तए णं अम्हे त दिव्वं कुंडलजुयलं गेण्हामो जेणेव सुवण्णगाराभिसियाओ जाव नो Page #118 -------------------------------------------------------------------------- ________________ -VIII.77] 'नायाधम्मकहाओ संचाएमो संघाडित्तए । तए णं अम्हे सामी ! एयस्स दिव्वस्स कुंडलस्स अन्नं सरिसयं कुंडलजुयलं घडेमो । तए णं से कुंभए राया तीसे सुवण्णगारसेणीए अंतिए एयमहूँ सोच्चा निसम्म आसुरुत्ते ४ तिवलियं भिउडि निडाले साहटु एवं वयासी - केस णं तुम्भे कलायाणं भवह जे णं तुब्भे इमस्स दिव्वस्स कुंडलजुयलस्स नो संचाएह संधि संघाडित्तए ? ते सुवण्णगारे निविसए आणवेइ । तए णं ते सुवण्णगारा कुंभगेणं रन्ना निव्विसैया आणत्ता समाणा जेणेव साइं २ गिहाइं तेणेव उवागच्छंति २ सभंडमत्तोवगरणमायाए मिहिलाए रायहाणीए मज्झमझेणं निक्खमंति २ विदेहस्स जणवयस्स मंझमझेणं जेणेव कासी जणवए जेणेव वाणारसी नयरी तेणेव उवागच्छंति २ अग्गुज्जाणंसि सगडीसागडं मोएंति २ महत्थं जाव पाहुडं गेण्हंति २ वाणारसीए नयरीए मझमज्झेणं जेणेव संखे कासरािया तेणेव उवागच्छंति २ करयल जाव वद्धाति एवं वयासीअम्हे णं सामी ! मिहिलाओ कुंभएणं रन्ना निव्विसया आणत्ता समाणा इह हव्वमागया । तं इच्छामो णं सामी ! तुभं बाहुच्छायापरिग्गहिया निब्भया निरुव्विग्गा सुहंसुहेणं परिवसिउं । तए णं संखे कासीराया ते सुवण्णगारे एवं वयासी - किं णं तुम्मे देवाणुप्पिया ! कुंभएणं रना निव्विसया आणत्ता ? तए णं ते सुवण्णगारा संखं एवं वयासी - एवं खलु सामी ! कुंभगस्स रनो धूयाए पभावईए देवीए अत्तयाए मल्लीए कुंडलजुयलस्स संधी विसंघडिए । तए णं से कुंभए सुवण्णगारसोणं सहावेइ जाव निविसया आणत्ता । तं एएणं कारणेणं सामी ! अम्हे कुंभएणं निविसया आणत्ता । तए णं से संखे सुवण्णगारे एवं वयासी – केरिसिया णं देवाणुप्पिया ! कुंभस्स रनो धूया पभावईदेवीए अत्तया मल्ली विदेहरायवरकन्ना ? तए णं ते सुवण्णगारा संखं रायं एवं वयासी- नो खलु सामी ! अन्ना कावि तारिसिया देवकन्ना वा गंधव्वकन्ना वा जाव जारिसिया णं मल्ली २ । तए णं से संखे कुंडलजणियहासे दूयं सदावेइ जाव तहेव पहारेत्थ गमणाए ४ । १४ Page #119 -------------------------------------------------------------------------- ________________ नायाधम्मकाओ [VIII.78 (78) तेणं कालेणं २ कुरुजणवए होत्था । हत्थिणा उरे नयरे । अदीणसत्तू नामं राया होत्था जाव विहरइ । तत्थ णं मिहिलाए तस्स णं कुंभगस्स पुत्ते पभावईए अत्तए मल्लीए अणुमग्गजायए मल्लदिने नाम कुमारे जाव जुवराया यावि होत्था । तए णं मल्लदिने कुमारे अन्नया कोडुंबियपुरिसे सहावेइ २ एवं वयासी - गच्छह णं तुब्भे मम पदवर्णसि एगं महं चित्तसभ करेह २ अणेग जाव पच्चप्पिणंति । तए णं से मल्लदिन्ने चित्तगरसेणिं सद्दावेइ २ एवं वयासी - तुब्भेणं देवाणुपिया ! चित्तसभं हावभावविलासबिब्बोयक लिएहिं रूवेहिं चित्तेह जाव पच्चप्पिणह । तए णं सा चित्तगरसेणी तहत्ति पडिसुणेइ २ जेणेव सयाई गिहाई तेणेव उवागच्छइ २ तूलियाओ वण्णए य गेव्हई २ जेणेव चित्तसभा तेणेव अणुष्पविसइ २ भूमिभागे विश्यइ २ भूमिं सज्जेइ २ चित्तसभं हावभाव जाव चित्तेउं पयत्ता यावि होत्था । तए णं एगस्स चित्तगरस्स इमेयारूवा चित्तगरलद्धी लद्धा पत्ता अभिसमन्नागया - जस्स णं दुपयस्स वा चउप्पयरस वा अपयस्स वा एगदेसमवि पासइ तस्स णं देसाणुसारेणं तयाणुरूवं रूवं निर्वत्ते । तए णं से चित्तर्गरए मल्लीए जवणियंतरियाए जालंतरेण पायंगु पासइ । तए णं तस्स चित्तगरस्स इमेयारूवे अज्झत्थिए जाव समुपज्जित्था - सेयं खलु ममं मल्लीए २ पायंगुट्टाणुसारेणं सरिसगं जाब गुणोववेयं रूवं निवत्तित्तए । एवं संपेइ २ भूमिभागं सखेइ मल्लीए २ पायगुडाणुसारेणं जाव निव्वत्तेइ । तए णं सा चित्तगरसेणी चित्तसभं जाव हावभावं चित्तेइ २ जेणेव मल्लादने कुमारे तेणेव उवागच्छइ जाव एवंमाणत्तियं पच्चपिर्णइ । तए णं मलदिने चित्तगरसेणि सक्कारेइ २ विपुलं जीवियारिहं पीइदाणं दलयइ २ पडिविसज्जेइ । तए मलदिने अन्नया हाए अंडरपरियाल संपरिवुडे अम्मधाईए सि जेणेव चित्तसभा तेणेव उवागच्छइ २ चित्तसभं अणुप्पविसइ २ हावभावविलासबिब्बायकलियाई रुवाई पासमाणे जेणेव मल्लीए २ तयाणुवं निव्वत्तिय तेणेव पहारेत्थ गमणाए । तए णं से मल्लदिने मल्लीए २ 106 Page #120 -------------------------------------------------------------------------- ________________ -VIII.78] नायाधम्मकहाओ 107 तयाणुरूवं निव्वत्तियं पासइ २ इमेयारूवे अज्मत्थिए जाव समुप्पज्जित्था - एस णं मल्ली २ तिकटु लज्जिए वीडिए विहे सणियं २ पच्चोसक्कइ । तए णं तं मल्लदिन्नं अम्मधाई सणियं २ पच्चोसकतं पासित्ता एवं वयासी - किन्नं तुर्म पुत्ता ! लज्जिए वीडिएं विडे सणिय २ पच्चोसकसि ? तए णं से मल्लदिन्ने अम्मधाई एवं वयासीजुत्तं पं अम्मो ! मम जेट्टाए भगिणीए गुरुदेवयभूयाए लज्जणिज्जाए मम चित्तगरणिवत्तियं संभं अणुपविसित्तए ? तए णं अम्मधाई मल्लदिन्नं कुमारं एवं वयासी - नो खलु पुत्ता! एस मल्ली। एस णं मल्लीए २ चित्तगरएणं तयाणुरूंवे निव्वत्तिए। तए णं से मल्लदिन्ने अम्मधाईए एयमढे सोच्चा निसम्म आसुरुत्ते ४ एवं वयासी - केस णं भो से चित्तगरए अपत्थियपत्थिए जाव परिवज्जिए जे णं मम जेट्ठाए भगिणीए गुरुदेवयभूयाए जावं निबत्तिए तिकटु तं चित्तगरं वझं आणवेइ । तए णं सा चित्तगरसेणी इमीसे कहाए लट्ठा समाणा जेणेव मल्लदिन्ने कुमारे तेणेव उवागच्छइ २ करयलपरिग्गहियं जाव वद्धावेत्ता एवं वयासी- एवं खलु सामी! तस्स चित्तगरस्स इमेयारूवा चित्तगरलद्धी लद्धा पत्ता आभिसमन्नागया- जस्स णं दुपयस्स वा जाव निवत्तेइ । तं मा णं सामी ! तुम्भे तं चित्तगरं वझं आणवेह । तं तुब्भे णं सामी ! तस्स चित्तर्गरस्स अन्नं तयाणुरूवं दंड निव्वत्तेह । तए णं से मल्लदिन्ने तस्स चित्तगरस्स संडासगं छिंदावेइ २ निव्विसयं आणवेइ । तए णं से चित्तगरए मल्लदिन्नेणं निव्विसए आणत्ते सभंडमत्तोवगरणमायाए मिहिलाओ नयरीओ निक्खमइ २ विदेहं जणवयं मझंमज्झणं जेणेव कुरुजणवए जेणेव हत्थिणाउरे नयरे तेणेव उवागच्छइ २ भंडनिक्खेवं करेइ २ चित्तफलगं सज्जेइ २ मल्लीए २ पायंगुट्ठाणुसारेण रूवं निव्वत्तेइ २ कक्खंतरंसि छुब्भइ २ महत्थं जाव पाहुडं गेण्हइ २ हत्थिणारं नयरं मझमज्झणं जेणेव अदीणसत्तू राया तेणेव उवागच्छइ २ तं करयल जाव वद्धावेइ २ पाहुडं उवणेइ २ एवं वयासी - एवं खलु अहं सामी ! मिहिलाओ रायहाणीओ कुंभगस्स रन्नो पुत्तेणं पभावईए Page #121 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 108 नायाधम्मकहाओ [VIII.79देवीए अत्तएणं मल्लदिन्नणं कुमारणं निव्विसए आणत्ते समाणे इहं हव्वमागए । तं इच्छामि णं सामी ! तुम्भं बाहुच्छायापरिग्गेहिए जाव परिवसित्तए । तए णं से अदीणसत्तू गया तं चित्तगरदारयं एवं वयासीकिन्नं तुमं देवाणुप्पिया ! मल्लदिन्नेणं निव्विसए आणत्ते ? तए णं से चित्तगरदारए अदीणसत्तुं रायं एवं वयासी- एवं खलु सामी ! मल्लदिन्ने कुमारे अन्नया कयाइ चित्तंगरसेणिं सहावेइ २ एवं वयासी- तुम्भे गं देवाणुप्पिया! मम चित्तसभं तं चेव सव्वं भाणियव्वं जाव मम संडासगं लिंदावेइ २ निव्विसयं आणवेइ । तं एवं खलु अहं सामी ! मल्लदिनेणं कुमारेणं निव्विसए आणत्ते । तए णं अदीणसत्तू राया तं चित्तगरं एवं वयासी-से केरिसए णं देवाणुप्पिया ! तुमे मल्लीए तहाणुरूवे निव्वत्तिए ? तए णं से चित्तगरे कक्खंतराओ चित्तफलगं नीणेइ २ अदीणसत्तुस्स उवणेइ २ एवं वयासी-एस णं सामी ! मल्लीए २ तयाणुरूवस्स रूवस्स केइ आगारभावपडोयारे निव्वत्तिए । नो खलु सक्का केणइ देवेण वा जाव मल्लीए २ तयाणुरूवे रूवे निव्वत्तित्तए। तए णं से अदीणसत्तू पडिरूवजणियहासे दूयं सहावेइ २ एवं वयासी तहेव जाव पहारेत्थ गमणाए (५)। ___(79) तेणं कालेणं २ पंचाले जणवए कपिल्लपुरे नयरे । जियसत्तू नामं राया पंचालाहिवई । तस्स णं जियसत्तुस्स धारिणीपामोक्खं देवीसहस्सं ओरोहे होत्था । तत्थ णं मिहिलाए चोक्खा नामं परिव्वाइया रिउव्वेय जाव सुपरिणिढिया यावि होत्था । तए णं सा चोक्खा परिवाइया मिहिलाए बहूणं राईसर जाव सत्थवाहपभिईणं पुरओ दाणधम्मं च सोयधम्मं च तित्थाभिसेयं च आघवेमाणी पन्नवेमाणी परूवे. माणी उर्वदंसेमाणी विहरइ । तए णं सा चोक्खा अन्नया कयाई तिदंड च कुंडियं च जाव धाउरत्ताओ ४ गेण्हइ २ परिव्वाइगावसहाओ पडिनिक्खमइ २ पविरलपरिव्वाइयासाद्धिं संपरिखुडा मिहिलं रायहाणिं मज्झमज्झेणं जेणेव कुंभगस्स रन्नो भवणे जेणेव कन्नतेउरे जेणेव मल्ली २ तेणेव उवागच्छइ २ उदयपरिफोसियाए दब्भोवरि पञ्चत्थुयाए Page #122 -------------------------------------------------------------------------- ________________ -VIII.79] नायाधम्मकहाओ 109 भिसियाए निसीयइ २ मल्लीए २ पुरओ दाणधम्मं च जाव विहरइ । तए णं मल्ली २ चोक्खं परिव्वाइयं एवं वयासी- तुभे णं चोक्खे ! किंमूलए धम्मे पन्नत्ते ? तए णं सा चोक्खा परिव्वाइया मल्लिं २ एवं वयासीअहं णं देवाणुप्पिए ! सोयमूलए धम्मे पन्नत्ते । जं णं अम्हं किंचि असुई भवइ तं णं उदएण य मट्टियाए जाव अविग्घेणं सग्गं गच्छामो । तए णं मल्ली २ चोक्खं परिव्वाइयं एवं वयासी- चोक्खा ! से जहानामए केइ पुरिसे रुहिरकयं वत्थं रुहिरेणं चेव धोवेज्जा अस्थि णं चोक्खा ! तस्स रुहिरकयस्स वत्थस्स रुहिरेणं धोव्वमाणस्स काइ सोही ? नो इणैठे समढे । एवामेव चोक्खा ! तुभे णं पाणाइवाएणं जाव मिच्छादसणसल्लेणं नत्थि काइ सोही जहा वा तस्स रुहिरकयस्स वत्थस्स रुहिरेणं चेव धोव्वमाणस्स । तए णं सा चोक्खा परिव्वाइया मल्लीए २ एवं वुत्ता समाणी संकिया कंखिया विइगिच्छिया भेयसमावन्ना जाया वि होत्था मल्लीए नो संचाएइ किंचिवि पामोक्खमाइक्खित्तए तुसिणीया संचिट्ठइ । तए णं तं चोक्खं मल्लीए २ बहूओ दासचेडीओ हीलेंति निंदति खिंसंति गरिहंति अप्पेगइयाओ हेरुयालेति अप्पेगइया मुहमक्कडियाओ करेंति अप्पेगइया वग्घाडीओ करेंति अप्पेगइया तज्जेमाणीओ तालेमाणीओ निच्छुहंति । तएणं सा चोक्खा मल्लीए २ दासचेडियाहिं हीलिज्जमाणी जाव गरहिज्जमाणी आसुरुत्ता जाव मिसिमिसेमाणी मल्लीए २ पओसमावज्जइ २ भिसियं गेण्हइ २ कन्नतेउराओ पडिनिक्खमइ २ मिहिलाओ निग्गच्छइ २ परिव्वाइयासपरिवुडा जेणेव पंचालजणवए जेणेव कंपिल्लपुरे तेणेव उवागच्छइ २ बहूणं राईसर जाव परूवेमाणी विहरइ। तए णं से जियसत्तू अन्नया कयाइ अंतेउरपरियालसाद्धं संपरिदुंडे एवं जाव विहरइ । तए णं सा चोक्खा परिव्वाइयासंपरिवुडा जेणेव जियसत्तुस्स रन्नो भवणे जेणेव जियसत्तू तेणेव अणुपविसइ २ जियसत्तुं जएणं विजएणं वद्धावेइ । तए णं से जियसत्तू चोक्खं परिवाइयं एज्जमाणं पासइ २ सीहासणाओ अब्भुटेइ २ चोक्खं सक्कारेइ २ आसणेणं उवनिमंतेइ । तए णं सा चोक्खा उदगपरिफोसियाए जाव. भिसियाए निविसइ Page #123 -------------------------------------------------------------------------- ________________ नायाम्मकाओ [VIII.79 जियसत्तुं रायं रज्जे य जाव अंतेउरे य कुसलोदतं पुच्छइ । तए णं सा चोक्खा जियसत्तुस्स रन्नो दाणधम्मं च जाव विहरह । तए णं से जियसत्तू अप्पणो ओरोहंसि जायविम्हए चोक्खं एव वयासी - तुमं णं देवाणुप्पिया ! बहूणि गामागर जाब आहिंडेसि बहूण य राईसरगिहाई अणुप्पविसंहि । तं अत्थियाई ते कस्सइ रन्नो वा जाब एरिसए ओरोहे दिपुव्वे जारिसए णं इमे मम ओरोहे ? तए णं सा चाक्खा परिव्वाइया जियसत्तुं एवं ईसिं अवहसियं करेइ २ एवं वयासी - सरिसए णं तुमं देवाणुप्पिया ! तस्स अगडदद्दुरस्स । केस णं देवाणुप्पिए ! से अगडदहरे ? जियसत्तू ! से जहानामए अगडदह रे सिया । से णं तत्थ जाए तत्थेव बुड्डि अन्नं अंगडं वा तलौंगं वा दहं वा सरं वा सागरं वा अर्पासमाणे मन्नइ - अयं चैव अगडे वा जाव सागरे वा । तए णं तं कूवं अन्ने सामुद्दए दहुरे हव्बमागए । तए णं से कूबदहुरे तं समुहदद्दुरं एवं वयासी - से केस णं तुमं देवाणुप्पिया ! कत्तो वा इह हव्वमागए ? तए णं से सामुद्दए दद्दुरे तं कुवदद्दुरं एवं वयासी एवं खलु देवाणु - पिया ! अहं सामुद्दए दद्दरे । तए णं से कूवदद्दुरे तं सामुदयं दद्दरं एवं वयासी – केमहालए णं देवाणुपिया ! से समुद्दे ? तसे सामुद्दए दद्दुरे तं कूवदद्दुरं एवं वयासी - महालए णं देवाणुपिया ! समुद्दे । तपणं से कूवदद्दुरे पाएणं लीहं कड्डेइ २ एवं वयासी एमहालए णं देवा ! से समुद्दे ? नो इणट्ठे समट्ठे । महालए णं से समुद्दे । तए णं से कूवदद्दुरे पुरथिमिल्लाओ तीराओ उप्फिडित्ताणं पच्चत्थिमिल तीरं गच्छइ २ एवं वयासी - एमहालए णं देवाणुपिया ! से समुद्दे ? नो इट्ठे तव । एवामेव तुमंपि जियसत्तू अन्नेसिं बहूणं राईसर जाव सत्थवाहप्पभिईणं भज्जं वा भगिनिं वा धूयं वा सुन्हं वा अपामा जाणसि जारिस मम चेव णं ओरोहे तारिसए नो अन्नस्स । तं एवं खलु जियसत्तू ! मिहिलाएं नयरीए कुंभगस्स धूया पभावईए अत्तिया मल्लीनामं २ रूवेण य जाब नो खलु अन्ना काइ देवकन्ना वा जारिसिया मल्ली | विदेहवररायकन्नाए छिन्नस्स वि पायगुट्ठगस्स इमे तव ओरोहे - 110 - Page #124 -------------------------------------------------------------------------- ________________ -VIII.80] नायाधम्मकहाओ iil सयसहस्सइमंपि कलं न अग्घइ तिकटु जामेव दिसं पाउन्भूया तामेव दिसं पडिगया । तए णं से जियसत्तू परिवाइयाजाणियहासे दूयं सद्दावेइ जाव पहारेत्थ गमणाए ६ । । __(80) तए णं तेसि जियसत्तूपामोक्खाणं छण्हं राईणं दूया जेणेव मिहिला तेणेव पहारेत्थ गमणाए । वए णं छप्पि दूयगा जेणेव मिहिला तेणेव उवागच्छंति २ मिहिलाए अग्गुज्जाणंसि पत्तेयं २ खंधावारनिवेसं करेंति २ मिहिलं रायहाणिं अणुप्पविसंति २ जेणेव कुंभए तेणेव उवागच्छंत २ पत्तेयं करयल जाव साणं २ राईणं वयणाई निवेदेति । तए णं से कुंभए वेसिं दूर्माणं एयमहँ सोच्चा आसुरुत्ते जाव तिवलियं भिउडिं एवं वयासी - न देमि णं अहं तुझ माल्लं २ तिकट्ठ ते छप्पि दूए असक्कारिय असम्माणिय अवीरेणं निच्छुभावेइ । तए णं जियसत्तुपामोक्खाणं छण्हं राईणं या कुंभएणं रन्ना असक्कारिया असम्माणिया अवहारेणं निच्छुभाविया समाणा जेणेव सगा २ जणवया जेणेव सयाई २ नगराइं जेणेव सया २ रायाणो तेणेव उवागच्छंति २ करयल जाव एवं वयासी - एवं खलु सामी ! अम्हे जियसत्तुपामोक्खाणं छण्हं रायाणं दूया जमगसमगं चेव जेणेव मिहिला जाव अवदारेणं निच्छुभावेइ । तं न देइ पं सामी ! कुंभए मल्लिं २ । साणं २ राईणं एयमद्वं निवेदिति । तए ण ते जियसत्तुपामोक्खा छप्पि रायाणो तेसिं दूयाणं अंतिए एयमहूँ सोच्चा आसुरुत्ता अन्नमन्नस्स दुयसंपेसणं करेंति एवं वयासी – एवं खलु- देवाणुप्पिया! अम्हं छण्हं राईणं या जमगसमगं चैव जाव निच्छूढा । तं सेयं खलु देवाणुप्पियाँ ! कुंभगस्स जत्तं गेण्हितए त्तिकट्ठ अन्नमन्नस्स एयमé पडिसुणेति २ ण्हाया सन्नद्धा हत्थिखंधवरगया सकोरिटमल्लदामा जाव सेयवरचामराहिं महयाहयगयरहपवरजोहकलियाए चाउरंगिणीए सेणाए सद्धिं संपरिवुडा सव्वैिड्डीए जाव रवेणं सएहितो २ नगरोहितो जाव निग्गच्छंति २ एगयओ मिलायंति जेणेव मिहिला तेणेव पहारेत्थ गमणाए । तए णं कुंभए सया इमीसे कहाए ढे संमाणे बलवाउयं सरावेइ २ एवं वबासी Page #125 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 112 नायाधम्मकहाओ [VIII.80- खिप्पामेव हय जाव सेन्नं सन्नाहेह जाव पच्चप्पिणंति । तए णं कुंभए हाए सन्नद्धे हत्थिखंधवरगए जाव सेयवरचामरए महया मिहिलं मझमझेणं निज्जोइ २ विदेहजणवयं मझमझेणं जेणेव देसंअंते तेणेव खंधावारनिवेसं करेइ २ जियसत्तूपामोक्खा छप्पि य रायाणो पडिवालेमाणे जुझसज्जे पडिचिट्ठइ । तए णं ते जियसत्तूपामोक्खा छप्पि रायाणो जेणेव कुंभए तेणेव उवागच्छंति २ कुंभएणं रन्ना सद्धिं संपलग्गा यावि होत्था । तए णं जियसत्तुपामोक्खा छप्पि रायाणो कुंभयं रायं हयमहियपवरवीरघाइयविवडियचिंधधयछत्तपडागं किच्छप्पाणोवगयं दिसोदिसं पडिसेहति । तए णं से कुंभए जियसत्तुपामोक्खेहिं छहिं राईहिं हयमहिय जाव पडिसेहिए समाणे अत्थामे अबले अवीरिए जाव अधारणिज्जमित्तिकटु सिग्धं तुरियं जाव वेइयं जेणेव मिहिला तेणेव उवागच्छइ २ मिहिलं अणुपविसइ २ मिहिलाए दुवाराइं पिहेइ २ रोहसज्जे चिट्ठइ। तए णं ते जियसत्तुपामोक्खा छप्पि रायाणो जेणेव मिहिला तेणेव उवागच्छंति २ मिहिलं रायहीणि निस्संचारं निरुच्चारं सन्वओ समंता ओरंभित्ताणं चिट्ठति । तए णं से कुंभए मिहिलं रायहाणि रुद्धं जाणित्ता अभितरियाए उवट्ठाणसालाए सीहासणवरगए तेसिं जियसत्तुपामोक्खाणं छण्हं राईणं छिहाणि य विवराणि य मम्माणि य अलभमाणे बहूहिं आएहि य उवाएहि य उप्पत्तियाहि य ४ बुद्धीहिं परिणामेमाणे २ किंचि आयं वा उवायं वा अलभमाणे ओहयमगसंकप्पे जाव झियायइ । इमं च णं मल्ली २ ण्हाया जाव बहूहिं खुज्जाहिं परिवुडा जेणेव कुंभए तेणेव उवागच्छइ २ कुंभगस्स पायग्गहणं करेइ ! तए णं कुंभए मल्लिं २ नो आढाइ नो परियाणाइ तुसिणीए संचिट्ठइ । तए णं मल्ली २ कुंभग एवं वयासी- तुन्भे णं ताओ ! अन्नया ममं एज्जमाणं जाव निवेसेह । किन्नं तुम्भं अज्ज ओहय जाव झियायह ? तए णं कुंभए मल्लिं २ एवं वयासीएवं खलु पुत्ता ! तव कज्जे जियसत्तुपामोक्खेहिं छहिं राईहिं दूया संपेसिया । ते णं मए असक्कारिया जाव निच्छूढा । तए णं जियसत्तूपामोक्खा तेसिं दृयाणं अंतिए एयमहं सोचा परिकुविया समाणा मिहिलं Page #126 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 113 -VIII.80] नायाधम्मकहाओ रायहाणं निस्संचारं जाव चिट्ठति । तए णं अहं पुत्ता तोस जियसत्तुपामोक्खाणं छण्हं राईणं अंतराणि अलभमाणे जाव झियामि । तए णं सा मल्ली २ कुंभगं रायं एवं वयासी - माणं तुब्भे ताओ ! ओहयमणसंकप्पा जाव झियायह । तुब्भे णं ताओ ! तास जियसत्तुपामोक्खाणं छण्हं राईणं पत्तेयं २ रहस्सिए दूयसंपेसे करेह एगमेगं एवं वयह – तव देमि मल्लिं २ तिकटु संझाकालसमयंसि पविरलमणुस्ससि निसंतपडिनिसंतंसि पत्तेयं २ मिहिलं रायहाणि अणुप्पविसेह २ गब्भघरएसु अणुप्पविसेह मिहिलाए रायहाणीए दुवाराई पिहेह २ रोहसज्जे चिट्ठह । तए णं कुंभए एवं तं चेव जाव पवेसेइ रोहसंज्जे चिट्ठइ । तए णं ते जियसत्तुपामोक्खा छप्पि रायाणो कल्लं जाव जलते जालंतरेहिं कणगमयं मत्थयछिडूं पउप्पलपिहाणं पडिमं पासंति एस णं मल्ली २ तिकटु मल्लीए २ रूवे य जोवणे य लावण्णे य मुच्छिया गिद्धा जाव अज्झोववन्ना अणिमिसाए दिट्ठीए पेहमाणा २ चिट्ठति । तए णं सा मल्ली २ हाया जाव पायच्छित्ता सव्वालंकारविभूसिया बहूहिं खुजाहिं जाव परिक्खित्ता जेणेव जालघरए जेणेव कणगपडिमा तेणेव उवागच्छइ २ तीसे कणगपडिमाए मत्थयाओ तं पउमं अवणेइ । तए णं गंधे निद्धावेई से जहानामए अहिमडे इ वा जाव असुभतराए चेव । तए णं ते जियसत्तूपामोक्खा तेणं असुभेणं गंधेणं अभिभूया समाणा सरहिं २ उत्तरिज्जेहिं आसाइं पिहेंति २ परम्मुहा चिट्ठति । तए णं सा मल्ली २ ते जियसत्तुपामोक्खे एवं वयासी - किं णं तुम्भे देवाणुप्पिया ! सएहिं २ उत्तरिज्जेहिं जाव परम्मुहा चिट्ठह ? तए णं ते जियसत्तूपामोक्खा मल्लिं २ एवं वयंति – एवं खलु देवाणुप्पिए ! अम्हे इमेणं असुभेणं गंधेणं अभिभूया समाणा सएहिं २ जाव चिट्ठामो । तए णं मल्ली २ ते जियसत्तूपामोक्खे एवं वयासी - जई तावं देवाणुप्पिया ! इमीसे कणग जाव पडिमाए कल्लाकल्लिं ताओ मणुन्नाओ असणाओ ४ एगमेगे पिंडे पक्खिप्पमाणे २ इमेयारूवे असुभे पोग्गले परिणामे इमस्स पुण ओरालियसरीरस्स खेलासवस्स वंतासवस्स पित्तासवस्स सुकासवस्स Page #127 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 114 नायाधम्मकहाओ [VIII.80सोणियपूयासवस्स दुरुयऊसासनीसासस्स दुरुयमुत्तपूइयपुरीसपुण्णस्स सडण जाव धम्मस्स केरिसए य परिणामे भविस्सइ ? तं मा णं तुब्भे देवाणुप्पिया ! माणुस्सएसु कामभोगेसु सज्जह रज्जह गिज्झह मुज्झह अज्झोववज्जह । एवं खलु देवाणुप्पिया ! अम्हे ईमे तच्चे भवग्गहणे अवरविदेहवासे सलिलावईविजए वीयसोगाए रायहाणीए महब्बलपामोक्खा सत्तं पियबालवयंसया रायाणो होत्था सहजाया जाव पव्वइया । तए णं अहं देवाणुप्पिया | इमेणं कारणेणं इत्थीनामगोयं कम्मं निव्वत्तेमि - जइ णं तुन्भे चउत्थं उवसंपज्जित्ताणं विहरह तओ णं अहं छटुं उवसंपजित्ताणं विहरामि सेसं तहेव सव्वं । तए णं तुब्भे देवाणुप्पिया ! कालमासे कालं किच्चा जयंते विमाणे उववन्ना । तत्थ णं तुब्भं देसूणाई बत्तीसाइं सागरोवमाई ठिई । तए णं तुम्भे ताओ देवलोगाओ अणंतरं चयं चइत्ता इहेव जंबुद्दीवे २ साइं २ रज्जाई उवसंपज्जित्ताणं विहरह । तए णं अहं ताओ देवलोगाओ आउक्खएणं जाव दारियत्ताए पच्चीयाया। किं तयं पम्हुँढं जं थें तया भो जयंतपवरंमि । वुत्था समयनिबद्धं देवा तं संभरह जाई ॥१॥ तए णं तेसिं जियसत्तुपामोक्खाणं छण्हं राईणं मल्लीए २ अंतिए एयमढे सोच्चा २ सुभेणं परिणामेणं पसत्येणं अज्झवसाणेणं लेसाहिं विसुज्झमाणीहिं तयावरणिज्जाणं कम्माणं खओवसमेणं ईहापूह जाव सन्निजाईसरणे समुप्पन्ने एयमझु सम्मं अभिसमागच्छंति । तए णं मल्ली अरहा जियसत्तुपामोक्खे छप्पि रायाणो समुप्पन्नजाईसरणे जाणित्ता गम्भघराणं दाराई विहाँडेइ । तए णं जिय. सत्तुपामोक्खा जेणेव मल्ली अरहा तेणेव उवागच्छति । तए णं महब्बलपामोक्खा सत्त पियबालवयंसा एगयओ अभिसमन्नागया वि होत्था । तए णं मल्ली अरहा ते जियसत्तुपामोक्खे छप्पि रायाणो एवं वयासीएवं खलु अहं देवाणुप्पिया ! संसारभउन्विग्गा जाव पव्वयामि । तं तुब्भे णं किं करेह किं ववसह किं भे हियसामत्थे ? तए णं जियसत्तुपामोक्खा माल्लिं अरहं एवं वयासी - जइ पं तुब्भे देवाणुप्पिया ! संसार भाव पव्वयह अम्हाणं देवाणुप्पिया ! के अन्ने Page #128 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 115 -VIII.81] नायाधम्मकहाओ आलंबणे वा आहारे वा पडिबंधे वा ! जह चेव णं देवाणुप्पिया ! तुन्भे अम्हं इओ तच्चे भवग्गहणे बहसु कज्जेसु य मेढी पमाणं जाव धम्मधुरा होत्था तह चेव णं देवाणुप्पिया ! इण्हिपि जाव भविस्सह । अम्हे वि णं देवाणुप्पिया ! संसारभउन्विग्गा जाव भीया जम्मर्णमरणाणं देवाणुप्पियाँसद्धिं मुंडा भवित्ता जाव पव्वयागो । तए णं मल्ली अरहा ते जियसत्तुपामोक्खे एवं वयासी - जइ णं तुम्भे संसार जाव मए सद्धिं पव्वयह तं गच्छह णं तुब्भे देवाणुप्पिया ! सएहिं २ रज्जेहिं जेट्टपुत्ते रज्जे ठावेह २ पुरिससहस्सवाहिणीओ सीयाओ दुरूहह २ मम अंतिय पाउन्भवह । तए णं ते जियसत्तुपामोक्खा मल्लिस्स अरहओ एयमहँ पडिसुणेति । तए णं मल्ली अरहा ते जियसत्तपामोक्खा गहाय जेणेव कुंभए तेणेव उवागच्छइ २ कुंभगस्स पाएसु पाडेइ । तए णं कुंभए ते जियसत्तुपामोक्खा विउलेणं असणेणं ४ पुप्फवत्थगंधमल्लालं. कारेणं सकारेइ जाव पडिविसज्जेइ । तए णं ते जियसत्तुपामोक्खा कुंभएणं रन्ना विसज्जिया समाणा जेणेव साई २ रज्जाइं जेणेव नगराई तेणेव उवागच्छंति २ सगाई २ रज्जाई उवसंपज्जित्ताणं विहरंति । तए णं मल्ली अरहा संवच्छरावसाणे निक्खमिस्सामि त्ति मणं पहारेइ । ___(81) तेणं कालेणं २ सक्कास आसणं चलइ । तए णं सके देविंदे देवराया आसणं चलियं पासइ २ ओहिं पउंजइ २ मल्लिं अरहं ओहिणा आभोएइ २ इमेयारूवे अज्झथिए जाव समुप्पज्जित्था - एवं खलु जंबुद्दीवे २ भारहे वासे मिहिलाए कुंभगस्स रनो मल्ली अरहा निक्खमिस्सामित्ति मणं पहारेइ । तं जीयमेयं तीयपच्चुप्पन्नमणागयाणं सकाणं अरहंताणं भगवंताणं निक्खममाणाणं इमेयारूवं अत्थसंपयाणं दलइत्तए तंजहातिण्णेव य कोडिसया अट्ठासीइं च हुंति कोडीओ। असिइं च सयसहस्सा इंदा दलयंति अरहाणं ॥१॥ एवं संपेहेइ २ वेसमणं देवं सहावेइ २ एवं क्यासी – एवं खलु देवाणुप्पिया ! जंबुद्दीवे २ भारहे वासे जाव असीइं च सयसहस्साई दलइत्तए । तं गच्छह णं देवाणुप्पिया! जंबुद्दीवे भारहे वासे मिहिलाए कुंभगभवणंसि इमेयारूवं अस्थसंपयाणं साह Page #129 -------------------------------------------------------------------------- ________________ नायाधम्मक हाओ [VIII.81 राहि २ खिप्पामेव मम एयमाणत्तियं पच्चष्पिणाहि । तए णं से वेसमणे देवे सकेणं देविंदेणं एवं वृत्ते हट्ठे करयल जाव पडिसणेह २ जंभए देवे सहावेइ २ एवं बयासी - गच्छद्द णं तुब्भे देवाणुप्पिया ! जंबुद्दीवं २ भारेहं वोसं मिहिलं रायहाणिं कुंभगस्स रन्नो भवणंसि तिन्नेव य कोडिसया अट्ठासीयं च कोडीओ असीयं च सयसहस्साइं अयमेयारूवं अत्थसंपयाणं साहरह २ मम एयमाणत्तियं पच्चपिणह । तए णं ते जंभगा देवा वेसमणेणं जाव सुणेत्ता उत्तरपुरत्थिमं दिसीभागं अवक्कमंत जाव उत्तरवेडव्वियाइं रूवाइं विउव्वंति २ ताए उक्किट्ठाए जाव वीइवयमाणा जेणेव जंबुद्दीवे २ भारहे वासे जेणेव मिहिला रायहाणी जेणेव कुंभगस्स रन्नो भवणे तेणेव उवागच्छंति २ कुंभगस्स रन्नो भवणंसि तिन्नि कोडिसया जाव साहरंति २ जेणेव वेसमणे देवे तेणेव उवागच्छंति २ करयल जाव पच्चपिणंति । तए णं से वेसमणे देवे जेणेव सक्के ३ तेणेव उवागच्छइ २ करयल जाव पच्चपिणइ । तए णं मल्ली अरहा कल्लाकाल्लं जाव मागहओ पायरासोत्ति बहूणं सणाहाण य अणाहाण य पहियाण य पंथियाण य कैरोडियाण य कप्पडियाण य एगमेगं हिरण्णकोडिं अट्ठ य अणूणाई सयसहस्साइं इमेयारूवं अत्थसंपयाणं दलयई । तए णं कुंभए मिहिलाए रायहाणीए तत्थ २ तहिं २ देसे २ बहूओ महाणससालाओ करेइ । तत्थ णं बहवे मणुया दिन्नभइभत्तवेयणा विउलं असणं ४ उवक्खर्डेति जे जहा आगच्छंति तंजहा - पंथिया वा पहिया वा करोडिया वा कप्पडिया वा पासंडत्था वा गिहत्था वा तस्स य तहा आसत्थस्स वीसत्थस्स सुहासणवरगयस्स तं विउलं असणं ४ परिभा एमाणा परिवेसेमाणा विहरति । तए णं मिहिलाए सिंघाडग जाव बहुजणो अन्नमन्नस्स एवमाइक्खइ - एवं खलु देवाणुप्पिया ! कुंभगस्स रन्नो भवणंसि सव्वकामगुणियं किमिच्छयं विपुलं असणं ४ बहूणं समणाण य जाव परिवेसि - ज्जइ । वरवरिया घोसिज्जइ किमिच्छियं दिज्जए बहुँविहीयं । सुरअसुरदेवदाणवनरिंदमहियाण निक्खमणे ॥ १॥ तए णं मल्ली अरहा संवच्छरेणं तिन्नि कोडिसया अट्ठासीयं च होंति कोडीओ असीग्रं च सयसहस्साइं 116 Page #130 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 117 -VIII.82] नायाधम्मक ओ इमेयारूवं अत्थसंपयाणं दलइत्ता निक्समामित्ति मणं पहारेइ । (82) तेणं कालेणं २ लोगंतिया देवा बंभलोए कप्पे रिटे विमाणपत्थडे सएहिं २ विमाणेहिं सएहिं २ पासायवडिसएहिं पत्तेयं २ चउहिं सामाणियसाहस्सीहिं तिहिं परिसाहिं सत्तहिं अणिएहिं सत्तहिं आणियाहिवईहिं सोलसहिं आयरक्खदेवसाहस्सीहिं अन्नेहि य बहूहिं लोगंतिएहिं देवेहिं सद्धिं संपरिखुडा महयाहयनट्टगीयवाइय जाव रवेणं मुंजमाणा विहरति तंजहा- सारस्सयमाइच्चा वण्ही वरुणा य गद्दतोया य । तुसिया अव्वाबाहा अग्गिच्चा चेव रिट्ठा य ॥१॥ तए णं तेसिं लोगतियाणं देवाणं पत्तेयं २ आसणाई चलंति तहेव जाव अरहंताणं निक्खममाणाणं संबोहणं करित्तए त्ति तं गच्छामो णं अम्हे वि मल्लिस्स अरहओ संबोहणं करेमो तिकटु एवं संपेहेंति २ उत्तरपुरस्थिमं दिसीभागं वेउव्वियसमुग्घाएणं समोहणंति संखेज्जाइं जोयणाई एवं जहा जंभगा जाव जेणेव मिहिला रायहाणी जेणेव कुंभगस्स रन्नो भवणे जेणेव मल्ली अरहा तेणेव उवागच्छति २ अंतलिक्खपडिवन्ना सखिखिणियाइं जाव वत्थाई पवरपरिहिया करयल जाव ताहिं इट्ठाहिं एवं वयासी - बुज्झाहि भगवं लोगनाहा ! पवत्तेहि धम्मतित्थं जीवाणं हियसुहनिस्सेयसकर भविस्सइ तिकटु दोच्चंपि तच्चंपि एवं वयंति मल्लिं अरहं वंदति नमसंति २ जामेव दिसिं पाउन्भूया तामेव दिसिं पडिगया । तए णं मल्ली अरहा तेहिं लोगंतिपहिं देवेहिं संबोहिए समाणे जेणेव अम्मापियरो तेणेव उवागच्छइ २ करयल जाव एवं वयासी - इच्छामि णं अम्मयाओ! तुन्भेहिं अब्भणुनाए मुंडे भवित्ता जाव पव्वइत्तए । अहासुहं देवाणुप्पिया ! मा पडिबंधं करहै । तए णं कुंभए राया कोडंबियपुरिसे सद्दावेइ २ एवं वयासी - खिप्पामेव अट्ठसहस्सं सोवण्णियाणं कलसाणं जाव भोमेज्जाणं अन्नं च महत्थं जाव तित्थयराभिसेयं उवट्ठवेह जाव उवट्ठति । तेणं कालेणं २ चमरे असरिदे जाव अच्चुय. पज्जवसाणा आगया । तए णं सक्के आभिओगिए देवे सद्दावेइ २ एवं वयासी - खिप्पामेव अट्ठसहस्सं सोवणियाणं जाव अन्नं च तं विपुलं Page #131 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 118 नायाधम्मकहाओ [VIII.82उवट्ठवेह जाव उवट्ठति । तेवि कलसा ते चेव कलसे अणुपविट्ठा । तए णं से सक्के देविंदे देवराया कुंभए य राया मल्लिं अरहं सीहासणंसि पुरत्थाभिमुहं निवेसेइ अट्ठसहस्सेणं सोवणियाणं जाव अभिसिंचंति । तए णं मल्लिस्स भगवओ आभिसेए वट्टमाणे अप्पेगइया देवा मिहिलं च सभितरबाहिरं जाव सव्वओ समंता संपरिधावति । तए णं कुंभए राया दोच्चंपि उत्तरावक्कमणं जाव सव्वालंकारविभूसियं करेइ २ कोडुबियपुरिसे सद्दावेइ २ एवं वयासी - खिप्पामेव मणोरमं सीयं उवट्ठवेह ते उवट्ठवेंति । तए णं सके आभिओगिए देवे वयासी - खिप्पामेव अणेगखंभ जाव सीयं उवट्ठवेह जाव सावि सीया तं चेव सीयं अणुप्पविट्ठा । तए णं मल्ली अरहा सीहासणाओ अब्भुढेइ २ जेणेव मणोरमा सीया तेणेव उवागच्छइ २ मंणोरमं सीयं अणुपयाहिणीकरेमाणा मणोरणं सीयं दुरूहइ २ सीहासणवरगए पुरत्थाभिमुहे सन्निसण्णे । तए णं कुंभए अट्ठारस सेणिप्पसेणीओ सद्दावेइ २ एवं वयासी - तुब्भे णं देवाणुप्पिया ! ण्हाया जाव सव्वालंकारविभूसिया मल्लिस्स सीयं परिवहह जाव परिवहति । तए णं सक्के ३ मणोरमाए सीयाए दक्खिणिलं उवरिलं बाहं गेण्हइ । ईसाणे उत्तरिलं उवरिलं बाहं गेग्हइ । चमरे दाहिणिलं हेटिल्लं बली उत्तरिलं हेटिलं अवसेसा देवा जहारिहं मणोरमं सीय परिवहति - पुल्विं उक्खित्ता माणुसेहिं सा हट्ठरोमकूवेहिं । पच्छा वहति सीयं असुरिंदसुरिंदनागिंदा ॥१॥ चलचवलकुंडलधरा सच्छंदविउव्वियाभरणधारी । देविंददाणविंदा वहति सीयं जिणिदस्स ॥२॥ तए णं मल्लिस्स अरहओ मणोरमं सीयं दुरूढस्स इमे अट्ठमंगलगा पुरओ अहाणुपुव्वेणं एवं निग्गमो जहा जमालिस्स | तएं णं मल्लिस्स अरहओ निक्खममाणस्स अप्पेगइया देवा मिहिलं आसिय जाव अभितरवासविहिगाहा जाव परिधावंति । तए णं मल्ली अरहा जेणेव सहस्संबवणे उजाणे जेणेव असोगवरपायवे तेणेव उवागच्छइ २ सीयाओ पच्चोरुहइ २ आभरणालंकारं पभावई पडिच्छइ । तए णं मल्ली अरहा सयमेव पंचमुट्टियं लोयं करेइ । तए णं सक्के ३ Page #132 -------------------------------------------------------------------------- ________________ -VIII.83] नायाधम्मक हाओ मल्लिस केसे पढिच्छइ खीरोदगसमुद्दे साईरइ । तए णं मल्ली अरहा नमोत्थु णं सिद्धाणं तिकट्टु सामाइयचारितं पडिवज्जइ । जं समयं च णं मल्ली अरहा चारितं पडिवज्जइ तं समयं च णं देवाणं य माणुसाण य निग्घोसे तुडियणाए गीयवाइय निग्घोसे य सक्कवयणसंदेसेणं निलुक्के यावि होत्था । जं समयं च णं मल्ली अरहा सामाइयचारित्तं पडिवन्ने तं समयं च णं मल्लिस्स अरहओ माणुसधम्माओ उत्तरिए मणपज्जवनाणे समुप्पने । मल्ली णं अरहा जे से हेमंताणं दोचे मासे चउत्थे पक्खे पोससुद्धे तस्स णं पोससुद्धस्स एकारसीपक्खेणं पुण्वण्हकालसमयंसि अट्ठमेणं भत्तेणं अपाणएणं अस्सिणीहिं नक्खत्तेणं जोगमुवागणं तिहिं इत्थीस एहिं अग्भितरियाए परिसाए तिहिं पुरिससएहिं बाहिरियाए परिसाए सद्धिं मुंडे भवित्ता पव्वइए । मल्लिं अरहं इमे अट्ठ नायकुमारा अणुपव्वइंसु तंजहा - नंदे य नंदिभित्ते सुमित्तबलमित्तभाणुमित्ते य । अमरवइ अमरसेणे महसेणे चेव अट्ठमए ॥१॥ तणं ते भवणवई ४ मल्लिस्स अरहओ निक्खमणमहिमं करेंति २ जेणेव नंदीसरे अट्ठाहियं करेंति जाव पडिगया । तए णं मल्ली अरहा जं चेव दिवसं पव्वइए तस्सेव दिवसस्स पुववरण्हकालसमयंसि असोगवरपायवस्स अहे पुढविसिलापट्ट्यंसि सुहासणवरगयस्स सुहेणं परिणामेणं पसत्थाहिं लेसाहिं तयावरणकम्मरयविकरणकरं अपुव्वकरणं अणुपविट्ठस्स अणंते जाव केवलवरनाणदंसणे समुपपन्ने । (83) तेणं कालेणं २ सव्वदेवाणं आसणाई चलेंति समोसढा सुर्णेति अट्ठाहियं महानंदीसरं जाव जामेव दिसिं पाउन्भूया तामेव पडि - गया। कुंभए वि निग्गच्छइ । तए णं ते जियसत्तुपामोक्खा छाप्पिय रायाणो जेपुते रज्जे ठावेत्ता पुरिससहस्स वाहिणीयाओ दुरूढा सैब्बिडीए जेणेव मल्ली अरहा जाव पज्जुवासंति । तए णं मल्ली अरहा तीसे महइमहालियाए कुंभगस्स तेर्सि च जियसत्तु पामोक्खाणं धम्मं परिकहेइ । परिसा 1 जामेव दिसिं पाउब्भूया तामेव दिसिं पडिगया । कुंभए समणोवासए जाए पडिगए पभावई पि । तए णं जियसत्तूपामोक्खा छप्पि रायाणो 119 Page #133 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 120 नायाधम्मकहाओ [VÌII.83धम्म सोच्चा आलित्तए णं भंते ! जाव पव्वइया जाव चोदसपुग्विणो अणंते केवेली सिद्धा । तए णं मल्ली अरहा सहसंबवणाओ पडिनिक्खमइ २ बहिया जणवयविहारं विहरइ । मल्लिस्स णं भिसंगपामोक्खा अट्ठावीसं गणा अट्ठावीसं गणहरा होत्था। मल्लिस्स णं अरहओ अठ्ठचत्तालीसं समणसाहस्सीओ उक्कोसिया समणसंपया होत्था । बंधुमइपामोक्खाओ पणपन्नं अज्जियासाहस्सीओ उक्कोसेणं । सुन्वयपामोक्खाओ सावयाणं एगा सयसाहस्सी चुलसीइं सहस्सा सुणंदापामोक्खाओ सावि. याणं तिण्णि सयसाहस्सीओ पण्णहिँ च सहस्सा छच्चसंया चोहसपुवीणं संपया । वीसं सया ओहिनाणीणं बत्तीसं सया केवलनाणीणं पणतीसं सया वेउव्वियाणं अट्ठसया मणपज्जवनाणणं चोइससया वाईण वीसं सया अणुत्तरोववाइयाणं । मल्लिस्स णं अरहओ दुविहा अंतगडभूमी होत्था तंजहा - जुगंतकरभूमी परियायतकरभूमी य जाव वीसइमाओ पुरिसजुगाओ जुगंतकरभूमी दुवालसपरियाए अंतमकासी । मल्ली गं अरहा पणवीसं धणू उड्डूं उच्चत्तणं वण्णेणं पियंगुसामे समचउरंससंठाणे वज्जरिसहनारायसंघयणे मज्झदेसे सुहंसुहेणं विहरित्ता जेणेव सम्मेए पव्वए तेणेव उवागच्छइ २ संमेयसेलसिहरे पाओवगमणुववन्ने । मल्ली गं अरहा एगं वाससयं अगारवासमज्झे पणपन्नं वाससहस्साई वाससयऊणाई केलिपरियागं पाउणित्ता पणपन्नं वाससहस्साइं सव्वाउयं पालइत्ता जे से गिम्हाणं पढमे मासे दोचे पक्खे चेत्तसुद्धे तस्स पं चेत्तसुद्धस्स चउत्थीए भरणीए नक्खत्तेणं अद्धरत्तकालसमयंसि पंचहिं अज्जियासएहिं अभितरियाए परिसाए पंचहिं अणगारसएहिं बाहिरियाए परिसाए मासिएणं भत्तेणं अपाणएणं वग्धारियपाणी खीणे वेयणिज्जे आउए नामगोए सिद्धे"। एवं परिनिव्वाणमहिमा भाणियध्वा जहा जंबुद्दीवपण्णत्तीए नंदीसरे अट्ठाहियाओ पडिगयाओ । ___ एवं खलु जंबू ! समणेणं ३ अट्ठमस्स नायज्झयणस्स अयमढे पन्नत्ते तिबेमि ॥८॥ ॥ अट्ठमं नायज्झयणं समत्तं ॥८॥ Page #134 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 121 -1x.84] नायाधम्मकहाओ ॥ नवमं अज्झयणं ॥ (84) जइ णं भंते । समणेणं भगवया महावीरेणं जाव संपत्तेणं अट्ठमस्स नायज्झयणस्स अयमढे पन्नत्ते नवमस्स गं भंते! नायज्झयणस्स समणेणं नाव संपत्तेणं के अढे पन्नत्ते ? एवं खलु जंबू ! तेणं कालेणं तेणं समएणं चंपा नामं नयरी होत्था। पुण्णभद्दे चेइए । तत्थ णं माकंदी नाम सत्यवाहे परिवसइ अड्डे जाव अपरिभूए । वस्सं णं भद्दा नाम भारिया होत्था। तीसे णं भहाए अत्तया दुवे सत्यवाहदारया होत्या तंजहा- जिणपालिएं य जिणरक्खिए य। तए णं तेसिं मागंदियदारगाणं अन्नया कयाइ एगयओ इमेयारूवे मिहोकहासमुल्लावे समुप्पजित्थाएवं खलु अम्हे लवणसमुहं पोयवहणेणं एकारस वारा योगाढा सम्वत्थ वि य णं लट्ठा कयकज्जा अणहसमग्गा पुणरवि नियगघरं हव्वमागया। तं सेयं खलु अम्हं देवाणुप्पिया । दुवालसमंपि लवणसमुदं पोयवहणणं ओगाहित्तए तिकटु अन्नमन्नस्स एयमढे पडिसुणेति २ जेणेव अम्मापियरो तेणेव उवागच्छंति २ एवं वयासी- एवं खलु अम्हे अम्मयाओ! एकारस वारा तं चैव जाव नियगघरं हव्वभागया । तं इच्छामो णं अम्मयाओ तुम्भेहिं अब्भणुन्नाया समाणा दुवालसलवणसमुदं पोयवहणेणं ओगाहित्तए । तए णं ते मागंदियदारए अम्मापियरो एवं वयासीइमे में जाया ! अज्जग जाव परिमाएत्तए । तं अणुहोह ताव जाया ! विपुले माणुस्सए इड्डीसकारसमुदए । किं में सपच्चवाएणं निरालंबणेणं लवणसमुदोत्तारेणं ? एवं खलु पुचा ! दुवालसमी बचा सोक्सग्गा यावि भवइ । तं मा णं तुम्भे दुवे पुत्ता ! दुवालसर्मपि लवण जाव ओगाहेह । मा हु तुब्भं सरीरस्स वावती भविस्सइ । तए णं ते माकंदियदारगा अम्मापियरो दोच्चंपि तचंपि एवं वयासी – एवं खलु अम्हे अम्मयाओ ! एक्कारस वारा लवण जाव ओगाहित्तए । तए णं ते माकंदियदारए अम्मापियरो जाहे नो संचाएंति बहिं आघवणाहिं य पण्णवणाहिं य ताहे अकामा चेव एयमढे अणुमनित्था । तए णं ते माकंदियदारगा अम्मापिऊहिं अब्भणुनाया समाणा गणिमं च Page #135 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 122 याधम्मक हाओ [IX.85 धरिमं च मेज्जं च पारिच्छेज्जं च जहा अरहन्नगस्स जाव लवणसमुद्द बहूइं जोयणसयाई ओगाढा । (85) तंए णं तेसिं माकंदियदारगाणं अणेगाई जोयणसयाई ओगाढाणं समाणांणं अणेगाई उप्पाइयसयाई पाउब्भूयाई तंजहा - अकाले गज्जियं जाव थणियसद्दे कालियवाए तत्थ समुट्ठिएं । तए णं सा नावा तेणं कालियवाएणं आहुणिज्जमाणी २ संचालिज्जमाणी २ संखोभिज्जमाणी २ सलिलतिक्खवेगेहिं अईवट्टिज्जमाणी २ कोट्टिमंसि करतलाहए विव तिंदूस तत्थेव २ ओवयमाणी य उप्पयमाणी य उप्पयमाणी विव धरणीयलाओ सिद्धविज्जा विज्जाहरकन्नगा ओवयमाणी विव गगणतलाओ भट्ठविज्जा विज्जाहरकन्नगा विपलायमाणी विव महागरुलवेंगवित्तासिया भुयगवरकन्नगा धावमाणी विव महार्जंणरसिय सद्दवित्तत्था ठाणभट्ठा आसकिसोरी निगुंजमाणी विव गुरुजणदिट्ठावराहा सुजणकुलंकन्नगा घुम्ममणी विव वीचिपहारसयतालिया गलिर्यलंबणा विव गगणतलाओ रोयैमाणी विव सलिलभिन्नगठिविप्पइरमाणैथोरंसुवाएहिं नववहू उवरयभत्तया विलवाणी विव परचकरायाभिरोहिया परममह भयाभिद्द्या महापुरवरी झायमाणी वि कवडच्छोमंणपओगजुत्ता जोगपरिव्वाइया नीससमाणी विव महाकं तारविणिग्गयपरिस्संता पारणयवया अम्मया सोयमाणी विव तवचरणखीणपरिभोगा चवणकाले देववरवहू संचुण्णियकेंटुकूबरा भग्गमेढिमोडियसहस्समाला सूलाइयर्वक परिमासा फलहंतरतडतडेंत फुट्टंत संधिवियलंतलोहखीलिया सव्वंगवियंभिया परिसडियरज्जुविसरंत सव्वगत्ता आमगम लगभूया अकयपुण्णजणमणोरहो विव चिंतिज्जमाणगुरुई. हाहाकयकण्णधारनीवियवाणियगजणकम्मकरैविलविया नाणाविहरयणपणिय संपूण्णा बहूहिं पुरिससएहिं रोयमाणेहिं कंदमाणेहिं सोयमाणेहिं तिप्पमाणेहिं विलवमाणेहिं एगं महं अंतोजलगयं गिरिसिहरमासाइत्ता संभग्गकूषतोरणा मोडियज्झयदंडा वलयसयखंडिया कडकडेस तत्थेव विद्दवं उवगया । तए णं वीए नावाए भिज्ज़माणीए ते बहवे पुरिसा विपुलपणिय भंडभायाए अंतोजलंमि निर्भज्जावि यावि होत्या । Page #136 -------------------------------------------------------------------------- ________________ -IX.86] नायाधम्मकाओ (86) तरणं ते माकंदियदारंगा छेया दक्खा पत्तट्ठा कुसला मेहावी' निउणसिप्पोवगया बहुसु पोयवहणसंपराएसु कयकरणा लद्धविजया अमूढा अमूढहत्था एगं महं फलोखंड आसादेति । जंसि च णं पएसंसि से पोयवहणे विवन्ने तंसि च णं पएसंसि एगे महं रयणदीवे नामं दीवे होत्या अणगाई जोयणाई आयामविक्खंभेणं अणेगाई जोयणाई परिक्खेषेणं नाणादुमडमंडिउसे सस्सिरीए पासाईए दरिसणिजे अभिरूवे पडिरूवे । तस्स णं बहुमज्झदेसभाएं एत्थ णं महं एगे पासायवर्डेसए होत्था अब्भुग्गयमूसिए जाव सस्सिरीयरूवे पासाईए ४ । तत्थ णं पाखायवडेंसए रयणदीवदेवया नामं देवया परिवसइ पावा चंडा रुद्दा खुद्दा साहसिया । तस्स णं पासायवडेंसयस्स चउदिसिं चत्तारि वणसंडा पन्नत्ता किहा कि हो भासा । तए णं ते माकंदियदारगा तेणं फलयखंडेणं उवुज्झमाणा २ रयणदीवंतेणं संवुढी यावि होत्था । तए णं ते माकंदियदारगाथाहं लभति २ मुहुत्तंतरं आसीसंति २ फलगखंड विसज्जेति २ रयणदीवं उत्तरेति २ फलाणं मग्गणगवेसणं करेंति २ फलाई आहारेति २ नालियराणं मग्गणगवेसणं करेति २ नालियराइं फोडेंति २ नालियरतेल्लेणं अन्नमन्नस्स गायाइं अब्भिगति २ पोक्खरणीओ ओगार्हेति २: जलमज्जणं करेंति २ जाव पच्चुत्तरंत २ पुढविसिलापट्टयांस निसीयंति २ आसत्था वीसत्था सुहासणवरगया चंपं नयरिं अम्मापिउआपुच्छणं च लवणसमुहोत्तारणं च कालियवायसंमुच्छणं च पोयवहणविवत्तिं च फलयखंडयस्स आसायणं च रयणदीवोत्तारं च अणुचिंतेमाणा २ ओहयमणसंकप्पा जाव झियायंति । तए णं सा रयणदीवदेवया ते माकंदियदारए ओहिणा आभोएइ २ असिफलगबग्गहत्था सत्तअट्ठर्तलप्पमाणं उडूं वेहासं उप्पयइ २ ताए उक्किट्ठाए जाव देवगईए वीईवयमाणी २ जेणेव माकंदियदारए तेणेव उवागच्छइ २ आसुरुत्ता ते माकंदियदारए खरफरुसनिठुरवयणेहिं एवं वयासी - हं भो' माकंदियदारया ! जइ णं तुब्भे मए सद्धिं विउलाई भोगभोगाई भुंजमाणा विहरह तो भे अत्थि जीवियं । अह णं तुब्भे मए सार्द्धं विउलाई नो विहरह तो भे इमेणं नीलुप्पलगवलगुलिय जाव खुर 123 Page #137 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 124 नायाधम्मकहाओ [IX.87धारेणं असिणा रत्तगंडमंसुयाई माउआहिं उवसोहियाई तालफलाणिव सीसाइं एगंते एंडेमि । तए णं ते माकंदियदारगा रयणदीवदेवयाए अंतिए एयमढे सोच्चा निसम्म भीया करयल जाव वद्धावेत्ता एवं वयासीजन्नं देवाणुप्पिया वहस्सइ तस्स आणाउववायवयणनिहेसे चिहिस्सामो । तए णं सा रयणदीवदेवया ते माकंदियदारए गेण्हइ २ जेणेव पासायवडेंसए तेणेव उवागच्छइ २ असुभपोग्गलावहारं करेइ २ सुभपोग्गलपक्खेवं करेइ २ तओ पच्छा तेहिं सद्धिं विउलाई भोगभोगाइं भुंजमाणी विहरइ कल्लाकल्लिं च अमयफलाई उवणेइ । __ . (87) तए णं सारयणदीवदेवया सक्कवयणसंदेसेणं सुट्टिएणं लवणाहिवइणा लवणसमुद्दे तिसत्तखुत्तो अणुपरियट्टेयव्वे त्ति जं किंचि तत्थ तणं वा पत्तं वा कटं वा कयवरं वा असुइ पूयं दुरभिगंधमचोक्खं तं सव्वं आहुणिय २ तिसत्तखुत्तो एगते एडेयव्वं तिकटु निउत्ता। तए णं सा रयणदीवदेवया ते माकंदियदारए एवं वयासी- एवं खलु अहं देवाणुप्पिया ! सक्कवयणसंदेसेणं सुट्टिएण लवणाहिवइणा तं चैव जाव निउत्ता । तं जाव ताव अहं देवाणुप्पिया! लवणसमुद्दे जाव एडेमि वाव तुब्भे इहेव पासायवडेंसए सुहंसुहेणं अभिरममाणा चिट्ठह । जइ णं तुब्भे एयंसि अंतरंसि उव्विग्गा वा उस्सुया वा उप्पुया वा भवेज्जाह तो णं तुब्भे पुरथिमिलं वणसंडं गच्छेज्जाह । तत्थ णं दो उऊ सया साहीणा तंजहा-पाउसे य वासारचे यः-तत्थ उ कंदलसिलिंधदंतो निउरवरपुप्फपीवरकरो। कुडयज्जुणनीवसुरभिदाणो पाउसउऊ गयवरो साहीणो॥१॥ तत्थ य:- सुरगोवमणिविचित्तो दैहुरकुलरसियउज्झेररवो । घरहिणवंदपरिणद्धसिहरो वासारत्तउऊपव्वओ साहीणो ॥२॥ तत्थ णं तुम्भे देवाणुप्पिया ! बहुसु वावीसु य जाव सरसरपंतियासु य बहुसु आलीघरएसु य मालीघरएसु य जाव कुसुमघरएसु य सुहंसुहेणं अभिरममाणा २ विहरिज्जाह । जइ णं तुम्भे तत्थ वि उव्वैिग्गा वा उस्सुया वा उप्पुया वा भवेज्जाह तो गं तुब्भे उत्तरिल्लं वणसंडं गच्छेज्जाह । तत्थ णं दो उॐ सया साहीणा तंजहा :- सरदो य हेमंतो य । तत्थ उ Page #138 -------------------------------------------------------------------------- ________________ IX.88] नायाधम्मकहाओ 125 सणसत्तिवण्णकउहो नीलुप्पलपउमनलिणसिंगो । सारसचकायरवियघोसो सरयउऊ गोवई साहीणो ॥१॥ तत्थ य सियकुंदधवलजोण्हो कुसुमियलोद्धवणसंडमंडलवलो । तुसारदगधारपीवरकरो हेमंतउऊससी सया साहीणो ॥२॥ तत्थ गं तुब्मे देवाणुप्पिया ! वावीसु य जाव विहरेजाह । जइ णं तुम्भे तत्थ वि उव्विग्गा वा जाव उस्सुया वा भवेज्जाह गे गं तुम्मे अवरिल्लं वणसंडं गच्छेज्जाह । तत्थ णं दो उऊ सया साहीणा तंजहा:- वसंते य गिम्हे य । तत्थ उ सहकारचारुहारो किंसुयकण्णियारासोगमउडो । ऊसियतिलगबकुलायवत्तो वसंतउऊ नरवई साहीणो ॥१॥ तत्थ य पाडलसिरीससलिलो मल्लियावासंतियधवलवेलो' सीयलसुरभिअनिलमगरचरिओ गिम्हउऊसागरो साहीणो ॥२॥ तत्थ णं बहसु जाव विहरेज्जाह । जइ णं तुब्भे देवाणुप्पिया ! तत्थ वि उव्विग्गा वा उस्सुया वा उप्पुया वा भवेज्जाह तेओ तुब्भे जेणेव पासायव.सए तेणेव उवागच्छेज्जाह ममं पडिवालेमाणा २ चिद्वेज्जाह । मा णं तुन्भे दक्खिणिलं वणसंडं गच्छेज्जाह । तत्थ णं महं एगे उग्गविसे चंडविसे घोरविसे महाविसे अइकाए महाकाए जहा तेयनिसग्गे मसिमहिसमूसाकालए नयणविसरोसपुण्णे अंजणपुंजनियरप्पगासे रत्तच्छे जमलजुयलचंचलचलंतजीहे धरणितलवेणिभूए उक्कडफुडकुडिलजडिलकक्खडवियडफडाडोवकरणदच्छे लोहागरधम्ममाणधमधमेतघोसे अणागलियचंडतिव्वरोसे समुहं तुरियचवलं धमधमेतदिट्ठीविसे सप्पे परिवसइ । मा णं तुम्भं सरीरस्स वावत्ती भविस्सइ । ते माकंदियदारए दोच्चंपि तच्चंपि एवं वयंइ २ वेउव्वियसमुग्घाएणं समोहण्णइ २ ताए उक्किट्ठाए लवणसमुहं विसत्तखुत्तो अणुपरियट्टेउं पयत्ता यावि होत्था । ___(88) वए णं वे माकंदियदारया तओ मुंहुत्तरस्स पासायव.सए सई वा रई वा धिई वा अलभमाणा अन्नमन्नं एवं वयासी- एवं खलु देवाणुप्पिया ! रयणदीवदेवया अम्हे एवं वयासी-एवं खलु अहं सक्कवयणसंदेसेणं सुटिएणं लवणाहिवइणा जाव वावत्ती भविस्सइ । तं सेयं खलु अम्हं देवाणुप्पिया ! पुरथिमिल्लं वणसंडं गमित्तए । अन्नमन्नस्स Page #139 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 128 नायाधम्मकहाओ [IX,88पडिसुणेति २ जेणेव पुरथिमिल्ले वणसंडे तेणेव उवागच्छंति २ तत्यःणं बावीसु य जाव आलीघरएसु य जाव विहरति । तए णं ते माकंदियदारगा तत्थ वि सई वा जाव अलभमाणा जेणेव उत्तरिल्ले वणसंडे तेणेव उवागच्छति । तत्थ णं वावीसु य जाव आलीघरएसु य विहरंति । तए णं ते माकंदियदारगा तत्थ वि सई वा जाव अलभमाणा जेणेव पञ्च. थिमिल्ले वणसंडे तेणेव उवागच्छंति २ जाव विहरति । तए णं ते माकंदियदारगा तत्थवि सई वा जाव अलभमाणा अन्नमन्नं एवं वयासी - एवं खलु देवाणुप्पिया ! अम्हे रयणदीवदेवया एवं वयासी- एवं खलु अहं. देवाणुप्पिया ! सक्कवयणसंदेसेणं सुट्टिएणं लवणाहिवइणा जाव मा णं तुम्भं सरीरस्स वावत्ती भविस्सइ । तं भवियव्वं एत्थ कारणेणं । तं सेयं खलु अम्हं दक्खिणिल्लं वणसंडं गमित्तए तिकटु अन्नमन्नस्स एयमढे पडिसुणेति २ जेणेव दक्खिणिल्ले वणसंडे तेणेव पहारेत्य गमणाए। तओ णं गंधे निद्धाइ से जहानामए अहिमडे इ वा जाव अणिद्वतराए । तए णं ते माकंदियदारगा तेणं असुभेणं गंधणं अभिभूया समाणा सएहिं २ उत्तरिज्जेहिं आसाइं पिहेति २ जेणेव दक्खिल्लेि वणसंडे तेणेव उवागया । तत्थ णं महं एग आघयणं पासंति अट्ठियरासिसयसंकुलं भीमदरिसणिज्ज एगं च तत्थ सूलाइयं पुरिसं कलुणाई कट्ठाई विस्सराई कुव्वमाणं पासंति भीया जाव संजायभया जेणेव से सूलाइए पुरिसे तेणेव उवागच्छंति २ तं सूलाइयं पुरिसं एवं वयासीएस णं देवाणुप्पिया ! कस्स आंघयणे तुमं च णं के कओ वा इहं हव्वमागए केण वा इमेयारूवं आंवयं पाविए ? तए णं से सूलाइए पुरिसे ते माकंदियदारगे एवं क्यासी - एस णं देवाणुप्पिया! रयणदीवदेवयाए आघयणे । अहं णं देवाणुप्पिया ! जंबुद्दीवाओ दीवाओ भारहाओ वासाओ काकंदिए आसवाणियए विपुलं पणियभंडमायाए पोयवहणेणं लवणसमुहं ओयाए । तए णं अहं पोयवहणाववत्तीए निब्बुडुभंडसारे एगं फलगखंडं आसाएमि । तए णं अहं उर्बुज्झमाणे २ रयणदीवंतेणं संवढे । तए णं सा रयणदीवदेवया ममं पासइ २ ममं गेहइ २ मए Page #140 -------------------------------------------------------------------------- ________________ -1x.89 नायाधम्मकहाओ 127 साद्धिं विउलाई भोगभोगाई मुंजमाणी विहरइ। तए णं सा रयणदीवदेवया अन्नया कयाइ अहालहुसगंसि अवराहसि परिकुविया समाणी ममं एयारूवं आवयं पावेइ । तं न नजइ णं देवाणुप्पिया ! तुम्भं पि इमेसिं सरीरगाणं का मन्ने आवई भविस्सइ । तए णं ते माकंदियदारगा तस्स सूलाइगस्स अंतिए एयमढे सोच्चा निसम्म बलियतरं भीया जाव संजायभया सूलाइयं पुरिसं एवं वयासी - कहं गं देवाणुप्पिया ! अम्हे रयणदीवदेवयाए हत्थाओ साहत्थिं नित्थरिजामो ? तए णं से सूलाइए पुरिसे ते माकंदियदारगे एवं वयासी- एस णं देवाणुपिया ! पुरथिमिल्ले वणसंडे सेलगस्स जक्खस्स जक्खायणे सेलए नामं आसरूवधारी जक्खे परिवसइ । तए णं से सेलए जक्खे चाउद्दसट्टमुद्दिट्टपुण्णमासिणीसु आगयसमए पत्तसमए महया २ सद्देणं एवं वर्दइकं तारयामि १ कं पालयामि ? तं गच्छह णं तुम्भे देवाणुप्पिया ! पुरथिमिल्लं वणसंडे सेलगस्स जक्खस्स महरिहं पुप्फच्चणियं करेह २ जन्पायवडिया पंजलिउडा विणएणं पज्जुवासमाणा विहरह। जाहे णं से सेलए जक्खे आगयसमए पत्तसमए एवं वएज्जा-कं तारयामि ? कं पालयामि ? ताहे तुम्भे एवं वयह – अम्हे तारयाहि अम्हे पालयाहि । सेलए भी जक्खे परं रयणदीवदेवयाए हत्थाओ साहत्थिं नित्थारेज्जा । अन्नहा भो न याणामि इमेसिं सरीरगाणं का मन्ने आवई भविस्सइ । .. (89) तए णं ते माकंदिरादारगा तस्स सूलाइयस्स अंतिए एयमहूं सोच्चा निसम्म सिग्धं चंडं चवलं तुरियं वयं जेणेव पुरथिमिल्ले वणसंडे जेणेव पोक्खरिणी तेणेव उवागच्छंति २ पोक्खरिणं ओगाहेंति २ जलमज्जणं करेंति २ जाई तत्थ उप्पलाई जाव गेहंति २ जेणेव सेलगस्स जक्खस्स जक्खाययणे तेणेव उवागच्छंति २ आलोए पणाम करेंति २ महरिहं पुप्फच्चणियं करेंति २ जन्नुपीयवडिया सुस्सूसमाणा नमसमाणा पज्जुवासंति । तए णं से सेलए जक्खे आगयसमए पत्तसमए एवं वयासी- के तारयामि ? के पालयामि १ तए ण ते माकंदियदारगा उहाए उडेति' करयल जाव बद्धावेत्ता एवं Page #141 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 128 नायाधम्मकहाओ [ix.90 वयासी - अम्हे तारयाहि अम्हे पालयाहि । तए णं से सेलए जक्खे ते माकंदियदारए एवं वयासी - एवं खलु देवाणुप्पिया! तुम्भं मए सद्धिं लवणसमुहं मझमझेणं वीईवयमाणाणं सा रयणदीवदेवया पावा चंडा रुद्दा खुद्दा साहसिया बहूहिं खरएहि य मउएहि य अणुलोमेहि य पडिलोमेहि य सिंगारेहि य कलुणेहि य उवसग्गेहि य उवसग्गं करेहिइ । तं जइ णं तुब्भे देवाणुप्पिया ! रयणदीवदेवयाए एयमढे आढाह वा परियाणह वा अवयक्खह वा तो भे अहं पिट्ठाओ विहूंणामि । अह णं तुम्भे रयणदीवदेवयाए एयमद्वं नो आढाह नो परियाजह नो अवयक्खह तो भे रयणदीवदेवयाए हत्थाओ साहत्थिं नित्थारेमि। तए णं ते माकंदियदारगा सेलगं जक्खं एवं वयासी - जं णं देवाणुप्पिया वईस्संति तस्स णं उववायवयणनिदेसे चिहिस्सामो। तए णं से सेलए जक्खे उत्तरपुरथिमं दिसीभागं अवक्कमइ २ वेउब्वियसमुग्याएणं समोहणइ २ संखेज्जाई जोयणाई दंडं निस्सरइ दोच्चंपि वेउव्वियसमुग्घाएणं समोहणइ २ एगं महं आसरुवं वेउव्वइ २ ते माकंदियदारए एवं वयासी - हं भो माकंदियदारया ! आरुह णं देवागुप्पिया ! मम पिटुंसि । तए णं ते माकंदियदारया हट्ठा सेलगस्स जक्खस्स पणामं करेंति २ सेलगस्स पिटुं दुरूढा । तए णं से सेलए ते माकंदियदारए दुरूढे जाणित्ता सत्तअट्ठतालप्पमाणमेत्ताई उर्दू वेहासं उप्पयइ २ ताए उकिट्ठाए तुरियाए चवलाए चंडाए दिव्वाए देवयाए देवगईए लवणसमुहं मझमज्झण जेणेव जंबुद्दीवे दीवे जेणेव भारहे वासे जेणेव चंपा नयरी तेणेव पहारेत्थ गमणाए । ___(90) तए णं सा रयणदीवदेवया लवणसमुई तिसत्तखुत्तो अणुपरियट्टइज तत्थ तणं षा जाव एडेइ जेणेव पासायवडेंसए तेणेव उवागच्छई २ ते माकंदियदारया पासायवडेंसए अपासमाणी जेणेव पुरथिमिल्ले वणसंडे जाव सव्वओ समंता मग्गणगवेसणं करेइ २ तेसिं माकंदियदारगाणं कत्थइ सुई वा ३ अलभमाणी जेणेव उत्तरिल्ले एवं चेव पञ्चस्थिमिल्ले वि जाव अपासमाणी ओहिं पउंजइ ते माकंदियदारए सेलएणं सद्धिं Page #142 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 129 -IX.90] नायापम्मकहाओ लवणसमुदं मझमझेणं वीईवयमाणे २ पासह २ आसुरुत्ता असिखेडेग गेहह २ सत्तट्ठ जाव उप्पयइ २ लाए उकिट्ठाए जेणेव माकंदिपदारया तेणेव उवागच्छाइ २ एवं वयासी-हं भो माकंदियदारगा अपत्थियपत्थिया! किण्यं तुम्भे जाणह ममं विप्पजहाय सेटएणं जक्षेणं सद्धिं लवण, समुई यज्झममझेणं बीईवयमाणा! तं एवमवि गए जइ णं तुम्भे मम अवयक्खह तो भे अस्थि जीविय। अह गं नाबयक्खह तो भे इमेणं नीलुप्पलगवल जाव एंडेमि । सए णं से माकंदियदारगा रयणदीवदेवयाए अंतिए एयमढे सोच्चा निसम्म अभीया अतत्था अणुब्धिग्गा अक्खुभिया असंभंता रयणदीवदेवयाए एयमह नो आदति नो परियाणंति नावयक्खंति अप्पाढीयमाणा अपरियाणमाणा अणवयक्खमाणा य सेलएणं जम्खणं सद्धिं लवणसमुई मझमझेणं वीईवयंति । तए पं सा रयण. दीवदेवया ते माकंदियदारया जाहे नो संचाएइ बहूहिं पंडिलोमेहि य उव सग्गेहि य चालित्तए वा खोभित्तए वा विपरिणामिचए वा ताहे महुरेहिं य सिंगारेहि य कलुणेहि य उक्सग्गेहि य उवसग्गेउं पयचा यावि होत्था - हं भो माकंदियदारगा! जई गं तुन्भेहिं देवाणुप्पिया ! मए सार्द्ध हसियाणि य रमियाणि य ललियाणि य कीलियाणि य हिंडियाणि च मोहियाणि य ताहे णं तुब्भे सम्वाई अगणेमाणा ममं विप्पजहाय सेलएणं सद्धिं लवणसमुहं मझमज्झेणं वीईवयह । तए पां सा रयणदीवदेवया जिणरक्खियस्स मणं ओहिणा आभोएइ २ एवं वयासी - निच्चपि य णं अहं जिणपालियस्स अणिट्ठा ५ । निशं मम जिणपालिए अणिढे ५ । निश्चपि य कं अहं जिणरक्खियरस इट्ठा ५ । निश्चंपि य णं ममं जिणरक्खिए इढे ५ । जइ णं ममं जिणपालिए रोयमाणि कंदमाणिं सोयमाणिं तिप्पमाणिं विलवमाणिं नावयक्खइ किण्णं तुमपि जिणरक्खिया ! ममं रोयमाणिं जाव नावयक्खसि ? तए णं:-सा पवररयणदीवस देवया ओहिणां जिणर. क्खियस्स मणं । नाऊणं वैधनिमित्तं उवरिं माकंदियदारगाणे दोण्हंपि॥१॥ दोसकलिया सलिलयं नाणाविहचुण्णवासमीसियं दिव्वं । घाणमण Page #143 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 130 नायाधम्मकहाओ [IX.90निव्वुइकरं सम्वोउयसुरभिकुसुमवुहिँ पमुंचमाणी ॥२॥ नाणामणिकणगरयणघंटियखिंखिणिनेउरमेहलभूसणरवेणं । दिसाओ विदिसाओ पूरयंती वयणमिणं बेइ सा कलुंसा ॥३॥ होल वसुल गोल नाह दइय पिय रमण कंत सामिय निग्घिण नित्थक । थिण्ण निकिवं अकयन्नुय सिढिलभाव निल्लज्ज लुक्ख अकलुण जिणरक्खिय ममं हिययरक्खग॥४॥ न हु जुज्जसि एक्कियं अणाहं अबंधवं तुझ चलणओवायकारियं उज्झिउमर्धन्नं । गुणसंकर हं तुमे विहूणा न समत्था जीविउ खणंपि ॥५॥ इमस्स उ अणेगझसमगरविविधसावयसयाकुलघरस्स । रयणागरस्स मझे अप्पाणं वहेमि तुज्झ पुरओ एहि नियत्ताहि जइ सि कुविओ खमाहि एकविराहं मे ॥६॥ तुज्झ य विगयघणविमलससिमंडलागारसरिलरीयं सारयनवकमलकुमुदकुवलयविमलदलनिकरसरिसैनिभनयणं । वयणं पिवासागयाए सी मे पेच्छिउँ जे अवलोएहि ता इओ ममं नाह जी ते पेच्छामि वयणकमलं ॥७॥ एवं सप्पणयसरलमहुरौंई पुणे २ कलुणाई वयणाई जंपमाणी सा पावा मग्गओ समण्णेइ पावहि ॥८॥ तए णं से जिणरक्खिए चलमणे तेणेव भूसणरवेणं कण्णसुहमणोहरेणं तेहि य सप्पणयसरलमहुरभणिएहिं संजायविउणअणुराए रयणदीवस्स देवयाए तीसे सुंदरथणजहणवयणकरचरणनयणलावण्णरूवजोवण्णसिरिं च दिव्वं सरभसउवगूहियाई बिब्बोयविलसियौणि य विहसियसकडक्खदिहिनिस्ससियमलियउवललियथियगमणपणयखिज्जियपसाइयाणि य सरमाणे रागमोहियमई अवसे कम्मवसगए अवयक्खइ २. ओ सविलियं । तए णं जिणरक्खियं समुप्पन्नकलुणभावं मच्चुगलत्य गोल्लियमई अवयक्वंतं तहेव जक्खे उ सेलए जाणिऊण सणियं २ उव्विहइ नियगपिट्ठाहिं विगयसैद्धे । तए णं सा रयणदीवदेवया निस्संसा कलुणं जिणरक्खियं सकलुसा सेलगपिट्टाहिं ओवयंतं-दास! मओसित्ति अपनाणी अंपत्तं सागरसलिलं गेण्हिय बाहाहिं आरसंतं उड़े उन्विहइ अंबरतले ओवयमाणं च मंडलग्गेण पडिच्छित्ता नीलुप्पलगवलअयसिपगासेना असिवरेणं खंडाखडि करेइ २ तत्थ विलवमाणं तस्स य Page #144 -------------------------------------------------------------------------- ________________ -IX.93 ] नायाधम्मकाओ सरसर्वहियस्स घेत्तूण अंगमंगाई सरुहिराई उक्खित्तबलिं चउद्दिसिं कर सा पंजली पट्ठा । (91) एवामेव समणाउसो ! जो अम्हं निग्गंथाण वा निग्गंथीण वा अंतिए पव्चइए समाणे पुणरवि माणुस्सर कामभोगे आसायइ पत्थयइ पीछेइ अभिलसइ से णं इहभवे चेव बहूणं समणाणं बहूणं समणीणं बहूणं सावयाणं बहूणं सावियाणं जाव संसारं अणुपरियट्टिस्सइ जहा व से रिखिए । छलिओ अवयक्खंतो निरावयक्खो गओ अविग्घेणं । तुम्हा पत्रयणसारे निरावयक्खेण भवियव्वं ॥१॥ भोगे अवयक्खंता पडंति संसारसागरे घोरे । भोगेहिं य निरवयक्खा तरंति संसारकंतारं ॥२॥ (92) तए णं सा रयणदीवदेवया जेणेव जिणपालिए तेणेव उवागच्छइ बहूहिं अणुलोमेहि य पडिलोमेहि य खरमयसिंगारे हि य कलुणेहि य उवसग्गेहि य जाहे नो संचाएइ चालित्तए वा खोभित्तए वा विपरिणामित्त वा ताहे संता तंता परितंता निव्विण्णा समाणी जामेव दिसिं पाउब्भूया तामेव दिसिं पडिगया । तए णं से सेलए जक्खे जिणपालिएण सद्धिं लवणसमुदं मज्झंमज्झेणं वीईवयइ २ जेणेव चंपा नयरी तेणेव उवागच्छइ २ चंपाए नयरीए अग्गुज्जाणंांस जिणपालियं पट्ठाओ ओयारेइ २ एवं वयासी - एस णं देवाणुप्पिया ! चंपा नयरी दीसइ तिकट्टु जिणपालियं आपुच्छइ २ जामेव दिसिं पाउब्भूए तामेव दिसिं पडिगए । (93) तए णं जिणपालिए चंपं अणुपविसइ २ जेणेव सए गिहे जेणेव अम्मापियरो तेणेव उवागच्छइ २ अम्मा पिऊणं रोयमाणे जाव विलवमाणे जिणरक्खियवावात्तं निवेदेइ । तए णं जिणपालिए अम्मापियरो मित्तनाइ जाव परियणेणं सद्धिं रोयमाणाईं बहूँईं लोइयाई मयकिश्चाई करेंति २ कालेणं विगयसाया जाया । तए णं जिणपालियं अन्नया कयाई सुहासणवरगयं अम्मापियरो एवं वयासी - कहण्णं पुत्ता ! जिणरक्खिए कालगए ? तए णं से जिणपालिए अम्मापिऊणं लवणसमुद्दोत्तारणं च कालियवायसमुच्छेणं च पोयवहणविवन्ति च फलहखंडआसायणं च रयणदीवृत्तारं च रयणदविदेवयागेहि च भोगविभूइं च रयणदीवदेवमा 131 Page #145 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 132 नायाधम्मकहाओ [IX.94 अप्पाहणं च सूलाइयपुरिसदरिसणं च सेलगजक्खआरहणं च रयणदीवदेवयाउवसग्गं च जिणरक्खियविवत्तिं च लवणसमुहउत्तरणं च चंपागमणं च सेलगजक्खआपुच्छणं च जहाभूयमवितहमसदिखं परिकहेइ । तए णं जिणपालिए जाव अप्पसोगे जाव विपुलाइ भोगभोगाई भुंजमाणे विहरह। ___(94) तणं कालेणं तेणं समएणं समणे भगवं महावीरे समोसढे जाव धम्म सोच्या पव्वइए एगारसंगवी मासिएणं भत्तेणं नाव अत्ताणं झूसेत्ता सोहम्मे कप्पे दो सागरोवमाइं ठिई पनत्ता । ताओ आउक्ख. एणं ठिइक्खएणं भवक्खएणं अणंतरं चयं चहत्ता जेणेव महाविदेहे वासे सिज्झिहिइ जाव अंतं काहिइ । एवामेव समणाउसो ! जाप माणुस्सए कामभोगे नो पुणरवि आसाइ से णं जाव वाईवइस्सइ जहा प से जिणपालिए। एवं खलु जंबू ! समणेणं भगवया महावीरेणं नाव संपत्तेणे भवमस्स नायनायणस्स अयमढे पन्नत्ते तिमि ॥ ॥ नवम नायज्झयणं समत्तं ॥९॥ Page #146 -------------------------------------------------------------------------- ________________ -X.95] नायाधम्मकहाओ 133 ॥ दसमं अज्झयणं ॥ (95) जइ णं भंते ! समणेणं नवमस्स नायज्झयणस्स अयमढे. पन्नत्ते दसमस्स के अढे पन्नत्ते ? एवं खलु जंबू । तेणं कालेणं २ रायगिहे नयरे सामी समोसढे गोयमो एवं वयासी- कहणं भंते ! जीवा बढुंति वा हायति वा ? गोयमा ! से जहानामए बहुलपक्खस्स पाडिवयाचंदे पुणिमाचंदं पणिहाय होणे वण्णेणं हीणे सोमयाए होणे निद्धयाए होणे कंतीए एवं दित्तीए जुत्तीए छायाए पभाए ओयाए लेसाए मंडलेणं । तयाणंतरं च णं बीयाचंदे पडिवयाचंदं पणिहाय हीणतराए वणेणं जाब मंडलेणं । तयाणंतरं च णं तइयाचंदे बीयाचंदं पणिहाय हीणतराए बण्णेणं जाव मंडलेणं । एवं खलु एएणं कमेणं परिहायमाणे २ आव अमावसाचंदे चाउहसिचंदं पणिहाय नढे वण्णेणं जाष नढे मंडलेणं । एषामेव समणाउसो ! जो अम्हं निग्गंथो वा निग्गंथी वा जाव पव्वइए समाणे हीणे खंतीए एवं मुत्तीए गुत्तीए अजवेणं महवेणं लाघवेणं सच्चेणं सवेणं चियाए अकिंचणयाए बंभचेरवसेणं । तयाणंतरं च णं हीणे हीणतराए खंतीए जाव हीणतराए बंभचेरवासेणं । एवं खलु एएणं कमेणं परिहायमाणे २ नहे खंताए जाव नढे बंभचेरवासेणं । से जहा बा सुकपक्खस्स पडिवयाचंदे अमावसाचंदं पणिहाय अहिए वण्णं जाप अहिए मंडलेणं । तयाणतरं च णं बीयाचंदे पडिवयाचंदं पणिहाय अहिय. यराए षण्णेणं जाव अहिययराए मंडलेणं । एवं खलु एएणं कमेणं परिपड्डेमाणे २ भाष पुण्णिमाचंदे चाउदासिं चंदं पणिहाय पडिपुण्णेवण्णेणं बाब पडिपुणे मंडलेणं । एषामेव समणाससो! जाव पव्वइए समाणे अहिए खंसीए भाव भचेरवासेणं । तयाणंतरं च णं अहिययराए खंतीए बाव बंभचेरषासेणं । एवं खलु एएणं कमेणं परिवड्डमाणे २ जाव परिपुण्णे भरवासेणं । एवं खलु जीवा वडति वा हायति वा । ___ एवं खलु जंबू ! समणेणे भगवया महावीरेणं दसमस्स भायमायणस्स अथमढे पन्नचे चि बेमि ॥ ॥ दाम नाथायणं समतं ॥१०॥ Page #147 -------------------------------------------------------------------------- ________________ नायाधम्मक हाओ ॥ एक्कारसमं अज्झयणं ॥ (96) जइ णं भंते! समणेणं दसमस्स नायज्झयणस्स अयमट्ठे पन्नत्ते एक्कारसमस्स के अट्ठे पन्नत्ते ? एवं खलु जंबू ! तेणं कालेणं २ रायगिहे जाव गोयमे एवं वयासी - कैहं णं भंते ! जीवा आराहगा वा विराहगा वा भवंति ? गोयमा ! से जहानामए एगंसि समुहकूलंसि दावद्दवा नामं रुक्खा पन्नत्ता किण्हा जाव निउरंबभूया पत्तिया पुप्फिया फलिया हरियगरेरिज्जमाणा सिरीए अईव उवसोभेमाणा २ चिट्ठति । जया णं दीविचगा ईसिं पुरेवाया पच्छावाया मंदावाया महावाया वायंति तयाणं बहवे दावद्दवा रुक्खा पत्तिया जाव चिट्ठति । अप्पेगइया दावहवा रुक्खा जुण्णा झोडा परिसडियपंडुपत्तपुप्फफला सुकरुक्खओ विव मिलायमाणा २ चिट्ठति । एवामेव समणाउसो ! जो अम्हं निग्गंथो वा २ जाव पव्वइए समाणे बहूणं समणाणं ४ सम्मं सहइ जाव अहियासेइ बहूणं अन्नउत्थियाणं बहूणं गिहत्थाणं नो सम्मं सहइ जाव नो अहियासेइ एस णं मए पुरिसे देसविराहए पन्नत्ते समणाउसो ! जया णं सामुहगा ईर्सि पुरेवाया पच्छावाया मंदावाया महावाया वायंति तयाणं बहवे दावद्दवा रुक्खा जुण्णा झोडा जाव मिलायमाणा २ चिट्ठति । अप्पेगइया दावद्दवा रुक्खा पत्तिया पुफिया जाव उवसोभेमाणा २ चिट्ठति । एवामेव समणाउसो ! जो अम्हं निग्गंथो वा २ जाव पव्वइए समाणे बहूणं अन्नउत्थियगिहत्थाणं सम्मं सहइ बहूणं समणाणं ४ नो सम्मं सहइ एस णं मए पुरिसे देसाराहए पन्नत्ते समणाउसो ! जया णं नो दीविचगा नो सामुद्दगा ईसिं पच्छावाया जाव महावाया वायंति तया णं सव्वे दावद्दवा रुक्खा जुण्णा झोडा । एवामेव समणाउसो ! जाव पव्वइए समाणे बहूणं समणाणं ४ बहूणं अन्नउत्थियगिहत्थाणं नो सम्मं सहइ एस णं मए पुरिसे सव्वविराहए पन्नत्ते समणाउसो । जया णं दीविच्चगा वि सामुद्दगा वि ईसिं जाव वायंति तया णं सव्वे दावहवा पत्तिया जाव चिट्ठति । एवामेव समणाउसो ! जो अम्हं पव्वइए समाणे बहूणं समणाणं ४ बहूणं अन्नउत्थियगिहत्थाणं सम्मं सहइ एस णं मए 1 134 [1.96 Page #148 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 135 -XI.96] .. नायाधम्मकहाओ पुरिसे सव्वआराहए पन्नत्ते । एवं खलु गोयमा ! जीवा आराहगा वा विराहगा वा भवंति । एवं खलु जंबू ! समणेणं भगवया महावीरेणं जाव संपत्तेणं एक्कारसमस्स अयमढे पन्नत्ते तिबेमि ॥११॥ ॥ एकारसम नायज्झयणं समस ॥११॥ ॥ बारसमं अज्झयणं । (97) जइ णं भंते ! समणेणं जाव संपत्तेणं एकारसमस नायझयणस्स अयमढे पन्नत्ते बारसमस्स णं के अढे पन्नत्ते ? एवं खलु जंबू ! तेणं कालेणं २ चंपा नाम नयरी । पुण्णभहे चेइए । जियसत्तू नामं राया। धारिणी देवी । अदीणसत्तू नाम कुमारे जुवराया वि होत्या । सुबुद्धी नामं अमच्चे जाव रजधुराचिंतए यावि होत्था जाव समणोवासए । तीसे णं चंपाए नयरीए बहिया उत्तरपुरत्यिमेणं एगे फरिहोदए यावि होत्था मेयवसारुहिरमंसपूयपडलपोच्चडे मयगकलेवरसंछन्ने अमणुने णं वण्णेणं जाव फासेणं से जहानामए अहिमडे इ वा गोमडे इ वा जाव मयकुहियविणट्ठकिमिणवावण्णदुरभिगंधे किमिजालाउँले संसत्ते असुइविगयबीभच्छदरिसणिज्जे । भवेयारूवे सिया ? नो इणढे समढे । एत्तो अणिढ़तराए चेव जाव गंधेणं पन्नत्ते। (98) तए णं से जियसत्तू राया अन्नया कयाइ हाए कयबलिकम्मे जाव अप्पमहग्याभरणालंकियसरीरे बहूर्हि ईसर नाव सत्थवाह - पमिईहिं सद्धिं भोयणमंडवंसि भोयणवेलाए सुहासणवरगए विउलं असणं ४ जाव विहरइ जिमियभुत्तुत्तरागए जाव सुइभए तसि विपुलंसि असणांस ४ जाव जायविम्हए ते बहवे ईसर जाव पभिईए एवं वयासीअहो णं देवाणुप्पिया ! इमे मणुन्ने असणं ४ वण्णेणं उववेए जाव फासेणं Page #149 -------------------------------------------------------------------------- ________________ नायाम्प्रकाओ उबवेष अस्तायणिजे विसायणिजे पीणणिजे दीवणिजे दप्पणिजे मयेणिज्जे बिंहणिजे सव्विदियगायपल्हायणिज्जे । तए णं ते बहवे ईसर जान पभियओ जियसत्तुं एवं वयासी - सहेष णं सामी ! जण्णं तुब्भे बयह - अहो णं इमे मणुन्ने असणे ४ वण्णेणं सववेष जाव परहायणि । तर णं जियसत्तू सुबुद्धिं अमचं एवं वयासी - अहो णं सुबुद्धी ! इमे मन्त्रे असणे ४ जाव पल्हायणिज्जे । तर णं सुबुद्धी जियसत्तुस्स रनो एयमहं नो आढाइ जाव तुसिणीए संचिट्ठइ । तए णं जियसत्तू सुबुद्धिं दोचंपि तचंपि एवं वयासी - अहो णं सुबुद्धी ! इमे मणुन्ने तं चैव जाव पल्हायणिज्जे । तए णं से सुबुद्धी अमचे दोघंपि तचंपि एवं वुत्ते समाणे जियसत्तुं रायं एवं वयासी - नो खलु सामी ! अम्हं एयंसि मणुन्नंसि असणंसि ४ केइ विम्हए । एवं खलु सामी ! सुरभिसा वि पोग्गला दुरभिसद्दत्ताए परिणमंति दुरभिसद्दा वि पोग्गला सुरभि सद्दत्ताए परिणमंति । सुरूवा वि पोग्गला दुरूवत्ताए परिणमंति दुरूवा वि पोग्गला सुरुवत्ताए परिणमति । सुरभिगंधा वि पोग्गला दुरभिगंधत्ताए परिणमंति दुरभिगंधा वि पोग्गला सुरभिगंधत्ता परिणमति । सुरसा वि पोग्गला दुरसत्ताए परिणमंति दुरसा वि पोग्गला सुरसत्ताप परिणमति । सुहफासा वि पोग्गला दुहपासत्ताए परिणमति दुहफासा वि पोग्गला सुहफासत्ताए परिणमति । पंओगवीससा परिणया वि य णं सामी ! पोग्गला पन्नत्ता । तए णं जियसत्तू सुबुद्धिस्स अमञ्चस्स एवमा इक्खमाणस्स ४ एयमहं नो आढाइ नो परियाणं तुसिणीए संचिवइ । तए णं से जियसत्तू अन्नया कयाइ व्हाए आसखंधवरगए महयाभडचडगरआसवाईणियाए निज्जायमाणे तस्स फरिहोदयस्स अदूरसामंतेणं वीईवयइ । तए णं जियसत्तू तस्स फरिहोदगस्स असुभेणं गंधेणं अभिभूप समाणे सएणं उत्तरिज्जपणं आसगं पिहेइ एगंतं अवक्कमइ २ बहवे ईसर जाव पभिइओ एवं वयासी - अहो णं देवाणुप्पिया ! इमे फरिहोदए अमणुन्ने वण्णेणं ४ से जहानामए अहिमडे इ वा जाव अमणामतराए चेव । तए णं ते बहवे राईसर जाव पभियओ एवं वयासी - तहेवणं 136 [XII.98 Page #150 -------------------------------------------------------------------------- ________________ XII.98] नायाधम्मकहाओ 137 तं सामी ! जणं तुम्भे एवं वयह - अहो णं इमे फरिहोदए अमणुने वण्णेणं ४ से जहानामए अहिमडे इ वा जाव अमणामतराए चेव । वए णं से जियसत्तु सुबुद्धिं अमचं एवं वयासी - अहो णं सुबुद्धी ! इसे फरिहोदए अमणुन्ने वण्णेणं ४ से जहानामए अहिमडे इ वा जाव अमणामतराए चेव । तए गं से सुबुद्धी अमच्चे जाव तुसिणीए सांचद्वइ । तए णं से जियसत्तू राया सुबुद्धिं अमञ्चं दोच्चंपि तथंपि एवं वयासी - अहो णं तं चैव । तए णं से सुबुद्धी अमो जियसत्तुणा रना दोच्चंपि तच्चपि एवं वुत्ते समाणे एवं वयासीनो खलु सामी ! अम्हं एयंसि फरिहोदगंसि केइ विम्हए । एवं खलु सामी ! सुरभिसहा वि पोग्गला दुन्भिसहत्ताए परिणमंति तं चेव जाव पओगवीससापरिणया वि य णं सामी ! पोग्गला पन्नत्ता । तए णं जियसत्त सुबुद्धिं एवं वयासी-मा णं तुमं देवाणुप्पिया! अप्पाणं च परं च तदुभयं च बहूहि य असब्भावुभावणाहिं मिच्छत्ताभिनिवेसेण य वुग्गाहेमाणे वुप्पाएमाणे विहराहि । तए णं सुबुद्धिस्स इमेयारूवे अज्झथिए ४ समुप्पज्जित्था- अहो णं जियसत्तू संते तच्चे तहिए अवितहे सब्भूए जिणपन्नत्ते भावे नो उवलभइ । तं सेयं खलु मम जियसत्तुस्स रनो संताणं तच्चाणं वहियाणं अविवहाणं सब्भूयाणं जिणपन्नत्ताणं भावाणं अभिगमणट्ठयाए एयम उवायणावेत्तए। एवं संपेहेइ २ पच्चइएहिं पुरिसेहिं सद्धिं अंदरावणाओ नवए घडए य पडए य गेण्हइ २ संझाकालसमयांस पविरलमणुस्संसि निसंतपडिनिसंतसि जेणेव फरिहोदए तेणेव उवागच्छइ २ २ फरिहोदगं गेण्हावेइ २ नवएसु घडएसु गालावेइ २ नवएसु घडएसु पक्खिवावेइ २ सज्जखारं पक्खिवावेइ लंछियमुदिए कारावेइ २ सत्तरत्तं परिवसावेइ २ दोच्चपि नवएसु घडएसु गालावेइ २ नवएसु घडएसु पक्खिवावेइ २ सज्जखारं पक्खिवावेइ २ लंछियमुहिए कारावेइ २ सत्तरत्तं परिवसावेइ २ तचंपि नवएसु घडएसु जाव संवसावेइ । एवं खलु एएणं उवाएणं अंतरा गालावेमाणे अंतरा पक्खिवावेमाणे अंतरा य वसावेमाणे सत्तसत्त य राइंदियाइं परिवसावेइ । Page #151 -------------------------------------------------------------------------- ________________ "138 नायाधम्मकहाओ [XII.98तए णं से फरिहोदए सत्तमंसि सत्तयंसि परिणममाणंसि उदगरयणे जाए यावि होत्था अच्छे पत्थे जच्चे तणुए फालियवण्णाभे वण्णेणं उववेए ४ आसायणिजे जाव सव्विदियगायपल्हायणिजे । तए णं सुबुद्धी जेणेव से उदगरयणे तेणेव उवागच्छइ २ करयलंसि आसादेइ २ तं उदगरयणं वण्णेणं उववेयं ४ आसायणिज्जं जाव सव्विदियगायपल्हायणिजं जाणित्ता हतुढे बहूहिं उदगसंभारणिज्जेहिं दव्वे हिं संभारेइ २ जियसत्तुस्स रन्नो माणियपरियं सहावेइ २ एवं वयासी- तुम णं देवाणुप्पिया! इमं उद्गरयणं गेण्हाहि २ जियसत्तुस्स रनो भोयणवेलाए उवणेज्जासि । तए णं से पाणियघरिए सुबुद्धिस्स एयमढे पडिसुणेइ २ तं उदगरयणं गेहइ २ जियसत्तुस्स रनो भोयणवेलाए उवट्ठवेइ । तए णं से जियसत्तू राया तं विपुलं असणं ४ आसाएमाणे जाव विहरइ जिमियभुत्तुत्तरागए वि य णं जाव परमसुइभए तंसि उदगरयांसि जायविम्हए ते बहवे राईसर जाव एवं वयासी-- अहो णं देवाणुप्पिया ! इमे उदगरयणे अच्छे जाव सक्विादियगायपल्हायणिज्जे । तए णं ते बहवे राईसर जाव एवं वयासी- तहेव णं सामी ! जण्णं तुम्भे वयह जाव एवं चेव पल्हायणिजे । तर जियसत्तू राया पाणियपरियं सहावेइ २ एवं वयासी- एस णं लुमे देवागुप्पिया! उदगरयणे कओ आसाइए ? तए णं से पाणियपरिए जियसत्तुं एवं वयासी-एस णं सामी ! मए उदगरयणे सुबुद्धिस्स अंतियाओ आसाइए । तए गं जियसत्तू सुबुद्धिं अमचं सहावेइ २ एवं वयासीअहो णं सुबुद्धी ! केषां कारणेणं अहं तब अणिढे ५ जेणं तुमं मम कल्लाकल्लिं भोयणवेलाए इमं उदगरयणं न उबट्टवेसि ? तं एस णं तुमे देवाणुप्पिया ! उदगरयणे कओ उवलद्धे ? तए णं सुबुद्धी जियस एवं वयासी – एस णं सामी ! से फरिहोदए । तए णं से जियसत्तू सुबुद्धि एवं पयासी - केणं कारणेणं सुबुद्धी ! एस से फरिहोदए ? तए णं सुबुद्धी जियसत्तुं एवं वयासी- एवं खलु सामी ! तुन्भे तयाँ मम एवमाइक्लमाणस्स ४ पयमहं नो सहहह । तए णं मम इमेयारूवे अज्झत्यिए ४अहो णं जियसत्तू संते जाव भाने नो सहहाइ नो पत्तियइ नो रोषइ । Page #152 -------------------------------------------------------------------------- ________________ -XII.98] नाeाधम्मकाओ -- संबे खलु मम जियसत्तुस्स रनो संताणं गाव सम्भूयाणं जिणपन्नत्ताणंभावाणं अभिगमणट्टयाए एयम उवायणावेत्तए । एवं संपेहेम २ तं चैव जाव पाणियघरियं सहावेमि २ एवं वदामि - तुर्म णं देवाणुप्पिया ! उद्गरयणं जियसत्तुस्स रनो भोयणवेलाए उबगेहि । तं एएणं कारणेणं सामी ! एस से फरिहोदए । तए णं जियसत्तू राया सुबुद्धिस्स एवमाह - क्खमाणस्स ४ एमट्ठे नो सद्दहइ ३ असद्दहमाणे अपत्तियमाणे अरोएमाणे अग्भितरठाणिज्जे पुरिसे सहावेइ २ एवं क्यासी - गच्छह णं तुन्भे देवाणुपिया ! अंतरावणाओ नवए घडए पडए य गेण्हह जाव उद्गसंभारणिस्नेहिं दव्वेहिं संभारेह । तेवि तहेव संभारेति २ जियसत्तुस्स उवर्णेति । तए णं से जियसत्तू राया तं उद्गरयणं करयलंसि आसाएइ आसायणि जाब सव्विदियगायपल्हायणिज्जं जाणित्ता सुबुद्धिं अमचं सहावेइ २ एवं वयासी सुबुद्धी ! एए णं तुमे संता तच्चा जाव सभूया भावा कओ उवलद्धा ? तए णं सुबुद्धी जियसत्तुं एवं वयासी एए णं सामी ! मए संता जाव भावा जिणवयणाओ उवलद्धा । तए णं जियसत्तू सुबुद्धिं एवं बयासी – तं इच्छामि णं देवाणुप्पिया ! तब अंतिए जिणवयणं निसामित्तए । तए णं सुबुद्धी जियसत्तुस्स विचित्तं केवलिपन्नत्तं चाज्जामं धम्मं परिकहेइ तमाइक्खइ जहा - जीवा बैज्झति जाव पंचाणुव्वयाई । तए णं जियसत्तू सुबुद्धिस्स अंतिए धम्मं सोचा निसम्म हट्ठतु सुबुद्धिं अमचं एवं वयासी - सद्दहामि णं देवाणुप्पिया ! निग्गंथं पात्रयणं ३ जाव सेयं तुभे वह । तं इच्छामि णं तव अंतिए पंचाणुव्वइयं सत्तसिक्खावइयं जाव उवसंपज्जित्ताणं विहरित्तए । अहासुहं देवाणुप्पिया ! मा पडिबंधं । तए णं से जियसत्तू सुबुद्धिस्स अंतिए पंचाणुव्वइयं जाव दुवालसविहं सावयधम्मं पडिवज्जइ । तए णं जियसत्तू समणोवासए जाए अहिगयजीवाजीवे जाव पडिला भेमाणे विहरइ । तेणं काले २ थेरागमणं । जियसत्तू राया सुबुद्धी य निग्गच्छइ । सुबुद्धी धम्मं सोचा जं नवरं जियसतं आपुच्छामि जाव पव्वयामि । अहासुहं देवाणुप्पिया ! तए णं से सुबुद्धी जेणेव जियसत्तू तेणेव उवागच्छइ २ एवं वयासी - - - 139 Page #153 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 140 नायाधम्मकहाओ XII,99एवं खलु सामी ! मए थेराणं अंतिए धम्मे निसंते । से वि य धम्मे इच्छिए पडिच्छिए ३ । तए णं अहं सामी ! संसारभउविग्गे भीए जाव इच्छामि णं तुब्भेहिं अब्भणुनाए जाव पव्वइत्तए। तए णं जियसत्तू सुबुद्धिं एवं वयासी - अच्छसु ताव देवाणुप्पिया ! कइवयाइं वासाइं उरालाई जाव भुंजमाणा । तओ पच्छा एगर्यो थेराणं अंतिए मुंडे भवित्ता जाव पव्वइस्सामो । तए णं सुबुद्धी जियसत्तुस्स रन्नो एयमढे पडिसुणेइ । तए णं तस्स जियसत्तुस्स रन्नो सुबुद्धिणा सद्धिं विपुलाई माणुस्सगाई जाव पञ्चणुब्भवमाणस्स दुवालस वासाई वीइकताई। तेणं कालेणं २ थेरागमणं। जियसत्तू धम्मं सोचा एवं जं नवरं देवाणुप्पिया! सुबुद्धिं आमंतेमि जेट्टपुत्तं रज्जे ठावेमि तए णं तुम्भं अंतिए जाव पव्वयामि । अहासुहं देवाणुप्पिया । तए णं जियसत्तू राया जेणेष सए गिहे तेणेव उवागच्छइ २ सुबुद्धिं सहावेइ २ एवं वयासी- एवं खलु मए थेराणं जाव पव्वयामि । तुम णं किं करेसि ? तए णं सुबुद्धी जियसत्तुं एवं वयासी जाव के अन्ने आधारे वा जाव पव्वामि । तं जइ णं देवाणुप्पिया जाव पव्वाहि । गच्छह णं देवाणुप्पिया ! जेट्टपुत्तं च कुटुंबे ठावेहि २ सीयं दुरुहित्ताणं ममं अंतिए सीया जाव पाउन्भवइ । तए णं जियसत्तू कोडुंबियपुरिसे सहावेइ २ एवं वयासी - गच्छह णं तुब्भे देवाणुप्पिया ! अदीणसत्तुस्स कुमारस्स रायाभिसेयं उवट्ठवेह जाव अभिसिंचंति जाव पव्वइए । तए णं जियसत्तू एक्कारस अंगाई अहिजइ बहूणि वासाणि परियाओ मासियाए संलेहणाए जाव सिद्धे । तए णं सुबुद्धी एकारस अंगाई अहिजित्ता बहुणि वामाणि जाव सिद्धे । ___ एवं खलु जंबू । समणेणं भगवया महावीरेणं जाव संपत्तेणं बारसमस्स नायज्झयणस्स अयमढे पन्नत्ते त्ति बेमि ।। ॥बारसमं नायज्झयणं समत्तं ॥१२॥ Page #154 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 141 -XIII.99] नायाधम्मकहाओ ॥तेरसमं अल्झयणं॥ (99) जइ णं भंते ! समणेणं जाव संपत्तेणं बारसमस्स अयमढे पश्नत्ते तेरसमस्स के अटे पन्नत्ते ? एवं खलु जंबू ! तेणं कालेणं २ रायगिहे नयरे गुणसिलए चेइए समोसरणं परिसा निग्गया । तेणं कालेणं २ सोहम्मे कप्पे दहुरैवडिंसए विमाणे सभाए सुहम्माए दहुरंसि सीहासणंसि दुहुरे देवे चाहिं सामाणियसाहस्सीहिं चउहिं अग्गमाहिसीहिं संपरिसाहिं एवं जहा सूरियामे जाव दिव्वाइं भोगभोगाई भुंजमाणे विहरइ इमं च णं केवलकप्पं जंबुद्दीवं दीवं विउलेणं ओहिणा आभोएमाणे २ जाव नट्टविहिं उवदंसित्ता पडिगए जहा सूरियाभे। भंते ! त्ति भगवं गोयमे समणं ३ वंदइ नमसइ २ एवं वयासी - अहो णं भंते ! दडुरे देवे महिड्डिए ६ । दुहुरस्स णं भंते ! देवस्स सा दिव्वा देविड्डी ३ कहिं गया? कहिं पविट्ठा ? गोयमा ! सरीरं गया सरीरं अणुपविट्ठा कूडागारदिटुंतो।दहु. रेणं भंते ! देवेणं सा दिव्वा देविड्डी ३ किन्ना लद्धा जाव अभिसमन्नागया ? एवं खलु गोयमा ! इहेव जंबुद्दीवे २ भारहे वासे रायगिहे गुणसिलए चेइए सेणिए राया । तत्थ णं रायगिहे नंदे नाम मणियारसेट्ठी परिवसइ अड्डे दित्ते । तेणं कालेणं २ अहं गोयमा ! समोसड्डे परिसा निग्गया सेणिए वि निग्गए । तए णं से नंदे मणियारसेट्ठी इमीसे कहाए लढे समाणे व्हाए पायचारेणं जाव पज्जुवासइ । नंदे धम्म सोच्चा समणोवासए जाए । तए णं अहं रायगिहाओ पडिनिक्खंते बहिया जणवयविहारं विहरामि । तए णं से नंदमणियारसेट्ठी अन्नया कयाइ असाहुदंसणेण य अपज्जुवासणाए य अणणुसासणाए य असुस्सूसणाए य सम्मत्तपज्जवेहि परिहायमाणोहिं २ मिच्छत्तपनवेहिं परिवड्डमाणेहिं २ मिच्छत्तं विष्पडिवन्ने जाए यावि होत्था । तए णं नंदे मणियारसेट्ठी अन्नयाँ कयाइ गिम्हकालसमयांस जेट्ठामूलांसि मासंसि अट्ठमभत्तं परिगेण्हइ २ पोसहसालाए जाव विहरइ । तए णं नंदस्स अट्ठमभत्तंसि परिणममाणंसि तण्हाए छुहाए य अभिभूयस्स समाणस्स इमेयारूवे अज्झथिए ४ - धना गं ते जाव ईसरपभियओ जेसि णं रायगिहस्स बहिया बहूओ वावीओ Page #155 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 142 मायाधम्मकहाओ [XIII.99पोक्खरिणीओ जाव सरसरपंतियाओ जत्थ णं बहुजणो ण्हाइ य पियइ य पाणियं च संवहइ । तं सेयं खलु मम कल्लं सेणियं रायं आपुच्छित्ता रायगिहस्स बहिया उत्तरपुरथिमे दिसीभागे बेन्मारपव्वयस्स अदूरसामंते वत्थुपाढगरोइयंसि भूमिभागसि नंदं पोक्खरिणिं खणावेत्तए त्तिकटु एवं संपेहेइ २ कल्लं जाव पोसहं पारेइ २ पहाए कयबलिकम्मे मित्तनाइ जाव संपरिबुडे महत्थं जाव पाहुडं रायारिहं गेण्हइ २ जेणेव सेणिए राया तेणेव उवागच्छइ जाव पाहुडं उवट्ठवेइ २ एवं वयासी - इच्छामि णं सामी ! तुब्भेहिं अब्भणुन्नाए समाणे रायगिहस्स बहिया जाव खणावेत्तए । अहासुहं देवाणुप्पिया । तए णं से नंदे सेणिएणं रना अब्भणुनाए समाणे हट्टतुढे रायगिहं नगरं मझमझेणं निग्गच्छइ २ वत्थुपाढयरोईयांस भूमिभागसि नंदं पोक्खरणिं खणावेउं पयत्ते यावि होत्था । वए णं सा नंदा पोक्खरणी अणुपुव्वेणं खम्ममाणा २ पोक्खरेणी जाया यावि होत्था चाउकोणा समतीरा अणुपुव्वं सुजायवप्पसीयलजला संच्छन्नपत्तभिसमुणाला बहुउप्पलपउमकुमुदनलिणसुभगसोगंधियपुंडरीयमहापुंडरीयसयपतसहस्सर्पत्तपुप्फफलकेसरोववेया परिहत्थभमंतमत्तछप्पयअणेगसउणगणमिगुणवियरियसद्दनइयमहुरसरनाइया पासाईया ४। तए णं से नंदे मणियारसेट्ठी नंदाए पोक्खरिणीए चउदिास चत्तारि वणसंडे रोषावेइ । तए णं ते वणसंडा अणुपुव्वेणं सारक्खिनमाणा संगोविजमाणा संवड्डिजमाणा य वणसंडा जाया किण्हा जाव निउरंबभूया पत्तिया पुफिया जाव उवसोभेमाणा २ चिट्ठति ! तए णं नंदे पुरथिमिल्ले वणसंडे एगं महं चित्तसभं करावेइ २ अणेगखंभसयसंनिविलु पासाइयं ४ । तत्थ णं बहूणि किण्हाणि य जाव सुकिलाणि य कट्ठकम्माणि य पोत्थकम्माणि य चित्तलेप्पगंथिमवेढिमपुरिमसंघाइमाई उवदंसिज्जमौणाई २ चिट्ठति । तत्थ णं बहूणि आसणाणि य सयणाणि य अत्थुयपञ्चत्थुयाई चिट्ठति । तत्थ णं बहवे नडा य नट्टा य जाव दिनभईभत्तवेयणा तालायरकम्मं करेमाणा विहरति । रायगिहविणिग्गओ तत्थ णं बहुजणो तेसु पुव्वन्नत्थेसु आसणसयणेसु संनिसण्णो य संतुयट्टो Page #156 -------------------------------------------------------------------------- ________________ -XII.99] नायाधम्मकहाओ 143 य सुणमाणो य पेच्छमाणो य साहेमाणो य सुहंसुहेणं विहरइ । तए णं नंदे दाहिणिल्ले वणसंडे एगं महं महाणससालं कारावेइ अणेगखंभ जाव रूवं । तत्थ णं बहवे पुरिसा दिन्नभइभत्तवेयणा विउलं असणं ४ उवक्खडेंति बहूणं समणमाहणअतिहिकिवणवणीमगाणं परिभाएमाणा २ विहरंति ! तए णं नंदे मणियारसेट्ठी पञ्चत्थिमिल्ले वणसंडे एगं महं तिगिच्छियसालं करेइ अणेगखंभसय जाव पडिरूवं । तत्थ णं बहवे वेज्जा य वेजपुत्ता य जाणुया य जाणुयपुत्ता य कुसला य कुसलपुत्ता य दिन्नभइभत्तवेयणा बहूणं वाहियाण य गिलाणाण य रोगियाण य दुब्बलाण य तेइच्छकम्मं करेमाणा विहरति । अन्ने य तत्थ बहवे पुरिसा दिनभइ० तेसिं बहुणं वाहियाण य रोगियगिलाणदुब्बलाण य ओसहभेसबभत्तपाणेणं पडियारकम्मं करेमाणा विहरति । तए णं नंदे उत्तरिल्ले वणसंडे एगं महं अलंकारियसभं कारेइ अणेगखंभसय जाव पडिरूवं । तत्थ णं बहवे अलंकारियमणुस्सा दिनभइभत्तपाणा बहूणं समणाण य माहणाण य सनाहाण य अणाहाण य गिलाणाण य रोगियाण य दुब्बलाण य अलंकारियकम्मं करेमाणा २ विहरति । तए णं तीएं नंदाए पोक्चरिणीए बहुवे सणाहा य अणाहा य पंथिया य पहिया य करोडियाँ तणहारा पत्तहारा कट्ठहारा अप्पेगइया व्हायंति अप्पेगइया पाणियं पियंति अप्पेगइया पाणियं संवहंति अप्पेगइया विसज्जियसेयजलमलपरिस्समनिहखुप्पिवासा सुहंसुहेणं विहरति । रायगिहनिग्गओ वि एत्थ बहुजणो किं ते जलरमणविविहमजणकयलिलयाहरयकुसुमसत्थरयअणेगसउणगणकयरिभियसंकुलेसु सुहंसुहेणं अभिरममाणो २ विहरइ। तए णं नंदाए पोक्खरिणीए बहुजणो व्हायमाणो य पीयमाणो य पाणियं च संवहमायो य अन्नमन्नं एवं वयासी - धन्ने मं देवाणुप्पिया ! नंदे मणियारसेट्ठी क्रयत्थे जाव जम्मजीवियफले जस्स पं इमेयारूवा नंदा पोक्खरिणी चाउकोणा जाव पडिरूवा जस्स णं पुरथिमिल्ले तं चेव सवं चासु बि वणसंडेसु जाव रायगिहविणिग्गओ जत्थ बहुजणो आसणेसु म सगणेसु ब समिसण्यो य संतुयट्टो य प्रेच्छमाणो म साहेमाणो च Page #157 -------------------------------------------------------------------------- ________________ नायाधम्मकहाओ [XIIL.100सुहंसुहेणं विहरइ । तं धन्ने कयत्ये कयलक्खणे कयपुण्णे कया णं लोया सुलद्धे माणुस्सए जम्मजीवियफले नंदस्स माणयारस्स । तए णं रायगिहे सिंघाडग जाव बहुजणो अन्नमन्नस्स एवमाइक्खइ ४ - धन्ने णं देवाणुप्पिया! नंदे मणियारे सो चेव गमओ जाव सुहंसुहेणं विहरइ । तए णं से नंदे मणियारे बहुजणस्स अंतिए एयमढे सोचा निसम्म हट्ठतुढे धाराहयकयंबकं पिव समूसवियरोमकूवे परं सायासोक्खमणुभवेमाणे विहरइ । (100) तए णं तस्स नंदस्स मणियारसेहिस्स अन्नया कयाइ सरीरगंसि सोलस रोयायंका पाउन्भूया तंजहा- सासे कासे जरे दाहे कुच्छिसूले भगंदरे । अरिसा अजीरए दिहीमुद्धसूले अकारए ॥१॥ अच्छिवेयणा कण्णवेयणा कंडू दैउदरे कोढे ॥ तए णं से नंदे मणियारसेट्ठी सोलसहिं रोयायंकेहिं अभिभूए समाणे कोडुंबियपुरिसे सहावेइ २ एवं वयासी- गच्छह णं तुम्भे देवाणुप्पिया ! रायगिहे नयरे सिंघाडग जाव पहेसु महया २ सहेणं उग्घोसेमाणा २ एवं वयह-एवं खलु देवाणुप्पिया! नंदस्स मणियारस्स सरीरगंसि सोलस रोयायका पाउन्भूया तंजहा - सासे जाव कोढे । तं जो णं इच्छइ देवाणुप्पिया ! विजो वा विनपुत्तो वा जाणुओ वा २ कुसलो वा २ नंदस्स मणियारस्स तेसिं च णं सोलसण्हं रोयायंकाणं एगमवि रोयायंकं उवसामित्तए तस्स णं नंदे मणियारे विउलं अत्थसंपयाणं दलयइ तिकटु दोश्चपि तश्चंपि घोसणं घोसेह २ एयमाणत्तियं पञ्चप्पिणह तेवि तहेव पञ्चप्पिणंति । तए णं रायगिहे इमेयारूवं घोसणं सोचा निसम्म बहवे वेज्जा य वेजपुत्ता य जाव कुसलपुत्ता य सत्थकोसहत्थगया य सिलियाहत्थगया य गुलियाहत्थगया य ओसहभेसज्जहत्थगया य सएहिं २ गिहेहितो निक्खमंति २ रायगिहं मझमझेणं जेणेव नंदस्स मणियारसेहिस्स गिहे तेणेव उवागच्छंति २ नंदस्स मणियारस्स सरीरगं पासंति २ तेसिं रोयायंकाणं नियाणं पुच्छंति २ नंदस्स मणियारस्स बहुहिं उचलणेहि य उव्वट्टणेहि य सिणेहपाणेहि य वमणेहि य विरेयणेहि य सेयणेहि य अवहणेहि य Page #158 -------------------------------------------------------------------------- ________________ -XII.100] नायाधम्मकहाओ _145 अवण्हावणेहि य अणुवासणाहि य बत्थिकम्मेहि य निरूहेहि य सिरावेहेहि य तच्छणाहि य पच्छणाहि य सिराबत्थीहि य तप्पणाहि य पुंडवाएहि य छल्लीहि य वल्लीहि य मूलेहि य कंदेहि य पत्तेहि य पुप्फेहि य फलेहि य बीएहि य सिलियाहि य गुलियाहि य ओसहेहि य भेसजेहि य इच्छंति तेसिं सोलसण्हं रोयायंकाणं एगमवि रोयायकं उवसामित्तए नो चेव णं संचाएंति उवसामेत्तए । तए णं ते बहवे विजा य ६ जाहे नो संचाएंति तेसिं सोलसण्हं रोयायंकाणं एगमवि रोयायकं उवसामित्तए ताहे संता तंता जाव पडिगया । तए णं नंदे मणियारे तेहिं सोलसेहिं रोयायंकेहिं अभिभूए समाणे नंदाए पुक्खरिणीए मुच्छिए ४ तिरिक्खजोणिएहिं निबद्धाउए बद्धपएसिए अट्टदुइट्टषसट्टे कालमासे कालं किच्चा नंदाए पोक्खरिणीए दहुरीए कुच्छिसि दुहुरत्ताए उववन्ने । तए णं नंदे दैहुरे गम्भाओ विप्पमुक्के समाणे उमुक्कबालभावे विनायपरिणयमित्ते जोव्वणगमणुप्पत्ते नंदाए पोक्खरिणीए अभिरममाणे २ विहरइ । तए णं नंदाए पोक्खरिणीए बहुजणो ण्हायमाणो य पियई ये पाणियं च संवहमाणो अन्नमनं एवमाइक्खइ ४- धन्ने णं देवाणुप्पिया ! नंदे मणियारे जस्स णं इमेयारूवा नंदा पुक्खरिणी चाउकोणा जाव पडिरूवा जस्स णं पुरथिमिल्ले वणसंडे चित्तसभा अणेगखंभ तहेव चत्वारि सभाओ जाव जम्मजीवियफले । वए णं तस्स दहुरस्स तं आभक्खणं २ बहुजणस्स अंतिए एयमदं सोचा निसम्म इमेयारूवे अन्झथिए ४ समुप्पज्जित्था - से कहिं मन्ने भए इमेयारूवे सहे निसंतपुव्वे तिकटु सुभेणं परिणामेणं जाव जाईसरणे समुप्पन्ने पुध्वजाई सम्मं समागच्छइ । तए णं तस्स दुहुरस्स इमेयारूवे अन्झथिए ४-एवं खलु अहं इहेव रायगिहे नयरे नंदे नाम मणियारे अड्डे । तेणं कालेणं २ समणे भगवं महावीरे इह समोसड्डे । तए णं मए समणस्स ३ अंतिए पंचाणुव्वइए सत्तसिक्खावइए जाव पडिवन्ने । तए णं अहं अन्नया कयाइ असाहुदंसणेणं य जाव मिच्छत्तं विप्पडिवन्ने । तए णं अहं अन्नया कयाइं गिम्हकालसमयसि जाव उवसंपन्जित्ताणं विहरामि Page #159 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 146 नायाधम्मकाओ [ XT11.100 एवं जव चिंता आपुच्छणा नंदापुक्खरिणी वणसंडा सहाओ तं चैव सव्वं जाब नंदाए दहुरत्ताए उववन्ने । तं अहो णं अहं अहन्ने अपुण्णे अकयपुण्णे निग्गंथाओ पावयणाओ नट्ठे भट्ठे परिब्भट्ठे । तं सेयं खलु ममं सयमेव पुव्वपडिवन्नाई पंचाणुव्वयाई उवसंपजित्ताणं विहरित्तए । एवं संपेहेइ २ पुञ्वपडिवन्नाई पंचाणुव्वयाई जाव आरुहइ २ इमेयारूवं अभिग्गहं अभिगिves - कप्पइ मे जावज्जीवं छटुंछद्वेणं अणिक्खित्तेणं अप्पाणं भावेमाणस्स विहरित्तए । छट्ठस्स वि य णं पारणगंसि कप्पइ मे नंदाए पोक्खरिणीए परिपेरंतेस फासुएणं ण्हाणोदएणं उम्महणालोलियाहि य वित्तिं कप्पेमा णस्स विहरित्तए । इमेयारूवं अभिग्गहं अभिगेण्हइ जावजीवाए छट्ठछट्ठे जाव विहरइ । तेणं कालेणं २ अहं गोयमा ! 1 गुणसिलए समोसड़े परिसा निम्गया । तए णं नंदाए पोक्खरिणीए बहुजणो व्हाइ ३ अन्नमन्नं जाव समणे ३ इहेव गुणसिलए चेइए समोसड्ढे । तं गच्छामो णं देवाणुप्पिया ! समणं ३ वंदामो जाव पज्जुवासामो । एवं 1 इहभवे परभवे यहियाए जाव आणुगामियत्ताए भविस्सइ । तए तरस दहुरस्स बहुजणस्स अंतिए एयमहं सोच्चा निसम्म अयमेयारूवे अज्झथिए ४ समुपज्जत्था - एवं खलु समणे ३ समोसढे । तं गच्छामि णं वंदामि । एवं संपेहेइ २ नंदाओ पुक्खरिणीओ सणियं २ उत्तरेइ जेणेव रायमग्गे तेणेव उवागच्छइ २ ताए उक्किट्ठाए ५ दहुरगईए वीईवयमाणे जेणेव ममं अंतिए तेणेव पहारेत्थ गमणाए । इमं चणं सेणिए राया भिंभसारे व्हाए कयकोउय जाव सव्वालंकारविभूसिए हत्थिखंधवरगए सकोरेंट मल्लदा मेणं छत्तेणं धरिज्जमाणेणं सेयवरचामरेहि य उद्धव्वमाणे हिं इयगयरह० महया भडचडगरचा उरंगिणीए सेणाए सद्धिं संपरिवुडे मम पायवंदए हव्वमागच्छइ । तए णं से दहुरे सेणियस्स रन्नो एगेणं आसकिसोरएणं वामपाएणं अते समाणे अंत निग्घाइए कए यावि होत्था । तए णं से दहुरे अथामे अबले अवीरिए अपुरिसक्कार परक्कमे अधारणिनमित्तिकट्टु एगतमवक्कमइ करथैल जाव एवं बयासी - नमोत्थु णं अरहंताणं जव संपत्ताणं । नमोत्थु णं मम धम्मायरियस्स जाव संपाविउकामस्स | Page #160 -------------------------------------------------------------------------- ________________ -XIV.101] नायाधम्मक हाओ पुव्विपि य णं मए सजणस्स ३ अंतिए थूलए पाणा इवाए पञ्चखाए बाव थूलए परिग्गहे पञ्चकखाए । तं इयाणिपि तस्सेव अंतिए सव्वं पाणाइवायं पञ्चकखामि जाव सव्वं परिग्गहं पञ्चकखाभि जावज्जीवं सव्वं असणं ४ पञ्चक्खामि जावज्जीवं जंपि य इमं सरीरं इटुं कंत जाव मा फुसंतु एयंपि य णं चरिमेहिं ऊसासेहिं वोसिरामि त्तिकट्टु । त से दहुरे कालमासे कालं किया जाव सोहम्मे कप्पे दरवर्डिसए उबवायसभाए दद्दुरदेवत्ताए उववन्ने । एवं खलु गोयमा ! दद्दुरेण सा दिव्वा देविड्डी लद्धा ३ । दद्दुरस्त णं भंते ! देवस्स केवइयं कालं ठिई पन्नत्ता ? गोयमा ! चत्तारि पलिओवमाई ठिई पन्नत्ता । दहुरे णं भंते ! देवे ताओ देवलोगाओ आउक्खएणं ठिइक्खएणं कहिं गच्छिहिइ कहिं उववज्जिहिइ ? गोयमा । सेणं दद्दुरे देवे महाविदेहे वासे सिज्झिहिइ बुज्झिहि मुचिहिइ जाव अंत करेहिइ | 147 एवं खलु जंबू ! समणेणं भगवया महावीरेणं जाव संपत्तेणं वेरसमस्स नायज्झयणस्स अयमट्ठे पन्नत्ते त्ति बेमि 11 ॥ तेरसमं नायज्झयणं संमत्तं ॥ १३ ॥ || चोदसमं अज्झयणं ॥ ( 101 ) जइ णं भंते ! समणेणं जाव संपत्तेणं तेरसमस्स नायज्झयणस्स अयमट्ठे पन्नत्ते चोदसमस्स के अट्ठे पन्नत्ते ? एवं खलु जंबू ! तेणं कालेणं २ तेथेलिपुरं नाम नैयरं । पमयवणे उज्जाणे । कणगरहे राया । तरस णं कणगरहस्स पउमावई देवी । तस्स णं कणगरहस्स रन्नो तेयलिपुत्ते नामं अमचे सामदंडभेयनिउणे । तत्थ णं ते यलिपुरे कलादे नामं मूसियारदारए होत्था अड्ढे जाव अपरिभूए । तस्स णं भद्दा नामं भारिया । तस्स णं कलायस मूसिया रदारगस्स धूया भद्दाए अंतया पोट्टिल नामं दारिया होत्था रूवेण य उक्किट्ठा जाव उक्किट्ठसरीरा । तए णं सा पोट्टिला दारिया अन्नया कयाइ व्हाया सव्वालंकारविभूसिया Page #161 -------------------------------------------------------------------------- ________________ नायाधम्मक हाओ [XIV.101 चेडिया चक्कवाल संपरिवुडा उप्पि पासायवरगया आगास तलगंसि कणगतिंदूसणं कलमाणी २ विहरइ । इमं च णं तेयलिपुत्ते अमचे पहाए आसखंधवरगए महया भडचडगर० आसवाहणियाए निज्जायमाणे कलार्यस्स मूसियारदारंगस्स गिहस्स अदूरसामंतेणं वीईवयइ । तए णं से तेयलिपुत्ते अमचे मूसियारदारगागिहस्स अदूरसामंतेणं बीईवयमाणे २ पोहिलं दारियं उप्पि आगांसतलगंसि कणगतिंदूसएणं कलिमाणीं पासइ २ पोहिलाए दारियाए रुवे य जाव अज्झोववन्ने कोटुंबियपुरिसे सहावेइ २ एवं वयासीएस णं देवाणुपिया ! कस्स दारिया किंनामधेज्जा वा ? तए णं कोडंबियपुरिसा तेयलिपुत्तं एवं वयासी - एस णं सामी ! कलायस्स मूसियारदारयस्स धूया भद्दाए अत्तया पोट्टिला नामं दारिया रूवेण य जाव उक्किट्ठसरीरा । तए णं से तेयलिपुत्ते आसवहणियाओ पडिनियत्ते समाणे अब्भितरठाणिज्जे पुरिसे सद्दावेइ २ एवं वयासी - गच्छह णं तुब्भे देवाणुप्पिया ! कलायस्स २ धूयं भद्दाए अत्तयं पोट्टिलं दारियं मम भारियत्ताए वरेह । तए णं ते अभितरठाणिज्जा पुरिसा ते यलिणा एवं वृत्ता हट्ठा करयल • तहत्ति जेणेव कलायस्स २ गिहे तेणेव उवागया । तए णं से कला २ ते पुरिसे एजमाणे पासइ २ हट्टतुट्ठे आसणाओ अन्मुट्ठेइ २ संत्तट्ठपयाई अणुगच्छइ २ आसणेणं उवणिमंतेइ २ आसत्थे वीसत्थे सुहासणवरगए एवं वयासी - संदिसंतु णं देवाणुप्पिया ! किमागमण - ओयणं । तए णं ते अभितरठाणिज्जा कलायं २ एवं वयासी - अम्हे णं देवाणुपिया ! तव धूयं भद्दाए अत्तयं पोट्टिलं दारियं तेयलिपुत्तस्स भारियत्ताए वरेमो । तं जइ णं जाणसि देवाणुप्पिया ! जुत्तं वा पत्तं वा सलाहणिज्जं वा सरिसो वा संजोगो ता दिज्जउ णं पोट्टिला दारिया तेयलिपुत्तस्स । तो भण देवाणुपिया ! किं दलामो सुक्कं । तए णं कलाए २ ते अभितरठाणिज्जे पुरिसे एवं बयासी - एस चेव णं देवाणुप्पिया ! मम सुकं जन्नं तेयलिपुत्ते मम दारियानिमित्तेणं अणुग्गहं करेइ । ते ठाणिजे पुरिसे विपुलेणं असणेणं ४ पुष्फवत्थ जाव मल्लालंकारेणं सक्कारेइ सम्माणेइ पडिविसज्जेइ । तए णं ने पुरिसा कलायस्स २ गिहाओ पडिनियत्तंति २ 148 Page #162 -------------------------------------------------------------------------- ________________ _149 --XIV:102] नायाधम्मकहाओ जेणेव तेयलिपुत्ते अमच्चे तेणेव उवागच्छंति २ तेयलिपुत्तं एयमढे निवेइंति । तए ण कलाए.२ अन्नया कयाइं सोहणसि तिहिकरणनक्खत्तमुहुतंसि पोट्टिलं दारियं ण्हायं सव्वालंकारविभूसियं सीयं दुरूहेत्ता मित्तणाइसंपरिवुडे सयाओ गिहाओ पडिनिक्खमइ २ सव्विड्डीए ४ तेयलिपुरं नयरं मझमज्झेणं जेणेव तेयलिस्स गिहे तेणेव उवागच्छइ पोट्टिलं दारियं तेयलिपुत्तस्स सयमेव भारियत्ताए दलयइ । तए णं तेयलिपुत्ते पोट्टिलं दारियं भारियत्ताए उवणीयं पासइ २ पोट्टिलाए सद्धिं पट्टयं दुरूहइ २ सेयापीएहिं कलसेहिं अप्पाणं मजावेइ २ अग्गिहोमं करेइ २ पाणिग्गहणं करेइ २ पोट्टिलाए भारियाए मित्तनाइ जाव परियणं विउलेणं असणपाणखाइमसाइमेणं पुप्फवत्थ जाव पडिविसज्जेइ । तए णं से तेयलिपुत्ते पोट्टिलाए भारियाए अणुरत्ते अविरत्ते उरालाई जाव विहरइ। (102) तए णं से कणगरहे रजे यरतु य बले य वाहणे य कोसे य कोट्ठागारे य अंतेउरे य मुच्छिए ४ जाए २ पुत्ते वियंगेइ । अप्पेगइयाणं हैत्थंगुलियाओ छिंदइ अप्पेगइयाणं हत्थंगुट्ठए छिंदइ। एवं पायंगुलियाओ पौयंगुट्ठए वि कण्णसंकुलीयाओ वि नासापुडाई फालेइ अंगोवंगाई वियंगेइ । तएणं तीसे पउमावईए देवीए अन्नया कयाइ पुठवरत्तावरत्तकालसमयंसि अयमेयारूवे अज्झथिए ४ समुप्पजित्था - एवं खलु कणगरहे राया रज्जे य जाव पुत्ते वियंगेइ जाव अंगमंगाई वियंगेइ । तं जइ णं अहं दारयं पयामि सेयं खलु मम तं दारगं कणगरहस्स रहस्सिययं चेव सारक्खमाणीए संगोवेमाणीए विहरित्तए त्तिकटु एवं संपेहेइ २ तेयलिपुत्तं अमञ्चं सहावेइ २ एवं वयासी-एवं खलु देवाणुप्पिया ! कणगरहे राया रज्जे य जाव वियंगेइ । तं जइ णं अहं देवाणुप्पिया ! दारगं पयायामि तए णं तुम कणगरहस्स रहस्सिययं चेव अणुपुव्वेणं सारक्खमाणे संगोवेमाणे संवड्डेहि । तए णं से दारए उमुक्कबालभावे जाव जोव्वणगमणुप्पत्ते तव य मम य भिक्खाभायणे भविस्सइ । तए णं से तेयलिपुत्ते पउमावईए एयमढें पडिसुणेइ २ पडिगए । तए णं पउमावई देवी पोट्टिला य अमच्ची सममेव गन्भं गेण्हइ सममेव परिवहति । तए णं सा Page #163 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 150 नायाधम्मकहाओ [XIV.102पठमावई नवण्हं मासाणं जाव पियदसणं सुरूवं दारगं पयाया । जं रयणिं च णं पउमावई दारयं पयाया तं रयाणिं च णं पोट्टिला वि अमञ्ची नवण्हं मासाणं विणिपोयमावन्नं दारियं पयाया । तए णं सा पउमावई देवी अम्मधाई सद्दावेइ २ एवं पयासी- गच्छह णं तुमं अम्मो ! तेयलि. पुत्तं रहस्सिययं चेव सहावेहि । तए णं सा अम्मधाई तहत्ति पडिसुणेइ २ अंतेउरस्स अवदारेणं निग्गच्छइ २ जेणेव तेयलिस्स गिहे जेणेव तेयलिपुत्ते तेणेव उवागच्छइ २ करयल जाव एवं वयासी - एवं खलु देवाणुप्पिया ! पउमावई देवी सदावेइ । तए णं तेयलिपुत्ते अम्मधाईए अंतिए. एयमढे सोचा हट्ठतुढे अम्मधाईए साढे सयाओ गिहाओ निग्गच्छइ २ अंतेउरस्स अवदारेणं रहस्सिययं चेव अणुप्पविसइ २ जेणेव पउलावई तेणेव उवागच्छइ करयल जाव एवं वयासो-संदिसंतु णं देवाणुप्पिया ! जं मए कायव्वं । तए णं पउमावई तेयलिपुत्तं एवं वयासी - एवं खलु कणगरहे राया जात्र वियंगेइ । अहं च णं देवाणुप्पिया! दारगं पयाया। तं तुन्भे णं देवाणुप्पिया ! एयं दारगं गेहाहि जाव तव मम य भिक्खाभायणे भविरसइ तिकटु तेयलिपुत्तस्स हत्थे दलयइ । तए णं तेयलिपुत्ते पउमावईए हत्थाओ दारगं गेण्हइ उत्तरिजेणं पिहेई २ अंतेउरस्स रहस्सिययं अवदारेणं निग्गच्छइ २ जेणेव सए गिहे जेणेव पोट्टिला भारिया वेणेव उवागच्छइ २ पोटिलं एवं वयासी - एवं खलु देवाणुप्पिए ! कणगरहे राया रजे य जाव वियंगेइ । अयं च णं दारए कणगरहस्स पुत्ते पउमावईए अत्तए । तन्नं तुमं देवाणुप्पिए! इमं दारगं कणगरहस्स रहस्सिययं चेव अणुपुव्वेणं सारक्खाहि य संगोवेहि य संवड्डेहि य । तए णं एस दारए उमुक्कबालभावे तव य मम य पउमावईए य आहारे भविस्सइ तिकटु पोट्टिलाए पासे निक्खिवैइ २ पोट्टिलाएं पासाओ तं विणिहायमावन्नियं दारियं गेण्हइ २ उत्तरिजेणं पिहेई २ अंतेउरस्स अवदारेणं अणुप्पविसइ २ जेणेव पउमावई देवी तेणेव उवागच्छइ २ पउमावईए देवीए पासे ठावेइ जाव पडिनिग्गए । तए णं तीसे पउमावईए अंगपडि Page #164 -------------------------------------------------------------------------- ________________ -XIV.104] नायाधम्मकहाओ 151 यारियाओ पउमावई देवि विणिहायमावन्नियं दारियं पयायं पासंति २ जेणेव कणगरहे राया तेणेव उवागच्छंति २ करयल जाव एवं वयासीएवं खलु सामी ! पउमावई देवी मएल्लियं दारियं पयाया। तए णं कणगरहे राया तीसे मएल्लियाए दारियाए महया नीहरणं करेइ बहूई लोगियाई मयकिच्चाई करेइ २ कालेणं विगयसोए जाएँ। तए णं से तेयलिपुत्ते कल्लं कोडुंबियपुरिसे सद्दावेइ २ एवं वयासी - खिप्पामेव चारगसोहणं जाव ठिइपडियं जम्हा णं अम्हं एस दारए कणगरहस्स रज्जे जाए तं होउ णं दारए नामेणं कणगज्झए जाव अलंभोगसमत्थे जाए । (103) तए णं सा पोट्टिला अन्नया कयाइ तेयलिपुत्तस्स अणिट्ठा ५ जाया यावि होत्था नेच्छइ णं तेयलिपुत्ते पोट्टिलाए नामंगोयमवि सवणयाए किंपुण दसणं वा परिभोगं वा । तए णं तीसे पोट्टिलाए अन्नया कयाइं पुव्वरत्तावरत्तकालसमयंसि इमेयारूवे अज्झथिए ४ जाव समुप्पन्जित्था – एवं खलु अहं तेयलिस्स पुन्वि इट्ठा ५ आसि इयाणिं अणिट्ठा ५ जाया । नेच्छइ णं तेयलिपुत्ते मम नाम जाव परिभोगं वा ओहयमणसंकप्पा जाव झियायइ । तए णं तेयलिपुत्ते पोट्टिलं ओहयमणसंकप्पं जाव झियायमाणं पासइ २ एवं वयासी – मा णं तुम देवाणुप्पिए ! ओहयमणसंकप्णा जाव झियाहि । तुम णं मम महाणसंसि विपुलं असणं ४ उवक्खडावेहि २ बणं समणमाहण जाव वणीमगाणं देयमाणी य दवावेमाणी य विहरीहि । तए णं सा पोट्टिला तेयलिपुत्तेणं अमञ्चेणं एवं वुत्ता समाणी हट्ठा तेयलिपुत्तस्स एयमद्वं पडिसुणेइ २ कल्लाकल्लिं महाणसंसि विपुलं असणं ४ जाव दवावेमाणी विहरइ। (104) तेणं कालेणं २ सुन्वयाओ नाम अजाओ इरियासमियाओ भाव गुत्तबंभचारिणीओ बहुस्सुयाओ बहुपरिवाराओ पुन्वाणुपुवि चरमाणीओ जेणामेव तेयलिपुरे नयरे तेणेव उवागच्छंति २ अहापडिरूवं उग्गहं ओगिण्हंति २ संजमेणं तवसा अप्पाणं भावेमाणीओ विहरति । तए णं तासि सुव्वयाणं अजाणं एगे संघाडए पढमाए पोरिसीए सज्झायं करेइ जाव अडमाणीओ तेयलिस्स गिहं अणुपविट्ठाओ। तए णं सा Page #165 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 158 नायाधम्मकहाओ [XIV.104. पोटिला ताओ अजाओ एजमाणीओ पासइ २ हट्टतुट्ठा आसणायो अब्भुढेइ वंदइ नमसइ २ विपुलेणं असणेणं ४ पडिलामेइ २ एवं वयासी - एवं खलु अहं अजाओ! तेयलिपुत्तस्स पुटिव इट्ठा ५ आसि इयाण अणिट्ठा ५ जाव दंसणं वा परिभोगं वा । तं तुन्भे गं अजाओ बहुनायाओ बहुसिक्खियाओ बहुपढियाओ बहूणि गामागर जाव आहिडह बहूणं राईसर जाव गिहाइं अणुपविसह । तं अत्थियाइं भे अजाओ! केइ कहिंचि चुण्णजोए वा मंतजोगे वा कम्मणजोए वा हियउडावणे षा काउड्डावणे वा आभिओगिए वा वसीकरणे वा कोउयकम्मे वा भूइकम्मे वा मूले वा कंदे वा छल्ली वल्ली सिलिया वा गुलिया वा ओसहे वा भेसज्जे वा उवलद्धपुव्वे जेणाहं तेयलिपुत्तस्स पुणरवि इट्ठा ५ भवेज्जामि ? तए णं ताओ अन्नाओ पोट्टिलाए एवं वुत्ताओ समाणीओ दोवि कणे अंगुलियं ठवेंति २ पोट्टिलं एवं वयासी- अम्हे णं देवाणुप्पिए! समणीओ निग्गंथीओ जाव गुत्तबंभचारिणीओ । नो खलु कप्पइ अम्हं एयप्पगारं कण्यहिं वि निसामित्तए किमंग पुण उवदसित्तए वा आयरित्तए वा । अम्हे णं तव देवाणुप्पिया! विचित्तं केवलिपन्नत्तं धम्म परिकहिजामो । तए णं सा पोट्टिला ताओ अजाओ एवं वयासी - इच्छामि णं अजाओ ! तुभं अंतिए केवलिपन्नत्तं धम्म निसामित्तए । तए णं ताओ अन्जाओ पोट्टिलाए विचित्तं धम्म परिकहति । तए णं सा पोट्टिला धम्म सोचा निसम्म हट्ठा एवं वयासी-सदहामि णं अज्जाओ ! निग्गंथं पावयणं जाव से जहेयं तुम्भे वयह । इच्छामि णं अहं तुम्भं आंतिए पंचाणुव्वइयं जाव धम्म पडिवज्जित्तए । अहासुहं देवाणुप्पिया। तए णं सा पोट्टिला तासिं अजाणं अंतिए पंचाणुव्वइयं जाव धम्म पडिवनइ ताओ अजाओ वंदइ नमसइ २ पडिविसज्जेइ । तए णं सा पोट्टिला समणोवासिया जाया जाव पडिलाभेमाणी विहरइ । __(105) तए णं तीसे पोट्टिलाए अन्नया कयाइ पुव्वरत्तावरत्तकालसमयसि कुटुंबजागरियं जागरमाणीए अयमेयारूवे अज्झथिए ४एवं खलु अहं तेयलिपुत्तस्स पुटिव इट्ठा ५ आसि इयाणिं अणिट्ठा ५ जाव Page #166 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 153 -XIV:106] नायाधम्मकहाओ परिभोगं वा । तं सेयं खलु ममं सुव्वयाणं अजाणं अंतिए पन्वइत्तए । एवं संपेहेइ २ कल्लं जेणेव तेयलिपुत्ते तेणेव उवागच्छइ २ करयल जाव एवं वयासी - एवं खलु देवाणुप्पिया ! मए सुव्वयाणं अजाणं अंतिए धम्मे निसंते जाव अब्भणुन्नाया पव्वइत्तए ! तए णं तेयलिपुत्ते पोट्टिलं एवं वयासी - एवं खलु तुमं देवाणुप्पिए! भुंडा पव्वइया समाणी कालमासे कालं किच्चा अणंतरेसु देवलोएसु देवत्ताए उववनिहिसि । तं जइ णं तुमं देवाणुप्पिए ! ममं ताओ देवलोगाओ आगम्म केवलिपन्नत्ते धम्मे बोहेहि तो हं विसज्नेमि । अह णं तुम ममं न संबोहेसि तो वे न विसज्जेमि । तए णं सा पोट्टिला तेयलिपुत्तस्स एयमहँ पडिसुणेइ । तए णं तेयलिपुत्ते विउलं असणं ४ उवक्खडावेइ २ मित्तनाइ जाव आमंतेइ जाव सम्माणेइ २ पोट्टिलं व्हायं जाव पुरिससहस्सवाहिणीयं सीयं दुरूहित्ता मिचनाइ जाव संपरिबुडे सव्विड्डीए जाव रवेणं तेयलिपुरं मझमझेणं जेणेव सुव्वयाणं उवस्सए तेणेव उवागच्छइ २ सीयाओ पञ्चोरुहइ २ पोटिलं पुरओकटु जेणेव सुव्वया अज्जा तेणेव उवागच्छइ २ वंदइ नमसइ २ एवं वयासी- एवं खलु देवाणुप्पिया ! मम पोट्टिला भारिया इट्ठा ५ । एस णं संसारभउव्विग्गा जाव पव्वइचए । पडिच्छंतु णं देवाणुप्पिया ! सिस्सिणिभिक्खं । अहासुहं मा पडिबंधं । तए णं सा पोट्टिला सुव्वयाहिं अजाहिं एवं वुत्ता समाणी हट्ठा उत्तरपुरस्थिमं दिसीमागं अवकमइ २ सयमेव आभरणमल्लालंकारं ओमुयइ २ सयमेव पंचमुट्ठियं लोयं करेइ २ जेणेव सुव्वयाओ अजाओ तेणेव उवागच्छह २ वंदइ नमसइ २ एवं वयासी - आलित्ते गंभंते । लोए एवं जहा देवाणंदा जाव एक्कारस अंगाई बहूणि वासाणि सामण्णपरियागं पाउणइ. २ मासियाए संलेहणाए अत्ताणं झोसेत्ता साहि भत्ताई अणसणेणं छेएत्ता आलोइयपडिकता समाहिपत्ता कालमासे कालं किच्चा अर्भयरेसु देवलोएसु देवत्ताए उववन्ना । (106) तए णं से कणगरहे राया अन्नया कयाइ कालधम्मुणा संजुत्ते यावि होत्था । तए णं ते राईसर जाव नीहरणं करेंति २ २. Page #167 -------------------------------------------------------------------------- ________________ नायाधम्मक हाओ [XIV.106 1 अक्रमन्नं एवं बबासी – एवं खलु देवाणुप्पिया ! कणगरहे राया रखने य़ जाव पुत्ते बियंगित्थां । अम्हे णं देवाणुप्पिया ! रायाहीणा रायाहिट्ठिया रायाहीणकज्जा । अयं च णं तेयली अमचे कणगरहस्स रन्नो सम्बट्टापेस सव्वभूमियासु लद्धपचर दिनषिबारे सव्वक जावडविए यावि होत्था । तं सेयं खलु अहं तेवलिपुत्तं अमचं कुमारं जाइत्तर तिकट्टु अन्नमन्नस्स एयम परिसुर्णेति २ जेणेव तेयलिपुत्ते अमणे तेथेव उवागच्छंति २ तेयलिपुवं एवं पयासी - एवं खलु देषाणुप्पिया ! कणगरहे राया रख्ने य रहे व जाव वियंगेइ । अम्हे णं देवाणुप्पिया ! रायाहीणा जाव राजाहीणकब्जा । तुमं च पं. देवाणुप्पिया ! कणगरहस्स रनो सव्वठाणेसु बाब रखधुराचिवर होत्था । तं जइ णं देवाणुप्पियां ! अस्थि केइ कुमारे राधे लक्खणसंपन्ने अभिनेयारिहे तणं तुमं अम्हं दलाहि जणं अम्हे महया २ रायाभिसेएणं अभिसिंचामो । तए णं तेयलिपुचे तेसि ईसर जाब एयमहं पडिसुणेइ २ कणगन्झयं कुमारं व्हायं जाव सस्सिरीषं करेइ २ तेसिं ईसर जाव उबणे २ एवं बयासी एस णं देवाणुप्पिया ! कणनरहस्स रन्नो पुत्ते पउमाबाईए देबीए अत्तए कणमज्झए नामं कुमारे अभियारिहे. रायलक्खणसंपन्ने मए कणगरहस्स रनो रहस्सिययं संबड्डिए । एयं णं तुरूभे महया २ रायाभिसेएणं अभिसिंह | सब्बं च 'सिं उट्ठाणपरियाणियं परिकहेइ । तए णं ते ईसर जाव कणमाचं कुमारं महया रायाभिसेणं अभिसिंचंांति । तए णं से क्रष्णगन्झय कुमारे राया जाए महाहिमवंत कृष्णओ जाव रज्जं पेसाहेमाणे विहरइ । चर णं सां पउमावई देवी कणगायं रामं सदानेइ २ एवं बयासी एस पुत्ता ! तच रज्जे नाव अंतेउरे य तुमं च तेजलिपुत्तस्स श्रमश्चस्स पभावेणं । तं तुमं णं सेवलिपुत्तं अमचं आढाहि परिजाप्पाहि समारेहि सम्माहिं इस अधुहि ठियं प्रज्जुवा साहि वचंतं पडिसंसादि अद्धासणेण उवणिमंतेहि भोगं च से अणुवडेहि । तए पणं से कफाच्झर पउमावईए तहत्ति बयणं चढिसुइ जाव भोगं च से संचढेइ । (107) तट से मोहिले देवे तेयलिपुत्तं अभिनखणं २ के लि 154 - - Page #168 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 18 -XIV.ion नावावरमकहानो पन्नाचे धम्मे संबोहेह नो चेव णं से तेपलिपुत्ते संबुन्मइ । सए पां. सस पोट्टिलदेवस्स इमेयारूवे अज्झथिए ४-एवं खलु कणगझए राया वेयलिपुतं बाढाइ बाब भोगं च संवड्डे । तए णं से तेयलिपुत्ते अभिक्षण र संबोहिज्जमाणे वि धम्मे नो संबुज्झइ । त सेयं खलु कणगझयं तेयलिपुत्ताओ विप्परिणामिचए त्तिकदु एवं संपेहेइ २ कणगज्झयं सेयलिपुत्चाओ विप्परिणामेइ । तए णं तेयलिपुत्ते कल्लं हाए जाव पायच्छित्ते आसखंधवरगए बहहिं पुरिसेहिं सद्धिं संपरिखुडे सयाओ गिहाओ निग्गच्छइ २ जेणेव कणगज्झए राया तेणेव पहारेत्थ गमणाए । तए पं तेयालिपुत्तं अमचं जे जहा बवे राईसरतलवर जाव पभियओ पासंति ते तहेव आढायंति परियाणति अन्मुटुंति २ अंजलिपरिग्गहं करेंति इटाहिं कंताहिं जाव वग्गूहिं मालवमाणा य संलवमाणा य पुरओ. य पिट्ठओ य पासओ य मग्गओ य समणुगच्छंति । तए णं से तेयलिपुत्ते जेणेव कणगझए तेणेव उवागच्छा। तए णं से कणगज्झए तेयलिपुत्तं एजमाणं पासइ २ नो आदाइ नो परियाणाइ नो अब्भुटेइ अणाढायमाणे ३ परम्मुहे संचिट्ठइ । तए णं से तेयलिपुत्ते कणगज्झयस्स रन्नो अंजालं करेइ । तए णं से कणगाए राया अणाढायमाणे तुसिणीए परम्मुहे संचिठ्ठइ । तए णं सेयलिपुत्ते कणगझयं रायं विप्परिणयं जाणिचा भीए जाव संजायभए एवं वयासीरहे णं मम कणगज्झए राया । होणे णं मम कणगझए राया । अव माए पं कणगझएँ । तं न नबइ णं मम केणइ कुमारेण मारेहिइ चिकटु भीए तत्थे जाव सामियं २ पञ्चोसक्कइ २ तमेव आसखंधं दुरूहह २ वेयलिपुरं मझमज्झेणं जेणेव सए गिहे तेणेव पहारेत्थ गमणाए । तप णं तेयलिपुत्तं जे जहा ईसर जाव पासंति ते तहा नो आढायंति नो परियाणंति नो अब्भुट्टेति नो अंजलिं० इट्ठाई जाव नो संलवंति नो पुरषो य पिटुंओ य पासओ समणुगच्छंति । वएणं तेयलिपुत्ते जेणेव सए गिहे तेणेव उवागए । जा वि य से तत्थ बाहिरिया परिसा भवइ तंजहा - दासे इ वा पेसे इ वा भाइलए इ वा सा वि य णं नो आढाइ ३।जा वि य से अभितरिया परिसा भवइ तंजहा- पिया इ वा माया इ वा जाव सुण्हा इ Page #169 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 156 नायाधम्मकहाओ (XIV.107वासा वि यणं. नो आढाइ ३। तए णं से तेयलिपुत्ते जेणेव वासघरे जेणेव सयणिज्जे तेणेव उवागच्छइ २ सयणिज्जंसि निसीयइ २ एवं वयासीएवं खलु अहं सयाओ गिहाओ निग्गच्छामि तं. चेव जाव अभितरिया परिसा नो आढाइ नो परियाणाइ नो अब्भुढेइ । तं सेयं खलु मम अप्पाणं जीवियाओ ववरोवित्तए त्तिक एवं संपेहेइ २ तालउडं विसं आसगंसिः पक्खिवइ । से नो संकमइ । तए णं से तेयलिपुत्ते अमचे नीलुप्पल जाव असिं खंधसि ओहरइ । वत्थ वि य से धारा ओपल्ला । तए णं से तेयलिपुत्ते जेणेव असोगवणिया तेणेव उवागच्छइ २ पासगं गीवाए बंधइ २ रुक्खं दुरूहइ २ पासगं रुक्खे बंधइ २ अप्पाणं मुयइ । तत्थ वि य से रज्जू छिन्ना । वए णं से तेयलिपुत्ते महइमहालियं सिल गीवाएं बंधइ २ अत्थाहमतारमपोरिसीयंसि उदगंसि अप्पाणं मुयइ । तत्य वि से थाहे जाए । तए णं से तेयलिपुत्ते सुकंसि तणकूडंसि अगणिकायं पक्खिवइ २ अप्पाणं मुयइ । तत्थ वि य से अगणिकाए विज्झाए। तए णं से तेयलिपुत्ते एवं वयासी - सद्धेयं खलु भो समणा वयंति । सद्धेयं खलु भो माहणा वयंति । सद्धेयं खलु भो समणा माहणा वयंति । अहं एगो असद्धेयं वयामि । एवं खलु अहं सह पुत्तेहिं अपुत्ते । को मेदं सहहिस्सइ ? सह मित्तेहिं अमित्ते । को मेदं सहहिस्सइ ? एवं अत्थेणं दारेणं दासेहिं पेसेहिं परिजणेणं । एवं खलु तेयलिपुत्तेणं अमघेणं कणगझएणं रना अवज्झाएणं समाणेणं तालपुडगे विसे आसगंसि पक्खित्ते । से वि य नो कमइ । को मेयं सदहिस्सइ ? तेयलिपुत्ते नीलुपल जाव खंधंसि ओहरिए । तत्थ वि य से धारा ओपल्ला । को मेदं सहहिस्सइ ? तेयलिपुत्ते पासगं गीवाए बंधित्ता जाव रज्जू छिन्ना । को मेयं सहहिस्सइ ? तेयलिपुत्ते महालियं जाव बंधित्ता अत्थाह जाव उदगंसि अप्पणिं मुक्के । तत्थ वि य णं थाहे जाए। को मेयं सहहिस्सइ ? तेयलिपुत्ते सुकंसि तणकूडे अग्गी विज्झाए । को मेयं सहहिस्सइ ?- ओहयमणसंकप्पे जाव झियायइ । तए णं से पोट्टिले देवे पोट्टिलारूवं विउव्वइ २ तेयलिपुत्तस्स अदूरसामंते ठिच्चा एवं वयासी-हं भो तेयलिपुत्ता ! Page #170 -------------------------------------------------------------------------- ________________ -XIV.109] नायाधम्मकाओ 157 पुरओ पवाए पिटुओ इत्यिभयं दुहओ अचक्खुफा से मज्झे सराणि पतंति | गामे पलिते रेने झियाइ रैन्ने पलित्ते गामे झियाइ । आउसो तेयलिपुत्ता ! कओ वयामो ? तए णं से तेयलिपुत्ते पोट्टिलं एवं वयासीभीयस्स खलु भो ! पव्वज्जा सैरणं । उक्कंट्ठियस्स सदेसगमणं छुहियस्स. अन्नं तिसियस्स पाणं आउरस्स भेसब्बं माइयस्स रहस्सं अभिजुत्तस्स पञ्चयकरणं अद्धाणपरिसंतस्स वाहणगमणं तरिउकामस्स पवईणकिचं परं अभिओजिउकामस्स सहायकिथं । खंतस्स दंतस्स जिइंदियस्स एसो एगमवि न भवइ । तए णं से पोट्टिले देवे तेयलिपुत्तं अमचं एवं वयासी - सुट्टु णं तुमं तेयलिपुत्ता ! एयमहं आयाणहि तिकट्टु दोपि तपि एवं वयई २ जामेव दिसिं पाउब्भूए तामेव दिसिं पडिगए । (108) तएं णं तस्स तेयलिपुत्तस्स सुभेणं परिणामेणं जाईसरणे समुप्पन्ने । तप णं तेयलिपुत्तस्स अयमेयारूवे अज्झत्थिए ४ समुप्पन्ने - एवं खलु अहं इहेव जंबुद्दीवे २ महाविदेहे वासे पोक्खलावईविज़ए पॉडरिगिणीए रायहाणीए महापउमे नामं राया होत्था । तए णं हं थेराणं अंतिए भुंडे भवित्ता जाव चोइसपुव्वाई बहूणि वासाणि सामण्णपरियागं पाउणित्ता मासियाए संलेहणाए महासुके कप्पे देवे । तए णं हं ताओ देवलगाओ आउक्खएणं भवक्खएणं ठिइक्खएणं अणंतरं चयं चइत्ता इहेव तेय लिपुरे तेयलिस अमञ्चस्स भद्दाए भारियाए दारगत्ताए पश्चायाए । तं सेयं खलु मम पुण्वदिट्ठाई महत्वयाइं सयमेव उवसंपज्जित्ताणं विहरित्तए । एवं संपेद्देइ २ सयमेव मईव्वयाई आरुहेइ २ जेणेव पमयवणे उज्जाणे तेणेव उवागच्छइ २ असोगवरपायवस्स अहे पुढविसिला पट्ट्यांस सुहनिसण्णस्स अणुचिंतेमाणस्स पुग्वाहीयाई सामाइयमाइयाई चोहसपुव्वाई सयमेव अभिसमन्नागयाइं । तए णं तस्स्र वेयलिपुत्तस्स अणगारस्स सुभेण परिणामेणं जाव तयावरणिज्जाणं कम्माणं खओवसमेणं कम्मरयविकरणकरं अपुव्वकरणं पविट्ठस्स केवलवरनाणदंसणे समुप्पन्ने । ( 109 ) तप णं तेयलिपुरे नयरे अहासन्निहिएहिं वाणमंतरेहिं देवेहिं देवीहि य देवदुदुहीओ समाहयाओ दसद्धवण्णे कुसुमे निवाइए Page #171 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 158 नारापम्मकहाचो [ZV.10दिब्वे गीयगंधव्वनिनाए कए यावि होत्या। वए से कणगाए राया इमीसे कहाए लखढे समाणे एवं पयासी-एवं खलु वेयलिपुत्ते भए अवझाए मुंडे भविचा पव्वइए। तं गच्छामि णं वेयलिपुत्वं अपगारं वदामि नमसामि २ एयमहं विणएणं मुनो २ खामेमि । एवं संपेहेइ २ हाए चाउरंगिणीए सेणाए जेणेव पमयवणे उजाणे जेणेव तेयलिपुत्ते अणगारे तेणेव उवागच्छइ २ वेयलिपुत्तं वंदइ नमसइ २ एयमहं च विणएणं मुखो २ खामेइ २ नचासन्ने जाव पन्जुवासह। तए पं से तेयलिपुत्ते अणगारे कणगन्मयस्स रनो वीसे य महइमहालियाए परिसाए धम्म परिकहेइ । तए णं से कणगझए राया वेयलिपुचस्स केवलिस्स अंतिए धम्मं सोचा निसम्म पंचाणुव्वइयं सत्तसिक्खावइयं सावगधम्म पडिवनइ २ समणोवासए जाए जाव अभिगयजीवाजीवे । तए णं वेयलिपुत्ते केवली बहूणि वासाणि केवलि परियागं पाउणित्ता जाव सिद्धे । . एवं खलु जंबू! समणेणं भगवया महावीरेणं जाव संपत्तेणं चोदसमस्स नायज्झयणस्स अयमढे पन्नत्ते चिबेमि । जालनायसवर्ष समतं ॥१॥ ॥ पारसमं अज्झयणं ॥ (110) जइ णं भंते ! चोहसमस्स नायज्झयणस्स अयमहे पन्नत्ते पनरसमस्स णं के अटे पन्नत्ते? एवं खलु जंबू ! तेणं कालेणं २ चंपा नाम नयरी होत्या पुण्णभहे चेइए जियसत्तू राया । तत्य णं चंपाए नयरीए धणे नामं सत्यवाहे होत्या अड्डे जाव अपरिभूए । तीसे णं पाए नयरीए उत्तरपुरथिमे दिसीमाए अहिच्छत्ता नाम नयरी होत्या Page #172 -------------------------------------------------------------------------- ________________ -XV.110] बायाधम्मकहाबो 159 रिद्धस्विमियसमिद्धा कपओ । तत्य गं अहिच्छत्ताए नयरीए कणगकेऊ नामं राया होत्या वण्णभो । तए णं तस्स धणस्स सत्यवाहस्स अनया कयाइ पुव्वरत्तावरत्तकालसमयांस इमेयाहवे अझथिए चिंतिए पत्थिए मणोगए संकप्पे समुप्पन्जित्था - सेयं खलु मम विपुलं पणियमंडमायाए अहिच्छत्तं नयरिं वाणिब्बाए गमित्तए । एवं संपेहेह २ गणिमं च ४ चम्विहं भंडं गेण्हइ सगडीसागडं सब्जेइ २ सगडीसागडं भरेइ २ कोडंबियपुरिसे सदावेइ २ एवं घमासन - गच्छह ण तुम्मे देवायुप्पिया ! चंपाए नयरीए सिंघाडग जाब पहेसु एवं वयहे - एवं खलु देवाणुप्पिया! धणे सत्थवाहे विपुलं पणियं आदाय इच्छा अहिच्छत्तं बार वाणिबाए गमित्तए । तं जो पं देवाणुप्पिया! चरए बा चीरिए वा चम्मखंडिए वा बिच्छुडे वा पंडरगे ना मोयमे वा गोवत्तिए मा मिहिम्मचिंतए वाअविरुद्धविरुद्धवुड्साबगरसपडनिम्गंथप्पमिइकासंडत्थे वा गिहत्थे वा धणेणं साद्धिं अहिच्छत्तं नयरिं गच्छइ तस्स णं धणे अच्छत्चगस्स छत्तगं दलाइ अणुवाहणस ओवाहणाओ दळयह अकुंडियस कुंडियं दलयइ अपत्थयणल्स पत्थयणं दलयइ अपक्खेवमस्स पक्खेवं दलयइ अंतरा वि य से पडियस्स वा भग्गलुम्गस्स साहेनं दलयइ सुहंसुहेण य अहिच्छत्तं संपावेह त्तिकटु दोच्चपि तद्यपि घोसणं घोसेह २ मम एयमाणात्तियं पञ्चप्पिणह । तएणं ते कोडुबियपुरिसा आव एवं बवासी- हंदि सुणंतु भगवंतो चंपानयरीवत्थव्या बहवे चरगा जाव पच्चप्पिणति । तए णं वेसि कोदुंबियपुरिसाणं अंतिए एयमहं सोया चंपाए नयरीए बहवे चरगा य जाब गिहत्या य जेणेव धणे सत्यवाहे तेणेव उवागच्छति । तए णं धणे सत्यवाहे सेसि परमाण य वाव मिहत्याण य अच्छतगस्स छत्तं दलयइ नाव पत्थवणं दलाहगच्छह णं तुब्ने देवाणुपिया ! चंपाए नयरीए बहिया अगुजाणंसि ममं पडिक्लेमाणा बिहह । एते घरमा य० धणं सत्यवाहणे एवं बुचा समाजाका विति । तए पंधणे सत्यवाहे सोहणसि विहिकरणसमस विशाल असणं ४ उवक्खडाह २ मिचनाइ प्रामसेइर भोगणं Page #173 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 180 नायाधम्मकहाणो [xv.110भोयावेइ. २ आपुच्छइ २ सगडीसागडं जोयावेइ २ चपाओ नयरीओ निग्गच्छइ नाइविप्पगिटेहिं अद्धाणेहिं वसमाणे २ सुहेहि वसहिपायरासेहिं अंगंजणवयं मझमझेणं जेणेव देसंग्गं तेणेव उवागच्छइ २ सगडीसागडं मोयावेइ सत्यनिवेसं करेइ २ कोडंबियपुरिसे सहावेइ २. एवं वयासीतुम्भे णं देवाणुप्पिया ! मम सत्थानवेसंसि महया २ सद्देणं उग्घोसेमाणा २ एवं वयह – एवं खलु देवाणुप्पिया! इमीसे आगामियाए छिन्नावायाए दीहमद्धाए अडवीए बहुमज्झदेसभाए एत्थ णं बहवे नंदिफला नाम रुक्खा पन्नत्ता किण्हा जाव पत्तिया पुफिया फलिया. हरिया रेरिबमाणा सिरीएं अईव २ उवसोभेमाणा चिट्ठति मणुन्ना वण्णेणं ४ जाव मणुन्ना फासेणं मणुन्ना छायाए । तं जो णं देवाणुप्पिया ! तेसिं नंदिफलाणं रुक्खाणं मूलाणि वा कंदतयपत्तपुप्फफलबीयाणि वा हरियाणि वा आहारेइ छायाए वा वीसमइ तस्स णं आवाए भदए भवइ तओ पच्छा परिणममाणा २ अकाले चेव जीवियाओ ववरोवेइ । तं मा णं देवाणुप्पिया ! केई तेसिं नंदिफलाणं मूलाणि वा नाव छायाए वा वीसमउ मा णं से वि अकाले चेव जीवियाओ ववरोविन्जिस्सइ । तुन्भे णं देवाणुप्पिया ! अन्नोसिं रुक्खाणं मूलाणि य नाव हरियाणि य आहारेह छायासु वीसमह त्ति घोसणं घोसेह जाव पञ्चप्पिणंति । तए णं धणे सत्यवाहे सगडीसागडं जोएइ २ जेणेव नंदिफला रुक्खा तेणेव उवागच्छइ २ तेसि नंदिफलाणं अदूरसामंते सत्यनिवेसं करेइ २ दोश्चंपि तपि कोडुंबियपुरिसे सद्दावेइ २ एवं वयासी-तुब्भेणं देवाणुप्पिया ! मम सत्यनिवेसंसि महया २ सहेणं उग्घोसेमाणा २ एवं वयह - एए णं देवाणुप्पिया! ते मंदिफला रुक्खा किण्हा जाव मणुना छायाए। तं जो गं देवाणुप्पिया। एएसिं नंदिफलाणं रुक्खाणं मूलाणि वा कंदपुप्फतयापत्तफलाणि जाव अकाले चेव जीवियाओ ववरोवेइ । तं मा णं तुन्भे जाव वीसमह मा. अकाले चेव जीवियाओ ववरोविसंति अन्नेसिं रुक्खाणं मूलाणि य जाव वीसमह तिकटु घोसणं जाव पञ्चप्पिणंति । तत्थ णं अत्यंगइया पुरिसा धणस्स सत्थवाइस्स एयमटुं सहहंति जाव रोयंति एयमढे सरहमाणा Page #174 -------------------------------------------------------------------------- ________________ -Xv.110] नायाधम्मकहाओ 161 तेसिं नंदिफलाणं दूरंदूरेणं परिहरमाणा २ अन्नोस रुक्खाणं मूलाणि य जाव वीसमंति । तेसि णं आवाए नो भदए भवइ तओ पच्छा परिणममाणा २ सुभरूवत्ताए ५ भुजो २ परिणमंति । एवामेव समणाउसो ! जो अम्हं निग्गंथो वा २ जाव पंचसु कामगुगेसु नो सज्जइ से णं इहभवे चेव बहूणं समणाणं ४ अञ्चणिज्जे परलोए नो आगच्छइ जाव वीईवइस्सइ । तत्थ णं अप्पेगइया पुरिसा धणस्स एयमद्वं नो सहहंति ३ धणस्स एयमढे असहहमाणा ३ जेणेव ते नंदिफला तेणेव उवागच्छंति २ तेसिं नंदिफलाणं मूलाणि य जाव वीसमंति तेसिं णं आवाए भदए भवइ तओ पच्छा परिणममाणा जाव ववरोति । एवामेव समणाउसो ! जो अम्हं निग्गंथो वा २ पव्वइए पंचसु कामगुणेसु सजइ जाव अणुपरियट्टिस्सइ जहा व ते पुरिसा । तए णं से धणे सगडीसागडं जोयावेइ २ जेणेव अहिच्छत्ता नयरी तेणेव उवागच्छइ २ अहिच्छत्ताए नयरीए बहिया अग्गुजाणे सत्यनिवेसं करेइ २ सगडीसागडं मोयावेइ । तए णं से धणे सत्थवाहे महत्थं ३ रायारिहं पाहुडं गेण्हइ २ बहुपुरिसेहिं सद्धिं संपरिवुडे अहिच्छत्तं नयरिं मझमझेणं अणुप्पविसइ २ जेणेव कणगकेऊ राया तेणेव उवागच्छइ २ करयल जाव वद्धावेइ २ तं महत्थं ३ पाहुडं उवणेइ । तए णं से कणगकेऊ राया हहतुढे धणस्स सत्थवाहस्स तं महत्थं जाव पडिच्छइ २ धणं सत्थवाहं सक्कारेइ सम्माणेइ २ उस्सुक वियरइ २ पडिविसज्जेइ २ भंडविणिमयं करेइ २ पडिभंडं गेण्हइ २ सुहंसुहेणं जेणेव चंपा नयरी तेणेव उवागच्छइ २ मित्तनाइअभिसमनागए विपुलाई माणुस्सगाई जाव विहरइ। तेणं कालेणं २ थेरागमणं धणे सत्थवाहे धम्मं सोचा जेट्टपुत्तं कुटुंबे ठावेत्ता जाव पव्वइए सामाइयमाइयाई एक्कारस अंगाई बहूणि वासाणि जाव मासियाए जाव अन्नयरेसु देवलोएसु देवत्ताए उववन्ने महाविदेहे वासे सिझिहिइ जाव अंतं करेहिइ। . एवं खलु जंबू! समणेणं जाव संपत्तेणं पन्नरसमस्स नायज्झयणस्स अयमढे पन्नत्ते त्तिबेमि। पचरसम नायज्झयणं समत्तं ॥१५॥ Page #175 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 162 नायाधम्मकहाओ [ xvi.111 ॥ सोलसमं अज्झयणं ॥ (111) जइ णं भंते ! समणेणं ३ जाव संपत्तेणं पन्नरसमस नायज्झयणस्स अयमढे पन्नत्ते सोलसमस्स णं भंते ! नायज्झयणस्स के अढे पन्नत्ते ? एवं खलु जंबू ! तेणं कालेणं २ चंपा नामं नयरी होत्था । तीसे णं चंपाए नयरीए बहिया उत्तरपुरत्थिमे दिसीभाए सुभूमिभागे नाम उज्जाणे होत्था । तत्थ णं चंपाए नयरीए तओ माहणा भायरो परिवसंति तंजहा - सोमे सोमदत्ते सोम ई अड्डा जाव अपरिभूया रिउव्वेयजउव्वेयसामवेयअथव्वणवेय जाव सुपरिनिट्ठिया। तेसिं माहणाणं तओ भारियाओ होत्था तंजहा - नागसिरी भूयासिरी जक्खसिरी सुकुमाला जाव तेसि णं माहणाणं इट्ठाओ विउले माणुस्सए कामभोए भुंजमाणा विहरति । तए णं तेसिं माहणाणं अन्नया कयाइ एगयओ समुवागयाणं जाव इमेयारूवे मिहोकहासमुल्लावे समुप्पजित्था - एवं खलु देवाणुप्पिया ! अम्हं इमे विउले धणे जाव सावएज्जे अलाहि जाव आसत्तमाओ कुलवंसाओ पकामं दाउं पकामं भोत्तुं पकामं परिभाएउं । तं सेयं खलु अम्हं देवाणुप्पिया ! अन्नमन्नस्स गिहेसु कल्लाकल्लिं विपुलं असणपाणखाइमसाइमं उवक्खडेउं परिभुंजेमाणाणं विहरित्तए । अन्नमन्नस्स एयमé पडिसुणेति कल्लाकलिं अन्नमन्नस्स गिहेसु विपुलं असणं ४ उवक्खडावेंति २ परिभुजेमाणा विहरंति । तए णं तीसे नागसिरीए माहणीए अन्नया कयाइ भोयणवारंए जाए यावि होत्था । तए णं सा नागसिरी माहणी विपुलं असणं ४ उवक्खडाँवेइ २ एगं महं सालइयं तित्तलाउयं बहुसंभारसंजुत्तं नेहावगाढं उवक्खडावेइ एगं बिंदुयं करयलंसि आसाएइ २ तं खारं कडुयं अखजं विसभूयं जाणित्ता एवं वयासी - धिरत्थु णं मम नागसिरीए अर्धनाए अपुण्णाए दुभगाए दूभगसत्ताए दूभर्गनिंबोलियाए जाए णं मए सालइए बहुसंभारसंभिए नेहावगाढे उवक्खडिए सुबहुदव्वक्खए नेहक्खए य कए। तं जइ णं ममं जाउयाओ जाणिस्संति तो णं मम खिसिस्सति । तं जावतीव ममं जाउयाओ न जाणंति ताव मम सेयं एवं सालइयं तित्तलाउयं बहुसंभारनेहकयं एगते गोवित्तए अन्नं सालइयं Page #176 -------------------------------------------------------------------------- ________________ -XVI.112] नायाधम्मकहाओ 163 महुरेलाउयं जाव नेहावगाढं उवक्खडित्तए । एवं संपेहेइ २ तं सालइयं जाव गोवेइ २ अन्नं सालइयं महुरेलाउयं उवक्खडेइ २ तेसिं माहणाणं व्हायाणं जाव सुहासणवरगयाणं तं विपुलं असणं ४ परिवेसेइ । वए गं ते माहणा जिमियभुत्तुत्तरागया समाणा आयंता चोक्खा परमसुइभूया सकम्मसंपउत्ता जाया यावि होत्था । तए णं ताओ माहणीओ व्हायाओ जाव विभूसियाओ तं विपुलं असणं ४ आहारेंवि २ जेणेव सयाई २ गिहाई तेणेव उवागच्छंति २ सकम्मसंपउत्ताओ जायाओ। ___(112) तेणं कालेणं २ धम्मघोसा नाम थेरा जाव बहुपरिवारी जेणेव चंपा नयरी जेणेव सुभूमिभागे उज्नाणे तेणेव उवागच्छंति २ अहापडिरूवं जाव विहरंति । परिसा निग्गया धम्मो कहिओ परिसा पडिगया । तए णं तेसिं धम्मघोसाणं थेराणं अंतेवासी धम्मरुई नामं अणगारे उराले जाव तेयलेस्से मासंमासेणं खममाणे विहरइ । तए णं से धम्मरुई अणगारे मासखमणपारणगंसि पढमाए पोरिसीए सज्झायं करेइ २ बीयाए पोरिसीए एवं जहा गोयमसामी तहेव उग्गाहेइ २ तहेव धम्मघोस थेरं आपुच्छइ जाव चंपाए नयरीए उच्चनीयमज्झिमकुलाई जाव अडमाणे जेणेव नागसिरीए माहणीए गिहे तेणेव अणुपविढे। तए णं सा नागसिरी माहणी धम्मरुइं एजमाणं पासइ २ तस्स सालइयस्स तित्तकडुयस्स बहुनेहावगाढस्स एंडणट्टयाए हट्टतुट्ठा उठाए उठेइ २ जेणेव भत्तघरे तेणेव उवागच्छइ २ तं सालइयं तित्तकडुयं च बहुनेहावगाढं धम्मरुहस्स अणगारस्स पडिग्गहसि सव्वमेव निस्सिरइ । तए णं से धम्मरुई अणगारे अहापज्जत्तमित्तिकट्ठ नागसिरीए माहणीए गिहाओ पडिनिक्खमइ २ चंपाए नयरीए मज्झमज्झेणं पडिनिक्खमइ २ जेणेव सुभूमिभागे उज्जाणे तेणेव उवागच्छइ २ जेणेव धम्मघोसा थेरा तेणेव उवागच्छइ २ धम्मघोसस्स अदूरसामंते अन्नपाणं पडिलेहेइ २ अन्नपाणं करयलंसि पडिदंसेइ । तए णं धम्मघोसा थेरा तस्स सालइयस्स नेहावगाढस्स गंधेणं अभिभूया समाणा तओ सालइयाओ नेहावगाढाओ एग बिंदुयं गहाय करयलंसि आसादिति तित्तं' खारं कडुयं अखज्जं Page #177 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 164 नायाधम्मकहाओ [XVI.112अभोजं विसभूयं जाणित्ता धम्मरेई अणगारं एवं वयासी - जइ णं तुमं देवाणुप्पिया! एयं सालइयं जाव नेहावगाढं आहारेसि तो णं तुम अकाले चेव जीवियाओ ववरोविज्जसि । तं मा णं तुम देवाणुप्पिया ! इमं सालइयं जाव आहारेसि मा णं तुमं अकाले चेव जीवियाओ ववरोविज्जसि । तं गच्छह णं तुम देवाणुप्पिया ! इमं सालइयं एगंतमणावाए अचित्ते थंडिल्ले परिहवेहि २ अन्नं फासुयं एसणिजं असणं १ पडिगाहेत्ता आहारं आहारहि । तए णं से धम्मरुई अणगारे धम्मघोसेणं थेरेणं एवं वुत्ते समाणे धम्मघोसस्स थेरस्स अंतियाओ पडिनिक्खमइ २ सुभूमिभागाओ उजाणाओ अदूरसामंते थंडिल्लं पडिलेहेइ २ ताओ सालइयाओ एगं बिंदुगं गहाय २ थंडिलंसि निसिरइ । तए णं तस्स सालइयस्स तित्तकडुयस्स बहुनेहावगाढस्स गंधेणं बहूणि पिपीलिगासहस्साणि पाउन्भूया जा जहा य णं पिपीलिगा आहारेइ सा णं तहा अकाले चेव जीवियाओ ववरोविजइ । तए णं तस्स धम्मरुइस्स अणगारस्स इमेयारूवे अज्झथिए ४- जइ ताव इमस्स सालइयस्स जाव एगंमि बिंदुयंमि पक्खित्तमि अणेगाई पिपीलिगासहस्साई ववरोविजंति तं जइ णं अहं एयं सालइयं थंडिल्लंसि सव्वं निसिरामि तो गं बहूणं पाणाणं ४ वहकरणं भविस्सइ। सेयं खलु मम ऐयं सालइयं जाव नेहावगाढं सयमेव आहारित्तए मम चेव एएणं सरीरएणं निज्जाउ तिकटटु एवं संपेहेइ २ मुहपोत्तियं २ पडिलेहेइ २ ससीसोवरियं कार्य पमज्जेइ २ तं सालइयं तित्तकडुयं बहुनेहावगाढं बिलमिव पन्नगभूएणं अप्पाणएणं सव्वं सरीरकोढगंसि पक्खिवइ । तए णं तस्स धम्मरुइयस्स तं सालइय जाव नेहावगाढं आहारियस्स समाणस्स मुडुत्तंतरेणं परिणममाणांस सरीरगंसि वेयणा पाउन्भूया उज्जला जाव दुरहियासा। तए णं से धम्मरुई अणगारे अथामे अबले अवीरिए अपुरिसक्कारपरक्कमे अधारणिज्जमित्तिकटु आयारभंडगं एगंते ठावेइ २ थंडिल्लं पडिलेहेइ २ दब्मसंथारगं संथारेइ २ दब्भसंथारगं दुरूहइ २ पुरत्थाभिमुहे संपलियंकनिसणे करयलपरिग्गहियं एवं वयासी- नमोत्थु णं अरहंताणं जाव संपत्ताणं नमोत्थु Page #178 -------------------------------------------------------------------------- ________________ -XVI.112] नायाधम्मकहाओ 165 णं धम्मघोसाणं थेराणं मम धम्मायरियाणं मम धम्मोवैएसगाणं पुर्दिव पि गं मए धम्मघोसाणं थेराणं अंतिए सव्वे पाणाइवाए पञ्चक्खाए जावजीवाए जाव परिग्गहे इयाणि पिणं अहं तसिं चेव भगवंताणं अंतिएं सव्वं पाणाइवायं पञ्चक्खामि जाव परिग्गहं पञ्चक्खामि जावज्जीवाए जहा खंदओ जाव चरिमेहिं उस्सासेहिं वोसिरामि त्तिकटु आलोइयपडिकते समाहिपत्ते कालगए । तए णं ते धम्मघोसा थेरा धम्मरुई अणगारं चिरगयं जाणित्ता समणे निग्गंथे सदाति २ एवं वयासी - एवं खलु देवाणुप्पिया ! धम्मरुइस्स अणगारस्स मासक्खमणपारणगंसि सालइयस्स जाव नेहावगाढस्स निसिरणट्ठयाए बहिया निग्गए चिरावेइ । तं गच्छह णं तुब्भे देवाणुप्पिया! धम्मरुइस्स अणगारस्स सव्वओ समंता मग्गणगवेसणं करेह । तए णं ते समणा निग्गंथा जाव पडिसुणेति २ धम्मघोसाणं थेराणं अंतियाओ पडिनिक्खमांत २ धम्मरुइस्स अणगारस्स सव्वओ समंता मग्गणगवेसणं करेमाणा जेणेव थंडिल्लं तेणेव उवागच्छंति २ धम्मरुइयस्स अणगारस्स सरीरगं निप्पाणं निच्चे जीवविप्पजढं पासंति २ हा हा! अहो! अकजमितिकटु धम्मरुइस्स अणगारस्स परिनिव्वाणवत्तियं काउस्सग्गं करेंति धम्मरुइस्स आयारभंडगं गेण्हंति २ जेणेव धम्मघोसा थेरा तेणेव उवागच्छंति २ गमणागमणं पडिक्कमति २ एवं वयासीएवं खलु अम्हे तुब्भं अंतियाओ पडिनिक्खमामो २ सुभूमिभागस्स उन्नाणस्स परिपेरंतेणं धम्मरुइस्स अणगारस्स सव्वं जाव करेमाणा जेणेव थंडिल्ले तेणेव उवागच्छामो जाव इहं हव्वमागया । तं कालगए णं भंते ! धम्मरुई अणगारे इमे से आयारभंडए । तए णं धम्मघोसा थेरा पुढेवगए उवओगं गच्छंति २ समणे निग्गंथे निग्गंथीओ य सहावेंति २ एवं वयासी- एवं खलु अज्जो ! मम अंतेवासी धम्मरुई नामं अणगारे पगइभदए जाव विणीए मासंमासेणं अणिक्खित्तेणं तवोकम्मेणं जाव नागसिरीए माहणीए गिहं अणुपविसंइ । तए णं सा नागसिरी माहणी जाव निसिरइ । तए णं से धम्मरुई अणगारे अहापजत्तमित्तिकटु जाव कालं अणवकंखमाणे विहरइ । से णं धम्मरुई अणगारे बहूणि वासाणि Page #179 -------------------------------------------------------------------------- ________________ नायाधम्मकाओ [ XVI.118 सामण्णपरियागं पाउणित्ता आलोइयपडिक्कते समाहिपत्ते कालमासे कालं किश्वा उडूं सोहम्मे जाव सव्वट्ठसिद्धे महाविमाणे देवत्ताए उवबन्ने । तत्थ णं अत्येगइयाणं जहन्नमणुकोसेणं तेत्तीसं सागरोवमाइं ठिई पन्नता । तत्थ णं धम्मरुइस्स वि देवस्स तेत्तीस सागरोवमाइं ठिई पन्नत्ता । सेणं धम्मरुई देवे ताओ देवलोगाओ जाव महाविदेहे वासे सिज्झिहिइ । 166 (113) तं धिरत्थु णं अज्जो ! नागसिरीए माहणीए अर्धन्नाए अपुण्णाए जाव निंबोलियाए जाए णं तहारूवे साहू साहुरूबे धम्मरुई अणगारे मासक्खमणपारणगंसि सालइएणं जाव गाढेणं अकाले चेव जीवियाओ ववरोविए । तए णं ते समणा निग्गंथा धम्मघोसाणं थेराणं अंतिए एयमहं सोच्चा निसम्म चंपाए सिंघाडग जाब पहेसु बहुजणस्स एवमाइक्खंति ४ – धिरत्थु णं देवाणुपिया ! नागसिराए जाव निंबोलियाए जाए णं तहारूवे साहू साहुरूवे सालइएणं जीवियाओ ववरोविए । तए णं तेसिं समणाणं अंतिए एयमहं सोच्चा निसम्म बहुजणो अन्नमन्नस्स एवमाइक्खइ एवं भासइ - धिरत्यु णं नागसिरीए माहणीए जाव जीवियाओ ववरोविए । तए णं ते माहणा चंपाए नयरीए बहुजणस्स अंतिए एयम सोच्चा निसम्म आसुरुत्ता जाव मिसिमिसेमाणा जेणेव नागसिरी माहणी तेणेव उवागच्छंत २ नागसिरिं माहाणं एवं वयासी - हं भो नागसिरी' ! अपत्थिय पत्थिए ! दुरंत पंतलक्खणे! हीणपुण्णचाउदसे! घिरत्थु णं तव अधन्नाए अपुण्णाए निंबोलियाए जीए णं तुमे तहारूवे साहू साहुरूवे मासखमणपारणगंसि सालइएणं जाव ववरोविए उच्चावयाहिं अक्कोसणाहिं अक्कोसंति उच्चावयाहिं उद्धसणीहिं उद्धसेंति उच्चावयाहिं निन्भच्छणाहिं निब्भच्छेति उच्चावयाहिं निच्छोडणाहिं निच्छोडेंति तज्जेंति तार्लेति तज्जित्ता तालित्ता सयाओ गिहाओ निच्छुभंति । तए णं सा नागसिरी सयाओ गिहाओ निच्छूढा समाणी चंपाए नयरीए सिंघाडगतियचउक्कचञ्चरचउम्महमहापहपहेसु बहुजणेणं होलिजमाणी खिंसिज्ज - माणी निंदिज्जमाणी गरहिज्जमाणी तिज्जिज्जमाणी पव्वहिज्जमाणी धिक्कारिज्जमाणी थुकारिज्जमाणी कत्थइ ठाणं वा निलयं वा अलभ Page #180 -------------------------------------------------------------------------- ________________ -XVI,114] माओ माणी २ दंडीखंडनिवसणा खंडमल्लयखंड घडगहत्थगया फुट्टहडाहडसीसा मच्छियाचडगरेणं अन्निज्जमाणमग्गा गिहंगिहेणं देहं बलियाए वित्तिं कप्पेमाणा विहरइ । तए णं तीसे नागसिरीए माहणीए तब्भवंसि चैव सोलस रोयायंका पाउब्भूया तंजा - सासे कासे जोणिसूले जाव कोढे । तए णं सा नागसिरी माहणी सोलसहिं रोगायंकेहिं अभिभूया समाणी अट्टदुहट्टवसट्टा कालमासे कालं किच्चा छट्ठीए पुढवीए उक्कोसं बावीससागरोवमट्ठिइएस नेरइएस नेरइयत्ताए उववन्ना । सा णं तओ अनंतरं उव्वट्टित्ता मच्छेसु उववन्ना । तत्थ णं सत्थवज्झा दाहवकंतीए कालमा से कालं किच्चा आहेसत्तमाए पुढवीए उक्कोले सागरोवमट्टिईएस नरएस नेरइएमु उववन्ना । सा णं तओणंतरं उब्वट्टित्ता दोचंपि मच्छेसु उववज्जइ । तत्थ वियणं सत्थवज्झा दाहवकंतीए दोचंपि अहे सत्तमा पुढवीए उक्कोससागरोवमहिइएस नेरइएस उववज्जइ । सा णं तओहिंतो जाव उब्वट्टित्ता तच्चपि मच्छेसु उववन्ना । तत्थ वि य णं सत्थवज्झा जाव कालमासे कालं किच्चा दोचंपि छट्ठीए पुढवीए उक्कोसेणं । तओणंतरं उव्वट्टित्ता उरएस एवं जहा गोसाले तहा नेयध्वं जाव रयणप्पभाओ पुंढवीओ उचट्टित्ता सन्नी उववन्ना । तओ उव्वट्टित्ता जाईं इमाई खहयरविहाणांइ जाव अदुत्तरं च णं खरबायरपुढविकाइयत्ताए तेसु अणेगसयसहस्सखुत्तो । સ (114) सा णं तओणंतरं उव्वट्टित्ता इहेव जंबुद्दीवे दीवे भारहे वासे चंपाए नयरीए सागरदत्तस्स सत्यवाहस्स भद्दाए भारिया कुच्छिसि दारित्ता पच्चायया । तए णं सा भद्दा सत्थवाही नवहं मासाणं दारियं पयाया सुकुमालकोमलियं गयतालुयसमाणं । तीसे णं दारियाए निव्वत्तबारसाहियाए अम्मापियरो इमं एयारूवं गोण्णं गुणनिष्पन्नं नामवेज्जं करेंति – जम्हा णं अम्हं एसा दारिया सुकुमाला गयतालुयसमाणा तं होउ णं अम्हं इमीसे दारियाए नामधेज्जं सुकुमालिया २ । तए णं तीसे दारियाए अम्मापियरो नामधेज्जं करेंति सूमलियत्ति । तए णं सा सूमलिया दारिया पंचधाईपरिग्गहिया तंजहा - खीरधाईए जाव गिरिकंदरमल्लीणा इव चंपगलया निवायनिव्वाघायंसि जाव परिवड्डूइ । तप - 167 Page #181 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 168 नायाधम्मकहाओ [XVI.115गं सा सूमालिया दारिया उम्मुक्कबालभावा जाव रूवेण य जोव्वणेण य लावण्णेण य उकिट्ठा उचिट्ठसरीरा जाया यावि होत्था । ___(115) तत्य णं चंपाए नयरीए जिणदत्ते नाम सत्यवाहे अड्डे । तस्स णं जिणदत्तस्स भदा भारिया सूमाला इट्ठा माणुस्सए कामभोगे पञ्चणुब्भवमाणा विहरइ । तस्स णं जिणदत्तस्स पुत्ते भहाए भारियाए अत्तए सागरए नामं दारए सुकुमाले जाव सुरूवे । तए णं से जिणदत्ते सत्थवाहे अन्नया कयाइ सयाओ गिहाओ पडिनिक्खमइ २ सागरदत्तस्स सत्यवाहस्स अदूरसामंतेणं वीईवयइ । इमं च णं समालिया दारिया व्हाया चेडियासंघपरिवुडा उप्पिं आगासतलगंसि कणगतिंदूसएणं कीलमाणी विहरइ। तए णं से जिणदत्ते सत्थवाहे सूमालियं दारियं पासइ२ सूमालियाए दारियाए रूवे य ३ जायविम्हए कोडुबियपुरिसे सहावेइ २ एवं वयासी - एस णं देवाणुप्पिया ! कस्स दारिया किं वा नामधेनं से ? तए णं ते कोडुबियपुरिसा जिणदत्तणं सत्यवाहेणं एवं वुत्ता समाणा हट्टतुट्ठा करयल जाव एवं क्यासी-एस णं सागरदत्तस्स २ धूया भहाए अत्तया सूमालिया नाम दारिया सुकुमालपाणिपाया जाव उक्किट्ठा । तए णं जिणदत्ते सत्थवाहे तोर्स कोडंबियाणं अंतिए एयमढे सोचा जेणेव सए गिहे तेणेव उवागच्छइ २ पहाए मित्तनाइपरिवुडे चपाए नयरीए मझमज्झेणं जेणेव सागरदत्तस्स गिहे तेणेव उवागए । तए णं से सागरदत्ते २ जिणदत्तं २ एजमाणं पासइ २ आसणाओ अब्भुढेइ २ आसणेणं उवनिमंतेइ २ आसत्थं वीसत्थं सुहासणवरगयं एवं वयासी - भण देवाणुप्पिया ! किमागमणपओयणं । तए णं से जिणदत्ते सागरदत्तं एवं वयासी- एवं खलु अहं देवाणुप्पिया! तव धूयं भदाए अत्तियं सूमालियं सागरस्स भारियत्ताए वरेमि । जइ णं जाणह देवाणुप्पिया ! जुत्तं वा पत्तं वा सलाहणिज्जं वा सरिसो वा संजोगो ता दिजउ णं समालिया सागरदारगस्स । तए णं देवाणुप्पियाँ ! किं दलयामो सुकं च सूमालियाए ? तए णं से सागरदचे २ जिणदत्तं २ एवं वयासी - एवं खलु देवाणुप्पिया ! सूमालिया दारियां एगा एगजाया Page #182 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 169 -XVI.116]: नायाधम्मकहाओ इट्ठा ५ जाव किमंग पुण पासणयाए । तं नो खलु अहं इच्छामि सूमालियाए दारियाए खणमवि विप्पओगं। तं जइ णं देवाणुप्पिया ! सागरए दारए मम घरजामाउएं भवइ तो णं अहं सागरदारगस्स सूमालियं दलयामि । तए णं से जिणदत्ते २ सागरदत्तेणं २ एवं वुत्ते समाणे जेणेव सए गिहे तेणेव उवागच्छइ २ सागरदारगं सहावेइ २ एवं वयासीएवं खलु पुत्ता! सागरदत्ते २ ममं एवं वयासी- एवं खलु देवाणुप्पिया! सूमालिया दारिया इट्ठा तं चेव । तं जइ णं सागरदारए मम घरजामाऊए भवइ ताव दलयामि । तए णं से सागरए दारए जिणदत्तेणं २ एवं वुत्ते समाणे तुसिणीए । तए णं जिणदत्ते २ अन्नया कयाइ सोहणंसि तिहिकरणे विपुलं असणं ४ उवक्खडावेइ २ मित्तनाइ आमतेइ जावं सक्कारेत्ता सम्माणेत्ता सागरं दारगं व्हायं जाव सव्वालंकारविभूसियं करेइ २ पुरिससहस्सवाहिणीयं सीयं दुरूहावेइ २ मित्तनाइ जाव संपरिबुडे सव्विड्डीए सयाओ गिहाओ निग्गच्छइ २ चंपं नयरिं मझमझेणं जेणेव सागरदत्तस्स गिहे तेणेव उवागच्छइ २ सीयाओ पच्चोरुहइ २ सागरं दारगं सागरदत्तस्स २ उवणेइ । तए णं से सागरदत्ते २ विपुलं असणं ४ उवक्खडावेइ २ जाव सम्माणेत्ता सागरं दारगं सूमालियाए दारियाए साद्धं पैट्टयंसि दुरूहावेइ २ सेयापीएहिं कलसेहिं मज्जावेइ २ अग्गिहोमं करावेई २. सागरं दारयं सूमालियाए दारियाए पाणिं गेण्हावेइ। . .. - (116) तए णं सागरए सूमालियाए दारियाए इमं एयारूवं पाणिफासं 'संवेदेइ से जहानामए असिपत्ते इ वा जाव मुम्मुरे इ वा एत्तो अणिद्वतराएं चेव पाणिफासं संवेदेई । तए णं से सागरए अकामए अवसवसे मुहुत्तमेत्तं संचिट्ठइ । तए णं सागरदत्ते २ सागरस्स अम्मापियरो मित्तनाइ विपुलं असणं ४ पुप्फवत्थ जाव सम्माणेत्ता पडिविसज्जेइ । तए णं सागरए सूमालियाए सद्धिं जेणेव वासघरे वेणेव उवागच्छइ २ सूमालियाए दारियाए सद्धिं तलिमंसि निवज्जइ । तए णं से सागरए दारए समालियाए दारियाए इमं एयारूवं अंगफासं पडिसंवेदेइ से जहानामए असिपत्ते इ वा नाव २२ Page #183 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 170 नायाधम्मकहायो [XVI.111श्रमणामतरागं चेव अंगफासं पच्चणुब्भवमाणे विहरइतएणं से सागरए दारए सूमालियाए दारियाए अंगफासं असहमाणे अवसवसे मुहुत्तमेत्तं संचिट्ठइ । तए णं से सागरदारए सूमालियं सुहपसुत्तं जाणित्ता सूमालियाए दारियाए पासाओ उठेइ २ जेणेव सए सयणिज्जे तेणेव उवागच्छइ २ सयणीयंसि निवज्जइ । तए णं सूमालिया दारिया तओ महत्तंतरस्स पडिबुद्धा समाणी पइंवया पइमणुरत्ता पई पासे अपस्सैमाणी तलिमाओ उढे २ जेणेव से सयणिज्जे तेणेव उपागच्छइ २ सागरस्स पासे [वजह । तए णं से सागरदारए सूमालियाए दारियाए दोञ्चपि इमं एयारूवं अंगफासं पडिसंवेदेइ जाव अकामए अवसवसे मुहुत्तमेत्तं संचिट्ठइ। तए णं सागरदारए सूमालियं दारियं सुहपसुत्तं जाणिस्ता सयणिज्जाओ उठेइ २ वासघरस्स दारं विहाडेइ २ मारामुक्के विव काए जामेव दिसिं पाउभए तामेव दिसिं पडिगए। - (117) तए णं सूमालिया दारिया तओ मुहुसंतरस्स पडिबुद्धा पतिवया आव अपासमाणी सयणिज्जाओ उठेइ सागरस्स दारगस्स सव्वओ समंता मग्गणगवेसणं करेमाणी २ वासघरस्स दारं विहाडियं पासइ २ एवं वयासी-गए णं से सागरए तिकटु ओहयमणसंकप्पा जाव झियायइ । तए णं सा भद्दा सत्थवाही कल्लं पाटप्पभायाए दासचेडिं सदावेइ २ एवं वयासी- गच्छह णं तुमं देवाणुप्पिए ! वहूवरस्स मुहधोवणियं उवणेहि । तए णं सा दासचेडी भहाए एवं वुत्ता समाणी एयमé तहति पडिसुणेइ २ मुहधोवणियं गेण्हइ २ जेणेव वासघरे तेणेव उवागच्छइ सूमालियं दारियं जाव झियायमाणिं पासइ २ एवं वयासी - किनं तुब्भे देवाणुप्पिया ! ओहयणमणसंकप्पा जाव झियाहि । तए णं सा सूमालिया दारिया तं दासपेडियं एवं वयासी - एवं खलु देवाणुप्पिया! सागरए दारए ममं सुहपसुत्तं जाणित्ता मम पासाओ उठेइ २ वासघरदुवारं अवगुणेइ जाव पडिगए । तए णं है तो मुहुरंतरस्स जाब बिहाडियं पासामि २ गए णं से सागरए त्तिकदु ओहयमणसंकप्पा बाव झियायामि । वए में सा वामधेसी Page #184 -------------------------------------------------------------------------- ________________ -XVI.117] नायाधम्मकहाओ 171 सूमालियाए दारियाए एयमहं सोचा जेणेव सागरदत्ते २ तेणेव उबागच्छइ २ सागरदत्तस्स एयमट्ठ निवेदेह । तए णं से सागरदचे दास - चेडीए अंतिए एयमहं सोचा निसम्म आसुरुचे ४ जाव मिसिमिसेमाणे जेणेव जिणदत्तस्स २ गिहे तेणेव उवागच्छइ २ जिणदत्तं २ एवं बयासी - किन्नं देवाणुप्पिया ! एवं जुतं वा पत्तं वा कुलाणुरूवं वा कुलसरिसं वा जण्णं सागरए दारए सूमालियं दारियं अंदिट्ठदोसवडियं पइवयं विप्पजहाय इहमागए ? बहूहिं खिज्जणियाहि य रुंटणियाहि य उवालंभइ । तए णं जिणदत्ते सागरदुत्तस्स २ एयमहं सोच्चा जेणेव सागरए तेणेव उवागच्छइ २ सागरं दारयं एवं वयासी - दुट्टु णं पुता ! तुमे कयं सागरदचस्स गिहाओ इहं हव्वमागच्छंतेणं । तं गच्छहणं तुमं पुचा ! एवमवि गए सागरदत्तस्स गिहे । तए णं से सागरए जिणदत्तं एवं वयासी - अवियाइं अहं वाओ ! गिरिपडणं वा तरुपडणं वा मरुपैवायं वा जलप्पवायं वा जलणप्पवेसं वा विसभक्खणं वा सत्थोवाडणं वा विहाणसं वा गिद्धपटुं वा पव्वज्जं वा विदेसगमणं वा अब्भुवगच्छेया नो खलु अहं सागरदचस्स गिहं गच्छेज्जा । तणं से सागरदत्ते २ कुंडुंवरियाए सागरस्स एयमहं निसामेइ २ लम्बिए विठी विडे जिणदत्तस्स २ गिहाओ पडिनिक्खमइ २ जेणेव सए गिहे तेणेव उवागच्छइ २ सुकुमालियं दारियं सहावेइ २ अंके निवेसेइ २ एवं वयासी - किन्नं तव पुत्ता ! सागरएणं दारएणं ? अहं णं तुमं तस्स दाहामि जस्स णं तुमं इट्ठा मणांमा भविस्ससि सूमालियं दारियं वाहिं इट्टाहिं जाव वग्गूहिं समासासेइ २ पडिविसज्जेइ । तए णं से सागरदत्ते २ अन्नया उप्पि आगासतलगंसि सुहनिसंण्णे रायमग्गं ओलोएमाणे २ चिट्ठइ । तए णं से सागरदत्ते एगं महं दमगपुरिसं पासइ दंडिखंडनिवसणं खंडमल्ल गखंडघडगहत्थगयं मच्छियासहस्सेहिं जाव अन्निजमाणमग्गं । तए णं से सागरदत्ते सत्थवाहे कोडुंबिय पुरिसे सहावेइ २ एवं वयासी - तुब्भे णं देवाणुप्पिया ! एयं दमगपुरिसं विपुलेणं असणेणं ४ पडिलाभेह गिहं अणुप्पविसेह २ खंडमल्लगं खंड Page #185 -------------------------------------------------------------------------- ________________ नायाधम्मक हाओ [XVI.117 घडगं च से एगंते एडेह २ अलंकारियकम्मं कारेह २ व्हायं कयबल - कम्मं जाव सव्वालंकारविभूसियं करेह २ मणुन्नं असणं ४ भोयाबेह मम अंतियं उवणेह । तए णं से कोडुंबियपुरिसा जाब पडिसुर्णेति २ जेणेव से दमगपुरिसे तेणेव उवागच्छंति २ तं दमगपुरिसं असणेणं ४ उवंप्पलोभंति २ सयं गिहं अणुष्पवेसिंति २ तं खंडमल्लगं खंडघडगं च तस्स दमगपुरिसस्स एगंते एर्डेति । तए णं से दमगपुर से तंसि खंड - मल्लगंसि खंडघडगंसि य एडिज्जमाणंसि महया २ सद्देणं आरसइ । तणं से सागरदत्ते तस्स दमगपुरिसस्स तं महया २ आरसियस सोचा निसम्म कोडुंबिय पुरिसे एवं वयासी - किन्नं देवाणुप्पिया ! एस दमगपुरिसे महया २ सहेणं आरसइ ? तए णं ते कोटुंबियपुरिसा एवं वयासी - एस णं सामी ! तंसि खंडमल्लगंसि खंडघडगंसि य एडिज - माणंसि महया २ सहेणं आरसइ । तए णं से सागरदत्ते २ ते कोडुं - बियपुरिसे एवं वयासी - मा णं तुब्भे देवाणुप्पिया ! एस तं खंडगं जाव एडेह पासे से ठवेह जहा णं पत्तियं भवइ । ते त ठाति २ तस्स दमगस्स अलंकारियकम्मं करेंति २ सयपागसहस्सपागेहिं तेल्लेहिं अभिर्गेति अभिंगिए समाणे सुरभिणा गंधवट्टएणं गायं उबट्टेति २ उसिणोदगेणं गंधोदएणं ण्हाणेंति सीओदगेणं ण्हाणेंति पम्हलसुकुमाल गंधकासाइए गायाई उति २ हंसलक्खणं पडगसाडगं परिर्हेति २ सव्वालंकारविभूसियं करेंति २ विपुलं असणं ४ भोयावेंति २ सागरदत्तस्स समीवे उवर्णेति । तए णं से सागरदत्ते २ सूमालियं दारियं हायं जाव सव्वालंकारविभूसियं करेत्ता तं दमगपुरिसं एवं बयासी - एस णं देवाणुप्पिया ! मम धूया इट्ठा। एयं णं अहं तव भारियत्ताए दलयामि भद्दियाए भद्दओ भवेज्जासि । तए णं से दमगपुरिसे सागरदत्तस्स एयमहं पडिसुणेइ २ सूमालियाए दारियाए सार्द्धं वासघरं अणुविस सूमालिया दारियाए सद्धिं तलिमंसि निवज्जइ । तए णं से दमपुर से सूमालियाए इमं एयारूवं अंगफासं पडिसंवेदेइ सेसं जहा सागरस्स जात्र सयणिज्जाओ अब्भुट्ठेइ २ वासघराओ निग्गच्छइ २ खंड 172 Page #186 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 173 -XVI.118] नायाधम्मकहाओ मल्लगं खंडघडगं च गहाय मारामुक्के विव काए जामेव दिसि पाउन्भूए तामेव दिसिं पडिगए । तए णं सा सूमालिया जाव गए णं से दमगपुरिसे तिकट्टु ओहयमणसंकप्पा जाव झियायइ। ..(118) तए णं सा भद्दा कल्लं पाउप्पभायाए दासचेडिं सदावेइ जाव सागरदत्तस्स एयमह्र निवेदेइ । तए णं से सागरदत्ते तहेव संभंते समाणे जेणेव वासघरे तेणेव उवागच्छइ २ सूमालियं दारियं अंके निवेसेइ २ एवं वयासी-अहो णं तुमं पुत्ता ! पुरापोराणाणं कम्माणं जाव पञ्चणुभवमाणी विहरसि। तं मा णं तुमं पुत्ता ! ओहयमणसंकप्पा जाव झियाहि । तुमं णं पुत्ता ! मम महाणसंसि विपुलं असणं ४ जहा पोटिला जाव परिभाएमाणी विहराहि । तए णं सा सूमालिया दारिया एयमद्वं पडिसुणेइ २ महाणससि विपुलं असणं ४ जाव दलमाणी विहरइ । तेणं कालेणं २ गोवालियाओ अजाओ बहुस्सुयाओ एवं जहेव तेयलिणाए सुध्वयाओ तहेव समोसढाओ तहेव संघाडओ जाव अणुपविढे तहेव जाव सूमालिया पडिलाभेत्ता एवं वयासी - एवं खलु · अजाओ ! अहं सागरस्स अणिट्ठा जाव अमणामा । नेच्छइ णं सागरए दारए मम नामं वा जाव परिभोगं वा । जस्स जस्स वि य णं देज्जामि तस्स तस्स वि य णं अणिट्ठा जाव अमणामा भवामि । तुम्भे य णं अजाओ ! बहुनायाओ एवं जहा पोटिला जाव उवलद्धे णं जेणं अहं सागरस्स दारगस्स इट्ठा कंता जाव भवेजामि । अन्जाओ तहेव भणंति तहेव साविया जाया तहेव चिंता तहेव सागरदत्तस्स आपुच्छइ जाव गोवालियाणं अंतियं पव्वइया । तए णं सा सूमालिया अजा जाया इरियासमिया जाव गुत्तबंभयारिणी बहुहिं चउत्थछट्ठम जाव विहरइ । तए णं सा सूमालिया अज्जा अन्नया कयाइ जेणेव गोवालियाओ अजाओ तेणेव उवागच्छइ २ वंदइ नमसइ २ एवं वयासी - इच्छामि णं अजाओ! तुब्भेहिं अब्भणुन्नाया समाणी चंपाए बाहिं सुभूमिभागस्स उजाणस्स अदूरसामंते छटुंछट्टेणं अणिक्खितेणं तवोकम्मेणं सूराभिमुही आयावेमाणी विहरित्तए । तए णं ताओ गोवालियाओ अजाओ सूमालियं एवं वयासी-अम्हे णं अजो ! Page #187 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 174 नायाधम्मकहायो [XVI.120समणीओ निग्गंथीओ इरियासमियाओ जाव गुत्तबंभचारिणीओ । नो खलु अम्हं कप्पइ बहिया गामस्स वा जाव सन्निवेसस्स वा छटुंछट्टेणं जाव विहरित्तए । कप्पइ णं अम्हं अंवोउवस्सयस्स वपरिक्खिचस्स संघाडिबद्धियाए णं समतलपईयाए आयावेचए । तए णं सा सूमालिया गोवालियाए एयमद्वं नो सहहइ नो पचियइ नो रोएई एयमहूं असदहमाणी ३ सुभूमिभागस्स उजाणस्स अदूरसामंते छटुंछटेणं जाव विहरइ । (119) तत्थ णं चंपाए ललिया नाम गोही परिवसइ नरवइदिन्नपंयारा अम्मापिइनिययनिप्पिवासा वेसविहारकयनिकेया नाणाविहअविणयप्पहाणा अड्डा जाव अपरिभूया । तत्थ णं चंपाए देवदत्ता नाम गणिया होत्था सूमाला जहा अंडनाए । वए णं तीसे ललियाए गोहीए अन्नया कयाइ पंच गोहिल्लगपुरिसा देवदत्ताए गणियाए सद्धिं सुभूमिभागस्स उज्नाणस्स उन्नाणसिरिं पञ्चणुब्भवमाणा विहरति । तत्थ णं एगे गोहिल्लगपुरिसे देवदत्तं गाणयं उच्छंगे धरेइ एगे पिट्टओ आयवचं धरेइ एगे पुप्फपूरगं रएइ एगे पाए रएइ एगे चामरुक्खेवं करेइ । तए णं सा सूमालिया अजा देवदचं गणियं तेहिं पंचहिं गोहिल्लपुरिसेहिं सद्धि उरालाई माणुस्सगाई भोगभोगाई भुंजमाणीं पासइ २ इमेयारूवे संकप्पे समुप्पजित्था - अहो णं इमा इत्थिया पुरापोराणाणं कम्माणं जाव विहरइ । तं जइ णं केइ इमस्स सुचरियस्स तवनियमबंभचेरवासस्स कल्लाणे फलविचिविसेसे अस्थि तो णं अहमवि आगमिस्सेणं भवग्गहणेणं इमेयारूवाइं उरालाई जाव विहरिज्जामि त्तिकद् नियाणं करेइ २ आयावणभूमीएं पच्चोरुभैइ।। (120) तए णं सा सूमालिया अजा सरीरबाउंसा जाया यावि होत्था अभिक्खणं २ हत्थे धोवेइ अभिक्खणं २ पाए धोवेइ सीसं धोवेइ मुहं धोवेइ थणतराई धोवेइ कक्खंतराई धोवेइ गुज्झंवराई घोवेइ जत्थ २ णं ठाणं वा सेज्जं वा निसीहियं वा चेएइ तत्थ वि यणं पुत्वामेव उदएणं अब्भुक्खेत्ता तओ पच्छा ठाणं वा ३ चेएइ । तए णं ताओ गोवालियाओ अजाओ सूमालियं अजं एवं वयासी-एवं खलु अज्जे ! अम्हे Page #188 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 11 XVI.131 नायाधम्मकहाओ समणीओ निग्गंधीओ इरियासमियाओ जाव बंभचेरधारिणीओ।नो खलु कप्पइ अम्हं सरीरबाउसियाए होत्तए। तुमं च णं अजे ! सरीरबाउसिया अभिक्खणं २ हत्ये धोवेसि जाव चेएसि । तं सुमं णं देवाणुप्पिए ! एयस्स ठाणस्स आलोएहि जाव पडिवबाहि । तए णं सूमालिया गोवालियाणं अजाणं एयमद्वं नो आढाइ नो परियाणाइ अणाढायमाणी अपरियाणमाणी विहरइ । तए णं ताओ अजाको समालियं अब्ध अभिक्खणं २ हीलेंति जाव परिभवंति अभिक्खणं २ एयम निवारेंति। तए णं तीसे सूमालियाए समणीहिं निग्गंधीहिं हीलिजमाणीए जाव वारिजमाणीए इमेयारूबे अज्झथिए जाव समुप्पवित्था - जया णं अहं अगारवासमझे वसामि तया णं अहं अप्पक्सा। जया णं अहं मुंडा भवित्ता पव्वइया तया णं अहं परवसा । पुधि च णं ममं समणीओ आढायंति इयाणिं नो आढायति । तं सेयं खलु मम कलं पाउप्पभायाए गोवालियाणं अंतियाओ पडिनिक्खमित्ता पाडिएकं उवस्सयं उघसंपजित्ताणं विहरित्तए तिकटु एवं संपेहेइ २ कल्लं गोवालियाणं अंतियाओ पविनिक्खमइ २ पाडिएक उवस्सयं उपसंपज्जित्ताणं विहरइ । तए णं सा सूमालिया अज्जा अणोहट्टिया अनिवारिया सच्छंदमई अभिक्खणं २ हत्थे धोबेइ जाव घेएइ तत्य वि यणं पासस्था पासस्थविहारिणी ओसन्ना ओसन्नविहारी कुसीला कुसलिविहारी संसत्ता संसत्तविहारी बहणि वासाणि सामण्णपरियागं पाउणइ २ अद्धमासियाए संलेहणाए तस्स ठाणस्स अणालोइयपडिकंता कालमासे कालं किच्चा ईसाणे कप्पे अन्नयरंसि विमाणंसि देवगणियत्ताए उववन्ना। तत्थेगइयाणं देवीणं नवपलिओवमाई ठिई पन्नता। तत्थ णं समालियाए देवीए नवपलिओषमाई ठिई पमता। .. (191) तेणं कालेणं २ इहेव जंबुद्दीवे २ भारहे पासे पंचालेसु जणवएमु कंपिल्लपुरे नामं नयरे होत्था वण्णओ । तत्व णं दुवए नामं राया होत्या षण्णओ । तस्स णं चुदणी देवी घट्टजुणे कुमारे जुवराया। तर णं सा सूमानिया देवी ताओ देवलोगायो आडकखएणं बाप महत्ता इहेब जीवे २ भारहे बासे पंचालेसु जणषपसु कंपिलपुरे मयरे Page #189 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 176 नायाधम्मकहाओ [XVI.122दुवयस्स रन्नो चुलणीए देवीए कुच्छिसि दारियत्ताए पञ्चायाया । तए णं सा चुलणी देवी नवण्हं मासाणं जाव दारियं पयाया । तए णं तीसे दारियाए निव्वत्तबारसाहियाए इमं एयारूवं नाम- जम्हा णं एसा दारिया दुपयस्स रन्नो धूया चुलणीए देवीए अत्तया तं होऊ णं अहं इमीसे दारियाए नामधेनं दोवई। तए णं तीसे अम्मापियरो इमं एयारूवं गोणं गुणनिप्फन्नं नामधेनं करेंति दोवई । तए णं सा दोवई दारिया पंचधाईपरिग्गहिया जाव गिरिकंदरमल्लीणा इव चंपगलया निवायनिव्वाघायंसि सुहंसुहेणं परिवड्डइ । तए णं सा दोवई देवी रायवरकन्ना उम्मुक्कबालभावा जाव उकिट्ठसरीरा जाया यावि होत्था । तए णं तं दोवई रायवरकन्नं अन्नया कयाइ अंतेउरियाओ व्हायं जाव विभूसियं करेंति २ दुवयस्स रन्नो पायवंदियं पेसेंति । तए णं सा दोवई २ जेणेव दुवए राया तेणेव उवागच्छइ २ दुवैयस्स रन्नो पायग्गहणं करेइ । तए णं से दुवए राया दोवई दारियं अंके निवेसेइ २ दोवईएं २ रूवे य जोवणे य लावण्णे य जायविम्हए दोवई २ एवं वयासी - जस्स णं अहं तुमं पुत्ता ! रायस्स वा जुवरायस्स वा भारियत्ताए सयमेव दलइस्सामि तत्थ णं तुमं सुहिया वा दुहिया वा भवेज्जासि । तए णं मम जावज्जीवाए हिययदाहे भविस्सइ । तं णं अहं तव पुत्ता ! अज्जयाए सयंवरं वियरामि । अज्जयाए णं तुमं दिन्नं सयंवरा । ज णं तुम सयमेव रायं वा जुवरायं वा वरेहिसि से णं तव भत्तारे भविस्सइ तिकटु ताहि इटाहिं जाव आसासेइ २ पडिविसज्जेई। ___(122) तए णं से दुवए राया दूयं सहावेइ २ एवं वयासीगच्छह णं तुमं देवाणुप्पिया ! बारवई नयरिं । तत्थ णं तुमं कण्हें वासुदेवं समुद्दविजयपामोक्खे दस दसारे बलदेवपामोक्खे पंच महावीरे उग्गसेणपामोक्खे सोलस रायसहस्से पज्जुन्नपामोक्खाओं अद्भुट्ठाओ कुमारकोडीओ संबपामोक्खाओं सहिँ दुईतसाहस्सीओ वीरसेणपामोक्खाओ एकवीसं रायवीरपुरिससाहस्सीओ महासेणपामोक्खाओ छप्पन्नं बलवगसाहस्सीओ अन्ने, य बहवे राईसरतलवरमाडंबियकोडुंबियइब्भ Page #190 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 177 -XVI.1221 नायाधम्मकहाओ सेट्टिसेणावइसत्यवाहपभिइओ करयलपरिग्गहियं दसनहं सिरसावत्तं मत्थए अंजलिं कटु जएणं विजएणं वद्धावेहि २ एवं वयाहि - एवं खलु देवाणुप्पिया ! कंपिल्लपुरे नयरे दुवयस्स रन्नो धूयाए चुलणीए अत्तयाए धट्ठज्जुणकुमारस्स भइणीए दोवईए २ सयंवरे भविस्सइ । तए णं तुब्भे दुवयं रायं अणुगिण्हेमाणा अकालपरिहीणं चेव कंपिल्लपुरे नयरे समोसरह । तए णं से दूए करयल जाव कटु दुवयस्स रन्नो एयमद्वं पडिसुणेइ २ जेणेव सए गिहे तेणेव उवागच्छइ २ कोडुंबियपुरिसे सहावेइ २ एवं वयासी - खिप्पामेव भो देवाणुप्पिया ! चाउग्धंट आसरहं जुत्तामेव उवट्ठवेह जाव उवट्ठति । तए णं से दूए हाए जाव सरीरे चाउग्घंटं आसरहं दुरूहइ २ बहूहिं पुरिसेहिं सन्नद्ध जाव गहियाउहपहरणेहिं सद्धिं संपरिवुडे कंपिल्लपुरं नयरं मझमझेणं निग्गच्छइ पंचालजणवयस्स मज्झमझेणं जेणेव देसप्पंते तेणेव उवागच्छइ २ सुरट्ठाजणवयस्स मज्झमज्झेणं जेणेव बारवई नयरी तेणेव उवागच्छइ २ बारवई नयरिं मझमझेणं अणुप्पविसइ २ जेणेव कण्हस्स वासुदेवस्स बाहिरिया उवट्ठाणसाला तेणेव उवागच्छइ २ चाउग्घंटं आसरहं ठावेइ २ रहाओ पच्चोरुहइ २ मणुस्सवग्गुरापरिक्खित्ते पायचारविहारेणं जेणेव कण्हे वासुदेवे तेणेव उवागच्छइ २ कण्हं वासुदेवं समुहविजयपामोक्खे य दस दसारे जाव बलवगसाहस्सीओ करयल तं चेव जाव समोसरह । तए णं से कण्हे वासुदेवे तस्स दूयस्स अंतिए एयमहँ सोचा निसम्म हतुढे जाव हियए तं दूयं सक्कारेइ सम्माणेइ २ पडिविसज्जेइ । तए णं से कण्हे वासुदेवे कोडंबियपुरिसे सद्दावेइ २ एवं वयासी - गच्छह गं तुमं देवाणुप्पिया! सभाए सुहम्माए सामुदाइयं भेरिं तालेहि । तए णं से कोडुंबियपुरिसे करयल जाव कण्हस्स वासुदेवस्स एयमह पडिसुणेइ २ जेणेव सभाए सुहम्माए सामुदाइया भेरी तेणेव उवागच्छइ २ सामुदाइयं भेरि महया २ सहेणं तालेइ । तए णं ताए सामुदाइयाए भेरीए तालियाए समाणीए समुद्दविजयपामोक्खा दस दसारा जाव महासेणपामोक्खाओ छप्पन्नं बलवगसाहस्सीओ व्हाया जाव विभूसिया २३ Page #191 -------------------------------------------------------------------------- ________________ नायाधम्मकाओ [XVI.122 जहाविभव इड्डिसक्कारसमुदपणं अप्पेगइया हयगया जाव अप्पेगइया पायचारविहारेणं जेणेच कण्हे वासुदेवे तेणेव उवागच्छति २ करपल जाव कण्हं वासुदेवं जएणं विजएणं वद्धावेंति । तए णं से कण्हे वासुदेवे कोटुंबियपुरिसे सहावेइ २ एवं वयासी - खिप्पामेव भो देवाणुप्पिया ! अभिसेकं हत्थिरयणं पडिकप्पेह हयगय जाव पञ्चपिणंति । तए णं से कण्हे वासुदेवे जेणेव मज्जणघरे तेणेव उवागच्छइ २ समुत्तजालाकुलाभिरामे जाव अंजणगिरिकूडसन्निभं गयबरं नरवई दुरूढे । तए णं से कण्हे वासुदेवे समुह विजयपामोक्खेहिं दसहिं दसारेहिं जाब अजंगसेणापामोक्खेहिं अणेगाद्दि गणियासाहस्सीहिं सद्धिं संपरिवुडे सव्वितीय ज स्वेणं बारबरं नयरिं मज्झमझेणं निग्गच्छइ २ सुरट्ठाजणवयस्क मज्झंमझेणं जेणेव देसते तेणेव उवागच्छइ २ पंचालजप्पचयस्स मझंमज्झेपणं जेणेव कंपिल्लपुरे नवरे तेणेव पहारेत्थ गमणाए । लए पं से दुबए राया दोषं पि दूषं सहावेइ २ एवं वयासी - गच्छ 'णं तुमं देवाणपिया ! हत्थणा उरं नगरं । तस्थ णं तुमं पंडुरा सपुत्तयं जुहिट्ठिलं भीमसेर्ण अर्जुणं नलं सहदेवं दुखोहणं भाइसयसमग्गं गंगेयं विदुरं दोणं जयहहंसा की आसत्थामं करयल जाक कट्टु तहेब जाक समोसरह । तए णं से दूए एवं जहा वासुदेवे नवरं भेरी नत्थि जाव जेणेव कंपिल्लपुरे नयरे तेणेव पहारेत्थ गमणाए । एएणेव कमेणं तचं दूयं चंं नयरिं । तत्थ णं तु कण्ठं अंगरायं मल्लं नंदिरायं करयल तहेब नाव सम्रोसरह । चत्थं दूयं सुत्तिसई नधरिं । तस्य णं तुमं सिसुपालं दमघोससुये पंचभाइस्यसंपरिवुडं कयल तहेव जाक समोसरह । पंचमगं. वयं हत्यि सीसं नयरिं । तस्थ में तुमं दमते राखे करयल जाक समोसरह । छुट्टे सूर्या महुर्र बसरिं । तत्थ में तुमं घरे राये करयल जान सम्रोसरह । सत्तमं व्यं रामहिं नवरं । तस्य णं. तुमं सहदेवं जरासंधसुये करयल क सम्रोसरह | अट्टमं दूयं कोडिष्णं नयनं । तस्थ णं तुमं रुग्वि मेसन सुर्य करयल तब जाव समोसरह । नवमं ब्रूयं विराटं नयरिं । तस्थपणं तुम कीयय भवसममण करपल जान समोसरह । इसमे दूवं अक्सेसेस 178 Page #192 -------------------------------------------------------------------------- ________________ •XVL113] भाषाधम्मकहाओ 119 गामागरनगरेसु अगाई राषसहस्साई बाब समोसरह । वर पं से दूर सहेव निगच्छइ जेणेव गामागर तहेव जाब समोसरह । तए पं वाई अणेगाई रायसहस्साई तस्स दूयस्स अंतिए एयमह सोचा मिसम्म हटा वं दूयं सकारेंति सम्माणेवि २ पडिविसजेति ।तए पं ते वासुदेवपामोक्खा पहवे रायसहस्सा पत्तेवं २ हाया सन्नवहत्थिखंधवरगया महया हयगयरहभडचडगरपहकर सरहिं २ नगरेहितो अभिनिग्गच्छंति २ जेणेव पंथाले जणवए वेणेष पहारेत्य गमणाए। (123) तए णं से दुषए राया कोडुंबियपुरिसे सहावेइ २ एवं पयासी - गच्छह णं तुम देवाणुप्पिया! कंपिल्लपुरे नपरे पहिया गंगाए महानईए अदूरसामंते एगं महं सयंवरमंडवं करेह अणेगखमसयसानिविहं लीलट्ठियसालिभंजियागं जाव पञ्चप्पिणंति । सए ण से दुवए राया दोपि कोबुंबियपुरिसे सदावेई २ एवं वयासी - खिप्पामेव भो देवाणुप्पिया! वासुदेवपामोक्खाणं बहूणं रायसहस्साणं आवासे करेह । ते वि करेता पचप्पिणंति । तए णं से दुवए राया वासुदेवपामोक्खाणं पहूर्ण रायसहस्साणं आगमणं जाणेत्ता पत्तेयं २ हत्थिखंध जाव परिखुडे अग्धं च पलं घ गहाय सविड्डीए कंपिल्लपुराओ निग्गच्छइ २ जेणेव ते बासुदेवपामोक्खा बहवे रायसहस्सा तेणेव उवागच्छइ २ ताई वासुदेवपामोक्खाई अग्घेण य पजेण य सकारेइ सम्माणेइ २ तोर्स वासुदेवपामोक्खाणं पत्तेयं २ आवासे वियरइ । तए णं ते वासुदेवपामोक्खा जेणेव सया २ आवासा वेणेव उवागच्छंति २ हत्थिखंधेहितो पञ्चोरुहंति २ पत्तेयं २ खंधावारनिवेस करेंति २ सएसु २ आवासेसु अणुप्पविसंति २ सएसु आवासेसु य आसणेसु य सयणेसु य सन्निसण्णा य संतुट्टा य बहुहिं गंधव्वेहि य नाउएहि य उवगिजमाणा य उवनचिनमाणा य विहरति । तए णं से दुवए राया कंपिल्लपुरं नया अणुप्पबिसइ २ विपुलं असणं ४ उवक्खडावेइ २ कोडुंबियपुरिसे सहावेइ २ एवं वयासी – गच्छह णं तुम्भे देवाणुप्पिया ! विपुलं असणं ४ सुरं च मजं च मंसं च सीधुं च पसन्नं च सुबहुपुप्फवत्थगंधमल्लालंकारं च Page #193 -------------------------------------------------------------------------- ________________ नाया मकाओ [XVI.123 वासुदेवपामोक्खाणं रायसहस्साणं आवासेसु साहरह । ते वि साहरंति । तए णं ते वासुदेवपामोक्खा तं विपुलं असणपाणखाइमसाइमं जाव पसन्नं च आसाएमाणा ४ विहरंति जिमियर्भुत्तत्तरागया वि य णं समाणा आयंता चोक्खा जाव सुहासणवरगया बहूहिं गंधव्वेहिं जाव विहरंति । तए णं से दुवए राया पुव्वावरण्हकालसमयसि कोडुंबिय - पुरिसे सहावेइ २ एवं वयासी गच्छह णं तुम्भे देवाणुप्पिया ! कंपिल्लपुरे सिंघाडग जाव पहेसु वासुदेवपामोक्खाण य रायसहस्साणं आवासेसु हत्थिखंधवरगया महया २ सद्देणं जाव उग्घोसेमाणा २ एवं वयह - एवं खलु देवाणुप्पिया ! कलं पाउप्पभायाए दुवयस्स रन्नो धूयाए चुलणीए देवीए अत्तियाए धज्जुणस्स भगिणीए दोवईए २ सयंवरे भविस्सइ । तं तुब्भेणं देवाणुप्पिया ! दुवयं रायाणं अणुगिण्हे माणा व्हाया जाव विभूसिया हत्थिखंधवरगया सकोरेंट ० सेयवरचामरा हयगय रह० महया भडचडगरेणं जाव परिक्खित्ता जेणेव सयंवरा मंडवे तेणेव उवागच्छह् २ पत्तेयं नामंकेसुं आसणेसु निसीयह २ दोवई २ पडिवालेमाणा २ चिट्ठह घोसणं घोसह २ मम एयमाणत्तियं पञ्चणिह । तए णं ते कोडुंबिया तद्देव जाव पञ्चपिणंति । तए णं से दुबए राया कोडुंबिय - पुरिसे सहावेइ २ एवं वयासी - गच्छह णं तुब्भे देवाणुप्पिया ! संयवरमंडवं आसियसंमजिओ लित्तं सुगंधवरगंधियं पंचवण्णपुप्फोवयारक लियं कालागरुपवरकुंदुरुक्कतुरुक्क जाव गंधवट्टिभूयं मंचाइमंचकलियं करेह कारवेद्द करेत्ता कारवेत्ता वासुदेवपामोक्खाणं बहूणं रायसहस्साणं पत्तेयं २ नामंकाई आसणाई अत्थुयपञ्चत्थुयाई रएह २ एयमाणत्तियं पञ्चप्पिणह जाव पञ्चप्पिणंति । तए णं ते वासुदेवपामोक्खा बहवे रायसहस्सा कल्लं ण्हाया जाव विभूसिया हत्थिखंधवरगया सकोरेंटमल्लछत्तेणं धरिजमाणेहिं सेयवरचामराहिं महया हयगय जाव परिवुडा सव्विड्डीए जाव वेणं जेणेव सयंवरा मंडवे तेणेव उवागच्छति २ अणुप्पविसंति २ पत्तेयं २ नामंकसु निसीयंति दोवई २ पडिवालेमाणा चिट्ठति । तप णं से दुवए राया कैल्लं ण्हाए जाव विभूसिए हत्थिखंधवरगए सकोरेंट ० 180 - Page #194 -------------------------------------------------------------------------- ________________ -XVI.125] नायाधम्मकाओ इयगय० कंपिल्लपुरं मज्झमज्झणं निग्गच्छइ जेणेव सयंवरा मंडवे जेणेव वासुदेवपामोक्खा बहवे रायसहस्सा तेणेव उवागच्छइ २ तेसिं वासुदेवपामोक्खाणं करयल जाव वद्धावेत्ता कण्हरस वासुदेवस्स सेयवरचामरं गहाय उववीयमाणे चिट्ठइ । 181 (124) तए णं सा दोवई २ कल्लं जाव जेणेव मज्जणघरे तेणेव उवागच्छइ २ मज्जणघरं अणुपविसइ २ व्हाया कयबलिकम्मा कयकोउयमंगलपायच्छत्ता सुद्धप्पावेसाई मंगलाई बत्थाई पवरपरिहिया मज्जणघराओ पडिनिक्खमइ २ जेणेव जिणघरे तेणेव उवागच्छइ २ जिणघरं अणुपविसइ २ जिणपडिमाणं आलोए पणामं करेइ २ टोमहत्थयं परा मुसई एवं जहा सूरियाभो जिणपडिमाओ अचेइ तहेव भाणियव्वं जाव धूवं डहइ २ वामं जाणुं अंचेइ दाहिणं जाणुं धरणितलंस निट्टु तिक्खुत्तो मुद्धाणं धरणितलंसि नमेइ २ ईसिं पच्चुन्नमइ २ करयल जाव कट्टु एवं वयासी - नमोत्थु णं अरहंताणं जाव संपत्ताणं वंदइ नमसइ २ जिणघराओ पडिनिक्खमइ २ जेणेव अंतेउरे तेणेव उवागच्छइ । ( 125 ) तए णं तं दोबई २ अंतेउरियाओ सव्वालंकारविभूसियं करेंति । किं ते ? वरपायपत्तनेउरा जाव चेडियाचक्कव । लमहेयरगविंद1 परिक्खित्ता अंतेउराओ पडिनिक्खमइ २ जेणेव बाहिरिया उवट्ठाणसाला जेणेव चा उग्घंटे आसरहे तेणेव उवागच्छइ २ किड्ड । वियाए लेहियाए सद्धिं चाउग्घंटं आसरहं दुरूहइ । तए णं से धट्टज्जुणे कुमारे दोवईए कन्नाए सारत्थं करेइ । तए णं सा दोवई २ कंपिल्लपुरं मज्झमज्झेणं जेणेव सयंवरा मंडवे तेणेव उवागच्छइ २ रहं ठावेइ रहाओ पश्चोरुभैइ २ किड्डावियाए लेहियाए सार्द्धं सयंवरमंडवं अणुपविसइ करयल जाब तोर्स बासुदेवपामोक्खाणं बहूणं रायवरसहस्साणं पणामं करेइ । तए णं सा दोवई २ एगं महं सिरिदामगंडं ० किं ते ? पाडलमल्लियचंपय जाव सत्तच्छयाईहिं गंधद्धा मुतं परमसुहफासं देरिसणिज्जं गेण्ड्इ । तए णं सा किड्डाविया सुरूवा जाव वामहत्थेणं चिल्लगं दप्पणं गहेऊण सललियं दुप्पण संकंतबिंबसंंसिए य से दाहिणेणं हत्थेणं दरिसए पवररायसीहे फुड Page #195 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 182 नायाधम्मकहाओ [XVL.16विसयविसुद्धरिभियगंभीरमहुरभाणया सा तेसिं सम्वेसि पत्थिवाणं अम्मापिडक्ससत्समित्यगोचविफविकंतिबहुविहआगममाहप्परूवजोव्वणगुणलावण्णकुलसीळजाणिया किवणं करेइ । पडमं ताव वहिपुंगवाणं दसैदसारवरवीरपुरिसतिलोकबलवगाणं ससुसयसहस्समाणावमहगाणं भवसिद्धिपवरपुंडरीयाणं चिल्लगाणं बलवीरियरूवजोठवणगुणलावण्णकिचिया किचणं करेइ । तो पुर्ण उग्गसेणमाईणं जायवाणं भणइसोहग्गरूवकलिए वरेहि परपुरिसगंधहत्थीणं । जो हु ते लोएँ होइ हिययदइओ ॥ तए णं सा दोवई रायवरकन्नगा बहूणं रायपरसहस्साणं मझमज्झेणं समइच्छमाणी २ पुवकयनियाणेणं घोइज्जमाणी २ जेणेष पंच पंडवा तेणेष उवागच्छइ २ ते पंच पंडवे तेणं दसवण्णेणं कुसुमदामेणं आवेढियपरिवेढिए करेइ २ एवं बयासी - एए णं मए पंच पंडवा वरिया । तए णं ताई वासुदेवपामोक्खाई बहूणि रायसहस्साणि महया २ सरेणं उग्घोसेमाणाई २ एवं वयंति-सुवरियं खलु भो! दोवईए रायवरकन्नाए चिकटु सयंवरमंडवाओ पडिनिक्खमंति २ जेणेव सया २ अवासा वेणेव उवागच्छंति । तए णं घट्टर्जुणकुमारे पंच पंडवे दोवई च रायवरकन्नगं चाउग्धंट आसरहं दुरूहेइ २ कंपिल्लपुरं मझमझेणं जाव सयं भवणं अणुपविसइ । तए णं दुवए राया पंचपंडवे दोवई २ पट्टयं दुरुहेइ २ सेयापयिएहिं कलसेहिं मनावेह २ अग्गिहोमं करीवेइ पंचण्डं पंडवाणं दोषईए य पाणिग्गहर्ण करीवेइ । तए णं से दुवए राया दोवईए २ इमं एयारूवं पीइदाणं दलयइ तंजहा - अह हिरण्णकोडीओ जाव पेसणकारीओ दासचेडीओ अन्नं च विपुलं धणकणग जाव दलयइ । तए णं से दुवए राया ताई वासुदेवपामोक्खाइं विपुलेणं असणपाणखाइमसाइमेणं वत्थगंध जाव पडिविसज्जेइ । (126) वए णं से पंडू राया वेसि वासुदेवपामोक्खाणं बदणं रायसहस्साणं करयल जाव एवं वयासी- एवं खलु देवाणुप्पिया ! हत्थिणाउरे नयरे पंचण्हं पंडवाणं दोवईए य देवीए कल्लाणकरे भविस्सइ । तं तुम्मे णं देवाणुप्पिया! ममं अणुगिण्हमाणा अकालपरिहीणं समोसरह । वए णं Page #196 -------------------------------------------------------------------------- ________________ -XVI.127] नायाधम्मक हाओ 183 ते वासुदेवपामोक्खा पत्तेयं २ जाव पहारेत्थ गमणाए । तए पं से पंडू राया कोडुबियपुरिसे सदावेइ २ एवं क्यासी - गच्छह णं तुब्भे देवाणुपिया ! हथिणाउरे पंचम्हं पंडवाणं पंच पासायवडिंसए कारेहि अब्भुमायमूसिय वण्णओ जाव पडिरूवे । तए णं ते कोडुंबियपुरिसा पडिसुर्णेति जाव कारवेंति । तए पं से पंडू राया पंचहिं पंडवेहिं दोवईए देवीए सद्धिं यगयसपरिवुडे कंपिल्लपुराओ पडिनिक्खमइ २ जेणेक हस्थिपाउरे तेणेव उवागए । तए पं से पंडुराया तेर्सि वासुदेवपामोक्खाफ आगमणं जाणित्ता कोडुंबियपुरिसे सहावेइ २ प बयासी-- गच्छह पं. तुम्मे देवाणुप्पिया ! हथियारस नपरस्स बहिया वासुदेवपामोक्खाणं बहूमं रायसहस्साणं आवासे कारेह अणेगांभसय तहेव जाक पञ्चप्पिणंलि। तए णं ते वासुदेवपामोक्खा बहवे रायसाहस्सा जेणेव हथियाउरे तेणे उदागच्छति । तप णं पंडुराणा ते वासुदेवप्रमोक्खे जाक आगय जामित्ता हट्टतुट्टे पहाय कयबालिकम्मे जहा दुपए जाव जहारिहं आपसे दलयइ । तए णं ते वासुदेवपामोक्खा बहके रायसहस्सा जेणेक सयाँ २ आवासी तेणेव उवागच्छति तद्देव जाव विहरति । तए से पंडूराया हथिणारं नयरं अणुपविसइ २ कोडुबियपुरिसे सदावेइ २ एवं वयासीतुम्भ णं देवाणुप्पिया ! विपुलं असायं ४ तहेव अब उवणेति । तप पंते वासुदेवपामोक्खा बहवे. रायसहस्सा बहाया कयकालिकम्मा कक्कोउयमंगलपायच्छित्ता तं विपुलं असणं ४ तहेव जाव विहरति । तए णं से पंडूराया से पंचपंडके दोवइंच देवि पट्टयं दुरूहेइ २ सीयापीएहिं कलसेहिं पहावेई २ कल्लाणकरं करेइ. २ ते वासुदेवपामोक्खे बहके रायसहस्से विपुलणं असणेमं ४ पुस्फरत्येणं सकारेइ सम्माप्पेइ जाव पडिक्सिजेछ । तए णं तावं वासुदेवपलमोदखाई बहुई जाव पडिगयाई । __(427) तर गं ते पंच पंडवा कोवईए देवीए साई कल्लाकल्लिं वारंवारेणं उरालाई भोगोई जाव विहरति । लए णं से पंडू राका काया कयाहं पंचदि पंखहि कतीए देषीप दोवईए य सद्धिं को अंडरवरियाकस िसंपरिपुडे सीहासणवरगए मादि निहाइ । इमं. Page #197 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 184 नायाधम्मकहाओ [XVI.128कच्छुल्लनारए दंसणेणं अइभहए विणीए अंतो य कलुसहियए मज्झत्थउवत्थिए य अल्लीणसोमपियदसणे सुरुवे अमइलसगलपरिहिए कालमियचम्मउत्तरासंगरइयवच्छे दण्डकैमण्डलुहत्थे जडामउडदित्तसिरए जन्नोवइयगणेत्तियमुंजमेहलावागलधरे हत्थकयकच्छभीए पियगंधब्वे धरणिगोयरप्पहाणे संवरणावरणओवयणुप्पयणिलेसणीसु य संकामणिआभिओगपन्नत्तिगमणीयंभिणीसु य बहूसु विजाहरीसु विज्जासु विस्सुयजसे इढे रामस्स य केसवस्स य पज्जुन्नपईवसंबअनिरुद्धनिसढउम्मुयसारणगयसुमुहदुम्मुहाईणं जायवाणं अद्भुट्ठाण य कुमारकोडीणं हिययदइए संथवए कलहजुद्धकोलाहलप्पिए भंडणाभिलासी बहूसु य समरसयसंपराएसु दंसणरए समंलओ कलहं सदक्खिणं अणुगवेसमाणे असमाहिकरे दसारवरवीरपुरिसतेलोक्कबलवगाणं आमंतेऊण तं भगवई पकमणिं गगणगमणदच्छं उप्पइओ गर्गणमभिलंघयंतो गामागरनगरखेडकब्बडमडंबदोणमुहपट्टणसंबाहसहस्समडियं थिमियमेईणीतलं वसुहं ओलोइंते" रम्मं हत्थिणारं उवागए पंडुरायभवणंसि अइवेगेण समोवइए । तए णं से पंडू राया कच्छुल्लनारयं एन्जमाणं पासइ २ पंचहिं पंडवेहिं कुंतीए य देवीए सद्धिं आसणाओ अब्भुढेइ २ कच्छुल्लनारयं सत्तट्ठपयाई पच्चुग्गच्छइ २ तिक्खुत्तो आयाहिणपयाहिणं करेइ २ वंदइ नमसइ २ महरिहेणं आसणेणं उवनिमंतेइ । तए णं से कच्छुल्लनारए उद्गपरिफोसियाए दब्भोवरिपच्चुत्थुयाए भिसियाए निसीयइ २ पंडुरायं रज्जे य जाव अंतेउरे य कुसलोदंतं पुच्छइ । तए णं से पंडूराया कोंती य देवी पंच य पंडवा कच्छुल्लनारयं आढ़ति जाव पज्जुवासंति । तए णं सा दोवई देवी कच्छुल्लनारयं अस्संजयअविरयअप्पडिहयअपञ्चक्खायपावकम्म तिकटु नो आढाइ नो परियाणइ नो अब्भुढेइ नो पज्जुवासइ । ___(128) तए णं तस्स कच्छुलनारयस्स इमेयारूवे अन्झथिए चिंतिए पथिए मणोगए संकप्पे समुप्पज्जित्था - अहो णं दोवई देवी रूवेण य जाव लावण्णेण य पंचहिं पंडवेहिं अवत्थद्धा समाणी ममं नो आढाइ जाव नो पज्जुवासइ । तं सेयं खलु मम दोवईए देवीए विप्पियं Page #198 -------------------------------------------------------------------------- ________________ -XVI.128] नाया मकाओ 185 1 करेतर तिकट्टु एवं संपेई २ पंडुराय आपुच्छर २ उप्पयाजिं विज आवाहेइ २ ताए उक्किट्ठाए जाव विज्जाहरगईए लवणसमुहं मज्झमज्झेणं पुरत्थाभिमुद्दे वीईत्र इउं पयत्ते याविं होत्था । तेणं कालेणं २ घायइसंडे दीपुरत्थमद्धदा हिणड्डूभर हवासे अवरेकका नाम रायहाणी होत्या । तत्थ णं अवरकंकाए रायहाणीए पउमनाभे नामं राया होत्था महया हिमवंत वण्णओ । तस्स णं पउमनाभस्स रन्नो सत्त देवीसयाइं ओरोहे होत्था । तस्स णं पउमनाभस्स रन्नो सुनाभे नामं पुत्ते जुवरायावि होत्था । तणं से पउमनाभे राया अंत अंतेउरंसि ओरोह संपरिवुडे सीहासणबरगए विहरइ । तए णं से कच्छुल्लनारए जेणेव अवरकंका रायहाणी जेणेव पउमनाभस्स भवणे तेणेव उवागच्छइ २ पउमनाभस्स रन्नो भवणंसि झत्ति वेगेण समोवइए । तर णं से पउमनाभे कच्छुल्लनारयं एल्बमाणं पासइ २ आसणाओ अब्भुट्ठेइ २ अग्घेणं जाव आसणेणं उवनिमंतेइ । तए णं से कच्छुलनारए उदयपरिफोसियाए दब्भोवरपञ्चत्थुयाए भिसियाए निसीयइ जाव कुसलोदतं आपुच्छइ । तरणं से पउमनाभे राया नियगओरोहे जायविम्हए कंच्छुल्लनारयं एवं वयासीतुमं देवाणुप्पिया ! बहूणि गामाणि जाव गिहाई अणुपविससि । तं अत्थियाई ते कहिंचि देवाणुपिया ! एरिसए ओरोहे दिट्ठपुब्वे जारिसए णं मम ओरोहे ? तए णं से कच्छुल्लनारए पउमनाभेणं एवं वृत्ते समाणे ईसि विहसियं करेइ २ एवं वयासी - सरिसे णं तुमं पउमनाभा ! तस्स अगडदद्दुरस्स । के णं देवाणुप्पिया ! से अगडदद्दुरे ? एवं जहा भल्लिणाए एवं खलु देवाणुप्पिया ! जंबुद्दीवे २ भारहे वासे हत्थणाउरे नयरे दुपयस्स रन्नो धूया चुलणीए देवीए अत्तया पंडुस्स सुण्हा पंचं पंडवाणं भारिया दोवई देवी रूपेण य जाव उक्किट्ठसरीरा । दोवईए णं देवी छिन्नस्सवि पायंगुट्ठस्स अयं तव आरोहे संयंपि कलं न अग्घर तिकट्टु पउमनाभं आपुच्छइ जाव पडिगए । तए णं से पउमनाभे राया कच्छुल्लनारयरस अंतिए एयमहं सोच्चा निसम्म दोवईए देवीए रूवे य ३ मुच्छिए ४ जेणेव पोसहसाला तेणेव उवागच्छइ २ २४ Page #199 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 186 नायाधम्मकहाओ [XVI.128पोसहसालं जाव पुव्वसंगइयं देवं एवं वयासी- एवं खलु देवाणुप्पिया ! जंबुद्दीवे २ भारहे वासे हथिणाउरे जाव उक्किट्ठसरीरा । तं इच्छामि णं देवाणुप्पिया! दोवई देवीं इहमाणीयं । तए णं पुव्वसंगइए देवे पउमनाभं एवं वयासी- नो खलु देवाणुप्पिया! एवं भूयं वा भव्वं वा भविस्सं वा जन्नं दोवई देवी पंचपंडवे मोत्तणं अन्नेणं पुरिसेणं सद्धिं उरालाइं जाव विहरिस्सइ । तहावि य णं अहं तव पिय?याए दोवई देविं इहं हव्वमाणेमि त्तिकटु पउमनाभं आपुच्छइ २ ताए उकिट्ठाए जाव लवणसमुदं मझमज्झेणं जेणेव हत्थिणाउरे नयरे तेणेव पहारेत्थ गमणाए । तेणं कालेणं २ हत्यिणाउरे नयरे जुहिडिल्ले राया दोवईए देवीए सद्धिं उपि आगासतलगंसि सुहप्पसुत्ते यावि होत्था । तए णं से पुव्वसंगइए देवे जेणेव जुहिडिल्ले राया जेणेव दोवई देवी तेणेव उवागच्छइ २ दोवईए देवीए ओसोणियं दलयइ २ दोवइं देविं गिण्हइ २ ताए उकिट्ठाए जाव जेणेव अवरकंका जेणेव पउमनाभस्स भवणे तेणेव उवागच्छइ २ पउमनाभस्स भवणंसि असोगवणियाए दोवई देविं ठावेइ २ ओसोवणिं अवहरइ २ जेणेव पउमनाभे तेणेव उवागच्छइ २ एवं वयासी-एस ण देवाणुप्पिया ! मए हथिणाउराओ दोवई देवी इहं हव्वमाणीया तव असोगवणियाए चिट्ठइ । अओ परं तुम जाणसि तिकटु जामेव दिसि पाउन्भूए तामेव दिसि पडिगए। तए णं सा दोवई देवी तओ मुंहुत्तंतरस्स पडिबुद्धा समाणी तं भवणं असोगवणियं च अपञ्चभिजाणमाणी एवं वयासी - नो खलु अम्हं एसे संए भवणे नो खलु एसा अम्हं सया असोगवणिया । तं न नजइ णं अहं केणइ देवेण वा दाणवेण वा किंपुरिसेण वा किन्नरेण वा महोरगेण वा गंधव्वेण वा अन्नस्स रन्नो असोगवणियं साहरिय त्तिकदु ओहयमणसंकप्पा जाव झियायइ । तए णं से पउमनाभे राया बहाए जाव सव्वालंकारविभूसिए अंतेउरपरियालसंपरिवुडे जेणेव असोगवणिया जेणेव दोवई देवी तेणेव उवागच्छइ २ दोवई देविं ओहय जाव झियायमाणिं पासइ २ एवं क्यासी - किनं तुमं देवाणुप्पिए ! ओहय जाव Page #200 -------------------------------------------------------------------------- ________________ -XVI.129] नाया मकाओ झियाहि ? एवं खलु तुमं देवाणुप्पिए ! मम पुत्र्वसंगइएणं देवेणं जंबुदवाओ २ भारहाओ वासाओ हत्थिणाउराओ नयराओ जुहिडिल्लरस रन्नो भवणाओ साहरिया । तं मा णं तुमं देवाणुप्पिया । ओहय जाव झियाहि । तुमं णं मए सद्धिं विपुलाई भोगभोगाई जाव विहराहि । त णं सा दोबई पउमनाभं एवं बयासी एवं खलु देवाणुप्पिया ! जंबुद्दीवे २ भार बासे बारवईए नयरीए कण्हे नामं वासुदेवे मम पियभाउर परिवसइ । तं जइ णं से छण्हं मासाणं मम कूवं नो हव्वमागच्छइ तए अहं देवाप्पिया ! जं तुमं वदसि तस्स आणाओवायवयणनिद्दे से चिट्ठस्सामि । तए णं से पउमनाभे दोवईए एयमहं पडिसुणेइ २ दोबई देवं कन्न उरे ठवे । तए णं सा दोवई देवी छटुंछट्ठेणं अणिक्खित्तेणं आयंबिल परिग्गदिएणं तवोकम्मेणं अप्पाणं भावेमाणी विहरइ । 187 (129) तए णं से जुहिट्टिले राया तओ मुहुत्तंतरस्स पडिबुद्धे समाणे दोवई देवि पासे अपासमा सयणिज्जाओ उट्ठेइ २ दोवईए देवीए सव्वओ समंता मग्गणगवेसणं करेइ २ दोवईए देवीए कत्थइ सुई वा खुई वा पवर्त्ति वा अलभमाणे जेणेव पंडूराया तेणेव उवागच्छइ २ पंडूरायं एवं बयासी एवं खलु ताओ ! मम आगासतलगंसि सुहपसुत्तस्स पासाओ दोवई देवी न नज्जइ केणइ देवेण वा दाणवेण वा किंपुरिसेण वा किन्नरेण वा महोरगेण वा गंधव्वेण वा हिया वा निया वा अक्खित्ता वा । तं इच्छामि णं ताओ ! दोवईए देवी सव्वओ समंता मग्गणगवेसणं करितए । तए णं से पंडूराया कोडुंबियपुरिसे सहावेइ २ एवं वयासी - गच्छह णं तुब्भे देवाणुपिया ! इत्थिणा उरे नयरे सिंघाडगतिगचउक चश्चर महापह पहेसु मद्दया २ सदेणं उग्घोसेमाणा २ एवं वयह - एवं खलु देवाणुप्पिया ! जुहिडिल्लस्स रन्नो आगासतलगंसि सुहपसुत्तस्स पासाओ दोवई देवी न नज्जइ केणइ देवेण वा दाणवेण वा किन्नरेण वा किंपुरिसेण वा महोरगेण वा गंधव्वेण वा हियाँ वा निया वा अंक्खित्ता वा । तं जो णं देवाणुप्पिया ! दोवईए देवीए सुई वा खुई वा पविति वा परिकहेइ तस्स णं पंडूराया Page #201 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 188 नायाधम्मक हाओ [XVI. -199 विउलं अत्थसंपयाणं दलयइ तिकट्टु घोसणं घोसावेह २ एयमाणत्तिय पञ्चपिण । तए णं ते कोडुंबियपुरिसा जाव पञ्चप्पियंति । तए णं से पंडूराया दोवईए देवीए कत्थइ सुई वा जाव अलभमाणे कोंतीं देवीं सहावेइ २ एवं वयासी- गच्छद्द णं तुमं देवाणुप्पिया ! बारवई नयारिं कण्हस्स वासुदेवरस एयमहं निवेदेहि । कण्हे णं परं वासुदेवे दोवईए मग्गणगवेसणं करेजा | अन्ना न नज्जइ दोवईए देवीए सुई वा खुई वा पवत्तिं वा उवलभेजा। तर णं सा कोंती देवी पंडुणा एवं वृत्ता समाणी जाव पडिमुणेइ २ व्हाया कथबलिकम्मा हत्थिखंधवरगया इत्थिणपुरं नयरं मज्झमज्झेणं निग्गच्छइ २ कुरुजणवयं मज्यंमज्झेणं जेणेव सुरट्ठाजणवए जेणेव बारवई नयरी जेणेव अग्गुज्जाणे तेणेव उवागच्छइ २ हत्थिखंधाओ पश्चोरुहइ २ कोडुंबियपुरसे सहावेइ २ एवं वयासी- गच्छह णं तुब्भे देवाणुप्रिया ! जेणेवं बारवई नयरिं अणुपविसह २ कण्हं वासुदेवं करयल० एवं वयहएवं खलु सामी ! तुब्भं पिउच्छा कोंती देवी हत्थिणाउराओ नयराओ इहं हव्वमागया तुब्भं दंसणं कखइ । तए णं ते कोडुंबियपुरिसा जाब कति । तए णं कण्हे वासुदेवे कोटुंबिय पुरिसाणं अंतिए एयमहं सोचा निसम्म हट्ठतुट्ठे हत्थिखंधवरगए हयगय ० बारवईए नयरीए मज्झमज्झेणं जेणेव कोंती देवी तेणेव उवागच्छइ २ हत्थिखंधाओ पञ्चरुह २ कोंती देवी पायग्ग्रहणं करेइ २ कोंतीए देवीए सद्धिं हत्थिखंधं दुरूहइ २ बारवई नयरीं मज्झमज्झेणं जेणेव सए गिहे तेणेव उवागच्छइ २ सयं हिं अणुष्पविसइ । तए णं से कण्हे वासुदेवे कोंतिं देविं हायं कयबलिकम्मं जिमियभुत्तत्तरागयं जाव सुहासणवरगयं एवं वयासी - संदिसउ णं पिउच्छा ! किमागमणपओयणं । तए णं सा कोंती देवी कण्हं वासुदेवं एवं वयासी – एवं खलु पुत्ता ! हत्थिणाउरे नयरे जुहिद्विल्लस्स रन्नो आगासतलए सुहप्पसुत्तस्स पासाओ दोवई देवी न नज केणइ अवहिया जाव अवक्खित्ता वा । तं इच्छामि णं पुत्ता ! दोवईए देवीए मग्गणगवेसणं कैयं । तए णं से कण्हे वासुदेवे कोंती पिउच्छि एवं बयासी – जं नवरं पिउच्छा दोवईए देवीए कत्थइ सुइं वा जाब - Page #202 -------------------------------------------------------------------------- ________________ -XVI.129] नायाधम्मकहाओ 189 लभामि तो णं अहं पायालाओ वा भवणाओ वा अद्धभरहाओ वा समंतओ दोवई देविं साहत्थिं उवणेमि तिकटु कोंतीपिउञ्छि मक्कारेइ सम्माणेइ जाव पडिविसज्जेइ । तए णं सा कोंती देवी कण्हेणं वासुदेवेणं पडिविसज्जिया समाणी जामेव दिसि पाउन्भूया तामेव दिसि पडिगया । तए णं से कण्हे वासुदेवे कोडुंबियपुरिसे सहावेइ २ एवं वयासी- गच्छह णं तुम्भे देवाणुप्पिया ! बारवई नयरिं एवं जहा पंडू तहा घोसणं घोसावेइ जाव पञ्चप्पिणंति पंडुस्स जहा । तए णं से कण्हे वासुदेवे अन्नया अंतोअंतेउरगए ओरोहे जाव विहरइ । इमं च णं कच्छुल्लए नारए जाव समोवइए जाव निसीइत्ता कण्हं वासुदेवं कुसलोदंतं पुच्छइ । तए णं से कण्हे वासुदेवे कच्छुल्लं नारयं एवं वयासी- तुमं णं देवाणुप्पिया ! बहूणि गामागर जाव अणुपविससि ।तं अत्थियाई ते कहिंचि दोवईए देवीए सुई वा जाव उवलद्धा ? तए णं से कच्छुल्लए कण्हं वासुदेवं एवं वयासी – एवं खलु देवाणुप्पिया ! अन्नया कयाइं धायईसंडे दीवे पुरत्थिमद्धं दाहिणड्डभरहवासं अवरकंकारायहाणिं गए । तत्थ णं मए पउमनाभस्स रन्नो भवणंसि दोवई देवी जारिसिया दिट्ठपुव्वा यावि होत्था । तए णं कण्हे वासुदेवे कच्छुल्लं एवं वयासी- तुम्भं चेव णं देवाणुप्पिया ! एयं पुव्वकम्मं । तए णं से कच्छुल्लनारए कण्हेणं वासुदेवेणं एवं वुत्ते समाणे उप्पयणिं विजं आवाहेइ २ जामेव दिसि पाउन्भूए तामेव दिसिं पडिगए । तए णं से कण्हे वासुदेवे दूयं सहावेइ २ एवं वयासी- गच्छह णं तुम देवाणुप्पिया ! हथिणारं पंडुस्स रन्नो एयमलृ निवेएहि - एवं खलु देवाणुप्पिया ! दोवई देवी धायईसंडदीवे पुरत्थिमद्धे अवरकंकाए रायहाणीए पउमनाभभवणंसि साहिया दोवईए देवीए पउत्ती उवलद्धा। वं गच्छंतु पंच पंडवा चाउरंगिणीए सेणाए सद्धिं संपरिवुडा पुरथिमवेयालीए ममं पडिवालेमाणा चिटुंतु । तए णं से दृए जाव भणइ जाव पडिवालेमाणा चिट्ठह तेवि जाव चिट्ठति । तए णं से कण्हे वासुदेवे कोडुंबियपुरिसे सहावेइ २ एवं वयासी - गच्छह णं तुम्भे देवाणुप्पिया! Page #203 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 190 नायाधम्मकहाओ [XVI.129सन्नाहियं भेरि तालेह तेवि तालेति । तए णं तीए सन्नाहियाए भेरीए सई सोच्चा समुहविजयपामोक्खा दस दसारा जाव छप्पन्नं बलवगसाहस्सीओ सन्नद्धबद्ध जाव गहियाउहपहरणा अप्पेगइया हयगया अप्पेगइया गयगया जाव मणुस्सवग्गुरापरिक्खित्ता जेणेव सभा सुहम्मा जेणेव कण्हे वासुदेवे तेणेव उवागच्छंति २ करयल जाव वद्धावेंति । तए णं से कण्हे वासुदेवे हत्थिखंधवरगए सकोरेंटमल्लदामेणं छत्तेणं धरिजमाणेणं सेयवर० ह्यगय महया भडचडगरपहकरेणं बारवईए नयरीए मझमझेणं निग्गच्छइ जेणेव पुरथिमवेयाली तेणेव उवागच्छइ २ पंचहिं पंडवेहिं सद्धिं एगयओ मिलाइ २ खंधावारनिवेसं करेइ २ पोसहसालं करेइ २ पोसहसालं अणुप्पविसइ २ सुट्टियं देवं मणसीकरमाणे २ चिट्ठइ । तए णं कण्हस्स वासुदेवस्स अट्ठमभत्तंसि परिणममाणंसि सुट्टिओ जाव आगओ [एवं वयइभण देवाणुप्पिया ! जं मए कायव्वं । तए णं से कण्हे वासुदेवे सुट्टियं एवं वयासी - एवं खलु देवाणुप्पिया ! दोवई देवी जाव पउमनाभस्स भवर्णसि साहियाँ। तण्णं तुमं देवाणुप्पिया ! मम पंचहिं पंडवेहिं सद्धिं अप्पछट्ठस्स छण्हं रहाणं लवणसमुद्दे मग्गं वियराहि जर्जा णं' अहं अवरकंकारायहाणिं दोवईए कूवं गच्छामि । तए णं से सुट्टिए देवे कण्डं वासुदेवं एवं वयासी-किण्णं देवाणुप्पिया ! जहा चेव पउमनाभस्स रनो पुव्वसंगइएणं देवेणं दोवई जाव साहिया तहा चेव दोवई देविं धायईसंडाओ दीवाओ भारहाओ जाव हत्थिणाउरं साहरामि उदाहु पउमनाभं रायं सपुरबलवाहणं लवणसमुहे पक्खिवामि ? तए णं से कण्हे वासुदेवे सुट्टियं देवं एवं वयासी- मा णं तुमं देवाणुप्पिया ! जाव साहराहि । तुमं णं देवाणुप्पिया! मम लवणसमुद्दे पंचहिं पंडवेहिं सद्धिं अप्पछट्ठस्स छण्हं रहाणं मग्गं वियराहि । सयमेव णं अहं दोवईए कुवं गच्छामि । तए णं से सुटिए देवे कण्हं वासुदेवं एवं वयासी - एवं होउ णं । पंचहिं पंडवहिं सद्धिं अप्पछट्ठस्स छण्डं रहाणं लवणसमुद्दे मग्गं वियरइ । तए णं से कण्हे वासुदेवे चाउरंगिणिं सेणं पडिविसज्जेइ २ पंचहिं पंडवेहिं सद्धिं अप्पछठे छहिं रहेहिं लवणसमुहं मझमझेणं Page #204 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 191 -XVI.129] नायाधम्मकहाओ वीईवयइ २ जेणेव अवरकंका रायहाणी जेणेव अवरकंकाए रायहाणीए अग्गुजाणे तेणेव उवागच्छइ २ रहं ठावेइ २ दारुयं सारहिं सद्दावेइ २ एवं वयासी - गच्छह णं तुमं देवाणुप्पिया! अवरकंकारायहााणिं अणुपविसाहि २ पउमनाभस्स रन्नो वामेणं पाएणं पायपीढं अवक्कमित्ता कुंतग्गेणं लेहं पणामेहि तिवलियं भिउडिं निडाले साहटु आसुरुत्ते रुढे कुद्धे कुविए चंडिक्किए एवं वयासी-हं भो पउमनामा! अपत्थियपत्थिया दुरंतपंतलक्खणा हाणपुण्णचाउद्दसा सिरिहिरिधिईपरिवज्जिया ! अन्ज न भवसि! किन्नं तुमं न याणासि कण्हस्स वासुदेवस्स भगिर्णि दोवई देवि इहं हव्वमाणेमाणं ? तं एयमवि गए पञ्चप्पिणाहि णं तुम दोवई देविं कण्हस्स वासुदेवस्स अहव णं जुद्धसजे निग्गच्छाहि । एस णं कण्हे वासुदेवे पंचहिं पंडवेहिं सद्धिं अप्पछट्टे दोवईए देवीए कूवं हव्वमागए । तए णं से दारुए सारही कण्हेणं वासुदेवेणं एवं वुत्ते समाणे हट्टतुट्टे पडिसुणेइ २ अवरकंकं रायहाणिं अणुपविसइ २ जेणेव पउमनाभे तेणेव उवागच्छइ २ करयल जाव वद्धावेत्ता एवं वयासी-एस णं सामी ! मम विणयपडिवत्ती इमा अन्ना मम सामिस्स समुहाणत्ति त्तिकटु आसुरुत्ते वामपाएणं पायपीढं अवक्कमइ २ कुंतग्गेणं लेहं पणामेह जाव कृवं हव्वमागए। तए णं से पउमनामे दारुएणं सारहिणा एवं वुत्ते समाणे आसुरुत्ते तिवलिं भिउडिं निडाले साहटु एवं वयासी - न अप्पिणामि णं अहं देवाणुप्पिया! कण्हस्स वासुदेवस्स . दोवई । एस णं अहं सयमेव जुज्झसज्जे निग्गच्छामि त्तिकटु दारुयं सारहिं एवं वयासी- केवलं भो! रायसत्थेसु दूए अवझे तिकटु असकारियं असम्माणियं अवदारणं निच्छुभावेइ । तए णं से दारुए सारही पउमनाभेणं असक्कारियं जाव निच्छुढे समाणे जेणेव कण्हे वासुदेवे तेणेव उवागच्छइ २ करयल जाव कण्हं एवं वयासी - एवं खलु अहं सामी ! तुम्भं वयणेणं जाव निच्छुभावेइ। तए णं से पउमनाभे बलवाउयं सहावेइ २ एवं वयासी - खिप्पामेव भो देवाणुप्पिया ! आभिसेक्क हत्थिरयणं पडिकप्पेह । तयाणंतरं च णं छेयायरियउवएसमइविकप्पणाहि Page #205 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 192 भायाधम्मकहाओ [XVI. आव उवणेति । तए णं से पउमनाहे सन्नद्धः अभिसेयं दुरूहइ २ हयगय जेणेव कण्हे वासुदेवे तेणेव पहारेत्थ गमणाए । तए णं से कण्हे वासुदेवे पउमनाभं रायाणं एजमाणं पासइ २ ते पंच पंडवे एवं वयासी - हं भो दारगा! किन्नं तुब्भे पउमनाभेणं सद्धिं जुझिहेह उयाहु पिच्छहह ? तए ण ते पंचपंडवा कण्हं वासुदेवं एवं वयासी - अम्हे णं सामी ! जुल्झामो तुम्भे पेच्छह । तए पंचपंडका सन्नद्ध जाव पहरणा रहे दुरूहंति २ जेणेव पउमनाभे राया तेणेव उवागच्छंति २ एवं वयासी- अम्हे वा पउमनाभे वा राय त्तिकटु पउमनाभेणं सद्धिं संपलग्गा यावि होत्था । तर णं से पउमनाभे राया ते पंचपंडवे खिप्पामेव हयमहियपवरविवडियचिंधयपडागे जाव दिसोदिसि पडिसेहेइ । तए णं ते पंचपंडवा पउमनाभेणं रमा हयमहियपवरविवडिय जाव पडिसेहिया समाणा अत्थामा जाव अधारणिज्जमित्तिकटु जेणेव कण्हे वासुदेवे तेणेव उवागच्छंति । तए णं से कण्हे वासुदेवे ते पंचपंडवे एवं क्यासी - कहण्णं तुब्भे देवाणुप्पिया ! पउमनाभेणं रन्ना सद्धिं संपलग्गा ? तए णं ते पंचपंडवा कण्हं वासुदेवं एवं क्यासी- एवं खलु देवाणुप्पिया ! अम्हे तुब्भेहिं अब्भणुनाया समाणा सन्नद्धा० रहे दुरूहामो २ जेणेव पउमनाभे जाव पडिसेहेइ । तए णं से कण्हे वासुदेवे ते पंचपंडवे एवं वयासी-जई णं तुम्भे देवाणुप्पिया ! एवं वयंता- अम्हे नो पउमनाभे रायत्तिक१ पउमनाभेणं सद्धिं संप्पलग्गंता तो णं तुब्भे नो पउमंनाभे हयमहियपवर जाव पडिसेहित्था । तं पेच्छह णं तुम्भे देवाणुप्पिया! अहं नो पउमनाभे रायत्तिकटु पउमनाभेणं रन्ना सद्धिं जुज्झामि रहं दुरूहइ २ जेणेव पउमनामे राया तेणेव उवागच्छइ २ सेयं गोखीरहारधवलं तणसोल्लियसिंदुवारकुंदेंदुसन्निगासं निययस्स बलस्स हरिसजणणं रिउसेन्नविणासकर पंचजन्नं संखं परामुसइ २ मुहवायपूरियं करेइ । तए णं तस्स पउमनाभस्स तेणं संखसद्देणं बलतिभाए हए जाव पडिसेहिए । तए णं से कण्हे वासुदेवे धणुं परामुसइ वेढो धणुं पूरेइ २ धणुसहं करेइ । तए णं तस्स पउमनाभस्स दोच्चे बलतिभाए तेणं धणुसद्देणं हयमयि जाव पडिसेहिए। Page #206 -------------------------------------------------------------------------- ________________ -XVL129] नायाधम्मकहाओ 193 तए णं से पउमनाभे राया तिभागबलावसेसे अत्थामे अबले अवीरिए अपुरिसक्कारपरक्कमे अधारणिज्जमित्तिकटु सिग्धं तुरियं जेणेव अवरकंका तेणेव उवागच्छइ २ अवरकंकारायहाणिं अणुपविसइ २ बाराई पिहेइ २ रोहेसज्जे चिट्ठइ । तए णं से कण्हे वासुदेवे जेणेव अवरकंका तेणेव उवागच्छइ २ रहं ठावेइ २ रहाओ पच्चोरुहइ २ वेउव्वियसमुग्घाएणं समोहण्णइ एगं महं नरसीहरूवं विउव्वइ २ महया २ सद्देणं पायदद्दरियं करेइ । तए णं कण्हेणं वासुदेवेणं महया २ सद्देणं पायदहरएणं करणं समाणेणं अवरकंका रायहाणी संभग्गपागारगोउराट्टालयचरियतोरणपल्हत्थियपवरभवणसिरिघरा सरसरस्स धरणियले सन्निवइया। तए णं से पउमनाभे राया अवरकंकं रायहाणि संभग्गं जाव पासित्ता भीए दोवई देविं सरणं उवेइ । तए णं सा दोवई देवी पउमनाभं रायं एवं वयासी-किन्नं तुमं देवाणुप्पिया! जीणसि कण्हस्स वासुदेवस्स उत्तमपुरिसस्स विप्पियं करेमाणे १ तं एवमवि गए गच्छह णं तुमं देवाणुप्पिया! पहाए कयबलिकम्मे उल्लपडसाडए ओचूलगवत्थनियत्थे अंतेउरपरियालसंपरिखुडे अग्गाई वराई रयणाई गहाय ममं पुरओकाउं कण्हं वासुदेवं करयल जाव पायवडिए सरणं उवेहि । पणिवइयवच्छला णं देवाणुप्पिया ! उत्तमपुरिसा । तए णं से पउमनाभे दोवईए देवीए एयमह पडिसुणेइ २ हाए जाव सरणं उवेइ २ करयल जाव एवं वयासी-दिट्ठा णं देवाणुप्पियाणं इड्डी जाव परक्कमे । तं खामेमि णं देवाणुप्पिया ! जाव खमंतु णं जाव नाहं भुजो २ एवंकरणयाए त्तिकट्टु पंजलिउडे पायवडिए कण्हस्स वासुदेवस्स दोवई देविं साहत्थिं उवणेइ । तए णं से कण्हे वासुदेवे पउमनाभं एवं क्यासीहं भो पउमनाभा! अपत्थियपत्थिया ४ किन्नं तुम जाणसि मम भगिणि दोवई देविं इह हवंमाणमाणे ? तं एवमवि गए नत्थि ते ममाहितो इयाणि भयमस्थि त्तिकटु पउमनाभं पडिविसज्जेइ दोवई देविं गेण्हइ २ रहं दुरूहेइ २ जेणेव पंच पंडवा तेणेव उवागच्छइ २ पंचण्हं पंडवाणं दोवई देविं साहत्थिं उवणेइ । तए णं से कण्हे पंचहिं पंडवेहिं सद्धिं २५ Page #207 -------------------------------------------------------------------------- ________________ नायाधम्मक हाओ [XVI.130 अपट्टे छहिं रहे हिं लवणसमुहं मज्झमज्झेणं जेणेव जंबुद्दीवे २ जेणेव भारहे वासे तेणेव पहारेत्थ गमणाए । (130) तेणं कालेणं २ धायइसंडे दीवे पुरत्थिमद्धे भारहे वासे चंपा नामं नयरी होत्था । पुण्णभहे चेइए । तत्थ णं चंपाए नयरीए कविले नाम वासुदेवे राया होत्था वण्णओ । तेणं कालेणं २ मुणिसुब्बर अरहा चंपाए पुण्णभद्दे समोसढे । कविले वासुदेवे धम्मं सुणेइ । तए णं सेविले वासुदेवे मुणिसुब्बयस्स अरहओ अंतिए धम्मं सुणेमाणे कण्हस्स वासुदेवस्स संखसद्दं सुणेइ । तए णं तस्स कविलस्स वासुदेवस्स इमेयारूवे अन्झत्थिए ४ समुप्पज्जित्था - किं मण्णे धायइसंडे दावे भार वासे दोचे वासुदेवे समुत्पन्ने जस्स णं अयं संखसद्दे ममं पिव मुहवाय पूरिए वियंभइ ? कविले वासुदेवा भ इ मुणिसुव्वए अरहा कविलं वासुदेवं एवं वयासी - स लूणं कविला वासुदेवा ! ममं अंतिए धम्मं निसामेमाणस्स संखस आकिण्णित्ता इमेयारूवे अज्झत्थिए - किं मैने जाव वियंभइ । से नृणं कविला वासुदेवा ! अट्ठे समट्ठे ? हंता ! अस्थि । तं नो खलु कविला ! एवं भूयं वा भव्वं वा भविस्सं वा जन्नं एगखेत्ते एगजुगे एगसमए णं दुवे अरहंता वा चक्कवट्टी वा बलदेवा वा वासुदेवा वा उपजिंसु वा उप्पज्जिंति वा उप्पज्जिस्संति वा । एवं खलु वासुदेवा ! जंबुद्दीवाओ २ भारहाओ वासाओ हत्थिणा उराओ नयराओ पंडुस्स रन्नो सुण्हा पंचां पंडवाणं भारिया दोवई देवी तव पउमनाभस्स रन्नो पुव्वसंगइएणं देवेणं अवरकंकं नयरिं साहरिया । तए णं से कण्हे वासुदेवे पंचहि पंडवे हिं सद्धिं अप्पछडे छहिं रहेहिं अवरकंकं रायहाणिं दोवईए देवीए कूवं हव्वमागए । तए णं तस्स कण्हस्स वासुदेवस्स पउमनाभेणं रन्ना सद्धि संगामं संगामेमाणस्स अयं संखसद्दे तव मुहवाया ० इट्ठे इव वियंभइ । तए णं से कविले वासुदेवे मुणिसुव्वयं वंदइ नमसइ २ एवं वयासी - गच्छामि णं अहं भंते । कण्डं वासुदेवं उत्तमपुरिसं मम सरिसपुरिसं पासामि । तए णं मुणिसुव्वए अरहा कविलं वासुदेवं एवं वयासी - नो खलु देवाणुप्पिया ! एवं भूयं वा ३ जण्णं अरहंता वा अरहंतं पासंति 194 Page #208 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 195 -XVI.181] नायाधम्मकहाओ पक्षवट्टी वा चलवढेि पासंति बलदेवा वा बलदेवं पासंति वासुदेवा वा वासुदेवं पासंति । तहवि य गं तुम कण्हस्स वासुदेवस्स लवणसमुहं मझमज्झेणं वीईवयमाणस्स सेयापीयाई धयग्गाई पासिहिसि । तए णं से कविले वासुदेवे मुणिसुव्वयं वंदइ नमसइ २ हत्यिखंधं दुरूहइ २ सिग्धं तुरियं जेणेव वेलाकूले तेणेव उवागच्छइ २ कण्हस्स वासुदेवस्स लवणसमुई मझमझेणं वीईवयमाणस्स सेयापीयाई धयग्गाई पासइ २. एवं वयइ - एस णं मम सरिसपुरिसे उत्तमपुरिसे कण्हे वासुदेवे लवणसमुहं मझमज्झेणं वीईवयइ तिकटु पंचयन्नं संखं परामुसइ २ मुहवायरियं करेइ । तए णं से कण्हे वासुदेवे कविलस्स वासुदेवस्स संखसई आयण्णेइ २ पंचयन्नं जाव पूरियं करेइ । तए णं दोवि वासुदेवा संखसहसमायारिं करेंति । तए णं से कविले वासुदेवे जेणेव अवरकंका तेणेव उवागच्छइ २ अवरकंकं रायहाणिं संभग्गतोरणं जाव पासह २ पउमनाभं एवं वयासी-किन्नं देवाणुप्पिया ! एसा अवरकंका संभग्ग जाव सन्निवइया? तए णं से पउमनाभे कविलं वासुदेवं एवं वयासी-एवं खलु सामी! जंबुद्दीवाओ २ भारहाओ वासाओ इहं हव्वमागम्म कण्हेणं वासुदेवेणं तुब्भे परिभूय अवरकंका जाव सन्निवडिया। तए णं से कविले वासुदेवे पउमनाभस्स अंतिए एयमहँ सोच्चा पउमनाभं एवं वयासी - हं भो पउमनाभा! अपत्थियपत्थिया ५ ! किन्नं तुमं जाणसि मम सरिसपुरिसस्स कण्हस्स वासुदेवस्स विप्पियं करेमाणे ?आसुरुत्ते जाव पउमनाभं निव्विसयं आणवेइ पउमनाभस्स पुत्तं अवरकंकाए रायहाणीए महया २ रायाभिसेएणं अभिसिंचइ जाव पडिगए। .. (191) तए णं से कण्हे वासुदेवे लवणसमुहं मझमझेणं वीईवयइ से पंचपंडवे एवं वयासी- गच्छह णं तुम्भे देवाणुप्पिया! गंगं महानई उत्तरह जाव ताव अहं सुट्टियं लषणाहिवई पासामि । तए णं ते पंच पंडवा कण्हेणं २ एवं वुत्ता समाणा जेणेव गंगा महानदी तेणेव उवागच्छंति २ एगट्टियाए नावाए मग्गणगवेसणं करेंति २ एगट्ठियाए नावाए गंगं महानई उत्तरंति २ अन्नमन्नं एवं वयंति - पहू. णं देवाणुप्पिया! Page #209 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 196 नायाधम्मकाओ [XVI.131 कण्हे वासुदेवे गंगं महानई बाहाहिं उत्तरित्तए उदाहु नो पहू उत्तरित्तए चिकट्टु एगडियांओ मेंति २ कण्डं वासुदेवं पडिवालेमाणा २ चिट्ठति । तणं से कहे वासुदेवे सुट्ठियं लवणाहिवई पासइ २ जेणेव गंगा महानई तेणेव उवागच्छइ २ एगट्टियाए सव्वओ समंता मग्गणगवेसणं करेइ २ एगट्ठियं अपासमाणे एगाए बाहाए रहं सतुरगं ससारहिं गेण्हइ एगाए बहाए गंगं महानई बासट्ठि जोयणाई अद्धजोयणं च वित्भिण्णं उत्तरिउं पयत्ते यावि होत्था । तए णं से कण्हे वासुदेवे गंगाए महानईए बहुमज्झदेसभाएँ संपत्ते समाणे संते तंते परितंते बद्धसेए जाए या होत्या । तए णं तस्स कण्हस्स वासुदेवरस इमेयारूवे अज्झथिएअहो णं पंच पंडवा महाबलवगा जेहिं गंगामहानई बावट्ठि जोयणाई अद्धजोयणं च वित्थिण्णा बाहाहिं उत्तिणा । इच्छंत एहिं णं पंचहिं पंडवेहिं परमनांभे हयमहिय जांव नो पडिसेहिए । रुए णं गंगादेवी कण्हस्स वासुदेवस्स इमं एयारूवं अज्झत्थियं जाव जाणित्ता थाहं वियर । तणं से कहे वासुदेवे मुहुत्ततरं समासासेइ २ गंगं महानदिं बावट्ठि जाव उत्तरइ २ जेणेव पंचपंडवा तेणेव उवागच्छइ पंच पंडवे एवं वयासीअहो णं तुभे देवाणुपिया ! महाबलवगा जेहिं णं तुब्भेहिं गंगामहानई बावट्ठि जाव उत्तिणा । इच्छंतएहिं णं तुब्भेहिं पउमनाहे जाव नो पडिसेहिए । तए णं ते पंच पंडवा कण्हेणं वासुदेवेणं एवं वृत्ता समाणा कन्हं वासुदेवं एवं वयासी - एवं खलु देवाणुप्पिया! अम्हे तुन्भेहिं विसज्जिया समाणा जेणेव गंगा गहानई तेणेव उवागच्छामो २ एगट्टियाए मग्गणगवेसणं तं चैव जाव णूंमेमो तुब्भे पडिवालेमाणा चिट्ठामो । तए णं से कहे वासुदेवे तेसिं पंचपंडवाणं अंतिए एयमहं सोच्चा निसम्म आसुरुते जाव विब्रलियं एवं वयासी - अहो णं जया मए लवणसमुद्द दुबे जोयणसयसह स्सवित्थिण्णं वीईवइत्ता पउमनाभं इयमहियं जाव पडिसेहित्ता अवरकंका संभग्गा दोवई साहस्थि उवणीया तया णं तुन्भेहिं मम माहप्पं न विन्नायं इयाणिं जाणिस्सह त्तिकट्टु लोहदंडं परामुसइ पंच पंडवाणं रहे सुरेइ २ निव्विस आणवेइ २ तत्थ णं रहमणेः Page #210 -------------------------------------------------------------------------- ________________ -XVI,132] • नायाधम्मक हाओ नाम को निविट्ठे । तए णं से कण्हे वासुदेवे जेणेव सए संधावारे वेणेव उवागच्छइ २ सएणं खंधावारेणं सार्द्धं अभिसमन्नागर यावि होत्था । तए णं से कहे वासुदेवे जेणेव बारवई नयरी वेणेव उवागच्छइ २ अणुष्पविसइ । - (132) तए णं. ते पंचपंडवा जेणेव इत्थिणाउरे तेणेव उवागच्छंति २ जेणेव पंडू राया तेणेव उवागच्छंति २ करयल जाव एवं वयासी - एवं खलु ताओ ! अम्हे कण्हेणं निव्विसया आणत्ता । तए णं पंडूराया ते पंचपंडवे एवं वयासी - कण्णं पुत्ता ! तुब्भे कण्हेणं वासुदेवेणं निव्विसया आणता ? तए णं ते पंचपंडवा पंहुं रायं एवं वयासी - एवं खलु ताओ ! अम्हे अवरकंकाओ पडिनियन्ता लवणसमुहं दोन्नि जोयणसयसहस्साइं वीईवइत्थं । तए णं से कण्हे वासुदेवे अम्हे एवं वयइ - गच्छह णं तुब्भे देवाणुप्पिया ! गंगं महानई उत्तरह जाव ताव अहं एवं तव जाव चिट्ठामो । तए णं से कण्हे वासुदेवे सुट्ठियं लवणाहिवरं दट्ठूण तं चैव सव्वं नवरं कण्हस्स चिंता न बुज्झइ जाव निव्विस आणवेइ । तए णं से पंडूराया ते पंचपंडवे एवं वयासी - दुट्टु णं तुमं पुत्ता ! कयं कण्हस्स वासुदेवस्स विप्पियं करेमाणेहिं । तए णं से पंडूराया कोंतिं देविं सद्दावेइ २ एवं बयासी – गच्छह णं तुमं देवाणुप्पिया ! बारवई कण्हस्स वासुदेवस्स निवेएहि एवं खलु देवाणुप्पिया ! तुमे पंचपंडवा निव्विसया आणत्ता । तुमं च णं देवाणुप्पिया ! दाहिणड्डूभरहस्स सामी । तं संदिसंतु णं देवाणुप्पिया ! ते पंचपंडवा कयरं दे वा दिसिं वा गच्छंतु ? तए णं सा कोंती पंडुणा एवं वृत्ता समाणी हत्थिखंधं दुरूहइ जहा हेठा जाव संदिसंतु णं पिउच्छा ! किमागमणपओयणं । तए णं सा कोंती कण्हं वासुदेवं एवं वयासी – एवं खलु तुमे पुत्ता ! पंचपंडवा निव्विसया आणत्ता तुमं चणं दाहिणडूभरहस्स जाव दिसं वा गच्छंतु । तए णं से कण्हे वासुदेवे कोतिं देविं एवं वयासी- अपूयवयणा णं पिउच्छा ! उत्तमपुरिसा वासुदेवा बलदेवा चक्कवट्टी । तं गच्छंतु णं पंचपंडवा दाहिणिल्लवेयालि तत्थ पंडुमहुरं निवेसंतु मम अदिट्ठसेवगा भवंतु तिकट्टु कोंतिं देवि - 197 Page #211 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 198 नायाथम्मकाओ [XVI.133 सकारेइ सम्माणेइ जाव पडिविसोइ । तए णं सा कोंती आव पंडुस्स एयम निवेएइ । तए णं पंडू राया पंच पंढवे सहावेइ २ एवं वयासी - गच्छह णं तुब्भे पुत्ता ! दाहिणिल्लं वेयालिं । तत्थ णं तुम्मे पंडुमहुरं निवेसेह । तए णं ते पंचपंडवा पंडुस्स रन्नो जाव तहत्ति पडिसुर्णेति २ सबलवाहणा हयगया हत्थिणाउराओ पडिनिक्खमंति २ जेणेव दक्खिणिल्ले वेयाली तेणेव उवागच्छंति २ पंडुमहुरं नाम नगरं निवेसंति । तत्थवि णं ते विपुलभोगसमिइसमन्नागया यावि होत्था । - (133) तए णं सा दोबई देवी अन्नया कयाइ आवन्नसत्ता जायावि होत्था । तए णं सा दोवई देवी नवण्हं मासाणं जाव सुरूवं दारगं पयाया सूमालं निव्वत्तबारसाहस्स इमं एयारूवं - जम्हा णं अम्हं एस दारए पंचण्हं पंडवाणं पुत्ते दोवईए देवीए अतए तं होऊ णं इमस्स दारगस्स नामधेज्जं पंडुसेणे ति । तप णं तस्स दारगस्स अम्मापियरो नामधेयं करेंति पंडुसेणत्ति । बावन्तरिं कलाओ जाव अलंभोगसमत्थे जाए जुबराया जाव विहरह । थेरा समोसढा परिसा निग्गया । पंडवा निग्गया धम्मं सोचा एवं वयासी जं नवरं देवाणुप्पिया ! दोवई देवि आपुच्छामो पंडुसेणं च कुमारं रज्जे ठावेमो तओ पच्छा देवाणुपियाणं अंतिए मुंडे भवेत्ता जाव पव्वयामो । अहासुरं देवाणुप्पिया ! तए णं ते पंचपंडवा जेणेव सए गिहे तेणेव उवागच्छंति २ दोबई देविं सद्दार्वेति २ एवं वयासी - एवं खलु देबाणुप्पिए ! अम्हेहिं राणं अंतिए घम्मे निसंते जाव पव्वयामो । तुमं णं देवाणुप्पिए । किं करोसि ? तए णं सा दोवई ते पंचपंडवे एवं वयासी - जइ णं तुब्भे देवाणु पिया ! संसारभउव्विग्गा जाव पव्वयह मम के अन्ने आलंबे वा जाव भविस्सइ ? अहं पि य णं संसारभउब्बिग्गा देवाणुप्पिएहिं सद्धिं पव्वइस्सामि । तए णं. ते पंचपंडवा पंडुसेणस्स अभिसेओ जाव राया जाए नाब रवं पसाहेमाणे विहरइ । तए णं ते पंचपंडवा दोवई य देवी अन्नया कयाइ पंडुसेणं रायाणं आपुच्छंति । तए णं से पंडुसेणे राया कोटुंबियपुरिसे सद्दावेइ २ एवं वयासी - खिप्पामेव भो ! देवाणुप्पिया ! निक्खमणा Page #212 -------------------------------------------------------------------------- ________________ -XVI.135] नायाधम्मकहाओ भिसेयं जाव उवट्ठवेह पुरिससहस्सवाहिणीओ सिबियाओ उवट्ठवेह जाव पञ्चोरहंति जेणेव थेरा भगवंतो तेणेव उवागच्छंति जाव आलित्ते णं जाव समणा जाया चोहस्स पुव्वाइं अहिज्जति २ बहूणि वासाणि छट्ठमदसमदुवालसेहिं मासद्धमासखमणेहिं अप्पाणं भावेमाणा विहरति । (134) तए णं सा दोवई देवी सीयाओ पञ्चोरुहइ जाव पठवइया सुव्वयाए अजाए सिस्सिणियत्ताए दलयइ एक्कारस अंगाई अहिजइ बहूणि वासाणि छहमदसमदुवालसेहिं जाव विहरइ। (135) तए णं थेरा भगवंतो अन्नया कयाइ पंडुमहुराओ नयरीओ सहसंबषणाओ उजाणाओ पडिनिक्खमंति २ बहिया जणवयविहारं विहरंति । तेणं कालेणं २ अरहा अरिहनेमी जेणेव सुरद्वाजणवए तेणेव उवागच्छइ २ सुरद्वाजणवयंसि संजमेणं तवसा अप्पाणं भावेमाणे विहरइ । तए णं बहुजणो अन्नमन्नस्स एवमाइक्खइ ४ - एवं खलु देवाणुप्पिया! अरहा अरिहनेमी सुरद्वाजणवए जाव विहरइ । तए णं ते जुहिडिल्लपामोक्खा पंच अणगारा बहुजणस्स अंतिए एयमढे सोचा अन्नमन्नं सदाति २ एवं बयासी- एवं खलु देवाणुप्पिया! अरहा अरिहनेमी पुव्वाणुंपुट्विं जाव विहरइ । तं सेयं खलु अम्ह थेरा आपुच्छित्ता अरहं अरिट्टनेमि वंदणीए गमित्तए अन्नमन्नस्स एयमह पडिसुणेति २ जेणेव थेरा भगवंतो तेणेष उवागच्छंति २ थेरे भगवते वंदति नमसंति २ एवं वयासी- इच्छामो णं तुब्भेहिं अब्भणुन्नाया समाणा अरहं अरिट्ठनेमि जाव गमित्तए । अहासुहं देवाणुप्पिया! तए णं ते जुहिडिल्लपामोक्खा पंच अणगारा थेरेहिं अब्भणुन्नाया समाणा थेरे भगवंते वदंति नमसंति २ थेराणं अंतियाओ पडिनिक्खमंति मार्समासेणं अणिक्खित्तेणं तवोकम्मेणं गामाणुगामं दुइजमाणा जाव जेणेव हत्थकप्पे तेणेव उवागच्छंति हत्यकप्पस्स बहिया सहसंबवणे उजाणे जाव विहरति । तए णं ते जुहिहिल्लवज्जा चत्तारि अणगारा मासक्खमणपारणए पढमाए पोरिसीए सज्झायं करेंति बीयाए एवं जहा गोयमसामी नवरं जुहिहिलं आपुच्छंति आव अडमाणा बहुजणसहं निसामेति । एवं खलु देवाणुप्पिया! अरहा Page #213 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 206 नया मकाओ [XV1.136 - अरिट्ठनेमी उज्जंत सेलसिहरे मासिएणं भत्तेगं अपाणएणं पंचहिं छत्तीसेहिं अणगारसएहिं सद्धिं कालगए जाव पहीणे । तए णं ते जुहिट्ठिलवजा चत्तारि अणगारा बहुजणस्स अंतिर्ए सोच्चा हत्थकपाओ पडिनिक्खमंत २ जेणेव सहसंबवणे उज्जाणे जेणेव जुहिट्ठिल्ले अणगारे तेणेव उवागच्छंत २ भत्तपाणं पञ्चक्खति २ गमणागमणस्स पडिक्कमति २ एसणमणेसणं आलोएंति २ भन्तपाणं पडिदर्सेति २ एवं वयासी - एवं खलु देवाणुप्पिया जाव कालगए । तं सेयं खलु अम्हं देवाणुप्पिया ! इमं पुव्र्वगाहियं भत्तपाणं परिद्ववेत्ता से पव्वयं सणियं २ दुरुहित्तर संलेहणासणाझोसियाणं कालं अणवेक्खमाणाणं विहरित्तए तिकट्टु अन्नमन्नस्स एयमटुं पडिसुर्णेति २ वं पुव्वगहियं भत्तपाणं एते परिवेंति २ जेणेव सेतुखे पव्वए तेणेव उवागच्छंति २ सेतु पव्वयं सणियं २ दुरूहंति जाव कालं अणवकखमाणा विहरंति । तए णं ते जुहिट्ठिलपामोक्खा पंच अणगारा सामाइयमाइयाई चोद्दस पुव्वाईं अहिनंति बहूणि वासाणि दोमासियाए संलेहणार अत्ताणं झोसेत्ता जस्साए कीरइ नग्गभावे जाव तमट्ठमाराहेति २ अनंते जाव केवलवरनाणदंसणे समुप्पन्ने जाव सिद्धा । (136) तए णं सा दोवई अज्जा सुव्वयाणं अज्जियाणं अंतिए सामाइयमाइयाई एक्कारस अंगाई अहिज्बइ २ बहूणि वासाणि मासियाए संलेहणाए आलोइयपडिक्कंता कालमासे कालं किश्वा बंभलोए उववन्ना । तत्थ णं अत्थेगइयाणं देवाणं दस सागरोवमाइं ठिई पन्नत्ता । तत्थ णं दुवस्स वि देवस्स दससागरोवमाई ठिई पन्नत्ता । से णं भंते ! दुवए देवे ताओ जाव महाविदेहे वासे जाव अंतं काहि । एवं खलु जंबू ! समणेणं भगवया महावीरेणं जाव संपत्तेणं सोलसमस्स नायज्झयणस्स अयमट्ठे पन्नत्ते त्तिबेमि | || सोलसमं नायज्झयणं समतं ॥ १६ ॥ Page #214 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 201 -XVII.1371 नायाधम्मकहाओ 201 ॥ सत्तरसमं अज्झयणं॥ ___(137) जइ णं भंते ! समणेणं० सोलसमस्स नायज्झयणस्स अयमढे पन्नत्ते सत्तरसमस्स नायज्झयणस्स के अढे पन्नत्ते ? एवं खलु जंबू ! वेणं कालेणं २ हत्थिसीसे नामं नयरे होत्था वण्णओ । तत्थ णं कणगकेऊ नामं राया होत्या वष्णओ । तत्थ णं हत्थिसीसे नयरे बहवे संजुत्तानावावाणियगा परिवसंति अड्डा जाव बहुजणस्स अपरिभूया यावि होत्था! तए णं तेसिं संजुत्तानावावाणियगाणं अन्नया कयाइ एगयओ जहा अरहनए जाव लवणसमुई अणेगाइं जोयणसयाई ओगाढा यावि होत्था । तए णं तेसिं जाव बहूणि उप्पायसयाई जहा माकंदियदारगाणं जाव कालियवाए य तत्थ समुच्छिए । तए णं सा नावा तेणं कालियवाएणं आधुणिज्जमाणी २ संचालिजमाणी २ संखोहिजमाणी २ तत्थैव परिभमइ । तए णं से निजामए नट्ठमईए नसुईए नट्ठसन्ने मूढदिसाभाए जाए यावि होत्था न जाणइ कयरं दिसं वा विदिसं वा पोयवहणे अवहिए त्तिकदु ओहयमणसंकप्पे जाव झियायइ । तए णं ते बहवे कुच्छिधारा य कण्णधारा य गन्भेल्लंगा य संजुत्तानावावाणियगा य जेणेव से निजामए तेणेव उवागच्छंति २ एवं वयासी-किन्नं तुमं देवाणुप्पिया ! ओहय मणसंकप्पे झियायसि ? तए णं से निजामए ते बहवे कुच्छिधारा य ४ एवं वयासी-एवं खलु अहं देवाणुप्पिया ! नट्ठमईए जाव अवहिएचिकटू तो ओहयमणसंकप्पे । तए ते कण्णधारा य ४ तस्स निजामयस्संविए एयमढं सोचा निसम्म भीया ४ व्हाया कयबलिकम्मा करयल जाव बहूणं इंदाण य खंधाण य जहा मल्लिनाए जाव उवायमाणा २ चिट्ठति । तए णं से निजामए तओ मुंहुत्तरस्स लद्धमईए ३ अमूढदिसामाए जाए यावि होत्या। तए णं से निजामए ते बहवे कुच्छिधारा य ४ एवं वयासी-एवं खलु अहं देवाणुप्पिया ! लद्धमईए जाव अमूढदिसाभाए जाए । अम्हे णं देवाणुप्पिया ! कालियदीवंतेणं संछूढा। एस णं कालियदीवे आलोकइ । तए णं ते कुच्छिधारा य ४ तस्स निजामगस्स अंतिए एयमढं सोचा हट्टतुट्ठा पयक्खिणाणुकूलेणं वारणं - २६ Page #215 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 202 नायाधम्मकहाओ [XVII.137जेणेव कालियदीवे तेणेव उवागच्छंति २ पोयवहणं लंबेंति २ एगट्ठियाहिं कालियदीवं उत्तरंति । तत्थ णं बहवे हिरण्णागरे य सुवण्णागरे य रयणागरे य वइरागरे य बहवे तत्थ आसे पासंति किं ते ? हरिरेणुसोणिसुत्तग आइण्णवेढो । तए णं ते आसाओ वाणियए पासंति तेसिं गंध आघायंति भीया तत्था उव्विग्गा उव्विग्गमणा तओ अणेगाई जोयणाई उन्भमंति । ते णं तत्थ पउरगोयरा परतणपाणिया निब्भया निरुश्विग्गा सुहंसुहणं विहरति । तए णं ते संजुत्तानावावाणियगा अनमन्नं एवं वयासी-किन्नं अम्हं देवाणुप्पिया! आसेहिं ? इमे गं बहवे हिरण्णांगरा य सुवण्णांगरा य रयणागरा य वयरागरा य । तं सेयं खलु अम्हं हिरण्णस्स य सुवण्णस्स य रयणस्स य वयरस्स य पोयवहणं भरित्तए त्तिकटु अन्नमन्नस्स एयमझुपडिसुणेति२हिरण्णस्स य सुवण्णस्स य रयणस्स य वयरस्स य तणस्स य कट्ठस्स य अन्नस्स य पाणियस्स य पोयवहणं भरेंति २ दक्खिणाणुकूलेणं वाणं जेणेव गंभीरपोयपट्टणे तेणेव उवागच्छंति २ पोयवणं लंबेंति २ सगडीसागडं सज्जेति २ ते हिरणं जाव वरं च एगठियाहिं पोयवहणाओ संचारेंति २ सगडीसागडं संजोएंति जेणेव हत्थिसीसे नयरे तेणेव उवागच्छंति २ हत्थिसीसयस्स नयरस्स बहिया अग्गुजाणे सत्थनिवेसं करेंति २ सगडीसागडं मोएंति २ महत्थं जाव पाहुडं गेण्हंति २ हत्थिसीसं च नयरं अणुप्पविसंति २ जेणेव से कणगकेऊ तेणेव उवागच्छंति २ जाव उवणेति । तए णं से कणगकेऊ तेसिं संजुत्तावाणियगाणं तं महत्थं जाव पडिच्छइ २ ते संजुत्तावाणियगा एवं वयासी - तुन्भे ण देवाणुप्पिया ! गामागर जाव आहिंडह लवणसमुहं च अभिक्खणं २ पोयवहणेणं ओगाहेह । तं अत्थियाइ त्थं केइ भे' कहिंचि अच्छेरए दिहपुव्वे ? तए णं ते संजुत्तावाणियगा कणगकेउं एवं वयासी - एवं खलु अम्हे देवाणुप्पिया। इहेव हथिसीसे नयरे परिवसामो तं चैव जाव कालियंदीवंतेणं संडूंढा। तत्थ णं बहवे हिरणोगरा य जाव बहवे तत्थ आसे । किं ते ? हरिरेणु नाव अणेगाई जोयणाई उन्भमंति । तए णं सामी ! अम्हेहिं कालियदीवे Page #216 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 208 -XVII.197] नायाधम्मकहाओ वे आसा अच्छेरए दिद्वपुष्वे । तए णं से कणगंकेऊ तेसि संजुत्ताणं अंतिए एयमढे सोचा ते संजुत्तए एवं वयासी - गच्छह णं तुम्भे देवाणुप्पिया! मम कोडंबियपुरिसेहिं सावं कालियदीवाओ ते मासे आणेह। वएणं ते संजुत्तावाणियगा कणगकेउं एवं वयासी - एवं सामि त्ति आणाए विणएणं वयणं पडिसुणेति । तए णं से कणगकेऊ कोडुंबियपुरिसे सदावेइ २ एवं वयासी - गच्छह गं तुम्भे देवाणुप्पिया ! संजुत्तएहिं नावावाणियएहिं सद्धिं कालियदीवाओ मम आसे आणेह । तेवि पडिसुणेति । तए णं ते कोडुबिया सगडीसागडं सजेति २ तत्थ णं बहूणं वीणाण य वल्लकीण य भामरीण य कच्छभीण य भंभाण य छब्भामरीण य विचित्तवीणाण य अन्नेसिं च बहूणं सोयंदियपाउग्गाणं दव्वाणं सगडीसागडं भरेंति २ बहूणं किण्हाण य जाव सुबिलाण य कट्टकम्माण य ४ गंथिमाण य ४ जाव संघाइमाण य अन्नेसिं च बहूणं चक्खिदियपाउग्गाणं दन्वाणं सगडीसागडं भरेंति २ बहुणं कोट्ठपुडाण य केयइपुडाण य आव अग्नेसिं च बहणं घाणिदियपाउग्गाणं दवाणं सगडीसागडं भरेंति २ बहुस्स खंडस्स य गुलस्स य सकराए य मच्छंडियाए य पुप्फुत्तरपउमुत्तर० अन्नेसि च जिभिदियपाउग्गाणं दव्वाणं सगडीसागडं भरेंति २ अन्नेसिं च बहणं कोयवाण य कंबलाण य पावाराण य नवतयाण य मलयाण य मसूराण य सिलावट्टाण य जाव हंसगन्माण य अन्नसिं च फासिंदियपाउग्गाणं दवाणं सगडीसागडं भरेति २ सगडीसागडं जोयंति २ जेणेव गंभीरए पोयट्ठाणे तेणेव उवागच्छति सगडीसागडं मोयंति २ पोयवहणं सब्जेति २ तेसिं उकिट्ठाणं सहफरिसरसरूवगंधाणं कट्ठस्स य तणस्स य पाणियस्स य तंदुलाण य समियस्स य गोरसस्स य जाव अन्नसिं च बहूणं पोयवहणपाउग्गाणं पोयवहणं भरेति २ दक्खिणाणुकूलेणं वाएणं जेणेव कालियदीवे तेणेव उवागच्छंति २ पोयवहणं लंबेंति २ ताई उकिट्ठाई सहफरिसरसरूवगंधाई एगट्ठियाहिं कालियदीवं उत्तारेंति २ जहिं जहिं चणं ते आसा आसयंति वा सयंति वा चिटुंति वा तुर्यति वा तहिं तहिं च णं ते कोडुंबियपुरिसा ताओ वीणाओ य जाव चित्तवीणाओ य Page #217 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 204 नायाधम्मकहाओ [XVII.138अन्नाणि बहूणि सोयंदियपाउग्गाणि य दव्वाणि समुदीरेमाणा ठवेंति तेसिं च परिपेरंतणं पासे ठवेंति निचला निप्फंदा तुसिणीया चिट्ठति । जत्य जत्थ ते आसा आसयंति वा नाव तुयदृति वा तत्थ तत्थ णं ते कोडुंबिया बहूणि किण्हाणि य कट्टकम्माणि य जाव संघाइमाणि य अनाणि य बहूणि चक्खिदियपाउग्गाणि य दव्वाणि ठवेंति तेसिं परिपरंतेणं पासए ठवेंति २ निचला निप्फंदा तुसिणीया चिट्ठति । जत्य जत्य आसा आसयंति तत्थ तत्थ ते णं तेसिं बहूणं कोहपुडाण य अन्नसिं च घाणिदियपाउग्गाणं दव्वाणं पुंजे य नियरे य करेंति २ तेसिं परिपेरते तत्थ तत्थ चिट्ठति । जत्थ जत्थ गं ते आसा आसयंति ४ तत्थ तत्व गुलस्स जाव अन्नसिं च बहूणं जिभिदियपाउग्गाणं दव्वाणं पुंजे य नियैरे य करेंति २ वियरए खणंति २ गुलपाणगस्स खंडपाणगस्स पौरपाणगस्स अन्नेसिं च बढणं पाणगाणं वियरए भरेंति २ तेसिं परिपेरंतेणं पासए ठवेंति जाव चिट्ठति । जहिं जाहिं च णं ते आसा तहिं तहिं च ते बहवे कोयवया जाव सिलावया अन्नाणि य फासिंदियपाउग्गाई अत्थुयपञ्चत्थुयाई ठवेंति २ तेर्सि परिपेरतेणं जाव चिट्ठति । तए णं ते आसा जेणेव ते उक्किट्ठा सहफरिसरसरूवगंधा तेणेव उवागच्छंति । तत्थ णं अत्यंगइया आसा अपुव्वा णं इमे सहफरिसरसरूवगंधा तिकटु तेसु उकिडेसु सद्दफरिसरसरूवगंधेसु अमुच्छिया ४ तेसिं उक्किट्ठाणं सह जाव गंधाणं दूरंदूरेणं अवक्कमति २ ते णं तत्थ पउरगोयरा पउरतणपाणिया निब्भया निरुविग्गा सुहंसुहेणं विहरंति । एवामेव समणाउसो ! जो अम्हं निग्गंथो वा निग्गंथी वा सहफरिस जाव नो सज्जइ से णं इहलोए चेव बहूणं समणाणं ४ अञ्चणिजे जाव वीईवइस्सइ । (138) तत्थ णं अत्थेगइया आसा जेणेव उक्किट्ठा सहफरिसरसरूवगंधा तेणेव उवागच्छंति २ तेसु उक्किडेसु सहेसु ५ मुच्छिया जाव अझोववन्ना आसेविउ पयत्ता यावि होत्था । तए णं ते आसा ते उकिडे सहे ५ आसेवमाणा रोहिं बहूहिं कूडेहि य पासेहि य गलएसु य पाएसु य बझति । तए णं ते कोडंबिया ते आसे गिण्हंति २ एगठियाहिं Page #218 -------------------------------------------------------------------------- ________________ -XVII.138] नायाधम्म हाओ पोयवहणे संचरिति २ तणस्स य कस्स य जाव भरेंति । तए णं ते संजुत्ता दक्खिणाणुकूलेणं वारणं जेणेव गंभीरए पोयपट्टणे तेणेव उवागच्छति २ पोयवहणं लंबेति २ ते आसे उत्तारेंति २ जेणेव हत्थिसीसे नयरे जेणेव कणगकेऊ राया तेणेव उवागच्छंति २ करयल जाव वद्धावेंति ते आसे उवर्णेति । तए णं से कणगकेऊ तेसिं संजुत्तावाणियगाणं उस्सुक्कं वियरइ २ सकारेइ संमाणेइ २ पडिविसज्जेइ । तए णं से कणगकेऊ कोटुंबियपुरिसे सहावेइ २ सकारेइ संमाणेइ २ पडिविसब्बे । तणं से कणगकेऊ राया आसमद्दए सहावेइ २ एवं वयासी - तुन्भे णं देवाणुप्पिया ! मम आसे विणएह । तए णं ते आसमद्दगा तहत्ति पडिसुर्णेति २ ते आसे बहूहिं मुहबंधेहि य कण्णबंधेहि य नासा बंधेहि य वालबंधेहि य खुरबंधेहि य कडगबंधेहि य खलिणबंधेहि य अहिलाणबंधेहि य पडियाणेहि य अंकणाहि र्यं वित्तप्पहारेहि य लयप्पहारेहि य कसप्पहारेहि य छिवप्पहारेहि य विजयंति कणगकेउस्स रन्नो उवर्णेति । तणं से कण ते आसमद्दए सकारेइ २ पडिविसज्जेइ । तए णं ते आसा बहूहिं मुहबंधेहि य जाव छिर्वापहारेहि य बहूणि सारीरमाणसाई दुक्खाई पार्वेति । एवामेव समणाउसो ! जो अम्हं निग्गंथो वा निग्गंथी वा पव्वइए समाणे इट्ठेसु सहफरिसरसरूवगंधेसु सज्जइ रज्जई गिज्झइ मुज्झइ अज्झोषवञ्चइ से णं इहलोए चेव बहूणं समणाणं बहूणं समणीणं जाव सावियाणं हीलणिज्जे जाव अणुपरियैदृइ । 205 (गाहा ):- कलरिभियमहुरतं तीतलतालवंसकउँदा भिरामेसु । ससु रज्जमाणा रमंति सोइंदियवसट्टा ||१|| सोइंदियदुद्दतत्तणस्स अह एत्तिओ हवइ दोसो । दीविगरुयमसहंतो वहबंधं तित्तिरो पत्तो ॥ २॥ थणजहणवयणकरचरणनयणगव्वियविलासियगएसु । रूवेसु रज्जमाणा रमंति चक्खिदियवसट्टा ॥३॥ चक्खिदियदुद्दतत्तणस्स अह एत्तिओ हवइ दोसो । जं जलगंमि जलंते पडइ पयंगो अबुद्धीओ ||४|| अगरुवरपवरधूवणउउय मल्लाणुलेवणविधीसु । गंधेसु रत्नमाणा रमंति घाणिदियवसट्टा ॥५॥ घार्णिदियदुइंतचणस्स अह एत्तिओ हवइ दोसो । जं ओसहि Page #219 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 206 . नायाधम्मकहाओ PXVI1.138गंधेणं बिलाओ निद्धावई उरगो ॥६॥ तित्तकडुयं कसायं अंबिर महुरं बहुखजपेजलेझेसु । आसायंमि उ गिद्धा रमंति जिभिदियवसट्टा ॥७॥ जिभिदियदुहंतत्तणस्स अह एतिओ हवइ दोसो । जं गललग्गुक्खित्तो फुरइ थलविरेलिओ मच्छो ॥८॥ उउभयमाणसुहेहि य सविभवहिययमणनिव्वुइकरेहिं । फासेसु रनमागा रमंति फासिंदियवसट्टा ॥९॥ फासिंदियदुइंतत्तणस्स अह एत्तिओ हवइ दोसो । जं खणइ मत्थय कुंजरस्स लोहंकुसो तिक्खो ॥१०॥ कलरिभियमहुरवंतीतलतालवंसकउहाभिरामेसु । सहेसु जे न गिद्धा वसट्टमरणं न ते मरए ॥११॥ थणजहणवयणकरचरणनयणगव्वियविलासियगईसु । रूवेसु जे न रत्ता वसट्टमरणं न ते मरए ॥१२॥ अगरवरपवरधूवणउउयमल्लाणुलेवणविहीसु । गंधेसु जे न गिद्धा वसट्टमरणं न ते मरए ॥१३॥ तित्तकडुयं कसायं महुरंबबहुखजपेजलेज्झेसु । आसायंमि न गिद्धा वसट्टमरणं न ते मरए ॥१४॥ उउभयमाणसुहेसु य सविभवहिययमणनिव्वुइकरेसु । फासेसु जे न गिद्धा वसहमरणं न ते मरए ॥१५॥ सद्देसु य भद्दयपावएसु सोयविसयं उवागएसु । तुटेण व रुटेण व समणेण सया न होयव्वं ॥१६॥ रूवेसु य भहयपावएसु चक्खुविसयं उवगएसु । तुटेण व रुटेण व समणेण सया न होयव्वं ॥१७॥ गंधेसु य भहयपावएसु घाणविसयमुवगएसु । तुटेण व रुटेण व समणेण सया न होयव्वं ॥१८॥ रसेसु य भहयपावएसु जिन्भविसयमुवगएसु । तुटेण व रुटेण व समणेण सया न होयव्वं ॥१९॥ फासेसु य भयपावएसु कायविसयमुवगएसु । तुटेण व रुटेण व समणेण सया न होयव्वं ॥२०॥ एवं खलु जंबू ! समणेणं भगवया महावीरेणं जाव संपत्तेणं सत्तरसमस नायज्झयणस्स अयमढे पन्नत्ते तिबेमि । ॥ सत्तरसमं नायज्झयणं समत्तं ॥१७॥ - - Page #220 -------------------------------------------------------------------------- ________________ -XVIII.139] नायाधम्मक हाओ ॥ अट्ठारसमं अज्झयणं ॥ (139) जइ णं भंते! समणेणं० सत्तरसमस्स अयमट्ठे पन्नत्ते अट्ठारसमस्स के अट्ठे पन्नत्ते ? एवं खलु जंबू ! तेणं कालेणं २ रायगिहे नामं नयरे होत्था वण्णओ । तत्थ णं धणे नामं सत्थवाहे होत्था भद्दा भारिया । तस्स णं धणस्स सत्यवाहस्स पुत्ता भद्दाए अत्तया पंच सत्थवाहदारगा होत्था तंजहा - धणे धणपाले धणदेवे धणगोवे धणरक्खए । तरस णं घणस्स सत्थवाहस्स घूया भद्दाए अत्तया पंचन्हं पुत्ताणं अणुमग्गजाइया सुंसुमा नामं दारिया होत्था सूमालपाणिपाया । तस्स णं - घणस्स सत्थवाहस्स चिलाए नामं दासचेडे होत्था अहीणपंचिदियसरीरे भंसोबचिए बालकीलावणकुसले यावि होत्था । तए णं से दासचेडे सुसुमाए दारियाए बालग्गाहे जाए यावि होत्था सुसुमं दारियं कडीए गिन्हइ २ बहूहिं दारएहि य दारियाहि य डिंभएहि य डिंभियाहि य कुमारएहि य कुमारियाहि य सार्द्धं अभिरममाणे २ विहरइ । तए णं से चिलाए दासचेडे तेसिं बहूणं दारयाण य ६ अप्पेगइयाणं खुल्लए अवहरइ एवं वट्टए आंडोलियाओ तिंदूसए पोर्चुल्लए सौडोल्लए । अप्पेगइयाणं आभरणमल्लालंकारं अवहरइ अप्पेगइए आउसइ एवं अवहसइ निच्छोडेइ निब्भच्छेइ तज्बे अप्पेगइए तालेइ । तए णं ते बहवे दारगा य ६ रोयमाणा य ५ साणं साणं अम्मापिऊणं निवेदेति । तए णं तेसिं बहूणं दारगाण य ६ अम्मापियरो जेणेव धणे सत्थवाहे तेणेव उवागच्छति २ घणं २ बहूहिं खिचाणि याहि य रुंटणाहि य उपालंर्भणाहि य खिज्जमाणा य रुंटमाणा य उवालंभमाणा य धणस्स २ एयमहं निवेदेति । तए णं से धणे २ चिलायं दासचेढं एयमहं भुच्चो भुज्जो निवारेह नो चेव णं चिलाए दासचेडे उवरमइ । तए णं से चिलाए दासचेडे तेसिं बहूणं दारगाण य ६ अप्पेगइयाणं खुल्लए अवहरइ जाव तालेइ । तए णं ते बहवे दारगा य ६ रोयमाणा य जाव अम्मापिऊणं निवेदेति । तए णं ते आसुरुत्ता ५ जेणेव घणे २ (तेणेव उवागच्छंति)' २ बहूहिं खिज्जणाहि जाव एयमङ्कं निवेदेति । तए णं से घणे २ बहूणं दारगाणं ६ अम्मापिऊणं अंतिए एयमङ्कं सोचा 207 Page #221 -------------------------------------------------------------------------- ________________ नायाधम्मक हाओ [XVIII.139 आसुरुत्ते चिलाय दासचेढं उच्चावयाहिं आउसणाहिं आउसइ उद्धंसह निब्भिछेइ निच्छोडेइ तब्बेइ उच्चावयाहिं तालणाहिं वालेइ साओ गिहाओ निच्छुभइ । (140) तए णं से चिलाए दासचेडे साओ गिहाओ निच्छूढे समाणे रायगिहे नयरे सिंघाडग जाव पहेसु देवकुलेसु य सभासु य पवासु य जूयखलएसु य वेसाघरएसु य पाणघरएसु य सुहंसुहेणं परिवइ । तए णं से चिलाए दासचेडे अंणोहट्टिए अणिवारिए सच्छंदमई सइरप्पयारी मज्जप्पसंगी चोज्र्जप्पसंगी जूयप्पसंगी वेसप्पसंगी परदारप्पसंगी जाए यावि होत्था । तए णं रायगिहस्स नयरस अदूरसामंते दाहिणपुरत्थिमे दिसीभाए सीहगुहा नामं चोरपल्ली होत्था विसमागरिकडगकोलंबसन्निविट्ठा वंसी कलंकपागारपरिक्खित्ता छिन्नसेलविसमप्पवयफरिहोवगूढा एगदुवारा अणेगखंडी विदितजण निग्गमप्पवेसा अन्भितरपाणिया सुदुल्लभजलपरंता सुबहुस्सवि कूवियबर्लस्स आगयस्स दुप्पहंसा यावि होत्था । तत्थ णं सीहगुहाए चोरपल्लीए विजए नामं चोरसेणावई परिवसइ अहम्मिए जाव अहम्म ऊ समुट्ठिए बहुनगरनिग्गयजसे सूरे २ दढप्पहारी साहसिए सहवेही । से णं तत्थ सीहगुहाए चोरपल्लीए पंचन्हं चोरसयाणं आहेवचं जाव विहरइ । तए णं से विजए तक्करे सेणवई बहूणं चोराण य पारदारियाण गठियाण संधिच्छेयगाण य खत्तखणगाण य रायावगारीण 208 य अणधारगाण य बालघायगाण य वीसंभघायगाण य जूयकाराण य खंडरक्खाण य अन्नेसिं च बहूणं छिन्नभिन्नबाहिराहयाणं कुंडगे यावि होत्था । तए णं से विजए चोरसेणावई रायगिहस्स दाहिणपुरत्थिमं जणवयं बहूहिं गामघाएहि य नगरघाएहि य गोगहणेहि य बंदिग्ग्रहणेहि य पंथकुट्टणेहि यखत्तखणणेहि य उवीलेमाणे २ विद्धंसेमाणे २ नित्यणं निद्धणं करेमाणे विहरइ । तए णं से चिलाए दासचेडए रायगिहे बहूहिं अत्याभिसंकीहि य चोज्जाभिसंकीहि य दाराभिसंकीहि य धणएहि य जूयकरेहि य परभवमाणे २ रायगिहाओ नगराओ Page #222 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 209 -XVIIIII नाराधमाकामो निग्गच्छइ २ जेणेव सोहगुहा चोरमल्ली मेव उवागच्छइ २ विजय चोरसेणावई उवसंपन्जित्ताणं विहरइ । तए णं से चिलाए दासचेडे विजयस्स चोरसेणावइस्स अग्गे असिलहिग्गाहे जाए यावि होत्था । जाहे वि य णं से विजए चोरसेणावई गामघायं वा डाव पंथकोटि वा काउं वच्चइ वाहे वि य णं से चिलाए दासचेडे सुबहुंपि' कृवियबलं हयमहिय जाव पडिसेहेइ २ पुणरवि लद्धढे कयकजे अणहसमग्गे सीहगुहं चोरपल्लिं हव्वमागच्छइ । तए णं से विजए चोरसेणावई चिलायं तकरं बहूओ चोरविवाओ य चौरमंते य चोरमायाओ य चोरनिगडीओ य सिक्खावेइ । तए णं से विजए चोरसेणावई अन्नया कयाइ कालधम्मुणा संजुत्ते यावि होत्था । वए णं नाई पंचचोरसयाई विजयस चोरसेणावइस्स महया २ इड्डीसकारसमुदएणं नीहरणं करेंति २ बहूइं लोइयाइं मयकिच्चाई करेंति २ जाव विगयसोया जाया यावि होत्था । तए णं ताई पंचचोरसयाइं अन्नमन्नं सहावेंति २ एवं वयासी - एवं खलु अम्हं देवाणुप्पिया ! विजए चोरसेणावई कालधम्मुणा संजुत्ते । अयं च णं चिलाए तक्करे विजएणं चोरसेणावइणा बहूओ चोरविज्जाओ य जाव सिक्खाविए । तं सेयं खलु अम्हं देवाणुप्पिया ! चिलायं तकरं सीहगुहाए चोरपल्लीए चोरसेणावइत्ताए अभिसिंचित्तए चिकटु अन्नमन्नस्स एयमहं पढिसुणेति २ चिलायं सीहगुहाए चोरपल्लीए चोरसेणावइत्ताए अभिसिंचंति । तए णं से चिलाए चोरसेणावई जाए अहम्मिए जाब विहरह। वए णं से चिलाए चोरसेणापई चोरनायगे जाव कुडंगे यावि होत्था । से णं तत्थं सीहगुहाए चोरपल्लीए पंचण्डं चोरसयाण य एवं जहा विजश्रो तहेव सव्वं जाव रायगिहस्स नयरस्स दाहिणपुरथिमिल्लं जणवयं जाव नित्थाणं निद्धणं करेमाणे विहरइ। ___(141) तए णं से चिलाए चोरसेणावई अन्नया कयाइ विपुलं असणं ४ उवक्खडावेइ २ ते पंच चोरसए आमतेइ तओ पच्छा व्हाए कयबलिकम्मे भोयणमंडवंसि तेहिं पंचहिं चोरसएहिं सद्धिं विपुलं असणं ४ सुरं च जाव पसन्नं च आसाएमाणे ४ विहरइ जिमियमुचुत्तखगए Page #223 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 210 नायाधम्मकहाओ XVIII.141. ते पंच चोरसए विपुलेणं धूवपुष्फगंधमल्लालंकारेणं सक्कारेइ सम्माणेइ २ एवं वयासी-एवं खलु देवाणुप्पिया ! रायगिहे नयरे धणे नामं सत्थवाहे अड्डे० । तस्स णं धूया भहाए अत्तया पंचण्हं पुत्ताणं अणुमग्गजाइया सुसुमा नाम दारिया होत्था अहीणा जाव सुरूवा । तं गच्छामो णं देवाणुप्पिया! धणरस सत्थवाहस्स गिहं विलुपामो । तुम्भं विपुले धणकणग जाव सिलप्पवाले ममं सुंसुमा दारिया । तए णं ते पंच चोरसया चिलायस्स पडिसुणेति । तए णं से चिलाए चोरसेणावई तेहिं पंचहिं चोरसएहिं सद्धिं अल्लचम्म दुरूहइ २ पञ्चावरण्हकालसमयांस पंचहिं चोरसएहिं सद्धिं सन्नद्ध जाव गहियाउहपहरणा माइयगोमुहिफलएहिं निक्किट्ठोहिं असिलट्ठीहिं असंगएहिं तोणेहिं सज्जीवेहिं धणूहिं समुक्खित्तेहिं सरोहिं समुलीलियाहिं दीहाहिं ओसारियाहिं उरुघंटियाहिं छिप्पंतूरेहिं वजमाणेहिं महया २ उक्किट्ठसीहनाय जाव समुहरवभूयं पिव करेमाणां सीहगुहाओ चोरपल्लीओ पडिनिक्खमंति २ जेणेव रायगिहे नयरे तेणेव उवागच्छंति २ रायगिहस्स अदूरसामंते एगं महं गैहणं अणुप्पविसंति २ दिवसं खवेमाणा चिट्ठति । तए णं से चिलाए चोरसेणावई अद्धरत्तकालसमयंसि निसंतपडिनिसंतसि पंचहिं चोरसएहिं सद्धिं माइयगोमुहिएहिं फलएहिं जाव मूइयाहिं उरुघंटियाहिं जेणेव रायगिहे नयरे पुरथिमिल्ले दुवारे तेणेव उवागच्छइ उदगबत्थिं परामुसइ आयंते चोक्खे परमसुइभूए तालुग्घाडणिविजं आवाहेइ २ रायगिहस्स दुवारकवाडे उदएणं अच्छोडेइ २ कवाडं विहाडेइ २ रायगिहं अणुप्पविसइ २ महया २ सहेणं उग्घोसेमाणे २ एवं वयासी - एवं खलु अहं देवाणुप्पिया ! चिलाए नामं चोरसेणावई पंचहिं चोरसएहिं सद्धिं सीहगुहाओ चोरपल्लीमो इहं हव्वमागए धणस्स सत्थवाहस्स गिहं घाउकामे। तं"जे णं नवियाए माउयाए दुद्धं पाउकामे से णं निगच्छउ त्तिकटु जेणेष धणस्स सत्थवाहस्स गिहे तेणेव उवागच्छइ २ धणस्स गिहं विहाडेइ । तए णं से धणे चिलाएणं चोरसेणावइणा पंचहिं चोरसएहिं सद्धिं गिहं घाइजमाणं पासइ २ भीए तत्थे ४ पंचहिं पुत्तेहिं सद्धिं एगंतं अवकमइ । Page #224 -------------------------------------------------------------------------- ________________ -XVIL.14] नायाधम्मकहाको 211 वएणं से चिलाए चोरसेणावई धणस्स सत्थवाहस्स गिहं घाएइ २ सुबहुं घणकणगं नाव सावएज्जं सुसुमं च दारियं गेण्हइ २ रायगिहाओ पडिनिक्खमइ २ जेणेव सीहगुहा तेणेव पहारेत्थ गमणाए। (142) तए णं से धणे सत्थवाहे जेणेव सए गिहे तेणेव उवागच्छइ २ सुबहु धणकणगं सुसुमं च दारियं अवहारियं जाणित्ता महत्थं ३ पाहुडं गहाय जेणेव नगरगुत्तिया तेणेव उवागच्छइ २ तं महत्थं पाहुडं उवणेइ २ एवं वयासी - एवं खलु देवाणुप्पिया! चिलाए चोरसेणावई सीहगुहाओ चोरपल्लीओ इहं हव्वमागम्म पंचहिं चोरसएहिं सद्धिं मम गिहं घाएत्ता सुबहुं धणकणगं सुसुमं च दारियं गहाय जाव पडिगए । तं इच्छामि णं देवाणुप्पिया! सुंसुमाए दारियाए कूवं गमित्तए । तुभंणं देवाणुप्पिया! से विपुले धणकणगे ममं सुसुमा दारिया । तए णं ते नगरगुत्तिया धणस्स एयमढे पडिसुणेति २ सन्नद्ध जाव गहियाउहपहरणा महया २ उक्किट्ठ जाव समुद्दरवभूयं पिव करेमाणा रायगिहाओ निग्गच्छंति २ जेणेव चिलाए चोरे तेणेव उवागच्छंति २ चिलाएणं चोरसेणावइणा सद्धिं संपलग्गा यावि होत्था । तए णं ते नगरगुत्तिया चिलायं चोरसेणावई हयमहिय जाव पडिसेहेंति । तए णं ते पंचचोरसया नगरगुत्तिएहिं हयमहिय जाव पडिसेहिया समाणा तं विपुलं धणकणगं विच्छड्माणा य विप्पकिरमाणा य सव्वओ समंता विप्पलाइत्था । तए णं ते नगरगुत्तिया विपुलं धणकणगं गेण्हंति २ जेणेव रायगिहे तेणेव उवागच्छति । वए णं से चिलाए तं चोरसेन्नं तेहिं नगरगुत्तिएहिं हयमहिया पवरभीए जाव तत्ये सुसुमं दारियं गहाय एगं महं आगामियं दीहमद्धं अडविं अणुप्पवितु। तएणं धणे सत्थवाहे सुसुमंदारियं चिलाएंणं अडवीमुहं अवहीरमाणि पासित्ताणं पंचहिं पुत्तेहिं सद्धिं अप्पछट्टे सन्नद्धबद्ध० चिलायस्स पयमग्गविहिं अणुगच्छमाणे अभिगनते हकारेमाणे पुकारेमाणे अभितन्जेमाणे अभितासेमाणे पिट्ठओ अणुगच्छइ । तए णं से चिलाए तं धणं सत्यवाहं पंचहिं पुत्तेहिं सद्धिं अप्पछठें सन्नद्धबद्धं समणुगच्छमाणं पासइ २ अत्थामे ४ जाहे नो संचाएइ सुसुमं वारियं Page #225 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 912 नायाधम्मकहाजो [XVIII.142निवाहित्तए ताहे संते तंते परितते नीलुप्पलगवलं असिं परामुसइ २ सुसुमाए दारियाए उत्तमंग छिंदइ २ तं गहाय तं आगामियं अडविं अणुप्पविढे । लए णं से चिलाए तीसे अगामियाए अडवीए. तण्हाए छुहाए अभिभूए समाणे पम्हट्टदिसाभाए सीहगुहं चोरपल्लिं असंपत्ते अंतरा चेव कालगए। एवामेव समणाउसो! जाव पव्वइए समाणे इमस्स ओरालियसरीरस्स तासवस्स जाव विद्धंसणधम्मस्स वण्णहेउं वा बाव आहारं आहारेइ से गं इहलोए चेव बहूणं समणाणं ४ हीलणिजे जाव अणुपरियट्टिस्सइ जहा व से चिलाए तक्करे। तए णं से धणे सत्थवाहे पंचहि पुस्तहिं अप्पछठे चिलायं तीसे अगामियाए सव्धओ समंता परिपाडेमाणे २ संते संते परितते नो संचाएइ चिलायं चोरसेणावई साहत्थि गिमिहत्तएँ । से णे तओ पडिनियत्तइ २ जेणेव सा सुंसुमा बालिया चिलाएणं जीवियाओ वरोविया तेणेव उवागच्छइ २ सुसुमं दारियं चिलाएणं जीवियाओ ववरोवियं पासइ २ पैरसुनियत्तेव्व चंपगपायवे० । तए णं से धणे सत्थवाहे अप्पछडे आसत्थे कूवमाणे कंदमाणे विलवमाणे मेहया २ सद्देणं कुहुकुहुस्स परुन्ने सुचिरकालं बाहप्पमोक्खं करेइ । तए गं से धणे सत्यवाहे पंचहिं पुत्तेहिं अप्पछट्टे चिलायं तीसे आगामियाए सव्वओ समंता परिधाडेमाणे तण्हाए छुहाए य परभंते समाणे तीसे आगामियाए अडवीए सव्वओ समंता उदगस्स मग्गणगवेसणं करेइ २ संते संते परितंते निविण्णे समाणे तीसे आगामियाए उदगं अणासाएमाणे मेणेव सुसुमा जीवियाओ ववरोविया तेणेव उवागच्छइ २ जेहें पुत्तं धणे सहावेइ २ एवं क्यासी - एवं खलु पुत्ता! सुंसुमाए दारियाए अट्ठाए चिलायं तकरं सव्वओ समंता परिघाडेमाणा तहाए छुहाए य अभिभूया समाणा इमीसे आगामियाए अडवीए उदगस्स मग्गणगवेसणं करेभाणा नो चेष ण पदणं आसादेमो नए पं उदगं अणासाएमाणा नो संचाएमो रायगिह संपावितए । खण्णं तुम्भे ममं देवाणुप्पिया! जीवियाओ ववरोह मम मंसं च सोणिवं च आहारेह वेणं आहारेणं अपर्धद्धा समाणा- तो पच्छा इमं आगामियं अडविं नित्थरिहिह Page #226 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 218 -XVIII.143] नायाधम्मकहाओ रायगिहं च संपाविहह मित्तनाइ अभिसमागच्छिहह अत्थस्स य धम्मस्स य पुण्णस्स य ाभागी भविस्सह । तए णं से जेठे पुत्ते धणेणं सत्थवाहेणं एवं वुचे समाणे धणे २ एवं वयासी-तुम्मे णं ताओ ! अम्हं पिया गुरुजणयदेवयभूया ठीवका पइट्ठवका संरक्खगा संगोवगा । तं कहणं अम्हे ताओ । तुम्भे जीवियाओ ववरोवेमो तुन्भं णं मंसं च सोभियं च आहारेमो ? तं तुब्भे गं ताओ ! ममं जीवियाओ ववरोवेह मंसं च सोणियं च आहारह आगामियं अडविं नित्थरहह तं चैव सध्वं मणह बाप अत्थस्स भाव आभागी भविस्सह । तए णं धणं सत्यवाहं दोचे पुत्ते एवं वयासी-मा णं ताओ! अम्हे जेहँ भायरं गुरुदेवयं जीवियाओ पवरोवेमो । तुम्भे णं वाओ ! ममं जीवियाओं ववरोवेह जाव आभागी भविस्सह एवं जाव पंचमे पुत्ते । तए णं से धणे सत्यवाहे पंचपुत्ताणं हियइच्छियं जाणित्ता ते पंचपुत्चे एवं वयासी - मा णं अम्हे पुत्ता ! एगमवि जीवियाओ ववरोवेमो । एस णं सुंसुमाए दारियाए सरीरे निप्पाणे जाव जीवविप्पजढे । तं सेयं खलु पुत्ता ! अम्हं सुंसुमाए दारियाए मंसं च सोणियं च आहारेत्तए । तए णं अम्हे तेणं आहारेणं अवर्थद्धा समाणा रायगिहं संपाउणिस्सामो । तए णं ते पंचपुत्ता धणेणं सत्यवाहेणं एवं वुत्ता समाणा एयमटुं पडिसुणेति । तए णं धणे सत्थवाहे पंचहिं पुत्तेहिं सद्धिं अराणिं करेइ २ सरगं करेइ २ सरएणं अरणिं महेइ २ आग्गिं पाडेइ २ आग्गि संधुक्खेइ २ दारुयाइं पक्खिवइ २ अग्गि पनालेइ २ सुसुमाए दारियाए मंसं च सोणियं च आहारेइ । तेणं थाहारेणं अवर्थद्धा समाणा रायगिहं नयरं संपत्ता मित्तनाइनियग० अभिसमन्नागया तस्स य विउलस्स धणकणगरयण जाव आभागी जाया। वएणं से धणे सत्थवाहे सुसुमाए दारियाए बहूई लोइयाई मयकिच्चाई जाव विगयसोए जाए यावि होत्था। ___(143) तेणं कालेणं २ समणे भगवं महावीरे गुणसिलए चेइए समोसढे । तएणं धणे सत्यवाहे सपुत्ते धम्म सोच्चा पव्वइए एक्कारसंगवी मासियाए संलेहणाए सोहम्मे उववन्ने महाविदेहे वासे सिज्झिहिइ । Page #227 -------------------------------------------------------------------------- ________________ नायाधम्मकहाओ XVIII.14sजहा वि य णं जंबू! धणेणं सत्थवाहेणं नो वण्णहेसं वा नो रूवहेउवा नो बलहेड वा नो विसयहेउं वा सुंसुमाए दारियाए मंससोगिए पाहारिए नन्नत्य एगाए रायगिहं सपांवणट्ठयाए एवामेव समणाउसो। जो अम्हं निग्गंथो वा निग्गंथी वा इमस्स ओरालियसरीरस्स वंतासवस्स पित्तासवस्स सुक्कासवस्स सोणियासवस्स जाव अवस्सविप्पजहियव्वस्स नो वण्णहे वा नो रूवहेङ वा नो बलहे वा नो विसरहेउं वा आहार आहारेइ नन्नत्य एगाए सिद्धिगमणसंपाषणट्ठयाए से ण इहभवे चेव बहूणं समाणं बहूणं समणीणं बहूणं सावयाणं बहूणं सावियाणं अञ्चणिज्जे जाव वीईवइस्सइ। ..एवं खलु जंबू! समणेणं भगवया महावीरेणं जाव संपत्तेणं अट्ठारसमस्स अयमहे पन्नत्ते त्ति बेमि । ॥ अट्ठारसमं नायज्मयणं सम ॥१८॥. Page #228 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 21 -XIX.145] नायाधम्मकहाओ ॥ एगूणवीसइमं अज्झयणं॥ (144) जइणं भंते । समणेणं० अट्ठारसमस नायज्झयणस्स अयमहे पन्नचे एगूणवीसइमस्स के अढे पन्नत्ते? एवं खलु जंबू ! तेणं कालेणं २ इहेव जंबुद्दीवे २ पुश्वविदेहे' सीयाए महानईए उत्तरिल्ले कूले नीलवंतस्स दाहिणेणं उत्तरिल्लस्स सीयामुहवणसंडस्स पञ्चत्थिमेणं एगसेलगस्स वक्खारपव्वयस्स पुरथिमेणं एत्थ णं पुक्खलावई नामं विजए पन्नत्ते । तत्थ णं पुंडरिगिणी नामं रायहाणी पन्नत्ता नवजोयणवित्थिण्णा दुवालसजोयणायामा जाव पञ्चक्खं देवलोगभूया पासाईया दरसणीया अभिरुवा पडिरूवा। तीसे णं पुंडरिगिणीए नयरीएं उत्तरपुरथिमे दिसीभाए नलिणिवणे नामं उनाणे होत्था । तत्थ गं पुंडरिगणीए रायहाणीए महापउमे नामं राया होत्या। तस्स णं पउमावई नामं देवी होत्था । तस्स गंमहापउभस्स रनो पुत्ता परमावईए देवीए अत्तया दुवे कुंमारा होत्था तं जहा-पुंडरीए य कंडरीए य सुकुमालपाणिपाया० । पुंडरीए जुवराया । तेणं कालेणं २ थेरोगमणं महापउमे राया निग्गए धम्म सोच्चा पुंडरीयं रज्जे ठवेत्ता पव्वइए पुंडरीए राया जाए कंडरीए जुवराया। महापउमे अणगारे चोदसपुव्वाई अहिजइ । तए णं थेरा बहिया जणवयविहारं विहरति । तए णं से महापउमे बहूणि वासाणि नाव सिद्धे । (145) तए णं थेरा अन्नया कयाइ पुणरवि पुंडरिगिणीए रायहाणीए नलिणवणे उजाणे समोसढा । पुंडरीए राया निग्गए । कंडरीए महाजणसहं सोचा जहा महाबलो जाव पज्जुवासइ। थेरा धम्म परिकहेंति पुंडरीए समणोवासए जाए जाव पडिगए । तए णं कंडरीए उठाए उठेइ २ बाव से जहेयं तुम्भे वयह जं नवरं पुंडरीयं रायं आपुच्छामि तए णं जाव पव्वयामि । अहासुहं देवाणुप्पिया ! तए णं से कंडरीए जाव थेरे वंदइ नमसइ २ थेराणं अंतियाओ पडिनिक्खमइ २ तमेव चाउग्घंट आसरहं दुरूहइ माव पच्चोरुहइ जेणेव पुंडरीए राया तेणेव उवागच्छइ करयल जाव पुंडरीयं रायं एवं वयासी - एवं खलु मए थेराणं अंतिए धम्मे निसंते से धम्मे अभिरुइए । तए णं जाव पव्वइत्तए । तए ण से Page #229 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 216 नायाधम्मकहाओ [xix पुंडरीए कंडरीयं एवं वयांसी-माणं तुम भाउया ! इयाणिं मुंडे जाव पव्वयाहि । अहं णं तुमं महारायाभिसेएणं अभिसिंचामि । सए णं से कंडरीए पुंडरीयस्स रन्नो एयमढें नो आढाइ जाव तुसिणीए संचिट्ठइ । वएणं पुंडरीए राया कंडरीयं दोचंपि तञ्चपि एवं पयासी जाव तुसिणीए. संचिट्ठइ । तए णं पुंडरीए कंडरीयं कुमारं जाहे नो संचाएइ बहहिं आघवणाहि य पन्नवणाहि य ४ वाहे अकामए चेव एयमहूँ अणुमनित्था जाव निक्खमणामिसेएणं अभिसिंचइ जाव थेराणं सीसभिक्खं दलयइ पव्वइए अणगारे नाए एकारसंगवी । तए णं घेरा भगवंतो अन्नया कयाइ पुंडरिगिणीओ नयरीओ नलिणिवणाओ उमाणाओ पडिनिक्खमंति २ बहिया जणवयविहारं विहरति । ' (146) तए णं तस्स कंडरीयस्स अणगारस्स सेहिं अंतेहि य पंतेहि य जहा सेलगस्स जाव दाहवकंतीए यावि विहरइ । तए णं थेय अन्नया कयाइ जेणेव पोंडरिगिणी तेणेव उवागच्छंति २ नलिणीवणे समोसढा। पुंडरीए निग्गए धम्मं सुणेइ । तए णं पुंडरीए राया धम्म सोच्चा जेणेव कंडरीए अणगारे तेणेव उवागच्छइ २ कंडरीयं वंदइ नमसइ २ कंडरीयस्स अणगास्स्स सरीरगं सव्वाबाहं सरोगं पासइ २ जेणेव थेरा भगवंतो तेणेव उवागच्छइ २ थेरे भगवंते बंदइ नमसइ २ एवं वयासीअहण्णं भवे ! कंडरीयस्स अणगारस्स अहापवत्तेहिं ओसहभेसनेहिं जाव तिगिच्छं आउंटामि। तं तुब्भे गं मंते ! मम जाणसालासु समोसरह । तए णं थेरा भगवंतो पुंडरीयस्स पडिसुऐति भाव उवसंपजिसाणं विहरति । तए णं पुंडरीए महा मंडुए सेलगस्स जाप बलियसरीरे जाए । सए णं थेय मगवंतो पुंडरीयं रायं आपुच्छंति २ बहिया जणवयविहार विहरति । तए णं से कंडरीए ताओ रोयायंकाओ विप्पमुक्के समाणे तंसि मणुनंसि असणपाणखाइमसाइमंसि मुच्छिए गिद्धे गढिए अझोषवन्ने नो संचाएइ पुंडरीयं आपुच्छिचा बहिया अब्भुज्जएणं जाव विहरित्तए तत्व ओसन्ने जाए । तए णं से पुंडरीए इमीसे कहाए लद्धढे समाणे हाए अंतेउर. परियालसंपरिखुडे जेणेव कंडरीए अणगारे तेणेव उवागच्छइ २ Page #230 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 217 -XIX.146] नायाधम्मकहाओ कंडरीयं तिक्खुत्तो आयाहिणपयाहिणं करेइ २ वंदइ नमसइ २ एवं वयासी - धन्नेसि णं तुमं देवाणुप्पिया ! कयत्थे कयपुण्णे कयलक्खणे। सुद्धे णं देवाणुप्पिया ! तव माणुस्सए जम्मजीवियफले जे णं तुमं रनं च जाव अंतेउरं च विछडेत्ता विगोवइत्ता जाव पव्वइए । अहण्णं अहन्ने अपुण्णे अकयपुण्णे रज्जे य जाव अंतेउरे य माणुस्सएसु य कामभोगेसु मुच्छिए जाव अज्झोववन्ने नो संचाएमि जाव पव्वइत्तए । तं धन्नेसि णं तुमं देवाणुप्पिया जाव जीवियफले । तए णं से कंडरीए अणगारे पुंडरीयस्स एयमद्वं नो आढाइ जाव संचिट्ठइ । तए णं से कंडरीए पोंडरीएणं दोघंपि तचंपि एवं वुत्ते समाणे अकामए अवसवसे लजाए गारवेण य पुंडरीयं आपुच्छइ २ थेरेहिं सद्धिं बहिया जणवयविहारं विहरइ । तए णं से कंडरीए थेरेहिं सद्धिं कंचि कालं उग्गंउग्गेणं विहरित्ता सओ पच्छा समणत्तणपरितंते समणत्तणनिविणे समणत्तणनिभच्छिए समणगुणमुक्कजोगी थेराणं अंतियाओ सणियं २ पञ्चोसक्कइ २ जेणेव पुंडरिगिणी नयरी जेणेव पुंडरीयस्स भवणे तेणेव उवागच्छइ २ असोगवणियाए असोगवरपायवस्स अहे पुढविसिलापट्टगंसि निसीयइ २ ओहयमणसंकप्पे जाव झियायमाणे संचिट्ठइ । तए णं तस्स पोंडरीयस्स अंबंधाई जेणेव असोगवणिया तेणेव उवागच्छइ २ कंडरीयं अणगारं असोगवरपायवस्स अहे पुढविसिलापट्टगंसि ओहयमणसंकप्पं जाव झियायमाणं पासइ २ जेणेव पुंडरीए राया तेणेव उवागच्छइ २ पुंडरीय रायं एवं वयासी - एवं खलु देवाणुप्पिया ! तव पियभाउए कंडरीए अणगारे असोगवणियाए असोगवरपायवस्स अहे पुढविसिलापट्टे ओहयमणसंकप्पे जाव झियायइ । तए णं से पुंडरीए अम्मधाईए एयमढे सोच्चा निसम्म तहेव संभंते समाणे उठाए उठेइ २ अंतेउरपरियालसंपरिवुडे जेणेव असोगवणिया जाव कंडरीयं तिक्खुत्तो एवं वयासी-धन्नेसि णं तुमं देवाणुप्पिया जाव पव्वइए । अहं णं अधन्ने ३ जाव अपव्वइत्तए । तं धन्नेसि णं तुम देवाणुप्पिया जाव जीवियफले । तए णं कंडरीए पुंडरीएणं एवं वुत्ते समाणे तुसिणीए संचिट्ठइ दोच्चपि तञ्चपि नाव २८ Page #231 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 218 नायाधम्मकहाओ [XIX,149चिट्ठइ । तए णं पुंडरीए कंडरीयं एवं वयासी - अट्ठो भंते ! भोगेहिं ? हंता! अट्ठो। तए णं से पुंडरीए राया कोडुंबियपुरिसे सहावेइ २ एवं वयासी-खिप्पामेव भो देवाणुप्पिया! कंडरीयस्स महत्थं जाव रायाभिसेयं उवट्टवेह जाव रायाभिसेएणं अभिसिंचइ । (147) तए णं से पुंडरीए सयमेव पंचमुट्ठियं लोयं करेइ सयमेव चाउज्जामं धम्म पडिवज्जइ २ कंडरीयस्स संतियं आयारभंडग गेण्हइ २ इमं एयारूवं अभिग्गहं अभिगिण्हइ - कप्पइ मे थेरे वंदिता नमंसित्ता थेराणं अंतिए चाउज्जामं धम्म उवसंपजित्ताणं तओ पच्छा आहारं आहारित्तए तिकटु इमं एयारूवं अभिग्गहं अभिगिण्हित्ताणं पुंडरिगिणीओ पडिनिक्खमइ २ पुव्वाणुपुत्विं चरमाणे गामाणुगाम दुइज्जमाणे जेणेव थेरा भगवंतो तेणेव पहारेत्थ गमणाए। (148) तए पं तस्स कंडरीयस्स रन्नो तं पणीयं पाणभोयणं आहारियस्स समाणस्स अइजागरएण य अइभोयणप्पसंगेण य से आहारे नो सम्मं परिणए । तए णं तस्स कंडरीयस्स रन्नो तंसि आहारंसि अपरिणममाणंसि पुव्वरत्तावरत्तकालसमयसि सरीरगंसि वेयणा पाउब्भूया उज्जला विउला पगाढा जाव दुरहियासा पित्तज्जरपरिगयसरीरे दाहवकंतीए यावि विहरइ । तए णं से कंडरीए राया रजे य रटे य अंतेउरे य जाव अझोववन्ने अट्टदुहट्टवसट्टे अकामए अवसवसे कालमासे कालं किञ्चा अहे सत्तमाए पुढवीए उक्कोसकालट्ठिइयंसि नरयंसि नेरइयत्ताए उववन्ने। एवामेव समणाउसो ! जाव पव्वइए समाणे पुणरवि माणुस्सए कामभोए आसाएइ जाव अणुपरियट्टिरसइ जहा व से कंडरीए राया । (149) तए णं से पुंडरीए अणगारे जेणेव थेरा भगवंतो तेणेव उवागच्छइ २ थेरे भगवंते वंदइ नमसइ २ थेराणं अंतिए दोचंपि चाउज्जामं धम्म पडिवनइ छट्ठक्खमणपारणगंसि पढमाए पोरिसीए सज्झायं करेइ २ जाव अडमाणे सीयलुक्खं पाणभोयणं पडिगाहेइ २ अहापजत्तमित्तिकटु पडिनियत्तेइ जेणेव थेरा भगवंतो तेणेव उवागच्छई २ भत्तपाणं पडिदंसेइ २ थेरेहिं भगवंतेहिं अब्भणुनाए समाणे Page #232 -------------------------------------------------------------------------- ________________ -XIX,150] नायाधम्मकहाओ 219 अमुच्छिए ४ बिलमिव पन्नगभूएणं अप्पाणेणं तं फासुएसणिजं असणं ४ सरीरकोटगसि पक्खिवइ । तए णं तस्स पुंडरीयस्स अणगारस्स तं कालाइकंतं अरसं विरसं सीयलुक्खं पाणभोयणं आहारियस्स समाणस्स पुव्वरत्तावरत्तकालसमयंसि धम्मजागरियं जागरमाणस्स से आहारे नो सम्मं परिणमइ । तए णं तस्स पुंडरीयस्स अणगारस्स सरीरगंसि वेयणा पाउन्भूया उज्जला जाव दुरहियासा पित्तज्जरपरिगयसरीरे दाहवकंतीए विहरइ । तए णं से पुंडरीए अणगारे अत्थामे अबले अवीरिए अपुरिसक्कारपरक्कमे करयल जाव एवं वयासी- नमोत्थु णं अरहंताणं भगवंताणं जाव संपत्ताणं । नमोत्थु पंथेराणं भगवंताणं मम धम्मायरियाणं धम्मोवएसयाणं । पुवि पि य णं मए थेराणं अंतिए सव्वे पाणाइवाए पञ्चक्खाए जाव मिच्छादसणसल्ले पञ्चक्खाए जाव आलोइयपडिक्कते कालमासे कालं किच्चा सव्वट्ठसिद्धे उववन्ने । तओ अणंतरं उव्वट्टित्ता महाविदेहे वासे सिज्झिहिइ'जाव सव्वदुक्खाणमंतं काहिइ । एवामेव समणाउसो! जाव पव्वइए समाणे माणुस्सएहिं कामभोगेहिं नो सजइ नो रज्जइ जाव नो विपडिघायमावज्जइ से णं इहभवे चेव बहूणं समणाणं बहूणं समणीणं बहूणं सावगाणं बहूणं सावियाणं अञ्चणिज्जे वंदणिज्ने पूणिज्जे सकारणिज्जे सम्माणणिज्जे कल्लाणं मंगलं देवयं चेइयं पब्रुवासणिज्जे तिकटु परलोए वि य णं नो आगच्छइ बहुणि दंडणाणि य मुंडणाणि य तज्जणाणि य तालणाणि य जाव चाउरंतं संसारकंतारं जाव वीईवइस्सइ जहा व से पुंडरीए अणगारे । एवं खलु जंबू ! समणेणं आइगरेणं तित्थगरेणं सयंसंबुद्धेणं जाव सिद्धिगइनामधेनं ठाणं संपत्तेणं एगूणवीसइमस्स नायज्झयणस्स अयमढे पन्नत्ते । एवं खलु जंबू ! समणेणं भगवया महावीरेणं जाव सिद्धिगइनामधेनं ठाणं संपत्तेणं छट्ठस्स अंगस्स पढमस्स सुयक्खंधस्स अयमढे पन्नत्ते त्ति बेमि ! (150) तस्स णं सुयक्खंधस्स एगूणवीसं अज्झयणाणि एगोसरगाणि एगूणवीसाए दिवसेसु समप्पंति । ॥ एगूणवीसइमं अज्झयणं समत्तं ।। ॥ नायाधम्मकहाणं पढमो सुयक्खंधो समत्तो ॥ Page #233 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 220 नायाधम्मकहाओ PIL.1.151॥ दोचे सुयक्खंधे ॥ ॥ पढमं अज्झयण ॥ (151) तेणं कालेणं तेणं समएणं रायगिहे नामं नयरे होत्था वण्णओ। तस्स णं रायगिहस्स नयरस्स बहिया उत्तरपुरस्थिमे दिसीमाए तत्थ णं गुणसिलए नाम चेइए होत्था वण्णओ। तेणं कालेणं २ समणस्स भगवओ महावीरस्स अंतेवासी अजसुहम्मा नाम थेरा भगवंतो जाइसंपन्ना कुलसंपन्ना जाव चोहसपुन्वी चउनाणोवगया पंचहिं अणगारसएहिं सद्धिं संपरिखुडा पुव्वाणुपुर्दिव घरमाणा गामाणुगामं दूइजमाणा सुहंसुहेणं विहरमाणा जेणेव रायगिहे नयरे जेणेव गुणसिलए चेइए जाव संजमेणं तवसा अप्पाणं भावमाणा विहरति । परिसा निग्गया धम्मो कहिओ परिसा जामेव दिसि पाउन्भूया तामेव दिसि पडिगया । तेणं कालेणं २ अजसुहम्मस्स अंतेवासी अजजंबू नामं अणगारे जाव पज्जुवासमाणे एवं वयासी-जइ णं भंते ! समणेणं नाव संपत्तेणं छट्ठस्स अंगस्स पढमस्स सुयक्खंधस्स नायाणं अयमढे पन्नत्ते दोच्चस्स णं भंते ! सुयक्खंधस्स धम्मकहाणं समणेणं ० के अढे पन्नत्ते ? एवं खलु जंबू ! समणेणं० धम्मकहाणं दस वग्गा पन्नत्ता तंजहा:-चमरस्स अग्गमहिसीणं पढमे वग्गे । बलिस्स वइरोयणिंदस्स वइरोयणरन्नो अग्गमहिसीणं बीए वग्गे। असुरिंदवजियाणं दाहिणिलाणं इंदाणं अग्गमैहिसीणं तईए वग्गे। उत्तरिल्लाणं असुरिंदवजियाणं भवणवासिइंदाणं अग्गमहिसणं चउत्थे वग्गे । दाहिणिल्लाणं वाणमंतराणं इंदाणं अग्गमहिसीणं पंचमे वग्गे । उत्तरिल्लाणं वाणमंतराणं इंदाणं अग्गमहिसीणं छठे वग्गे । चंदस्स अग्गमहिसीणं सत्तमे वग्गे। सूरस्स अग्गमहिसीणं अट्ठमे वग्गे। सक्कस्स अग्गमहिसीणं नवमे वग्गे । ईसाणस्स य अग्गमहिसीणं दसमे वग्गे । जइ णं भंते ! समणेणं धम्मकहाणं दस वग्गा पन्नत्ता पढमस्स गं भंते ! वग्गस्स समणेणं० के अढे पन्नत्ते ? एवं खलु जंबू ! समणेणं० पढमस्स वग्गरस पंच अज्झयणा पन्नत्ता तंजहा- काली राई रयणी विज्जू मेहा । जइ णं भंते ! समणेणं० पढमस्स वग्गस्स पंच अज्झयणा पन्नत्ता पढमस्स णं Page #234 -------------------------------------------------------------------------- ________________ -113.151] मायाधम्मक हाओ भंते ! अज्झयणस्स समणेणं ० के अट्ठे पन्नत्ते १ एवं खलु जंबू ! तेणं काले २ रायगिहे नयरे गुणसिलए चेइए सेणिए राया चेल्लणा देवी सामी समोसढे परिसा निग्गया जाव परिसा पज्जुवासइ । तेणं कालेणं २ काली देवी चमरचंचाए रायहाणीए कालवडेंसर्गभवणे कालंसि सीहासणंसि चउहिं समाणियसाहस्सीहिं चउहिं मयहरियाहिं सपरिवाराहिं तिहिं परिसाहिं सत्तहिं अणिएहिं सत्तहिं अणियाहिवईहिं सोलसहि आयरक्खदेवसाहस्सीहिं अन्नेहि य बहूहिं कालवर्डिसयभवणवासीहिं असुरकुमारेहिं देवेहि देवीहिं य सार्द्ध संपरिवुडा महयाहय जाव विहरइ इमं च णं केवलकप्पं जंबुद्दीवं २ विउलेणं ओहिणा आभोएमाणी २ पासइ ऐत्थ समणं भगवं महावीरं जंबुद्दीवे दीवे भारहे वासे रायगिहे नयरे गुणसिलए चेइए अहा पडिरूवं उग्गहं ओगिण्हित्ता संजमेणं तवसा अप्पाणं भावेमाणं पासइ २ हट्ठतुट्ठचित्तमाणंदिया पीइमणा जाव हियया सीहासणाओ अब्भुट्ठेइ २ पायपीढाओ पच्चरुहइ २ पाउया ओमुयइ २ तित्थगराभिमुही सत्तट्ठ पयाई अणुगच्छइ २ वामं जाणं अंचेइ २ दाहि जाणुं धरणियलंसि निहट्टु तिक्खुत्तो मुद्धाणं धरणियलंसि निवेस ई ईसि पच्चुन्नमइ २ कडगतुडियथंभियाओ भुयाओ साहरइ २ करयल जाव कट्टु एवं वयासी - नमोत्थु णं अरहंताणं जाव संपत्ताणं । नमोत्थु णं समणस्स भगवओ महावीरस्स जाव संपाविउकामस्स । वंदामि णं भगवंतं तत्थगयं इहगया पासउ मे समणे ३ तत्थगए इहगयं तिकट्टु वंदइ नमसइ २ सीहासणवरंसि पुरत्थाभिमुद्दा निसण्णा । तए णं तीसे कालीए देवीए इमेयारूवे जाव समुप्पज्जित्था तंजहा - सेयं खलु मे समणं ३ वंदित्ता जाव पज्जुवासित्तए त्तिकट्टु एवं संपेहेइ २ आभिओगिया देवा सहावेइ २ एवं वयासी - एवं खलु देवाणुप्पिया ! समणे ३ एवं जहा सूरियाभोव आणत्तियं देइ जाव दिव्वं सुरवराभिगमणजोग्गं करेह २ जाव पञ्चपिह | देवि तहेव करेत्ता जाव पञ्चप्पियंति नवरं जोयणसहस्सवित्थिण्णं जाणं सेसं तद्देव । तद्देब नामगोयं साहेइ तहेव नट्टविहिं उवदंसेइ जाव पडिगया । भंते त्ति भगवं गोयमे समणं ३ वंदइ नमंसइ २ एवं वयासी - कालीए 221 Page #235 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 223 नायाधम्मकहाओ [II.i.151णं भंते ! देवीए सा दिव्वा देविड्डी ३ कहिं गया ? कूडागारसालादिद्वंतो। अहो णं भंते ! काली देवी महिड्डिया ३ । कालीए णं भंते ! देवीए सा दिव्वा देविड्डी ३ किन्ना लद्धा किन्ना पत्ता किन्ना अभिसमन्नागया ? एवं जहा सूरियाभस्स जाव एवं खलु गोयमा ! तेणं कालेणं २ इहेव जंबु. हीवे २ भारहे वासे आमलकप्पा नाम नयरी होत्था वण्णओ । अंबसालवणे चेइए । जियसत्तू राया । तत्थ णं आमलकप्पाए नयरीए काले नाम गाहावई होत्था अड्डे जाव अपरिभूए । तस्स णं कालस्स गाहावइस्स कालसिरी नामं भारिया होत्था सुकुमाल जाव सुरूवा । तस्स णं कालस्स गाहावइस्स धूया कालसिरीए भारियाए अत्तया काली नामं दारिया होत्या वड्डा वडुकुमारी जुण्णा जुण्णकुमारी पडियपुयत्थणी निविण्णवरा वरपरिवजिया वि होत्था। तेणं कालेणं २ पासे अरहा पुरिसादाणीए आइगरे जहा वद्धमाणसामी नवरं नवहत्थुस्सेहे सोलसहिं समणसाहस्सीहिं अट्ठत्तीसाए अजियासाहस्सीहिं सद्धिं संपरिबुडे जाव अंबसालवणे समोसढे । परिसा निग्गया जाव पज्जुवासइ । तए णं सा काली दारिया इमीसे कहाए लट्ठा समाणा हट्ट जाव हियया जेणेव अम्मापियरो तेणेव उवागच्छइ २ करयल जाव एवं वयासी - एवं खलु अम्मयाओ ! पासे अरहा पुरिसादाणीए आइगरे जाव विहरइ । तं इच्छामि णं अम्मयाओ! तुब्भेहिं अब्भणुन्नाया समाणी पासस्स णं अरहओ पुरिसादाणीयस्स पायवंदियाँ गमित्तए । अहासुहं देवाणुप्पिया ! मा पडिबंधं करेहि । तए णं सा काली दारिया अम्मापिईहिं अब्भणुन्नाया समाणी हट्ट जाव हियया बहाया कयबलिकम्मा कयकोउयमंगलपायच्छित्ता सुद्धप्पावेसाई मंगलाई वत्थाई पवरपरिहिया अप्पमहग्याभरणालंकियसरीरा चेडियाचक्कवालपरिकिण्णां साओ गिहाओ पडिनिक्खमइ २ जेणेव बाहिरिया उवट्ठाणसाला जेणेव धम्मिए जाणप्पवरे तेणेव उवागच्छइ २ धम्मियं जाणपवरं दुरूढा । तए णं सा काली दारिया धम्मियं जाणप्पवरं एवं जहा दोवई तहा पज्जुवासइ । तए णं पासे अरहा पुरिसादाणीए कालीए दारियाए तीसे य महइमहालियाए परिसाए धम्मं कहेइ । तए णं सा काली दारिया Page #236 -------------------------------------------------------------------------- ________________ -11.1.151] नायाधम्मकहाओ पासस्स अरहओ पुरिसादाणीयस्स अंतिए धम्मं सोचा निसम्म हट्ट जाव हियया पासं अरहं पुरिसादाणीयं तिक्खुत्तो वंदह नमसइ २ एवं वयासीसदहामि गं भंते ! निग्गंथं पावयणं जाव से जहेयं तुम्भे वयह जं नवरं देवाणुप्पिया! अम्मापियरो आपुच्छामि तए णं अहं देवाणुप्पियाणं अंतिए जाव पव्वयामि । अहासुहं देवाणुप्पिए। तए णं सा काली दारिया पासेणं अरहया पुरिसादाणीएणं एवं वुत्ता समाणी हट्ट जाव हियया पासं अरहं वंदइ नमसइ २ तमेव धम्मियं जाणप्पवरं दुरूहइ २ पासस्स अरहओ पुरिसादाणीयस्स अंतियाओ अंबसालवणाओ चेइयाओ पडिनिक्खमइ २ जेणेव आमलकप्पा नयरी तेणेव उवागच्छइ २ आमलकप्पं नयरिं मझमज्झेणं जेणेव बाहिरिया उवट्ठाणसाला तेणेव उवागच्छइ २ धम्मियं जाणप्पवरं ठवेइ २ धम्मियाओ जाणप्पवराओ पञ्चोरुहइ २ जेणेव अम्मापियरो तेणेव उवागच्छइ २ करयलपरिग्गहियं जाव एवं वयासी - एवं खलु अम्मयाओ! मए पासस्स अरहओ अंतिए धम्मे निसंते । से वि य धम्मे इच्छिए पडिच्छिए अभिरुइए । तए णं अहं अम्मयाओ ! संसारभउविग्गा भीया जम्मणमरणाणं इच्छामि णं तुब्भहिं अब्भणुन्नाया समाणी पासस्स अरहओ अंतिए मुंडा भवित्ता आगाराओ अणगारियं पव्वइत्तए । अहासुहं देवाणुप्पिए ! मा पडिबंधं करेहि । तए णं से काले गाहावई विउलं असणं ४ उवक्खडावेइ २ मित्तनाइनियगसयणसंबंधिपरियणं आमंतेइ २ तओ पच्छा पहाए जाव विपुलेणं पुप्फवत्थगंधमल्लालंकारेणं सक्कारेइ सम्माणेइ २ तस्सेव मित्तनाइनियगसयणसंबंधिपरियणस्स पुरओ कालियं दारियं सेयापीएहिं कलसेहिं ण्हावेइ २ सव्वालंकारविभूसियं करेइ २ पुरिससहस्सवाहिणिं सीयं दुरूहेइ २ मित्तनाइनियगसयणसंबंधिपरियणेणं साद्धिं संपरिखुडे सविड्डीए जाव रवेणं आमलकप्पं नयरिं मझमझेणं निग्गच्छइ २ जेणेव अंबसालवणे चेइए तेणेव उवागच्छइ २ छत्ताइए तित्थगराइए पासइ २ सीयं ठावेइ २ कालियं दारियं सीयाओ पच्चोरुहइ । तए णं तं कालियं रियं अम्मापियो पुरओ काउं जेणेव पासे अरहा पुरिसादाणीए Page #237 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 224 नायाधम्मकहाओ [II.1.151तेणेव उवागच्छंति २ वंदति नमसंति २ एवं वयासी - एवं खलु देवाणुप्पिया ! काली दारिया अम्हं धूया इट्ठा कंता जाव किमंग पुण पासणयाए ? एस णं देवाणुप्पिया ! संसारभउव्विग्गा इच्छइ देवाणुप्पियाणं अंतिए मुंडा भवित्ता जाव पव्वइत्तए । तं एयं णं देवाणुप्पियाणं सिस्सिणिभिक्खं दलयामो। पडिच्छंतु णं देवाणुप्पिया ! सिस्सिणिभिक्खं । अहासुहं देवाणुप्पिया ! मा पडिबंधं । तए णं सा काली कुमारी पासं अरहं वंदइ नमसइ २ उत्तरपुरस्थिमं दिसीभागं अवक्कमइ २ सयमेव आभरणमल्लालंकारं ओमुयइ २ सयमेव लोयं करेइ २ जेणेव पासे अरहा पुरिसादाणीए तेणेव उवागच्छइ २ पासं अरहं तिक्खुत्तो वंदइ नमसइ २ एवं वयासी - आलित्ते णं भंते ! लोए एवं जहा देवाणंदा नाव सयमेव पवावेउं । तए णं पासे अरहा पुरिसादाणीए कालियं सयमेव पुप्फचूलाए अजाए सिस्सिणियत्ताए दलयइ । तए णं सा पुप्फचूला अजा कालिं कुमारि सयमेव पव्वावेइ जाव उवसंपन्नित्ताणं विहरइ । तए णं सा काली अजा जाया इरियासमिया जाव गुत्तबंभयारिणी । तए णं काली अजा पुष्फचूलाए अजाए अंतिए सामाइयमाइयाई एक्कारस अंगाई आहिज्जइ बहूहि चउत्थ जाव विहरइ । तए णं सा काली अजा अन्नया कयाइ सरीरबाउसिया जायावि होत्था । अभिक्खणं २ हत्थे धोवेइ पाए धोवेइ सांसं धोवेइ मुहं धोवेइ थणंतराणि धोवेइ कक्खंतराणि धोवेइ गुज्झंतराणि धोवेइ जत्थ जत्थ वि य णं ठाणं वा सेनं वा निसीहियं वा चेएइ तं पुव्वामेव अन्भुक्खित्ता तओ पच्छा आसयइ वा सयइ वा । तए णं सा पुष्फचूला अन्ना कालियं अजं एवं वयासी-नो खलु कप्पइ देवाणुप्पिए ! समणीणं निग्गंथीणं सरीरबाउसियाणं होत्तए। तुमं च णं देवाणुप्पिए ! सरीरबीउसिया जाया अभिक्खणं २ हत्थे धोवसि जाव आसयाहि वा सयाहि वा । तं तुम देवाणुप्पिए ! एयरस ठाणस्स आलोएहि जाव पायच्छित्तं पडिवजाहि । तए णं सा काली अजा पुप्फचूलाए अजाए एयमझु नो आढाइ बाव तुसिणीया संचिट्ठइ । तए णं ताओ पुप्फचूलाओ अजाओ कालिं अब्द Page #238 -------------------------------------------------------------------------- ________________ -II.1.151] नायाधम्मकहाओ 225 समिक्खणं २ हीति निंदति खिसेंति गरहंति अवमन्नंति, अभिक्खणं २ ऐयमढें निवारेति । तए णं तीसे कालीए अजाए समणीहिं निग्गंथीहिं अभिक्खणं २ हीलिजमाणीएं जाव वारिजमाणीए इमेयारूवे अज्झथिए बाव समुप्पजित्था । जया णं अहं अगारवासमझे वसित्था तया ण अहं सयंवसा । जप्पभिई च णं अहं मुंडा भवित्ता अगाराओ अणगारियं पव्वइया तप्पभिई च णं अहं परवसा जाया । तं सेयं खलु मम कलं पाउप्पभायाए रयणीए जाव जलते पाडिक्कयं उवस्सयं उवसंपजित्ताणं विहरित्तए त्तिकटु एवं संपेहेइ २ कल्लं जाव जलंते पौडिकं उवस्सयं गेण्हइ तत्थ णं अणिवारिया अणोहट्टिया सच्छंदमई अभिक्खणं २ हत्थे धोवेइ जाव आसयइ वा सयइ वा । तए णं सा काली अजा पासत्था पासत्थविहारी ओसन्ना ओसन्नविहारी कुसीला कुसीलविहारी अहाछंदा अहाछंदविहारी संसत्ता संसत्तविहारी बहूणि वासाणि सामण्णपरियागं पाउणइ २ अद्धमासियाए संलेहणाए अप्पाणं झूसेइ २ तीसं भत्ताई अणसणाए छेएइ २ तस्स ठाणस्स अणालोइयअपडिकंता कालमासे कालं किच्चा चमरचंचाए रायहाणीए कालवडिंसए भवणे उववायसभाए देवसयणिज्जसि देवदूसंतरिया अंगुलस्स असंखेजभागमेत्ताए ओगाहणाए कालीदेवित्ताए उववन्ना। तए णं सा काली देवी अहुणोववन्ना समाणी पंचविहाए पज्जत्तीए जहा सूरियामो जाव भासामणपज्जत्तीए । तए णं सा काली देवी चउण्हं सामाणियसाहस्सीणं जाव अन्नसिं च बहुणं कालवडेंसगभवणवासीणं असुरकुमाराणं देवाण य देवीण य आहेवञ्चं जाब विहरइ । एवं खलु गोयमा ! कालीए देवीए सा दिव्वा देविड्डी ३ लद्धा पत्ता अभिसमन्नागया। कालीए णं भंते । देवीए केवइयं कालं ठिई पन्नत्ता ? गोयमा ! अड्डाइजाइं पलिओवमाइं ठिई पन्नत्ता । काली गंभंते ! देवी ताओ देवलोगाओ अणंतरं उवट्टित्ता कहिं गच्छिहिइ कहिं उववजिहिइ ? गोयमा! महाविदेहे वासे सिज्झिहिइ जाव अंतं काहिइ । एवं खलु जंबू ! समणेणं अव संपचेणं पढमस्स वग्गस्स पढमज्झयपस्स अयमढे पन्नत्ते त्तिबेमि । ___ २९ Page #239 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 226 नायाधम्मकहाओ [II.1.153(152) (i) जइ णं भंते । समणेणं० धम्मकहाणं पढमस कागस पढमज्झयणस्स अयमढे पन्नत्ते बिइयस्स णं भंते ! अज्झयणस्स समणेणं जाव संपत्तेणं के अढे पन्नत्ते? एवं खलु जंबू ! वेणं कालेणं २ रायगिहे नयरे गुणसिलए चेइए सामी समोसढे परिसा निग्गया जाव पजुवासइ । वेणं कालेणं २ राई देवी चमरचंचाए रायहाणीए एवं जहा काली तहेव आगया . नट्टविहिं उवदंसित्ता पडिगया । भत्तेत्ति भगवं गोयमे पुथ्वभवपुच्छा । एवं खलु गोयमा! तेणं कालेणं २ आमलकप्पा नयरी अंबसालवणे चइए जियसत्तू राया राई गाहावई राइसिरी भारिया राई दारिया पासस्स समोसरणं राई दारिया जहेव काली तहेव. निक्खंता तहेव सरीरबाउसिया तं चैव सम्वं जाव अंतं काहिइ। एवं खलु जंबू! बिईयज्झयणस्स निक्खेवओ ॥ जइ णं भंते तइयज्झयणस्स उक्खेवओ । एवं खलु जंबू ! रायगिहे नयरे गुणसिलए चेइए एवं जहेव राई तहेव रयणी वि नवरं आमलकप्पा नयरी रयणे गाहावई रयणसिरी भारिया रयणी दारिया सेसं तहेव जाव अंतं काहिइ । एवं विजू वि आमलकप्पा नयरी विजू गाहावई विज्जुसिरी भारिया विजू दारिया सेसं तहेव । एवं मेहा वि आमलकप्पाए नयरीए मेहे गाहावई मेहसिरी भारिया मेहा दारिया सेवं तहेव । एवं खलु जंबू समणेणं जाव संपत्तेणं धम्मकहाणं पढमस्स वग्गस्स अयमढे पन्नत्ते । ___(153) (ii) जइ णं भंते ! समणेणं० दोचस्स वग्गस्स उक्खेवओ। एवं खलु जंबू ! समणेणं० दोच्चस्स वग्गस्स पंच अज्झयणा पन्नत्ता तंजहा-सुंभा निसुंभा रंभा निरंभा मयणा। जइ णं भंते! समणेणं० धम्मकहाणं दोच्चस्स वग्गस्स पंच अज्झयणा पन्नत्ता दोच्चस्स णं भंते ! वग्गस्स पढमज्झषणस्स के अढे पन्नत्ते? एवं खलु जंबू ! तेणं कालेणं २ रायगिहे नयरे गुणसिलए चेइए सामी समोसढे परिसा निग्गया जाव पन्जुवासइ । तेणं कालेणं २ सुंभा देवी बलिचंचाए रायहाणीए सुंभबडेंसए भवणे सुंभंसि सीहासणंसि कालीगमएणं जाव नट्टविहिं उवदंसेत्ता जाव पडिगया । पुथ्वभवपुच्छा । सावत्थी नयरी कोट्टए चेइए जियसत्तू Page #240 -------------------------------------------------------------------------- ________________ -II.iv.155] नायाघम्मकहाओ 227 राया सुंभे गाहावई सुंभसिरी भारिया सुंभा दारिया सेसं जहा कालीए नवरं अद्भुट्ठाई पलिओवमाइं ठिई । एवं खलु जंबू ! निखेवओ अज्झयणस्स । एवं सेसावि चत्तारि अज्झयणा सावत्थीए नवरं । माया पिया सरिसनामया । एवं खलु जंबू! निक्खेवओ बिइयवग्गस्स । ___(154) (iii) उक्लेवो तइयवग्गस्स । एवं खलु जंबू! समणेणं० तइयवग्गस्स चउपन्नं अज्झयणा पन्नत्ता तंजहा - पढमे : अज्झयणे जाव चउपन्नत्तिमे अज्झयणे । जइ णं भंते ! समणेणं० धम्मकहाणं तइयवग्गस्स चउप्पन्नं अज्झयणा पन्नत्ता पढमस्स णं भंते ! अज्झयणस्स समणेणं के अढे पन्नत्ते ? एवं खलु जंबू ! तेणं कालेणं तेणं समएणं रायगिहे नयरे गुणसिलए चेइए सामी समोसढे परिसा निग्गया जाव पजुवासइ । तेणं कालेणं २ अला देवी धरणाए रायहाणीए अलावडेंसए भवणे अलंसि सीहासणसि एवं कालीगमएणं जाव नट्टविहिं उवदंसेत्ता पडिगया। पुव्वभवपुच्छा । वाणारसीए नयरीए काममहावणे चेइए अंले गाहावई अलसिरी भारिया ईला दारिया सेसं जहा कालीए नवरं धरणअग्गमहिसित्ताए उववाओ साइरेगं अद्धपलिओवमं ठिई सेसं तहेव। एवं खलु निक्खेवओ पढमज्झयणस्त । एवं कमसोतरां सोयामणी इंदा घणया विज्जुया वि । सव्वाओ एयाओ धरणस्स अगमहिसीओ । एए छ अज्झयणा वेणुदेवस्स वि अविसेसिया भाणियव्वा । एवं जाव घोसस्स वि एए चेव छ अज्झयणा । एवमेवे दाहिणिलाणं इंदाणं चउप्पन्नं अज्झयणा भवंति सव्वाओ वि वाणारसीए काममहावणे चेइए । तइयवग्गस्स निक्खेवगो । (155) (iv) चउत्थस्स उक्खेवगो। एवं खलु जंबू ! समणेणं० धम्मकहाणं चउत्थवग्गस्स चउप्पन्नं अज्झयणा पन्नत्ता तंजहा- पढमे अन्झयणे जाव चउप्पन्नइमे अज्झयणे । पढमस्स अन्झयणस्स उक्खेवगो । एवं खलु जंबू ! तेणं कालेणं २ रायगिहे समोसरणं जाव परिसा पञ्जुवासइ । तेणं कालेणं २ रूया देवी रूयाणंदा रायहाणी रूयगवडेंसए भवणे रूयगंसि सीहासणंसि जहा कालीए तहा नवरं पुत्वभवे चंपाए पुण्णभद्दे चेइए रूयगगाहावई रूयगसिरी भारिया रूया दारिया सेसं तहेव Page #241 -------------------------------------------------------------------------- ________________ नायाधम्मक हाओ [II.vii.158 नवरं भूयानंदा अग्गमदिसित्ताए उबबाओ देसूणं पलिओवमं ठिई । निक्खेवओ । एवं खलु सुरूया वि रूयंसा वि रूयगावई वि. रूपकंता वि रूपभा वि । एयाओ चेव उत्तरिल्लाणं इंदाणं भाणियव्वाओ जाब महाघोसस्स । निक्खेवओ चउत्थवग्गस्स । 228 (156) (v) पंचमवग्गस्स उक्खेवओ । एवं खलु जंबू ! जाव बत्तीसं अज्झयणा पन्नत्ता तंजहा - कमला कमलप्पभा चेव उप्पला य सुदंसणा । रूववई बहुरूवा सुरूवा सुभगा वि य ॥१॥ पुण्णा बहुपुत्तिया चेब उत्तम भारिया वि य । पउमा वसुमई चेव कणगा कणगप्पभा ॥२॥ वडेंसा के ऊमई चैव वइरसेणा रइप्पिया । रोहिणी नवमिया चेव हिरी पुप्फबई वि य ॥३॥ भुयगा भुयगवई चेव महाकच्छा पराइया | सुघोसा विमला चेव सुरसराय सरस्सई ॥४॥ उक्खेवओ पढमज्झयणस्स । एवं खलु जंबू ! तेणं कालेणं २ रायगिहे समोसरणं जाव परिसा पज्जुवास । ते काणं २ कमला देवी कमलाए रायद्दाणीए कमलवर्डेस भवणे कमलंसि सीहासणंसि सेसं जहा कालीए तहेव नवरं पुव्वभवे नागपुरे नयरे सहसंबवणे उज्जाणे कमलस्स गाहावइरस कमलासरीए भारियाए कमला दारिया पासस्स अंतिए निक्खता कालस्स पिसायकुमारिंदस्स अग्गमहिसी अद्धपलिओवमं ठिई । एवं सेसा वि अज्झयणा दाहिणिल्लाणं वाणमंतरिंदाणं भणियव्वाओ नागपुरे सहसंबवणे उज्जाणे मायापियरो धूया सरिसनामया ठिई अद्धपलिओवमं । पंचमो वग्गो समत्तो । (157) (vi) छठ्ठो वि वग्गो पंचमवग्गसरिसो नवरं महाकाय ईण उत्तरिल्लाणं इंदाणं अग्गमहिसीओ । पुव्वभवे सागेए नयरे उत्तरकुरुउज्जाणे मायापियरो धूया सरिसनामया । सेसं तं चैव । छठ्ठो वग्गो समत्तो । I (158) (vii) सत्तमस्स वग्गस्स उक्खेवओ । एवं खलु जंबू ! जाब चत्तारि अज्झयणा पन्नत्ता तंजहा - सूरप्पभा आयवा अश्चिमाली पभंकरा । पढमज्झयणस्स उक्खैवओ । एवं खलु जंबू ! तेणं कालेणं तेणं समएणं सबगिहे समोसरणं जाव परिसा पज्जुवासइ । तेणं कालेणं २ सूरप्पभा देवी सूरंसि विमाणंसि सूरप्पमंसि सीहासणंसि सेसं जद्दा कालीए तहा Page #242 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 229 -II.x.161} नायाधम्मकहाओ नवरं पुत्वभवो अरक्खुरीए नयरीए सूरप्पभस्स गाहावइस्स सूरसिरीए भारियाए सूरप्पभा दारिया सूरस्स अग्गमहिसी ठिई अद्धपलिओवमं पंचहिं वाससएहि अब्भहियं सेसं जहा कालीए । एवं सेसाओ वि सव्वाओ अरक्खुरीए नयरीए । सत्तमो वग्गो समत्तो । (159) (viii) अट्ठमस्स उक्खेवओ । एवं खलु जंबू ! जाव चत्तारि अज्झयणा पन्नत्ता तंजहा - चंदप्पभा दोसिनामा अचिमाली पभंकरा। पढमज्झयणस्स उखेवओ। एवं खलु जंबू ! तेणं कालेणं तेणं समएणं रायगिहे समोसरणं जाव परिसा पन्जुवासइ । तेणं कालेणं २ चंदप्पमा देवी चंदप्पमंसि विमाणंसि चंदप्पमंसि सीहासणंसि सेसं जहा कालीए नवरं पुत्वभवो महुराए नयरीए भंडिवडेंसए उजाणे चंदप्पभे गाहावई चंदसिरी भारिया चंदप्पभा दारिया चंदस्स अग्गमहिसी ठिई अद्धपलिओवमं पन्नासवाससहस्सेहिं अब्भहियं । सेसं जहा कालीए । एवं सेसाओ वि महुराए नयरीए मायापियरो धूया सरिसनामा। अट्ठमो वग्गो समत्तो । __(160) (ix) नवमस्स उक्खेवओ। एवं खलु जंबू ! जाव अट्ठ अज्झयणा पन्नत्ता तंजहा - पउमा सिवा सई अंजू रोहिणी नमिया इ य । अयला अच्छरा ॥ पढमज्झयणस्स उक्खेवओ। एवं खलु जंबू ! तेणं कालेणं २ रायगिहे समोसरणं जाव परिसा पजुवासइ । तेणं कालेणं २ पउमावई देवी सोहम्मे कप्पे पउमवडेंसए विमाणे सभाए सुहम्माए पउमांस सीहासणंसि जहा कालीए एवं अट्ठ वि अन्झयणा कालीगमएणं नायव्वा नवरं सावत्थीए दोजणीओ हथिणाउरे दोजणीओ कंपिल्लपुरे दोजणीओ साएए दोजणीओ पउमे पियरो विजया मायराओ सव्वाओ वि पासस्स अंतियं पव्वइयाओ सकस्स अग्गमहिसीओ ठिई सत्त पलिओवमाई महाविदेहे वासे अंतं काहिंति । नवमो वग्गो समत्तो। ____(161) (x) दसमस्स उखेवओ । एवं खलु जंबू ! जाव अट्ठ अज्झयणा पन्नत्ता तंजहा- कण्हा य कण्हराई रामा तह रामरक्खिया वसू या। वसुगुत्ता वसुमित्ता वसुंधरा चेव ईसाणे ॥१॥ पढमज्झयणस्स उक्खेवओ। एवं खलु जंबू ! तेणं कालेणं तेणं समएणं रायगिहे समोसरणं जाव Page #243 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 230 नायाधम्मकहाओ [Hz.ler, परिसा पञ्जुवासइ । तेणं कालेणं २ कण्हा देवी ईसाणे कप्पे कण्हवरेंसर विमाणे सभाए सुहम्माए कण्हंसि सीहासणंसि सेसं जहा कालीए एवं अट्ट वि अज्झयणा कालीगमएणं नायव्वा नवरं पुव्वभवो वाणारसीए नयरीए दोजणीओ रायगिहे नयरे दोजणीओ सावत्थीनयरीए दोजणीओ कोसंबीए नयरीए दोजणीओ रामे पिया धम्मा माया सव्वाओ वि पासस अरहओ अंतिए. पव्वइयाओ पुप्फचूलाए अजाए सिस्सिणियचाए ईसाणस्स अग्गमहिसीओ ठिई नवपलिओवमाइं महाविदेहे वासे सिज्झिहिंति बुझिहिंति मुश्चिहिंति सव्वदुक्खाणं अंतं काहिति । एवं खलु जंबू ! निक्खेवगो दसमवग्गस्स । दसमो वग्गो समत्तो । (162) एवं खलु जंबू ! समणेणं भगवया महावीरेणं आइगरे तित्वगरेणं सयंसंबुद्धेणं पुरिसोत्तमेणं पुरिससीहेणं बाव संपत्ते धम्मकहाणं अयमढे पन्नत्ते। धम्मकहा सुयक्खंधो सम्मत्तो। दसहि वग्गेहिं नायाधम्मकहाओ सम्मत्ताओ ।। ॥ बीओ सुयक्खंधो समतो ॥ ॥ नायाधम्मकहाओ समत्ताओ॥ Page #244 -------------------------------------------------------------------------- ________________ VARIANT READINGS [A. B. C. E. are the MSS. collated. P. stands for the Agamodaya Samiti Edition, Com.-commentary.] [Page ] 1. C. चईए, 2.0. बलसंपन्ने रूवसंपन्ने विणयनाणसंपन्ने दंसण... संपले. 3.0. 'लोमे. 4.0. 'मचरवय' and omits नय. 5.C. B. °चरित्त only. 6. B. नगरी. 7. C. चेईए. [Pages] 1.C. आय. 2. C. omits पुरिमुत्तमेण...लोगुत्तमेण. 3 & 4.C. omits. 5.0. जिणएणं. 6.C.B.A. खं°. 7-8. C. omits. 9. A.B: मा. 10. C. मंडुए. 11. C. सूंस. B. सुसु०. 12. C. omits. [Page 8] 1. C. T. 2. O has throughout "Pt. 3. B. A. नग. 4:0. मय° A. समा. 5. C. कम्म.; B. कम्मइया. 6.0. चुवि B. चम्वि. 7. C.B. कुटं. 8.0: वियत्र. 9. 0. 'क'. 10. C. भत्त'. 11.0. 'हाऊ; A: धाऊधवल 12. B.A. 'सत्य'. 13. C. पुम०. 14. P. वंदन; Com. notes the v. L. चंदन०. [Page 4] 1.0. B. A. °गंध. 2. A. changes 'किरण' to रयण. 3. C.°ट्टी. 4. C.°य. 5. C.उव. 6. C. में. 7.0. कारं. 8. C.B. °सिया. 9.C.यंब.. 10. C.समूस्सिय; A.B. समसविय: 11. A.B.रुभ°. 12. Comits गंभीर; A.B.omit रिमिय°. 13.C. टी. 14. A. B. सि. 15. C. के सि धम्म जाव; B. केसिमं जाव. 16. A.B. Generally read सिमिण for सुमिण. [Page 5] 1: B. अणुपवि. 2. B.E.मि; C.E. omit °रिमिय. 3. C.E. उराला. 4.C. तुम्भे. 5. A.B.E. omit. 6. A.B.E. देवी. 7. B.E. कारगा. 8. C. देवाणुप्पिए, 9. C. splits the Cpd. and has different sentences. 10. C. राय'. 11.0. वडे. 12. C.A. omit. E. तिलग. 13.A.B. विनय. 14. E. विउल'. 15. E. देवागुप्पिया after each word. 16. C. वद. 17.0. हमिहेति ति. [Page 6] 1. C. कोटंबिय; E. कोड: 2.0. गुरु. 3. C.E.गंध. * C.E. एव; B. एवम्मा. 5.0.°पंडरे; B.E. अहपंडरे. 6. P.गुंजद्धराग'. 7.P. जासुयण'; Com. reads °जासुमिण. 8. B. °गरे. 9. E. दिणकरपरंपरोयार'; B. दिणकरपरंपाराबारपरदंमि; C.दिणकरकरफरसपरोवयार: 10. C.खचि; E.खइए. 11. C. गुपगासविक . 12. E. °यर; C.°कर. 13. B. 'जुझः. 14. C. °माई'; B. मादि 15. E. मह; B. मद°: 16: C. वय%; E. omits. 17. C. अभिगे: 18: C. अम्मि: 19. C.पि. 20. C.E.अग्मि. 21.5.निम्मलगुणेहिं for निम्माएहिं. 22...चुविः. 23. C.B. अव ६०. [Page 7] 1:E.जालाकुलामि०, B.समुत्त'. Page #245 -------------------------------------------------------------------------- ________________ नायाधम्मक हाओ .. 2. E. omits. 3. C. generally reads सुकमाल. 4. E. B. कासाइल". 5. E. पिण. 6. C. मुड; cf. चुविह supra. 7. C. E. omit विमल. 8. C. “सेत ं; B.A.सिंत°. 9.B. रेंट°. 10. Ereads उमओ before this. 11. C. E. कोडं. 12. C. ° पाल ; 13. E. विविह for विव and joins it to the next word. 14. E. नरिन्दे after this. 15. B.E, भागे. 16. E. ° मणिकणगरयण ०. 17. C.B. omit मउभ. [ Page 8] 1. E. सुतस्थधारए पारए. 2. E. सुमिणलक्खण. 3. E. सुविणलवखण. 4. E. सुविणलक्खण; C. सुमिणलक्खण° 5. E. सहिंतो. 6. E. मिल. 7. E. सुविण ° 8 E समिणलक्खण 9. E. संलवेंति B. संलार्वेति [ Page 9]. 1.C.omits. 2. B.A. ° उसह° 3. E. ° भुवन° 4. C. सिंहिं. 5. C. E. चत्तारि . 6. C. एगं. 7. E सामी after this. 8. C. पयाहि ; E पयाहिसि. 9. E. मेते. 10. C. वियते 11. B. C. °विपुल 12. C. बदह [ Page 10] 1. C. ar°. 2. E त°. 3. C. दोहद 4. B. E. डोले. 5. E. मेहे. 6. Eomits.. 7.E.°जाए; B.°जा°. 8. E. ना. 9. C. °म°. 10. C. केसूय ; B. कॅसूय. 11.C.. ° हिंगलोय° B. ° हिंगुलु. 12. E. ° गुलिय° 13. C. ° सुब°. 14. B. ° सामग; E. "साम'. 15. E° गण 16. E. संस; C. सिक्कि° 17. E. omits one उबरि.. 18. E.°वियमेइणि.. 19. C. वेल्लि ; E, वेल्लिय. 20. E. पक्य°. 21. E.. कूडग°. 22. E. ° निम्मकडुय° 23. E. कुडय डय 24. C. E°° [ Page 11].. 1. E. B. ओणय ... 2. Com. भामिय° 3. E. ° तारगण पहेस; B. तारगण 4. 6. C. पाव 7. E किन्नो for किंते. 8. E. उचिय'. 9. C. B. खड्डय°. 10. 12 E. सद्धिं after this. 232 C. बंध. 5. E. ओइलला हग ° तिउयओविय० ; Com. पवर 11. E. B. व आसिय°. [Page 12] 1. E. reads अवलंबियं after this [Page 18] : 1. C. तो. 2. C. चुविहाए; E चउव्विहाए. 3. C. E. बुद्धीए [ Page 14] 1. E.. मणामाहिं instead. 2. E. उरालाहिं कल्लाणाहि [ Page 15] 1. C. पडिला - fug instead. 2. MSS: generally write उमुक्क : 3. C. उप्पज्जेसु; E. समुप्पज्जेसु. 4. E. reads अस्थ णं after this. [ Page 16] 1. C.B.. °सोहे; E. °सोक्खे... 2. C. B. 'गमणुगुणजणिय ; : 'गमणुठाण 3. B. हा... E.; E. B. omit. 13. C. ° चुमुह 14. C. 4. E.°गब्भ° for 'मज्झ° 5. C. उडु° 6. C. ° सम्मन्त"; E. संसन्न : 7. C. E.B. गंध. 8. E. विगुवित्त ; B. विगुम्बित' 9: E. °तो. 10. B. ° लोगं.. 11. Eयरं instead 12. B. reads 'य तस्स' after this. 13. E. B. संगि° : . 14. E. हियं इच्छियं. [Page 17 ].1. MSS write दोहल as well as डोहल.. 2. C. always ° माऊया 3. B. सि. 4. C. गज्जइ; E. गच्छछ. 5. C. पावस°. 6. C.°ऊ. 7. C. ° माऊयाए, 8. C. B. धारिणीए देवीए 8. C. कोटं° ; E.. कोड; B.. कोż°. I. hare rotained कोडुंबिय throughout. 9. C. एव... Page #246 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Variant Readings 233 [ Page 18] 1. E. सेयवरचामर 2. C. °डिया. 3. C नगर. 4. C. चेढीसु य जूएसु य etc ; E. चोण्हीसु; B. चेण्टीसु. 5. C. B. E. वियं. 6. E. भोए . [ Page 19] 1. C. generally सुकमाल. [ Page 20] 1. C. एव. 2. C. after this adds उकिट्टं अमेज्नं अदेज्जं. 3. E. B. अव्वाय . 4. E. B. सुइ. 5. E. गब्भगयस्स. [ Page 21] 1. E. छावणि ै; B. वावणि. 2. C. दवडि. 3. B. अक्कणि 4. C. हत्थि. 5. E. हिज्न . 6. C. परिगिज्झ'; E. गिज्ज' ; B. परंगिज्ज. 7. C. बालावणयं. [ Page 22] 1. C. वत्थ ं. 2 E, कह. 3. C. रूवं. 4. C. रू. 5. E. B. omit वत्थ. 6 B. 'विह. 7. C. 'पवर' for 'वयर . [ Page 23] 1. E. B. आणियलि. 2. C. उववयाण. 3. C. °भोए ं. 4. C. E. उवलोए. [ Page 24] 1. C. ° सड्ढे. 2. C. बु : E... [Page 25] 1. E.{लक्खणओ ओलग्ग ; 2. E. चेयगमई; 3. E. फरसु. 4. B. महिम [Page 26] 1. E. संफु ; 2. C. omits; 3. E. कामभोए for भवे; 4. C. अनित्तिए; 5. C. केस ; 6. C. सरिसवयाओ; 7. E. आणिल्लि . [ Page 27 ] 1. C. E. bave the whole Sentence के णं जाणइ के पुव्विं etc; 2. C. B. omit सार; 3. E. B. जाव after this ; 4. E. omits तं ; 5. C. संबुद्धे. [ Page 28] 1. C. एव ; 2. C. B. omit ‘चं'; 3. E. असिधारासंचरणत्रयं; 4. C. B. E. 'बु; 5. C. E. वीर [Page 29] 1. C. E. कुमारे; 2. E. B. ° वेडं [ Page 30] 1. C. E. तुब्भे; 2. C. E. चउप्पला ; 3. E. सेयपीयएहिं ; 4. C. रयणमउर्ड; 5. C. B. ददुर [Page 31] 1. C. सालि ; 2. C. अम्म; 3. C. ओधा; 4. B. दुवे उ; 5. B. पासे ; E. पासिं; 6. E. ओहीर. [ Page 82] 1. B. किइ ; 2. C. सरिसवयाणं; 3. C. °णीयं ; 4. C. वुत्ता समाणा; 5. B. supplies the whole passage indicated by जाव, but again reads as in the text; 6. C. धणियबलियबद्ध; 7. C. भगवओ. [ Page 38] 1. B. जम्मणेजरमरणाणं; 2. E. एवमग्गे ; B. एमेव मग्गे; 3. C. Very often writes अम्हा ; 4. Com. अप्पसारे; 5. B. गुरु; 6. E. B. ख ; [ Page 34 ] 1. C. आया ; 2. E. ममे after this ; B. also मम above the line ; 3. E. अणगारं instead ; 4. E. एवमेव; 5. E. अणगारे ; 6. E. पडिच्छइ ; 7. E. From now on substitutes अणगार for कुमार after मेह; 8. C. बार ; E. पाय; 9. C. सीसेहिं ; 10. C. पिट्टे हि . [ Page 85] 1. E. adds after this : - ' संथाराओ आययंति', and omits राओ; 2. C. आगारवास; 3. C. रूत्रयं; E. संतियं; 4. B. तं रयणि; 5. C. B. E. मज्झा; 6. E. पव्वइए; C. B. omit; 7. C. निव्वइय; 8. E. B. संखउल; . P. संखदलउज्जल'; 9. C. समए; 10. C. 'गत्तवरे. [ Page 36] 1. C. पागट्टी (ड्डी ? ) ; 2. C. पट्टवहए ; 3. C. जूहाहिवई; 4. C. परिवट्टिए; Com. वड्डिए; 5. C. रुई; 6. C. °डे'; 7. E. कुं. 8. C. °यरेसु य; 9. C. पावस; 10. C. omits मय; 11. E. and Com. “किमिव ं; Com. °किमिण; 12. C. 'वाइय' ; 13. C. पायपडिय'; B. 'पायडिय'; 14. C. वसंतेसु; 15. B. गिम्हम्ह उन्ह ; Com. गिम्हउम्ह उन्ह ; 16. B. संवट्टइएस ; 17. C. E. B. सीयरं. [ Page 37] 1. E. B. ल्ला ; 2. C. E. विणिट्ठरहे ; 3. E. पाए; 4. E. लेड; B. लंड 5. E. झुंझिए; B. Com. जुंजिए. They are Synonymous. 6. C. सू; 7. C. पलिद्धे; 8. C. omits the words च णं महं; 9. C. B. °त्थेणं; 10. C. पाविए; 11. E. थिर; 12 B. सु° ; 13, C, 30 Page #247 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 284 नायाधम्मकहाओ उद्यम'; E. B. उदा; 14. B. adds तिउणा after this 3 Com. and P. तिउला; 15. B. होत्था; 16. E. वीसं ; 17. C. omits; 18. C. गयवरजुवा 19. C. omits गय; 20. E. तुमे महागभ eto. omits मेहा. [Page 98] 1. C. रत्तुप्पलसूमा; E. उप्पलरत्त; 2. C. B. °मण'; 3. C. पालियातं ; B. पालियत्तय; 4. C. कणेरुहत्थी; E. गणियायार'; 5. B.Com. संताण'; 6. C. काइंसि. [Page 89] 1. B. खुत्रे, 2. P. and Com. विवहण; Dict. notes विहवण%D विनाश ; 3. B. 'उद्धत; 4.0. कई; B. "पसुधाओ; P. पंसु Com. notes this; 5. B. कुसुमकयचामर; Com. notes the V. L. 'उउयकुसुम,' his reading drops उउय; 6. B. 'समय'; E. उउयसमय'; 7. E. B. Com. "सिहर'; Com. reads सिरिहर and notes the V. L.; C.. भीमंतर'; 8. Com. reads आयवालमहंत and notes आयवालोय as V. L [ Page 40] 1. C. पादपघंस'; 2. B. दसोदिसिं; 3 C. adds चिलगा after this, retaining चिल्लला also%3; 4. E. B. भयविहुया; 5. E. B. भणुखित्ते ; 6. C. generally रायंदिय; 7. E. वलिततिय; 8. C. झंझिए; E. झुझिए; Cp. supra pege 37%; 9. P. Com. add अचंकमणो वा; 10. B. कडे; P.Com. ठाणुखंडे, 11. E. B. रयंत' probably wrong for रयत; Com. रयया"; P. रयत. [Page 41] 1. E. दात (for पत्त) bad writing for °दंत which is the Com.'s reading32. P. जाईसंभरणे; Com. notes 'पुव्वभवे, and reads as in the text; 3. C. आणंदसंपुन्नमेहे ; E. आणंदंसंपुत्र ; 4. E. समूसवियं; 5.0. B. 'मायाउत्तियं ; 6. E. क्खह; 7. C. B. उत्तिय 8. E. B. पडिच्छइ. [Page 42] 1. C. एगारस; 2. E. सोहेइ ; 3. C. दोच्चाए। 4.C. तच्चाए; 5 C. 'कडूए; E. °क्कडए. [ Page 48 ] 1.0. एगा; 2. E. B. पंचदसमे; 3. C. उदयग्गेणं; 4. 0. कडिकडि; 5.0. B. तिलंडासगडिया; E. तिलदडा; 6. E. भासभस्सरासि. [ Page 44] 1. E. B. आरु; 2.C. कडाहीएहिं; B. कडावेहि; 3. E. मासीसलेहणाझूसियस्स; 4. P. अहं; 5.0. कडाइएहिं. [Page 46] 1. C. Omits कट्ट; 2. E. B. एवं; 3. E. पाओकगमणकालं; 4.C. वासाई; 5. E. B. अणु. [Page 46 ] 1. C. एयस्स; 2. E. 'न्वयाई ; 3. C. °पाणयअञ्चुए; E. पाणच्चुए; 4. C. omits महा; 5. C. अप्पोप. [ Page 47 ] 1. B. बितय; C. बियस्स; 2. C. Throughout °गेहे as in chapter I; 3. B. तस्स; 4. E, पडि; 5. C. B. E. जिणु'; 6. E. किण्हा; 7. P. धण्णे throughout; 8.0. सुक. [Page 48] 1. C. खुद्द; 2. C. आरसिय and omits 'रत्त'; 3. C. E. फरस; 4. O. पयत्त for पइण्ण'; 5.C. पभित्तए; B. पभइए; 6. E. सव्वोगाही; Com. सव्वगाही; 7. C. उवदिए . E. उव्वहिए; 8. E, अमि'; 9. B. जूव; 10. E. °सरपंतियामु य सरसरपंतियास य. [ Page 49] 1. E. पमुयामि ; P. पयायामि ; 2. E. "मूले; B. मूलकक्ख 3. C. B. अइसर; 4. E. B. निवेसियाणं ; C. निवेसेइ2 वेसियाणं; 5. E.C. धन्ने णं; The Mss. sometimes spell it thus, but usually it is 'धण,' and so for the sake of uniformity, I have retained single 'ण' throughout; 6. P. पुप्फवत्य; 7.C. सद्ध; 8. C. Invariably writes Page #248 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Variant Readings 235 °° for 'ग; for गिह also, it writes गेह; 9. C. महा; 10. E. जाणु; 11. C. पयामि; 12. C. उवायं; 13. E. B. उववा; C. उवायत्तए; 14. C. बहू ( Usually C. writes बहूय for बहूई ); 15. C. उवायं ; 16. P. isar [ Page 50]1. C. साडगा ; E. पडगसाडिया ; 2. B. तत्थेव ; 3. P. reads ताइं after this ; 4. E. omits वत्थ; 5. E. B. omit; 6. C. महा; 7. B. °गच्छइ; 8. C. जक्खा instead ; 9. B. उववा; 10. P. पुप्फवत्थ' ; 11. E. B. परि° [ Page 51] 1. C. उवर्णेति ; E. विणयंति ; 2. C. ते ; 3. E. नागरमहिलाए ; 4. C. generally रायंदि° ; 5. E. उवाय; - 6. C. होऊ. [ Page 52] 1. C. °कारेणं; E. “कारे संमु ; 2. E. द्दा ; 3. E. जीविय ; 4. C. तहेव ; 5. C. E. सुयं; 6. C. पवित्ति; 7. C. निवाए; E. omits; P. हते; The com.. however, reads ' नीए '; हते is obviously wrong. None of the five Mss. read हते ; 8. E. अवखित्ते. [ Page 68 ] 1. C. चंपगलया य; but it is obviously wrong; 2. C. generally writes Hg; Dict. notes this Spelling also, but I have retained मुहुत्त throughout ; 3. C. °यं ; 4. P. Com. बद्धवम्मियकवया; 5. E. जीविय; 6. C. मग्गणम; 7. E. निवाए : [ Page 54] 1. C. उक्खिरिएमाणा - but the Dict, does not note this word ; E. पक्खिवमाणे ; B. पकेर ; 2. B. राया ; E. अमचे ; 3. P. एत्थट्टे instead; Com. नन्नत्थ ; 4. E. विणिवा' ; 5. B. नियगसयण; 6. C. दा; 7. C. बहू. य; 8. C. लहूयंसि ; 9. D. संपलम्गे; 10. E. चारगसाला; 11. E चारगसालं; 12. E. 'डावे'; 13. B. भायणाइ; 14. B. गच्छण्हं-probably a formation from गच्छह + णं; 15. C. पिंडं; 16. C. लिं; 17. B. भायणाई; E. omits this and the next word ; 18. E. एत्तो. [ Page 55] 1. C. कर' ; 2. C. पड° ; 3. C. एयं instead ; E. omits; 4. C. पिंडं; E. पिंडगं; 5. E. B. भमाण; 6. C. ट्ठवावेहि; 7. C. म; 8 A घेणे विजएणं [ Page 56] 1. E. B. °पिंडयं; C. पिंडं ; 2. C. कारा ; 3. C. अद्दायमट्टियं; 4. E. B. सरीरकुसलं पुच्छति ; 5. C. पुरिसा ; 6. C. भवंति ; 7. E. B. भइगा ; C. भायया ; 8. C. भाणेजा; 9. E. बाप्फमोचणं. [ Page 57 ] 1. C. रज्ज ; 2. C. मोयावेति ; 3. B. संघाडियए; E. घोडियए; 4. B. E. परब्भमाणे; 5. C. उववहिता; 6. P. reads after this — दीहमर्द्ध; 7. C. बुज्झंति instead ; 8. P. 'धम्मघोसा नामं ' before this: But none of the five Mss. give it; 9. E अन्भ [ Page 58] 1. C. सरीरचिंता; 2. E. B. omit ' बल ' ; 3. E. वूहणयाए; P. वहणयाए; 4. C. 'पाणाणि; P. ''पाड ; 5. C. अणायं. [ Page 59] 1. Com. सव्वोउए and notes सव्वोउय; 2. P. वर for वर्ण' ; 3. C. परियाणए ; 4. C. पिट्टंडी ; E. पिट्ठवुंडीपंडरे ; 5. E. B. किञ्चाई; 6. C. पव्वया; 7. Com. notes संहिच्च; 8. C. चुसट्ठि This is a peculiarity of MS. 'C' to form such samdhis; 9. C. omits चउसट्ठि [ Page 60]1. E. B. पुव्वावरण्ह ; 2. B. पाउब्भूए; 3. E. B. 'क्खडेह ; 4. C. कलया ; ( कलय = अर्जुनवृक्ष ); 5. E. C. से ; 6. E. मे after this. [ Page 61]1. C. जाणु; 2. E. व्हायाए; 3. B. पञ्चावरण्ही ; 4. C. हत्थ अंगुलीए; 5. E. B. देह ; 6. E. B. पक्ख [ Page 62 ] 1. B. गच्छं Page #249 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 236 नायाधम्मकहाओ Cp. Supre; 2. B. सत्याह; 3. C. उववत्तेति ; E. उच्छत्तेति; 4.C. उववद्विज'; E. उवट्टिन'; 5. E. एव; 6. C. परा. [Page 6s ] 1. C. उववट्टे'; 2.0. नडलंग; B. नटुल्लंग ; E. णंटुल्लगं; 3. C. E. B. से; 4. E. अवयारियपइन्न; 5. C. चंदपखीयाकइय. [Page 65 ] 1. E. पडि; 2. E. 'सयवत्त; 3. C. वरमालूया' 4. C. reads खुद्दा after this; 5. E. दिवा; 6. E. पच्छन्ना; 7.C. दहाओ; 8. C. B. उवि. [Page 66 ] 1. E. वि विलुपंति after this; 2. E. उवटेति ; O. उवत्तेति; 3. E. नियंगं ; or probably wrong for नियगं?; 4. E. जविणं; 5. E. निखुढे; 0. नखडावेंति; B. निक्खुडेति. [Page 67] 1. C. नाय; 2. E. B. से instead; 3. C. B. from से to 'परियट्टइ-dropped and जाव instead. [Page 68] 1. E. B. पाडी'; 2. C. अनेकतडग; 3. C. 'पुरे for पउरे; Cp. चुविह for चउविह etc.; 4. B. सव्वोउय; 5. E. णीपा; 6. B. सत्याह; 7. B. सायरपरिपेरं; 8. C. वयणी throughout. [Page 69] 1. C. very often'कुसम for कुसुम'; 2.C. E. वयासी instead; 3. C तहाबार; 4. E. संकुलसई; 5. C. E. माणा. [ Page 70] 1.C. किण्ह'; 2. P. after this : नवरं निक्खमणाभिसेयं पासामो । तए णं से थाक्चापुत्ते तुसिणीए संचिदुइ । 3. C. पडिहारादेसेणं; 4. E. गंधहत्यि'. [Page 71] 1. E. जीवियं निस्सए instead; 2. E. पडि; 3.C. उपाइत्तए; E. उप्पाइए; 4. E. अन्नत्य 5. E. कम्माणं खओवसमेणं; 6. E. जम्मणजरा: [Page 72] 1. C. B. दुरूढा; 2. 0. समाणा; 3.0. वुडा; 4.C. सीया; 5. E. B. अरिहा; 6. C. सत्यवाही instead; 7. C. पुमावईए; 8. C. देवीए. [Page 78 ] 1. C. B. सड्ढे ; 2.6. "धिला; 3. C. सूए throughout; 4. E. जजु; B. जजुर; 5. E. 'जम'; 6. P. छत्तछलु ( करोडियछण्णाल) यंकुस'; 7.C. पत्तेहि. [Page 74] 1. E. B. परिव्वायए instead; 2. B. णीइ; 3. P. कम्मगंठीओ; 4. C. पयः; 5. C. B. °य; 6. C. तए णं (Probably for तवए णं? ). [ Page 75] 1. C. लिंपंतस्स य%; 2.0. सोए; 3. P. बीयस्स; 4. C. सभंड', 5.. पज्जवासेइ. [ Page 76 ] 1. C. °प्पि; 2. Mss. often write as सिद्धिं ; 3. C. जे; 4. C. "सवा; generally other MSS. not consistent3B [ Page 77] 1. E. B. हिरण्णमासा. [Page 78] 1. C. सव्वं before this; 2. E. दलयइ; 3. E. B. णुवन्ने instead. ( Page 79 ) 1. E. B. किमन्ने; 2. E. हारे; 3. C. E. समणा; 4. C. पुमा; 5. C. तरसे य (for तारिसहि?); 6. C. बलेहि instead. [ Page 80] 1. C. Always writes फासू; 2. C. दंसेति; 3. E. B. गल्ल (Probably wrong for मल्ल read in P.); 4.C. writes पासत्थविहारी instead of 23 E. पमत्तविहारी eto.; 5.C. omits उउ. [ Page 81] 1. E. खेलमत्तओसह eto. 2. C. वडियस्सयं; 3. C. "रए; 4.0. पीएति; 5. C. पडिक्कमेयं खाममि णं. [Page 82] 1. C. B. ते सेलगपामोक्खा पंच etc. 2. E. has separate sentences for each; 3. E. अंतेवासी after this [ Page 83] 1. E. B. गुरु; 2. E, विंटेइ; 3. E.B. अंतरा instead; 4. E. B. गुरुयभारियाए after this; 5. E. B. गरुयभारियाए instead; 6. E. गई (for "तल°); C. always °पयट्ठाणा; 7. B. अह; 8. C. तेसिं ; 9. C. पढम लुग्गसि; Page #250 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Variant Readings 237 10. C. धरणीतलआयवत्ताओ; 11. C. सलिलपय. [ Page 84] 1. B. धणे throughout; 2. E. B. विदेसत्यंसि. [ Page 85 ] 1. E. निसण्णे for 'वरगए; 2.C. E. 'मित्ता; 3.C. पल्लगाओ; 4.C.चुत्थं. [Page 86] 1.C. उक्कय; E. B. 'निक्खए; 2. C. हरियफेरंडा; E. हरियफेरुंडा; 3. E. पुणरवि instead; 4. B. सु; P. सूयाणं; 5. E. भूयाणं ( for पूयाणं); 6.C. °दिसिंसि; E. °देसं संठवेति; 7. E. वप्पति: B. वुप्पंति; 8. E. B. उक्खणियहए; 9. E. लवण (?) तलकरयलमलिए; 10. E. पुणरवि ; 11. C. कडवा ; E. कुडुवा ; B. मुरजा instead; Com. मुरला; 12. E. B. पल्लंति; P. पक्खिवंति; [ Page 87 ] 1.C. omits; B. reads after this तव हत्यसि दलयामि again; 2. B. एहि. [Page 88] 1. B. and Com. समुच्छियं; 2. E. B. °ज्झियं; 3. B. फालि; 4. E. मुण्डं after this. [Page 89] 1. E. B. दलाति; 2. B. वड्डा; C. ठावियं. [ Page 90.] 1. E. B.क्खा: 2.C. महबल throughout; MS. E. gives the whole description about the arrival of the monk ; throughout the chapter MS. E. supplies the coins which are merely referred to or omitted in other Mss.; 4. E. B. ठावेमि; 5. E. संहिचा (The passage is reproduced in Ch. III where it is समेच्च ). [ Page 91] 1. E. तओ अम्हाण; 2. E. छप्पियबालवयंसे सह before this; 3. E. भंते instead; 4. E. B. तए णं; 5. C. B. वीसाएणं; E. वीसाहिं; 6. E. B. e ; 7. E. B. 9HTT°; 8. P. stat for HT 3; Com. notes 'एसो'; 9. C. B. उ and E. उवसते ater this. [Page 92] 1. E. B. सुत्ता; 2. E-B. विगइ3. E.थेरा भगवंतो; 4. E. B.त्तए. [Page 98] 1. E. विशुद्ध; 2. E. पंचालराया; C. रायाहिवई; 3. P. द्वाणट्ठिएसु; 4. C. सबसउणेसु (probably for सव');5.C. सुगालसि; 6. B. P. (and Com.). 'हेमंताणं चउत्थे मासे अहमे पक्खे फरगुणसुद्धे तस्स णं फग्गुणसुद्धस्स चउत्थि पक्खेणं; Com. notes the reading in the text; 7. E. महाविमा ; 8. E. °वु; Com. notes this v. L.; 9.C.द्ध; 10. C. दो. [Page 94] 1. B. अहो. [Page 96] 1. c. गा':2. P. म; 3. E. 3. ग; 4. C. डंड; E. चउहिं. बुद्धी उववेओ for सामदंड'; 5. C. चक्काय; 6. C. B. ' '; 7.C. तुलएह; E. B. ओलएह. [Page 96] 1. E. B. निग्गच्छद; 2. E. फलग° for पडलग'; 3. E. कडच्छय'; 4. E. adds this sentence from तए णं at the bottom and reads 'गंडं वत्थं भरियमेहवनं सुप्पणमंडगं सुइरं कालं etc. [ Page 97] 1. C. अतियं ; 2. MSS. read here महिलं, but not regularly and conaistently; 3. C. पहा; 4.0. संजुत्ता; 5. E. तत्थ ; 6. B. °कहाहिं संलावे; 7.C.पारिज (च्छे being dropped). [Page 98]1.E.°व्विह;2.E. पयस्सय after this;3. P. तारिसेहिं instead ; 4.C. नंदयंता; 5. E. संथुणता; C.अभिथुण;6.C. विप्फयाहिं ; E. omits3; 7. E. सम्मा; 8. C. अभिनिक्खित्तसि; 9. E. वाइसुत्तंतरेसु जयंतेम; 10. E. वक्कं समुदाह; 11. C. B. सामवि; 12. C. °नाणा ( for नावा): 13. E. वाद'; B. °रि'; Com. 'वरि'; 14. 'गण; 15. E. B. °णेहिं; 16. B. विप्पम 17. 'E. B. पक्खा ; 18. C. संणुभ'; E. संछु; B. 'छू'; 19.0. E. B. Page #251 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 238 नायाधम्मकहाओ म. [Page 99] 1. B. लंग: 2.C. आमू; E. B. आउ'; 3. E. चिप? (for °चिमिढ°); Com. 'चिपिड: 4. E. भमुयं; 5.C. दंत; 6. C. वग्गत; 7. E. मायच्छमाणं; 8. B. कालंग; 9. E. B. चंचल'; 10. Com. अवच्छिय'; 11. E. लाला; 12. Com. notes आमूसिय; 13.C. चम्मेद्रे'; B. चम्मउ8; Com. notes this; 14. E. 'चिमि'; Com. चिवड'; 15. E. घाडभड'; B. घाडूभड'; P. Com. घोडुन्म: 16. C. चंचलीय; 17. C. लोयणग्ग; 18. E. °निलाई; 19. E. 'चिद्धं; C. 'बिंब instead%3 20. B. कर; 21.0. धूघूवंत'; E. घुरघुवंत'; 22. E. "तुंभल'; B. कुंभल'; Dict. does not note these words; 23. E. 'दिव्य'; 24., C. भुक्ख' for 'नह; 25. P.णिवसणं; 26. C. B. 'वितत; 27.C. आणिद्ध. [ Page 100] 1. C. E. उवातिणमाणा; B. उवातिम'; 2. B. °क्खाए तिकटु; 3. B, ताल'; 4. C. विहास; 5. B. °व्व; 6. Com. P. जेणं. [Page 101] 1. B. 'तालाई; 2. B. ताहे; 3. E. चेव after this; 4. E. B. स्थिमे दिसीभाए; 5. E. प्पियाणं; 6. C. दिट्ठी; 7. B. खमेसु; C. खामेमु; 8. E. मरि. [Page 102 ] 1. P. पोयपट्टणे ; 2. C. B. 'जु; C. many times जु° but not always% 33. E. चंपा नयरी पोयपट्टणे; B. चंपाए पोयपद्रणे. [Page 109 11. E. दिट्ठपुग्ने 2. C. °मा; 3. P. चउक्कंसि instead; 4. E. B. ओलयंति; 5. E. "खधे दुरूढे ; 6. B. सीया'; 7. E. B. वंदिउ. [Page 104] 1. B. Locative for Instrumental; 2. E. एरिसिए; 3.C. एत्य; 4. E. इमीसे; 5. C. से; 6. E. एयमाणं. [ Page 106 ] 1. E. °सि; 2. B. सयाई; 3. E. निग्गच्छंति. [Page 10611.ब.पमोद: B.पउम2.Mss. use plural: 3. E. 'भयं: 4.E. निव्व; 5. E. B. 'गरदारए; 6. E. B. एय'; 7. Mss. have plural; 8. E. स्वे; B.रूबरूवे. [Page 107 ] 1. B. विअडे ; 2. E. विलिए; 3. B. विण्डे 4. E. भइ5. E. B. चित्तसभ ; 6. E. गुरूयं रूवे; 7. 5 जोवणनिव्वत्तिए; 8. E. गार; 9.0. छोदा; 10. C. B. °ण. [Page 108] 1. B. पडि; 2. B 'गार'; 3. C. छेदा; 4. B. रूवे after this 35. C. यरे; E. भावभंडोक्यारे । 6. E. दिस; 7. E. इयावसहीओ; 8. C. कनाअंते; 9. B. °फा. [Page 109] 1. B. तुभं; 2.0. E. अम्हे; B. अह; 3. E. पण्णवेमि% 4. C. E. धोव; 5.0. इणमटे; 6. E. तुन्भं पि; 7. MSS. धोव; 8. C. कनाते; 9.C. अंतोअंते'; 10. E. usually उडे. [Page 110] 1. B. अडहि; 2. C. 'सा'; 3. E. मह; 4. C. किं; B. के 5. E. संवुढे ; B. वुड्ढे ; 6.C. तडागं; 7. E. 'पस्स'; 8. E.B. तुमे; 9. E. usually उवरोहे. [Page 111] 1. E. अंतिए after this32. E. हा; 3.B. अम्हं after this; 4.C. सव्व; 5.0.चेव instead. [Page 118] 1. E.निग्गच्छद 2.E. देसमग्गं;B.देसग्गते; 3.E.B.निवडिय;4. B.मिथिलं;5.C.E.°सेजे (orरोहासजे?) B.रोहोसज्जे 6. E.णयारि instead;7. E.ओरुद्धं B.ओरद्धं;8. E. विरहाणि य after this; 9. E. णम. [Page 118] 1. E.B. °स्सियं ;2. B. पवे;3.C. B. रोहासज्जे or रोहसेज्ने? Cp. Supra; 4. E. तं before this; 5. E. Instru. for Loc.; B. also except in goot; 6. E. TE ; 7. E. Pas; 8. E. एवं खलु instead. [ Page 114 ] 1. B. दुरुव; 2.C. E. °ज्ज'; 3. B. तुम्हे before this; 4. E. इमाओ; 5. E, अणगारा after this; 6.C. निव; Page #252 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Variant Readings 239 7. B. चोत्थं ; 8. E, B. तए; 9. E. बत्तीसं; 10. B. सयाई; 11. E. पयाया; 12. B. थ instead ; 13. E तुमं; 14. B. म्ह; C. म° ; 15. C. च; B. Omits; 16. E. विहाडावेइ; 17. E. छप्पिय रायाणो बालवयंसा; 18. E. पव्वाह. [ Page 115] 1. C. अम्हे ; 2. E. जम्मणजरमरणाणं ; 3. P. याणं 4. E. पव्वाह; 5. E. माणसे ; 6. B. जिय; 7. C. 'यतित्तए; 8. C. असीयं ; E. असियं; 9. C. दलयइत्तए . [ Page 116 ] 1. E. Loc for Accu; 2. E. B. कारों ; Com. notes कायकोडियाणं ; 3. E. B. विहायं. [ Page 117 ] 1. E. generally दाणं; 2. E च after this ; 3. C. E. हि. [ Page 118 ] 1. E. B. Singular ; 2. E. दाहिणि ; 3. E. देविंदे देवराया after this ; 4. B. साह; 5. E, पुवीए संपट्टिया ; 6. E. तयाणंतरं. [ Page 119] 1. E. पक्खिवइ ; B. पखिवसति ; 2. E. °निणाए ; 3. E. माणुसगाओ गिहत्थधम्माओ and omits उत्तरिए; 4. P. राय; 5. E. अरहस्स; 6. E पञ्चाव; 7. E. राजानो ; 8. C. सव्व [ Page 120] 1. E. केवलिं उप्पज्जइत्ता ; 2. E. किंसुक ; B. भिसम्ग ; 3. E. B. omit अट्ठ; 4. E. अज्नियासंपया होत्या; 5. C. omits the Cpd.; E. some confusion ; 6. C. चुरासी य; 7. E. स्साई ; 8. E. B. omit the Cpd. ; 9. E. B. छस्सया; 10. B. पणवीसं ; 11. C. कड; E. कर; 12. C. जुगते कड; 13. B. दुवास; Com. also; 14. C. पाओगमणुत्र ; 15. C. B. केवल ; 16. E. पक्खेणं after this ; 17. E. बुद्धे अंतगडे परिनिव्वुडे after this. [ Page 121] 1. 5. मागंदी ; B. मायंदा ; 2. C. पालए; 3. C. B. लसं पि; 4. E. Generally क्यासि; 5. C. भो; 6. E. ते; C. भो; 7. E. B. मागंदिय Throughout; 8. E. अणुजाणित्ता. [ Page 122] 1. B. अयाले ; 2. C. समुछिए ; E. च्छिए; 3. B. अतिअट्टि ; E. अणियट्टि ; 4. E. जणि; 5. E. भंज ; 6. E. घुणा ; 7. B. गलियगबंधणा लंबणा ; 8. C. सोय° ; 9. Mss and P. 'घोर; 10. P. 'छोम' ; Dict. does not note छोमण: But all Mss. write छोमण; 11. C. भट्ठ; 12. E. धाविय'; 13. E. 'गार' ; B. 'कार' ; 14. E. B. करकरस्स; 15. E. परणियभंड ; P. पडियं भंड° etc. ; 16. C. B. निवज्जा ; E. णिवेज्जा. [ Page 123] 1. B. फलगमखंड ; 2. B. संवूळ ; 3. E. B. आससंति ; 4. E. B. नालिएरा; 5. E. गत्ताई ; 6. E. B. सत्तट्ठ'; '7. B. 'ताल' ; 8. E. हो. [ Page 124] 1. E. गंडरत ' ; 2. E. माउयाई; 3. E. पाडेमि; 4. B. एतेहि; E. तेएहिं; 5. E. पूइयं; B. पुइयं; 6. E. पाडे'; 7. C. B. उवि; Com. उप्पिच्छौ; 8. B. उदू; 9. E. दाणेण; 10. C. ददुर; 11. C. B. उब्भर (?); .but ब्भ & ज्झ are very similar; 12. E, विंद; 13. C. उविग्गा generally; 14. B. उदू. [Page 125] 1. B. ° वेल्लो ; 2. E. B. मयर ' ; 3. C. तए णं; 4. C. 'फुडा', 5. E. संमुहं; B. सुमुहि; Com. समुहिं ; 6. E. वयासि; 7. C. महुत्तं ; 8. C. B. सयं; 9. C. रयं; 10. C. धियं . [ Page 126] 1. B. विए; 2. C. कस्साघायणे; Dict. does not give आघायण; 3. E. आवई; B. वर्ति; 4. C. B. ते ; many times, Mss. write a for से ; ( i e. Plural for Sing. ). Cp. also the Verbal forms: C. very often writes Plural for Sing. ). 5. C. B. E. 'उबु; 6. P. ओहिणा after this. [ Page 127 ] 1. C. ° लहुगंसि ; 2. E वयासि; 36 Page #253 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 240 नायाधम्मकहाओ E. जक्ख' instead; 4. P.भे; 5. E. B. भे; 6. P. चेइयं : But : the Mss. write a and च alike; चेइयं makes no sense; 7. E. जक्ख° instead. [ Page 128] 1.C.E. सिद्धि; This word is often thus wrongly spelt by Mss.; 2. B. पडि; 3. B. पुटातो; 4. E. विधुणामि 5. E. णाह; 6. C.B. वत्तंति; 7. E. तचंपि after this; 8. B. पटुंसि; 9. E. पट्टि; 10. C. सत्तअट्ट; 11. E. B. °तल'; 12. C. उवागए; 13.0. मयं. [Page 129 ] 1. C. B. °खडगं; 2. C. सत्तअट्ट; 3. E. B. अप्प; 4. E. प्पाडेमि; B. पडेमि; 5. 0. अणाढेमाणा; E. °णाढामाणा; 6. E. लोमेहि य before this; 7. E. जमिणं; 8. E. दीवदेवया; 9. P. उ after this ; 10. E. वह; 11. & 12. B. सललियं; C. सलिलियं ; Com. सलीलयं. [Page 180] 1. C. निन्य'; 2. B. सव्व; 3. E.B. सकलुसा; 4. C. णिकछक्क; E. णिचक्क; 5. E. विण्णण (?); Com. छिण्ण-and explains as Fina which is from fout; 6. C. 4; E. forforata; 7. E. हनं 8. B. तुमें; 9. E. omits; 10. E. 'रिस'; 11. E. विविह; 12. E. B. सयाउल; 13. E.B. एका; 14. B. °विउल (for विमल); 15. E.°लागार:16. B. सरिसनयणवयणं; 17.C. सद्धामि; 18. C.पि; 19. C. जाए (for जा ते); E. जाओ; 20. C. B. राहिं; 21. E. B. omit °अणु; 22. E. °लायण्ण; 23. C. Some confusion in this and the next Cpd.; 24. C. गलहत्यण्णोलियमई; E. °गलणोलि ; B. गलथणो'; 25. E. B. °सड्डे; Com. "सत्यं; 26. E. B.°°3; 27. E. प; 28. E. आमुरतं. [Page 181] 1. B. सरिस; E. पुरिस'; 2. B. पहि'; 3. C. त्थि; 4.0. "लिए; P. 'लओ; 5. B. निरवेक्खो; 6. B. निरवेक्खेण; 7. B. महुर' (for मउय); 8. C. सिद्धि; 9. C. बहूय; 10. E. B. °त्तार; 11. E. °समुच्छलणं; 12. B. गेव्हणं; 13. E. omits; C.विभूयं; B. भोगभोगाई भूजमाणा. [Page 182] 1. E. अप्पाहरणं; 2. E. विऊ; 3. E. writes the Sentence in full. [Page 188] 1. E. thoughout writes different sentences : नाम नयरे होत्था । तस्स णं eto.; 2. E. हीयंति; 3. B. पणि'; 4. E. दियाए. [Page 184] 1. E. B. कह; 2. E. पत्ता मुत्तपुप्फफला; 3.0.°क्खाओ; 4. C. देसआरा'; 5. C. B. स. [Page 186]1. E. writes full sentences; 2. C. महासमणो;3.0.जालाकुले; 4. B. इणमटे; 5. E निसने (for वरगए). [Page 196] 1. E. विस्सा; 2. E. मद्दणिज्जे; 3. C. वयणिज्जे; 4. E. B. throughout सुब्भि and दुन्भि for सुरभि snd दुरभि 5. E. पाओग'; 6. E. B. °णा'; 7. E. °वाहि. [Page 187] 1. E. उवाइणा; 2. E. कार; B. करा; 3. B. संवासेति; E. संवासावेइ; 4. B. ग'; E. गं°; 5. E. संवसा. [ Page 188] 1. E. पाणिज्ज; 2. C. भत्त; 3.0. E.तुल्भे; 4. E. तुम्हे तइया. [Page 189] 1. E. वयासि; 2. C. जाणिया; 3.C. तुन्भे; E. तुमं; 4. E. Reads तं before this; 5. C. बु; E. वु'; 6. B. °च्छंति. [ Page 140] 1. C. Always writes उविग्गे (single d);2.C. B. एगओ; E. पच्छागए ( for पच्छा एगयओ); 3. C. तुमे. [ Page 141] 1. E. reads after this: तस्स णं रायगिहे स्सेणिए णामं राया होत्था । तेणं कालेणं 2 समणे भगवं etc.......2.C. Throughout ददुर; 3. E. °सपरिवाराहि ; B. सरिसाहिं ; 4. C. °क्खमंते; 5. C. B. Page #254 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Variant Readings 241 अन्नयाइ. [Page 149] 1. E. B. रोवि'; E. पाडय'; 2. C. E. 'रिणिं; B. राणि ; 3.C. E. B. जाए; 4.0. कोणा (Single क throughout); 5. E. °वत्त (for पत्त); 6. B. मत्थ; E. मत्थ or (च्छ?);P. मच्छ; 7. B. °सदुन; P.°सहन्न 8. C. पुरि; 9. B. कार; 10. C. E.B. °तिम: 11. C.E. माणा: 12. C.E.भय, B. omits ; 13. C. न. [Page 143] 1. E.मुयमणो; C.मुणमणो; 2. E. कार': 3. E. किविण'; 4. E. B. एत्थ; 5. There is some confusion here. E. करोडिया य वायतणहारा; C. B. करोडिकारवा; P. करोडिया कारिया तणहारा' etc; 6. C. B. मल्ल; 7.C. B. °कुसम'; 8. B. साहमणो; E. सोवमाणे; In line 1 on this page, Mss. write सोहेमाणे; Com. साहे. [ Page 144] 1. E. B. °कलंबकं ; 2. E. समूससिय; 3. E. B. खासे; 4. C. अरसा ; 5. E. कंडू य उदरे कोटे; B. कंडू उदरे कोटे; 6. E. उव्वे; B. उवलेवणेहि : C. उव्वलणाहि; 7. C. अवदावणेहि; B. दावणाहि. [Page 146] 1. E. णेहि; 2. C. निस्वेहि; B. निस्वेहि ; 3. E. सज्जेपुड; 4. C. गो; 5. E. reads after this : आइज्जहि य ; B. वेल्लीहि य; 6. Mss. मणियारे after this; 7. E. B. विणिमुक्के; 8. C. पीयपाणियं; E. पियपाणियं; 9. 0. एस; E. सो; [Page 146] 1. E. सालाओ; 2. P. दणों; 3. B. पा°; 4. E. सिरसावत्तं मत्यए अंजलिं कट्ट for जाव. [Page 147 ] 1. E. जावज्जीवाए after this%3; 2. E. °पुरे; B. लीपुरे; 3. E. णयरे होत्या; B. णगरे होत्या; 4. E. writes complete sentences; 5. C. कलायरस्स; 6. B. अत्तिया; 7. C. usually पोटिला and sometimes पोटिल्ला. [Page 148 ] 1. C. always कलायरस्स; E. कालायस्स; B. कलादस्स; 2. C. E. B. generally omit दारग; 3. C. E. B. 'माणि; 4. E. B. स्वेण ; 5. C. °वाहि; 6. C. Always writes कलायरस्स, B. sometimes E. कलायस्स or दस्स; but all Mss. also write कलाए. Thus there is no uniformity regarding the spelling of this word; 7. C. सत्तअट्ठ; 8. C. omits ; E. B. वा instead; 9. E. संकं; 9. E. सुंके. [Page 149 ] 1. C. हत्यअंगु; E. °लियाए; 2. C. हत्थभंगु; 3. C. पायअंगु'; 4. | B. °सक्कलीओ; 5. E. अंगमंगाई; B. अंगमंगाय; 6. E. B. पयायामि; E. reads तं after this; 7. C. E. B. 'सि'; 8. C. अन्नसुहदायणे; 9. P. सयमेव; 10. E. 'वडंति. [Page 150 ] 1. B. 'हाय'; 2.C. तुभं; 3. E. अंबो; P. तेयलिगिहे after this; 4. E. B. °स्सियं; 5. E. B. हा; 6. C. पेहेइ; 7. E. B. तं णं; 8. C. निक्खवेति; 9. C. E. °लाओ; 10. C. E. पेहेहि. [ Page 161] 1. E. मय; B. मल्लियं ; 2.C. लोगहियाई; E. लोगियाई; 3. C. B. जाया; 4. E. गोयस्स वि:5. E.दरिसणं : 6. E. नाव: 7. E.रासि: 8. C. 'कळ: 9. C. B. बहसुया. [Page 152] 1. C. हियवुडावणे ; 2.0. E. भूय; 3.0. गोलिया; 4. C. जाणाहि instead; 5. E. हत्थे before this; 6. E. छाएति instead; 7. E. B. यारं; 8. B. उवदे; 9. P. पडि (for परि°); 10. C. कुटंब. [Page 158] 1. C. तुभं; B. तुमे; 2. E. अन्नयरेसु ; B. अणुत्तरेस; 3. E. बोधे; 4. C. अनतरेसु for अनंतरेसु; E. अणुत्तरम; 5. B. संपत्ते. [Page 154] 1.C. वियंगे होत्था; E. विगित्था; 2. P. °वद्यावए; 3. E. तए णं; 4. E. जाणं; B. जो णं; 5. C. रहे; Page #255 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 242 नायाधम्मकहाओ 6. Com. से; 7. P. पसासेमाणे; 8. E. कुमार; 9. C.तं; B. omits; E. इयं. [ Page 165] 1. B. से वड्डति; 2. E. B. मम after this%3; 3. C. ज्झयं; 4. C. ज्झयं रायं ; B. ज्झयं ; E. ज्झयं णं; 5. E. पट्टओ. [Page 156] 1. E. सए before this; 2.C. ओइल्ला; E. (at the bottom in Com.)-ओइल्ला; 3. E. °लियाए सिलाए गी; 4. E. ज्झामिए; 5. E. omits this sentence: and after this some words are not distinctly legible as the folios have stuck together: 6. E. omits: C. पोसेहिं: 7. E. तेयलिपुत्तेणं before this; E. B. तालउडगे; 8. E. B. अप्पा ; and E. मुक्खे ; 9. C. पुत्तं. [Page 167] 1. E. वरसंति; B. वरिसंति; 2. E. अरने ; 3. E. B. omit; 4. E. तरि; 5. E. B. पवहणं; 6. B. °णा; 7. E. वयासी; 8. E. मुमेणं अज्झवसाणे] after this%3; 9. Mss. omit पुत्त: 10. E. पंचमह; 11. E. °वट्टी. [Page 158] 1. B. धण्णे throughout. [Page 169] 1. Mss. वयासी; 2. Com. पंडुरगे; 3. Com. गिहिधम्मे वा धम्मचिंतए वा; 4. C. आहिच्छ. [ Page 160] 1. B. नाइविगिटेहिं; 2. E. पयाणेहिं instead ; 3. E. B. देसगते 4. C. ससिरीया instead; 5. E. कवि ; 6. E. After this 'ठिच्चा तत्थ ( for सत्य). [Page 161] 1. E. नो रज्जेइ after this. [Page 182 ] 1. C. E. भूए; 2. E. C. वाराए; 3. E. B.क्खडे; 4. E. 'क्खडेइ; 5. P. अभोज sfter this; 6. E. B. अह; 7. E. B. °लिंबो';8. E. B. omit ताव; 9. E. B. तित्ता. [Page 169] 1. E. B. रा; 2. E. सुहंसहेणं विहरमाणा after this; 3. E. उवगा; 4. C. रूयं 5. P. निसिरणट्टयाए; 6.C. B. 'ग्गहगे; 7. E. °सि; B. स्स; 8. E. ताओ; 9. E. B. तित्तगं. [Page 164].1. C. स्यं ; 2. E. यं; 3. E. वायं अचित्तं थंडिलंसि एगंते; 4. C. सू; 5. C. मम तं; E. ममं तं. [ Page 165] 1. B. °वदेस; 2. E. B. अंतियं ; 3. C. B. °इयं ; 4. E. पुव्वा; 5. C. सा नागसिरी माहणी जाव निसिरइत्ति after this; 6. E. विटे. [Page 166] 1. B. अह; 2. E. विगयसिरी after this; 3. P.जाए instead; 4. C. याइं; 5. C. णाई; 6. B. वहिज्जमाणी before this ; 7. C. E. वु; [Page 167] 1. C. B. देह; E, देहिंवलियाए; 2. E. B. नरएम; 3. E. उक्कोसं तेत्तीससागरो'; 4. C. उववढेत्ता; 5. E. नरएम ; B. नरए; 6. C. B. omit; 7. B. पयाया; 8. C. सुक; 9. C. अम्हा; 10. and 11. E. सुकुमा'; [ Page 168 ] 1. C. generally उमुक्क; 2. C. कि°; 3. P. गिहस्स instead; 4. E. रूवेण; 5. E. °धेज्जा; 6. E. omits ; C. B. सि instead; 7. C. भण after this; 8. B. मम after this. [Page 169] 1. C. ऊए; 2. E. B. जाव instead; 3. E. B. पट्टयं ; 4. C. E. B. सी'; 5. E. B. omit अग्गि; 6. B. पडिसं; 7. C. तिलगं; B. तलिगं. [Page 170] 1. C. always महत्त; 2. B. सयणिजंसि; 3. E. अपास; 4. C. तलगाओ; B. तलिगा; 5. E. अणु'; B. जे; 6. C. गणइ ; B. अवंगणइ ; P. गुण्डइ. [Page 171] 1. E. B. दोसं only; 2. C. तुब्भे; B. तुमें; 3. C. तए णं before this%3; . B. तेणं ; 4. C. सरप्प; 5. E. पवेसं; B. जलप्पवेसं वा in addition to प्पवायं वा; 6. B. वे; 7. C. कुंड'; B. कुडंतरिए; E. °तरिए; 8. C. वलिए; Page #256 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Variant Readings 243 E. विलए; B. विलजिए; 9. E. मणोरमा; 10. C. E. दंड; 11. E. 'प्पवे. [ Page 172] 1. C. E. क; 2.0. उवलेहेंति; 3. B. अन्भ; 4. E. गंधुव्व: B. गंधु; 5. E.लए; B.°लाए; 6.C. तलगंसि; B. तिलगंसि. [Page 174] 1. B. वसि; 2. B. °वतियाए; 3. C. E. रोवेइ ; B. रोयइ; 4. E. B. वियारा; 5. E. "मीओ; 6. E. महइ7. E. °बाउसिया; B. पाउसा; 8. E. उदयतिएण. [ Page 176 ] 1. C. अणा; 2 C. दुपए; B. दूवए; 3. B. धट्ठजणे. [Page 176] 1. E. B. होउ; 2. B. °हीया; 3. Mss. Sometimes °° and sometimes 'व': I have henceforth retained a throughout; 4. '2' after दोवई stands for the word 'रायवरकन्ना'; 5. E. B. Instr. for Loc.; 6. E. B. 'डाहे; 7. Some confusion here; C. अज्जोया (or पा?)ए; E. अज्जोया (or पा?) एणं; B. अज्जोया (or पा?) एण; 8. E. B. वरयामि ; 9. E. B. द्ध'; 10. E. मह. [Page 177] 1. E, दाणियं; 2. E. दाणि'; 3. E. मही. [ Page 178] 1. B. खिप्पामेव भो instead; 2. E. किवं; 3. C. अजन्नं ; 4. E. सेल्लं ; 5. E. घोष'; 6. E. सिंधु'; 7. E. B. भेसग'; 8. E. B. विराडं; 9. E. कियंग; B. कीयग्गं. [Page 179] 1. B. आगमं; 2. E. Singular; 3. E. संतुट्ठा. [Page 180] 1. C. भत्त; 2. E. B. पञ्चावर; 3. B. धट्टज'; 4. B. नामकएस; 5. C. विहरह; 6. C.किए; 7.C. कल्हं. [ Page 181] 1. E. णिसेइ ; 2. निसेड: B. omits: 3. E. "मयह: 4.C. B. किडा: 5. E. भटः 6. C. द्धणि ; 7. C. B. दर. [ Page 189] 1. C. °समत्य'; 2. E. विकंत; 3. E. B. omit दस; 4. E. पुरिसाणं तेलोक' etc.; 5. E. B. पुणो; 6. E. omits; B. लोति and omits होइ ; 7. E. वयइ; 8. B. धटुज्जण° always: 9. MSS. 'हइ; 10. E. करेह; B. कारवेद : 11. E.कारी.; B. कारे. [Page 188] 1. E. B. खंभ'; 2. E. B. सए आवासे; 3. E. से; 4. E. व्हाणेइ ; 5. B. कारं. [Page 184] 1. E. B. 'त्योवत्थिए; 2. C. B. स; 3. C. E. डंडकमंडल; 4. B. कच्छवीए;5. E. B. सेल; 6. B. °अभि3; 7. B.°भ°; 8. C. °कोऊहल; 9. P. and Com. एकमणि-obviously wrong for पक्कमणिं ; 10. E. गगण महि; 11. Com. थिमियमेइणीयं णिन्भरजनपदं; 12. E. ओलोइयरम्म; B. ओलोयंते; 13. E. समावयइ3; 14. E. B. °पञ्च. [Page 185] 1. There is hesitation among Mss. re. अमर' or अवर; 2. B. सतिमं ( omits पि). [Page 186] 1. E. तं instead; B. एयं; 2. C. ति वा; 3. E. पियत्ताए; 4. E. °टिले; 5. C. उवसो; 6. C. मह; 7. E. इमे; 8. E. संओ पासाओ. [ Page 187 ] 1.C. जुह; 2.0. महु'; 3. B. कयं; 4.C. बहिया ; 5. E. उक्खित्ता. [Page 188] 1. C. एव'; 2. E. जाव instead; 3. E. उक्खित्ता.: 4.C. करेइ ; E. करिति. [Page 189 ] 1. B. °उरवरगए; 2.C. एवं ; 3. E. B. omit. [ Page 190] 1. B. ताडेह; 2. C. B. सद्धं; 3. Not in Mss.; 4. P. साहरिया; 5. C..मए; 6. E. समुद्दमज्झे; 7. E. जेण; B. जो णं; 8. C. सद्ध. [Page 191] 1. E. B. अक्क; 2. E. 'नाहा; B. 'णाहा; 3. B. धी° for धि; 4. E. आणमाणे; 5. C. दारए; 6. E. . Page #257 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 244 नायाधम्मकहाओ आक; B. अणुक्क; 7. B. अवदा; 8. E. B. निच्छू; 9. E. B. अभि ; 10. C. B. °उवदेस; 11. E. "विकप्पणाविकप्पहि. [Page 192 ] 1. B. जुज्झह; E. जुज्झिहिह; 2. B. पिच्छेह; E. पेच्छिहिह; 3. E. द्धयपडागा%; B. °पडागा; 4.C. पुम'; 5. E. तणु'; 6. C. यानं; B. वनं ; P. वणं. [Page 198 ] 1.0. B. रोहासज्जे Cp. Supra; 2.C. करेणं; 3. E. न याणसि; 4. E. उत्तम. पुरिसाणं sfter this%3 5. E.मं for णं; 6.C. "माणेमाणं ; E. B. हव्वमाणे only; 7. E. भयमत्थ. [Page 194] 1. C. B. किमन्ने ; 2. There seem to be some confussion here; E. सद्दाइ ; B. सद्दाइ मुणेइ (instead of भद्दा); P. also; 3. Mss. किमन्ने. [Page 195] 1. B. एयं; 2. E. B. वेलाउले; 3. E. पंचजनं; 4. C. आगयस्स; 5. E. न जाणसि. [ Page 196] 1. E. ट्ठिया णावं; 2.E. मुयंति instead; 3. E. भार्ग; 4.0. मह; 5. E. उस्सेमो (१); 6.0. मुमुमूरेइ ; E. मुमसूरेइ , P. चूरेइ instead. [Page 197] 1. EकोटेB. कोडि: 2.0.वाइवयइत्ता: E. B.वइत्ता: 3. E. वच्चाइ: P. notes जुज्जइ; 4. E. अन्भइवयणा; B. अपूई. [ Page 199 ] 1. C. B. ; 2. B. सुरट्ठा instead; 3. E. वंदए; 4. C. हत्थि. [ Page 200] 1: P. एयमटुं after this32. B. पचुविक्खंति; 3. B. °गतियं; 4. MSS. सेत्तजं; 5. B. अणवकख'; 6. Mss. जे; 7. E. Throughout-जुहिद्विल; 8. C. दुवइस्स; B. दुवतीस्स. [ Page 201] 1. E. B. संजत्ता; 2. E. संज; 3. E. B उप्पाइय 4. E. समुत्थिए; 5. E.आधु(or पु?)निय'; 6. C. °सूईई; 7. E. गन्भेजगए; C. B. गभेल्लगा 8.C.म;9. E. संवूढा; B.°बू; 10.C. °कइ. [Page 202] 1. E. °याए; 2. C. तए; 3. E. नगारा; above also; 4. B. पोयवहणपट्टणे ; 5. E. एगमग्गद्रियाहिं ; 6. E. इव instead%3 7. B. भो; 8. E. कहिं; 9. E. पुव्वदिटे; 10. E. B. संवूढा; 11. E. ण्णगारा throughout. [ Page 203] 1. E. सोइंदिय; 2. B. Supplies the passage; 3. B. पोयवहणट्ठाणे; 4. E. उ(तु?)टुंति. [Page 404] 1. E. B. सोई; 2. E. तुटृति ; 3.0. निकरे; 4. C. B. पोर; E. पोराणगस्स; 5. C. B. फासिंदिय only; E. फासिंदियाइं; 6.C, B. 'गोउरा. [Page 205] 1. E. चाएंति: 2.0. पोयवहणे; 3. E. संज; 4.C. B. अविलाणेहि 5. P. वेलप्पहारेहि य after this; 6. P. चित्त (Probably wrong for वित्त); 7. E. B. छिवप्प; 8. E. B. °ट्टिस्सइ; 9. E. °ककुहाहिरामे; C. कवुहा. [Page 806] 1. P. कसायंबमहुरं; B. omits अविरं; 2. Mss. जे; 3. C. विरिल्लिरो ; 4. Com. सुहेसु ; 5. Com. 'करेसु. [ Page 207] 1. C. सूसमा ; B. सुसमा ; E. सुसमा; I have retained सुसमा throughout; 2.C. आडेलियाओ; E. आलोडिइयाओ;:.C. पोतुल्लए; E. पोत्तलए; 4. E. साडुलए; C. लंगोटा instead; 5. E. खिज्जणाहि; 6. E. B. उवलंभणियाहि ; 7. Mss. omit. [ Page 208] 1. E: निमं; B. निर्भच्छेइ ; 2. E. चिट्ठइ instead ; 3.0. अण; E. हढि; 4. E. चोर'; 5. E. कोडंब 6. E. पवेसफरिसो ५०% 7. B. कूवियजणस्स; 8. B. तक्करसेणा; P. चोरसेणा; 9.C. कुडंगेयाणं वि; B कुंडगे; 10. E. निप्पाणं; 11. E. भामाणे; B. °भमाणे. [ Page 209] 1. E. °णाहिवइं2. B. पि हु; 3. C. B. तस्स; 4. C. सद्धं. Page #258 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Variant Readings 245 [ Page 210] 1. C. E. असणेणं ४; 2. C. संसमा; E. - सुसमा; 3. C. पुव्वाव4. E. णिक; B. णिक; 5. E. असा'; 6.Com. 'लासियाहिं; 7. C. दीवा; E. B. दावा; 8. C. छिप्पंतरे; E. B. छिप्पत्तरेहि; 9. C. पच्चावरण्हकालसमयसि after this; 10. C. गेहं; E. गहवनं णं; 11. C. मुइ; 12.C. तालउग्घा ; E. तालालु'; B. तालुमघाणि'; 13. B. जो. [Page 211] 1. E. B. ह; 2. C. 'तयासे. [ Page 8121]. E.अगा; 2.E.पम्हु'; 3. E. °वियल्लिया; B. °विएयालया; 4. E. फर'; 5. E. पंचहिं पुत्तेहिं ; 6.0. कुहस्स2; 7.C. परभमंते; P. notes the V. L. परद्धते; 8. C. तए णं; 9. B. अवद्धद्वा; P. अवहिट्ठा ( १ ). [Page 818 ] 1. E. हिहः2. C. E. दुव'; B. ठा; 3. B. E. णित्थरेह; 4. E. अवत्थडा; B. अवट्ठा; 5. E. B. धुक्के. [Page 815] 1. E. वासे after this; 2. E. बहिया after this; 3. C. कुंड-but not consistent; 4. E. gives the whole sentence 'धम्मघोसा नाम etc. [Page 816] 1. B. महया २; 2.0. री; 3. E. सकंपं; 4. E. B. तेइच्छं;5. C. रोगातंकाओ; 6. समु. [Page 217] 1. E. 'इत्ता; 2. E B. विग्गो'; 3. E. 'वट्ठ; 4. E. B. अम्म. [Page 818] 1... देह; B. आसाइए. [Page 219] 1. B P. एक; (E. एक्कासराणि). [Page 220] 1. C. B. omits. [Page 21] 1. E. समणे भगवं महावीरे instead; 2. E. वडिंसए विमाणे ; 3. E. जत्थ; B. गत्थ; 4. C. E. निसेइB. निमेइ; 5. C. आभोगिय. [Page 222] 1. C. 'पुत्थणी; B. पडिपुच्छ (त्य ?) णी3 E. पडियत्थणी; 2. C. B. नवस्सेहे; 3. E दियं; 4. E. परिक्खित्ता. [Page 228 ] 1. C. °सुहेणं; 2.C. जरमर'; 3. C. छत्ताए; E. छताहिईए; 4. B. राईसए. [Page 224] 1. E. कालिसिस्सिणिं; 2. E. सिस्सिणि; 3. C. चेइए; B. वे (or चे?) तेइ; 4. E. अज्जियं 5. E. B. °पाउ'; 6. C. E. B. °पाउ'. [Page 226] 1. E. अन्नमन्नं instead; 2. C. B. वसित्ता; 3. B. पडिक्कं ; C. पाडियक; 4.C. छेदेइ, 5. E. अवतरिया only; 6. E. जइभाग'; B: जाएभाग 7. E. उव्व. [Page 226] 1. B. निरूं'; 2.E. विमाणे instead. [Page 887] 1. E. धूया after this; B. चूय; 2. E. 'तिमे; B. इमे; 3. E. इला; 4. E. इला';5. C. अयले; 6. C. अइला Probably confunsion of the two spellings; B. अला; 7. E. सोतरया; P. कमासतेरा ?; 8.C. °देवस्स विसेसा. [Page 228] 1. C. विऊ य पुन्ना (त्ता?) 2. E. बहुपुण्णिथा; 3. B. उत्तरमायारया वि य; 4. C. तारया; E. भरिया विय; 5. C. फडाइया; B. फलाइया; B. कच्छकच्छावईफडाइय; 6. E. कालिंदाणं; 7. C. अइखुराए; B. अरक्खए; 8. C. अइखुराए; B. "क्ख. [Page 229] 1. E. भंडी; B.भंडी; C. omits भंडी ; 2. C. मुई; B. सूती ; 3. C. B. नवमिया. Pages No. 233-245, Printed at the Aryabhushan Press Poona4 Page #259 --------------------------------------------------------------------------  Page #260 -------------------------------------------------------------------------- _