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________________ 56 नायाधम्मकहाओ [11.46विसज्जेइ । तए णं से पंथए भोयणपिडेयं गहाय चारगसालाओ पडिनिक्खमइ २ रायगिहं नयरं मझमझणं जेणेव सए गिहे जेणेव भड़ा सत्थवाही तेणेव उवागच्छइ २ भई सत्थवाहिणिं एवं वयासी-एवं खलु देवाणुप्पिए! धणे सत्थवाहे तव पुत्तघायगस्स जाव पञ्चामित्तस्स ताओ विपुलाओ असणाओ ४ संविभागं करेइ।। (46) तए णं सा भद्दा सत्थवाही पंथगस्स दासचेडगस्स अंतिए एयमढे सोच्चा आसुरुत्ता रुट्ठा जाव मिसिमिसेमाणी धणस्स सत्थवाहस्स पओसमावजइ । तए णं से धणे सत्थवाहे अन्नया कयाइं मित्तनाइ. नियगसयणसंबंधिपरियणेणं सएण य अत्थसारेणं रायकज्जाओ अप्पाणं मोयावेइ २ चारगसालाओ पडिनिक्खमइ २ जेणेव अलंकारियसभा तेणेव उवागच्छइ २ अलंकारियकम्मं करावेइ २ जेणेव पोक्खरिणी तेणेव उवागच्छइ २ अंह धोयमैट्टियं गेण्हइ पोक्परिणी ओगाहइ २ जलमजणं करेइ २ ण्हाए कयबलिकम्मे जाव रायगिहं नगरं अणुप्पविसइ २ रायगिहस्स नगरस्स मज्झमझेणं जेणेव सए गिहे तेणेव पहारेत्थ गमणाए । तए णं धणं सत्थवाहं एज्जमाणं पासित्ता रायगिहे नयरे बहवे नियगसेट्ठिसत्थवाहपभिइओ आढ़ति परियाणंति सकारेंति सम्मा0ति अमुटुंति सरीरकुसलोदंतं संपुच्छंति । तए णं से धणे सत्यवाहे जणेवे सए गिहे तेणेव उवागच्छइ । जाविय से तत्थ बाहिरिया परिसा भवइ तंजहादासा इ वा पेस्सा इ वा भियगा इ वा भाइलंगा इ वा सा वि य णं धणं सत्यवाहं एज्जमाणं पासह २ पायवडिया खेमकुसलं पुच्छइ । जावि य से तत्थ अभितरिया परिसा भवइ तंजहा -माया इ वा पिया इ वा भाया इ वा भइणी इ वा सावि य णं धणं सत्थवाहं एज्जमाणं पासइ २ आसणाओ अब्भुढेइ २ कंठाकंठियं अवयासिय बाहप्पमोक्खणं करेइ । तए णं से धणे सत्थवाहे जेणेव भद्दा भारिया तेणेव उवागच्छइ । तए णं सा भद्दा धणं सत्थवाहं एज्जमाणं पासइ २ नो आढाइ नो परियाणाइ अणाढायमाणी अपरियाणमाणी तुसिणीया परम्मुही संचिट्ठइ । तए णं से धणे सत्थवाहे भई भारियं एवं बयासी- किं णं तुम्भं देवाणुप्पिए !
SR No.022584
Book TitleNayadhammakahao
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJinshasan Aradhana Trust
PublisherJinshasan Aradhana Trust
Publication Year2002
Total Pages260
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari & agam_gyatadharmkatha
File Size20 MB
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