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५, ६, ११६. )
बधणाणुयोगद्दारे सेसाणुयोगद्दारपरूवणा
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एगसेडिवग्गणवेत्ताणगमेण परमाणुपोग्गलदव्ववग्गणा संखेज्जपदेसियदव्ववग्गणाओ च केवडि खेते? लोगस्त असंखेज्ज विभागे । असंखेज्जपदेसियदव्ववग्गणपहुडि जाव सुहमणिगोदवग्गणे ति ताव एदासि वग्गणाणमेया सेडो केवटि खेत्ते ? सबलोगे । जले वा थले वा आगासे वा सुहमणिगोदवग्गणादिसव्ववग्गणाओ संभवंति ति तेसि सवलोगो होदु णाम ण पत्तेयसरीरबावरणिगोदवग्गणाणं; तेसि अट्र पुढवीयो भवणविमाणाणि च अस्सिदूण चेव अवट्ठाणादो? ण, सुहमपुढविआउतेउवाउकाइयाणं पत्तेयसरीराणं सव्वलोगम्हि अवट्ठाणं पडि विरोहाभावादो मारणंतियपदेण उववादेण सबलोगमेतखेत्तुवलंभादो च । महाखंधदव्ववग्गणा केवडि खेते ? लोगे देसूणे ।
णाणासेडिखेतागगमेण परमाणपोग्गलदव्यवग्गणा केवडि खेत्ते ? सम्वलोगे। कुदो ? आणंतियादो । एवं णेयव्वं जाव सांतरणिरंतरवग्गणे ति । पत्तयसरोरबादरसुहमवग्गणाओ केवडि खेत्ते? सव्वलोगे; असखेज्जलोगपमाणत्तादो। महाखंधदधवग्गणा केवडि खेते? लोगे देसूर्ण । एवं खेत्ताणुगमो त्ति समत्तमणुओगद्दारं।
एगसेडिवग्गणफोसणाणुगमेण परमाणपोग्गलदव्ववग्गणाए संखेज्जपदेसियवस्व
एकश्रेणिवर्गणाक्षेत्रानुगमकी अपेक्षा परमाणुपुद्गलद्रव्यवर्गणाओं और संख्यातप्रदेशी द्रव्य वर्गणाओंका कितना क्षत्र है? लोकके असंख्यातवें भागप्रमाण क्षेत्र है । असंख्यातप्रदेशी द्रव्यवर्गणासे लेकर सूक्ष्मनिगोदवर्गणा तक इन वर्गणाओंकी एक श्रेणिका कितना क्षेत्र है ? सब लोक क्षेत्र है।
शका-जल में, स्थल में और आकाश में सूक्ष्म निगोदवर्गणा आदि सब वर्गणायें सम्भव हैं इसलिए उनका सब लोकप्रमाण क्षेत्र होओ, परन्तु प्रत्येकशरीरबादरनिगोदबर्गणाओंका सब लोकप्रमाण क्षेत्र नहीं हो सकता, क्योंकि, वे आठ पृथिवियों और भवनविमानोंका आश्रय लेकर ही अवस्थित है ?
समाधान-नहीं, क्योंकि, एक तो प्रत्येकशरीरवाले सूक्ष्म पृथिवीकायिक, सूक्ष्म जलकायिक, सूक्ष्म अग्निकायिक और सूक्ष्म वायुकायिक जीवोंका सब लोकमें अवस्थान होने में कोई विरोध नहीं आता। दूसरे प्रत्येकशरीरवाले जीवोंका मारणान्तिकपद और उपपादकी अपेक्षा सब लोकप्रमाण क्षेत्र पाया जाता।
महास्कन्धद्रव्यवर्गणाका कितना क्षेत्र है? कुछ कम सब लोक क्षेत्र है।
नानाश्रेणिक्षेत्रानुगमकी अपेक्षा परमाणुपुद्गल द्रव्यवर्गणा कितना क्षेत्र है ? सब लोकप्रमाण क्षेत्र है, क्योंकि, उसका प्रमाण अनन्त हैं । इसीप्रकार सान्तर-निरन्तरवर्गणा तक ले जाना चाहिए । प्रत्येकशरीर, बादर और सूक्ष्म वर्गणाओंका कितना क्षेत्र है ? सब लोकप्रमाण क्षेत्र है, क्योंकि, वे असंख्यात लोकप्रमाण है । महास्कन्धद्रव्यवर्गणाका कितना क्षेत्र है ? कुछ कम लोकप्रमाण है।
इस प्रकार क्षेत्रानुगम अनुयोगद्वारा समाप्त हुआ।
एकश्रेणिवर्गणास्पर्शनानुगमकी अपेक्षा परवाणपुद्गलद्रव्यवर्गणाओं और संख्यातप्रदेशी.. Jain Education International