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२६४) छक्खंडागमे वग्गणा-खंड
(५, ६, १६७ मणपज्जवभंगो। परिहार-सुहुमसांपराइयसुद्धिसंजदेसु तिसरीरेहि के० खेत्तं फोसिदं ? अदीद-वट्टमाणे० लोग० असंखे०भागो। संजदासंजदाणं तिसरीर-चदुसरीरेहि के० खेत्तं फोसिदं? वट्टमाणे० लोग० असंखे०भागो, अदीदेण छ चोद्द सभागा देसूणा।
दसणाणुवादेण चक्खुदंसणीसु विसरीरा लद्धि पडुच्च अस्थि णित्ति पडुच्च णत्थि । जदि अत्थि तो तेहि के० खेत्तं फोसिदं ? वट्टमाणे० लोग० असंखे०भागो, अदीदेण सव्वलोगो । तिसरीरेहि के० खेत्तं फोसिदं? वट्टमाणेण लोग० असंखे भागो, अदीदेण अट चोद्दसभागा देसूणा सव्वलोगो वा । चदुसरीरेहि के० खेत्तं फोसिदं ? वट्टमाणे लोग असंखे०भागो, अदीदेण सव्वलोगो। ओहिदंसणीणमोहिणाणिभंगो।
लेस्साणुवादेण तेउलेस्सिएसु बिसरीर-चउसरीरेहि के० खेतं फोसिदं ? वट्टमाणे० लोग० असंखे०भागो, अदोदेण दिवड्ड चोद्दसभागा देसूणा। तिसरीरेहि के० खेत्तं फोसिदं? वट्टमाणे० लोग० असंखेज्जभागो, अदीदेण अट्ठ णव चोद्दसभागा देसूणा। पम्मलेस्सिएसु चदुसरीरेहि विसरोरेहि के खेत्तं फोसिदं १ वट्टमाणे० लोग०
जीवोंके समान भंग है । परिहारशुद्धिसंयत और सूक्ष्मसाम्परायशुद्धिसंयत जीवोंमें तीन शरीरवालोंने कितने क्षेत्रका स्पर्शन किया है? अतीत और वर्तमानकालकी अपेक्षा लोकके असंख्यातवें भागप्रमाण क्षेत्रका स्पर्शन किया है । सयतासंयतोंमें तीन शरीरवाले और चार शरीरवाले जीवोंने कितने क्षेत्रका स्पर्शन किया है ? वर्तमान कालको अपेक्षा लोकके असंख्यातवें भागप्रमाण और अतीत कालको अपेक्षा त्रसनालीके कुछ कम छह बटे चौदह भाग प्रमाण क्षेत्रका स्पर्शन किया है।
___ दर्शनमार्गणाके अनुवादसे चक्षुदर्शनवाले जीवोंमें दो शरीरवाले लब्धिको अपेक्षासे हैं, हैं, निर्वृत्तिकी अपेक्षासे नही हैं। यदि हैं तो उन्होने कितने क्षेत्रका स्पर्शन किया है ? वर्तमान कालकी अपेक्षा लोकके असंख्यातवें भागप्रमाण और अतीत कालकी अपेक्षा सर्व लोकप्रमाण क्षेत्रका स्पर्शन किया है । तीन शरीरवाले जीवोंने कितने क्षेत्रका स्पर्शन किया है ? वर्तमान कालको अपेक्षा लोकके असंख्यातवे भागप्रमाण और अतीत कालकी अपेक्षा कुछ कम आठ बटे चौदह भाग और सर्व लोकप्रमाण क्षेत्रका स्पर्शन किया है । चार शरीरवाले जीवोंमें कितने क्षेत्रका स्पर्शन किया है? वर्तमान कालकी अपेक्षा लोकके असंख्यातवें भागप्रमाण और अतीत कालकी अपेक्षा सर्व लोकप्रमाण क्षेत्रका स्पर्शन किया हैं। अवधिदर्शनवाले जीवोंका भंग अवधिज्ञानवाले जीवोंके समान है।
__ लेश्यामार्गणाके अनवादसे पीतलेश्यावाले जीवोंमें दो शरीरवालों और चार शरीरवालोंने कितने क्षेत्रका स्पर्शन किया है? वर्तमान कालकी अपेक्षा लोकके असंख्यातवें भागप्रमाण और अतीत कालकी अपेक्षा त्रसनालीके कुछ कम डेढ बटे चौदह भागप्रमाण क्षेत्रका स्पर्शन किया है। तीन शरोरवालोंने कितने क्षेत्रका स्पर्शन किया है ? वर्तमान कालकी अपेक्षा लोकके असंख्यातवें भागप्रमाण और अतीत कालको अपेक्षा त्रसनालीके कुछ कम आठ बटे चौदह भाग और कुछ कम नौ बटे चौदह भागप्रमाण क्षेत्रका स्पर्शन किया है। पद्मलेश्यावालोंमें चार
शरीरवाले और दो शरीरवाले जीवोने कितने क्षेत्रका स्पर्शन किया है? वर्तमान कालकी अपेक्षा Jain Education International
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