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३६४) छक्खंडागमे वग्गणा-खंड
( ५, ६, ३०७ गब्भोवक्कंतियस्स जहणिया पज्जत्तणिवत्ती संखेज्जगुण ।३०७।
गब्भोपक्कंतियस्स जहण्णपज्जत्तणिवत्तीणाम गब्भजाणं णिवाघादेण वद्धजहण्णाउअकालमेत्तजीवियं । कुदो एदिस्से संखेज्जगुणत्तं ? सम्मच्छिमेहितो गन्भजाणं पुधभूदजादिदंसणादो। ४ ।।
ओववादिमस्स जहणिया पज्जत्तणिवत्ती संखेज्जगुणा ॥३०८॥
को गुण ? संखेज्जा समया । कुदो ? अंतोमहुत्तेण दसवस्ससहस्सेसु ओवट्टिदेसु संखेज्जरूवोवलंभादो। ५ ।।
एइंदियस्स णिन्वत्तिट्टाणाणि संखेज्जगुणाणि ॥३०९॥
को गण० ? सादिरेयदोरूवाणि । कुदो ? वसवस्ससहस्सेहि अंतोमहत्तणबावीस वस्ससहस्सेसु ओवट्टिदेसु दोहि स्वेहि सह किंचूणपंचमभागस्स उवलंभादो। ६ ।।
जीवणियट्ठाणाणि विसेसाहियाणि ॥३१०॥
केत्तियमेत्तेण ? आवलि० असंखे० भागेण एइंवियजहण्णणिवत्तीए संखेज्जेहि भागेहि वा । ७ ।।
कोई नियम नहीं है।
उससे गर्भोपक्रान्तिक जीवकी जघन्य पर्याप्त निर्वृत्ति संख्यातगषी है ।३०७।
गर्भोपक्रान्तिक जीवकी जघन्य पर्याप्त निर्वृत्ति इसका अर्थ है गर्भज जीवोंका बद्ध जघन्य आयुके काल तक निर्व्याघातरूपसे जीवित रहना।
शंका- यह संख्यातगुणी कैसे है ? समधान- क्योंकि, सम्मळुन जीवोंसे गर्भज जीवोंकी पृथक् जाति देखी जाती है । उससे औपपादिक जीवकी जघन्य पर्याप्त निर्वत्ति संख्यातगणी है ॥३०८॥
गुणकार क्या है ? संख्यात समय गुणकार है, क्योंकि, अन्तर्मुहूर्त कालसे दस हजार वर्षके भाजित करने पर संख्यात अंक उपलब्ध होते हैं।
उससे एकेन्द्रिय जीवके निर्वत्तिस्थान संख्यातगणे हैं ॥३०९।
गुणकार क्या है ? साधिक दो अंक गुणकार है, क्योंकि, दस हजार वर्षसे अन्तमुहूर्त कम बाईस हजार वर्षके भाजित करनेपर दो और कुछ कम पांचवां भाग उपलब्ध होता है
उनसे जीवनीयस्थान विशेष अधिक हैं ॥३१०॥
कितने अधिक है ? आवलिके असंख्यातवें भागप्रमाण या एकेन्द्रियकी जघन्य निर्वत्तिके संख्यात बहुभागप्रमाण अधिक है।
४ अ. का. प्रत्योः ' अंतोमहत्तेण बावीस' इति पाठ:1
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