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५, ६, ३१५ ) बंधणाणुयोगद्दारे सरीरपरूवणाए पदेसविरओ (३६५
उक्कस्सिया णिवत्ती विरोसाहिया ॥ ३११ ॥
केत्तियमेत्तेण ? सव्वुक्कस्सकदलीघावेण घादिदूण एइंदियाणं जहण्णजीविएण समऊणेण । ८ ।।
सम्मुच्छिमस्स णिन्वत्तिट्ठाणाणि संखेज्जगुणाणि ॥ ३१२ ॥
को गुण ? संखेज्जा समया । कुदो ? बावीसवस्ससहस्सेहि अंतोमहत्तूणपुत्वकोडीए भागे हिदाए संखेज्जरूवोवलंभादो । ९ ।।
जीवणियट्ठाणाणि विसेसाहियाणि ॥ ३१३ ॥
केत्तियमेतेण? आवलि० असंखे० भागेण सम्मच्छिमजहण्णणिवत्तीए संखेज्जेहि भागेहि वा । १० ।।
उक्कस्सिया णिवत्ती विसेसाहिया ॥ ३१४ ॥ केत्तियमेत्तेण ? सम्मच्छिमजहण्णजीविएण समऊणेण । ११ ।। गब्भोवक्कंतियस्स णिव्वत्तिट्ठाणाणि असंखेज्जगुणाणि ।३१५॥
को गुण ? पलिदो० असंखे० मागो। कुदो ? पुश्वकोडीए अंतोमुत्तूणतिण्णि पलिबोवमेसु ओवट्टिवेसु पलिदो० असंखे० भागवलंभावो । १२ ।।
उनसे उत्कृष्ट निवृत्ति विशेष अधिक है । ३११ ।
कितनी अधिक है ? सबसे उत्कृष्ट कदलीघातसे घात कर एकेन्द्रियोंका जो एक समय कम जघन्य जीवित है उतनी अधिक है।
उससे सम्मूर्छन जीवके निर्वृत्तिस्थान संख्यातगणे हैं। ३१२ ।
गुणकार क्या है ? संख्यात समय गुणकार है, क्योंकि, बाईस हजार वर्षसे अन्तर्मुहूर्त कम पूर्वकोटिके भाजित करने पर संख्यात अङ्ग उपलब्ध होते हैं।
उनसे जीवनीयस्थान विशेष अधिक हैं। ३१३ ।
कितने अधिक है ? आवलिके असंख्यातवें भागप्रमाण या सम्मच्छंन जीककी जघन्य निर्वत्तिके संख्यात बहुभागप्रमाण अधिक हैं।
उससे उत्कृष्ट निवृत्ति विशेष अधिक है । ३१४ ।
कितनी अधिक है ? सम्मूच्र्छन जीवके एक समय कम जघन्य जीवित का जितना प्रमाण है तत्प्रमाण अधिक है।
उससे गर्भोपक्रान्त जीवके निवृत्तिस्थान असंख्यातगुणे हैं । ३१५ ।
गुणकार क्या हैं ? पल्यके असंख्यातवें भागप्रमाण गुणकार है, क्योंकि, पूर्वकोटिका अन्तमहतं कम तीन पल्यमें भाग देने पर पल्यका असंख्यातवाँ भाग उपलब्ध होता है।
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