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५, ६, ६४२ ]
बंधणाणियागहारे चूलिया
जहणिया अपज्जत्तएसो तदियतिभागो
णिवत्ती असंखेपद्धा एसा W खुद्दाभवगहणं
बाद० सु० णि. अपज्जत्ताणं मरणनवमझमेदं।
सु० णि० अपज्जत्ताणं उक्कस्सणिव्यत्ति- | बादरणिगोदअपज्जत्ताणं उक्कस्सहाणाणि एदाणि
णिव्वत्तिहाणाणि एदाणि
एसो विदियतिभागो, णस्थि एसो पढमतिभागो
रक्तवणे
स्त
एत्थ आवासयाणि
।
वादरमुहुमणिगोदपज्जताणं सरीर
णिव्वत्तिजवमज्झमेदं । एसो तदितिभागो
वा० सु. णिगोदपज्जताणं आउअबंधजवमज्झमेदं ।
रक्तवर्ण
बादरमुहुमणिगोदपज्जताणं मरणजवमझमेदं ।
०००००००००००० ये सूक्ष्म निगाद अपर्याप्तकों के | ये बादर निगोद अपर्याप्तकों के
उत्कृष्ट निवृत्तिस्थान हैं ___ उत्कृष्ट निवृत्तिस्थान हैं
यह द्वितीय त्रिभाग यहाँ आवश्यक नहीं है
रक्तवर्ण
यह प्रथम त्रि०
यह तृ. त्रि०
बा० सू० निगोद पर्याप्तकों का यह शरीर निवृत्ति यवमध्य है।
बा० सू० निगाद पर्याप्तकोंका यह आयु यवमध्य है।
बा० सू. निगाद पर्याप्तकोंका यह मरण यवमध्य
छ८५४-६३
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