________________
२६२)
छक्खंडागमे वग्गणा - खंड
( ५, ६, १६७
चदुसरीरेहि के० खेत्तं फोसिदं ? वट्टमाणेण लोगस्स असंखे० भागो, अदीदेण सव्वलोगो । ओरालियमस्सकायजोगीसु तिसरीरेहि के० खेत्तं फोसिदं ? अदीद- वट्टमाणेण सव्वलोगो । वेव्वियकाय जोगीसु तिसरीरेहि के० खेत्तं फोसिदं ? वट्टमाणेण लोग० असंखे ० भागो, अदीदेण अट्ठ तेरह चोहसभागा वा देसूणा । वेउव्वियमिस्सकायजोगोसु तिसरोहि के० खेत्तं फोसिदं ? अदीद-वट्टमाणेण लोग० असंखे० भागो । आहारआहारमिस्सकायजोगीसु चदुसरोरेहि के० खेत्तं फोसिदं ? अदीद-वट्टमाणेण लोगस्स असंखे ० भागो । कम्मइयकायजोगीसु विसरीरेहि के० खेत्तं फोसिदं ? अदीद-वट्टमाणेण सव्वलोगो | तिसरीरेहि के० खेत्तं फोसिदं ? अदीद-वट्टमाणेण लोग० असंखे० भागा, सव्वलोगो वा ।
वेणुवादे इत्थवेद- पुरिसवेदेसु बिसरीर-चउसरोरेहि के० खेत्तं फोसिदं ? वट्टमाणेण लोग असंखे० भागो, अदीदेण सव्वलोगो | तिसरीरेहि के० खेत्तं फोसिदं ? वट्टमाणे० लोग असंखे० भागो, अदीदेण अट्ठ चोहसभागा देसूणा सव्वलोगो वा ।
०
शरीरवालोने कितने क्षेत्रका स्पर्शन किया है ? वर्तमान कालको अपेक्षा लोकके असंख्यातवें भागप्रमाण और अतीत कालकी अपेक्षा सर्व लोकप्रमाण क्षेत्रका स्पर्शन किया है । औदारिक मिश्रकाययोगी जीवोंमें तीन शरीरवालोंने कितने क्षेत्रका स्पर्शन किया है ? अतीत और वर्तमान कालकी अपेक्षा सर्व लोकप्रमाण क्षेत्रका स्पर्शन किया है । वैक्रियिककाययोगी जीवोंमें तीन शरीरवालोंने कितने क्षेत्रका स्पर्शन किया है । वर्तमान कालकी अपेक्षा लोकके असंख्यातवें भागप्रमाण और अतीत कालकी अपेक्षा त्रसनाली के कुछ कम आठ बटे चौदह भाग और कुछ कम तेरह बटे चौदह भागप्रमाण क्षेत्रका स्पर्शन किया है। वैक्रियिकमिश्रकाययोगी जीवोंमें तीन शरीरवालोंने कितने क्षेत्रका स्पर्शन किया है ? अतीत और वर्तमान कालकी अपेक्षा लोकके असंख्यातवें भागप्रमाण क्षेत्रका स्पर्शन किया है । आहारककाययोगी और आहारकमिमिश्र काययोगी जोवों में चार शरीरवालोंने कितने क्षेत्रका स्पर्शन किया है ? अतीत और वर्तमान कालकी अपेक्षा लोकके असंख्यातवें भागप्रमाण क्षेत्रका स्पर्शन किया है । कार्मणका - ययोगी जीवों में दो शरीरवालोंने कितने क्षेत्रका स्पर्शन किया है ? अतीत और वर्तमान कालकी अपेक्षा सर्व लोकप्रमाण क्षेत्रका स्पर्शन किया है । तीन शरीरवालोंने कितने क्षेत्रका स्पर्शन किया है ? अतत और वर्तमान कालकी अपेक्षा लोकके असंख्यात बहुभागप्रमाण और सर्व लोकप्रमाण क्षेत्रका स्पर्शन किया है ।
वेदमार्गणा के अनुवाद से स्त्रीवेदी और पुरूषवेदी जीवोंमें दो शरीरवालों और चार शरीरवालोंने कितने क्षेत्रका स्पर्शन किया है ? वर्तमान कालकी अपेक्षा लोकके असंख्यातवें भागप्रमाण और अतीत कालकी अपेक्षा सर्व लोकप्रमाण क्षेत्रका स्पर्शन किया है। तीन शरीरवालोंने कितने क्षेत्रका स्पर्शन किया है ? वर्तमान कालकी अपेक्षा लोकके असंख्यातवें भागप्रमाण और अतीत कालकी अपेक्षा त्रसनालीके कुछ कप आठ बटे चौदह भाग और सर्व लोकप्रमाण
प्रतिषु असंखे० भागो सब्बलोगो वा' इति पाठः ।
Jain Education International
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org