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छपखंडागमे वग्गणा-खंड प० जहण्णण एगसमओ, उक्क० छम्मासा । एगजीवं प० णस्थि अंतरं जहाक्खादसुद्धिसंजद० तिसरीराणं केवलणाणी. भंगो । संजदासंजदाणं मणपज्जवणाणी. भंगो । असंजदा ओघं ।
दसणाणवादेण चक्खदसणीणं तसपज्जत्तभंगो । अचक्खुदसणी० ओघं । ओहिदसणीणमोहिणाणी० भंगो । केवलदसणीणं केवलणाणी० भंगो।
लेस्साणुवादेण किण्ण-णील-काउलेस्सिएसु बिसरीराणमंतरं केवचिरं का० होदि? णाणाजी०प० पत्थि अंतरं । एगजीवं ५० जहण्णेण सत्तरससागरोवमाणि बिसमऊणाणि सत्तसागरो० बिसमऊणाणि दसवस्ससहस्साणि बिसमऊणाणि उक्कस्सेण तेत्तीससागरोवमाणि समऊणाणि सत्तसागरो० समऊगाणि सत्तसागरो० समऊगाणि । तिसरीराणमंतरं केवचिरं कालादो होदि ? णाणाजी०प० त्थि अंतरं णिरंतरं। एगजीवं प० जहण्णण एगसमओ, उक्कस्सेण अंतोम० । चदुसरीराणमभयदो
त्थि अंतरं। तेउलेस्सिएसु बिसरीराणमंतरं केवचिरं कालादो होदि ? णाणाजी० प० जहण्णेण एगसमओ, उक्कस्सेण अडवालीसमुहुत्ता । एगजीवं प० जहण्णेण पलिदोवमं सादिरेयं उक्कस्सेण बेसागरोवमाणि सादिरेयाणि । तिसरीराणमंतर केवचिरं कालादो होनि ? णाणाजी० ५० गथि अंतरं । एगजीव ५० जहण्णेण एगसमओ, उक्कस्सेग अंतोमुत्त । चदुसरीराणमंतरं केवचिरं कालादो छह महीना है। एक जीवकी अपेक्षा अन्तरकाल नहीं है। यथाख्यातशुद्धिसंयतों में तीन शरीरवालोंका भंग केवलज्ञानियोंके समान है। संयतासंयतोंका भंग मन:पर्ययज्ञानियोंके समान है। असयतोंका भंग ओघके समान है।
दर्शनमार्गणाके अनुवादसे चक्षुदर्शनवाले जीवोंका भंग त्रसपर्याप्तकोंके समान है। अचक्षुदर्शनवाले जीवोंका भंग ओघके समान है। अवधिदर्शनवाले जीवोंका भग अवधिज्ञानियों के समान है। केवलदर्शनवाले जीवोंका भंग केवलज्ञानियों के समान है।
लेश्यामार्गणाके अनुवादसे कृष्णलेश्यावाले, नीललेश्यावाले और कापोतलेश्यावाले जीवोंमें दो शरीरवाले जीवोंका अतरकाल कितना है ? नाना जीवोंकी अपेक्षा अतरकाल नहीं है। एक जीवकी अपेक्षा जघन्य अन्तर कृष्णलेश्यामें दो समय कम सत्रह सागर, नीललेश्यामें दो समय कम सात सागर और कापोतलेश्यामें दो समय कम दस हजार वर्षप्रमाण है। तथा उत्कृष्ट अन्तर कृष्णलेश्यामें एक समय कम तेतीस सागर, नीललेश्यामें एक समय कम सत्रह सागर और कापोतले श्यामें एक समय कम सात सागर है। तीन शरीरवालोंका अन्तरकाल कितना है? नाना जीवोंकी अपेक्षा अन्तरकाल नहीं है, निरन्तर है। एक जीवकी अपेक्षा जघन्य अन्तर एक समय है और उत्कृष्ट अन्तर 3 है। चार शरीरवालोंका उभयत: अंतरकाल नहीं है। पीतलेश्यावालों में दो शरीरवालोंका अन्तरकाल कितना है? नाना जीवोंकी अपेक्षा जघन्य अन्तर एक समय है और उत्कृष्ट अन्तर अडतालीस मुहूर्त है। एक जीवकी अपेक्षा जघन्य अन्तर साधिक एक पल्य है और उत्कृष्ट अंतर साधिक दो सागर है। तीन शरीरवालोंका अन्तरकाल कितना है ? नाना जीवकी अपेक्षा अन्तरकाल नहीं है । एक जीवको अपेक्षा जघन्य अन्तर एक समय है और उत्कृष्ट अन्तर अन्तर्मुहूर्त है। चार शरीरवालोंका अंतरकाल कितना
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