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छक्खंडागमे वग्गणा-खंड
( ५, ६, १६७
मंतरं केवचिरं का० होदि ? णाणाजी० प० णत्थि अंतरं निरंतरं । एगजीवं पडुच्च जह० खुद्दाभवग्गहणं अंतोमुहुत्तं वा, उक्क० * पलिदो० असंखे ० भागो । बादरेइंदियपज्जत्त० बिसरीराणमंतरं केवचिरं का० होदि ? णाणाजी० प० णत्थि अंतरं निरंतरं । एगजीवं प० जह० अंतोमुहुतं बिसमऊणं, उक्क० संखेज्जाणि वस्ससहस्साणि | तिसरीरा ओघं । चदुसरी राणमंतरं केवचिरं का० > होवि ? णाणाजी० प० णत्थि अंतरं निरंतरं । एगजीवं प० जह० अंतोमुहुत्तं, उक्क० संखेज्जाणि वस्ससहस्साणि । बादरेइं दियअपज्जत्त० विसरीराणमंतरं केवचिरं का० होदि ? णाणाजी० प० णत्थि अंतरं निरंतरं । एगजीवं प० जह० खुद्दाभवग्गहणं बिसमऊणं, उक्क० अंतोमुहुतं । तिसरीराणं पचिदियतिरिक्खअपज्जत्त मंगो । सुहुमेइंदिय० बिसरीरा ओघं । तिसरीराणमंतरं केवचिरं का० होदि ? णाणाजी० प० णत्थि अंतरं णिरतरं । एगजीवं प० जह० एगसमओ, उक्क० तिणि समया । सुहुमेइं दियपज्जत्त० बिसरीराणमंतरं केवचिरं का० होदि ? णाणाजी० प० णत्थि अंतरं निरंतरं । एगजीवं प० जह० अंतोमुहुत्तं तिसमऊणं, उक्क० अंतो मुत्तं । सुमेइंदियअपज्जत्त० बिसरीराणमंतरं केवचिरं का० होदि? णाणाजी० प० णत्थि अंतरं निरंतरं । एगजीवं प० जह० खुद्दाभवग्गहणं तिसमऊणं, उक्क ० अंतोमुहुत्तं ।
काल कितना है ? नाना जीवोंकी अपेक्षा अन्तरकाल नहीं है, निरन्तर है। एक जीवको अपेक्षा जघन्य अन्तर अन्तर्मुहूर्त है और उत्कृष्ट अन्तर पल्यके असंख्यातवें भागप्रमाण है । बादर एकेन्द्रिय पर्याप्तकों में दो शरीरवालों का अन्तरकाल कितना है? नाना जीवों की अपेक्षा अन्तरकाल नहीं है, निरन्तर है । एक जीवकी अपेक्षा जघन्य अन्तर दो समय कम अन्तर्मुहूर्त है और उत्कृष्ट अन्तर सख्यात हजार वर्षप्रमाण है। तीन शरीरवालोंका भंग ओघके समान है । चार शरीरवालोंका अन्तरकाल कितना है ? नाना जीवोंकी अपेक्षा अन्तरकाल नहीं है, निरन्तर है । एक जीवकी अपेक्षा जघन्य अन्तर अन्तर्मुहूर्त है और उत्कृष्ट अन्तर संख्यात हजार वर्षाप्रमाण है । बादर एकेन्द्रिय अपर्याप्तकों में दो शरीरवालोंका अन्तरकाल कितना है ? नाना जीवोंकी अपेक्षा अन्तरकाल नहीं है, निरन्तर है। एक जीवकी अपेक्षा जघन्य अन्तर दो समय कम क्षुल्लकभवग्रहणप्रमाण हैं और उत्कृष्ट अन्तर अन्तर्मुहूर्त है। तीन शरीरवालों का भंग पञ्चेन्द्रिय तिर्यञ्च अपर्याप्तकों के समान है। सूक्ष्म एकेन्द्रियों में दो शरीरवालोंका भंग ओघ के समान है । तीन शरीरवालों का अन्तरकाल कितना है ? नाना जीवोंकी अपेक्षा अन्तरकाल नहीं है, निरन्तर है । एक जीवकी अपेक्षा जघन्य अन्तर एक समय है और उत्कृष्ट अन्तर तीन समय है। सूक्ष्म एकेन्द्रिय पर्याप्तकों में दो शरीरवालोंका अन्तरकाल कितना है ? नाना जीवोंकी अपेक्षा अन्तरकाल नहीं है, निरन्तर है। एक जीवकी अपेक्षा जघन्य अन्तर तीन समय कम अन्तर्मुहूर्त है और उत्कृष्ट अन्तर अन्तर्मुहूर्त है। सूक्ष्म एकेन्द्रिय अपर्याप्तकोंमें दो शरीरवालोंका अन्तरकाल कितना है ? नाना जीवोंकी अपेक्षा अन्तरकाल नहीं है, निरन्तर है। एक जीवकी अपेक्षा जघन्य अन्तर तीन समय कम क्षुल्लकभवग्रहणप्रमाण है और उत्कृष्ट अन्तर अन्तर्मुहूर्त है । उक्त दोनों
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