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( ५, ६, १६७
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छक्डागमे वग्गणा - खंड अदीद- वट्टमाणेण लोग० असंखे० भागो । वैदगसम्माइट्ठीण मोहिणाणिभंगो । उवसमसम्माइट्ठीसु बिसरीर-चदुसरी रेहि के० खेत्तं फोसिदं ? अदीद वट्टमाणे० लोग० असंखे ०भागो । तिसरी रे हि के० खेत्तं फोसिदं ? वट्टमाणे० लोग० असंखे० भागो, अदीदेण अट्ठ चोद्दसभागा देसूणा । सासणसम्माइट्ठीसु बिसरीरेहि के० खेत्तं फोसिदं ? वट्टमाणे ० लोग असंखे० भागो, अदीदेण एक्कारह चोहसभागा देसूणा । तिसरीरेहि के० खेत्तं फोसिदं ? वट्टमाणे० लोग० असंखे० भागो, अदीदेण बारह चोहसभागा वा देसूणा । चदुसरीरेहि के० खेत्तं फोसिदं ? वट्टमाणेण लोग. असंखे ० भागो, अदीदेण सत्त चोहसभागा देणा । सम्मामिच्छाइट्ठीसु तिसरीरेहि के० खेतं फोसिदं ? वट्टमाणे० लोग ० असंखे० भागो, अदीदेण अट्ठ चोहसभागा देसूणा । चदुसरीरेहि के० खेत्तं फोसिदं ? अदीद - वट्टमाणे० लोगस्स असंखे० भागो ।
सणियाणुवादेण सण्णीणं चक्खुदंसणियभंगो। आहाराणुवादेण आहारीणं ओरालियकायजोगिभंगो ? अणाहारीणं बिसरीराणं कम्मइयभंगो | तिसरीराणं चार शरीरवालोंने कितने क्षेत्रका स्पर्शन किया है ? अतीत और वर्तमान कालकी अपेक्षा लोकके असंख्यातवें भागप्रमाण क्षेत्रका स्पर्शन किया है। वेदकसम्यग्दृष्टि जीवोंका भंग अवधिज्ञानी जीवोंके समान है । उपशमसम्यग्दृष्टि जीवों में दो शरीरवालों और चार शरीरवालोंने कितने क्षेत्रका स्पर्शन किया है ? वर्तमान और अतीत कालकी अपेक्षा लोकके असंख्यातवें भागप्रमाण क्षेत्रका स्पर्शन किया है। तीन शरीरवाले जीवोंने कितने क्षेशका स्पर्शन किया है? वर्तमान कालकी अपेक्षा लोकके असंख्यातवें भागप्रमाण और अतीत कालकी अपेक्षा कुछ कम आठ बटे चौदह भागप्रमाण क्षेत्रका स्पर्शन किया है। सासादनसम्यग्दृष्टि जीवोंमें दो शरीरवालोंने कितने क्षेत्रका स्पर्शन किया है ? वर्तमान कालकी अपेक्षा लोकके असंख्यातवें भागप्रमाण और अतीत कालकी अपेक्षा कुछ कम ग्यारह बटे चौदह भागप्रमाण क्षेत्रका स्पर्शन किया है। तीन शरीरवालोंने कितने क्षेत्रका स्पर्शन किया है ? वर्तमान कालको अपेक्षा लोकके असंख्यातवें भागप्रमाण और अतीत कालको अपेक्षा कुछ कम बारह बटे चौदह भागप्रमाण क्षेत्रका स्पर्शत किया है । चार शरीरवालोंने कितने क्षेत्रका स्पर्शन किया है? वर्तमान कालको अपेक्षा लोकके अपंख्यातवें भागप्रमाण और अतीत कालकी अपेक्षा कुछ कम सात बटे चौदह भागप्रमाण क्षेत्रका स्पर्शन किया है । सम्यग्मिथ्यादृष्टि जीवों में तीन शरीरवालोंने कितने क्षेत्रका स्पर्शन किया है ? वर्तमान कालको अपेक्षा लोकके असंख्यातवें भागप्रमाण और अतीत कालकी अपेक्षा कुछ कम आठ बटे चौदह भागप्रमाण क्षेत्रका स्पर्शन किया है। चार शरीरवालोंने कितने क्षेत्रका स्पर्शन किया है ? अतीत और वर्तमान कालको अपेक्षा लोक के असंख्यातवें भागप्रमाण क्षेत्रका स्पर्शन किया है । विशेषार्थ - सासादनसम्यग्दृष्टियों में चार शरीरवालोंका नीचे कुछ कम पांच राज् स्पर्शन नहीं उपलब्ध होता, क्योंकि, एक तो सासादनसम्यग्दृष्टि तियंच और मनुष्य नारकियों में तथा मेरुके नीचे एकेंद्रियों में मारणान्तिक समुद्घात नही करते। दूसरे नारकी तिर्यंचों और मनुष्यों में मारणान्तिक समुद्घात करते हुए भी चार शरीरवाले नहीं होते । इसलिए सासादनों में चार शरीरवालों का स्पर्शन कुछ कम सात बटे चौदह राजुप्रमाण कहा है। शेष कथन स्पष्ट ही है ।
संज्ञी मार्गणा अनुवादसे संज्ञियोंका भंग चक्षुदर्शनवाले जीवोके समान है । आहारमा - गंणाके अनुवादसे आहारक जीवोंका भंग औदारिककाययोगी जीवोंके समान है । अनाहारकोंगे
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