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५, ६, ११६.) बंधणाणुयोगद्दारे अप्पाबहुअपरूवणा
(२१७ इच्छंति तेसिमहिप्पाएण पुग्विल्लमप्पाबहुगं परूविदं । भागहारेहितो गुणगारा अणंतगुणा त्ति के वि आइरिया भणंतिकातेसिमहिप्पाएण एदमप्पाबहुगं परूविज्जदे, तेणेसो ण दोसो। तेजइयवग्गणासु एगसेडिवग्गणा अणंतगुणा। को गुण? अभवसिद्धिएहि अणंतगुणो सिद्धाणमणंतिमभागो। एसो गुणगारो उवरि कम्मइयवग्गणादो हेट्ठिमअगहणवग्गणा त्ति परूवेदव्वो। तेजइयादो हेटिमअगहणवग्गणासु एगसेडिवग्गणा अणंतगुणा। भासावग्गणासु एगसे डिवग्गणा अणंतगुणा। भासादो हेट्ठिमअगहणवग्गणासु एगसेडिवग्गणा अणंतगुणा। मणवग्गणासु एगसेडिवग्गणा अणंतगुणा । मणवग्गणादो हेट्ठिमअगहणवग्गणासु एगसेडिवग्गणा अणंतगुणा। कम्मइयवग्गणासु एगसेडिवग्गणा अणंतगुणा। कम्मइयादो हेट्ठिमअगहणवग्गणासु एगसेडिवग्गणा अणंतगुणा। धुवक्खंधवग्गणासु एगसेडिवग्गणा अणंतगुणा। को गुण० ? सव्वजीवेहि अणंतगुणो। अचित्तअर्धवक्खंधवग्गणासु एगसेडिवग्गणा अणंतगुणा। को गुण० ? सव्वजीवेहि अणंतगुणो। पढमिल्लियासु धुवसुण्णवग्गणासु एगसेडिवग्गणा अणंतगुणा । को गुण०? सव्वजीवेहि अणंतगुणो । पत्तेयसरीरवग्गणासु एगसेडिवग्गणा असंखेज्जगुणा। को गुण? पलिदोवमस्स असंखे०भागो। तासु चेव वग्गणासु णाणासेडिसव्वपदेसा असंखेज्जगुणा। को गुण? असंखेज्जा लोगा। बिदियधुवसुण्णवग्गणासु एगसेडिवग्गणा अणंतगुणा। है, इसलिए उनके अभिप्रायानुसार पहले का अल्पबहुत्व कहा है। तथा भागहारोंसे गुणकार अनन्तगुणे हैं ऐसा कितने ही आचार्य कहते हैं, इसलिए उनके अभिप्रायानुसार यह अल्पबहुत्व कहा जा रहा है इसलिए यह कोई दोष नहीं है।
तैजसवर्गणाओं में एक श्रेणिवर्गणायें अनन्तगुणी हैं । गुणकार क्या है? अभव्योंसे अनन्तगुणा और सिद्धोंके अनन्तवें भागप्रमाण गुणकार है। यह गुणकार ऊपर कार्मणवर्गणासे लेकर नीचे अग्रहणवर्गणा तक कहना चाहिए । तैजसवर्गणासे अधस्तन अग्रहणवर्गणाओंमें एकश्रेणिवर्गणायें अनन्तगुणी हैं । भाषावर्गणाओंमें एकश्रेणिवर्गणायें अनन्तगुणी हैं । भाषावर्गणासे अधस्तन अग्रहणवर्गणाओंमें एकश्रेणिवर्गणायें अनन्तगुणी हैं। मनोवर्गणाओंमें एकश्रेणिवर्गणायें अनन्तगुणी हैं। मनोवर्गणासे अधस्तन अग्रहणवर्गणाओंमें एकश्रेणिवर्गणायें अनन्तगुणी हैं। कार्मणवर्गणाओं में एकश्रेणिवर्गणायें अनन्तगुणी है। कार्मणवर्गणाओंसे नीचे अग्रहणवर्गणाओंमें एकश्रेणिवर्गणायें अनन्तगुणो हैं । ध्रुवस्कन्धवर्गणाओंमें एकश्रेणिवर्गणायें अनन्तगुणी हैं। गुणकार क्या है ? सब जीवोंसे अनन्तगुणा गुणकार है। अचित्तअध्रुवस्कन्धवर्गणाओंमें एकश्रेणिवर्गणायें अनन्तगुणी हैं। गुणकार क्या है ? सब जीवोंसे अनन्तगुणा गुणकार है। पहली ध्रुवशून्यवर्गणाओंमें एकश्रेणिवर्गणार्य अनन्तगुणी हैं। गुणकार क्या है ? सब जीवोंसे अनन्तगुणा गुणकार है । प्रत्येक शरीरवर्गणाओं में एकश्रेणिवर्गणायें असंख्यातगुणी हैं। गुणकार क्या है ? पल्यके असंख्यातवें भागप्रमाण गुणकार है। उन्हीं वर्गणाओंमें नानाश्रेणि सब प्रदेश असंख्यातगुणे हैं। गुणकार क्या है? असंख्यात लोकप्रमाण गुणकार है। दूसरी ध्रुवशून्यवर्गणाओंमें
@अ०का०प्रत्योः 'के वि भणंति' इति पाठः ।
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