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५, ६, १६७, ७, )
बंधाणुयोगद्दारे सरीरसरीरपरूवणाए दव्वपमाणपरूवणा
भागो । बादरेइंदियअपज्जत्त-सुहुमेइं दियपज्जत्तापज्जत्ता विसरीरा तिसरीरा दव्वपमाणेण केवडिया ? अनंता । वणफ दिकाइया णिगोदजीवा बादरा सुहुमा तेसिं पज्जत्तापज्जत्ता बिसरीरा तिसरीरा दव्वपमाणेण केवडिया ? अनंता । पंचिदिया पंचिदियपज्जत्ता तसतसपज्जत्ता पंचिदियतिरिक्खभंगो |
जोगाणुवादेण पंचमणजोगि पंचवचिजोगि वेउव्विय-वेउब्विय मिस्सकायजोगिविभंगणाणीसु तिसरीरा चदुसरीरा दव्वपमाणेण केवडिया ? असंखेज्जा । णवरि वे उव्विय- वे उब्वियमिस्सा चदुसरीरा णत्थि । कायजोगि णवुंसयवेद- कोध-माण- मायालोहकसाइ-मदि-सुदअण्णाणि असंजद - अचक्खु दंसणिकिण्ण-णील -- काउलेस्सिय--भवसिद्धिय- अभवसिद्धिय - मिच्छाइट्ठि त्ति ओघं । ओरालियकायजोगीसु तिसरीरा दव्वपमाण केवडिया ? अनंता । चदुसरीरा दव्वपमाणेण केवडिया ? असंखेज्जा । ओरालि मिस्स कायजोगीसु तिसरीरा दव्वपमाणेण केवडिया ? अनंता । आहारआहार मिस्सकायजोगीसु चदुसरीरा दव्वपमाणेण केवडिया ? संखेज्जा । कम्मइयकायजोगीसु बिसरीरा दव्वपमाणेण केवडिया ? अनंता । तिसरीरा दव्वपमाणेण केवडिया ? संखेज्जा ।
द्रव्यप्रमाणकी अपेक्षा कितने हैं ? असंख्यात हैं जो पल्यके असंख्यातवें भागप्रमाण हैं । बादर एकेन्द्रिय अपर्याप्त, सूक्ष्म एकेन्द्रिय और इनके पर्याप्त व अपर्याप्त दो शरीरवाले और तीन शरीरवाले जीव द्रव्यप्रमाणकी अपेक्षा कितने हैं ? अनंत हैं ? वनस्पतिकायिक और निगोद जीव तथा बादर और सूक्ष्म तथा इनके पर्याप्त और अपर्याप्त दो शरीरवाले और तीन शरीरवाले द्रव्यप्रमाणकी अपेक्षा कितने हैं ? अनंत है । पंचेन्द्रिय, पंचेन्द्रिय पर्याप्त, त्रस और पर्याप्त जीवोंका भग्न पंचेन्द्रिय तिर्यच्त्रोंके समान है ।
योगमार्गणा अनुवादसे पाँचों मनोयोगी, पांचों वचनयोगी, वैक्रियिककाययोगी, वैक्रिfrefमश्रकाययोगी और विभंगज्ञानी जीवोंमें तीन शरीरवाले और चार शरीरवाले द्रव्यप्रमाण की अपेक्षा कितने हैं ? असंख्यात हैं । इतनी विशेषता है कि वैक्रियिककाययोगी और वैक्रियिकमिश्र काययोगी जीव चार शरीरवाले नहीं होते । काययोगी, नपुंसकवेदवाले, क्रोधकषायवाले, मानकषायवाले, मायाकषायवाले, लोभकषायवाले, मत्यज्ञानी, श्रुताज्ञानी, असंयत, अचक्षुदर्शनी, कृष्णलेश्यावाले, नीललेश्यावाले, कागेतलेश्यावाले भव्य, अभव्य और मिथ्यादृष्टि जीवोंका भंग ओघ के समान है । औदारिककाययोगी जीवोंमें तीन शरीरवाले द्रव्यप्रमाणकी अपेक्षा कितने हैं ? अनंत हैं । चार शरीरवाले द्रव्यप्रमाणकी अपेक्षा कितने हैं ? असंख्यात है । औदारिकमिश्र काययोगी जीवोंमें तीन शरीरवाले द्रव्यप्रमाणकी अपेक्षा कितने हैं ? अनंत हैं । आहारककाययोगी और आहारकमिश्रकाययोगी चार शरीरवाले जीव द्रव्यप्रमाणकी अपेक्षा कितने हैं ? संख्यात हैं | कार्मणकाययोगी जीवोंमें दो शरीरवाले जीव द्रव्यप्रमाणकी अपेक्षा कितने हैं ? अनंत हैं। तीन शरीरवाले जीव द्रव्यप्रमाणकी अपेक्षा कितने हैं ? संख्यात हैं ।
विशेषार्थं - यहां काययोगी आदि जितनी मार्गणाओं में ओघके समान भंग कहा है सो ये सब मार्गणाऐं अनंत संख्यावाली हैं । अतः इनमें ओघके समान दो शरीरवाले, तीन
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