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२५६ ) छक्खंडागमे वग्गणा-खंड
( ५, ६, १६७. अवगदवेद-अकसाइ-केवलणाणि-जहाक्खादविहारसुद्धिसंजद-केवलदंसणीसु तिसरीरा केवडि खेत्ते ? लोगस्स असंखे०भागे असंखेज्जेसु वा भागेसु सव्वलोगे वा । एवं संजदाणं । णवरि चदुसरीरा लोग०असंखे०भागे । परिहार०सुहुमसांपरायसुद्धिसंजदेसु तिसरीरा केवडि खेत्ते ? लोगस्स असंखे० भागे।
एवं खेत्ताणुगमो त्ति समत्तमणुयोगद्दारं । फोसणाणुगमेण दुविहो णिहेसो-ओघेण आदेसेण य। ओघेण बिसरीरतिसरीरएहि केवडियं खेत्तं फोसिदं ? अदीद-वट्टमाणेण सव्वलोगो । चदुसरीरेहि केवडियं खेत्तं फोसिदं ? वट्टमाणेण लोगस्स असंखे०भागो अदीदेण सव्वलोगो।
आदेसेण णिरयगईए णेरइएसु बिसरीर-तिसरीरएहि केवडियं खेतं फोसिदं ? वट्टमाणेण लोगस्स असंखेज्जदिभागो, अदीदेण छ चोटसभागा देसूणा । पढमाए लोकके असंख्यातवें भागप्रमाण क्षेत्र नहीं है।
विशेषार्थ- अनाहारक अवस्था अयोगिकेवलियोंके भी होती है। वहाँ तीन शरीरोंका सद्भाव बन जाता है, इसलिए तीन शरीरवालोंकी अपेक्षा अनाहारकोंका क्षत्र लोकके असंख्यातवें भागप्रमाण भी कहा है। परन्तु यह क्षेत्र कार्मणकाययोगी जीवोंमें घटित न होने से उनमें इसका निषेध किया है।
अपगतवेदी, अकषायी, केवलज्ञानी, यथाख्यातविहारशुद्धिसंयत और केवलदर्शनी जीवों में तीन शरीरवाले जीवोंका कितना क्षेत्र है ? लोकके असंख्यातवें भागप्रमाण,लोकके असंख्यात बहुभागप्रमाण और सब लोकप्रमाण क्षेत्र है। इसी प्रकार संयतोंके जानना चाहिए। इतनी विशेषता है कि इनमें चार शरीरवालोंका लोकके असंख्यातवें भागप्रमाण क्षेत्र है। परिहारशुद्धिसंयत और सूक्ष्मसाम्परायशुद्धिसंयत जीवोंमें तीन शरीरवाले जीवोंका कितना क्षेत्र है ? लोकके असंख्यातवें भागप्रमाण क्षेत्र है।
इस प्रकार क्षेत्रानुगम अनुयोगद्वार समाप्त हुआ। स्पर्शनानुगमकी अपेक्षा निर्देश दो प्रकारका है- ओघ और आदेश । ओघसे दो शरीर और तोन शरीरवाले जीवोंने कितने क्षेत्रका स्पर्शन किया है? अतीत काल और वर्तमान काल की अपेक्षा सर्व लोकका स्पर्शन किया है । चार शरीरवाले जीवोंने कितने क्षेत्रका स्पर्शन किया है? वर्तमान की अपेक्षा लाकके असंख्यातवे भागप्रमाण क्षेत्रका और अतीतकालको अपेक्षा सर्व लोकका स्पर्शन किया है।
विशेषार्थ- आदारिकशरीरसे विक्रिया करते समय मारणान्तिक समुद्धात सम्भव है। इसलिए चार शरीरवालोंका अतीत स्पर्शन सर्व लोकप्रमाण कहा है । आगे भी यह स्पर्शन इसी प्रकार घटित कर लेना चाहिए । शेष कथन स्पष्ट हो है।
आदेशसे नरकगति में नारकियोंमें दो शरीरवाले और तीन शरीरवाले जीवोंने कितने क्षेत्रका स्पर्शन किया है? वर्तमानमें लोकके असंख्यातवें भागप्रमाण क्षेत्रका और अतीत कालकी
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