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५, ६, ११६. ) बंधणाणुयोगद्दारे सेसाणुयोगद्दारपरूवणा ( १७१
सुहमणिगोदवग्गणाए णाणासेडिसव्ववग्गणाओ असंखेज्जगुणाओ। को गुणगारो ? आवलियाए असंखेज्जदिभागो। बादरणिगोदवग्गणाओ जवमज्झवग्गणपमाणेण कदे तिणिगणहाणिमेत्ताओ होंति । सुहमणिगोदवग्गणाओ वि जवमज्झपमाणेण कदे तिणि चेव गणहाणीयो होति । तम्हा बादरणिगोदवग्गणाहि सह सुहमणिगोदवग्गणाओ सरिसाओ ति वत्तव्वं । बादरणिगोदवग्गणाहितो सुहुमणिगोदवग्गणाओ असंखेज्जगुणाओ त्ति ण घडदे ? एत्थ परिहारो उच्चवे-सरिसाओ ण होंति ; बादरणिगोदजवमज्झसरिसधणियवग्गणाहितो सहमणिगोदजवमज्झसरिसधणियवग्गणाणं तिण्णिगुणहाणीहितो एत्थतणतिग्णं गुणहाणीणं च असंखेज्जगुणत्तदसणादो । कुदो एवं णवदे ? असंखेज्जगणतण्णहाणुववत्तीदो। सामण्णप्पणाए पुण गुणगारो असंखेज्जा लोगा। कुदो ? बादरणिगोदजीवेहितो सुहमणिगोदजीवा असंखेज्जगुणा। एत्थ गुणगारो असंखेज्जा लोगा। तेण कारणेण बादरणिगोदपुलवियाहितो सुहमणिगोदपुलवियाओ असंखेज्जगुणाओ। एत्थ वि गुणगारो असंखेज्जा लोगा। आवलियाए असंखेज्जदिमागमेत्तसुहमणिगोदपुलवियाहि जदि एगा सुहमणिगोदवग्गणा लब्भवि तो असंखेज्जलोगमेत्तसुहमणिगोदपुलवियासु कि लभामो त्ति पमाणेण फलगुणिदिच्छाए ओवट्टिदाए असंखेज्जलोगमेत्ता सुहमणिगोदवग्गणाओ बादरणिगोदवग्गणाहितो असंखेज्जगुणाओ लब्भंति । तेण कारणेण बादरणिगोदवग्गणाहितो
सूक्ष्म निगोदवर्गणामें नानाश्रेणी सब वर्गणायें असंख्यातगुणी हैं । गुणकार क्या हैं ? आवलिका असंख्यातवां भागप्रमाण गुणकार है।
शंका-बादरनिगोवर्गणायें यवमध्यके प्रमाणसे करने पर तीन गुणहानिप्रमाण होती हैं । सूक्ष्म निगोदवर्गणायें भी यवमध्यके प्रमाणसे करने पर तीन ही गुणहानियां होती हैं। इसलिए सूक्ष्म निगोदवर्गणायें बादरनिगोदवर्गणाओंके समान हैं ऐसा कहना चाहिए । बादरनिगोदवर्गणाओं से सूक्ष्मनिगोदवर्गणायें असंख्यातगुणी हैं यह घटित नही होता ? |
___ समाधान-यहाँ इस शंकाका परिहार करते हैं । ये दोनों वर्गणायें समान नहीं होतीं, क्योंकि, बादरनिगोद यवमध्य सदृश धनवाली वर्गणाओंसे सूक्ष्मनिगोद यवमध्य सदृश धनवाली वर्गणायें और तीन गुणहानियोंसे यहाँ की तीन गुणहानियां असंख्यातगुणी देखी जाती हैं।
शंका-यह किस प्रमाणसे जाना जाता है ? समाधान-अन्यथा असंख्यातगुणत्व नहीं बन सकता, इससे जाना जाता है।
सामान्यकी विवक्षामें तो गुणकार असंख्यात लोक है, क्योंकि, बादरनिगोद जीवोंसे सूक्ष्म निगोद जीव असंख्यातगुणे हैं । यहाँ पर गुणकार असंख्यात लोकप्रमाण है । इसलिए बादरनिगोद पुलवियोंसे सूक्ष्म निगोद पुलवियां असंख्यातगुणी हैं। यहाँ पर भी गुणकार असंख्यात लोकप्रमाण है । आवलिके असंख्यातवें भागप्रमाण सूक्ष्मनिगोद पुलवियोंसे यदि एक सूक्ष्मनिगोदवर्गणा प्राप्त होती है तो असंख्यात लोकप्रमाण सूक्ष्म निगोद पुलवियोंसे क्या प्राप्त होगा इस प्रकार फल गुणित इच्छाको प्रमाणसे भाजित करने पर बादनिगोदवर्गणाओंसे असंख्यातगुणी असंख्यात लोकप्रमाण सूक्ष्म निगोदवर्गणायें प्राप्त होती हैं। इसलिए बादरनिगोदवर्गणाओंसे सूक्ष्मनिगोद
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