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छक्खंडागमे वग्गणा-खंड
{ ५, ६, ११६
सव्ववग्गणदव्वे भागे हिदे पलिदोवमस्स असंखेज्जदिभागवलंभादो। महाखंधदव्ववग्गणाओ सववग्गणाणं केवडियो भागो ? असंखेज्जदिभागो । कुदो ? महाखंधदव्ववग्गणाहि सव्ववग्गणपमाणे भागे हिदे पलिदोवमस्स असंखेज्जदिभागुवलंभादो। चउत्थधुवसुण्णवग्गणाए चरिमवग्गणं पलिदोवमस्स असंखेज्जविभागेण खंडिदे तत्थ एगखंडम्मि जत्तियाणि रूवाणि तत्तियमेत्ताओ महाखंधएगसेडिवम्गणाओ होंति त्ति गुरूवदेसादो वा।
जाणासेडिवग्गणभागाभागाणगमेण महाखंधणाणासेडिवग्गणाओ गाणासेडिसव्ववग्गणाणं केवडिओ भागो? अणंतिमभागो। कुदो? महाखंधदव्ववग्गणाए एगत्तादो। सुहमणिगोदणाणासेडिवग्गणाओ सव्वणाणसेडिवग्गणाणं केवडियो भागो? अगंतिमभागो। कुदो? वट्टमाणकाले असंखेज्जलोगमेत्तणाणासेडिसुहमणिगोदवग्गणाहिणाणासेडिसव्ववम्गणपमाणे भागे हिदे अणंतरूववलंभादो। एवं बादरणिगोदवग्गणाणं पत्ते. यसरीरवग्गणाणं पिवत्तव्वं; असंखेज्जलोगमेत्तवग्गणाणमत्थित्तणेण भेदाभावादो। सांतरणिरंतरणाणासेडिवग्गणाओ सववम्गणाणं केवडिओ भागो? अणंतिमभागो । एवं
यव्वं जाव असंखेज्जपदेसियवग्गणे त्ति । असंखेज्जपढेसियवग्गणाओ सव्ववग्गणाण केवडिओ भागो? असंखेज्जा भागा । संखेज्जपदेसियवग्गणाओ एयपदेसियवग्गणा च सव्ववग्गणाणं केवडिओ भागो? असंखेज्जदिभागो। कुदो? एकपसियवग्गणायामादो पल्यके असंख्यातवें भागप्रमाण उपलब्ध होता है । महास्कन्धद्रव्यवर्गणायें सब वर्गणाओंके कितने भागप्रमाण हैं ? असख्यातवें भागप्रमाण हैं, क्योंकि, महास्कन्ध द्रव्यवर्गणाओंका सब वर्गणाओंके प्रमाण भाग देने पर पल्यका असंख्यातवां भाग उपलब्ध होता है । अथवा चौथी ध्रुवशून्यवर्गणाकी अन्तिम वर्गणाको पल्यके असंख्यातवें भागसे भाजित करने पर वहां एक खण्डमें जितने अंक उपलब्ध होते हैं उतनी महास्कन्धएकश्रेणिवर्गणायें होती हैं ऐसा गुरुका उपदेश है।
नानाश्रेणिवर्गणाभागाभागानुगमकी अपेक्षा महास्कन्धनानाश्रेणिवर्गणायें नानाश्रेणि सब वर्गणाओंके कितने भागप्रमाण हैं ? अनन्तवें भागप्रमाण हैं, क्योंकि, महास्कन्धद्रव्यवर्गणा एक है। सूक्ष्मनिगोदनानाश्रेणिवर्गणायें सब नानाश्रेणिवर्गणाओंके कितने भागप्रमाण हैं? अनन्तवे भागप्रमाण हैं, क्योंकि, वर्तमान काल में असख्यात लोकप्रमाण नानाश्रेणिसूक्ष्मनिगोदवर्गणाओंका नानाश्रेणि सब नर्गणाओके प्रमाण में भाग देने पर अनन्त रूप उपलब्ध होते हैं । इसी प्रकार बादरनिगोदवर्गणाओं और प्रत्येकशरीरवर्गणाओंका भी कथन करना चाहिए, क्योंकि, असंख्यात लोकप्रमाण वर्गणाओंके अस्तित्वकी अपेक्षा इनमें पूर्व वर्गणाओंसे कोई भेद नहीं है । सान्तरनिरन्तरनानाश्रेणिवर्गणायें सब वर्गणाओंके कितने भागप्रमाण है ? अनन्तवें भागप्रमाण हैं । इस प्रकार असंख्यातप्रदेशी वर्गणाके प्राप्त होने तक कथन करना चाहिए। असंख्यातप्रदेशी वर्गणायें सब वर्गणाओंके कितने भागप्रमाण हैं ? असंख्यात बहुभागप्रमाण हैं। संख्यातप्रदेशी वर्गणार्य और एकप्रदेशी वर्गणा सब वर्गणाओंके कितने भागप्रमाण हैं ? असंख्यातवें भागप्रमाण हैं।
म० प्रती 'महाखंधणाणासेडिसनवग्गणाणं' इति पाठः 1
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