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नानाथादयसागर कोष : हिन्दी टीका सहित-गड शब्द | ८३ २. भाण्डागार, ३. अवज्ञाऽऽकर (निन्दाक आकर खान)। गञ्जा शब्द स्त्रीलिंग है और उसके चार अर्थ होते हैं-१. खनि (खान) २. मद्य भाण्ड (शराब का घड़ा) २. मदिरावेश्म (शराबखाना) और ४. नीच. वेश्म (अधम का गृह) । मूल : गडो देशान्तरे मत्स्यविशेष व्यवधानयोः ।
परिखायामन्तराये गडुः शल्यास्त्र कुब्जयोः ।।
गण्डूपदे पृष्ठगुडेऽसमग्रन्थौ पुमान् स्मृतः ।। ४४५ ॥ हिन्दी टोका-गड शब्द पुल्लिग है और उसके पाँच अर्थ माने जाते हैं - १. देशान्तर (देश विशेष-अन्य देश) २. मत्स्यविशेष, ३. व्यवधान, ४. परिखा (खाई-खड्डा) ५. अन्तराय (विघ्न बाधा)। गडु शब्द भी पुल्लिग ही माना जाता है और उसके भी पाँच अर्थ होते हैं---१. शल्यास्त्र (भाला) २. कुब्ज (कुब्जा) ३. गण्डूपद (केंचुआ) ४. पृष्ठ गुड (पीठ पर घेघ जैसा गोला) और ५. असम ग्रन्थि (बेजोड़ गाँठ)।
मूल :
मूल : गणो गणेशे प्रमथे सेनासंख्यान्तरे चये।
__ गन्धद्रव्ये चोरनाम्नि संख्या धातृ समूहयौः ॥ ४४६ ॥ हिन्दी टीका-गण शब्द पुल्लिग है और उसके आठ अर्थ माने जाते हैं-१. गणेश, २. प्रमथ (शङ्कर का गण विशेष) ३. सेना संख्यान्तर (सेना का समूह) ४. चय (समुदाय) ५. गन्धद्रव्य (सेण्ट वगैरह) ६. चोर नाम (चोर) ७. संख्या (संख्या सामान्य) और ८. धातृ समूह (धाता समूह)।
गणिका यूथिका-वेश्या-कणिका-हस्तिनीषु च। गणितं गणने क्लीवमङ्कशास्त्रेऽपि युज्यते ॥ .
अङ्कशास्त्रे च संख्याते गणने गणितं विदुः ॥ ४४७ ॥ हिन्दी टीका-गणिका शब्द स्त्रोलिंग है ओर उसके चार अर्थ माने जाते हैं-१. यथिका (झुण्ड विशेष) २. वेश्या (वाराङ्गना-रण्डी) ३. कणिका (कणा) और ४. हस्तिनी (हथिनी) गणित शब्द नपुंसक है और उसके तीन अर्थ माने जाते हैं-१. गणन (गिनना) २. अङ्कशास्त्र (गणितशास्त्र) और ३. संख्यात (गिना हुआ) इन्हीं को दूसरे प्रकार से कहा है-अङ्कशाप्त्रे इत्यादि ।
गणेशो विघ्नराजे च शिवेऽपि क्वचिदीरितः । गण्ड: कपोले पिटके स्फोटके हयभूषणे ।
वीथ्यङ्ग बुद्बुदे ग्रन्थो कटे विक्रान्त लक्ष्मणोः ।। ४४८ ॥ हिन्दी टीका-गणेश शब्द पुल्लिग है और उसके दो अर्थ माने जाते हैं-१. विघ्नराज (गणपति) और २. शिव (शङ्कर) को भी कहीं पर गणेश कहा जाता है । गण्ड शब्द पुल्लिग है और उसके दस अर्थ माने जाते हैं-१. कपोल (गाल) २. पिटक (पिटारी) ३. स्फोटक (फोड़ा) ४ हयभूषण (घोड़े का भूषणअलंकार विशेष) ५. वीथ्यङ्ग (वीथी नामक नाटक विशेष का भाग अथवा गली का भाग) ६. बुद्बुद (परपोटा-बुलबुला) ७. ग्रन्थि (गाँठ) ८. कट (चटाई) ६. विक्रान्त (चाल विशेष) और १०. लक्ष्म (चिह्न)।
मूल :
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