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३२४ | नानार्थोदयसागर कोष : हिन्दी टीका सहित-शतानन्द शब्द अर्थ होते हैं-१. सितच्छत्रा (सोंफ) और २. सूक्ष्मपत्रिका । स्त्रीलिंग शतह्रदा शब्द के तीन अर्थ होते हैं-१. कुलिश (वज्र) २. दक्षकन्या (सती) और ३. विद्युत । मूल :
शतानन्दः सुरज्येष्ठे देवकीनन्दने मुनौ । गौतमे केशवरथे शताङ्ग स्तिनिशे रथे ॥१८६५।। शतानीको राजभेदे प्रवयो-मुनिभेदयोः ।
सुदासराजपुत्रेऽथ शक्रपत्न्यां शतावरी ॥१८६६।। हिन्दी टीका-शतानन्द शब्द पुल्लिग है और उसके तीन अर्थ माने जाते हैं -१. सुरज्येष्ठ (बृहस्पति) २. देवकीनन्दन (भगवान कृष्ण) और ३. मुनि (राजा जनक का पुरोहित)। शताङ्ग शब्द भी पुल्लिग है और उसके चार अर्थ माने गये हैं-१. गौतम (महर्षि गौतम) २. केशवरथ (कृष्ण भगवान का रथ) और ३. तिनिश (तिनिश नाम का वृक्ष विशेष, वञ्जु भी उसे कहते हैं) और ४. रथ (गाड़ी)। शतानीक शब्द के भी चार अर्थ होते हैं-१. राजभेद (राजविशेष) २. प्रवयाः (वृद्ध) और ३. मुनिभेद (मुनि विशेष) तथा ४. सुदास राजपुत्र (सुदास नाम के राजा का पुत्र)। शतावरी शब्द स्त्रीलिंग है ओर उसका अर्थ-१. शक्रपत्नी (इन्द्र की धर्म पत्नी-इन्द्राणी शची) होता है।
इन्दीवरी-गन्धशट्योः शतेरः शत्रु-हिंसयोः । शताह्वा शतपुष्पायां शतावर्यामपि स्त्रियाम् ।।१८६७॥ शताक्षी शतपुष्पायां पार्वत्यां रजनावपि ।
शपो निर्भत्सने गालिप्रदाने शपथे पुमान् ॥१८६८।। हिन्दी टीका-शतावरी शब्द के और भी दो अर्थ होते हैं-१. इन्दीवरी (कमलिनी) २. गन्धशटी (आमा हल्दी)। शतेर शब्द पुल्लिग है और उसके भी दो अर्थ माने जाते हैं --१. शत्रु और २. हिंसा (हिंसा वध)। शताह्वा शब्द स्त्रीलिंग है और उसके भी दो अर्थ माने जाते हैं -१. शतपुष्पा (सोंफ) और २. शतावरी (शतावर) । शताक्षी शब्द भी स्त्रीलिंग है और उसके तीन अर्थ माने गये हैं-१. शतपुष्पा (सोंफ) २. पार्वती और ३. रजनि (रात) । शप शब्द पुल्लिग है और उसके भी तीन अर्थ माने जाते हैं-१. निर्भर्त्सन (फटकारना) २. गालिप्रदान (गाली देना) और ३. शपथ (सौगन्ध)।
सत्यावधारणे दिव्ये कारे च शपथः पुमान् । शपनं शपथे गालौ वृक्षमूले खुरे शफम् ॥१८६९।। शब्दभेदी शब्दवेधी समौ दाशरथेऽर्जुने ।
शमः शान्तौ करे मुक्तावन्तरिन्द्रियनिग्रहे ॥१८७०॥ हिन्दी टीका-शपथ शब्द पुल्लिग है और उसके तीन अथ माने जाते हैं-१, सत्यावधारण (सत्य का निश्चय करना २. दिव्य (अपूर्व) और ३. कार (जेल कारागार)। शपन शब्द नपुंसक है और उसके दो अर्थ होते हैं -१. शपथ (सौगन्ध) और २. गालि (गाली देना)। शफ शब्द के भी दो अर्थ होते हैं-१. वृक्षमूल (वृक्ष का जड़ भाग) और २. खुर (खरी-खूर)। शब्दभेदी और शब्दवेधी शब्द नकारान्त पुल्लिग माने जाते हैं और उसके दो अर्थ होते-१. दशरथ और २. अर्जुन । शम शब्द
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