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नानार्थोदयसागर कोष : हिन्दी टीका सहित - शालभञ्जिका, शब्द ! ३७५
शब्द के दो अर्थ होते हैं - १. बुद्ध (भगवान बुद्ध) और २. जिन ( भगवान तीर्थंकर) किन्तु ३. सर्व सम्बन्धी अर्थ में सार्व शब्द त्रिलिंग माना जाता है । साल शब्द पुल्लिंग है और उसके पाँच अर्थ बतलाये गये हैं१. राल (धूप) २. तरु (वृक्ष) ३. सर्ज (साखोट - सांखु ) ४. मत्स्य (मछली) और ५. प्राकार ( दुर्ग-किलापरकोटा) को भी साल कहते हैं ।
मूल :
पाञ्चालिकायां वेश्यायां कथित शालभञ्जिका । तरक्षौ कुक्कुरे फेरौ कपौ सालावृकः स्मृतः ॥ २१८०॥ सावनो यज्ञकर्मान्ते भेदे दिवस - मासयोः ।
वरुणे यजमाने च वर्षभेदेऽप्यसौ मतः ॥ २१८१ ॥
हिन्दी टीका - शालभञ्जिका शब्द स्त्रीलिंग है और उसके दो अर्थ बतलाये गये हैं - १. पाञ्चा लिका (द्रौपदी) और २. वेश्या । शालावृक शब्द पुल्लिंग है और उसके चार अर्थ माने जाते हैं - १. रक्षु (बाघ या हुरार-भेड़िया) २. कुक्कुर (कुत्ता) ३. फेरू (सियार या फकसियार ) ४. कपि (बन्दर) को भी सालाक कहते हैं। सावन शब्द पुल्लिंग है और उसके छह अर्थ माने गये हैं-- १. यज्ञकर्मान्त ( यज्ञ क्रिया के अन्त में होने वाला अवभृथ स्नान वगैरह ) और २. दिवसभेद ( दिवस विशेष ) और ३. मासभेद (मासविशेष) को भी सावन कहते हैं तथा ४. वरुण ( वरुण नाम का जल देवता) ५. यजमान और ६ बर्षभेद ( वर्ष विशेष) को भी सावन कहते हैं । इस प्रकार कुल मिलाकर सावन शब्द के छह अर्थ समझना चाहिये ।
मूल :
लोध्र ऽपराधे पापे सावरः परिकीर्तितः । साहसं स्यात् बलात्कार कृतकार्यादिके दमे ।।२१८२॥ अविमृश्यकृतो द्वेषे धाष्टर्ये दुष्करकर्मणि । असत्यभाषणे स्तेये परदाराभिमर्षणे ॥ २१८३॥
हिन्दी टीका- सावर शब्द के तीन अर्थ माने जाते हैं - १. लोध्र (लोध्र नाम का वृक्ष विशेष ) २. अपराध और ३. पाप । साहस शब्द के नौ अर्थ बतलाये गये हैं - १. बलात्कारकृतकार्यादि ( जबरदस्ती से किया गया कार्य वगैरह ) और २. दम, ३. अविमृश्यकृति (बिना विचारे कार्य करना ) ४. द्वेष, ५. धाष्टर्य (धृष्टता) ६. दुष्कर कर्म (असाध्य कर्म) और ७. असत्यभाषण (झूठ बोलना) और ८. स्तेय (चोरी करना) तथा ६. परदाराभिमर्षण ( दूसरे की स्त्री पर आक्रमण करना) को भी साहस कहते हैं ।
मूल :
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पारुष्ये नहिसायां क्लीवं बह्वयन्तरे पुमान् ।
सिहलं स्यात्त्वचे रंगे रीतौ देशान्तरे द्वयोः ॥ २१८४॥ सिघाणं नासिकालौहमले स्यात् काचभाजने ।
सिहास्यो वासके पुंसि सिंहतुल्यमुखे त्रिषु ॥। २१८५ ।।
हिन्दी टीका - नपुंसक साहस शब्द के और भी दो अर्थ बतलाये गये हैं - १. पारुष्य ( कठोरता ) और २. नरहिंसा (मनुष्य या पुरुष की हिंसा करना) किन्तु ३. बन्ह्यन्तर ( वन्हि - अग्नि विशेष ) अर्थ में साहस शब्द पुल्लिंग माना जाता है । नपुंसक सिंहल शब्द के तीन अर्थ माने जाते हैं - १. त्वचा, २. रङ्ग
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