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नानार्थोदयसागर कोष हिन्दी टीका सहित - होरा शब्द । ३८६ अर्थ माने गये हैं - १. गौरी (पार्वती) २ गंगा और ३. श्वेतवचा (सफेद वचा) । हैमवती शब्द के और भी चार अर्थ माने गये हैं—१. रेण ुका, २. कपिलद्राक्षा (भूरा रंग वाला दाख) और ३. स्वर्णक्षीरी (मकोय, मको) और ४. क्षुमा (अलसी तीसी) तथा ५. हरीतकी । होत्र शब्द के दो अर्थ माने जाते हैं१. होम (हवन) और २. हविष् (चरु घृत वगैरह ) ।
मूल :
होरा लग्ने शास्त्रभेदे तथा राश्यर्द्ध-रेखयो: ।
ह्रस्वः खर्वे द्वयो रेकमात्रवर्णे त्वसौ पुमान् ॥२२७०॥ हादिनी शल्लकी - विद्युत्-सरित्सु कुलिशेस्त्रियाम् । पर्वण्यवत्सरे मध्ये परतन्त्रत्व उत्सवे ॥२२७१। हिन्दी टीका - होरा शब्द स्त्रीलिंग है और उसके चार अर्थ बतलाये गये हैं- - १. लग्न (मेष लग्न वगैरह ) २. शास्त्रभेद (शास्त्र विशेष होरा नाम का ज्योतिष शास्त्र) ३. राशि (मेष वगैरह राशि ) और ४. अर्द्ध रेखा । ह्रस्व शब्द १ खर्व (नाटा) अर्थ में पुल्लिंग तथा स्त्रीलिंग माना जाता है किन्तु २. एकमात्रवर्ण में ह्रस्व शब्द पुल्लिंग ही माना जाता है। ह्रादिनी शब्द स्त्रीलिंग है और उसके चार अर्थ माने जाते हैं - १. शल्लकी ( शाहुर शाही या लता विशेष ) २. विद्युत ( बिजली इलैक्ट्रिक ) और ३. सरित् (नदी) तथा ४. कुलिश (वज्र ) को भी ह्रादिनी कहते हैं । १. पर्व ( पूर्णिमा संक्रान्ति वगैरह ) और २. अवसर (मौका) तथा ३. मध्य (बीच ) और ४. परतन्त्रत्व ( परतन्त्रता - पराधीनता) अर्थ में और ५. उत्सव (उजवणी) अर्थ में क्षण शब्द का प्रयोग किया जाता है, यहाँ पर आगामी श्लोक से क्षण शब्द का अध्याहार कर लेना चाहिये ।
निर्व्यापार स्थितौ कालविशेषेऽपि क्षणः पुमान् ।
मूल :
क्षत्तादासीसुते द्वाःस्थे नियुक्त सारथौ विधौ ॥ २२७२।। क्षत्रियायां द्विजात् जाते मीनेऽपि कथितो बुधैः ।
क्षमं युक्त क्षमः शक्त हितेऽपि त्रिषु कीर्तितः ॥२२७३॥
हिन्दी टीका - पुल्लिंग क्षण शब्द के और भी दो अर्थ माने जाते हैं - १. निर्व्यापारस्थिति ( व्यापार शून्य स्थिति) और २. काल विशेष (मिनट पल) को भी क्षण कहते हैं इस प्रकार कुल मिलाकर क्षण शब्द के सात अर्थ जानने चाहिये । क्षत्ता शब्द पुल्लिंग ऋकारान्त माना जाता है और उसके भी सात अर्थ माने गये हैं- १. दासी सुत ( दासी का पुत्र) २. द्वाःस्थ (द्वारपाल ) ३. नियुक्त (सेवक नौकर ) और ४. सारथि तथा ५. विधि और. ६ क्षत्रियायां द्विजात्जात (ब्राह्मण से क्षत्रिय में उत्पन्न सन्तान) को भी क्षत्ता कहते हैं तथा ७. मीन (मत्स्य) नपुंसक क्षम शब्द का अर्थ १. युक्त होता है और पुल्लिंग क्षम शब्द का अर्थ २. शक्त (समर्थ) होता है किन्तु ३. हित अर्थ में क्षम शब्द त्रिलिंग है ।
मूल :
क्षमा रात्रौ क्षितौ क्षान्तौ दुर्गायां गोपिकान्तरे ।
क्षयो लये गृहे कास रोगेऽपचय-वर्गयोः ॥२२७४॥ क्षरं जले क्षरो मेघे क्षरो नश्वर वस्तुनि । क्षवः क्षुधाभि जनने
क्षुते कासेऽप्यसौ पुमान् ।।२२७५।।
हिन्दी टीका - क्षमा शब्द स्त्रीलिंग है और उसके पाँच अर्थ होते हैं - १. रात्रि, २. क्षिति ( पृथिवी ) ३. क्षान्ति ( माफ करना ) ४. दुर्गा (पार्वती) ५. गोपिकान्तर (गोपिका विशेष ) । क्षय शब्द के भी
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