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३८० | नानार्थोदयसागर कोष: हिन्दी टीका सहित -- सुखाश शब्द
हिन्दी टीका - सुखाश शब्द के तीन अर्थ माने गये हैं- १ राजतिनिश (राजा का तिनिशवञ्जुल) २. वरुण ( वरुण देवता) और ३ सुखभोजन । नपुंसक सुगन्ध शब्द के पाँच अर्थ बतलाये गये हैं१. चन्दन, २. क्षुद्रजीक (छोटा जीरा) और ३ ग्रन्थिपर्ण (कुकरौन्हा या गठिवन ) ४. नीलोत्पल (नीलकमल) तथा ५. गन्धतॄण (तृण विशेष) किन्तु पुल्लिंग सुगन्ध शब्द का अर्थ - १. गन्धक होता है । सुप्ति शब्द स्त्रीलिंग है और उसके चार अर्थ माने गये हैं - १. स्पर्शता (स्पर्श करना) २. स्वाप ( नींद ) ३. विश्रम्भ (विश्वास) और ४. शयन ( सोना शयन करना) को भी सुप्ति कहते हैं । सुफलः पुंसि वदरे कर्णिकार - कपित्थयोः ।
मूल :
मुद्ग- दाडिमयोः सुष्ठुफलयुक्त त्वसौ त्रिषु ॥ २२१२ ।। सुफला कपिलद्राक्षा कूष्माण्डी - कदलीषु च । काश्मर्यामिन्द्र वारुण्यां सद्भिः स्त्री समुदाहृता ।। २२१३ ॥
हिन्दी टीका - पुल्लिंग सुफल शब्द के पाँच अर्थ माने जाते हैं - १. वदर ( वैर या बनबैर ) २. कर्णिकार (कनैल) ३. कपित्थ ( कदम्ब) ४. मुद्ग (मूंग) और ५. दाडिम (अनार बेदाना) किन्तु ६. सुष्ठफलयुक्त (सुन्दर फल वाला) अर्थ में सुफल शब्द त्रिलिंग माना गया है । स्त्रीलिंग सुफला शब्द के पाँच अर्थ माने जाते हैं - १. कपिलदाक्षा ( भूरा रङ्ग का दाख - मुनाका किसमिस ) २ कुष्माण्डी (कोहला कुम्हर) ३. कदली (केला) ४. काश्मीरी (पुष्कर मूल) और ५. इन्द्रवारुणी (इनारुन) को भी सुफला कहते हैं। इस प्रकार सुफला शब्द के पाँच अर्थ जानना ।
मूल :
सुभगष्टङ्कणेऽशोके रक्ताम्लाने च चम्पके । वाच्यलिंगः सुदृश्ये च शोभनैश्वर्यशालिनि ॥ २२१४ ॥ सुभगा स्याद् हरिद्रायां प्रियङ्गी तुलसीतरी । वनमल्ली - शालपर्णी सुवर्णदीवपि ॥ २२१५।।
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हिन्दी टीका - सुभग शब्द वाच्यलिंग (विशेष्यनिघ्न) माना जाता है और उसके पाँच अर्थ माने हैं - १. टङ्कण (पत्थर को तोड़ने वाला टक) २. रक्ताम्लान अशोक (लाल अम्लान अशोक पुष्प) ३. चम्पक ४. सुदृश्य (सुन्दर दृश्य) तथा ५. शोभनैश्वर्यशाली (सुन्दर ऐश्वर्ययुक्त) । स्त्रीलिंग सुभगा के छह अर्थ बतलाये गये हैं - १. हरिद्रा ( हलदी ) २. प्रियंगु (प्रियंगुलता ) ३. तुलसीतरु (तुलसी का वृक्ष ) ४. वनमल्ली ५. शालपर्णी (सरिवन) और ६. सुवर्णकदली ।
मूल :
पतिप्रियायां कस्तु सुरः स्यादमरे सूर्ये सुरभि र्ना वसन्तर्तौ
कैवर्ती - नीलदूर्वयोः । मदिरायां सुरा मता ॥२.२१६॥ चैत्रे जातीफले गवि ।
सुगन्धौ चम्पके राले जातीफल महीरुहे ॥ २२१७॥
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हिन्दी टीका - सुभगा शब्द के और भी चार अर्थ माने जाते हैं - १. पतिप्रिया ( पति को अत्यन्त प्रिय लगने वाली ) २. कस्तूरी ३. कैवर्ती ( धीवर की स्त्री, मलाहिन) तथा ४. नीलदूर्वा (नीला दूभी) । पुल्लिंग सुर शब्द के दो अर्थ माने गये हैं- १. अमर (देवता) और २. सूर्य, किन्तु स्त्रीलिंग सुरा शब्द का . मदिरा (शराब) होता है। सुरभि शब्द पुल्लिंग है और उसके आठ अर्थ माने गये हैं - १. वसन्त
अर्थ – ३.
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