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नानार्थोदयसागर कोष : हिन्दी टीका सहित - लतावेष्ट शब्द | २७३
लम्बः क्षेत्रफले दीर्घे कान्तेऽङ्गे नर्तके तथा । उत्कोचे लम्बनेऽपि स्याल्लम्ब केशस्तु विष्टरे ॥। १५५८ ।।
हिन्दी टीका -- लतावेष्ट शब्द पुल्लिंग है और उसके छह अर्थ माने जाते हैं - १. कुसुम्भ (कुसुम वर्रे का फूल या कमण्डलु ) २. चटक (गवरा, वगरा) ३. वाद्यभेद (वाद्यविशेष) ४. भ्रमरक ( ललाट पर लटके हुए बाल केश) ५. रतिभेद (रतिविशेष) तथा ६. देशभेद (देश विशेष) को भी लता वेष्ट कहते हैं । लम्ब शब्द पुल्लिंग है और उसके सात अर्थ माने गये हैं - १. क्षेत्रफल ( खेत की लम्बाई-चौड़ाई) २. दीर्घ (लम्बा ) ३. कान्त (सुन्दर) ४. अंग (हाथ-पाँव वगैरह ) ५. नर्तक ( नाचने वाला नटुआ) ६. उत्कोच (घूस पेंच) और ७. लम्बन । किन्तु लम्बकेश शब्द का अर्थ - १, विष्टर ( आसन विशेष - कुश का आसन) होता है । इस प्रकार लम्बकेश का एक अर्थ जानना ।
मूल :
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त्रिषु दीर्घकचे लम्बा तु लक्ष्मी - दक्षकन्ययोः । लम्बमानस्त्रियां गौर्यां तिक्ततुम्ब्याञ्च लम्बने ।। १५५६ ॥ संसिते शब्दिते लम्बान्विते स्याल्लम्बितस्त्रिषु । तौर्यत्रिकस्य साम्ये स्याल्लयः श्लेषे विनाशने ।। १५६० ।।
हिन्दी टीका - त्रिलिंग लम्बकेश शब्द का अर्थ - १. दीर्घकच (लम्बा केश) भी होता है किन्तु स्त्रीलिंग लम्बा शब्द के छह अर्थ माने जाते हैं - १. लक्ष्मी, २. दक्षकन्या (दक्ष प्रजापति की कन्या) ३. लम्बमान स्त्री (लम्बी औरत ) ४. गौरी (पार्वती) ५. तिक्ततुम्बी (तिक्त रस वाली तुम्बी दुद्धी) और ६. लम्बन (लम्बायमान) । त्रिलिंग लम्बित शब्द के तीन अर्थ होते हैं - १. संसित ( गिरा हुआ ) २. शब्दित (शब्दायमान) और ३ लम्बान्वित ( लम्बयुक्त) । लय शब्द पुल्लिंग है और उसके तीन अर्थ माने गये हैं१. तौर्यत्रिकस्य साम्य (तौयंत्रिक नाम वाद्य विशेष का ताल) २. श्लेप (आलिंगन, मिलना ) तथा ३. विनाशन ( विध्वंस) । इस तरह लम्बित शब्द के कुल मिलाकर तीन और लय शब्द के भी तीन अर्थ जानना । किन्तु लम्बा शब्द के छह अर्थ समझने चाहिए ।
मूल :
वायलिंगो ललत् क्षेपविशिष्टे भाषणान्विते । वीप्साविशिष्टे जिह्वाले विलासोन्मन्थनान्विते ॥ १५६१।। ललज्जिह्न कुक्कुरे स्यात् उष्ट्र े हिस्र े त्वसौ त्रिषु । ललनं चालने केलौ तथेप्सायामपीष्यते ।। १५६२ ॥
हिन्दी टीका - ललत् शब्द वाच्यलिंग (विशेष्यनिघ्न) माना जाता है और उसके पाँच अर्थ माने गये हैं - १. क्षेपविशिष्ट (क्षेपयुक्त) २. भाषणान्वित (भाषण करने वाला) ३. वीप्सा विशिष्ट (वीप्सा विशिष्ट सारा ) ४ जिह्वाल (बड़ी जीभ वाला) एवं ५. विलासोन्मन्यनान्वित (विलास -- रति क्रीड़ा सम्बन्धी उन्मन्थन करने वाला) । पुल्लिंग ललज्जिह्व शब्द के दो अर्थ माने जाते हैं - १. कुक्कुर (कुत्ता) और २. उष्ट्र (ऊँट ) किन्तु ३. हिंस्र (घातक) अर्थ में ललज्जिह्व शब्द त्रिलिंग माना जाता है । ललन शब्द के तीन अर्थ माने गये हैं-- १. चालन (जीभ को चलाना ) २. केलि ( रतिक्रीड़ा) तथा ३. ईप्सा ( अभिलाषा, प्राप्त करने की इच्छा ) ।
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