________________
२९६ | नानार्थोदयसागर कोष: हिन्दी टीका सहित - विन्दु शब्द
मूल :
त्रिलिंगोऽसौ वेदितव्ये दातरि ज्ञातरि स्मृतः । विन्ध्यः शैलान्तरे व्याधे लवलीपादपे स्त्रियाम् ॥ १६६५॥ विन्नस्त्रिषु स्थिते ज्ञाते तथा प्राप्ते विचारिते । आपणे पण्यवीथ्यां च पण्येऽपि विपणिद्वयोः || १६६६ ॥
हिन्दी टीका - त्रिलिंग विन्दु शब्द के और भी तीन अर्थ माने गये हैं - १. वेदितव्य ( जानने योग्य) २. दाता तथा ३. ज्ञाता । पुल्लिंग विन्ध्य शब्द के दो अर्थ माने जाते हैं - १. शैलान्तर (शैल विशेषविन्ध्याचल पर्वत) और २. व्याध ( व्याध शिकारी) किन्तु ३ लवलीपादप ( लवली नाम की पर्वतीय लता विशेष ) अर्थ में विन्ध्या शब्द स्त्रीलिंग माना जाता है । विन्न शब्द त्रिलिंग माना जाता है और उसके चार अर्थ होते हैं—१. स्थित (विद्यमान ) २. ज्ञात, ३. प्राप्त और ४. विचारित (निर्धारित निश्चित ) । विपणि शब्द पुल्लिंग तथा स्त्रीलिंग माना गया है और उसके तीन अर्थ होते हैं - १. आपण (दुकान) २. पण्यवीथी (हाट बाजार की गली) और ३ पण्य (खरीद बिक्री करने योग्य वस्तु) को भी विपणि कहते हैं । इस प्रकार विपणि शब्द के तीन अर्थ समझने चाहिए ।
मूल :
विपत्तिः स्त्री यातनायां विनाशे विपदि स्मृतः ।
विपन्न विपदाक्रान्ते विनेष्ट वाच्यलिंगभाक् ॥१६६७॥ विपाको दुर्गतौ भोगे कर्मणो विसदृक्फले । परिणामे च पचने स्वादौ स्वेद च जीविते ॥१६६८॥
हिन्दी टीका - विपत्ति शब्द स्त्रीलिंग है और उसके तीन अर्थ माने गये हैं - १. यातना ( वेदना दुःख दर्द ) २. विनाश और ३. विपद् (विपत्ति - दुःख की दिनदशा ) । विपन्न शब्द वाच्यलिंगभाक् (विशेष्य निघ्न) माना जाता है और उसके दो अर्थ होते हैं - १. विपदाक्रान्त ( आपद्ग्रस्त - विपत्ति में पड़ा हुआ) और २. विनष्ट (ध्वस्त) । विपाक शब्द पुल्लिंग है और उसके आठ अर्थ होते हैं - १. दुर्गति (विपत्ति वर्ग - रह) २. भोग (कर्मफल का भोग) ३. कर्मणोविसदृक्फल ( कर्म का विपरीत प्रतिकूल फल ) ४. परिणाम
( अन्तिम फल ) ५. पचन ( पकाना ) ६. स्वादु ( स्वादिष्ट - मीठा फल परिणाम ) ७. स्वेद ( पसीना ) और ८. जीवित ( जिन्दा ) । इस तरह विपाक शब्द के आठ अर्थ समझना ।
मूल :
Jain Education International
विप्रकार स्तिरस्कारे ऽपकारेऽपि स्मृतः पुमान् ।
रोषे ऽनुतापे कौकृत्ये विप्रतीसार उच्यते ॥ १६६६ ॥ विप्रलापो विरोधोक्तौ वाक्ये चानर्थकेऽप्यसौ । विप्लव: परचक्रादिभये राष्ट्राद्युपद्रवे ।। १७००॥
हिन्दी टीका - विप्रकार शब्द पुल्लिंग है और उसके दो अर्थ होते हैं - १. तिरस्कार, २ . अपकार । विप्रतिसार शब्द के तीन अर्थ माने जाते हैं - १. रोष (क्रोध) २. अनुताप ( पश्चात्ताप) और ३. कोकृत्य ( दुष्कर्म) । विप्रलाप शब्द के दो अर्थ होते हैं - १. विरोधोक्ति (विरुद्ध कथन) और २. अनर्थक वाक्य (अर्थहीन वाक्य) । विप्लव शब्द के भी दो अर्थ माने गये हैं - १. परचक्रादिभय ( शत्रु राज्य वगैरह का भय - आतङ्क) और २. राष्ट्राद्युपद्रव ( राष्ट्र वगैरह का उपद्र ) इस प्रकार विप्लव शब्द के दो अर्थ समझने चाहिए ।
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org