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३१६ | नानार्थोदयसागर कोष : हिन्दी टीका सहित-व्यवसाय शब्द
शोधन्यां लोकयात्रायामिगुदे व्यवहारिका ।
व्यवासो मैथुनेऽनाौं शुद्धौ क्लीवन्तु तेजसि १८१६ हिन्दी टोका-- व्यवसाय शब्द के तीन अर्थ होते हैं- १. जीविका, २. अनुष्ठान और ३. निश्चय । व्यवहार शब्द के पांच अर्थ माने गये हैं-१. पण (पैसा वगैरह) २. न्याय (इन्साफ) ३. विवाद और ४. पादप (वृक्ष) तथा ५. स्थिति (ठहरना)। व्यवहारिका शब्द के तीन अर्थ होते हैं -- १. शोधनी (झाडू) २. लोकयात्रा और ३. इंगुद (डिठवरन)। पुल्लिग व्यवाय शब्द के तीन अर्थ माने गये हैं -१. मैथुन (विषय रति भोग) २. अन्र्ताद्ध (अन्तर्धान, लीन होना) और ३. शुद्धि (पवित्रता) किन्तु नपुंसक व्यवाय शब्द का अर्थ तेज होता है। मूल :
व्यसनं किल्विषे भ्रशे विपत्तौ निष्फलोद्यमे । दैवानिष्टफलेऽभद्रे दोषे कामज - कोपजे ॥१८१७॥ विपरीते त्रिषु व्यस्तः प्रत्येकं व्याकुले तते ।
व्याघात: प्रहृतौ विघ्ने योगे साहित्यभूषणे ॥१८१८।। हिन्दी टीका- व्यसन शब्द के सात अर्थ होते हैं - १. किल्विष (पाप) २. भ्रश (पतन, नाश) ३. विपत्ति और ४. दैवानिष्ट फल (दुर्भाग्यजन्य खराब फल-परिणाम) ५. निष्फलोद्यम (निरर्थक प्रयास) ६. अभद्र (खराब) और ७. कामज-कोपजदोष (मृगया द्यूत स्त्री मद्यपान स्वरूप चतुर्वर्ग में प्रसक्ति को कामज दोष कहते हैं और वाक् पारुष्य, दण्डपारुष्य, अर्थपारुष्य रूप त्रिवर्ग को कोपज दोष कहते हैं काम क्रोध जन्य दोष विशेष । व्यस्त शब्द त्रिलिंग है और उसके तीन अर्थ माने गये हैं-१. विपरीत (उलटा)
और २. व्याकुल तथा ३. तत (फैला हुआ व्याप्त) । व्याघात शब्द के चार अर्थ माने गये हैं-१. प्रहृति (प्रहार) २. विघ्न और ३. योग (विष्कम्भादि सप्तविंशति योग के अन्तर्गत त्रयोदश योग विशेष) तथा ४. साहित्यभूषण (अलंकार शास्त्रोक्त व्याघात नाम का अलंकार विशेष) को भी व्याघात शब्द से व्यवहार किया जाता है । मूल : व्याघ्रः करजे शार्दूले चञ्चौ श्रेष्ठ पुर:स्थिते ।
व्याजोऽपदेशे कपटे व्याडोहौ वञ्चके हरौ ॥१८१६॥ व्याधो मृगवधाजीवे दुष्टेऽथ व्याधिरामये ।
कुष्ठे कामव्यथातापजन्य कार्येऽप्यसौ पुमान् ।।१८२०॥ हिन्दी टीका- व्याघ्र शब्द के चार अर्थ माने गये हैं -१. करज (करञ्ज नाम का वृक्ष विशेष करौना) २. शार्दूल (बाघ वगैरह) ३ चञ्चु (लाल एरण्ड वृक्ष) और ४. श्रेष्ठ पुरःस्थित (श्रेष्ठ शिरोमणि) अर्थ में भी व्याघ्र शब्द का प्रयोग होता है। व्याज शब्द के दो अर्थ माने गये हैं-१. अपदेश (उपचार बहाना वगैरह) २. कपट (छल) । व्याड शब्द के तीन अर्थ माने गये हैं-१. अहि (सर्प) २. वञ्चक (ठग, धूर्त) और ३. हरि (भगवान विष्णु) । व्याध शब्द के दो अर्थ होते हैं-१. मृगवधाजीव (पशु पक्षी को मारकर जीवन निर्वाह करने वाला) और २. दुष्ट (शैतान दुर्जन)। व्याधि शब्द पुल्लिग है और उसके चार अर्थ होते हैं - १. आमय (रोग) २. कुष्ठ ३. कामव्यथातापजन्य कार्य (काम वासना जन्य व्यथा और ताप से उत्पन्न कृशता-क्षीणता-पतलापन) ।
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