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नानार्थोदयसागर कोष : हिन्दी टीका सहित-विडाल शब्द | २९३ हिन्दी टीका-विडाल शब्द पुल्लिग है और उसके तीन अर्थ माने गये हैं-१. नेत्रपिण्ड (नयन का आकार-प्रकार) २. मार्जार (बिल्ली) तथा ३. लोचनौषधि (नेत्र का औषध विशेष)। वितत शब्द विलिंग है और उसके भी तीन अर्थ माने गये हैं-१. वीणादिवाद्य (वीणा वगैरह बाजा) २. व्याप्त तथा ३. विस्तृत (फला हुआ-विस्तार) इस प्रकार वितत शब्द के तीन अर्थ जानना । मूल :
वितर्कः संशय-ज्ञानसूचकाऽध्याहारयोरपि । अस्त्री वितान मुल्लोचे यज्ञ विस्तारयोः स्मृतम् ॥१६७७॥ क्लीवन्त्ववसरे वृत्तौ त्रिलिंगो मन्द-शून्ययोः ।
वित्तो विचारिते लब्धे विज्ञाते न द्वयोर्धने ।।१६७८।। हिन्दी टोका-वितर्क शब्द पुल्लिग है और उसके दो अर्थ माने गये हैं-१. संशय (सन्देह) २. ज्ञानसूचक अध्याहार (ज्ञानसूचक शब्द का अध्याहार-अनुवृत्ति) को भी वितर्क कहते हैं। वितान शब्द पुल्लिग तथा नपुंसक माना जाता है और उसके तीन अर्थ होते हैं-१. उल्लोच (चांदवा-चंदवा वगैरह) २ यज्ञ तथा ३. विस्तार (फैलाव) किन्तु ४. अवसर (मौका) और ५. वृत्ति अर्थ में वितान शब्द नपुंसक माना जाता है। परन्तु ६ मन्द और ७. शून्य अर्थ में वितान शब्द त्रिलिंग माना गया है । पुल्लिग वित्त शब्द के तीन अर्थ माने जाते हैं--१. विचारित (सोचा हुआ) २. लब्ध (प्राप्त) और ३. विज्ञात किन्तु ३. धन अर्थ में वित्त शब्द (नद्वयोः) नपुंसक ही माना गया है।
वित्तिः संभावना-लाभ-विचारेषु स्त्रियां मता। विदग्धो नागरे विज्ञ पण्डिते त्रिषु कीर्तिता ॥१६७६।। विदर्भजाऽगस्त्यपत्न्यां दमयन्त्यामपि स्मृता ।
विदारः स्याद् जलोच्छ्वासे युंगेऽपि च विदारणे ॥१६८०॥ हिन्दी टोका-वित्ति शब्द स्त्रीलिंग है और उसके तीन अर्थ माने गये हैं-१. संभावना, २. लाभ तथा ३. विचार। विदग्ध शब्द त्रिलिंग है और उसके भी तीन अर्थ माने जाते हैं-१. नागर (नागरिक) २. विज्ञ (बुद्धिमान) और ३. पण्डित (विद्वान)। विदर्भजा शब्द स्त्रीलिंग है और उसके दो अर्थ होते हैं-१. अगस्त्यपत्नी (अगस्त्य मुनि की धर्मपत्नी) और २. दमयन्ती। विदार शब्द पुल्लिग है और उसके तीन अर्थ होते हैं-१. जलोच्छ्वास (जल का उछलाव वगैरह) २. युङ्ग और ३. विदारण (विदीर्ण करना या विदीर्ण कराना-मारना या मरवाना) इस प्रकार विदार शब्द के तीन अर्थ जानना।
विदारणं मारणे स्याद् विडंगे भेदने मतम् । स्त्रीपुंसयोः सम्पराये कर्णिकारतरौ पुमान् ॥१६८१।। विदारी भूमिकुष्माण्डे शालपर्यों गलाऽऽमये ।
विदुरो नागरे धीरेकौरवाणां च मन्त्रिणि ॥१६८२॥ हिन्दी टीका-नपुंसक विदारण शब्द के तीन अर्थ होते हैं-१. मारण (मारना) २. विडङ्ग (वायविडङ्ग) और ३. भेदन (विदारण करना) किन्तु ४. सम्पराय (संग्राम-युद्ध) अर्थ में विदारण शब्द पुल्लिग तथा स्त्रीलिंग माना जाता है परन्तु ५. कणिकारतरु (कठचम्पा) अर्थ में विदारण शब्द पुल्लिग
मूल :
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