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२९२ | नानार्थोदयसागर कोष : हिन्दी टीका सहित-विच्छिन्न शब्द
विच्छेदो विरहे भेदे विच्युतः क्षरिते गते ।
विजयः कल्कितनये कल्पराजसुतेऽर्जुने ॥१६७१।। हिन्दी टीका-विच्छित्ति शब्द के और भी दो अर्थ माने जाते हैं-१. अंगराग (शरीर का राग सजावट) और २ अंगहार (नृत्य विशेष) । विच्छिन्न शब्द त्रिलिंग है और उसके तीन अर्थ माने गये हैं१. वक्र (टेढ़ा) २. समालब्ध (प्राप्त) और ३. विभक्त (विभाजित)। विच्छेद शब्द पुल्लिग है और उसके दो अर्थ माने जाते हैं--१. विरह (वियोग) और २. भेद (अलग)। विच्युत शब्द पुल्लिग है और उसके भी दो अर्थ माने जाते हैं - १. क्षरित (संचलित) और २. गत (गया हुआ)। विजय शब्द पुल्लिग है और उसके तीन अर्थ होते हैं-१. कल्कितनय (कलि का पुत्र) और २. कल्पराजसुत (कल्पराजा का पुत्र) और ३. अर्जुन (तृतीय पाण्डव) इस तरह विजय शब्द के तीन अर्थ जानना। मूल : विमाने बलदेवे च केशवानुचरे जये।
विज्ञानं कर्मणि ज्ञाने कार्मणे द्विजलक्षणे ॥१६७२।।
विटः शैलान्तरे धूर्ते नारङ्गतरु-षिङ्गयोः ।
- कामुकानुचरे कामतन्त्रविज्ञ च मूषिके ॥१६७३।। हिन्दी टोका-विजय शब्द के और भी चार अर्थ माने जाते हैं-१. विमान, २. बलदेव, ३. केशवानुचर (भगवान विष्णु का अनुचर-सेवक) और ४. जय । विज्ञान शब्द नपुंसक है और उसके भी चार अर्थ माने जाते हैं-१ कर्म, २. ज्ञान, ३. कार्मण (जड़ी बूटी वगैरह से मारण मोहन उच्चाटन करना) और ४. द्विजलक्षण (ब्राह्मण सम्बन्धी ज्ञान) को भी विज्ञान कहते हैं। विट शब्द पुल्लिग है और उसके सात अर्थ माने गये हैं-१. शैलान्तर (पर्वत विशेष) २. धूर्त (वञ्चक) ३. नारङ्गतरु (अनार दाडिम का वृक्ष) ४. षिङ्ग (नपुंसक) ५. कामुकानुचर (कामुक-मैथुनाभिलाषो का अनुचर-भडुआ) ६. कामतन्त्रविज्ञ (कामशास्त्र का जानकार) और ७. मूषिक (चूहा-उदर),। मूल : विटपोऽस्त्री स्तम्ब-शाखा-विस्तारेषु च पल्लवे ।
पुमान् विटाधिपे पारदारिकाग्रेसरेऽपि च ॥१६७४॥ प्रवेशे मनुजेवैश्ये विट् कन्या-विष्ठयोः स्त्रियाम् ।
प्रतारणेऽनुकरणे स्त्रियां क्लीवे विडम्बनम् ॥१६७५।। हिन्दी टोका-विटप शब्द पुल्लिग तथा नपुंसक है और उसके चार अर्थ माने जाते हैं-१. स्तम्ब (खम्भा) २. शाखा (डाल) ३. विस्तार और ४. पल्लव (नया पत्ता—किसलय), किन्तु पुल्लिग विटप शब्द के दो अर्थ माने जाते हैं-१. विटाधिप (भडुआ का मालिक) और २. पारिदारिकाग्रेसर (परदारगमन व्यभिचारी का शिरोमणि) । विट् शब्द-१. प्रवेश, २. मनुज (मनुष्य) और ३. वैश्य अर्थ में पुल्लिग है
और ४. कन्या और ५. विष्ठा अर्थ में स्त्रीलिंग है। विडम्बना शब्द-१. प्रतारण (वञ्चना ठगना) अर्थ में स्त्रीलिंग है और २. अनुकरण (नकल करना) अर्थ में नपुंसक माना जाता है। इस प्रकार विडम्बन शब्द के दो अर्थ जानना। मूल : विडालो नेत्रपिण्डे स्यात् मार्जारे लोचनौषधौ।
विततं त्रिषु वीणादिवाद्ये व्याप्ते च विस्तृते ॥१६७६।।
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