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नानार्थोदयसागर कोष : हिन्दी टीका सहित-लक्ष्मी शब्द | २६७ लक्ष्मी शब्द के पाँच अर्थ माने जाते हैं-१. दुर्गा (पार्वती) २. शमी (शमी लता) ३. मुक्ता (मोती) और ४. सीता (जानकी) और ५. सम्पत्ति (इमारत)। मूल : स्थलाब्जायां हरिद्रायां मोक्षाऽऽप्तौ फलिनीतरौ ।
ऋढ्यौषधे तथा द्रव्ये गुणाढ्यवरयोषिति ॥१५२३॥ लक्ष्मीतालस्तालभेदे श्रीतालाऽऽख्यमहीरुहे ।
शौरो लवंगे नृपतौ पूगे लक्ष्मीपति-पुमान् ॥१५२४॥ हिन्दी टीका-लक्ष्मी शब्द के और भी सात अर्थ माने जाते हैं-१. स्थलाब्जा (थलकमलिनी) २. हरिद्रा (हलदी) ३. मोक्षाप्ति (मोक्ष की प्राप्ति) ४ फलिनीतरु (ग्वारफली वगैरह का वृक्ष) ५. ऋद्ध - योषध (ऋद्धि नाम का औषध विशेष)६. द्रव्य (रुपया वगैरह) तथा ७. गुणाढ्यवरयोषित (गुणाढ्य की श्रेष्ठ पत्नी या गुणाढ्यवर की स्त्री विशेष) । लक्ष्मीताल शब्द के दो अर्थ माने जाते हैं -१. तालभेद ताल विशेष) और २. श्रीतालाख्यमहीरुह (श्रीताल नाम का वक्ष विशेष)। लक्ष्मीपति शब्द पल्लिग है और उसके चार अर्थ होते हैं- १. शौरि (भगवान कृष्ण) २. लवंग (लौंग) ३. नृपति (राजा) ४. पूग (सुपारी)। इस प्रकार लक्ष्मीपति शब्द के चार अर्थ समझना। मूल:
लक्ष्मीपुत्र: कामदेवे घोटके च कुशे लवे । त्रिषु लक्ष्यो दर्शनीये लक्ष्यार्थोद्दश्ययोरपि ॥१५२५॥ ला स्त्रियां ग्रहणे दाने लांगलन्तु हले तथा ।
लिंगे तालतरौ पुष्पभेदे च गृहदारुणि ॥१५२६॥ हिन्दो टोका-लक्ष्मीपुत्र शब्द के चार अर्थ माने गये हैं -१. कामदेव, २. घोटक (घोड़ा) ३. कुश (भगवान रामचन्द्र का लड़का) और ४. लव (भगवान रामचन्द्र का पुत्र)। लक्ष्य शब्द त्रिलिंग है और उसके तीन अर्थ माने जाते हैं-१. दर्शनीय (देखने योग्य) २. लक्ष्यार्थ और ३. उद्देश्य (लक्ष्य) । ला शब्द के भी तीन अर्थ माने गये हैं-१. स्त्री (स्त्रीजाति) २. ग्रहण (लेना) और ३. दान (देना)। लांगल शब्द नपुंसक है और उसके पाँच अर्थ होते हैं-१. हल (खेत जोतने का साधन विशेष) २. लिंग (मूत्रेन्द्रिय) ३. तालतरु (ताल का वृक्ष) ४. पुष्पभेद (पुष्प विशेष) और ५. गृहदारु (घर का काष्ट विशेष) । इस प्रकार लांगल शब्द के पांच अर्थ समझने चाहिए।
बलरामे नारिकेले सपै स्याल्लांगली पुमान् । शेफे कुशूले लांगूलं पुच्छे लांगुलमित्यपि ॥१५२७।। लाटो देशान्तरे जीर्ण-भूषणादौ च वाससि ।
लालाविशिष्टे व्यासक्तियुक्ते लालायितस्त्रिषु ॥१५२८॥ हिन्दी टोका- लांगली शब्द नकारान्त पुल्लिग है और उसके तीन अर्थ माने गये हैं-१. बलराम, २. नारिकेल (नारियल) ३. सर्प। लांगूल शब्द नपुंसक है और उसके तीन अर्थ माने जाते हैं१. शेफ (मूत्रन्द्रिय) २. कुशूल (कोठी) और ३. पुच्छ (लङरी, बाङरि)। किन्तु इस पुच्छ अर्थ में ह्रस्व उकार घटित (लांगुल) शब्द का भी प्रयोग किया जाता है। लाट शब्द पुल्लिग है और उसके भी तीन
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