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१९६ | नानार्थोदयसागर कोष : हिन्दी टीका सहित-निश्चुक्कण शब्द रण रात) और निश्चलाङ्ग शब्द के तीन अर्थ माने जाते हैं--१. बक (बगुला) २. स्पन्दरहित (क्रियाशून्य) तथा ३. पर्वतादि (पर्वत वगैरह) इस प्रकार निश्चलांग शब्द के तीन अर्थ जानना । मूल : निश्चुक्कणं दन्तशाणे निषङ्गः संग-तूणयोः ।
निषङ्गथि स्तृणे स्कन्धे संश्लेषे सारथौरथे ॥१०६५॥ आपणे क्षुद्र खट्वायां निषद्या सद्भिरीरिता ।
निषध: कठिने शैले देशे राज्ञि स्वरान्तरे ॥१०६६॥ हिन्दी टीका-निश्चुक्कण शब्द नपुंसक है और उसका अर्थ-१. दन्तशाण (दांत का शाण) होता है । निषंग शब्द भी पुल्लिग है और उसके दो अर्थ होते हैं-१. संग (सम्बन्ध) और २. तूण (तरकस म्यान)। निषंगथि शब्द भी पल्लिग है और उसके पाँच अर्थ माने जाते हैं-१. तण (घास) २. स्कन्ध (कन्धा) ३. संश्लेष (आलिंगन) ४. सारथि और ५. रथ (गाड़ी)। निषद्या शब्द स्त्रीलिंग है और उसके दो अर्थ माने जाते हैं--१. आपण (दुकान) और २. क्षुद्रखट्वा (छोटी चारपाई)। निषध शब्द पुल्लिग है और उसके पाँच अर्थ होते हैं.-१. कठिन (कठोर) २. शैल (पर्वत) ३. देश, ४. राजा और ५. स्वरान्तर (स्वर विशेष—निषध नाम का स्वर) । मूल : निष्कः स्वर्णपले हेम्नि सौणिक चतुष्ट्ये ।
कंठभूषा स्वर्णकर्ष वक्षोलंकरणेषु च ॥१०६७॥ दीनारे षोडश द्रव्ये स्वर्णसाष्टशतेपले ।
आधारे नष्टवीर्ये च ब्रह्मणि विषु निष्कलम् ॥१०६८।। हिन्दी टीका-निष्क शब्द पुल्लिग है और उसके छह अर्थ माने जाते हैं-१. स्वर्णपल (आधा तोला का स्वर्ण भूषण विशेष) २. हेम (सोना) ३. सौवणिक चतुष्टय (सोना का बनाया हुआ चार मोहर लाल) ४. कंठभूषा (गले का भूषण विशेष-अशर्फी) ५. स्वर्णकर्ष (पाँच आना भर सोना) तथा ६. वक्षोलंकरण (वक्षस्थल-छाती का अलंकरण-भूषण विशेष)। निष्क शब्द के और भी तीन अर्थ माने जाते हैं१. दीनार (अशर्फी-लाल) २. षोडशद्रव्य (सोलह मिला हुआ द्रव्य) तथा ३. स्वर्णसाष्टशतपल (एक सौ आठ आना भर सोने का बनाया हुआ भूषण विशेष)। निष्कल शब्द त्रिलिंग है और उसके तीन अर्थ माने जाते हैं-१. आधार, २. नष्टवीर्य (पराक्रम रहित) और ३. ब्रह्म (परब्रह्म परमात्मा) ।
निष्कला निष्कलीवत् स्याद् वृद्धा-विगतपुष्पयोः । निष्कासितो निर्गमितेऽधिकृताहितयो स्त्रिषु ॥१०६६।। कवाट-क्षेत्र - पत्न्याट - गृहा रामेषु निष्कुटः ।
निष्क्रमो बुद्धि सामर्थ्य निर्गमे दुष्कुले तथा ॥११००॥ हिन्दी टोका-निष्कला शब्द के निष्कली शब्द के समान दो अर्थ माने गये हैं.--१. वृद्धा और २. विगतपुष्पा (जिस स्त्री को मासिक धर्म बन्द हो गया है उसको विगतपुष्पा कहते हैं)। निष्कासित शब्द त्रिलिंग है और उसके तीन अर्थ माने जाते हैं-१. निर्गमित (निकाला गया) २. अधिकृत (अधिकार प्राप्त) और ३. अहित । निष्कुट शब्द के चार अर्थ होते हैं-१. कवाट, २. क्षेत्र, ३. पत्न्याट और ४. गृहाराम
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