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२२२ | नानार्थोदयसागर कोष : हिन्दी टीका सहित-पाक शब्द ४. पेचक (पाककर्ता) ५. शिशु (बालक) ६. स्थाल्यादि (स्थाली-बटलोही वगैरह) ७. साध्वस (भय) ८. भंग (नाश) ६. राष्ट्रादि (राष्ट्र वगैरह) और १०. पानकर्ता ।
जरसा केश शौक्ल्येऽथ पाकलं कुष्ठभेषजे । पाकलो बोधनद्रव्ये पावके कुञ्जरज्वरे ॥१२५२॥ मारुतेऽपि त्रिलिगस्तु व्रणादेः पाककर्तरि ।
पाकलिः स्त्री वृक्षभेदे कर्कट्यां पाकली मता ॥१२५३॥ हिन्दी टीका-पाक शब्द का एक और भी अर्थ होता है-१. जरसा केशशौक्ल्य (बुढ़ापे से सफेद बाल)। नपुंसक पाकल शब्द का अर्थ-१. कुष्ठभेषज (कुष्ठ रोग का औषध विशेष) और पुल्लिग पाकल शब्द के तीन अर्थ होते हैं-१. बोधनद्रव्य २. पावक (अग्नि) तथा ३. कुञ्जरज्वर । मारुत और व्रणादे: पाककर्ता व्रण (घाव वगैरह को पकाने वाला) पाकल शब्द त्रिलिंग माना जाता है। पाकलि शब्द स्त्रीलिंग है और उसका अर्थ-वृक्षभेद (वृक्ष विशेष पाकड़ि) होता है। किन्तु कर्कटी (कांकड़ि) अर्थ में पाकली शब्द दीर्घ ईकारान्त स्त्रीलिंग माना गया है ।
पाक्यः पुमान् यवक्षारे क्लीवं विड्लवणोषयोः । पाचक: सूपकारेऽग्नौ पित्तभेदेषु पाचकं ॥१२५४॥ प्रायश्चित्ते पाचनं स्यात् त्रिषु पाचयितर्यसौ ।
पाचनोऽम्लरसे वह्नौ रक्त रण्डे च टङ्कणो ॥१२५५॥ हिन्दी टीका --पुल्लिग पाक्य शब्द का अर्थ-१. यवक्षार (यवाखार) होता है। और नपुंसक पाक्य शब्द का अर्थ-२. विड्लवण और ३. ऊष (पांशुलवण जिसको ऊष शब्द से व्यवहार किया जाता है) । पुल्लिग पाचक शब्द का अर्थ-१. सूपकार (रसोइया, रसोई करने वाला) और २. अग्नि होता है । किन्तु ३. पित्तभेद (पित्त विशेष) अर्थ में पाचक शब्द नपुंसक माना जाता है । १. प्रायश्चित्त अर्थ में पाचन शब्द नपुंसक माना गया है किन्तु २. पाचयिता (पकवाने वाले) अर्थ में पाचन शब्द त्रिलिंग माना जाता है। पुल्लिग पाचन शब्द के चार अर्थ होते हैं- १. अम्लरस (खट्टा) २. वह्नि (आग) ३. रक्त रण्ड (लाल एरण्ड) तथा ४ टङ्कण (छैनी वगैरह पत्थर तोड़ने वाला हथियार)। इस प्रकार पाचन शब्द के कुल छह अर्थ समझने चाहिए।
पाचनी स्याद् हरिद्रायां पाचलं पाचने मतम् । . पाचलो रन्धनद्रव्ये पाचके मारुतेऽनले ॥१२५६॥ पाञ्चजन्यो विष्णु शङ्खजातवेदस्यपि स्मृतः।
पांचालं नद्वयोः शास्त्रे त्रिषु पंचालदेशजे ॥१२५७।। हिन्दी टोका-स्त्रीलिंग पाचनी शब्द का अर्थ-१. हरिद्रा (हलदी) होता है। नपुंसक पाचल शब्द का अर्थ-१. पाचन (पकवाना) होता है । पुल्लिग पाचल शब्द के चार अर्थ माने जाते हैं-१. रन्धन द्रव्य (रांधने का द्रव्य- बटलोही वगैरह) होता है । २. पाचक (पकाने वाला) भी पाचल शब्द का अर्थ जानना चाहिए, एवं ३. मारुत (पवन) भी पाचल शब्द का अर्थ है और ४. अनल (अग्नि) को भी पाचल कहते हैं । पाञ्चजन्य शब्द के दो अर्थ होते हैं-१. विष्णुशंख (पाञ्चजन्य नाम का भगवान विष्णु का
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