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नानार्थोदयसागर कोष : हिन्दी टीका सहित-नीशार शब्द | २०१ है और उसके चार अर्थ माने जाते हैं - १. मूलधन, २. राजपुत्रादिबन्धक और ३. नारीकटीवस्त्रबन्ध (स्त्री के कमर का वस्त्र बन्धन - कोंचा) तथा ४. पंस्कटी वस्त्र बन्धन (पुरुष के कमर का वस्त्र बन्धन - कपड़े की गाँठ)। मूल : प्रच्छादने स्यान्नीशारो हिमानिल निवारणे ।
काण्डपट्टऽथ पूजायां स्तुतौ च नुतिरिष्यते ॥११२५।। नेता त्रिषु प्रभौ निम्बवृक्षे प्रापयितर्यपि ।
नेत्रं मन्थगुणे नाडी-वृक्षमूलजटाऽक्षिषु ॥११२६।। हिन्दी टोका-नीशार शब्द पुल्लिग है और उसके तीन अर्थ माने जाते हैं - १. प्रच्छादन (चादर) २. हिमानिलनिवारण (शीत पवन का निवारण) और ३. काण्डपट्ट (नौका के दण्ड में लगा हुआ कपड़ा वगैरह) । नुति शब्द स्त्रीलिंग है और उसके दो अर्थ माने जाते हैं - १. पूजा और २. स्तुति। नेतृ शब्द त्रिलिंग है और उसके तीन अर्थ माने जाते हैं-१. प्रभू (स्वामी राजा) २. निम्बवृक्ष (नीम का वृक्ष) और ३. प्रापयिता (पहुँचाने वाला)। नेत्र शब्द नपुंसक है और उसके चार अर्थ होते हैं - १. मन्थगुण (मन्थन दण्ड की डोरी) २. नाडी (नस) ३. वृक्षमूल जटा (वृक्ष के मूल की जटा - सोर-वड़) और ४. अक्षि (आँख)। मूल : रथे वस्तिशलाकाया मंशुके त्रिषु नेतरि ।
नेत्री प्रापणकर्त्यां स्याल्लक्ष्मी-नाडी-नदीषु च ।।११२७।। नेदिष्ठमन्तिकतमे विज्ञऽङ्कोटतरौ पुमान् ।
नेपथ्यं स्यादलंकारे रंगभूमौ प्रसाधने ॥११२८॥ हिन्दी टीका-नेत्र शब्द के और भी चार अर्थ होते हैं - १. रथ, २. वस्तिशलाका (नाभि नीचे की रेखा) ३. अंशुक (वस्त्र का अञ्चल) तथा ४. नेता (ले जाने वाला) किन्तु इस नेतृ अर्थ में नेत्र शब्द त्रिलिंग माना जाता है। नेत्री शब्द स्त्रीलिंग है और उसके चार अर्थ होते हैं - १. प्रापणकर्ची (पहुंचाने वाली) २. लक्ष्मी ३. नाड़ी (नस) और ४. नदी । नेदिष्ठ शब्द नपुंसक है और उसके दो अर्थ माने जाते हैं - १. अन्तिकतम (अत्यन्त नजदीक) २. विज्ञ (अत्यन्त बुद्धिमान मेधावी) किन्तु ३. अङ्कोटतरु (ढेरा नामक वृक्ष विशेष - अङ्कोल) अर्थ में नेदिष्ठ शब्द पुल्लिग ही माना जाता है । नेपथ्य शब्द नपुंसक है और उसके तीन अर्थ माने गये हैं -- १. अलंकार (भूषण) २. रङ्गभूमि (नाट्यशाला का पृष्ठ भाग) ३. प्रसाधन (वेशभूषा सजाना)।
नेमो गर्तेऽवधौ काले सायंकालेऽर्द्ध मूलयोः । प्राकारे कपटे खण्डे नाट्यादावूज़ भिन्नयोः ॥११२६।। नेमिः स्त्री चक्रपरिधौ कूपान्तिक समस्थले ।
कूपो परिस्थ पट्टान्ते त्रिकायामपि कीर्तितः ।।११३०।। हिन्दो टोका-नेम शब्द के बारह अर्थ माने जाते हैं - १. गर्त (खड्ढा) २. अवधि, ३. काल, .. ४. सायंकाल, ५. अर्द्ध (आधा) ६. मूल (मूल-जड़ भाग) ७. प्राकार (परकोटा-चाहरदीवारी) ८. कपट
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