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नानार्थोदयसागर कोष : हिन्दी टीका सहित- -- दशा शब्द | १५३ (अच्छी तरह देखभाल करना) तथा ३. वर्ण और ४. नयन (नेत्र) । दल शब्द भी नपुंसक ही है और उसके सात अर्थ माने गये हैं - १. शस्त्रीच्छद (छुरी का एक भाग) २. खण्ड (टुकड़ा) ३. घन (निविड़ सघन या मेघ) ४. उत्सेध (ऊँचाई, पेड़ वगैरह की ऊँचाई ) ५. पत्र । नपुंसक दल शब्द के और भी दो अर्थ माने गये हैं - १. तमालपत्र ( तमाल नाम का प्रसिद्ध पहाड़ी वृक्ष विशेष का पत्ता) और २. अपद्रव्य ( खराब द्रव्य ) । दलित शब्द भी नपुंसक है और उसके दो अर्थ होते हैं - १. खण्डित और २. स्फुट ( स्पष्ट ) । दव शब्द पुल्लिंग है और उसके चार अर्थ माने गये हैं - १. दावानल (वनाग्नि ) २. अरण्य (जंगल) ३. उपताप और ४. अग्निमात्र (साधारण आग ) । इस तरह दव शब्द के चार अर्थ जानना ।
मूल :
दशा चेतस्यवस्थायां दीपवर्ति पटान्तयोः ।
दस्मो हुताशने स्तेने यजमाने खले पुमान् ॥ ८४० ॥ दस्युर्महासाहसिके तस्करे दहनश्चित्रके वह्नौ कपोते
परिपन्थिनि । दुष्टचेतसि ॥। ८४१
॥
हिन्दी टीका - दशा शब्द स्त्रीलिंग है और उसके चार अर्थ माने जाते हैं १. चेतस् (चित्त) २. अवस्था (परिस्थिति) ३. दीपवर्ति (दोप की वाती ) तथा ४. पटान्त ( कपड़े का छोर या किनारा, कोर) । दस्म शब्द पुल्लिंग है और उसके भी चार अर्थ होते हैं -१ हुताशन (अग्नि- आग ) २. स्तेन (चोर) ३. यजमान और ४. खल (दुष्ट) । दस्यु शब्द पुल्लिंग है और उसके तीन अर्थ माने गये हैं - १. महा साहसिक (अत्यन्त साहसी डाकू वगैरह ) २ तस्कर (चोर) और ३. परिपन्थो ( शत्रु ) | दहन शब्द पुल्लिंग है और उसके चार अर्थ माने जाते हैं - १. चित्रक (चितकबरा) २. वह्नि (अग्नि- आग) ३. कपोत (कबूतर ) और ४. दुष्टचेतस् (दुष्ट चित्त वाला, दुष्ट मनुष्य ) । इस तरह दहन शब्द के चार अर्थ समझना चाहिए । मूल : भल्लातकेऽथ दहनं भस्मीकरण कर्मणि ।
दह भ्रातरि सूक्ष्मे बालके मूषिका -ऽल्पयोः ॥ ८४२ ॥
हिन्दी टीका - दहन शब्द का भल्लातक ( भाला ) भी अर्थ होता है । दहन शब्द का अथ - भस्मीकरण कर्म (जला देना) होता है । दहर शब्द पुल्लिंग है और उसके पाँच अर्थ माने जाते हैं - १. भ्राता (भाई) २. सूक्ष्म (पतला ) ३. बालक, ४. मूषिका ( चूहा उन्दर) और ५. अल्प (थोड़ा) । दह्रो दावानले कुक्षौ नरके वरुणेऽनले ।
मूल :
दक्षो महेश्वरे वह्नि प्रजापतिविशेषयोः ॥ ८४३ ॥ मुनिभेदे हरवृषे ताम्रचूडे द्रुमान्तरे ।
चतुरे तु त्रिलिंगोऽसौ दक्षा स्याद्वनौ स्त्रियाम् ॥ ८४४ ॥
हिन्दी टीका - दह्रौ शब्द पुल्लिंग है और उसके पाँच अर्थ माने जाते हैं - १. दावानल (वनाग्नि ) २. कुक्षि (उदर-पेट) ३. नरक, ४ वरुण और ५. अनल (अग्नि- आग ) । दक्ष शब्द पुल्लिंग है और उसके सात अर्थ होते हैं—१ महेश्वर, २. वन्हि (अग्नि) ३. प्रजापति विशेष (ब्रह्मा विशेष ) ४. मुनिभेद (मुनि विशेष ) ५. हरवृष (वसहा -- शंकर का वाहन ) ६. ताम्रचूड (मुर्गा) तथा ७. द्रुमान्तर ( वृक्ष विशेष ) किन्तु ८. चतुर (बुद्धिमान) अर्थ में दक्ष शब्द त्रिलिंग माना जाता है । दक्षा शब्द स्त्रीलिंग है और उसका अर्थ१. अवनि (पृथ्वी) होता है । इस प्रकार कुल मिलाकर दक्ष शब्द के नौ अर्थ समझने चाहिए ।
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