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नानार्थोदयसागर कोष : हिन्दी टीका सहित - द्विजिह्व शब्द | १६७
हिन्दी टीका - द्विजिह्न शब्द पुल्लिंग है और उसके पाँच अर्थ माने जाते हैं - १. सूचक (चुगलखोर चारिया) २. सर्प, ३ खल, ४. दुस्साध्य ( कष्टसाध्य ) ५. चोर । द्विजाति शब्द भी पुल्लिंग है और उसके चार अर्थ होते हैं - १. ब्राह्मण, २. वैश्य, ३. क्षत्रिय, ४. अण्डज ( पक्षी, सर्प वगैरह ) इस प्रकार द्विजाति शब्द के चार अर्थ जानना ।
मूल :
द्वितीया सहधमण्यां तिथिभेदे पुमान् सुते । द्विपः स्त्रीपुंसयोर्नागे स्यात्पुमान् नागकेशरे ।। ६२४ ॥ द्विपदस्त्रिदशे मर्त्ये राक्षसे च विहंगमे । द्वीपोऽस्त्रियामन्तरीपे जम्बुद्वीपादिके स्मृतः ।। ६२५ ।।
हिन्दी टीका - द्वितीया शब्द स्त्रीलिंग है और उसके दो अर्थ होते हैं - १. सहधर्मिणी (धर्मपत्नी) और २. तिथिभेद (तिथिविशेष द्वितीय तिथि दूज ) किन्तु ३. सुत (पुत्र) अर्थ में द्वितीय शब्द पुल्लिंग माना जाता है। पुल्लिंग तथा स्त्रीलिंग द्विप शब्द का अर्थ - १. नाग (हाथी) होता है एवं २. नागी (हथिनी ) भी अर्थ है | किन्तु ३. नागकेशर (केशर चन्दन ) अर्थ में द्विप शब्द केवल पुल्लिंग ही माना जाता है । द्विपद शब्द पुल्लिंग है और उसके चार अर्थ माने गये हैं- १. त्रिदश (देवता) २. मर्त्य (मनुष्य) ३. राक्षस और ४. विहंगम (पक्षी) । द्वीप शब्द १. अन्तरीप ( टापू ) अर्थ में पुल्लिंग तथा नपुंसक माना जाता है और द्वीप का दूसरा अर्थ - जम्बूद्वीपादिक ( जम्बूद्वीप एशिया, आदि शब्द से यूरोप अफ्रीका वगैरह कुल सात द्वीप लिये जाते हैं । इस तरह द्वीप शब्द के दो अर्थ जानना ।
मूल :
नद्यां भूमौ द्वीपवती द्वीपी व्याघ्र च चित्रके । द्वैमातुरो गणेशे स्यात् जरासन्धे द्विमातृजे ॥। ६२६ ।। धट: तुलापरीक्षायां तुलायां च तुलाधरे । घटी स्त्री चीरवस्त्रे स्यात् कौपीनेऽपि प्रयुज्यते ।।
६२७ ।।
हिन्दी टीका -- द्वीपवती शब्द के दो अर्थ माने गये हैं- १. नदी और २. भूमि । द्वीपी शब्द भी नकारान्त पुल्लिंग माना जाता है और उसके भी दो अर्थ माने जाते हैं-- १. व्याघ्र (बाघ) और २. चित्रक ( चीता - व्याघ्र विशेष ) । द्वैमातुर शब्द पुल्लिंग है और उसके तीन अर्थ होते हैं - १. गणेश, २. जरासन्ध और ३. द्विमातृज (दो माताओं से उत्पन्न होने वाला जिसकी एक माता जन्मदात्री और दूसरी माता प्रतिपालन कर्त्री होती है उसे द्विमातृज कहते हैं जैसे— गणपति वगैरह ) । धट शब्द पुल्लिंग है और उसके तीन अर्थ होते हैं -- १. तुला परीक्षा (तराजू पर चढ़ाकर परीक्षण करना) २. तुला (तराजू) और ३. तुलाधर ( तुला राशि ) । धटी शब्द स्त्रीलिंग है और उसके दो अर्थ होते हैं - १. चीरवस्त्र ( अञ्चल वस्त्र ) और २. कौपीन ( भगवा, धरिया) ।
मूल :
धनं वित्ते स्नेहपात्र - जीवनोपाय गोधने । धनञ्जयोऽर्जुने वह्नौ चित्रके देह मारुते ॥ १२८ ॥ नाग भेदेऽर्जुनतरौ धनदो गुह्यकेश्वरे ।
हिज्जले त्रिषु वित्तादि प्रदातरि प्रकीर्तितः ॥
२६ ॥
हिन्दी टीका- धन शब्द नपुंसक है और उसके चार अर्थ माने जाते हैं - १. वित्त (सम्पत्ति ) २. स्नेह
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