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१४६ | नानार्थोदयसागर कोष : हिन्दी टीका सहित-तुरुष्क शब्द अन्तःकरण) और २. वाजी (घोड़ा)। तुरुष्क शब्द पुल्लिग है और उसके तीन अर्थ होते हैं-१. सिरक २. म्लेच्छ जाति और ३. देश विशेष (तुर्की वगैरह देश विशेष) । । मूल : श्रीवासकद्रुमे तुर्यश्चतुर्थे वेगिते तुरः ।
तुला भाण्डे पलशते राशौ सादृश्य-मानयोः ।। ७६६ ॥ तुलाकोटिनिभेदे मजीरार्बुदयोः स्त्रियाम् ।
तुलाधरस्तुलाराशौ वाणिजे च तुलागुणे ॥ ८०० ॥ हिन्दी टीका-तुरुष्क शब्द का एक और भी अर्थ होता है-१. श्रीवासकद्र म (देवदारु का वृक्ष)। तुर्य शब्द का अर्थ-१. चतुर्थ (चौथा) होता है। तुर शब्द का अर्थ-१ वेगित (वेगयुक्त) होता है । तुला शब्द स्त्रीलिंग है और उसके पाँच अर्थ माने जाते हैं-१. भाण्ड (बर्तन) २. पलशत एक तोला) ३. राशि (तुला राशि) ४. सादृश्य (सरखामन) तथा ५. मान (परिमाण विशेष, छह मासा)। तुलाकोटि शब्द स्त्रीलिंग है और उसके तीन अर्थ होते हैं-१. मानभेद (मान विशेष), २. मजीर (मजीरा) और ३. अर्बुद (एक अरब)। तुलाधर शब्द पुल्लिग है और उसके तीन अर्थ माने जाते हैं-१. तुलाराशि, २ वाणिज (बनिया व्यापारी) और ३. तुलागुण (तराजू की डोरी) इस तरह तुलाधर के तीन अर्थ जानना चाहिए। मूल:
तुषारः सीकरे देशविशेषे शीतले हिमे । भेदे कर्पूर-हिमयो रथ तूणिः पुमान् मले ॥ ८०१ ॥ त्वरायां मनसि श्लोके तूलू: कासितूलके ।
तूलं तुदतरौ व्योम्नि पिञ्जले तूलकार्मुकम् ॥ ८०२ ॥ हिन्दी टोका-तुषार शब्द पुल्लिग है और उसके छह अर्थ माने जाते हैं-१ सीकर (बंद) २. देश विशेष, ३. शीतल (ठण्डा), ४. हिम (बर्फ, पाला), ५. कर्पूर और ६ हिमभेद (हिम विशेष)। तूणि शब्द पुल्लिग है और उसके चार अर्थ होते हैं-१. मल, २. त्वरा, ३. मनस् (चित्त) और ४. श्लोक । तूल शब्द भी पुल्लिग है और उसका अर्थ-कासितूलक (रूई) होता है। नपुंसक तूल शब्द के दो अर्थ होते हैं- १. तूदतरु (सहतूत या तूत का वृक्ष) और २. व्योम (आकाश)। तूलकामुक शब्द का अर्थ१. पिञ्जल (अत्यन्त व्याकुल सेना) है, इस तरह तूलकामुक शब्द का एक अर्थ जानना चाहिए। मूल :
शय्योपकरणे वल्मीषिकायां च तूलिका। तूवरस्तु पुमान् कालेऽजातशृंगे गवादिके ॥ ८०३ ॥ पुरुषव्यञ्जनत्यक्त निःश्मश्रुपुरुषेऽपि च ।
स्यात् कषायरसे प्रौढ़ा शृंगारेऽथ तृणद्रुमः ॥ ८०४ ॥ हिन्दी टोका-तूलिका शब्द स्त्रीलिंग है और उसके तीन अर्थ माने गये हैं-१. शय्योपकरण (गद्दी) २. वत्ति (वत्ती) और ३. ईषिका (गजनेत्र गोलक-हाथी की आँख का गोलाकार)। पुल्लिग तूवर शब्द के सात अर्थ माने जाते हैं-१. काल, २ अजातशृंगगवादिक (बछड़ा वगैरह) ३. पुरुषव्यञ्जनत्यक्त (पुरुषत्व का अभिव्यञ्जक चिन्ह से रहित-हिजड़ा नपुंसक) ४. निःश्मश्रुपुरुष (मूंछ दाढ़ी रहित पुरुष
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