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११० | नानार्थोदयसागर कोष हिन्दी टीका सहित -- चित्र शब्द
मूल :
चित्रं कुष्ठप्रभेदे स्यादालेख्ये तिलकेऽद्भुते । योनि कर्बुरवर्णेऽथ त्रिषु तद्वति कीर्तितः ॥ ५६३ ॥ चित्रोयमान्तरेऽशोके एरण्डे चित्रद्रुमे । स्त्रियां चित्रफला मत्स्यभेद चिभिटयोः स्मृतः ॥ ५६४ ॥
हिन्दी टीका - चित्र शब्द नपुंसक है और उसके सात अर्थ माने जाते हैं— कुष्ठभेद (सफेद कुष्ठ श्वेत कोढ़) २. आलेख्य (चित्र, फोटो, मूर्ति) ३. तिलक ( चन्दन ) ४. अदभुत (आश्चर्य) एवं ५. व्योमन् (आकाश) और ६. कुर्बु रवर्ण (चितकबरा रंग ) किन्तु ७ तद्वति (कर्बुरवर्ण युक्त) अर्थ में तो चित्र शब्द त्रिलिंग माना जाता है । पुल्लिंग चित्र शब्द के तो चार अर्थ माने जाते हैं - १. यमान्तर ( यमराज धर्मराज विशेष) २. अशोक (अशोक वृक्ष) ३. एरण्ड (वृक्ष विशेष) और ४. चित्रकद्रम (एरण्ड रेड़ का वृक्ष, जिसको अण्डी कहते हैं) । चित्रफला शब्द स्त्रीलिंग है और उसके दो अर्थ माने जाते हैं— १. मत्स्यभेद (मछली विशेष ) और २ चिभिट (लता विशेष) इस प्रकार चित्रफला शब्द के दो अर्थ जानना ।
मूल :
मृगेवरौ कण्टकारी वार्ताकी - लिङ्गिनीषु च । महेन्द्र वारुणीवल्ल्यां चित्रभानुस्तु भास्करे ।। ५६५ ।। चित्रभानुः पुमान् सूर्येऽनले चित्रकपादपे । भैरवेऽर्कतरौ चित्ररथो गन्धर्व सूर्ययोः ॥ ५६६ ।।
हिन्दी टीका - चित्रफला शब्द के और भी पाँच अर्थ माने जाते हैं - १. मृगेर्वारु (लता विशेष ) २. कण्टकारी (रेगनी कटैया ) ३. वार्ताकी (रिंगना, बैंगन भाटा) और ४. लिंगिनी (लता विशेष) और ५. महेन्द्र वारुणी वल्ली ( महेन्द्र वारुणी नाम का लता विशेष ) चित्रभानु शब्द का अर्थ - सूर्य होता है इसी तात्पर्य से कहा है- "चित्रभानुस्तु भास्करे" || इति ॥ | चित्रभानु शब्द पुल्लिंग है और उसके पाँच अर्थ होते हैं - १. सूर्य, २. अनल (अग्नि आग ) ३. चित्रक पादप (एरण्ड - रेड़- अण्डी का वृक्ष) और ४. भैरव ( काल भैरव) ५. अर्कतरु ( आंक का वृक्ष) । चित्ररथ शब्द पुल्लिंग है और उसके दो अर्थ माने जाते हैं - १. गन्धर्व (देव योनि विशेष ) और २. सूर्य इस प्रकार चित्रभानु शब्द के पाँच और चित्ररथ शब्द के दो अर्थ हुए।
मूल :
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चित्राऽप्सरो विशेषे स्यात् मञ्जिष्ठा - गण्डदूर्वयोः । सुतश्रेणी मृगेर्वारु सुभद्रादन्तिकासु च ।। ५६७ ॥ सर्पान्तरे सरिद्भेदे माया छन्दो विशेषयोः । कृष्णसख्यां गवादन्यां ताराभेदेऽपि कीर्तिता ॥ ५६८ ॥
हिन्दी टीका - चित्रा शब्द स्त्रीलिंग है और उसके छह अर्थ चित्रा नाम की अप्सरा ) २. मञ्जिष्ठा ( मजीठा रंग) ३. गण्ड दूर्वा (मूसाकर्णी) एवं ५. मृगेर्वारु (लता विशेष) और ६. सुभद्रा (दन्तिका सुभद्रादन्ती नाम का औषधि विशेष ) चित्रा शब्द के और भी सात अर्थ माने जाते हैं - १. सर्पान्तर (सर्प विशेष) २. सरिभेद (नदी विशेष )
माने जाते हैं - १. अप्सरो विशेष (दुभी विशेष) और ४. सुत श्रेणी
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