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११४ | नानार्थोदयसागर कोष : हिन्दी टीका सहित-चोच शब्द किन्तु पुल्लिग चैत्र शब्द के चार अर्थ माने जाते हैं—१. बुद्ध भिक्षुक (बौद्ध संन्यासी) २. वर्ष पर्वत भेद (वर्ष-इलावृत पर्वत विशेष) ३. मासभेद (चैत मास) और ४. बुधात्मज (पण्डित पुत्र) इस तरह चैत्र शब्द के चार अर्थ हुए। मूल: चोचं तालफले चर्म-वल्कयोः कदलीफले ।
उपभुक्तफलोद्वर्ते नारिकेले गुडत्वचि ॥ ६१६ ।। चोरः स्तेने कृष्णशटी-गन्ध द्रव्य विशेषयोः ।
चोलः कञ्चुलिकार्या स्यात् प्रभेदे म्लेच्छदेशयोः ।। ६१७ ॥ ___ हिन्दी टीका --चोच शब्द नपुंसक है और उसके सात अर्थ माने जाते हैं-१. तालफल (ताड़ वृक्ष का फल) २. चर्म (चमड़ा) ३. वल्क (छिलका, वल्कल) ४. कदलीफल (केला) और ५. उपभुक्त फलोद्वर्त (खाया हुआ फल का उद्वर्त भाग) एवं ६. नारिकेल (नारियल) और ७. गुडत्वच् (काठी, जिसकी त्वचा छिलका) मीठी होती है । चोर शब्द पुल्लिग है और उसके तीन अर्थ माने जाते हैं-१. स्तेन (चोर) २. कृष्ण शटी (काली साड़ी) ३. गन्ध द्रव्य विशेष (सुगन्धित द्रव्य विशेष) । चोल शब्द भी पुल्लिग है और उसके तीन अर्थ माने जाते हैं-१. कंचुलिका (चोली, ब्लाउज) २. म्लेच्छप्रभेद (चोल नाम का म्लेच्छ जाति विशेष) और ३. देश प्रभेद । देश विशेष, जोकि चोल शब्द से प्रसिद्ध है। मूल : चोक्षस्तीक्ष्णे शुचौ गीते मनोज्ञ चतुरे त्रिषु ।
चौरी दस्यौ चोरपुष्पी सुगन्धिद्रव्य-भेदयोः ।। ६१८ ।। हिन्दी टोका-चोक्ष शब्द पुल्लिग है और उसके चार अर्थ माने जाते हैं-१. तीक्ष्ण (कठोर) २. शुचि (पवित्र) ३. गीत (गान) ४. मनोज्ञ (सुन्दर) और ५. चतुर अर्थ में चोक्ष शब्द त्रिलिंग माना जाता है । चौरी शब्द स्त्रीलिंग है और उसके तीन अर्थ होते हैं -१. दस्यु (डाकू) २. चोरपुष्पी (पुष्पविशेष) और ३. सुगन्धि द्रव्यभेद (सुगन्ध द्रव्य विशेष) इस तरह चौरी शब्द के तीन अर्थ जानना चाहिए। मूल :
च्युतिर्भगे गुदद्वारे क्षरणेऽपि मता स्त्रियाम् । च्योतं घृतादिक्षरणे च्यौलस्त्याज्येऽण्डजे गमे ॥ ६१६ ॥ छटा दीप्तौ छटाभास्यात् सौदामिन्यां बुधैः स्मृता।
आतपत्रे स्मृतं छत्रमतिच्छत्रे तृणान्तरे ॥ ६२० ॥ हिन्दी टीका-च्युति शब्द स्त्रीलिंग है और उसके तीन अर्थ माने जाते हैं-१. भग (योनि, गर्भाशय) २. गुदद्वार (गुदामार्ग) ३. क्षरण (झड़ना) । च्योत शब्द नपुंसक है और उसका अर्थ १. घृतादि क्षरण (घी वगैरह का पिघलना. टघरना) है। च्यौल शब्द पुल्लिग है और उसके तीन अर्थ माने जाते हैं-१. त्याज्य (छोड़ने योग्य वस्तु) २. अण्डज (अण्डे से उत्पन्न होने वाला) और ३. गम (ज्ञान, शास्त्र, गमन वगैरह)। छटा शब्द स्त्रीलिंग माना जाता है और उसका अर्थ १. दीप्ति (प्रकाश ज्योति) होता है। छटाभा शब्द भी स्त्रीलिंग ही माना जाता है और उसका अर्थ-१. सौदामिनी (बिजली) होता है। छत्र शब्द नपुंसक है और उसका अर्थ-१. आतपत्र (छाता) होता है इसी प्रकार छत्र शब्द के और भी दो अर्थ माने जाते हैं- १. अतिछत्र (पानी में होने वाले तृण विशेष) और २. तृणान्तर (गोबरछत्ता) इस प्रकार छत्र शब्द के तीन अर्थ जानने चाहिए।
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