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नानार्थोदयसागर कोष : हिन्दी टीका सहित - छत्रपत्र शब्द | ११५ छत्रपत्रो मानकचौ भूर्जे सप्तच्छद्रुमे । छत्रभंगस्तु वैधव्ये स्वातन्त्र्य-नृपनाशयोः ।। ६२१ ॥ छत्रा शिलीन्ध्र मञ्जिष्ठाऽतिच्छत्रासु धनीयके । छदः पत्रे ग्रन्थिपर्णे तमालतरु- पक्षयोः ।। ६२२ ।।
हिन्दी टीका - छत्रपत्र शब्द पुल्लिंग है और उसके तीन अर्थ होते हैं - १. मानकच २. भूर्ज (भोज पत्र ) और ३. सप्तच्छद द्रुम (सप्तपर्ण नाम का वृक्ष विशेष जिसके एक पत्ते में सात-सात पते होते हैं इसलिए वह छाता जैसा भासित होने से छत्रपत्र कहलाता है) । छत्रभंग शब्द भी पुल्लिंग ही माना जाता और उसके भी तीन अर्थ होते हैं - १. वैधव्य ( विधवा योग, पतिरहित होना) २. स्वातन्त्र्यनाश (स्वतन्त्रता का नाश और ३. नृपनाश ( राजा का नाश होना) । छत्रा शब्द स्त्रीलिंग है। और उसके चार अर्थ माने जाते हैं - १. शिलीन्ध्र (गोबर छत्ता ) २. मञ्जिष्ठा ( मजीठा रंग) और ३. अतिछत्रा ( पानी में होने वाला घास विशेष) एवं ४. धनीयक ( धन को चाहने वाला) । छद शब्द पुल्लिंग है और उसके चार अर्थ माने गये हैं - १. पत्र (पत्ता) २. ग्रन्थिपर्ण ( गठिवन, कुकरौन्हा ) ३. तमालतरु (तमाल वृक्ष) और ४. पक्ष (पांख) इस तरह छद शब्द के चार अर्थं जानना । छदनं तमालपत्रे स्यात् पक्षे दलपिधानयोः । छन्दोऽभिलाषेऽभिप्राये वशे रहसि तु त्रिषु ॥ ६२२ ॥ विषेऽथ सान्त छन्दस्तु वेदे पद्ये मनोरथे । छवि दीप्तावजे छाग छात्रोऽन्तेवासिनि स्मृतः ॥ ६२४ ॥
मूल :
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हिन्दी टीका - छदन शब्द नपुंसक है और उसके चार अर्थ होते हैं - १. तमाल पत्र ( तमाल का पत्ता) २. पक्ष (पाँख) ३. दल (पत्ता) और ४ पिधान (ढाकन, आच्छादन) । अदन्त छन्द शब्द के पाँच अर्थ हैं - १. अभिलाष ( मनोरथ ) २. अभिप्राय ( आशय ) ३. वश ( अधीनता) और ४. रहस् (एकान्त) और ५. विष (जहर) । सकारान्त छन्दस् शब्द के तीन अर्थ जानना चाहिये - १. वेद (श्रुति) २. पद्य (श्लोक) और ३. मनोरथ (अभिलाषा) । छवि शब्द का अर्थ - १. दीप्ति (प्रकाश ज्योति) होता है । छाग शब्द पुल्लिंग है और उसका अर्थ - १. अज ( बकरा ) होता है। छात्र शब्द पुल्लिंग है और उसका अर्थ - १. अन्तेवासी (विद्यार्थी) होता है ।
मूल :
छादनं छदने
पत्रेऽन्तर्द्धाऽऽच्छादनयोरपि ।
छाया कान्तौ सूर्यपत्न्यामुत्कोच प्रतिबिम्बयोः ॥ ६२५ ॥ पालनेनातप-पङ क्तौ तमः सादृश्ययोरपि ।
कात्यायन्यां सुशोभायामथच्छायासुतः शनौ ।। ६२६ ॥
हिन्दी टीका -छादन शब्द नपुंसक है और उसके चार अर्थ होते हैं - १. छदन (आच्छादन) २. पत्र (पत्ता) ३. अन्तर्द्धा ( व्यवधान अन्तर्धान, तिरोधान छिप जाना) और ४. आच्छादन (ढाकन) । छाया शब्द स्त्रीलिंग है और उसके भी चार अर्थ माने जाते हैं - १. कान्ति (तेज) २. सूर्य पत्नी ( सूर्य की स्त्री) ३. उत्कोच (घूस लांच देना) और ४. प्रतिबिम्ब । इसी प्रकार छाया शब्द के और भी सात अर्थ होते हैं१. पालन (रक्षा करना) २. अनातप ( आतप रहित छाया ) ३. पंक्ति (कतार ) ४. तमः (अन्धकार)
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