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१०६ | नानार्थोदयसागर कोष : हिन्दी टीका सहित - चन्द्रशेखर शब्द
चन्द्रातपश्चन्द्रिकायामुल्लोचेऽपि प्रकीर्तितः ।
चन्द्रिका मल्लिका ज्योत्स्ना सूक्ष्मैलामेथिकासु च ॥५७२॥
हिन्दी टीका - चन्द्रशेखर शब्द पुल्लिंग है और उसके तीन अर्थ माने जाते हैं - १. ईशान ( भगवान शंकर) २. भैरव (काल भैरव) और ३. पर्वतान्तर (पर्वत विशेष ) | चन्द्रा शब्द स्त्रीलिंग है और उसके तीन अर्थ होते हैं - १. गुडूची (गिलोय) २. एला (इलाइची) और ३ वितान (चन्दवार, कपड़े का बनाया हुआ चंदवार) । चन्द्रातप शब्द पुल्लिंग है और उसके दो अर्थ माने जाते हैं - १. चन्द्रिका (चाँदनी) २. उल्लोच (उलोच, वितान शामियाना) । चन्द्रिका शब्द स्त्रीलिंग है और उसके चार अर्थ माने जाते हैं - १. मल्लिका ( जूही फूल विशेष ) २. ज्योत्स्ना (चाँदनी) ३. सूक्ष्मैला (छोटी इलाइची) और ४. मेथिका (मेथी) को भी चन्द्रिका कहते हैं ।
मूल :
स्थूलैलायां
चन्द्रशूर - क्षुद्रवार्ताकिनीष्वपि ।
कर्णस्फोटा चन्द्रभागा चन्द्रकेषु प्रकीर्तिता ॥ ५७३ ।। चपलश्चोरके मत्स्ये पारदे प्रस्तरान्तरे ।
क्षवेऽप्यथ त्रिलिंगस्तु विकले चिकुरे चले ।। ५७४ ।।
हिन्दी टीका - १. स्थूलैला (बड़ी इलाइची ) २. और चन्द्रशूर और ३. क्षुद्रवार्ताकिनी (छोटा बेंगन वन भटा, छोटा रिंगण) इसीप्रकार ४. कर्णस्फोटा ५. चन्द्रभागा ( इरावती नदी विशेष ) और ६. चन्द्रक ( मोर के पिच्छ में नेत्राकार चमकदार चिह्न विशेष को भी) चन्द्रिका शब्द से व्यवहार किया जाता है । इस प्रकार चन्द्रिका शब्द के दस अर्थ जानना । चपल शब्द पुल्लिंग है और उसके पाँच अर्थ माने जाते हैं - १. चोरक (चुराने वाला चोर) २. मत्स्य (मछली) तथा ३. पारद (पाड़ा) और ४. प्रस्तरांतर (पत्थर विशेष) और क्षव ( राई, काला सरसों) को भी चपल शब्द से व्यवहार किया जाता है किंतु त्रिलिंग चाल शब्द के तीन अर्थ माने जाते हैं - १. विकल, २. चिकुर (केश बाल) और ३. चल ( चलायमान, चंचल, अस्थिर) इन तीन अर्थों में चपल शब्द त्रिलिंग है । क्लीबं स्यात्क्षणिके शीघ्र चपेटः प्रतले पुमान् । चपलात्विन्दिरा जिह्वा विजया मदिरासु च ॥ ५७५ ।। सौदामिन्यां पांशुलायां पिप्पल्यामपि कीर्तिता ।
मूल :
डमरौ चित्तविस्तारे चमत्कारो मयूरके ।। ५७६ ।।
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हिन्दी टीका - नपुंसक चपल शब्द के और भी दो अर्थ होते हैं - १. क्षणिक ( क्षण मात्र रहने वाला, क्षणभंगुर ) और २. शीघ्र (जल्दी ) इन दो अर्थों में भी चपल शब्द नपुंसक है । चपेट शब्द पुल्लिंग है और उसका अर्थ - १. प्रतल (थप्पड़, चपेटा) होता है । चपला शब्द स्त्रीलिंग है और उसके सात अर्थ माने जाते हैं - १. इन्दिरा (लक्ष्मी) २. जिह्वा (जीभ) ३. विजया (भांग) ४. मदिरा (शराब) ५. सौदामिनी (बिजली) ५. पांशुला (व्यभिचारिणी) और ७. पिप्पली (पीपरि ) इस तरह चपला शब्द के सात अर्थ समझना चाहिये । चमत्कार शब्द पुल्लिंग है और उसके तीन अर्थ माने जाते हैं १. डमरू (भगवान् शङ्कर का प्रसिद्ध डमरू ) २. चित्तविस्तार (चित्त- मन का विस्तार फैलाव, आनंद विशेष, ब्रह्मानंद सरखा साहित्यिक रस विशेष) और ३. मयूरक (अपामार्ग - चिरचोरी) इस प्रकार चमत्कार शब्द के तीन अर्थ जानना चाहिये ।
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